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दै ननक
क्लास नोट् स
Saksham BPSC
अर्थव्यवस्र्ा

Lecture – 19
भुगतान संतुलन (भाग - 02)

सक्षम (Saksham) BPSC


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भुगतान संतुलन (भाग - 02)


हम भु गतान संतुलन को अन्य अर्थ व्यवस्र्ाओं के सार् एक राष्ट्र के आर्र्थ क लेनदे न के रूप में पररभार्ित कर सकते हैं ।
चालू खाता:-
❖ चालू खाता उन सभी ले नदे न को ररकॉर्थ करता है र्िनका अर्थ व्यवस्र्ा पर दीर्थकार्लक प्रभाव नहीं पड़ता है ।
❖ इसमें शार्मल है :-
➢ दृश्य मदें
➢ सेवाएं
➢ प्रेिण (स्र्ानां तरण भु गतान)
➢ कारक आय
❖ सेवाएँ , प्रेिण और कारक आय को अदृश्य वस्तु एँ भी कहा िाता है ।

सकारात्मक नकारात्मक

माल का र्नयाथ त माल का आयात

सेवाओं का र्नयाथ त सेवाओं का आयात

प्रेिण का अंतप्रथवाह प्रेिण का बर्हवाथ ह

र्वदे श से प्राप्त कारक आय र्वदे श को प्राप्त कारक आय

❖ व्यापार का संतुलन:-
❖ माल का र्नवल र्नयाथ त = माल का र्नयाथ त - माल का आयात
❖ यर्द व्यापार संतुलन सकारात्मक है तो इसे व्यापार अर्िशे ि कहा िाता है ।
❖ यर्द व्यापार संतुलन नकारात्मक है तो इसे व्यापार र्ाटा कहा िाता है ।
❖ व्यापार संतुलन में केवल वस्तु (माल) का व्यापार र्गना िाता है ।
(टिप्पणी: अंतराथ ष्ट्रीय मु द्रा कोि में व्यापार संतुलन में वस्तु एँ और सेवाएँ दोनों शार्मल हैं ।)
❖ अदृश्य व्यापार का संतुलन:-
❖ सेवाओं का र्नवल र्नयाथ त = सेवाओं का र्नयाथ त - सेवाओं का आयात।
❖ प्रे षण का टनवल प्रवाह = प्रेिण का अंतप्रथवाह - प्रेिण का बर्हप्रथवाह
❖ टवदे श ं से टनवल कारक आय = र्वदे शों से प्राप्त कारक आय - र्वदे शों को दे य कारक आय
❖ चालू खाता अटिशेष:- चालू खाता अर्िशे ि तब होता है िब कोई दे श आयात की तुलना में अर्िक वस्तु ओं और
सेवाओं का र्नयाथ त करता है । इसका मतलब यह है र्क दे श शे ि दु र्नया के र्लए र्नवल ऋणदाता है , क्ोंर्क वह अपने
आयात के भु गतान की तुलना में अपने र्नयाथ त से अर्िक िन प्राप्त कर रहा है ।
❖ चालू खाता घािा:-चालू खाता र्ाटा तब होता है िब कोई दे श र्नयाथ त की तुलना में अर्िक वस्तु ओं और सेवाओं का
आयात करता है । इसका मतलब यह है र्क दे श बाकी दु र्नया से र्नवल उिारकताथ है , क्ोंर्क यह अपने र्नयाथ त से
प्राप्त होने वाली आय की तुलना में अपने आयात के र्लए अर्िक भु गतान कर रहा है ।

सक्षम (Saksham) BPSC


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❖ उच्च चालू खाता र्ाटा उच्च मूल्यह्रास की ओर ले िाता है र्िससे उच्च मु द्रास्फीर्त हो सकती है । क्ोंर्क यह संभव हो
सकता है र्क हम बहुत कम आयार्तत वस्तु ओं की मां ग करने लगें और उन वस्तु ओं के र्लए कुछ र्वकल्प ढू ं ढने लगें।
❖ कुल मां ग र्टती है l
➢ कुल मां ग = C + I + G + (X-M)
➢ यर्द M (आयात) बढ़ता है तो कुल मां ग र्ट िाएगी।
❖ चालू खाता घािे के बारे में तथ्य:-
➢ र्पछले 10 विों में चालू खाता र्ाटा = सकल र्रे लू उत्पाद का ~2.2%
➢ 2001-2004 में चालू खाता अर्िशे ि र्ा l
➢ कोर्वर्-19 के दौरान हमारा आयात कम हो गया और फामाथ स्यूर्टकल्स, आईटी सेवाओं आर्द के र्नयाथ त के
कारण र्नयाथ त अर्िक हो गया। इसर्लए 2001-2004 के बाद, भारत को चालू खाता अर्िशे ि र्मला।
➢ चालू खाते के र्ाटे का रुझान कुछ बदलावों के सार् ऊपर-नीचे होता रहा, िै से 2017-18 में -1.8%, 2018-19
में -2.1%, 2020-21 में +0.9% और 2022-23 में -3.8% र्ा।
➢ आटथिक सवे क्षण 2023-23:-
✓ वैर्िक सकल र्रे लू उत्पाद के प्रर्तशत के रूप में भारत की व्यापार में र्हस्सेदारी लगातार बढ़ रही है ,
2005 के बाद से यह 40% से ऊपर है । (महामारी विथ 2020 इसका अपवाद है ।)

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