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तन्त्रोक्त माला प्राण प्रतिष्ठा
तन्त्रोक्त माला प्राण प्रतिष्ठा
बहुत कम ही येसी साधनाये है जिसमे माला का जरूरत न हो? इसलिये माला प्राण-प्रतिष्ठा विधि-विधान अत्यंत
आवश्यक है , सभी को ऐसा लगता है , मेरे पास दर्ल
ु भ माला रहे जिससे मेरा हर कामना पर्ण
ू हो परं तु आजकल मार्के ट मे
ऐसी माला नहीं मिलती, अगर पत्थर मे जान डालकर उनका पज ू न हो सकता है तो फिर माला का हर मनका भी जीवित
किया जा सकता है ।
निम्न मंत्र से मख
ु शोधन करे ।
स्व-गरु
ु पज
ू न
श्रीगरु
ु नाथ श्री पादक ु ां पजु यामी ।
परमगुरु श्री पादक ु ां पजु यामी ।
परापरगरु ु श्री पादकु ां पजु यामी ।
परमेष्टिगरुु नाथ श्री पादक ु ां पज
ु यामी ।
माला को चैतन्य करने के लिये चेतना बीज मंत्रोसे माला के हर मणि को कंु कुम का बिंदी लगाये।
अब माला का स्तति
ु करते हुये माला को दहीने हाथ से ग्रहण करे ।
अब माला को हाथ मे लेकर निम्न मंत्र का आवश्यक संख्या मे जाप प्रारम्भ करे ।
सदगरु
ु जी भगवान को सर्व विधि-विधान हाथ मे जल लेकर जल के रूप मे समर्पित कर दीजिये और क्षमा प्रार्थना भी
करनी है ।