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Debate Hindi
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दिख रही है। यह क्षरण चिंता का विषय है, क्योंकि यह हमारे सामूहिक मूल्यों और व्यवहारों
में बदलाव का प्रतीक है जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
बढ़ती आत्म-केंद्रित दुनिया में इन गुणों को फिर से जागृत और पोषित करना चुनौती है।
सहानुभूति कम हो सकती है, लेकिन यह हमे के लिए ख़त्म नहीं हुई है, और इसे पुनर्जीवित
करने और मजबूत करने के प्रयास अधिक दयालु और परस्पर जुड़े हुए समाज के निर्माण में
मदद कर सकते हैं।