े वाल है । मेरे विषय का नाम है सोशल मीडिया का दष्ु प्रभाव। सोश्ल मीडिया जाहपे आज का यव ु ा अपना अधिक से ज्यादा वक्त व्यतीत करता है । सोशल मीडिया आज हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है ।सोश्ल मीडिया पर हम हमारी तस्वीरे आदि जैसी चिजे डालते है । एक बटन दबाने पर ही हमारे पास अत्यंत विस्तत ृ संबंधित सकारात्मक और नकारात्मक किसी भी प्रकार की जानकारी पहुंच जा रही है । सोशल मीडिया के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना मुश्किल है , परन्तु इसके अत्यधिक उपयोग के वजह से हमे इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती हैं। समाज पर सोशल मीडिया के प्रभावों के बारे में बहुत सारे तर्क - वितर्क प्रस्तुत किये गये है , कुछ लोगों का मानना है कि यह एक वरदान है । जबकि अन्य महसूस करते हैं कि यह एक अभिशाप है ।एक तरह हमारे लिए सोशल मिडिया जरुरी बन रही है , वही दस ू री नजर से यह हमारे लिए विनाशक बन रही है . सोशल मीडिया के लाभ कम और नक ु सान अधिक नजर आ रहे है . व्यक्ति का सामाजिक जीवन सोशल मीडिया के माध्यम से क्षीण हो रहा है . व्यक्ति आपस में मिलने खेलने तथा कूदने जैसे कार्यो को मोबाइल के माध्यम से करने लगे है . आज सोशल मीडिया हमारे जीवन के कई कीमती घंटे खा जाता है , पर हम इसे महसूस ही नहीं कर पाते है . सोशल मिडिया हमारे लिए विकट समस्या बन रहा है अब भला यह कैसे? आज का व्यक्ति सोशल मिडिया को अपना अधिक से अधिक समय दे ता है , जिससे मानसिकता पर गहरा प्रभाव पड़ता है . तथा सामाजिक बंधन से दरि ु या बनती है . मानसिक तनाव तथा छिड़छिडापन लोगो का आम लक्षण बन गया है . अधिक समय तक सोशल साईट पर रहने के बाद इसके दष्ु प्रभाव दे खने को मिलते है . जिससे कई बार घरे लु हिंसा या लड़ाई झगडा भी दे खने को मिलता है . आज सोशल मिडिया के माध्यम से कई बड़े अपराध किये जाते है . तथा कई अपराधी सोशल मिडिया के माध्यम से आपस में अपराध का षड्यंत्र रचते है . ं , है किंग, हे ट स्पीच, डेटा चोरीआदि कार्य आज सबसे अधिक साइबर बुलिग सोशल मिडिया की वजह से होते है . हमें दे श के किसी भी कोने में होने वाले मद्द ु े को सोशल मिडिया के माध्यम से जनता में फैलाता है । तथा आपसी बैर और जातिगत या धार्मिक भेदभाव और दं गो को बढ़ावा दे ता है . जिससे आपसी विवाद बढ़ता है . कई बार इस समस्या से दे श में बड़े बड़े दं गे होते है . बिना जाने किसी भी मुद्दे को लोग सोशल मिडिया के माध्यम से दे श में फैला दे ते है . जिससे सांप्रदायिक दं गे या कई बार राजनैतिक दं गे भी इसी कारण से होते है . सोशल मीडिया का सदप ु योग कर हम इसे जीवन का एक वरदान बना सकते है . इसके माध्यम से हम अपनी बात रख सकते है . तथा इसके माध्यम से हम वास्तविकता से परिचित हो सकते है . पर आज हमें सोशल मिडिया का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योकि यहाँ आपको महत्वपूर्ण सुचनाए भी मिलती है , जो उपयोगी होती है . और भ्रमित करने वाली खबरे भी मिलती है . इसलिए हमें हकीकत को समझकर ही किसी पोस्ट को साझा करना चाहिए. जानकारी के अभाव में हमें सोशल मिडिया पर कोई भी पोस्ट या टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. हमारी एक पोस्ट दे श में दं गे का रूप ले सकती है . कई बार एक पोस्ट या एक प्रतिक्रिया दे श की बड़ी सम्पति के विनाश का कारण बनती है . हमें किसी भी प्रतिक्रिया को हं गामा बनाने से पहले उसकी सच्चाई को जानना चाहिए। आप लोगो को जैसे पता होगा की हाल ही में नप ु रु शर्मा के एक बयान ने दे श भर में धार्मिक साम्प्रदायिकता को जन्म दिया जिससे कई बड़े दं गे भी हुए इसलिए हमें सावधानी से अपनी प्रतिक्रिया दे नी चाहिए. अंतिम में मैं यह ही कहना चाहूंगा की - सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलओ ु ं में कोई संदेह नहीं है लेकिन उपयोगकर्ताओं को सोशल नेटवर्किं ग के उपयोग पर अपने विवेकाधिकार का उपयोग करना चाहिए। एक छात्र के रूप में संपूर्ण जीवन जीने के लिए अध्ययन, खेल और सोशल मीडिया जैसे कार्यों में संतल ु न बनाये रखना चाहिए।