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वजेता

के
छह नज़ रये
वजेता
के
छह नज़ रये

नॉमन व से ट पील

अनुवाद: डॉ. सुधीर द त

मंजुल प ल शग हाउस
मंजुल प ल शग हाउस
कॉरपोरेट एवं संप ादक य कायालय
तीय तल, उषा ीत कॉ ले स, 42 मालवीय नगर, भोपाल-462003
व य एवं वपणन कायालय
7/32 , अंसारी रोड, द रयागंज, नई द ली-110002
वेबसाइट: www.manjulindia.com
वतरण के
अहमदाबाद, बगलु , भोपाल, कोलकाता, चे ई,
हैदराबाद, मु बई,नई द ली, पुणे

नॉमन व से ट पील ारा ल खत मूल अं ज


े ी पु तक
स स ऐट ूड्स फ़ॉर वनस का ह द अनुवाद

कॉपीराइट © नॉमन व से ट पील


सवा धकार सुर त

यह सं करण मंजुल प ल शग हाउस ारा भारत म © 2017 पहली बार ट डेल हाउस प लशस, इ कॉप रे टड के
सहयोग से का शत। सवा धकार सुर त।

ISBN 978-81-8322-677-6

ह द अनुवाद: डॉ. सुधीर द त

यह पु तक इस शत पर व य क जा रह है क काशक क ल खत पूवानुम त के बना इसे या इसके कसी भी ह से


को न तो पुन: का शत कया जा सकता है और न ही कसी भी अ य तरीक़े से, कसी भी प म इसका ावसा यक
उपयोग कया जा सकता है। य द कोई ऐसा करता है तो उसके व कानूनी कारवाई क जाएगी।
अनु म

1 . सकारा मक: कोई सम या इतनी बड़ी नह है क सुलझाई न जा सके

2 . साहसी: मुझे डरने क कोई बात नह है

3 . उ साही: जीवन रोमांचक है

4 . शां तपूण: मुझे चता करने क कोई ज़ रत नह है

5 . आ म व ासी: म बदलकर बेहतर बन सकता ँ

6 . आशावाद : मेरा एक भ व य है

7 . यारह आम सम या को जीतने क मागद शका


अ याय 1

सकारा मक

कोई सम या इतनी बड़ी नह है क सुलझाई न जा


सके

मे रेहोटल
पुराने म जे.सी. पेनी 95 वष के ओजपूण इंसान थे और हम दोन यू यॉक के
वॉ डोफ़ टो रया म व ा क टे बल पर एक साथ बैठे थे। हम सम या पर
बातचीत करने लगे। मु ा यह था क इंसान को उनके बारे म या करना चा हए। मने कहा,
“जे.सी., अपने लंबे जीवनकाल म आपके सामने ब त सी मु कल आई ह। सम या के
बारे म आपका दशन या है ”
उनका जवाब इस महान और नेक दल श सयत के क़ा बल था। उ ह ने जवाब दया,
“दे खो नॉमन, दरअसल मेरी ज़दगी म जतनी भी सम याएँ आई ह, म उन सभी के लए
कृत ँ। जब मने उनम से येक पर वजय पाई, तो हर जीत के साथ म यादा
श शाली बना और आने वाली सम या से मुक़ाबला करने म यादा स म बना। मने
जो भी ग त क है, अपनी मु कल क बदौलत क है।”
अगर आप भी अपनी सम या से उबरना चाहते ह, तो आपको सबसे पहले तो जे.सी.
पेनी क तरह उनके त एक सकारा मक मान सक नज़ रया रखना होगा।

आप त य क ओर कै से दे खते ह

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मेरे ऑ फ़स म एक साइन बोड लगा है, जसे कसी ने मेरे लए बनाया था। इस पर लखा
है, “नज़ रये त य से यादा मह वपूण होते ह।” इस कोण ने मेरी सम या को
सुलझाने म मेरी मदद क है, य क यह बताता है क त य क ओर कैसे दे खना है।
नकारा मक कह सकता है, “यह एक कठोर और मु कल त य है। आप इससे बच
नह सकते। त य आ ख़र त य है और यह पर बात ख़ म हो जाती है।”
ले कन सरी तरफ़ सकारा मक कहता है, “हाँ, यह त य है। ले कन इससे या
कसी भी त य से नबटने का एक तरीक़ा है: इसके पास से घूमकर चले जाएँ या इसके नीचे
से जाएँ या इसके ऊपर से जाएँ या इससे सीधे भड़ जाएँ। हर सम या सुलझने के लए
होती है और मेरे पास वह सब है, जससे म यह कर सकता ँ।”
इस बात क काफ़ संभावना है क नकारा मक त य से परा जत हो जाएगा,
जब क सकारा मक शायद इसे सृजना मक तरीक़े से सुलझा लेगा। यह यान रख,
प रणाम त य से तय नह होता; यह तो उनके त आपके नज़ रये से तय होता है।

वह इलाक़ा, जसे कोई नह चाहता था


दो से समैन के संग पर वचार कर। उनम से एक को ऐसा इलाक़ा स पा गया, जसम
कंपनी का कारोबार शु से अब तक ब त मंदा और ठं डा था। इस इलाक़े के बारे म सभी
लोग कहते थे, “इसम कोई भी कुछ नह कर सकता।”
जब वह से समैन उस नए इलाक़े म गया, तो वह इस आम राय को पूरी तरह मानते ए
गया क वहाँ कोई कारोबारी संभावना नह थी। उसने मन ही मन तक कया, “जब कुछ हो
ही नह सकता, तो ख़ुद को हैरान-परेशान य करना मेरे साथ बड़ी नाइंसाफ़ ई है, जो
मेरे गले म यह ग़ैर-उ पादक इलाक़ा बाँध दया गया है।”
आपको यह जानकर कोई हैरानी नह होगी क वह से समैन यादा कारोबार नह कर
पाया और उसने कंपनी छोड़ द । दरअसल उसने कभी इसक स ची को शश ही नह क ।
उसने इस त य को आँख मूँदकर मान लया क वहाँ कोई अवसर मौजूद नह था। इस त य
के त उसका नज़ रया नकारा मक था। प रणाम नकारा मक
दे श के पार से आने वाला सरा से समैन उस इलाक़े के बारे म कुछ नह जानता था;
वह तो बस इतना जानता था क यह एक फलते-फूलते महानगरीय समुदाय के क म था।
कसी ने भी उसे यह नह बताया था क वहाँ ब क कोई संभावना नह थी, इस लए वह
काम म जुट गया और उसने ढे र सारा सामान बेच डाला।
उसने आ य से कहा, “अरे वाह यह तो सोने क खान है, जसक आज तक खुदाई
नह ई है ” उसक सोच सकारा मक थी और उसक स यता भी सकारा मक थी। उसने
उस इलाक़े म भारी सफलता पाई।

े े ै
यान रख, इस सरे से समैन का सकारा मक मान सक नज़ रया इतना गहरा था क
अगर कसी ने उसे पहले यह बताया होता क यह एक बुरा इलाक़ा है, तो वह इस बात पर
यक़ न नह करता। वह करता भी य वहाँ लाख लोग रह रहे थे, उ ह उसके ॉड ट क
ज़ रत थी और वह ॉड ट दे ने के लए वह वहाँ मौजूद था। वह सफल इंसान था।

सकारा मक मान सक नज़ रये के तीन क़दम


1. त या न कर, ब क सोच । जब कोई मु कल आन पड़े , तो इंसान म दहशत म
आने या वच लत होने क वृ होती है; कई बार तो े षपूण होने क भी। ऐसी
त याएँ भावना मक साँचे म ढली होती ह और अगर कोई इंसान ऐसी मान सक
अव था म भावी काय क योजना बनाता है, तो इस बात क आशंका रहती है क वे
पूरी तरह तकपूण या ववेकशील नह ह गे।
अपने दमाग़ को ठं डा करने के लए इंसान को ख़ुद को अनुशा सत करना चा हए।
दमाग़ को ठं डा होने दे ना मह वपूण है, य क दमाग़ जब गरम होता है, तो यह
सोच नह सकता। दमाग़ जब ठं डा होता है, तभी यह ऐसे ता कक, त या मक
वचार सोच सकता है, जो समाधान क ओर ले जाते ह। इस लए ख़ुद को भावना
के आवेश म आने क इजाज़त न द। सोच
वा तव म, आपका दमाग़ आपक सबसे बड़ी संप है। इसे हमेशा अनुशासना मक
नयं ण म रख। उस कथन को याद रख, जसका ेय थॉमस ए. ए डसन को दया
जाता है, “शरीर का मु य उ े य म त क को यहाँ-वहाँ ले जाना है।” यह महान
आ व कारक जानते थे क दमाग़ जब ठं डे अंदाज़ म काम करता है, तभी हम वचार
मलते ह; वरना हम आवेग मलते ह। इन दमदार वचार से हम सम या को
सुलझा लेते ह।
2. “कैसे” सोचने वाले बन । तीस साल क कड़ी मेहनत के बाद े ड का कारोबार एक
बदमाश साझेदार ने छ न लया। जब वह मुझसे मलने आया, तो मुझे उ मीद थी क
वह ब त खी होगा। इसके बजाय उसने मुझे बताया क उसक संप याँ उसके
दा य व से कह यादा थ ।
“जब मने तीस साल पहले काम शु कया था, तो मेरे पास सफ़ 50 डॉलर थे,
ले कन अब मेरे पास 500 डॉलर ह। तो आपने दे खा, म काफ़ आगे प ँच गया ँ,”
उसने मु कराकर कहा। “शु आत म मेरे साथ एक अ त प नी थी और ई र का
शु है क वह अब भी मेरे साथ है। मुझे कारोबार का ब त सारा अनुभव भी मल
गया है।”
इस वप के एक साल के भीतर उसने एक और कारोबार शु कया, जो कामयाब
हो चुका है। ले कन उसक कही एक बात मेरे दलो दमाग़ म सचमुच बैठ गई, “मने
ो े ै े ो ँ ”
नणय लया क म अगर-मगर क सोच के बजाय कैसे क सोच रखूँगा।”
यह काफ़ वचारो ेजक फ़क़ है। अगर-मगर सोचने वाला आदमी कसी मु कल या
कसी वप के बारे म चता करता है और खद अंदाज़ म ख़ुद से कहता है, “अगर
मने यह कया होता य द यह या वह प र थ त अलग होती य द सर ने मेरे
साथ अ याय नह कया होता ” इस तरह से यह आदमी एक के बाद सरी ा या
तक गोल-गोल घूमता रहता है, ले कन कह प ँच नह पाता। संसार म परा जत
अगर-मगर वचारक भरे पड़े ह।

“हर सम या म इसके ख़ुद के समाधान के बीज न हत


होते ह।”
टै नली अरनॉ ड

सरी तरफ़, कैसे सोचने वाले इंसान के सामने जब कोई मु कल या आपदा आती है,
तो वह उसक चीर-फाड़ करने पर कोई ऊजा बरबाद नह करता। वह तुरंत सव े
समाधान क तलाश करने लगता है, य क वह जानता है क हर सम या का
समाधान हमेशा होता है। वह ख़ुद से पूछता है, “म सृजना मक तरीक़े से इस वप
से कैसे लाभ ले सकता ँ म इसम से कोई अ छ चीज़ बाहर नकालने का काम
कैसे कर सकता ँ ”
कैसे का तरीक़ा सोचने वाला इंसान सम या को भावी ढं ग से सुलझा लेता है,
य क वह जानता है क हर मु कल म कोई न कोई मह वपूण चीज़ छपी होती है।
वह नरथक अगर-मगर म समय बरबाद नह करता है, ब क सीधे सृजना मक कैसे
पर काम करने लगता है।
3. व ास कर क आप कर सकते ह और आप कर लगे । यह ग तशील स ांत
व ास करने वाले इतने यादा लोग के जीवन म सही सा बत आ है क इसक
ामा णकता के बारे म कोई शंका नह है। यह भरोसा बेहद अहम है क ई रीय
मदद से आप सारी सम या से मुक़ाबला कर उनसे जीत पाएँगे। “ व ास करता
ँ” और “कर सकता ँ” सृजना मक जंज़ीर क क ड़य क तरह पर पर जुड़े ह।
य द आपको व ास है क आप कर सकते ह, तो आप वह काम कर लगे।
एक एक के बाद सरी असफलता का अनुभव कर रहा था। फर उसने पु तक
म एक वा य दे खा, जसने उसे हला दया। वा य था, “सव े क अपे ा रख और
इसे पा ल।” यह उसके दल के अंदर चला गया और उसे इस बात का अहसास आ

े ो े े ी
क वह पराजय के वचार सोच रहा था। हर दन वह सबसे बुरे क उ मीद कर रहा
था और आम तौर पर यही उसे मल भी रहा था।
इस लए वह बाइबल म ऐसे “ वहा रक” वचार क तलाश करने लगा, जो उसक
असफलता क छ व को मटा द। उसे कई वचार मले, जनम ये दो वचार शा मल
थे: “माँग और यह आपको दे दया जाएगा; खोज और आप इसे पा लगे; खटखटाएँ
और यह आपके लए खोल दया जाएगा”, और “ई र ने हम डर का भाव नह दया
है, ब क श का और ेम का और ती म त क का वरदान दया है।”
बाइबल क इन पं य ने उसके दमाग़ को पूरी तरह से धो दया। इ ह ने उसके
दमाग़ से सारी शंकाएँ और हीनताएँ साफ़ कर द । उसने कहा, “मने अपनी नौकरी
के त एक अलग नज़ रया रखने का नणय लया। म हर सुबह दन शु करते
समय यह कहने लगा, ‘मुझे अपनी नौकरी पसंद है। यह मेरे जीवन का महानतम
दन होने वाला है।’ म यह समझ गया क अगर म ख़ुद पर व ास नह क ँ गा, तो
म कसी और से भी ऐसा करने क उ मीद नह कर सकता।” आर. जीन काफ़ ने
गाइडपो ट् स म का शत कहानी म अपना यह अनुभव बताया था।
य द आपका व ास कमज़ोर है, तो इसे बाइबल के श शाली वचार से मज़बूत
बना ल। बाइबल आ था या व ास उ प करने वाले वचार से लबालब भरी है, जो
आपके मान सक नज़ रये को नया बना सकते ह। इस तरह आप आ म व ासी बन
जाएँगे और सम या से घरी राह म भी अपने व ास को क़ायम रख पाएँगे।

आपक सम या: ब त मू यवान मोती


कुछ साल पहले म एक ेरक से मला, ज ह ने मुझे कसी सम या के
बीच बीच दफ़न “ब त मू यवान मोती” क तलाश करने क तकनीक सखाई।
युवाव था म मुझ पर एक ऐसी सम या का बोझ था, जसे दे खकर लगता था क यह
कसी तरह नह सुलझ सकती। जब मने उ ह बताया क मेरे सामने एक सम या है,
तो वे बोले, “अरे वाह, आपके सामने एक सम या है, बधाई ”

चा स एफ़. के ट रग: मेरे पास सम याएँ लाएँ


मश र शोध वै ा नक चा स एफ़. केट रग समझदार इंसान और एक तरह के
नैस गक दाश नक थे। वे आला दज के आ व कारक थे, ख़ास तौर पर
ऑटोमोबाइल उ ोग म। उ ह ने यह ज़ोरदार घोषणा क थी, “म सम या के
बना कुछ नह कर सकता। वे मेरे म त क को श शाली बनाती ह। दरअसल,
म अपने सहयो गय से कहता ँ क वे अपनी सफलताएँ मेरे पास न लाएँ,

े े ो ी ी ँ े े ँ
य क वे मुझे कमज़ोर बनाती ह; ब क अपनी सम याएँ मेरे पास लाएँ, य क
वे मुझे श शाली बनाती ह।”

मने हैरानी से पूछा, “बधाई कस लए ” मेरे लहाज़ से यहाँ सहानुभू त जताना


उ चत होता। उ ह ने चहकते ए जवाब दया, “ य क इस सम या से कोई बड़ी,
अ त चीज़ नकलकर आपके जीवन म आ सकती है।”
उनके कहने पर मने सम या पूरे व तार से बताई। वे मेरी बात को ग़ौर से सुनते
रहे। “यह तो यह रही आपक बड़ी सम या। इससे मत डरो - इसका चेहरा भयानक
नह है। दरअसल, यह आपक ओर दे खकर मु करा रही है और आपको लुका- छपी
खेलने के लए बुला रही है। इसम कोई बड़ी चीज़ छपी ई है। मज़ा इसी म है क
आप इसे खोज ल।”
मनमौजी अंदाज़ म वे अपनी अँगुली से टे बल पर रखे का प नक ढे र म टटोलने
लगे। उ ह ने बताया, “हर सम या क एक कमज़ोर जगह होती है। यह हम मल ही
जाएगी।” फर वे हँसे, “लो मल गई। अब हम इस सम या को तोड़ते ह। मुझे
यक़ न है क हम इसम कोई अ त चीज़ मलेगी।”
उनके कुशल मागदशन म यही आ। उस सम या क बदौलत मुझे अपने
गत अनुभव क सबसे मू यवान चीज़ म से एक मल गई। तब से मेरे मन म
सम या के त गहरा स मान रहा है, य क म जानता ँ क मेरी राह म जो भी
सम या आती है, हर सम या ावहा रक ान, अंत और समझ का अमू य
उपहार लेकर आ सकती है।
सम या से न लड़। जब सम या आप पर वार करे, तो कभी शकायत नह कर।
इसके बजाय सम या से सवाल पूछ, य क इसम आपके लए वहा रक ान भरा
आ है। दरअसल, सम या ई र क महानतम नसीहत म से एक होती है, जनसे
यह आपको सखाता है और वकास करने म आपक मदद करता है।

अपनी सम या को छोटा करके सही आकार म लाएँ


अ सर हम सम या के सामने ख़ुद को हीन, बौना और अ म महसूस करते ह। मन
ही मन इंसान सम या को इसके वा त वक आकार से ब त बढ़ा-चढ़ाकर दे खता है।
इसके बड़े आकार को दे खकर हम डर जाते ह और घबरा जाते ह, हालाँ क यह
सचमुच उतनी बड़ी नह होती है। यह बड़ी तो इस लए दखती है, य क हमारे डर
के वचार ने इसके वा त वक आकार को अ तशयो पूण अंदाज़ म बड़ा कर दया
है।

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एक मह वपूण तरीक़ा यह है क हर सम या को इसके स चे अनुपात म काट-
छाँट ल और इसे घटाकर इसे सही आकार तक ले आएँ। डर-दहशत-अ मता क
भावना को हटा द और न प ता ककता से सोच। सम या को सीधा कर द।
एक कारोबारी कायालय म एक आदमी डे क के पीछे बैठा था, जस पर कुछ
काग़ज़ मब तरीक़े से रखे ए थे। हर काग़ज़ पर हाथ से लखी इबारत थी। उस
आदमी ने कहा, “शायद आपको ज ासा होगी क ये काग़ज़ यहाँ या कर रहे ह।
दरअसल, म एक काफ़ मु कल सम या को सुलझाने क को शश कर रहा ँ। यह
मेरा तरीक़ा है।”
उ ह ने मुझे बताया क उनके जीवन म एक ऐसा समय था, जब वे सम या के
सामने “धूल चाटने लगते थे।” फर यादा उ वाले एक वसायी ने उ ह सलाह
द , “दे खो जैक, मने पाया है क आम तौर पर कोई सम या उतनी भयानक नह
होती, जतनी क यह दखती है। मेरा अनुभव यह है क अगर आप कसी सम या
को टु कड़ म तोड़ लेते ह, इसे इसके अवयव ह स म तोड़ लेते ह, तो आप इन
ह स से अलग-अलग नबटकर पूरी सम या को सुलझा सकते ह। सम या कोई भी
हो, उसके टु कड़े कर ल। तब सम या आपको इतनी बड़ी दखाई नह दे गी।”
मेरे म ने कहा, “इस सलाह म समझदारी थी। मने वह तरीक़ा अपना लया है
और इसी लए ये काग़ज़ मेरी डे क पर फैले ए ह। म सम या का पूरा व ेषण
करता ँ, इसे टु कड़ म तोड़ता ँ और इन काग़ज़ पर उनके व भ पहलू लखता
ँ। फर म ाथना करता ँ और ई र का मागदशन माँगता ँ क आगे कैसे बढँ ।”
“आम तौर पर म सम या के सबसे आसान ह से को सबसे पहले अलग करता
ँ और इसे सुलझा दे ता ँ। म इसी तरह एक-एक ह से को अलग करने का काम
करता रहता ँ और ाथना करता रहता ँ, जब तक क सम या के सारे बाहरी ह से
सुलझ नह जाते और यह इसके क य ब तक समट नह जाती। फर मुझे यह
अ त अहसास होता है क अब सम या इतनी छोट हो गई है क म उसके इस
क य ह से को सुलझाने म स म ँ।”
“यह प त सचमुच काम करती है,” उसने उ साह से घोषणा क । “इतनी
यादा क तब से मुझे जीवन म ब त रोमांच आ रहा है। मने पाया है क म कसी भी
सम या से यादा बड़ा ँ,” उ ह ने दलेर अंदाज़ म अपना न कष बताया।

दै वी सहायता माँग
जब हम ढ़ता से कहते ह क आप कसी भी सम या से उबर सकते ह, तो हम इस
बात को यान म रख रहे ह क यह काम आपको पूरी तरह अकेले नह करना है।
दे खए, आपके पास ई र क अ त र सहायता हमेशा मौजूद होती है। आपके पास
औ ै ी े ौ ो ै ो ी ो
ान और श का दै वी लाभ हमेशा मौजूद होता है, जो कसी इंसान म नह हो
सकता। कौन सी सम या इतनी मु कल हो सकती है क आप और ई र आदश
तालमेल था पत कर उसे न सुलझा सक यह सबसे बड़ा तालमेल है।
एक आकषक युवा प नी ने जोशीले अंदाज़ म मुझे बताया क ई र ने कतने
अ त तरीक़ से उसक सम या म साथ दया था। उसके सामने ढे र सारी
सम याएँ आई थ । सरी मु कल के अलावा, वह पो लयो से पंगु हो गई थी।
ले कन उसके भीतर वजय का भाव ब त प था; वह जानती थी क वह कसी भी
सम या से कैसे उबर सकती ह।
मने शंसा भरे वर म पूछा, “आपका रह य या है ”
उसने रोमां चत वर म ऐलान कया, “ओह, मेरे पास ई र का फ़ोन नंबर है। म
कसी भी समय उ ह फ़ोन कर सकती ँ। उनके फ़ोन क लाइन कभी त नह
होती। वे हमेशा जवाब दे ते ह।”
मने पूछा, “ई र का फ़ोन नंबर या है ”
“यह है जेईआर 33:3 । यानी जेरे मयाह, अ याय 33 , छं द 3 , जसम कहा
गया है क मुझे पुकारो और म तु ह जवाब ँ गा; म तु ह ऐसी महान व श शाली
चीज़ दखाऊँगा, जनके बारे म तु ह पता भी नह है।”
न त प से आप अपनी हर सम या को, अपनी सारी सम या को सुलझा
सकते ह, अगर आपके पास ई र का “फ़ोन नंबर” हो और आपको पता हो क दै वी
परामश व सहायता हमेशा मौजूद है तथा माँगने पर तुरंत मल सकती है।
य द सम याएँ आपको ब त बड़ी लगती ह, तो शायद ऐसा इस लए है, य क
आप ई र को पुकार नह रहे ह। उनका फ़ोन नह कटा है। न ही उनके फ़ोन क
लाइन त है। वे आपक बात सुनने का इंतज़ार कर रहे ह। उनका नंबर डायल
कर। उ ह फ़ोन कर और वे आपको तुरंत जवाब दगे। वे आपको अपनी मु कल से
बाहर नकलने का तरीक़ा दखा सकते ह। वे आपको कसी भी सम या से उबरने का
मागदशन दे सकते ह।
अ याय 2

साहसी

मुझे डरने क कोई बात नह है

क सीको भीर भावना को र कया जा सकता है। ोध को र कया जा सकता है। ड ेशन
कया जा सकता है। नफ़रत को र कया जा सकता है। पूवा ह को र कया
जा सकता है। सबसे बड़ी बात, डर को र कया जा सकता है।
कसी भी डर को र करने का पहला क़दम बस यह अहसास करना है क इसे सचमुच
र कया जा सकता है। कभी भी मन म यह धारणा न रख क आपको ज़दगी भर डर-
डरकर या डर के साथ जीना पड़े गा। आपको ऐसा करने क ज़ रत नह है। यह न सोच
क चूँ क आपक माता, पता या दादा-नाना के मन म आशंकाएँ या डर थे, इस लए आपम
भी होने चा हए। य द आप ज़दगी भर डर से परेशान रहना चाहते ह , तो आप रह सकते ह,
वह भी बड़ी आसानी से। ले कन यह जान ल क आपम यह मता है क आप इसे बदल
सकते ह।

जीवन के तूफ़ान का सामना करना


एलीनोर ज़वे ट ने एक बार कहा था, “हर उस अनुभव से आपको श , साहस और
आ म व ास मलता है, जहाँ आप ककर डर का सामना करते ह और उससे नगाह
मलाते ह।”
जब कोई इंसान संक प के साथ कसी डर से मुक़ाबला करने के लए खड़ा होता है, तो
उस डर म सकुड़ने और अंततः रा ता छोड़ने क वृ होती है। मु कल या डर से बचने
े ो े े े े े ो े
या र भागने क को शश करने के बजाय उसके सामने डटकर खड़े होने म कम ख़तरा
होता है।

इंसान का पहला कत डर को वश म करना है इंसान के काम ग़लाम


जैसे होते ह जब तक क वह डर को अपने पैर तले नह कु चल दे ता।
थॉमस कालायल

एक बूढ़े काउबॉय ने बताया क उसने हयरफ़ोड गाय से जीवन का सबसे मह वपूण सबक़
सीखा था। उसने ज़दगी भर मवेशी-फ़ाम म काम कया था। उस इलाक़े म जाड़े के तूफ़ान
ब त से पशु क जान ले लेते थे। घास के बड़े मैदान म दे ह कँपकँपाने वाली बा रश होती
थी। गरजती ई हवाएँ बफ़ को इक ा करके उसे घातक ह थयार क तरह तेज़ी से चुभाती
थ । तापमान ब त ज द शू य से कम हो सकता था। उड़ती बफ़ से मांस म घाव हो जाता
था। कृ त क हसा के इस बवंडर म यादातर मवेशी बफ़ ली आँधी क तरफ़ पीठ फेर
लेते थे। वे हवा के ख़ क तरफ़ धीरे-धीरे चलते जाते थे। आ ख़रकार, जब बाउं ी फ़स
उ ह रोक दे ती थी, तो वे उससे टक जाते थे और दजन क सं या म मर जाते थे।
ले कन हयरफ़ोड गाय तूफ़ान से अलग तरह से पेश आती थ । इस जा त क गाय
सहज बोध से हवा के ख़लाफ़ चलती थ । वहाँ वे तूफ़ान का सामना करने के लए कंधे से
कंधा मलाकर खड़ी होती थ और इसके भीषण आ मण के ख़लाफ़ सर झुका लेती थ ।
काउबॉय ने कहा, “लगभग हमेशा हयरफ़ोड गाय ज़दा और सही-सलामत मलती थ ।
मुझे लगता है क मने घास के मैदान म जो सबसे महान सबक़ सीखा, वह यह था - जीवन
के तूफ़ान का डटकर सामना कर।”
बलकुल सही सबक़ है। जन चीज़ से आप डरते ह, उनसे बचने क को शश न कर।
उनसे र रहने के लए हवा के ख़ के साथ न चल। हर इंसान को ज़दगी म बार-बार, ब त
बार यह नणय लेना होता है क वह डरावनी मु कल का सामना करेगा या उनसे र
भागने क को शश करेगा।
सच तो यह है क यादातर डर नराधार और खोखले होते ह। मेरे एक म का
अनुमान है क अपने जीवन म वे जन चीज़ से डरते थे, उनम से 92 तशत कभी नह
। सफ़ 8 तशत ही सचमुच और उनके बारे म उ ह ने कहा, “ओह, म बस उनके
सामने खड़ा आ, उ ह सँभाला और उनसे उबर गया।” उ ह ने आगे कहा, “सारे डर को
नयं त कया जा सकता है।”

डर को ख़ म करने क तीन क़दम क योजना


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1. व ास से भरपूर बनने का संक प ल । डर को ख़ म करने के लए सबसे
बड़ा काम संक प के साथ कहना है, “म अब चता और डर के वश म नह रहना
चाहता। म अपने मन से चता और डर को बाहर नकालना चाहता ँ। अब म उनके
शकंजे म नह रहना चाहता। म इसी समय नणय लेता ँ - म इसी समय संक प
लेता ँ - म इसी समय बल इ छा करता ँ - क मेरी चता और डर क़ाबू म आ
जाएँ और ख़ म हो जाएँ और म आ थावान इंसान बन जाऊँ।”
ज़ा हर है, आप इन बात को चाहे जतनी बलता से कह ल, वे अपने आप साकार
नह हो जाएँगी। वे तो तब साकार ह गी, जब आप उ ह ढ़ता से कहगे और अपनी
इ छा व नणय को साकार करने के लए सचमुच संक पवान होते ह गे।
2. एक बार म एक डर पर काम कर । एक काग़ज़ पर उन सभी चीज़ क सूची बनाएँ,
जनसे आप डरते ह। जहाँ तक संभव हो, ईमानदारी से पूरी सूची बनाएँ। फर
सावधानी से अपनी सूची का अ ययन कर और अपने सबसे ापक डर का पता
लगाएँ। यह वह डर होगा, जो हर दन मौजूद रहता है और आपको सबसे यादा
परेशान करता है। हाल- फ़लहाल सफ़ इसी ख़ास डर से जूझने का नणय ल।

टोनवॉल जैक सन: “अपने डर से कभी सलाह न ल”


जनरल टोनवॉल जैकसन के बारे म पुरानी कहानी याद है एक
रात गृहयु के दौरान जैकसन अपने सेनाप तय के साथ वाता
कर रहे थे। वे शेनानडोह घाट म एक जो खम भरे आ मण क
योजना बना रहे थे। आशंकाएँ ब त सी थ , ले कन सफलता क
संभावना भी थी।
वाता के अंत म जैकसन के एक सेनाप त ने कहा, “ले कन
जनरल जैकसन, म इससे डर रहा ँ। मुझे डर है क हम इसे
पूरी तरह नह कर पाएँगे।”
कहानी इस तरह है क जैकसन उठे और अपने अधीन थ के
कंधे पर हाथ रखकर बोले, “सेनाप त, कभी अपने डर से
सलाह न ल। कभी अपने डर से सलाह न ल।”

म यह तरीक़ा इस लए सुझा रहा ँ, य क आपम सफ़ इतनी श होती है क


आप एक समय म केवल एक ही डर से मुक़ाबला कर सकते ह। अगर आप अपने
सारे डर के समूह से एक साथ भड़ने क को शश करगे, तो यह इतना वकट काम
होगा क आप इसम सफल नह हो पाएँगे। पहले आप कसी एक ख़ास डर पर
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वजय हा सल करते ह, और फर सरे पर और फर तीसरे पर। इस तरह ज द ही
आप अपने डर के पूरे समूह पर वजय पाने क श हा सल कर लगे।
अमे रकन इं डयन को व ास था क कसी यो ा क खोपड़ी क श उसे
मारने वाले बहा र इंसान म चली जाती थी। बहा र अमे रकन इं डयन उसक कमर
म बँधी खोप ड़य क सं या के अनुपात म श शाली होता था। एक बार म एक-
एक डर क खोपड़ी काट। इस तरह आप ज द ही यादा बड़े व यादा श शाली
डर का सामना कर सकते ह और एक-एक करके उ ह हरा सकते ह।
3. अपनी आ था को बढ़ाएँ । एक तीसरी प त है, जसे आ या मक ै श कोस या
फटाफट आ था बढ़ाने क तकनीक कहा जा सकता है। ज़ा हर है, सबसे अ छे अथ
म तो आ था लंबे समय तक वक सत होने वाली आ या मक या का प रणाम
होती है। ले कन चूँ क हमारे सामने डर से नबटने क वहा रक सम या होती है
और हमम इसका तकार करने क आ था नह होती है, इस लए हम अपनी आ था
को तुरंत बढ़ाने क ज़ रत होती है।
इसके लए मेरी सलाह है क आप अपने मन को आ था क बड़ी “ख़ुराक” द। इस
दशा म पूरे जुनून से लगातार काम कर, य क आपका न त उ े य अपनी चेतना
को इससे सराबोर करना है। धम ंथ म ऐसे वा य या अंश खोज, जनम इंसान के
सबसे महान जीवनमू य ए ह । इ ह बार-बार दोहराएँ, जब तक क वे इतने
श शाली न बन जाएँ क आपक सोच पर हावी हो जाएँ। इसके बाद ब त ही कम
समय म आ था के ये श शाली वचार आपके डर को हटाने लगगे।

लोग के डर को ख़ म कर
जब म पुराने डे ॉयट जरनल म युवा रपोटर था, तो मेरे संपादक ॉव पैटरसन ने
मुझम कृपापूवक च ली। वे ती ण बु वाले, अनुभवी और ानी इंसान थे। एक
दन उ ह ने मुझे अपने ऑ फ़स म बुलाकर कहा, “नॉमन, मुझे महसूस हो रहा है क
तुमम ब त डर और चता भरी है। तु ह इससे छु टकारा पाना चा हए। आ ख़र इस
संसार म ऐसा है ही या, जससे डरा जाए तु ह, मुझे या कसी और को डरे ए
ख़रगोश क तरह ज़दगी य जीनी चा हए ई र ने हम बताया है क वे हमारी
मदद करगे और हमारे साथ रहगे।”
मुझे वह बातचीत हमेशा याद रहेगी। उ ह ने आगे कहा, “दे खो बेटे, म तु ह
थोड़ी सलाह दे ने जा रहा ँ। इस संसार म सफ़ ई र से डरना चा हए और यहाँ डरने
का मतलब सचमुच डरना नह है। इसका मतलब है क हम उनका स मान करना
चा हए। कसी और से डरने का सवाल ही नह उठता है। इस लए कभी कसी चीज़
या इंसान से मत डरना।”

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मने कहा, “ले कन म. पैटरसन, यह काफ़ बड़ा काम है। ऐसा कैसे हो सकता है
क कोई कसी चीज़ या इंसान से डरे बना ज़दगी गुज़ार दे ”
उ ह ने एक लंबी, याही लगी अँगुली मेरी तरफ़ उठाई। उ ह ने कहा, “सुनो, म
तु ह इसका तरीक़ा बताता ँ। ‘श शाली बनो और अ छा साहस रखो; डरो मत
य क तुम चाहे जहाँ जाओ, तु हारा ई र तु हारे साथ है।’ बस इस वादे पर भरोसा
रखो और यह मत भूलो क यह वादा उसने कया है, जसने कभी कसी को नराश
नह कया है।”

आ था के दो वचार
“मने ई र को खोजा, और उ ह ने मेरी बात सुनी और मुझे अपने सभी डर से
मु दे द ।” मने ई र को खोजा का मतलब यह है क म उसे खोजने के लए
सचमुच संक पवान था और इसी संक प क वजह से म उन तक प ँचा।
“मुझे कसी बुराई का डर नह होगा: य क आप मेरे साथ ह।” ई र क
उप थ त को अपने मन म बसा ल और डर र भाग जाएगा।

संसार ऐसे य से भरा है, जो जीवन म सफ़ इस लए खी रहते ह, य क


सरे लोग का डर उनके गत संबंध को भा वत कर दे ता है। कमचारी बॉस से
डरता है। संकोची ढ़ य से डरता है। म ऐसी प नय को जानता ँ, जो
अपने प त से डरती थ और इसका उलटा भी होता था; और आजकल यह नज़र
आता है क ब त से माता- पता भी दरअसल अपने ब च से डरते ह। कुछ लोग
कसी काय म या समूह म शा मल होना वा तव म इस लए छोड़ दे ते ह, य क वे
कसी सरे के सामने हीन महसूस करते ह।

लोग के डर से कैसे उबरा जा सकता है


1. सरे संकोची लोग क मदद कर । हमेशा यह बात यान रख क हर समूह म
संकोची लोग होते ह। यह जानकर आप हैरान हो सकते ह क वे कौन ह;
मसाल के तौर पर, अ सर सबसे ज़ोर-ज़ोर से बोलने वाला इंसान अपनी
हीनता क भावना को छु पाने के लए इस तरह का नक़ाब ओढ़ता है। समूह म
एक संकोची को चुन और उस पर यान द। इससे उसे तो मदद मलेगी
ही, आपको भी दोगुनी मदद मलेगी।
2. अपने स चे व प म रह । ख़ुद को याद दलाएँ क आप वशेष ह, क
दरअसल आप संसार म अपनी तरह के एकमा ह। इससे आप ग़लाम
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क तरह सर क नक़ल करने से वतं हो जाएँगे। कसी सरे जैसा बनने
क को शश वा तव म सरे लोग का डर है, या फर यह अलग दखने का डर
है।
3. लोग से ेम कर । लोग के डर से उबरने का सबसे अ छा इलाज उनसे ेम
करना सीखना है। “आदश ेम डर को बाहर नकाल दे ता है।” आप सर क
जतनी यादा स ची क़ और स मान करना सीखते ह, आप उनक मौजूदगी
म उतने ही कम हीन महसूस करगे और उनके साथ आपके संबंध उतने ही
यादा आसान व सामा य ह गे।
4. ाथना कर । उन लोग के लए ाथना कर जनके साथ आप हीन या असहज
महसूस करते ह। ई र से उनक सम याएँ सुलझाने क आ कर - दे खए,
उनके पास भी सम याएँ होती ह। समय के साथ उ ह आपक ाथनामय
परवाह का अहसास हो जाएगा और इसके लए वे आपक क़ करगे।

असफलता के डर को ख़ म कर
असफलता का डर ब त से लोग को ब त सताता है, हालाँ क यह ऊपर से हम
दखाई नह दे ता है। यह आपके ख़लाफ़ काम करने वाला एक ख़तरनाक डर है,
य क यह व को पंगु बना सकता है और इस तरह से वही असफलता दला
सकता है, जससे आप डरते ह।
समय-समय पर हर का असफल होना तय है और मह वपूण यह है,
आप असफलता पर कैसे त या करते ह सच कह, तो असफलता एक उ कृ
श क बन सकती है - हम अपनी ग़ल तय से यह सीख सकते ह क कोई चीज़ कैसे
न क जाए। फर हम अपनी ख़ुद क सफलता से यह भी सीख सकते ह क कोई
चीज़ सही कैसे क जाए। नया और वहा रक ान पाने के लए असफलता और
सफलता दोन के भीतर खोजबीन करना मह वपूण है। पहले जो असफलता ब त
बुरी दख रही थी, उसम आपको महान उपल धयाँ मल सकती ह; ले कन अगर
आप असफलता को असफलता क तरह जारी रहने क अनुम त दे ते ह, तो आप
हमेशा असफल रहने वाले ह।
इस लए जब आप असफलता का अनुभव कर, तो इस पर ान भरी नगाह
डालकर ख़ुद से पूछ क आप असफल य ए। फर यादा समझदार, स म
बनकर दोबारा इसक ओर लौट और कभी भी, कसी भी तरह से यह न सोच क
आप आगे भी असफल होते रहगे। इस अ यास क बदौलत आपको असफलता क
सोच को बाहर रखने और सफलता क सोच को अंदर रखने क या म श
मलती है।
ेम डर को जीत लेता है
एक युवक ने अपने बॉस के डर के बारे म मुझसे सलाह ली, जो एक कठोर इंसान
थे, जस वजह से ब त कम लोग उनके क़रीब थे। युवक ने कहा, “जब भी मुझे
उनके ऑ फ़स म बुलाया जाता है, तो म डर से काँपने लगता ँ और मेरी नौकरी
ऐसी है क मुझे हर दन उनके पास जाने क ज़ रत होती है।” मने यह राय द
क बॉस अपने अकेलेपन या मु कल या गत अंद नी सम या के
कारण कठोर और स त दखते ह गे। मने सुझाव दया क युवक अपने बॉस के
लए ाथना करे और उनके त दो ताना नेह के वचार भेजे। उसने शकायत
क , “यह तो ट ल क द वार म छे द करने जैसा होगा।”
ले कन जैसा बाद म पता चला, बॉस उतने कठोर नह थे, जतना उनक
आ म-र ा क को शश से नज़र आता था। जब युवा कमचारी ने अपना नज़ रया
बदलकर इंसान के प म बॉस का स मान कया, तो उनके बीच अ छे संबंध बन
गए और बॉस का डर धीरे-धीरे ख़ म हो गया। यह मानव संबंध का सरल नयम
है: वा त वक ेम और म ता सरे लोग के डर पर वजय पा लेती है।
सरे लोग के डर से पूण वतं ता तब मलती है, जब आप अपने संकोच से
उबरते ह और सामने वाल क आव यकता के बारे म पूरी तरह से जाग क
बनते ह।

इस संसार म असफलता के डर से उबरने म जतनी संतु मलती है, कसी सरी


चीज़ म नह मलती। अगर आप योजना बनाकर, सीखकर, सोचकर, अ ययन
करके, काम करके, व ास करके और ाथना करके सामने से हमला करने क
तैयारी करते ह, तो आपके पास वे सारे अ ह गे, जनक ज़ रत आपको
असफलता के पीड़ादायक डर पर वजय पाने के लए होगी।

साहस का रह य
साहस का रह य अपने मन म मौजूद असफलता क भावना को ईमानदारी से
वीकार करना है - फर ई र क मदद से आगे बढ़ना है और उन भावना के
बावजूद अपना काम करना है। इस नी त से डर क़ाबू म रहता है। मॉ रस शेवा लयर
अपने युग के महानतम कलाकार थे। क रयर के बीच म अचानक एक रात को मंच
पर जाने से पहले उनका सर घूमने लगा। उ ह लगा, जैसे उनके दमाग़ म आग लग
गई हो। श द बोलने के संकेत र से आते लग रहे थे। उ ह ने पटरी पर लौटने क

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काफ़ को शश क , ले कन उनका मन ब त उलझा आ था। वे पूरी तरह परा जत
महसूस करने लगे।
उनके साथी अ भनेता ने उस रात और कई स ताह तक उनक असहजता को
छपाया, ले कन मॉ रस क ज़दा दली और सहजता खो चुक थी, जो उनक
पहचान थी। अब वे हचकते थे, हकलाते थे, अटकते थे। इस महान कलाकार के
पेशेवर जीवन म असफलता पहली बार आई थी।
आराम करने क हदायत मलने के बाद मॉ रस शेवा लयर ांस के द णी
ह से म डॉ. रॉबट डु बॉय के पास गए। उ ह ने डॉ टर से कहा, “म हार गया ँ। मुझे
असफल होने का डर है। अब मेरा कोई भ व य नह है।” उनके त त नवस
स टम या तं का तं को सही करने के लए उ ह लंबा टहलने क सलाह द गई।
ले कन अंद नी उथलपुथल फर भी ख़ म नह ई। उनका सारा आ म व ास खो
गया था और वे डरे ए थे, ब त डरे ए थे।
कुछ समय बाद डॉ टर ने सलाह द क वे छोटे क बे के हॉल म एक छोटे समूह
के सामने अपनी कला का दशन कर। मॉ रस ने कहा, “ले कन मुझे इस वचार से
दहशत हो रही है। इस बात क या गारंट है क मेरा दमाग़ ख़ाली नह हो
जाएगा ”
डॉ टर ने धीरे-धीरे कहा, “कोई गारंट नह है। ले कन आपको असफल होने से
नह डरना चा हए। आप दोबारा मंच पर प ँचने से डर रहे ह और इस तरह ख़ुद को
बता रहे ह क आप ख़ म हो चुके ह। ले कन डर कभी इतना बड़ा कारण नह होता
क को शश करना ही छोड़ द जाए: यह सफ़ एक बहाना है। जब कोई बहा र
डर का सामना करता है, तो वह अपने डर को वीकार करता है और इसके
बावजूद आगे बढ़ता रहता है।”
मॉ रस ने उस छोटे क बे म अपना वापसी दशन करने से पहले डर क
अनकही पीड़ा झेली, ले कन उ ह ने ह मत करके काम कया और उनका दशन
ब त अ छा रहा। ख़ुशी उनके भीतर उमड़ रही थी। “म जानता था क म डर को
जीत नह पाया ँ। मने इसे बस वीकार कर लया था और इसके बावजूद आगे बढ़ा
था; और यह योजना कारगर हो गई।”
उस रात के बाद मॉ रस शेवा लयर ने ब त सारी जगह पर दशक के सामने
अपनी कला का दशन कया। उ ह ने कहा, “डर के ब त सारे पल रहे ह। डॉ टर
क बात सही थी; कोई गारंट नह है। ले कन उसके बाद से मने डर क वजह से
कभी मैदान नह छोड़ा।” मॉ रस ने आगे कहा, “मेरे ख़ुद के अनुभव ने मुझे यह
सखाया है। अगर आप आदश पल का इंतज़ार करते ह, जब सब कुछ सुर त और

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न त हो, तो हो सकता है क वह पल कभी आए ही नह । लोग पहाड़ पर नह
चढ़ पाएँगे, दौड़ म कभी नह जीत पाएँगे या थायी ख़ुशी हा सल नह कर पाएँगे।”
इस लए डरने से न डर। ईमानदारी से अपने डर को वीकार कर और फर इस
तरह काम कर, मानो आपको डर न लग रहा हो - ई र क सहायता से आगे बढ़ और
डर को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करते ए अपना काम कर।
अ याय 3

उ साही

जीवन रोमांचक है

इ मसन ने लखा था, “उ साह के बना कोई महान चीज़ कभी हा सल नह


उ साह एक असाधारण और ग तशील गुण है। उ साही नज़ रया इतना
ई।”

श शाली और अजेय होता है क यह अपने सामने क सारी बाधा को साफ़ कर


दे ता है। यह व को सजीव बनाता है और सोई ई श य को जगा दे ता है।
उ साह और आ था म थोड़ा सा ही फ़क़ होता है। शायद हम उ साह को ऐसी आ था
कह सकते ह, जो व लत हो गई है। उ साह ई र के सबसे बड़े उपहार म से एक है।

कोई भी इतना बूढ़ा नह है, जतने वे लोग जनका उ साह ख़ म हो चुक ा


है।
हेनरी डे वड थोरो

कसी छोटे ब चे म सबसे असाधारण गुण या होता है यह उ साह है वह संसार को


शानदार मानता है; वह इससे ेम करता है। संसार क हर चीज़ उसे स मो हत करती है।
ह सले ने कहा था क बु मानी का रह य बालपन के भाव को बुढ़ापे तक क़ायम रखना
है, जसका मतलब है क हम कभी भी अपना उ साह नह खोना चा हए। ले कन ब त कम
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लोग ही इस रोमांच को क़ायम रख पाते ह और इसका एक कारण यह है क वे अपने
उ साह को धीरे-धीरे करके बह जाने दे ते ह। अगर आपको जीवन से उतना यादा नह मल
रहा है, जतना आप चाहते ह, तो अपने उ साह क जाँच कर।

उ साह क नज़रो से
मेरी अपनी माँ सबसे उ साही लोग म से एक थ । उ ह बेहद साधारण घटना पर भी भारी
रोमांच क अनुभू त होती थी। उनम हर चीज़ म रोमांस और स दय दे खने क क़ा ब लयत
थी। मुझे एक कोहरे भरी रात याद है, जब म उनके साथ एक बड़ी नाव म यू जस से यू
यॉक सट आ रहा था। नाव के आस-पास के घने कोहरे म मुझे कुछ ख़ास सुंदर नह
दखाई दया, ले कन मेरी माँ चहकते ए बोल , “ कतना रोमांचक है ”
मने पूछा, “ या रोमांचक है ”
उ ह ने कहा, “दे खो तो सही कोहरा, रोश नयाँ, वह सरी नाव जसे हमने अभी-अभी
पार कया है दे खो तो सही, इसक ब याँ कतने रह यमय तरीक़े से धुंध म खो जाती ह।”
तभी हम धुंध क सफ़ेद चादर म से कोहरा भ पू क आवाज़ सुनाई द । मेरी माँ का
चेहरा कसी रोमां चत ब चे जैसा खल गया। मुझे इस या ा के बारे म कोई सुंदर चीज़
महसूस नह ई थी; म तो नद पार करने क ज द म था।
उस रात रे लग पर खड़े होकर उ ह ने मुझे मू यांकन करती नगाह से दे खा। उ ह ने
नरमी से कहा, “नॉमन, म तु ह ज़दगी भर से सलाह दे ती आ रही ँ। इसम से कुछ तुमने
मानी है; कुछ नह मानी है। ले कन अब म एक ऐसी सलाह दे रही ँ, जो म चाहती ँ क
तुम मान लो। इसी समय अपने मन म यह बात बैठा लो क संसार स दय और रोमांच से
भरा आ है। इसके त ख़ुद को संवेदनशील रखो। संसार से, इसक सुंदरता से और इसके
लोग से ेम करो।” जो भी इंसान इस सरल सलाह पर चलेगा, उसे चुर उ साह का वरदान
मलेगा और उसका जीवन ख़ु शय से भर जाएगा।

“ मस नोबडी”
एक रात म “ मस नोबडी” से मला। वे ट को ट सट म एक ा यान दे ने के बाद एक
युवा म हला ने मुझसे म रयल अंदाज़ म हाथ मलाया और धीरे से कातरता भरी आवाज़ म
बोली, “म आपसे हाथ मलाना चाहती थी, ले कन मुझे दरअसल आपको तकलीफ़ नह
दे नी चा हए थी। यहाँ पर इतने सारे मह वपूण लोग ह और म कोई नह (नोबडी) ँ।”
“कृपया यह क; म आपसे बातचीत करना चा ँगा।” बाद म मने कहा, “अब मस
नोबडी, आइए हम थोड़ी बातचीत करते ह।”
उसने हैरानी से पूछा, “आपने मेरा या नाम लया ”
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“मने आपका वही नाम लया, जो आपने मुझे बताया था। आपने मुझे बताया था क
आप कोई नह (नोबडी) ह। या आपका कोई सरा नाम भी है ”
उसने कहा, “ज़ा हर है दे खए, मुझम काफ़ हीन भावना है। म इस उ मीद से आपका
ा यान सुनने आई थी क आप ऐसा कुछ कहगे, जससे मुझे मदद मलेगी।”
मने जवाब दया, “दे खो, म यह बात आपसे इसी व त कह रहा ँ, आप ई र क
संतान ह।” मने उसे सलाह द क वह हर दन तनकर खड़ी हो और ख़ुद से कहे, “म ई र
क संतान ँ।” मने उसे इस पु तक क कुछ तकनीक बता , जनसे उसका उ साह और
आ म व ास बढ़े ।
कुछ समय बाद उसी इलाक़े म दोबारा भाषण दे ने गया। भाषण के बाद एक आकषक
युवा म हला ने मेरे पास आकर पूछा, “आपने मुझे पहचाना म पुरानी मस नोबडी ँ।”
उसका उ साही अंदाज़ और उसक आँख क चमक उसम ए प रवतन को बयां कर रहे
थे।
यह घटना एक मह वपूण स चाई का माण है। आप बदल सकते ह कोई भी बदल
सकता है और नीरस नोबडी (कोई नह ) से उ साही समबडी (ब त कुछ) बन सकता है।

उ साह कै से वक सत कर
1. दन क सही शु आत कर । जागने के पाँच मनट के भीतर ही आप कसी दन क
दशा तय कर सकते ह। हेनरी थोरो सुबह उठते ही ब तर पर लेटे रहते थे और ख़ुद
को वे सारी अ छ ख़बर बताते थे, जनके बारे म वे सोच सकते थे। इसके बाद वे
अ छ घटना , अ छे लोग और अ छे अवसर से भरे संसार म बाहर नकलने के
लए तैयार हो जाते थे। यात वसायी वग य व लयम एच. डै नफ़ोथ ने कहा
था, “हर सुबह ख़ुद को अपनी पूरी ऊँचाई तक तान और तनकर खड़े ह । फर ऊँचे
वचार सोच, महान वचार सोच, उ त वचार सोच। इसके बाद बाहर नकल और
ऊँचे काम कर। ऐसा करगे, तो ख़ुशी आपक ओर वा हत होने लगेगी।”
दन भर उ साह फैलाते रह और रात को आपके पास उ साह का इतना भंडार जमा
हो जाएगा, जतना आपके पास पहले कभी नह रहा होगा।
2. बाइबल पढ़ । यह उ साह उ प करने वाले अंश से भरी ई है। मसाल के तौर पर,
इससे यादा ेरक वा य और या हो सकते ह, “जो इंसान व ास करता है, उसके
लए सारी चीज़ संभव ह,” और “आप पूरे यक़ न से ाथना म जो भी माँगगे, वह
आपको मल जाएगा ”
बाइबल रोमांच और उ साह से जगमगाती है। यह कहती है, “अपने मन के भाव म
नवीन बन;” सफ़ मन क सतह पर ही नह , ब क उस गहरे भाव म जो आपके
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वचार को स य करता है। बाइबल के महान अंश से अपने मन को सराबोर कर
ल। फर मागदशन के लए ई र से ाथना कर और काम म जुट जाएँ

आ था बढ़ाने वाले दो अंश


जीवन क हर सुबह और शाम ये श द कह: “ई र क मदद
से म सारी चीज़ कर सकता ँ, जो मुझे श दे ते ह।”
हर दन तीन बार कह: “यह वह दन है, जसे मा लक ने
बनाया है। हम इसम आनं दत और ख़ुश ह गे।”

3. जीवन और लोग से ेम कर । आसमान से ेम कर, सुंदरता से ेम कर, ई र से ेम


कर। जो ेम करता है, वह हमेशा उ साही रहता है। आज ही जीवन के ेम
को वक सत करना शु कर द। े ड जैसा नज़ रया रख, जो एक छोटा रे तराँ
चलाता है।
उसने काउंटर पर अपना बड़ा हाथ रखते ए मुझसे पूछा, “भाई, आप या लगे ”
“ या आप े ड ह ”
“हाँ।”
“लोग के अनुसार आपके हैमबगर ब त अ छे होते ह।”
“भाई, आपने कभी ऐसे हैमबगर नह खाए ह गे।”
“ठ क है, तो मुझे एक हैमबगर दे द।”
काउंटर पर एक बुजुग बैठा था, जो काफ़ खी दख रहा था। उसके कंधे झुके
थे और हाथ काँप रहे थे। मेरे सामने हैमबगर रखने के बाद े ड ने उसके हाथ पर
हाथ रखा।
वह बोला, “सब ठ क हो जाएगा, बल, सब ठ क है म आपके लए उस बेहतरीन
गरमागरम सूप का याला बना दे ता ँ, जो आपको पसंद है।” बल ने कृत ता से
सर हला दया।
एक और बुजुग आदमी अपना बल चुकाने आया। े ड ने कहा, “ म. ाउन, एवे यू
म कार पर नगाह रखना। वे रात को ब त तेज़ी से आती ह।” फर वह आगे बोला,
“नद म चाँदनी पर भी एक नज़र डाल लेना। आज रात यह काफ़ सुंदर छटा बखेर
रही है।” अपना बल चुकाने के बाद म यह ट पणी कए बना नह रह पाया, “मेरे
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दो त, आप जानते ह आप इन बुजुग लोग से जस तरह बात कर रहे थे, वह तरीक़ा
मुझे पसंद आया। आपने उ ह यह अहसास दलाया क जीवन अ छा है।”
“ य नह ” उसने पूछा। “जीवन सचमुच अ छा है। मेरे जीवन म ब त रोमांच है।
ये बुजुग लोग काफ़ खी ह और मेरा रे तराँ उनके लए घर जैसा है। वैसे भी म उ ह
पसंद करता ँ।”
आव यकताएँ खोज और उ ह पूरा कर द इससे आपके जीवन म स चा उ साह भर
जाएगा

“सबसे बुरा दवा लया वह हंसान है, जसने अपना


उ साह खो दया है। इंसान अगर अमने उ साह के
सवा संसार क बाक़ हर चीज़ खो दे , तब भी वह
दोबरा सफल हो जाएगा ”
एच. ड यू. अरनॉ ड

4. अपनी ऊजा के तर क र ा कर । उ साह से भरे रहने के लए, जैसा ई र आपको


बनाना चाहता था, जतनी ऊजा ख़च कर, उससे यादा हण कर। य द आप
लगातार तनाव म रहते ह, तो आपक ऊजा घट जाती है और आपका उ साह भी।
इस लए “सब कुछ छोड़ो और ई र को पकड़ो” क महान तकनीक पर चल। ई र
से बु म ा माँग, मागदशन माँग और फर जीवन को सव े द।
अपनी सबसे अ छ को शश के बाद प रणाम ई र पर छोड़ द और उसक
समझदारी पर भरोसा रख। आप पाएँगे क आपका नवीनीकरण हो गया है। आप नई
ऊजा और नया उ साह पाएँगे।

उ साह को हावी हो जाने द


म मश र फ़टबॉल कोच व स लॉ बाड को जानता था। जब वे ीन बे पैकस म
आए, तो उनके सामने एक परा जत, हताश ट म थी। वे खला ड़य के सामने खड़े
ए, काफ़ दे र तक ख़ामोशी से उ ह दे खते रहे। इसके बाद धीमी ले कन गहरी
आवाज़ म बोले, “स जन , हम एक महान फ़टबॉल ट म बनाने जा रहे ह। हम मैच
जीतने जा रहे ह। यह बात समझ ल। आप ूहरचना सीखने जा रहे ह। आप दौड़ना
सीखने जा रहे ह। आप मुक़ाबला करना सीखने जा रहे ह। आप त पध ट म से
बेहतर खेलने जा रहे ह। यह बात समझ ल।”
“औ ै े ो ” े े “ ो ो
“और यह कैसे होगा ” उ ह ने आगे कहा। “आपको मुझ पर भरोसा करना
होगा और मेरी प त के त उ साही बनना होगा। असल कुंजी यह है क यहाँ
ऊपर या जाता है (और उ ह ने अपनी कनपट को थपथपाया)। म चाहता ँ क
आज के बाद आप जब भी सोच, सफ़ तीन चीज़ के बारे म सोच: आपका प रवार,
आपका धम और ीन बे पैकस, इसी म म उ साह को ख़ुद पर हावी हो जाने द ”

ड यू लीमट टोन: “ व- ेरक ” क श


ड यू. लीमट टोन सचमुच उ साही इंसान थे। मने उनसे उनके उ साह का
रह य पूछा।
उ ह ने जवाब दया, “जैसा आप जानते ह, भावनाएँ हमेशा तुरंत तक के
अधीन नह होत , ले कन वे हमेशा काय (मान सक या शारी रक) के अधीन होती
ह। यही नह , उसी वचार या शारी रक काय का दोहराव एक आदत बन जाता है,
जसे पया त बार दोहराने से वह वचा लत काय बन जाता है।”
“और इसी लए म व- ेरक का इ तेमाल करता ँ। व- ेरक एक ढ़
संक प है, जसका इ तेमाल आप ख़ुद को मनचाहे काय क ओर बढ़ाने के लए
जान-बूझकर करते ह। आप सुबह पचास बार रात को पचास बार एक
स ताह या दस दन तक शा दक व- ेरक को दोहराते ह, ता क ये श द
आपक मृ त म अ मट प से अं कत हो जाएँ।”
कुछ व- ेरक ह:
ई र हमेशा अ छा ई र है
आपके पास सम या है यह अ छ बात है
हर वप म समान या यादा बड़े लाभ का बीज है।
एक अ छा वचार खोज, जो काम करे और फर उस एक वचार पर काम
कर
इसे अभी कर द
उ साही बनने के लए उ साह से काम कर

खलाड़ी अपनी कु सय पर तनकर बैठ गए। बाद म वाटरबैक ने लखा, “जब म


उस मी टग से बाहर नकला, तो दस फ़ट लंबा महसूस कर रहा था ” उस साल

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उ ह ने सात मैच जीते, लगभग उ ह खला ड़य के साथ, जो पछले साल दस मैच
हारे थे। अगले साल उ ह ने डवीज़न का ख़ताब जीता और तीसरे साल व
च पयन शप जीत ली। य य क कड़ी मेहनत, क़ा ब लयत और खेल ेम के
अलावा उ साह से फ़क़ पड़ा।
ीन बे पैकस के साथ जो आ, वह कसी चच, कसी कंपनी, कसी दे श और
कसी इंसान के साथ भी हो सकता है। म त क म जो भी जाता है, उसी से प रणाम
तय होता है। जब कोई इंसान सचमुच उ साही बन जाता है, तो यह उसक आँख क
चमक, उसके फुत ले और जोशीले व म साफ़ दखता है। आप इसे उसके
क़दम क लचक म दे ख सकते ह। आप इसे उसके पूरे अ त व के जोश म दे ख
सकते ह। उ साह सरे लोग , नौकरी, संसार के त उसका नज़ रया बदल दे ता है।
इससे पूरे जीवन के जोश और आनंद म ब त बड़ा फ़क़ पड़ता है।
या आप जोशीले ह या आप उ साही ह

उसने उ साह का अ यास करना सीखा


मान ल, जीवन ने आपके साथ कठोर बताव कया है और आपका जोश, उ सुकता,
रोमांच और उ साह काफूर हो गया है। इ ह दोबारा कैसे पाएँ ई र क महानतम
तकनीक म से एक - पुनज म - के ज़ रये। एक बार म एक द णी क बे म बीस
लोग के साथ डनर ले रहा था, जनम दस पादरी थे और दस आम आदमी। एक
आदमी ख़ास तौर पर कुशल कथाकार दख रहा था। मने अपने बग़ल म बैठे पादरी
से कहा, “इस आदमी म वाक़ई कोई ख़ास बात है।”
“उसम वाक़ई है।” पादरी ने जवाब दया। “वह मेरे ही चच का सद य है। वह
मेरा माण मांक एक है।”
“ माण मांक एक से आपका या आशय है ”
“आपको उसे कुछ साल पहले दे खना चा हए था। वह इतनी शकायत करता था
और चड़ चड़ा था क लोग उससे र छटकते थे। उसके दल के आस-पास दद
रहता था, उसके हाथ म ऊपर दद रहता था और वह हाँफता रहता था। वह रोग मी
था। वह एक के बाद एक डॉ टर के ली नक के च कर लगाता रहता था। वह
क बे म कसी भी सरे से यादा गोली-दवाई लेता था, ले कन उनसे कोई
मदद नह मली। वसाय शानदार होने के बावजूद वह कभी ख़ुश नह रहता था।”
“आ ख़रकार एक डॉ टर ने उसे शकागो के एक वशेष के पास भेज दया।
शकागो का वह वशेष ब त समझदार था। उसने हमारे म को बताया क
आपके ये दद दरअसल छ -दद ह। उनका कोई शारी रक कारण नह है; वे तो बस
ग़लत, अ व थ सोच से उ प ए ह। अपनी सोच को बदल ल, सचमुच उ साही
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जीवन जीना शु कर। आप अ छे हो जाएँगे। यही मेरा नु ख़ा है। अब मेरी पं ह सौ
डॉलर क फ़ स दे द।”
उस आदमी ने आ य से कहा, “पं ह सौ डॉलर कस बात के ”
“आपको यह बात बताने के लए क व थ होने के लए आपको या करना
चा हए। आप भी अपने कारोबार म काफ़ फ़ स लेते ह। म भी यही करता ँ।”
(डॉ टर ने बाद म बताया क वे जानते थे क यह आदमी उनक सलाह को तब तक
मह व नह दे गा, जब तक क उसे इसके लए अ छे पैसे न चुकाने पड़।)
डॉ टर को फ़ स दे ने के बाद यह असंतु लत आदमी घर लौटा और तुरंत अपने
पादरी के पास जाकर बोला, “ शकागो के डॉ टर ने मुझसे कहा है क म अपनी
सोच सही कर लूँ। आप जानते ह, वह एक नंबर का लुटेरा है उसने मुझे पं ह सौ
डॉलर क फ़ स झटक ली। अब सवाल यह है क म अपनी सोच को सही कैसे कर
सकता ँ म अपने पं ह सौ डॉलर क क़ मत वसूल करके र ँगा, चाहे इसके लए
मुझे कुछ भी य न करना पड़े ” (जो डॉ टर ने पहले से ही सोच लया था।)
पादरी ने कहा, “ठ क है जम, आप यहाँ से कतनी र रहते ह पाँच मील
मुझे आपक कार म शोफ़र बैठा दख रहा है। उसे बुलाएँ और अकेले ही घर लौटने
को कह। म चाहता ँ क आप पैदल चलकर घर जाएँ। पैदल चलते व त आप ई र
को अपने पैर के लए ध यवाद द। ई र को इस बात के लए ध यवाद द क आप
शकागो गए और आपको यह बताया गया क आपका शरीर बलकुल व थ है।
पैदल घर लौटते समय जीवन के त उ साह का अ यास कर, अपने त उ साह का
अ यास कर, रा ते म पड़ने वाले दे वदार के जंगल के त उ साह दखाने का
अ यास कर, अपने सभी म के त, अपने चच के त, ई र के त उ साह का
अ यास कर। म चाहता ँ क कल आप दोबारा पैदल चलकर यहाँ आएँ और मुझे
बताएँ क आप कैसा महसूस करते ह।”
वह आदमी मान गया और उसने पादरी से कहा क वे भी उसके साथ पैदल
चल। पादरी उस आदमी के साथ कुल मलाकर प चीस मील तक पैदल चले, जब
तक क एक दन उ ह ने उस आदमी को यह चुनौती नह द , “आप सब कुछ
छोड़कर अपने जीवन क बागडोर ई र के हाथ म य नह थमा दे ते ” उस
आदमी ने ऐसा ही कर दया।
अ याय 4

शां तपूण

मुझे चता करने क कोई ज़ रत नह है

आ पके दमाग़ म जो भी चीज़ चलती है, आपका शरीर उसके त संवेदनशील होता है।
अगर आपके दमाग़ म चता रहती है, तो इसका आपके शरीर के सभी अंग पर
वनाशकारी भाव हो सकता है। यह इस तरह होता है।
चता का एक वचार चेतना म एक ह क सी लक र या नाली बना दे ता है। बार-बार
दोहराए जाने पर यह वचार गहरा होकर डर या चता क नहर बन जाता है। इसके बाद
आपके मन म जो भी वचार आता है, लगभग हर वचार चता के रंग म डू बा होता है।
फल व प आप भयभीत इंसान बन जाते ह और हमेशा चता करते रहते ह। इस या
के ज़ रये आप एक ऐसा मान सक प रवेश बना दे ते ह, जसम चता फलती-फूलती है,
वकास करती है और अंततः आपके पूरे जीवन अनुभव पर क़ ज़ा कर लेती है।
इस खद या को रोकने का पहला क़दम तो यह है क आप चता के साँचे म ढले
मान सक प रवेश को नया बना ल, और इसक जगह पर धीरे-धीरे एक आ या मक प रवेश
रख। यह चेतना म एक बलकुल नई वचार- णाली को भरकर कया जा सकता है।
डॉ टर के पच म उपचार का तीक है आरए स, “यह ल।” हमारा सुझाव है क आप
अपने दमाग़ म ई र के महान श द हण कर: “यह ल।” इसे अपने चेतना नयं ण क म
गहराई तक घुल जाने द, जहाँ आपके जीवन का साँचा बनता है। य द इसे ढ़ अंदाज़ म
क़ायम रखा जाए, तो यह आपके वचार से उन सं मण को बाहर भगा दे ता है, जो इतने
लंबे समय से चता के रोग को पोषण दे रहे थे।

आरए स: चता के लए सात स ताह का इलाज
अगले र ववार चता को र भगाने के लए सात स ताह का उपचार शु कर। अपने मन म
बाइबल के श शाली उपचारक छं द भर ल, जो मान सक वा य पर सबसे महान पु तक
है।
मसाल के तौर पर, र ववार को उस स ताह के लए एक छं द याद कर ल। सोमवार को
जब भी चता का कोई वचार उभरे, तो तुरंत उस छं द को यादा से यादा बार दोहराएँ।
यही मंगलवार से श नवार तक कर। फर अगले र ववार को सुझाया गया सरा छं द याद
कर और यही या दोहराएँ।
इस पूरे समय म और न त प से सातव स ताह के अंत तक ये छं द आपक
मान सक और आ या मक अव था पर इतना श शाली असर डालगे क ापक
उपचारक या शु हो जाएगी। य द इसे ढ़ता से जारी रखा जाए, तो चता के पंगु
बनाने वाले रोग का पूरा इलाज हो जाएगा और आप एक नया चतार हत जीवन जीने
लगगे।
स ताह 1 : अगले र ववार को उपचार शु कर और अपने मन म इस स ताह का
उपचारक वचार भर ल: “ई र क मदद से म सारी चीज़ कर सकता ँ, जो मुझे श दे ते
ह।” इस वा य को पूरे स ताह हर दन यादा से यादा दोहराएँ; ख़ास तौर पर तब जब
चता का कोई वचार आए।
स ताह 2 : सरे र ववार और उस पूरे स ताह अ या म क दवा “ल”: “आप उसे पूण
शां त म रखगे, जसका मन आपम लगा है: य क उसे आप पर भरोसा है।” इसे ज़ोर-ज़ोर
से बार-बार तब तक कहते रह, जब तक क यह चेतना म न समा जाए। इससे शां त का एक
ऐसा मान सक प रवेश बन जाएगा, जसम चता ज़दा नह रह सकती।
स ताह 3 : इस र ववार और आने वाले स ताह के दौरान इस बात को याद कर: “मुझे
कसी बुराई का डर नह होगा: य क आप मेरे साथ ह।” ई र क उप थ त के इस
श शाली वचार को कई बार दोहराएँ और यह काम स ताह म हर दन कर। चता उस
मन म नह रह सकती, जसम ई र मौजूद है। अपने मन को ई र से भर ल।
स ताह 4 : इस स ताह हर दन एक और ख़ुराक ल: “और म तुमसे कहता ँ, माँगो
और यह तु ह दे दया जाएगा; खोजो और तुम पा लोगे; खटखटाओ और यह तु हारे लए
खोल दया जाएगा।” एक बार फर, इस कथन को यादा से यादा बार दोहराएँ और
इसका उपचारक संदेश अपने मन म यादा गहराई तक समा जाने द।
स ताह 5 : पाँचव र ववार को और इस पूरे स ताह इस बात को याद कर: “य द तुम
मुझम बसते हो और मेरे श द तुमम बसते ह, तो तुम जो चाहे माँगो, और वह तु ह दे दया
जाएगा।” “बसते हो” अवधारणा मह वपूण है, य क यह थायी नवास का संकेत दे ती
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है। जब ई र आपके मन म हमेशा वास करता है, तो चता वहाँ मौजूद नह रह सकती,
य क ई र और चता पर पर वरोधी ह। उनम से एक को जाना होगा - और यह न त
प से ई र नह होगा।

जब आप च तत ह , तो यह ाथना कर
हे ई र, म च तत और भयभीत ँ। चता और डर मेरे दमाग़ म भरे ए ह। कह ऐसा
तो नह क आपके त मेरा ेम कमज़ोर है, अधूरा है और इसी कारण म चता से
परेशान ँ
मने ख़ुद को तस ली दे ने क को शश क है क चता करने क कोई बात नह है।
ले कन इस तरह क तस ली से कोई मदद नह मलती है। म जानता ँ क मुझे आपक
ेमपूण परवाह और मागदशन पर व ास करके चैन से रहना चा हए। ले कन म इतना
घबरा रहा ँ क यह नह कर पाता।
य मा लक, अपनी शां त से मुझे पश कर और मेरे वच लत म त क को
व ास दला द क आप ई र ह और मुझे कसी बुरी बात का डर नह होना चा हए।
ई र के नाम पर म यह ाथना सम पत करता ँ। आमीन।

स ताह 6 : छठे र ववार और अगले स ताह अपने वचार म यह ख़ुराक ल: “आप


जन भी चीज़ क इ छा करते ह, ाथना करते समय उनके मलने का व ास रख और
आप उ ह पा लगे।”
स ताह 7 : आ ख़री स ताह म आ या मक उपचार के लए आरए स दवा है: “अपनी
सारी चता का बोझ उस पर डाल दो; य क वह तु हारी परवाह करता है।” इसका आशय
है क ई र आपसे ेम करता है और आप जस भी बारे म चता कर रहे ह, वह उस चीज़
को सँभाल लेगा। इन श द को तब तक दोहराएँ, जब तक क वे आपके वचार म हमेशा
के लए न बस जाएँ और आपके पूरे मान सक नज़ रये को दोबारा नया न बना द।
इस आ या मक नु ख़े पर सात स ताह तक नरंतर अमल कर और इसक आदत
डाल। इससे मन और आ मा को कमज़ोर करने वाले चता के पुराने नज़ रये हटने व मटने
लगगे। आप इस दशा म अपनी ग त दे खकर दं ग रह जाएँगे।

दय प रवतन ने उसे चता से मु कर दया


यू यॉक सट का एक बकर बड़ा संदेहवाद और अ व ासी था। वह एक र ववार को चच
आया। वह श नवार के अख़बार म हमारे अगले दन के वचन का शीषक दे खकर चच

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आया था: “आप चता से छु टकारा पा सकते ह।”
उसने तथाक थत नयादारी वाले अंदाज़ म इसका उपहास कया, ले कन जैसा उसने
कहा, “इस वचार ने उसे जकड़ लया और छोड़ने का नाम ही नह ले रहा था।” तो इस
तरह वह र ववार को चच म “ तर कार करने वाल क कुस पर” बैठा था।
ले कन उसे इसक बुरी तरह ज़ रत थी। काम करने और सोचने के पुराने तरीक़े क
वजह से उसक ख़ुशी न हो चुक थी। इससे कारोबार म उसक थ त भी ख़तरे म पड़
रही थी, य क उसक तनाव त और परेशान अव था उसक काय मता को कम कर
रही थी।
वह ई र के भवन म उसी तरह आया, जस तरह कोई मरीज़ डॉ टर के ली नक म
आता है। महान च क सक ने उसक ओर हाथ बढ़ाया और चच म ही उसका इलाज कर
दया। जो आ, उस पर वह यक़ न नह कर पाया। बाद म उसने मुझे बताया, “म इसे प
नह कर सकता, ले कन चच म इतना ेम और आ था भरी थी क म इसे नह झेल पाया।
अचानक ईसा मसीह मेरे बग़ल म खड़े थे। वे मानो कह रहे थे, ‘मेरे पास आओ और म तु ह
आराम ँ गा।’ म बचपन म ईसा मसीह को जानता था, ले कन काफ़ समय से उनसे र हो
गया था। उस र ववार उ ह ने मुझे दोबारा अपनी शरण म ले लया।”
चच म इस जीवन बदलने वाले अनुभव के बाद वह अपने घर लौटा। उसने ऐलान
कया, “म हैरान था क मेरा दमाग़ कतना प और श शाली है। मुझे श का एक
ठं डा, शांत अहसास आ। यह ब त आनंददायी भावना थी। मने महीन से ऐसा महसूस
नह कया था।”
फर वह अपनी नई-पुरानी चता को एक-एक करके काग़ज़ के टु कड़ पर लखने
लगा। उसने नमम आलोचना मक अंदाज़ म हर एक पर वचार कया। वतृ णा के भाव के
साथ उसे अहसास आ क जन चीज़ क वह चता करता था, उनम से यादातर कभी
ई ही नह थ । सफ़ कुछ चताएँ ही जायज़ थ , ले कन अब वह जानता था क वह उनसे
मुक़ाबला कर सकता है।
उसने हाथ बढ़ाकर अनाव यक चता वाले सभी काग़ज़ का पु लदा बनाया और
कचरे क ड लया म फक दया। “ य मा लक, इंसान को बदलने क आपक अ त श
के लए आपको ध यवाद, मुझ जैसे को भी। य क म बदल गया ँ। म इसे महसूस करता
ँ - म इसे जानता ँ।”
फर उसने काग़ज़ क उन बची ई चंद प चय को दे खा, जनम असली चताएँ लखी
थ । पहले इनसे वह भावना मक तनाव म आ जाता, ले कन अब उसने कहा, “ई र और म
मलकर इनसे नबट सकते ह।”

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उसक यह बात सुनकर मने अपनी शट क जेब से एक काड नकाला, जसे म हमेशा
अपने साथ रखता ँ। मने इस काड पर लखे श द उसके सामने पढ़े ।
“ई र, यह याद रखने म मेरी मदद करो क आज मेरे साथ ऐसा कुछ नह हो सकता,
जसे आप और म मलकर न सँभाल सक।”
वह बोला, “यह मेरे लए बलकुल सही है।” उसने आ था का यह कथन उ साह से लख
लया। फर उसने कहा, “म इसे अपनी जेब म रखूँगा और अपने वचार म भी।”
आ या मक दय प रवतन ने इस आदमी क ज़दगी से चता को र भगा दया। जब
उसे ई र दोबारा मला, तो उसे जीवन भी दोबारा मल गया। उसने चता करना छोड़ दया
और जीने लगा, सचमुच जीने लगा। अब वह अपना ख़ुद का भारी है, य क ई र उसका
भारी है। ई र का मु दायक वरदान कसी भी इंसान क सोच म एक नया प रवेश बना
सकता है, जसम चता कु हला जाती है और मर जाती है।

अपनी चताएँ घटाने के लए अपने वरदानो को जोड़ना


कुछ साल पहले एक भजन लोक य था और इसम समझदारी क बात कही गई थी,
“अपने वरदान गनो, एक-एक करके।” यह गीत आ या मक और मनोवै ा नक दोन ही
मायने म बलकुल सही था। जब आप अपने वरदान जोड़ते और गनते रहते ह, तो आपक
चता को आ ख़रकार यह संदेश मल जाएगा क खेल ख़ म हो चुका है और वे ग़ायब
होने लगगी।
एक उ री ांत म रहने वाला एक आदमी फ़ाउंडेशन फ़ॉर यन ल वग क साम ी
पढ़ता था। एक दन उसने फ़ोन करके कहा क उसे मदद क स त ज़ रत है। उसने कहा,
“हर चीज़ बुरी हो रही है और म चता के मारे बीमार आ जा रहा ँ।”
मने त या क , “ या ऐसा इस लए है य क जब आप कहते ह, ‘ चता के मारे
बीमार,’ तो आप अपनी प र थ तय पर बीमार व अता कक वचार लागू कर रहे ह और
इसी लए आपको बुरे प रणाम मल रहे ह।”
“हर चीज़ धुल चुक है, ख़ म हो चुक है,” वह आह भरते ए बोला। “सब कुछ जा
चुका है। कुछ नह बचा है, सवाय चता से भरे इंसान के। कुछ भी नह बचा है।”
मने सहानुभू त दखाते ए कहा, “मुझे यह सुनकर अफ़सोस आ क आपक प नी
आपको छोड़कर चली गई है।”
“ कसने कहा क वह मुझे छोड़कर चली गई है मेरी प नी मुझसे ेम करती है और
न ापूवक मेरे साथ खड़ी है।”

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“ब त अ छ बात है,” मने कहा। “अब म आपको बताता ँ क हम या करना
चा हए। हम यह हसाब लगाते ह क आपने या खोया है और आपके पास या बचा है।
च लए पहले इस बारे म बात करते ह क आपके पास या- या बचा है,” मने सुझाव दया।
“ फर हम इस बारे म बात करगे क आपने या खोया है।”
उसने नराशा भरे वर म कहा, “पहले वाले मामले म एक भी चीज़ नह होगी।”
“दे खए, शु आत म ही आपके पास एक ब त मह वपूण संप है। आपक प नी
आपके साथ न ापूवक खड़ी है और आपसे ेम करती है।” फर मने जोड़ दया, “ कतनी
बुरी बात है क आपके ब च को नशे क लत है और वे जेल म ह।”
“मेरे ब च को नशे क लत नह है वे अ छे ब चे ह - वे कभी जेल नह जा सकते।”
“बेहतरीन तो हम आपक संप य क सूची म यह लख लेते ह क ब चे जेल म
नह ह।” फर मने आगे कहा, “ब त अफ़सोस क बात है क आपका मकान जल गया,
और आप उसका बीमा भी नह करा पाए, य क आपके पास ी मयम चुकाने का पैसा
नह था।”
“आपको यह ग़लत जानकारी कहाँ से मली मेरा मकान नह जला है और मेरे पास
पया त पैसे ह, जनसे ख़च चल सकता है।” अब वह वरदान जोड़ने के इरादे को समझ गया
था। “म मूख ँ, बड़ा मूख ँ,” उसने कातर अंदाज़ म वीकार कया। “मने कभी उन
संप य के बारे म नह सोचा था, जनका आप ज़ कर रहे ह।”
हमारे बीच सुखद बातचीत ई और अंत म हमने फ़ोन पर इक े ाथना क ।
टे लीफ़ोन पर ई इस बातचीत के बाद उसके जीवन म भावना मक से कुछ बुरे
समय आए, ले कन उसने अपनी सोच को नकारा मक से सकारा मक तक का इतना
ज़ोरदार झटका दया था क अंततः उसने चता को जीत लया।
उसने चता करना छोड़ दया और 45 साल क उ म सचमुच जीने लगा। चाहे यह
कसी भी उ म हो, यह अनुभव ज़बद त होता है और आपके लए बलकुल सही होता है।

हेनरी फ़ोड: “हमेश ा सव े पर यान क त कर”


मेरे एक लेखक म ने एक बार हेनरी फ़ोड से सा ा कार लया था, जो अमे रका के
महान औ ो गक जी नयस थे। बाक़ के अलावा उसने पूछा क या उ ह कभी
चता क सम या रही थी। फ़ोड ने जवाब दया क चता क सम या न त प से रही
थी, जब तक क वे “इतने यादा त नह हो गए क चता करने क फ़रसत ही नह
रही।” फर उ ह ने लेखक को चता हटाने का एक अचूक फ़ॉमूला बताया। जैसा क
मुझे बताया गया, यह इस तरह था - सव े म व ास कर, अपना सव े सोच, अपने
े े े े ँ े े े े
सव े का अ ययन कर, अपने सव े के लए ल य बनाएँ, अपने सव े से कम के
साथ कभी संतु न ह , अपने सव े क को शश कर और लंबे समय म प र थ तयाँ
भी सव े ह गी। न कष म उनक सलाह थी, “हमेशा सव े पर यान क त कर।”

चता क आदत छोड़ने के पाँच तरीक़े


1. अपनी कही बात सावधानी से सुन । अपनी हर ट पणी पूरे यान से दज कर और
इसका अ ययन कर, ता क आप पूरी तरह चेतन हो जाएँ क आप कतनी यादा
ख और नकारा मक ट प णयाँ करते ह।
2. पूरी तरह ईमानदार बन । जब आप कोई नकारा मक ट पणी कर, तो ख़ुद से कह,
“दे खो, म जो कह रहा ँ, या म सचमुच उस पर व ास करता ँ, या फर म ऐसी
नकारा मक बात कह रहा ँ, जन पर मुझे दरअसल ज़रा भी व ास नह है ”
3. आप आम तौर पर जो नकारा मक बात कहते ह, उनका ठ क वपरीत कहने क
आदत डाल । फर आप दे ख सकते ह क नए सकारा मक कथन कतने बेहतर
लगते ह। जब आप इस नई काय णाली को जारी रखगे, तो पुरानी पराजयवाद बात
के बजाय अपने मुँह से जीवन, आशा तथा अपे ा से भरे श द तथा वचार को
सुनना और भी यादा रोमांचक हो जाएगा।
4. इस नई काय णाली पर काम करते समय होने वाली हर चीज़ क नगरानी रख ।
छोटे से छोटे प रणाम को भी सावधानी से दज कर और लख। मसाल के तौर पर,
अगर आप उदास अंदाज़ म यह कहने के आद रहे ह, “आज मेरे साथ चीज़ अ छ
नह होने वाली ह,” तो ग़ौर कर क चीज़ कतनी अ छ तरह हो रही ह या नह हो
रही ह।
5. हर दन हर और काय का सव े आशय नकाल। यह गत वकास क
बेहद रोमांचक आदत है । मुझे यह बात पहली बार वग य हैरी बु लस ने बताई थी,
जो मनीपॉ लस के आटा मल उ ोग म मश र थे। हैरी सचमुच उ साही इंसान थे।
वे इतने यादा उ साही रहते थे क एक दन मने उनसे उनके सुखद वभाव का
कारण पूछ लया। उ ह ने कहा, “मने ब त पहले यह नणय लया था क म हर
थ त और हर के श द तथा काय का सबसे अ छा मतलब नकालूँगा।
ज़ा हर है, म वा त वकता के त अंधा नह था, ले कन मने हमेशा सबसे पहले
सबसे अ छा मतलब नकालने पर ज़ोर दया। मुझे यक़ न है क यह आदत दरअसल
अ छे प रणाम दे ती है। सबसे अ छा मतलब नकालने क आदत क बदौलत मुझम
लोग , कारोबार, चच और बाक़ चय के त उ साह जा त आ। इसक बदौलत
मुझे चतामु जीवन जीने म ब त मदद मली।”
अ याय 5

आ म व ासी

म बदलकर बेहतर बन सकता ँ

ह मम से यादातर लोग यह बात मान लगे क हमारे जीवन म कुछ चीज़ को बदलने
क ज़ रत है। व के तकूल त व अ सर असफलता और अ स ता म
योगदान दे ते ह। हो सकता है हमम ऐसे गुण ह , जो लोग को र रखते ह और अ छे
गत संबंध म बाधक ह । हो सकता है कुछ कमज़ो रयाँ और अ मताएँ हम परेशान
करती ह । य द आपको भी ऐसा लगता है, तो आप इस अ छ ख़बर का वागत करगे क
आपका जीवन बदलने क श मौजूद है और आप इसे पा सकते ह। यह अ त श
आपम ई र का जीवन है। इस वराट श पर जब यान क त कर लया जाता है, तो
व म शानदार प रवतन हो जाते ह।

श का ोत
एक आदमी मेरे दे हाती फ़ाम होम म आया। उसके साथ उसक प नी भी थी। वे
तभासंप लोग थे और चच नह जाते थे। प त काशक था, प नी ले खका थी - दोन ही
असाधारण प से स म थे। काशक ने कहा, “हेलन और म खी तथा कुं ठत रहते ह।
शारी रक से हमम से कोई भी वाक़ई अ छा नह है। जीवन नीरस हो गया है। दरअसल
हम एक अंधी गली म प ँच गए ह। हम मदद क ज़ रत है।” उसने आगे बताया क दोन
क ही सृजना मकता कम हो रही थी। फर उसने कहा, “हम जैसे ह, वैसे नह रहना

े े े े े े े
चाहते। हम अपना कायाक प करना चाहते ह, जसके बारे म आप हमेशा बात करते रहते
ह। हम यह कैसे कर सकते ह ”
वे अधुनातन लोग क ेणी म आते ह, इस बात को यान म रखते ए म सोचने लगा
क या वे उस श से संपक करने क बु नयाद सरलता को वीकार कर पाएँगे, जसका
वे पता पूछ रहे थे। इस लए मने कहा, “आप अपनी वतमान थ त से असंतु ह, या यह
सही है आप कतने असंतु ह ”
“पूरी तरह,” उ ह ने जवाब दया।
“ या म यह समझूँ क आप बदलना चाहते ह और इसी समय बदलना चाहते ह ”
उनका जवाब हाँ म था।
फर मने पूछा, “ या आप इसी समय अपना जीवन हर उस चीज़ से अलग करने के
इ छु क ह, जो ई र के ता पय के वपरीत है और मेरा मतलब है हर चीज़ ”
इसके लए या ज़ रत होगी, इस बारे म कुछ बातचीत करने के बाद यह प हो गया
क वे अपना जीवन बदलने क श इतनी श त से चाहते थे क पूरे रा ते जाने को तैयार
थे।
फर हम आ या मक भाव- वरेचन क या म शा मल ए, जसम े ष , श ुता
और अ य मान सक फोड़ वाले ग़लत नज़ रय को ईमानदारी से ख़ाली करना शा मल था।
यह प था क उनका इरादा प का था। वे धोखा नह दे रहे थे।
मने कहा, “दे खए, कोई इंसान आपको जीवन बदलने क श नह दे सकता। सफ़
ई र ही ऐसा कर सकते ह। इस लए या अब आप ख़ुद को ई र के त सम पत करना
चाहते ह या आप उ ह अपने तारणहार और नया जीवन दे ने वाले के प म वीकार
करते ह ”
उन दोन ने समपण क वन और स ची ाथना क । जब भी आव यकता क
जाग कता और पूरी ईमानदारी का मलाप होता है, तो श हमेशा मल जाती है। वे इसे
चाहते थे, उ ह ने इसे माँगा, उ ह यह मल गई। आगामी महीन म उनम उ लेखनीय
प रवतन आ। उ ह जीवन का नया अथ, यादा गहरी ख़ुशी और यादा संतु मली।
जब वे अगले वसंत म लौटे , तो ज़दा दल और आदश वा य म दख रहे थे। वे हर
चीज़ को लेकर रोमां चत थे। हेलन तो आ ाा दत थी। “मने कभी इतना सुंदर वसंत नह
दे खा। आसमान यादा नीला है, धूप यादा सुनहरी है, प य के गीत यादा मधुर ह।”
वे रे णादायक लेखन म अपनी यो यता का इ तेमाल करने लगे। उ ह ने जो अ त
नई श खोजी थी, उसे वे सर तक प ँचाने लगे, ता क वे भी इसे हा सल कर सक।

ी ो ै
आपका पा रवा रक जीवन सुखद हो सकता है
पा रवा रक इकाई - प त-प नी, बेटा-बेट , सास-ससुर, दादा-दाद - म ख़ुशी या नाख़ुशी, ेम
या फर ग़लतफ़हमी व संघष क भारी संभावना या आशंका रहती है।
जब कोई प रवार ेम और आपसी स मान के माहौल म रहता है, तो इसके फल व प
संभवतः पृ वी पर जीवन क सबसे सुखद अव था उ प होती है। ले कन जब ग़लतफ़हमी
और संघष क वजह से पा रवा रक माहौल गड़बड़ हो जाता है, तो एक अ व थ अव था
उ प होती है, जसका सभी के जीवन पर वपरीत भाव पड़ता है, ख़ास तौर पर ब च के
जीवन पर।

जीवन के कायाक प के 10 क़दम


1. अहसास कर क आपके जीवन को बदलने क श ई र म आ था के ज़ रये
आती है।
2. ख़ुद को और अपनी सारी सम या को ई र के हवाले कर द।
3. तनावर हत आ था के स ांत का अ यास कर - “सब कुछ छोड़ो और ई र को
पकड़ो।”
4. ई र से एक नया जीवन जीने क श माँग। यक़ न कर क वह इसे दान
करेगा।
5. यू टे टामट पढ़ और ईसा मसीह के वा त वक श द क सूची बनाकर उ ह याद
कर ल।
6. ख़ुद से पूछ क ई र या करते। फर वही करने क को शश कर।
7. दै नक ाथना क आदत डाल। ाथना के लए न त समय अलग रख ल और
इ ह शीष ाथ मकता द।
8. यू टे टामट को शु से आ ख़र तक पढ़; उन अंश का अ ययन करने के लए
ठहर, जो आपको ख़ास तौर पर आक षत करते ह ।
9. अपनी चेतना को ई र-क त वचार से सराबोर कर ल।
10. लोग के त ेम और स ाव का अ यास कर।

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कसी भी उ के ता कक, बु मान, संजीदा इंसान अगर चाह, तो शां त म और दरअसल
सुखद संबंध म भी एक साथ रह सकते ह। य द आपके प रवार का माहौल ऐसा नह है, तो
याद रख क आपम अपना और अपने प रवार का जीवन बदलने क श है।
सुखद पा रवा रक संबंध बनाने के लए कौन से क़दम उठाए जा सकते ह
1. इसे ख़ुद से शु कर । यह नणय ल क आप अपने भीतर वह ख़ुशी क भावना
जा त करगे, जो पा रवा रक माहौल को नया बना सके।
2. ख़ुद से यह सवाल पूछ । “म ख़ुद प रवार क ख़ुशी म योगदान दे रहा ँ या म
प रवार के ख म योगदान दे रहा ँ सु न त कर क आप इस सवाल का जवाब
पूरी ईमानदारी से द।
3. अपने भीतर पल रहे कसी भी तरह के अ व ास या श ुता को बाहर कर द ।
प रवार म हर एक के साथ न सफ़ ेम के साथ, ब क उनक राय के त
स मानजनक वहार करने क आदत डाल। उ ह स चा आदर द।
4. ख़ुद को ेम “जीव” मान और ेम से काय कर । अपने प रवार को यह न बताएँ क
आपने इस नए तरीक़े से काम करने का नणय लया है। बस इसे कर द। वे इसे हण
कर लगे। आपके ारा डाले गए नए भाव का असर होगा।
म आपको अ ारह-उ ीस साल के एक युवक के बारे म बताना चाहता ँ, जो न त
प से “वतमान” पीढ़ का था - अपनी पीढ़ को छोड़कर बाक़ सबके त व ोही
और तर कारपूण। उसके माता- पता नाराज़ थे, पी ढ़य के बीच क खाई यादा
चौड़ी ई, प रवार बखरने लगा और पूरे घर का माहौल खद था।
फर इस लड़के को ई र के साथ एक गहरा आ या मक अनुभव आ। फल व प
उसने नणय लया क संसार क सम या का ह सा बनने के बजाय वह इसके
समाधान का ह सा बनेगा। वह अपने वचार पर तो अटल था, ले कन अब वह
सर क राय का स मान करने लगा और उसने प रवार म ेम का अ यास शु
कया। वह अंदर से स और ेममय बन गया। प रणाम प रवार यादा
गहरे तर पर एक सरे से जुड़ा। उसने सर म प रवतन को े रत कया। प रवार
एक इकाई बन गया, जहाँ हर एक सरे से ेम करता था और एक- सरे का
स मान करता था।
5. छोटे ह या बड़े प रवार के हर सद य को य के प म एक- सरे का स मान
करने के लए ो सा हत कर । हर को एक- सरे को वीकार करना चा हए
और हर एक को उसके असली व प म रहने क अनुम त दे नी चा हए। व
क पहचान का हमेशा स मान होना चा हए। इससे प रवार के भीतर ेमपूण स ाव

ौ औ ो ी ै ी ौ
का माहौल बन जाएगा और - जो उतना ही मह वपूण है - स ची समझ का माहौल
भी बन जाएगा।
6. यथाथवाद बन । यह उ मीद न कर क हर तुरंत ही बदल जाएगा या यह
प रवतन आसानी से हो जाएगा। लंबे समय से पाले गए े ष का तरोध हो सकता
है और पूवा ह भी हो सकते ह, जो धीरे-धीरे ही कम हो सकते ह। अहम बात यह है
क कसी को प रवतन क शु आत करनी होगी और वहाँ से यह र तार पकड़ लेगा।
7. गहरी आ था वक सत कर और प रवार के भीतर तथा सभी पा रवा रक जुड़ाव म
मागदशन के लए ई र पर व ास कर । जब बाइबल कहती है, “ई र मकान
बनाता है; उसके सवा जो मकान बनाते ह, वे थ म म करते ह,” तो यह इस
कालजयी स य क याद दलाती है क धा मक आ था वाले प रवार ऐसी सम या
से उबर जाते ह और ऐसी थ तय का सामना कर लेते ह, जहाँ ना तक प रवार
अ सर असफल हो जाते ह।
8. प रवार के हर सद य के लए ाथना क एक न त, गंभीर योजना शु कर । जो
इस तरह क नय मत ाथना करता है, भले ही वह सर से इसका ज़ न
करे, वह समय के साथ सर म भी एक नया, अ या म-क त नज़ रया अचेतन प
से े रत करेगा। जब ाथना पूरे प रवार क सामू हक ग त व ध बन जाती है, तो
सद य यादा गहरे साहचय म एक साथ वकास करगे। यह काफ़ सच है क जो
प रवार एक साथ ाथना करता है, वह एक साथ बना रहता है।
बीस साल क एक लड़क ख़ुद को खोजने क को शश म काफ़ परेशान थी। उसका
नज़ रया ब त चड़ चड़ा और श ुतापूण था, ख़ास तौर पर अपने पता के त।
ले कन एक रात उसने उ ह घेर लया। वह बोली, “डै डी, आप सचमुच अ छे हो।
वा तव म, आप ब त अ छे हो। मुझे बताओ क आप या कर रहे हो। सच-सच
बताना।”
तब उसके पता ने उसे बताया क वे ाथना क एक योजना पर चल रहे थे, ता क वे
अपने जीवन और नज़ रय को बदल सक, ता क वे बेहतर पता, बेहतर प त, प रवार
के बेहतर सद य बन सक। वे झझके और फर नरमी से बोले, “म हर एक के लए
ाथना करता ँ, ख़ास तौर पर तु हारे लए; य क मुझे लगता है क हमारे तमाम
टकराव के बावजूद मेरे दल म तु हारे लए एक ख़ास भावना है।”
बेट ने कहा, “म जानती थी क आप कुछ कर रहे ह।” फर उसने कई स ताह बाद
पहली बार अपने पता को यार से थपथपाया। कुछ ही दन म ये पता-पु ी क़रीब
आए और समय के साथ उनक अंतरंगता से अंततः पूरे प रवार का माहौल बदल
गया। उ ह ने यह सा बत कर दया क एक इंसान म पा रवा रक जीवन बदलने क
श होती है।
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आप अपनी नौकरी का आनंद ले सकते ह
य द कोई इंसान अपना जीवन बदलना चाहता है, तो शायद उसे अपनी नौकरी
बदलनी होगी। नौकरी बदलने के दो तरीक़े होते ह। प तरीक़ा तो यह है क आप
इस समय जो नौकरी कर रहे ह, उसे छोड़कर सरी नौकरी कर ल। ले कन य द आप
यह करते ह, तो आम तौर पर आप यह मानकर चल रहे ह क आप अपनी वतमान
नौकरी म जन चीज़ को नापसंद करते ह, वे सभी नई नौकरी म नह ह गी और नई
नौकरी म हर चीज़ सफ़ अ छ होगी। ज़ा हर है, यह हमेशा सच नह होता है।
मानव वभाव का एक नयम है, जसे यान म रखना होता है: आप जहाँ भी
जाते ह, ख़ुद को साथ ले जाते ह। आप कभी ख़ुद से र नह जा सकते। इस लए
जब आप कसी ख भरी पुरानी नौकरी से नई नौकरी म जाते ह, तो आप ख़ुद को भी
साथ ले जाते ह। इसका मतलब यह है क पुरानी नौकरी म आपम जो कमज़ो रयाँ
और ग़लत नज़ रये थे, वे उ साह के पहले आवेग के बाद नई नौकरी म भी रहगे।
इस लए नौकरी बदलने का सरा तरीक़ा ख़ुद को बदलना है। यह वतमान नौकरी के
ढाँचे के भीतर कया जा सकता है।
एक आदमी ने मुझसे अपनी नौकरी के बारे म सलाह ली। उसने कहा क इसम
कोई अवसर नह था। यह एक बंद गली थी। वह इसे छोड़कर कसी सरे े म
जाना चाहता था। मने उसे नौकरी बदलने का ऊपर वाला वचार बताया। फर मने
एक सफल ग तशील के नाम का ज़ कया। “आप या सोचते ह, अगर
आपक वतमान नौकरी म. मथ के पास होती, तो वे या करते ”
उसने एक मनट तक सोचकर कहा, “दे खए, मुझे यक़ न है क वे इसे सफल
बना दे ते; वे हमेशा हर चीज़ को सफल बना दे ते ह।”
“हाँ, ले कन वे इस नौकरी म सफल कैसे ह गे ” म जुटा रहा। “वे या करगे ”
इस पर उसने जवाब दया, “म नह जानता क वे या करगे ”
“दे खए, य न कुछ दन यह सोचने क को शश कर क बेहद सफल म.
मथ इस नौकरी म या करगे। फर आप भी वही कर द।”
बाद म वह काफ़ बेहतर नज़ रये के साथ लौटा। उसने कहा, “ म. मथ जो
करगे, वह करने का एकमा तरीक़ा यह है क म म. मथ जैसा ब हमुखी
बन जाऊँ। वे सकारा मक वचारक ह। लगता है, मुझे सकारा मक सोच का अ यास
भी शु कर दे ना चा हए।” ो साहन पाने पर उसने अपने नए मान सक नज़ रये का
अनुसरण कया और ख़ुद पर काफ़ सृजना मक मेहनत क । नौकरी म उसका
दशन बेहतर हो गया। अपनी वतमान नौकरी म ही ख़ुद को बदलने से उसे नई
नौकरी मल गई।
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आप अपने व क बैसा खयाँ क फक सकते ह
कुछ लोग असुर त होते ह और लड़खड़ाते व को ऊपर उठाने के लए
बैसा खय का सहारा ले लेते ह। अ मता क गहरी आंत रक भावना से सामना होने
पर और सम या से जूझने म ख़ुद को अ म मानकर वे बैसा खय क तरफ़ जाते
ह: मसाल के तौर पर, नशीली दवाएँ या शराब या बा यकारी पेटूपन। या वे कसी
सरी तरह हीनता क खद भावना क भरपाई करने क को शश करते ह। ऐसे लोग
दरअसल जो चाहते ह, वह है उनके जीवन को बदलने क श ।
ईसा मसीह म बैसा खय को हटाने क कमाल क क़ा ब लयत थी। पूल ऑफ़
बेथे डा के पास वाले आदमी का संग याद है एक कवदं ती थी क जब भी कोई
दे व त पानी को हलाएगा, तो सबसे पहले अंदर जाने वाले का इलाज हो
जाएगा। यह आदमी बरस से पूल के पास लेटा आ था, जब तक क उसने लूले-
लँगड़ और अंध के बीच दजा हा सल नह कर लया।
यह थ त उसके म त व के लए बैसाखी बन गई। उसने बहाना बनाया
क वह कभी पानी म पहले नह जा सकता। सच तो यह था क वह ठ क होना ही
नह चाहता था, य क फर उसे ज़दगी का सामना करना पड़ता।
ले कन ईसा मसीह मानव मन क आंत रक काय व ध जानते ह, इस लए वे सीधे
उसक चेतना तक प ँचे। उ ह ने पूछा, “ या तुम सचमुच ठ क होना चाहते हो ”
वह आदमी उनक सीधी नगाह के सामने कसमसाया, ले कन फर उसे पहली बार
उ मीद महसूस ई। उसने ढ़ता से जवाब दया, “हाँ, म ठ क होना चाहता ँ।” ईसा
मसीह ने उसे आदे श दया क वह अपने पैर पर खड़ा हो जाए, बैसाखी र फक दे
और सचमुच जीना शु करे।
आज एक बैसाखी का ब त ापक उपयोग होता है और यह है शराब। म
रसे शन म एक आदमी से मला, जसने कई कॉकटे ल चढ़ा ली थ और उनके भाव
न त प से नज़र आ रहे थे। उसने पूछा, “यह म य करता ँ दरअसल म इसे
पसंद नह करता ँ। ले कन या क ँ , मेरे अंदर काफ़ संकोच है और बातचीत म म
चुप रहता ँ। कुछ कॉकटे ल पीने के बाद मेरी ज़बान चलने लगती है और म अंतमुखी
से ब हमुखी बन जाता ँ। शराब के सहारे के बना म सामा जक से क़तई अ छा
नह ँ।”
मेरा अनुमान है क ब त से लोग इसी कारण से शराब पीते ह। दरअसल, वे एक
बैसाखी का सहारा ले रहे ह। अ छ बातचीत और सं ेषण के लए आपको तो बस
चीज़ म उ साही बनने क ज़ रत है। आपको शराब क बैसाखी पर लँगड़ाकर
चलने क क़तई ज़ रत नह है।

ै ोी ी ैऔ
खद बात यह है क इस तरह क नभरता शराबख़ोरी म बदल सकती है और
अ सर बदलती भी है, जो पराजय के सबसे घातक कार म से एक है। शराबी
दरअसल पंगु बन जाता है।
बहरहाल, ऐसे इंसान का इलाज संभव है। इस या म एक मह वपूण सं था
है ए कोह ल स एनॉ नमस, जसका ब त ही उ दा रकॉड है क यह लोग को
उनका जीवन बदलने क श दे दे ती है। हमने ई र क श के ज़ रये कई
आ यजनक पुन ार होते दे खे ह। यह श हमेशा उपल ध है, ले कन इसे पाने
के लए शराबी को उस ब तक प ँचना होता है, जहाँ वह ई र पर पूरी तरह से
नभर रहे और ख़ुद पर उसक कोई भी आर त नभरता न रहे।
इस लए ई र के नाम पर अपनी बैसाखी र फक द और जीवन का भरपूर
आनंद ल।
अ याय 6

आशावाद

मेरा एक भ व य है

भ व य क सव े मागद शका
आपके पास एक भ व य है आप अपनी संभावना के बारे म चाहे जो महसूस करते
ह बुरी ख़बर फैलाने वाले आपको चाहे जो बताते ह , इस सबके बावजूद आपके पास
सचमुच एक भ व य होता है।
चाहे प र थ तयाँ कतनी ही मु कल ह चाहे डगर कतनी ही क ठन हो चाहे
आप कतने ही हताश ह , आपके पास एक भ व य होता है।
आप चाहे जतने बूढ़े थके ए या बीमार महसूस करते ह , इसके बावजूद आपके पास
एक भ व य होता है। आपके हसाब से जीवन और प र थ तय ने आपके साथ चाहे
जतना अ यायपूण वहार कया हो, याद रख, हमेशा याद रख, आपके पास एक भ व य
होता है
भ व य आज एक बड़ा कारोबार बन चुका है। ऐसा लगता है क कई लोग अब
यो तष और ज मप य पर जी जान से भरोसा कर रहे ह। कहा जाता है क यो तष का
उ म चा डया म और फ़ारस क खाड़ी के आस-पास आ। चा डया और बै बलॉन के
राजा के यहाँ यो त षय को नौकरी द जाती थी, जो भ व य के बारे म उ ह सलाह दे ते
थे। म के फ़राओ भी यो तष का इ तेमाल करते थे। ऐसा लगता है क आज
यो त षय का बाज़ार एक बार फर गम हो चुका है। अमे रका म 1,750 दै नक

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समाचारप म से 1,220 यो तष का कॉलम और ज मप ी छापते ह। लोग भ व य के
बारे म च तत ह, इस लए ज मप य म च लेते ह।
एक बड़े बुक टोर म मने दे खा क यो तष और तं -मं व ान क पु तक तीन टे बल
पर रखी थ । धा मक पु तक के लए सफ़ एक ही टे बल रखी गई थी। ज़ा हर है, जब
भ व य अ न त नज़र आता है, तो कई लोग तस ली और मागदशन पाने के लए
अजीबोगरीब, जा ई ोत क ओर भी मुड़ सकते ह।
बहरहाल, यह अ याय आपको यह याद दलाने के लए लखा गया है क ई र के पास
आपके भ व य, आपके दे श के भ व य, पूरे व के भ व य का जवाब है। समझदारी भरा
काम यह है क हम ख़ुद को उनके हाथ म रख द, य क वे भ व य के बारे म, आपके
भ व य के बारे म सब कुछ जानते ह। यह बेहतरीन भ व य पाने का रह य है। तो फर
इंसान अपने भ व य का अहसास कैसे करे सबसे पहले तो एक वैचा रक साँचा वक सत
करके, जो भ व य क आशावाद अवधारणा के चार तरफ़ बना हो। भ व य के बारे म
सोच; भ व य के बारे म बोल , भ व य पर व ास कर , भ व य के काय कर । इस आधार
पर जएँ क पुराना अतीत म है, नया यहाँ है और आने वाला है।

जब भ व य न नतम ब से ऊपर उठता है


यह सचमुच ब त खद है क मु कल या बीमारी या हताशा वाले लोग अपने भ व य को
कम आँकते ह। मसाल के तौर पर, जब कुछ समय पहले मेरी प नी और म इटली म थे, तो
हम ऐसे ही एक से मले। पूरा क़ सा यह है। एक दन मसेज़ पील ने ऐलान कया
क वे एक पूची े स ख़रीदना चाहती ह। मने पूछा, “पूची े स या होती है मने इसके बारे
म कभी नह सुना।”
उ ह ने मुझे जानकारी द , “पूची े स लोरस के पूची नाम के डज़ाइनर ारा बनाई
जाती है। वे ब त अनूठ होती ह और वह हर े स पर साइन करता है।”
मने मज़ाक़ म कहा, “ जस भी चीज़ पर साइन होते ह, उसम ब त पैसे ख़च होते ह।”
“ले कन यहाँ यह े स यू यॉक से काफ़ कम दाम म मल रही है” उ ह ने मुझे बताया।
मने हार मानते ए कहा, “ठ क है, मुझे ख़ुशी है क हम इस पर थोड़ा पैसा बचा
लगे ”
जब म रसे शन म म बैठा था, तो एक आदमी अंदर आया और ऐसा लग रहा था क
उसे जबरन ख चकर लाया गया था। वह एक लंबा-तगड़ा आदमी था, जसक प नी छोट
सी थी, ले कन साफ़ समझ म आ रहा था क कसक चलती है। उसने मेरी तरफ़ सर
हलाकर पूछा, “ या आप अमे रक ह ”
“हाँ,” मने जवाब दया, “ या आप भी अमे रक ह ”
“ ँ”औ े “ ी ो ँ ी ई
“हाँ,” और फर रह यमय ढं ग से पूछा, “ या आपक प नी आपको यहाँ घसीट लाई
है ”
मने वीकार कया, “मुझे लगता है क उसने ऐसा ही कया है।” उसने मुझसे पूछा क
म या कर रहा ँ। “ओह, या ा कर रहा ँ, एक-दो ा यान दे रहा ँ, छोट छु याँ मना
रहा ँ। आप या कर रहे ह ” मने पूछा।
उसने कहा, “म पगला गया ँ। म तीन स ताह से वहाँ नान कर रहा ँ।”
मने ट पणी क , “मुझे यक़ न है क इससे आपको फ़ायदा आ होगा।”
“मुझे नह पता। मुझे बताया गया था क छह महीने तक कोई फ़क़ नह दखेगा,
ले कन,” उसने आह भरी, “म आपको सच बताऊँ, तो मुझे उनम यादा व ास नह है।
आप जानते ह, म बूढ़ा हो रहा ँ और इस बारे म कोई यादा कुछ नह कर सकता। आइए
सच का सामना कर, मेरे पास कोई भ व य नह है।”
मने कहा, “दे खो दो त, आपको इस तरह क बात नह कहनी चा हए। आपको तो ख़ुद
से कहना चा हए, ‘म जानता ँ क ये नान मेरा ब त यादा फ़ायदा करने जा रहे ह।’
आपको कहना चा हए क म बूढ़ा नह ँ। म श और वा य से भरपूर ँ और म
सृजना मक तरीक़े से जीने वाला ँ। आप जस तरह से बात कर रहे ह, आपको उस तरह से
नह सोचना चा हए।”
मेरा सुझाव सुनने के बाद वह बोला, “आप एक बात जानते ह आप अमे रका वाले
एक आदमी क तरह बोल रहे ह, जसने कभी सकारा मक सोच पर एक पु तक लखी
थी।” जब मने उसे बताया क वह उसी इंसान से बात कर रहा है, तो उसे इस बात पर बड़ी
मु कल से व ास आ
यह कहते ए ज़दगी न गुज़ार द, “म अ छा महसूस नह करता।” “म थक चुका ँ।”
“मने अपना उ साह खो दया है।” “म बूढ़ा हो रहा ँ।” “म कसी लायक़ नह ँ।” “मेरा
कोई भ व य नह है।” इस तरह क बातचीत ग़लत क़ म क सोच से उ प होती है और
यह अपने भ व य को बरबाद करने का अचूक तरीक़ा है। इसके बजाय यह ढ़ कथन कह,
“म ख़ुश ँ; म उ साही ँ; ई र क कृपा से मेरे पास एक भ व य है।”

उसे उसका भ व य मल गया


आइए, म आपको पेन स वे नया के एक का प बताता ँ।

यहाँ म जो भी श द लखता या बोलता ँ, वे उस कृत ता को कभी


नह कर सकते, जो म आपके लए महसूस करता ँ। आपने

े ई े े ो े े े
मुझे ई र के ेम को समझने का अवसर दया, जससे मेरा पूरा
जीवन बदल गया।
तीन साल से यादा समय पहले मने कॉलेज क पढ़ाई छोड़द
थी। मुझे बमु कल “सी” एवरेज मला था और मुझे महसूस आ
क कॉलेज म मेरी च का कुछ भी नह था। दे खए, मने कॉलेज क
पढ़ाई छोड़कर एक बेहतरीन तथा अ त म हला से शाद कर ली।
मुझे एक गैस टे शन म ही नौकरी मल पाई, ले कन वह पूरी तरह मेरे
साथ थी। हालाँ क मने थोड़ी ग त क और अ छ आमदनी कमाने
लगा, ले कन मुझे हमेशा महसूस आ क कसी चीज़ क कमी थी।
फर मेरे बेटे और बेट के ज म के बाद एक दन मुझे अहसास आ
क मेरा कोई भ व य नह था। यह ब त बुरी भावना थी। म जानता
था क जस ऑइल कंपनी म म काम कर रहा था, उसम तर क
करने के लए मुझे दोबारा कॉलेज लौटना होगा, ले कन असफलता
और असुर ा का डर मुझे पीछे रोक रहा था।
फर एक साल पहले वह शानदार दन आया, जब मने आपक
पु तक ख़रीद और मेरा जीवन बदलने लगा। इस पु तक ने मुझे एक
ऐसा ई र दखाया, जसे म कभी नह जानता था; एक ऐसा ई र जो
इंसान क मदद करना चाहता था। म ाथना करने लगा, न सफ़ ख़ुद
के लए, ब क सरे लोग के लए भी। म ई र से बात करने लगा।
महीन बाद पहली बार मुझे आ म व ास और शां त का अहसास
मला। मेरे म ने इस फ़क़ पर ग़ौर कया और जन लोग को म
नापसंद करता ँ, उ ह ने भी मेरी ाथना पर त या क और
हमारे बीच म ता हो गई।
आपक पु तक द पॉवर ऑफ़ पॉ ज टव थ कग ने मुझे कॉलेज
म दोबारा पढ़ने का साहस दया। ले कन मेरी दनचया मु कल थी,
य क म शाम को स ताह म 45 घंटे क नय मत नौकरी करता रहा,
जब क दन भर कॉलेज क पढ़ाई करता रहा। हर चीज़ मेरी क पना
से भी बेहतर सा बत ई। मेरा प रवार और म पहले कभी इतने ख़ुश
नह रहे थे; नौकरी म मेरा दशन ब त यादा बेहतर हो गया। मुझे
4.0 या सीधे “ए” ेड के औसत के साथ कॉलेज म डीन क सूची म
चुना गया।
ले कन मुझे कहना होगा क म इसके ब त कम ेय का हक़दार
ँ। ेय तो सही मायने म आपको और ई र को मलना चा हए।
आपने मुझे सखाया क अपने जीवन म ई र क श को कैसे
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खोजना है और मने एक प त ईज़ाद क , जसक बदौलत मुझे हर
दन ई र से बात करने का समय मला।
म हर दन कॉलेज और कामकाज के सल सले म तीस मील क
या ा करता था। म आ ख़री मनट पर घर से नकलता था, ले कन
एक म क सलाह पर म आधा घंटा पहले नकलने लगा।
म एक छोटे डे री माट पर कता था, जहाँ म एक कप कॉफ़ और
एक कप ई र का आनंद लेता ँ। बीस मनट तक म अपने क म
बैठता था, सुकून से कॉफ़ पीता था और ाथना करता था।
म ई र के बना कभी कामयाब नह हो सकता था और आपके
बना म ई र को कभी नह समझ सकता था। इस लए म जो
गमजोशी भरा ेम और कृत ता महसूस करता ँ, उसे श द म
नह कया जा सकता। अब म जानता ँ क मेरा भ व य ब त
शानदार है

ज़ा हर है, इस मनु य का भ व य शानदार है। जब उसे ई र मल गए, तो नराशा,


नकारा मकता, हताशा और कुंठा उसके दमाग़ से बाहर नकल ग ; एक नए नज़ रये ने
उसके दमाग़ क बागडोर सँभाल ली। फर जब उसने कॉलेज म नाम लखाकर अपने
श द को काय प दया, तो उसका भ व य श शाली हक़ क़त बन गया।
जब आप यह पढ़ते ह, तो मेरी बड़ी इ छा है क आपको यह व ास दला सकूँ क
अगर आप यह सोचते रह क आपका कोई भ व य नह है, तो आप अपने भ व य को
कमज़ोर कर सकते ह, शायद न भी कर सकते ह। ले कन अगर आप सचमुच यह व ास
करते ह क आपका एक भ व य है, तो आप सुनहरा भ व य बना सकते ह और इसे ई र
के हवाले कर सकते ह। जीवन म हर दन जागते समय कह, “ई र क कृपा से मेरे पास
एक भ व य है।” आपके पास भ व य हो, यह ई र का ही इरादा था। ई र का इरादा था
क आप और म अं तम पल तक जीवन को जीते रह, भ व य म व ास करते रह और
इसके बाद अमर भ व य क ओर जाएँ। ख़ुद को हर दन बताएँ क ई र क कृपा से मेरे
पास एक ऐसा भ व य है, जो हर उस भ व य से यादा बड़ा है, जो मेरे पास आज तक रहा
है।”

हाईवे पर आ था
शकागो े म एक हाईवे पर एक कार म तीन लोग बैठे थे। टे शन वैगन म डे ल
ुएट् ज़मेकर और उसके प त ए बर के साथ उनक बेट यू भी थी। ै फ़क भारी था और
बा रश क वजह से सड़क चकनी थी। ए बर ने वाहन क क़तार के पीछे अपनी कार

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रोक । तभी उसे पीछे वाले शीशे म बरस क ाइ वग का सबसे ख़ौफ़नाक य दखा। एक
वशाल े लर क हाईवे पर बेक़ाबू होकर फसल रहा था और सीधे उसक कार क तरफ़
आ रहा था।
एक सेकंड बाद ही यह कार से भड़गया और चकनाचूर करने वाली श के साथ
इसके ऊपर गर गया। काँच टू टने और धातु के मुड़ने क आवाज़, गैसो लन का धुआँ,
ख़ामोशी। माँ के घुटने सीने से चपके ए थे और वह बमु कल साँस ले पा रही थी।
मु कल से उसने अपने हाथ और सर हलाया, ले कन कार क दबी-कुचली छत उसके
सर से सफ़ कुछ इंच ऊपर थी। उसके प त का शरीर वकृत थ त म था। उसके फँसे ए
पैर अजीब तरीक़े से मुड़ गए थे। एक पैर नीचे मुड़ा था, सरा पैर कार क टू ट खड़क के
पार नकला था और दै याकार क के बग़ल म दबा आ था। यू पीठ के बल लेट थी और
उसे हलने म मु कल आ रही थी।
कोई भी गंभीर दद म नह था। कसी क भी ह ी नह टू ट थी और कसी को भी ख़ून
नह नकल रहा था, ले कन वे अपनी मदद करने के लए कुछ नह कर सकते थे।
घटना त क ने उनक चकनाचूर कार को ढँ क रखा था। इन तीन ने इस ख़ौफ़नाक
थ त से नबटते समय ई र को इस बात के लए ध यवाद दया क वे अब भी ज़दा ह।
उ ह इस बात का ज़बद त अहसास था क उस बरबाद कार म भी ई र उनके साथ है, जो
उनका कफ़न बन सकती थी।
एक दो ताना चेहरा नज़र आया, जो गुज़रने वाले एक कार चालक का था, जो उन
सभी को ज़दा दे खकर हैरान था। उसने उ ह आ त कया क मदद आ रही है। वे ाथना
करते रहे, जब पलटे ए क का डीज़ल उनके गैस टक क गैसोलीन के साथ मला। एक
छोट सी चगारी इसम आग लगा सकती थी। फर उ ह अहसास आ क कार क छत
धीरे-धीरे नीचे आ रही थी। एक-एक इंच करके क का भारी वज़न दबी ई टे शन वैगन के
आ ख़री तरोध को ख़ म कर रहा था।
एक घंटा गुज़र गया; दो घंटे। अ नशामक दमकल का एक कमचारी ऑ सीजन
सलडर से जुड़ी ूब लेकर आया, जससे उ ह साँस लेने म आसानी ई। ले कन उ ह ने
या कया वे आ था के भजन गाने लगे और उ ह ने एक सरे को तस ली द , “ई र
जानता है क हम कतना सहन कर सकते ह।”
आ ख़रकार वह अ त मह वपूण पल आया, जब े न ने क को उठाया। अगर क
े न से फसल जाता, तो उनक कार का कचूमर बन जाता। इस आशंका से बचने के लए
क के नीचे मज़बूत टे क लगाई गई और घटना के तीन घंटे बाद वे अपनी क़ैद से मु हो
पाए। चम का रक प से ज़दा बचने के बाद उ ह अ पताल ले जाया गया और ज द ही
वहाँ से छु दे द गई। लोग ने पूछा, “आप इतने शांत कैसे थे ”

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उनका जवाब था, “इस संसार म हम ई र के हाथ म ह और यहाँ से जाने के बाद भी
उसी के हाथ म ह गे।” दरअसल, वे यह कह रहे थे, “चाहे जो भी हो, जब हम ई र के
हाथ म होते ह, तो हमारे पास एक भ व य होता है।”
या भ व य का संबंध इस न र जीवन के प रणाम से ही होता है या भ व य क
एक सीमा होती है, जसके पार कुछ नह होता बलकुल नह भ व य असी मत होता है
और अमरता म काफ़ र तक जाता है। समय भ व य को तय नह करता है। उ या
प र थ तयाँ भ व य को तय नह करती ह। य द ई र म आपका भ व य है, तो वह
भ व य हमेशा रहता है।
इस लए म एक बार फर कहता ँ, “आपके पास एक भ व य है ”
अ याय 7

यारह आम सम या को जीतने क मागद शका

मु कल से कै से नबट
1. ढ़ कथन कह । ढ़ कथन कह और तब तक कहते रह, जब तक आपको यह
यक़ न न हो जाए क ई र क सहायता से आप उस मु कल से नबट सकते ह।
2. दहशत म न आएँ । कोई दहशत नह होनी चा हए, य क मु कल को कभी भी
भावना मक तरीक़े से नह सँभाला जा सकता। अपने दमाग़ को हमेशा ठं डा रख।
3. व थत कर । मु कल को व थत कर। इसके टु कड़े कर इसके अवयव त व
का अ ययन कर। आपको नया ान मलेगा।
4. सोच । हमेशा व थ, ता कक ढं ग से सोच।
5. म ही य जब कोई मु कल आए, तो यह न पूछ, “म ही य ” ख़ुद को
प र थ तय का शकार न मान। जीवन इसी तरह चलता है। हर एक के सामने दे र-
सबेर मु कल आती है।
6. धैय । धैय का अ यास कर, य क कुछ मु कल रात रात नह सुलझती ह।
7. वीकृ त । वीकृ त मह वपूण है। ई र को बताएँ क अगर आपको इस मु कल के
साथ जीना पड़ा, तो आप उसक मज़ को वीकार करगे और आपको मालूम है क
वह आपको आव यक श दे गा।
8. सीख । कसी मु कल म नसीहत क तलाश कर, ता क आप भ व य म ऐसी थ त
को अ छ तरह सँभाल सक।

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9. यादा बड़ा । हर दन यह ढ़ कथन कह, “मेरे साथ जो भी चीज़ हो सकती है, ई र
उससे यादा बड़ा है।”
10. सब कुछ छोड़ो और ई र को पकड़ो । जब आपने वह सब कर लया हो, जो आप
कर सकते ह, तो मु कल को इस व ास के साथ ई र के हाथ म रख द क वह
आपको समाधान दखा दे गा।

चता से कै से उबर
1. आदत । चता एक आदत है, जो लंबे समय तक वक सत होती है। जो भी आदत
बन सकती है, उसे छोड़ा भी जा सकता है। इस लए पहला क़दम यह है क चता क
आदत से ख़ुद को मु कर ल।
2. गला दबाएँ । चता श द का मूल अथ है: गला दबाना या दम घ टना। यह आपक
नैस गक ऊजा और भावका रता क आपू त बंद कर सकती है। चता के वचार से
अपना दम न घ ट।
3. मूखतापूण । चता करना मूखतापूण है। यह मान सक ऊजा क मूखतापूण बरबाद
है। यह अनुमान लगाया गया है क आपक 40 तशत चताएँ अतीत के बारे म
होती ह, 50 तशत भ व य के बारे म होती ह और 10 तशत वतमान सम या
के बारे म होती ह। जन चीज़ क चता क जाती है, उनम से 92 तशत तो कभी
होती ही नह ह। बाक़ बची ई 8 तशत चता से आप नबट सकते ह।
4. भूल । अतीत क ग़ल तय के बारे म चता करना छोड़ने का एक भावकारी तरीक़ा
भूलने म कुशल बनना है। अतीत जा चुका है, इस लए इसे भूल जाएँ। हर दन ज़ोर
से कह, “जो चीज़ पीछे छू ट गई ह, उ ह भूलकर और जो चीज़ सामने ह, उन तक
प ँचकर म ई र के उ च आ ान के पुर कार के लए आगे क ओर बढ़ता ँ।”
5. नज़रअंदाज़ कर । महान मनोवै ा नक-दाश नक व लयम जे स ने कहा था,
“जी नयस का सार यह जानना है क कसे नज़रअंदाज़ करना है।” जब चता करने
वाला नज़रअंदाज़ करना सीख लेता है, तो यान कम हो जाता है, तनाव बखर जाता
है और एक नया नज़ रया “इसे जाने दो” हावी हो जाता है। यह चता के इलाज के
लए मह वपूण है।
6. भ व य । भ व य म याह चता क तलाश न कर। काश से भरे भ व य क
तलाश कर, एक ऐसा भ व य जसम ई र आपक हफ़ाज़त करता है। या हो
सकता है, इस बारे म चता न कर; आ था रखकर अ छ घटना का सृजन कर।

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7. न वकार । अगर आप न वकार बनने का नज़ रया सीख लेते ह, तो फर आप
चतातुर नह बनगे। चता या तनाव से परे हटकर यह कह और व ास कर,
“ई र मुझे शांत रख रहा है।”
8. ख़ाली । दमाग़ से कोई भी चीज़ नकाली जा सकती है। इस लए अगर आपने इसम
चता के वचार भर दए ह, तो इसी समय उन वचार को अपने दमाग़ से ख़ाली
करना शु कर द। यह करने का एक तरीक़ा अ धकारपूवक यह ऐलान करना है, “म
इस समय सारी चता, तनाव, डर, असुर ा को अपने दमाग़ से ख़ाली कर रहा ँ।”
9. भ रए । दमाग़ को इस तरह बनाया गया है क यह लंबे समय तक ख़ाली नह रहेगा।
इसे कसी सकारा मक चीज़ से भरना होगा, वरना चता क नकारा मक आदत
दोबारा लौट आएगी। इस लए हर दन जान-बूझकर अपने दमाग़ को श शाली,
व थ वचार से भरने क आदत डाल। ज़ोर से कह, “ई र इस समय मेरे मन म
साहस, श , शां त और व ास भर रहा है।”
10. उप थ त । साहसी जीवन के लए एक ब त महान तकनीक ई र क उप थ त का
अ यास है। यह जान ल क चाहे दन हो या रात, ई र हर मनट आपके साथ है।
हर दन यह ढ़ कथन कह, “ई र मुझे कभी अकेला नह छोड़े गा। म कभी अकेला
नह ँ। उसके साथ म सुर त ँ।”

अके लेपन से कै से नबट


1. संसाधन । अपने भीतर ऐसे संसाधन क तलाश कर, ज ह आप अब तक नह खोज
पाए ह। ऐसे कई संसाधन ह, जनका आप अब तक पता नह लगा पाए ह और
जनसे आप ख़ुद के लए यादा रोचक बन जाएँगे।
2. साथी । या आपने कभी ख़ुद को अ छा साथी माना है, एक ऐसा जसके
साथ रहने म आपको मज़ा आए। कई लोग पाते ह क वे अपने साथ अ छा समय
गुज़ार सकते ह।
3. दलच प । अपने मन को दलच प वचार से भर, रोचक चीज़ कर, रोचक पु तक
पढ़, संसार म हो रही घटना म च ल।
4. भूल । अकेला अपने बारे म सोच-सोचकर अकेलेपन को गहरा बनाता है। ख़ुद
को भूलना जीवन क एक ब त महान क़ा ब लयत है।
5. आनंद । मज़ेदार क़ म के इंसान बन। यादातर समय हँस। हर चीज़ के मज़ेदार
पहलू को दे खने और उसक क़ करने क ती ण यो यता वक सत कर। आप जतने

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यादा मज़ेदार होते ह, आप उतने ही कम अकेले रहगे, य क लोग को मज़ेदार
पसंद आते ह।
6. चुरता । अकेला जीवन बंजर और खद हो सकता है। इसका वरोधी चुर श द है।
ब त सारी ग त व धयाँ रख, ब त सारी चयाँ रख, ब त सारे नए अनुभव ल। अपने
दमाग़ को ब त सारी चीज़ से भर और आपके जीवन म ब त कुछ भर जाएगा।
7. योजना । हर दन क एक योजना बनाएँ। कोई रोचक चीज़ कर, कोई अलग चीज़
कर। ब त सारी जगह पर जाएँ, ब त सारी चीज़ दे ख, ब त से लोग के साथ
प रचय कर।
8. दे ख । आपके चार तरफ़ हर जगह अकेले लोग रहते ह। उनक तलाश कर और वे
आपको मल जाएँगे। चूँ क आप भी अकेले ह, इस लए आप उ ह आसानी से
पहचान लगे।
9. कर । सर के अकेलेपन को कम करने क को शश कर। जो सर के लए चीज़
करता है, वह यादा समय तक अकेला नह रहेगा। आप सर के ख और
अकेलेपन को कम करने के लए जतना यादा करते ह, आपके जीवन का ख और
अकेलापन भी उतना कम हो जाएगा।
10. साहचय । दरअसल, कसी को भी कभी अकेला रहने क ज़ रत नह है। समु के
बीच म एक वीरान टापू पर भी आप अकेले नह ह - कोई आपके साथ है। महान
म के साहचय को वक सत कर।

तनाव को मु कै से कर
1. तनाव त । ख़ुद को स त बनने क अनुम त न द। क पना कर क आप कसी
कसकर खचे रबर बड क तरह ह। अब ख़ुद को ढ ला छोड़द और सामा य व प
म लौट आएँ। अपनी सोच म शां त को तनाव का वरोधी मान।
2. मनट । दन भर म एक-एक मनट क शां त क अव धय को छाँट। पल भर के
लए थर हो जाएँ। ई र के बारे म एक मनट सोच। पहाड़ या बादल को एक
मनट दे ख। दे ख क आप एक दन म ऐसे कतने मनट जमा कर सकते ह।
3. साँस ल । जब तनाव आता महसूस हो, तो एक गहरी साँस ल, फर छोड़। इसे दोबारा
कर। इसे तीसरी बार कर। गहरी साँस अंदर-बाहर करने से तनाव कम होता है।
4. प ी । पल भर के लए एक आरामकुस म बैठ। अपना सर पीछे टका ल। अपने
पैर फैला ल। अपने हाथ उठा ल और उ ह अपने घुटन पर ढ ले गरने द, जैसे कोई

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गीली प ी कसी ल े पर गरती है। कसी ल े पर गीली प ी से यादा तनावर हत
या हो सकता है
5. मान सक च दे ख । आप जीवन म जस सबसे शांत और सुंदर जगह पर रहे ह, एक
पल तक उसका मान सक च दे ख। मृ त के जा से इसे याद कर और उसके पुराने
उपचारक भाव का एक बार फर आनंद ल। मृ त म कसी सुंदर घाट , समु तट
या फूल से भरे बाग क या ा कर।
6. शां त । ई र क शां त क क पना कर, जो समझ से परे है। क पना कर क यह इस
व त आपके मन और शरीर के हर ह से को छू रही है। इसे अपनी आ मा क
गहराई म ा त होता महसूस कर। ढ़ता से और ज़ोर से कह, “ई र क शां त मेरे
तनाव को शां त म बदल रही है।”
7. बहाएँ । चेतन प से और जान-बूझकर अपने दमाग़ से हर उ े जत, हतो सा हत,
तनाव त वचार को बहा द। इन वचार को अपने मान सक यं से बाहर-बाहर-
बाहर वा हत होते दे ख। इ ह छोड़ द, इसी समय।
8. श द । श द क उपचारक च क सा का अ यास कर। कठोर और ककश श द नह ,
ब क सुंदर, मधुर व न वाले, शां तदायक श द बोल। उ ह धीरे-धीरे कह। उ ह
उनके सबसे गहरे भाव से कह। ऐसे श द बोल, जैसे: शां त, व ाम, आराम।
9. एकांत । हर दन दस मनट एकांत म रहना तनाव का श शाली तोड़ हो सकता है।
एकांत के इस समय म क वता पढ़, बाइबल का अंश पढ़, ाथना कर और मनन कर।
य द यह या हर दन दोहराई जाती है, तो यह तनाव को कम कर दे गी।
10. दोहराएँ । आगे तनावर हत करने वाले जो कथन दए गए ह, उ ह हर दन और रात
को तीन बार दोहराएँ, य द संभव हो तो ज़ोर से: “ जसका मन आपम रमा है, उसे
आप पूण शां त म रखगे;” “तुम सभी, जो म करते हो और तुम भारी बोझ से लदे
हो, मेरे पास आओ और म तु ह आराम ँ गा;” और “म तु ह शां त दे ता ँ: उस तरह
नह , जस तरह संसार दे ता है, ब क उस तरह जस तरह म तु ह दे ता ँ। अपने
दय को परेशान मत होने दो, न ही इसे भयभीत होने दो।”

ख का सामना कै से कर
1. दशन । सबसे पहले तो इंसान को यह दाश नक अहसास होना चा हए क मानव
अनुभव म कुछ अप रहाय चीज़ ह, जो हमम से हर एक के पास आएँगी। ऐसा दशन
आपको ख के लए तैयार कर दे गा और जब वह अप रहाय चीज़ होगी, तो उसका
सामना करने म आसानी होगी।

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2. अ छाई । ई र ने जो कुछ भी तय कया है, वह कभी बुरा नह होता है। इस लए
हमारे ख के पीछे भी ई र का कोई न कोई अ छा मक़सद होगा। उसक अ छाई
आपके यहाँ से जा चुके यजन को द जाती है और यह आपको भी द जाती है,
जो इस व त यह ह।
3. जारी रख । अपने सामा य पुनः अनुकूलन के लए पहले क तरह ही स य जीवन
जीते रह। अपने यजन क य जगह से न कतराएँ। पहले क तरह ग त व धयाँ
जारी रख; समय के साथ आपको इस बात से तस ली मलेगी क आपका यजन
भी यही चाहता क आप ऐसा ही कर।
4. खोना । कभी यह न कह क आपने अपनी प नी, प त, ब चे, भाई या बहन को
“खो” दया है। क व के श द को याद कर, “ ेम कभी इसके अपने को नह खोता
है।” आपने उस यजन को नह खोया है; वे तो बस एक नए आयाम म जी रहे ह
और ब त यादा र नह ह।
5. मकान । खी दय पूछता है, “मेरा यजन कहाँ है ” इस सवाल का जवाब
आसान है। आपका यजन परम पता के कई महल के मकान म है, ेम व स दय
से घरा है, और अ छा, श शाली व ख़ुश है। बस ख़ुद को बता द क वह पूरी तरह
से अ छा है - बलकुल अ छा।
6. मल । पुराने भजन को याद कर, “मधुर वदा म, हम उस सुंदर तट पर मलगे।” इसे
त य के प म, स चाई के प म याद रख। ई र ने यह संभव बनाया है क हम
यहाँ मल और वह इसे भी संभव बनाएगा क हम “वहाँ पर” मल।
7. उपचार कर । अपने ख का उपचार करने का सबसे अ छा तरीक़ा कसी सरे के
ख का नदान है। जब आप सहानुभू त व ेम दे ते ह, तो यह दोगुना होकर आपक
ओर लौटता है। अपने प र चत सभी खी लोग क सूची बनाएँ। उ ह तस ली दे ने
क को शश कर। इससे आपको ख़ुद भी आराम और नदान का आ यजनक
अहसास होगा।
8. आ मसात कर । ख़ुद के बारे म यह महान त य जान ल: ई र क कृपा से आप
कसी भी अनुभव को, चाहे यह कतना भी खद हो, आ मसात कर सकते ह और
वजयी बनकर वापसी कर सकते ह। मानव वभाव म एक सामंज यपूण और
लचीली णाली होती है। जब कसी म गहरी धा मक आ था होती है, तो ख
से उबरना यादा आसान हो जाता है।
9. अ भ । अपने ख को सामा य अ भ द। इसे बोतल म बंद करने या इस
पर ताला लगाने क को शश न कर। ई र ने आँसू एक उ े य से बनाए थे और इनका
मक़सद राहत दे ना था। आँसू व पीड़ा है। अपने ख पर श मदा न ह या इसे दबाने
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क को शश न कर। रोकर और ाथना करके इसे बाहर नकाल द; आपको शां त
मल जाएगी।
10. पुनज वन । शायद ख का सबसे महान उपचार आ था म मलता है। ईसा मसीह के
महान श द को दोहराएँ, जो आपके ख को समझते ह। ऐसे कथन का इ तेमाल
कर, “ईसा मसीह ने कहा था क म जीवन और पुनज वन ँ। जो मुझम व ास
करता है, भले ही वह मर जाए, ले कन वह जएगा जो भी जीता है और मुझम
व ास करता है, वह कभी नह मरेगा।”

हीन भावना का इलाज कै से कर


1. स म । स म, भावी और सफल के प म अपनी मान सक तसवीर बनाएँ।
इस तसवीर को ढ़ता से अपने मन म बैठा ल और कसी भी कार क आ म-शंका
से मटने न द। ज द ही आपक मान सक याएँ आपक इस तसवीर को साकार
करने के लए काम म जुट जाएँगी।
2. र कर । जब भी अपने बारे म या अपनी यो यता के बारे म कोई नकारा मक
वचार मन म आए, तो इसे तुरंत नरथक, अस य और अयथाथवाद करार दे कर र
कर द। आप जतनी यादा श से इसे र करते ह, यह उतना ही यादा कमज़ोर
बन जाएगा और एक समय यह पूरी तरह ग़ायब हो जाएगा।
3. बाधाएँ । कभी भी कसी भी तरह क बाधा से दहशत म न आएँ। बाधा को
यथाथवाद अंदाज़ म दे ख, फर ढ़तापूवक कह क - ई र क सहायता से - आप
इससे सफलतापूवक नबट सकते ह।
4. भय । कभी कसी या समूह से भयभीत न रह। कभी कसी सरे क नक़ल न
कर। आप अनूठे ह, इस लए ख़ास ह। आप जैसे ह, अपने त स मान रख और
सर को नडरता से दे ख।
5. बारह । अगर बारह श शाली श द पर ज़ोर दया जाए और उन पर व ास कया
जाए, तो वे सारी हीनता और अ मता क भावना का इलाज कर सकते ह। इन बारह
श द को हर दन कम से कम बारह बार दोहराएँ - संभव हो, जो ज़ोर से। उ ह सोते
समय कह, ता क वे अचेतन म रस जाएँ। ये श द ह: “य द ई र हमारे साथ है, तो
हमारे ख़लाफ़ कौन हो सकता है ” “हमारे” क जगह पर “मेरे” कर ल।
6. समझ । जब आप अपनी हीन भावना के कारण समझ लेते ह, तो आप उन पर
वजय पाने क राह पर ह। जानना और समझना उपचार क शु आत है। हीनता क
भावनाएँ आम तौर पर बचपन म शु होती ह और अ सर रह य से ढँ क जाती ह।

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यह उ ह अं तम मान लेता है। ले कन वे वाभा वक नह ह, उ ह सीखा जाता है।
उ ह समझ और वतं हो जाएँ।
7. मज़बूत कर । हीनता का शकार कमज़ोर और अ भावी महसूस करता है। दरअसल
वह ऐसा होता नह है। ले कन ऐसा सोचने का मतलब है क उसे मज़बूत बनाना
होगा। नीचे दए श द को दोहराने से श बढ़ जाएगी, “म ई र के ज़ रये सारी
चीज़ कर सकता ँ, जो मुझे श दे ते ह।”
8. आकलन । वचारपूण और यथाथवाद ढं ग से, पूरी ईमानदारी से अपनी यो यता
का आकलन कर। फर नकारा मक कम आकलन क भरपाई करने के लए
आकलन को दस तशत बढ़ा ल। अहंकारी बनने क चता न पाल। एक व थ,
सामा य आ मस मान वक सत करने क दशा म काम कर।
9. आ या मक । जो हीनता से क उठाता है, उसम आ या मक श कम
होती है। अपनी सोच म आ या मक साम ी को बढ़ाने से आप ई र क संतान के
प म सामा य हो जाएँगे। सकारा मक ाथना - जसम आप ई र को उस बढ़ ई
आ या मक श के लए ध यवाद दे ते ह, जो इस समय आपके भीतर काम कर
रही है - कारगर होती है।
10. साझेदारी । अहसास कर क आप जीवन का सामना अकेले नह कर रहे ह, ब क
अब आपके पास एक साझेदार है, एक बड़ा व र साझेदार, जो हमेशा आपका
मागदशन करने और आपक मदद करने के लए क़रीब ही खड़ा है। ई र और
आपक महान साझेदारी को कोई चीज़ कैसे हरा सकती है ई र के साथ आप हर
प र थ त म श शाली होते ह।

डर से छु टकारा कै से पाएँ
1. खोज । डर से छु टकारा पाने का शायद सबसे बु नयाद तरीक़ा बाइबल म लखा गया
है: “मने ई र को खोजा और उ ह ने मेरी बात सुनी और मुझे अपने सभी डर से
मु कर दया।” जस बात पर ज़ोर दया है, उस पर ग़ौर कर: सभी।
2. व ास । डर का वपरीत है व ास, इस लए व ास का अ यास कर। ई र म
व ास रख और इस त य म क आप जन चीज़ से डरते ह, उनम से यादातर
कभी नह ह गी।
3. नभर रह । औसत के नयम पर नभर रह क आपके पास सुर ा होगी। जस यं
का आपको इ तेमाल करना है, उस पर व ास रख, जैसे बस, हवाई जहाज़ या पानी
के जहाज़। व ास रख क आप कायकुशलता पर भरोसा कर सकते ह और ई र
पर नभर रह सकते ह।
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4. अ ययन कर । अपने डर के उ म का पता लगाने के लए अ ययन कर। आपके डर
के पीछे कारण होते ह। चूँ क डर ब त ऊँचे भावना मक तर पर भरता है, इस लए
इनम से कई कारण अता कक हो सकते ह।
5. जोड़ । अपने जीवन म उन सभी समय को जोड़ने क तकनीक बार-बार आज़माएँ,
जब आप जानते ह क आपक परवाह क जा रही है, आपक हफ़ाज़त क जा रही
है और र ा क जा रही है। यह ढ़ कथन दोहराएँ क यह हमेशा इसी तरह से होगा।
6. कर । इमसन क सलाह दमदार है, “ जस चीज़ से आप डरते ह, उसे कर द और
फर डर क मौत तय है।” अगर आप कसी चीज़ को करने से डरते ह, ले कन उस
चीज़ को करने म समझदारी नज़र आती है, तो उसे कर द। जब आप काम कर दगे,
तो आपका डर घट जाएगा।
7. साहस । मान सक और आ या मक से साहस पर ज़ोर द। यह डर के वचार
को र करने क या शु कर दे गा। साहस के साथ सोच, साहस के साथ काम
कर और फर डर साहस के सामने घुटने टे क दे गा।
8. दे ख । अपनी ऐसी तसवीर बनाएँ, जैसे आप अपने सभी डर से इसी समय वतं ए
ह। हम जस चीज़ क गहराई से तसवीर बनाते ह, वह अंततः त य के प म साकार
हो जाती है।
9. मदद कर । कसी भयभीत को उसके डर से उबरने म मदद करके उसका
भला कर। डर हटाने म कसी सरे क मदद करने से आप पर से भी डर क पकड़
ढ ली हो जाएगी।
10. आ था । डर संसार म सरी सबसे बल श है। ले कन सबसे बल श है
आ था। आ था डर से यादा श शाली होती है। इस लए डर से छु टकारा पाने के
लए अपनी आ था बढ़ाएँ।

सफल वैवा हक जीवन कै से पाएँ


1. भावना । सफल वैवा हक जीवन का पहला नयम यह सु न त करना है क आप
भावना मक से वय क ह । ववाह ब च के लए नह , प रप व लोग के लए
होता है। दो अलग-अलग व के मलन के लए येक म भावना मक संतुलन
और नयं ण क ज़ रत होती है।
2. आधार शला । हर इमारत के लए एक आधार शला क ज़ रत होती है। यह ववाह
बनाने के बारे म भी सही है। कसी ववाह क आव यक तथा मह वपूण

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आधार शला इन श द म क गई है, “ई र मकान बनाता है; उसके सवा जो
मकान बनाते ह, वे थ म म करते ह।”
3. बहस । मलकर अपनी सारी सम या पर बातचीत कर और मलकर ता कक
समाधान पर प ँच। अ छ बातचीत, यहाँ तक क नयं त बहस भी, अ छ होती
है। ले कन यह सु न त कर क इसम भावनाएँ न ह । कौन सही है, इसके बजाय हर
चीज़ का नणय इस आधार पर ल क या सही है।
4. सव े । सुखद ववाह म हर जोड़ीदार सामने वाले के सव े पहलू को उजागर
करने क को शश करता है। सामने वाले के व के त ऊँचा स मान रखने वाले
दो लोग जब एक सरे से ेम करते ह, तो उनका सुंदरता से मल-जुलकर रहना तय
है।
5. वन । सामा य श ाचार वैवा हक जीवन म एक संप है। एक सरे के त
वन और श रह। ोध क वजह से कभी अ श न बन। मानव व स मान
पर त या करता है। एक- सरे का स मान कर।
6. पार प रक । यह याद रखना मह वपूण है क ववाह पार प रक ज़ मेदा रय पर
आधा रत संबंध है। दोन य को साझेदारी म बराबर ह सा लेना चा हए।
न त प से कसी को भी सरे पर हावी नह होना चा हए।
7. तालमेल । अ छा ववाह तालमेल बनाने पर नभर करता है। यह तालमेल सभी
तर पर बनना चा हए - शारी रक, भावना मक, मान सक और आ या मक।
तालमेल दोन प को बनाना चा हए।
8. ट म । ट म के प म जएँ, खेल और काम कर, जसम हर साझेदार ववाह के पूण
यास म समान योगदान दे । अ सर मलकर काम कर और सामने वाले के काम म
च ल। सभी नणय ट म के आधार पर ल।
9. रात । हर रात सोने से पहले इक े ाथना कर। सभी नणय और सभी सम या के
बारे म इक े ाथना कर। जो दं प त इक े ाथना करते ह, वे इक े वकास करगे,
मलकर रहगे और इक े ही जीतगे।
10. रोमांचक । आप सामने वाले के त करने के लए जो भी अ छ और ेमपूण चीज़
करने क सोच सकते ह, उसे रोमांचक अनुभव बना द। अगर दोन ही सामने वाले को
ख़ुश करने क को शश करगे, तो दोन ख़ुश रहगे और ववाह सफल होगा।

कसी सम या को कै से सुल झाएँ

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1. बीज । सम या सुलझाना शु करने का तरीक़ा यह है क इस ठोस व ास को
क़ायम रखा जाए क हर सम या का एक समाधान होता है। वा तव म, हर सम या
म इसके ख़ुद के समाधान के बीज शा मल होते ह। य द आप कसी सम या म
गहराई तक दे खते ह, तो आपको अपनी सम या का जवाब मल सकता है।
2. शांत । कसी सम या को सुलझाने का बु नयाद आधार यह है क भावना मक
से शांत रहा जाए। तनाव वैचा रक श के वाह को बा धत कर सकता है। इस लए
तनाव के त व कम करना मह वपूण है, य क भावना के नयं त रहने पर ही
म त क कुशलता से काम कर सकता है।
3. एक ीकरण । कसी सम या से नबटने का एक उ चत तरीक़ा यह है क सभी त य
को न प ता से, अवैय कता से और सही ढं ग से इक ा कया जाए। सम या के
त व के त वै ा नक नज़ रया रख।
4. काग़ज़ । सम या के सभी अवयव ह स को काग़ज़ पर उतार ल, ता क आप उ ह
मब सामंज य म दे ख सक। इस तरह क नी त से आपको अपनी सोच प
करने म मदद मलेगी, य क आप सम या के व भ घटक को सु नयो जत म म
रख दगे। प ता से दे खने पर आप प ता से सोच पाएँगे।
5. श । कसी सम या के जवाब को ववश करने क कभी को शश न कर। अपने
मन को तनावर हत रख और समाधान को वाभा वक प से खुलने तथा प बनने
क अनुम त द। कसी जवाब को ववश करने म ख़तरा यह रहता है क आप उस
चीज़ को ववश कर सकते ह, जो आप चाहते ह, बजाय उसके जो सही हो।
6. ाथना । अपनी सम या के बारे म गहन ाथना कर। व ास कर और ढ़ कथन कह
क दै वी मागदशन के ज़ रये आपको ान व मान सक काश हा सल हो जाएगा।
आ या मक समझ हमेशा सव े संभव समाधान उ प करती है।
7. परामश । अ सर हम कसी सम या म मदद क ज़ रत होती है। इस लए
बु म ापूण परामश पाना मू यवान है। इस वचार का इ तेमाल कर, “आप अपने
परामश से मेरा मागदशन करगे।” ऐसा उ च तरीय परामश बु म ापूण होता है।
8. अंतः ा । मान सक या का एक सू म गुण होता है, जसे अंतः ा या
इं ूशन कहा जा सकता है। इसका मतलब है, करने के लए सही चीज़ का
अहसास। ाथना और आ या मक बात से अंतः ा सबसे अ छ तरह वक सत
होती है, जसम आप सम या के बारे म ई र के वचार सोचने क को शश करते ह।
9. यान । सम या को अपने म त क म खुलकर वचरण करने द। दबाव, तनाव या
टाइ मग से बच। बस इसे बना ज दबाज़ी क मान सक ग त व ध म बने रहने द। जब

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आव यकता होगी, तब म त क जवाब बता दे गा।
10. सृजना मक । इस बात पर व ास रख क सोचने, ाथना करने और ढ़ कथन
कहने क या के ज़ रये आपके मन क सृजना मक श सही जवाब पर प ँच
जाएगी। आपक सम या के समाधान के लए अंतः ा के ज़ रये ई र को अपना
मागदशन करने द।

सर के साथ मल-जुल कर कै से चल
1. पसंद कर । य द आप लोग को सचमुच पसंद करते ह, उनके साथ रहना चाहते ह,
उनके साथ बातचीत करना चाहते ह, उनक मदद करना चाहते ह, तो आप पाएँगे क
लोग आम तौर पर आपको पसंद करगे। जब साझी पसंद मौजूद होती है, तो लोग
एक सरे के साथ मल-जुलकर रहते ह।
2. दलच पी । हमेशा सामने वाले क ग त व धय और वचार म च ल। अपने बारे म
बात करने के बजाय बातचीत को सामने वाले क चय पर क त रख। य द आप
सामने वाले क चय म त लीन रहते ह, तो वह आपक ओर यान दे गा और
आपका सुखद समय गुज़रेगा।
3. पसंद आने लायक़ । पसंद आने और सर के साथ मल-जुलकर रहने के लए यह
आव यक है क आप पसंद आने लायक़ ह । पुरानी कहावत पर अमल कर, “ म
पाने के लए म बन।”
4. नाम । नाम याद रखने क कला का अ यास कर। सामने वाले पर यान द,
ता क उसका नाम आपके दमाग़ म दज हो जाए। यह अहसास कर क कसी
का नाम उसके लए मह वपूण है, इस लए नाम याद रखने से आपको मल-जुलकर
रहने म मदद मलेगी।
5. आसान । सामने वाले के लए साथ रहने को आसान बना द। सहज क़ म के
बन, ता क आपके साथ रहने म कोई तनाव न हो। “पुराने जूते” जैसे बन।
घरेलू, ज़मीन से जुड़े बन।
6. रे क । ेरक बनने का गुण वक सत कर। य द आपके साथ रहने से लोग बेहतर
और यादा सजीव महसूस करते ह, तो वे आपको खोजगे और आपके गत
संबंध उ कृ बन जाएँगे।
7. खुरदरे । जब कसी के व म खुरदरे त व होते ह, तो गत संबंध का
रण होता है। इसका मतलब है, लोग के साथ ग़लत तरीक़े से न पेश आएँ।
तनावर हत और मलनसार बन।

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8. संवेदनशील । चड़ चड़े या इतने संवेदनशील बनने से बच क आप आसानी से
आहत हो जाएँ। लोग अ त संवेदनशील लोग से र छटकते ह, य क उ ह अ य
त या जगाने का डर होता है। आहत भावना से त या करने के लोभन से
कतराएँ; आप लोग के साथ अ छ तरह रह लगे।
9. उपचार कर । सर के साथ होने वाली हर ग़लतफ़हमी का उपचार करने क स ची
को शश कर। मान सक और आ या मक प से अपनी शकायत बह जाने द और
हर एक के त स ाव का नज़ रया रख।
10. कर । लोग से ेम कर और उनक ख़ा तर चीज़ कर। म ता के नः वाथ और
ब हमुखी काय कर। यह अव यंभावी प से सुखद गत संबंध क ओर ले
जाता है। इसका सार बाइबल के इस जाने-पहचाने उपदे श म है, “ सर के लए वही
कर, जो आप चाहते ह क वे आपके लए कर।”

असफलता को सफलता म कै से बदल


अनुवादक के बारे म

डॉ. सुधीर द त टाइम मैनेजमट, सफलता के सू , 101 मश र ांड्स और अमीर के


पाँच नयम स हत सात लोक य पु तक के लेखक ह, जनम से कुछ के मराठ व गुजराती
भाषा म अनुवाद हो चुके ह। इसके अलावा उ ह ने हैरी पॉटर सीरीज़, चकन सूप सीरीज़
तथा म स ड बून सीरीज़ स हत 150 से भी अ धक अंतरा ीय बे टसेलस का हद
अनुवाद कया है, जनम रॉ डा बन, डे ल कारनेगी, नॉमन व से ट पील, ट फ़न कवी, रॉबट
कयोसाक , जोसेफ़ मफ़ , एडवड डी बोनो, ायन े सी आ द बे टसे लग लेखक शा मल
ह। उ ह ने मश र भारतीय केट खलाड़ी स चन त लकर क आ मकथा लेइंग इट माय
वे का हद अनुवाद भी कया है।
हद सा ह य और अँ ेज़ी सा ह य म नातक क उपा ध लेने के अ त र डॉ. द त
अँ ेज़ी सा ह य म एम.ए. तथा पीएच.डी. भी ह। उनक सा ह यक अ भ च क शु आत
हद जासूसी उप यास से ई, जसके बाद उ ह ने अँ ेज़ी के सभी उपल ध जासूसी
उप यास पढ़े । वे अगाथा ट और आथर कॉनन डॉयल के लगभग सभी उप यास व
कहा नयाँ पढ़ चुके ह।
कॉलेज के दन म डे ल कारनेगी क पु तक का उन पर गहरा भाव पड़ा। कॉलेज क
श ा पूरी करने के बाद डॉ. द त ने दै नक भा कर, नई नया, ेस जनल,
ॉ नकल, नैशनल मेल आ द समाचार प म कला, नाटक एवं फ़ म समी क के प म
शौ क़या प का रता क । उ ह म. . फ़ म वकास नगम ारा फ़ म समी ा के लए
पुर कृत भी कया गया। चेतन भगत और डै न ाउन उनके य लेखक ह। डॉ. द त को
पाठक sdixit123@gmail.com पर फ़ डबैक दान कर सकते ह।

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