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शब्द निर्माण

समास
उपर्युक्त तालिका में दिए गए उदाहरणों से आपने क्या समझा?
⮚ दूसरे शब्दों में कम से कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट करना समास कहलाता है।
⮚ समास के नियमों से निर्मित शब्दों के समस्तपद कहते हैं।
⮚ सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों के स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।
⮚ विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है।
जैसे – राजपुत्र – राजा का पुत्र
⮚ पूर्वपद और उत्तरपद समास में दो पद(शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद के उत्तरपद कहते हैं।
जैसे – गंगाजल – गंगा + जल, जिसमें गंगा पूर्वपद है और जल उत्तर पद।
अव्ययीभाव

द्वंद्व
समास
बहुव्रीहि
द्विगु
तत्पुरुष
कर्मधारय
ध्यान रखें –
⮚ समास परस्पर संबंध रखने वाले दो या दो से अधिक पदों का मेल होता है।
⮚ सामासिक पद को अलग करने की प्रकिया को समास-विग्रह कहते हैं।
⮚ समास के चार भेद हैं – अव्ययीभाव, तत्पुरुष, द्वंद्व और बहुव्रीहि समास
⮚ तत्पुरुष समास के दो उपभेद होते हैं – कर्मधारय और द्विगु
⮚ अव्ययीभाव समास में पूर्वपद अव्यय होता है।
⮚ तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है।
⮚ द्वंद्व समास में दोनों पद महत्त्वपूर्ण होते हैं, जबकु बहुव्रीहि समास में दानों पदें में से कोई भी पद
प्रधान न होकर कोई अन्य पद प्रघान होता है।
⮚ कर्मधारय समास में विशेषण-विशेष्य तथा उपमान-उपमेय पद साथ-साथ आते हैं जबकि द्विगु
समास में पूर्वपद संख्यावाची होता है।

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