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समास

परिभाषा, भेद और उदाहरण

ज़ैनब इक़बाल
कक्षा १०
पूर्वपद और उत्तरपद: Pre and Post
Compound
समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’कहा जाता है और दूसरे
पद को ‘उत्तरपद’कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त
पद कहलाता है।
जैसे-पूजाघर (समस्तपद) – पूजा (पूर्वपद) + घर (उत्तरपद) – पूजा के लिए
घर (समास-विग्रह)
राजपुत्र (समस्तपद) – राजा (पूर्वपद) + पुत्र (उत्तरपद) – राजा का पुत्र
(समास-विग्रह)
समास विग्रह: Splitting of Compounds

सामासिक शब्दों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने को समास-विग्रह


कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब
समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किय जाते हैं, उसे समास-विग्रह
कहते हैं।जैसे माता-पिता = माता और पिता।राजपुत्र = राजा का पुत्र।
समास के भेद
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद्व समास
6. बहुव्रीहि
अव्ययीभाव समास
जिस समास में पूर्व पद प्रधान एवं अव्यय होता है तथा समस्त पद भी प्रधान
होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसका उत्तर पद संज्ञा या विशेषण
होता है। समास किये जाने के पहले दोनों पदों का भाव अलग-अलग होता है।
तत्पुरुष समास
जिस सामासिक शब्द का दूसरा पद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच लगी
विभक्ति या विभक्ति चिह्नों का लोप हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
कर्मधारय समास
जिस समास का पहला पद विशेषण या उपमेय और दूसरा पद विशेष्य या उपमेय
होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
द्विगु समास
समास-जिस समास में प्रथम पद संख्यावाचक हो, वह द्विगु समास कहलाता है।
वंद्व समास
जिस समास में प्रथम और दूसरा, दोनों पद प्रधान हों और समास करने पर
‘या’, ‘और’, ‘तथा’, ‘अथवा’ जैसे योजकों का लोप होता है।
बहुव्रीहि समास
जिस समास में प्रथम एवं दूसरा पद गौण होते हैं तथा किसी तीसरे पद की तरफ़
संके त करते हैं, बहुव्रीहि समास कहलाता है।

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