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वाद-वि वा द / सं भा ष ण

लेखन के नियम
वाद-विवाद की परिभाषा
• वाद-विवाद या बहस, किसी विषय पर चर्चा की एक औपचारिक विधि है। वाद-विवाद में दो परस्पर विपरीत विचारों के समर्थक अपना-अपना तर्क रखते
हैं और दूसरे के कथनों का खण्डन करने का प्रयत्न करते हैं। वाद-विवाद सार्वजनिक बैठकों, शैक्षणिक संस्थानों या विधायी सभाओं (जैसे संसद) में हो
सकता है। वाद-विवाद एक औपचारिक चर्चा है जिसमें प्रतिभागियों के अलावा प्रायः एक संचालक होता है और श्रोतागण होते हैं।

• तार्कि क सुसंगति (CONSISTENCY), तथ्यात्मक परिशुद्धता तथा कु छ सीमा तक श्रोताओं से भावनात्मक जुड़ाव (अपील) वाद-विवाद के मुख्य अंग
हैं। जब कोई औपचारिक वाद-विवाद प्रतियोगिता की जाती है तब आपसी मतभेदों पर चर्चा करने और उन्हें ठीक करने के लिए नियम भी बनाए गये
होते हैं।
वाद-विवाद के नियम

• दो लोगों के एक दल में, एक वक्ता को पक्ष में दूसरे को विपक्ष में बोलना होता है । दोनों वक्ता के वल पक्ष में या विपक्ष में नहीं बोल सकते हैं। प्रत्येक वक्ता
को के वल 3 + 1 मिनट का समय दिया जाता है, पहली घंटी 3 मिनट के बाद बजती है और अंतिम घंटी चौथे मिनट के पूरा होने के बाद बजती है।
अच्छे लेखन के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है-

• सर्वप्रथम सुनिश्चित करें के वाद-विवाद पक्ष / विपक्ष में लिखना है।


• मुहावरे, लोकोक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
• विषय-वस्तु जनजीवन से जुड़ा होना चाहिए।
• बेहतर होगा यदि विषय-वस्तु को आस-पास की घटनाओं से, समाचारों से जोड़ दिया जाए।
• विषय के बीच-बीच में आवश्यकतानुसार कविता, चुटकु ला, मज़ाक या मार्मिक प्रसंग जोड़कर वक्ता अपने मंतव्य को रखे।
CONTINUE…..
• रोचक भाषा का प्रयोग करें जैसे – ‘युद्ध में बहुत सारे लोग मारे गए’ के स्थान पर यदि यह कहा जाए कि –‘ कितनी सुहागिनों का सिंदूर मिट गया तथा
अनगिनत माँओं की गोद सूनी हो गयी है’ का प्रभाव ज़्यादा गहरा होगा।

• विषय को विस्तार शैली में न कहकर साफ, स्पष्ट तथा धारदार कहना। बीच-बीच में रोचक शब्दों का प्रयोग भी करें जैसे- आइए, मेरे साथ इतिहास के
पन्ने पलटिए और कल्पना कीजिए कि एक वह दौर था और एक आज का दौर है।

• वाद-विवाद की भाषा कैं ची के समान धारदार होनी चाहिए।


• वक्ता को निम्न वाक्यांशों का समावेश अवश्य करना चाहिए- ‘मेरे विपक्षी मित्रो, निर्णायक महोदय !, उपस्थित जन समूह, समाज के ठेके दारो, अध्यक्ष
महोदय।

• वक्ता वक्तव्य समाप्त करते समय अपने मत का समर्थन करते हुए, मैं अनुमति चाहूँगा/ चाहूंगी ।
• अंत में वक्ता दो पंक्तियाँ विषय स्पष्टीकरण की बोलकर समापन करना प्रभावशाली होता है।


वाद-विवाद

पक्ष विपक्ष
•शुरुआत –परिचय
•बहस –मुद्दे
•खंडन
•अंतिम वाक्य

वाद-विवाद लेखन का प्रारूप

सुप्रभात,
आदरणीय निर्णायक गण/ सभा की सद्भावनाओ, शिक्षक गण, और मेरे सहपाठियों,
मैं ----------अपना नाम -------------- कक्षा ------------का/की छात्र/ छात्रा आप सभी के सामने ----------------विषय के विपक्ष/ पक्ष में विचारों
की अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने जा रहा हूँ/ जा रही हूं।------
मैं अपने विद्वाननिर्णायक ज्ञान के माध्यम से अपने मित्रो को बताना चाहती हूँ/ चाहता हूँ कि...
बहस- विषय-वस्तु, बहस के मुद्दे

• -तथ्य, घटनाओं, आंकडों, मुहावरे, लोकोक्तियों का प्रयोग करके बहस को रोचक बनाएँ।
समाचारों में ज्ञापित टिप्पणी का समावेश।

• आइए, मेरे साथ इतिहास के पन्ने पलटिए और कल्पना कीजिए कि एक वह दौर था और एक आज का दौर है।
खंडन

• तर्क और खंडन जैसे शब्दों का समावेश करना चाहिए।


• विपक्षी मित्र यह कहकर दुहाई देंगे कि….
• हो सकता है आज मेरे विपक्षी मित्र इस बात को मानने से इंकार करें परंतु सत्य हमेशा शाश्वत रहेगा।
अंतिम वाक्य

• कविता या मार्मिक प्रसंग जोड़कर अपने मन्तव्य पर डटे रहते हुए समापन करें।
वाद-विवाद लेखन के लिए आवश्यक सूचना -

• विद्यार्थी परीक्षा के संदर्भ में उत्तर लिखते हुए निम्न बातों पर ध्यान दें –

• वाद -विवाद लेखन को छात्र किसी एक पक्ष में ही लिखें।


• छात्र अपनी बात/ विचार अध्यक्ष महोदय के माध्यम से रख सकता है।
• अपनी बातों का मंडन और विपक्ष की बातों का खंडन भी कर सकते हैं।
• प्रारूप-1पक्ष/ विपक्ष
अन्य वाद-विवाद के विषय पक्ष तथा विपक्ष में पढ़ सकते हैं। स्रोत:

• HTTPS://WWW.SLIDESHARE.NET/LEARNTECHDESIGN/HINDI-DEBATES
धन्यवाद

• यदि कोई त्रुटि हो तो सुझाव अवश्य दें।


• छोटा प्रयास किया है….

स्नेहलता शर्मा नवरचना इन्टरनेशनल स्कू ल वडोदरा

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