Professional Documents
Culture Documents
Rivers in Chhattisgarh (Author Amir Hashmi)
Rivers in Chhattisgarh (Author Amir Hashmi)
इस नदी का उद्गम स्थल रािनांदगांव जिले की अंबागढ़ तहसील की 624 मीटर ऊंची
पानाबरस पहाड़ी में है । यह नदी उद्गम स्थल से 40 ककमी की दरू ी तक उत्तर की ओर
बहकर जिले की सीमा पव ू म की ओर बहते हुए शशवरीनारायण के तनकट महानदी में ववलीन हो
िाती है । शशवनाथ नदी रािनांदगांव जिले में 384 वगम ककमी तथा दग ु म जिलें में 22484 वगम
ककमी अपवाह िेत्र का तनमामण करती है । हाफ, आगर, मतनयारी, अरपा, लीलागर, खरखरा,
खारून, िमुतनया आदद इसकी प्रमुख सहायक नददयां हैं।
यह शशवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है । जिसका िन्म स्थल कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर
तहसील के पहाड़ी में है ।
यह मनेन्द्रगढ़ तहसील में कोररया पहाड़ी के तनकट रामगढ़ से तनकलती है । चांपा से बहती
हुई शशवरीनारायण से 8 मील की दरू ी में महानदी में शमल िाती है । इसमें कटघोरा से
लगभग 10-12 ककमी पर प्रदे श की सबसे ऊंची तथा बड़ी शमनीमाता हसदो बांगो नामक
बहुउद्देशीय पररयोिना का तनमामण ककया गया है ।
दग
ु म जिले के दक्षिण पूवम से तनकलकर 80 ककमी उत्तर की ओर बहकर शसमगा के तनकट
सोमनाथ नामक स्थान पर शशवनाथ में शमल िाती है । यह नदी दग ु म जिले में 19980 वगम
ककमी तथा रायपुर जिले में 2700 वगम ककमी अपवाह िेत्र का तनमामण करती है ।
यह महासमुन्द के पहाड़ी िेत्र से तनकलकर रायपुर जिले में बहते हुए पूवम की ओर महानदी के
दक्षिणी तट पर जस्थत शशवरीनारायण के पास महानदी में शमलती है । रायपुर जिलें में इसका
अपवाह िेत्र 2480 वगम ककमी है ।
रायपुर जिले में बबन्द्रानवागढ़ के तनकट जस्थत भाटीगढ़ पहाड़ी (493मी) से तनकलकर रायपुर
जिले के दक्षिणी भाग में बहते हुए राजिम के तनकट महानदी में शमलती है । रायपुर जिले में
यह नदी 3000 वगम ककमी िेत्र में अपवाह िेत्र का तनमामण करती है ।
यह नदी सरगुिा जिले की मैनपाट पठार के उत्तरी भाग से तनकलती है । कफर रायगढ़ जिले
के घरघोड़ा एवं रायगढ़ तहसील में बहती हुई िांिगीर-चांपा की पूवी भाग में जस्थत चन्द्रपुर
के तनकट महानदी में शमल िाती है । कुरकुट और कोइराि इसकी सहायक नददयां हैं। इसका
प्रवाह िेत्र वनाजछछत एवं बालुका प्रस्तरयुक्त है । रायगढ़ जिले में यह नदी 14 ककमी की दरू ी
तय करती है । िहां यह 3233 वगम ककमी तथा सरगि ु ा जिले में 800 वगम ककमी अपवाह िेत्र
का तनमामण करती है ।
इसका उद्गम िशपुर जिले के पण्डरापाट नामक स्थान पर खुरिा पहाड़ी से हुआ है । महानदी
की प्रमुख सहायक नदी है । ढाल के अनुरूप उत्तर से दक्षिण की ओर िशपुर जिले में बहते
हुए उड़ीसा राज्य में प्रवेश कर हीराकंु ड नामक स्थान से 10 ककमी पव
ू म महानदी में शमलती है ।
मैना, डोंकी इसकी प्रमुख सहायक नददयां हैं। इसका अपवाह िेत्र सरगुिा के 250 वगम ककमी
तथा रायगढ़ जिले के 3546 वगम ककमी में है ।
े़
इसका उद्गम रायगढ़ जिले की घरघोड़ा तहसील में जस्थत लुडगे पहाड़ी से हुआ है । घरघोड़ा
एवं रायगढ़ तहसीलों में उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए उड़ीसा राज्य के महादे व पाली
नामक स्थान पर महानदी में ववलीन हो िाती है ।
इस नदी का उद्गम स्थल कोरबा के पठार से हुआ है । यह नदी आगे उद्गम स्थल से दक्षिण
ददशा में बहती हुई महानदी में ववशलन हो िाती है । शशवनाथ की प्रमख
ु सहायक नदी है ।
इसका उद्गम कांकेर से लगभग 15 ककमी की दरू ी पर जस्थत मलािकुण्डम पहाड़ी से हुआ है ,
िो पव
ू म की ओर बहते हुए महानदी में शमल िाती है ।
प्रदे श के लगभग 15 प्रततशत गंगा अपवाह तंत्र का ववस्तार है । इस प्रवाह िेत्र के अंतगमत
बबलासपुर जिले के 5 प्रततशत भाग, रायगढ़ जिले का 14 प्रततशत भाग तथा सरगुिा जिले
के 8 प्रततशत भाग आता है । प्रदे श में सोन इसकी प्रमख
ु नदी है , िो पेन्रा रोड तहसील के
बंिारी पहाड़ी िेत्र से तनकलकर पूवम से पजचचम से ओर बहती हुई मध्यप्रदे श एवं उत्तरप्रदे श
को पार करते हुई गंगा नदी में शमल िाती है । कन्हार, ररहन्द, गोपद, बनास, बीिाल इसकी
अन्य सहायक नददयां हैं।
यह नदी बबलासपुर जिले के उत्तरी पजचचमी भाग में जस्थत खुडड़या पठार के बखोना नामक
पहाड़ी से तनकलती है । इसका उद्गम स्थल 1012 मीटर ऊंचा है । यहां से उत्तर की ओर
बहती हुई सामरी तहसील में 60 मीटर ऊंचे कोठरी िलप्रपात की रचना करती है । इसके
पचचात शहडोल एवं सतना जिले की सीमा पर सोन नदी में शमल िाती है । यह नदी सरगुिा
जिले में 3030 वगमककमी अपवाह िेत्र का तनमामण करती है । शसन्दरू गलफूला, दातरम, पें गन,
आदद इसकी प्रमुख सहायक नददयां हैं।
यह नदी सरगुिा जिले के मैनपाठ के तनकट 1088 मीटर ऊंची मातररंगा पहाड़ी से तनकलती
है । अपनी उद्गम स्थल से उत्तर की ओर बहती हुई यह सरगुिा बेसीन की रचना करती है ।
इसी कारण उसे सरगि ु ा जिले की िीवन रे खा कहा िाता है । यह अपवाह क्रम की सबसे बड़ी
(145 ककमी) नदी है । इस पर शमिामपुर िेत्र में ररहन्द नामक बांध बनाया गया है । ररहन्द
बेसीन में बहने के पचचात अन्ततः उत्तरप्रदे श में सोन नदी में ववशलन हो िाती है । घन
ु घट
ु ा,
मोरनी, महान, सूयाम, गोबरी आदद इसकी प्रमुख सहायक नददयां हैं।
गोदावरी महाराष्ट्र प्रदे श के नाशसक जिले के त्रयम्बक नामक 1067 मीटर ऊंचे स्थान से
तनकलकर छत्तीसगढ़ की दक्षिणी सीमा बनाती हुई बहती है । ‘दक्षिण की गंगा‘ नाम से
ववख्यात यह नदी प्रदे श के बस्तर जिले 4240 वगम ककमी तथा रािनांदगांव जिले में 2558
वगम ककमी अपवाह िेत्र बनाती है , तथा लगभग 40 ककमी लंबी दरू ी में बहती है । इन्द्रावती,
शबरी, गचंता, कोटरी बाघ, नारं गी, मरी, गड
ु रा, कोभरा, डंकनी और शंखनी आदद इसकी प्रमख ु
सहायक नददयां हैं।
यह गोदावरी की प्रधान सहायक तथा बस्तर जिले के सबसे बड़ी नदी है । इसका उद्गम
उड़ीसा राज्य के कालाहांडी पठार से हुआ है । प्रदे श के बस्तर जिले में लगभग 370 ककमी की
दरू ी तय करते हुये पव
ू म से पजचचम ददशा में बहते हुये यह गोदावरी में ववलीन हो िाती है ।
यह नदी िगदलपुर से लगभग 35 ककमी दरू पजचचम में गचत्रकोट िल-प्रपात की रचना करती
है ।
यह नदी दग ु म जिले की उछच भूशम से तनकलकर कांकेर जिले में इंद्रावती नदी में शमल िाती
है । इसका सवामगधक अपवाह िेत्र रािनांदगांव जिले में है ।
इसका उद्गम दं तेवाड़ा के तनकट बैलाडीला पहाड़ी है , िो बस्तर की दक्षिणी पूवी सीमा में
बहती हुई आन्रप्रदे श के कुनावरम ् के तनकट गोदावरी में शमल िाती है । बस्तर जिले में यह
150 ककमी लंबाई में बहती है । जिससे 5680 ककमी अपवाह िेत्र का तनमामण करती है ।
ये दोनों इंद्रावती की प्रमुख सहायक नददयां हैं। डंककनी नदी का उद्गम डांगरी-डोंगरी तथा
शंखखनी नदी का उद्गम बैलाडीला पहाड़ी से हुआ है । दं तेवाड़ा में ये दोनों नददयां आपस में
शमल िाती हैं।
इस नदी का उद्गम रािनांदगांव जिले में जस्थत पठार से हुआ है । यह नदी छत्तीसगढ़ और
महाराष्ट्र राज्यों के बीच की सीमा बनाती है ।