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B.A Part II Geography of India Dt. 22.07.2020
B.A Part II Geography of India Dt. 22.07.2020
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ववंध्यन क्रम की चट्िानोँ का नाम ववंध्याचि के नाम पर पडा है । यह परतदार चट्िानेँ हैं तिा
इनका तनमाणण जि तनिेपों से हुआ है । यह 5 प्रमुख िेत्रोँ मेँ पाई जाती हैं –
सोन नदी की घािी मेँ इन्हें सेमरी के नाम से पुकारते हैं।
आंध्र प्रदे श के दक्षिणी पष्श्चमी भाग मेँ करनूि श्रेणी मेँ पाई जाती हैं।
भीमा नदी घािी मेँ इन्हें भीमा श्रेणी कहते हैं।
राजस्िान मेँ जोधपरु तिा धचत्तौरगढ़ में यह पिनी श्रेणी के रुप मेँ ववस्तत
ृ हैं।
उपरी गोदावरी घािी तिा नमणदा घािी के उत्तर मेँ मािवा बुंदेिखंड प्रदे श मेँ इन चट्िानोँ का िेत्र
ववस्तत
ृ है ।
गोंडवाना क्रम की चट्िानेँ दामोदर नदी घािी मेँ राजमहि पहाडडयोँ तक ववस्तत
ृ हैं, महानदी की
घािी मेँ महानदी श्रेणी, गोदावरी की सहायक नहदयां जैसे – वेनगंगा व वधाण की घाहियोँ मेँ,
प्रायद्वीप भारत के अन्य िेत्रोँ मेँ यह कच्छ, काहठयावाड, पष्श्चम राजस्िान, मद्रास, गुंिूर, किक,
राजमहें द्री, ववजयवाडा, ततरुधचरापल्िी और रामनािपुरम मेँ लमिती हैं।
दक्कन ट्रे प का तनमाणण काि अपर कक्रिे लशयस से इयोसीन काि तक माना जाता है , प्रायद्वीपीय
भारत मेँ ज्वािामुखी ववस्फोि के फिस्वरुप दरार उद्गार के रुप मेँ िावा तनकिा ष्जसने दक्कन
ट्रे प के मुख्य पठार की आकृतत को जन्म हदया। दक्कन ट्रे प मुख्यतः बेसाल्ि व डोिोराइि प्रकृतत
की है । चट्िानें काफी कठोर हैं इनके किाव के कारण चट्िान चूणण बना है , ष्जससे कािी लमट्िी
का तनमाणण हुआ है यही लमट्िी कपास लमट्िी या रे गुर लमट्िी भी कहिाती है । दक्कन ट्रे प
महाराटट्र गुजरात मध्यप्रदे श मेँ फैिा है तिा कुछ िेत्र झारखंड एवं तलमिनाडु मेँ अवष्स्ित है ।
िलशणयरी क्रम की चट्िानोँ का तनमाणण इयोसीन युग से िेकर प्िायोसीन यग
ु की अवधध मेँ हुआ है ।
भारत के लिए इसका अत्यधधक महत्व है क्योंकक इसी काि मेँ भारत ने वतणमान रुप धारण ककया
िा।
िलशणयरी चट्िानेँ वाह्य प्रायद्वीपीय भू-भाग मेँ प्रमुख रुप से पाई जाती हैं। पाककस्तान मेँ यह
बिधू चस्तान के मकरान ति से िेकर सि
ु ेमान ककिणर श्रेणी, हहमािय पवणत से होती हुई मयांमार के
अराकानयोमा पवणत श्रेणी तक फैिी हैं।