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व क ोत

मा ती तो

मा ती तो

भीम पी महा ा, व हनुमान मा ती | वनारी


अंजनीसूता राम ता भंजना ||१||

महाबळ ाणदाता, सकळां उठवी बळ | सौ यकारी


:खहारी, त वै णव गायका ||२||

द नानाथा हरी पा, सुंदरा जगदं तरा |


पाता दे वताहंता, भ स र े पना ||३||
ोकनाथा जग ाथा, ाणनाथा पुरातना | पु यवंता
पु य ी ा, पावना प रतोषका ||४||

वजांगे उच बाहो, आव ोट ा पुढ | काळा नी


काळ ा नी, दे खतां कांपती भय ||५||

ांडे माई नेण , आंवळे दं तपंगती | ने ा नी


चा या वाळा, ुकुट ता ठ या बळ ||६||

पु छ ते मुर ड े माथां, करीट कुंड े बर | सुवण कट


कांसोट , घंटा क कणी नागरा ||७||

ठकारे पवता ऐसा, नेटका सडपातळू | चपळांग पाहतां


मोठे , महा व ु तेपरी ||८||
को ट या को ट उ ाण, झेपावे उ रेकडे |
मं ा सार रखा ोणू, ोधे उ पा ट ा बळ ||९||

आ ण ा मागुत ने ा, आ ा गे ा मनोगती | मनासी


टा क े मागे, गतीसी तुळणा नसे ||१०||

अणूपासो न ांडाएवढा होत जातसे | तयासी


तुळणा कोठे , मे मंदार धाकुटे ||११||

ांडाभोवते वेढे, व पु छ क क | तयासी तुळणा


कैची, ांडी पाहता नसे ||१२||

आर दे ख डोळा, ा स सूयमंडळा | वाढता


वाढता वाढे , भे द ू यमंडळा ||१३||
धन धा य, प ूवृ , पु पौ सम तही | पावती
प व ाद , तो पाठ क नयां ||१४||

भूत ेत समंधाद , रोग ाधी सम तह | नासती तूटती


चता, आनंदे भीमद न ||१५||

हे धरा पंधरा ोक , ाभ ोभ बरी | ढदे हो


नसंदेहो, सं या च कळा गुण ||१६||

रामदासी अ ग यू, क पकुळा स मंडणू | राम पी


अंतरा मा, द ने दोष नासती ||१७||

॥इ त ी रामदासकृतं संकट नरसनं मा त तो ं


स पूणम्॥

समथ रामदास खीत तो े

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