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व क ोत

गजानन बावनी

जय जय सदगु गजानना | र क तूची भ जना ||१||


नगुण तू परमा मा तू | सगुण पात गजानन तू ||२||
सदे ह तू, परी वदे ह तू | दे ह असून दे हातीत तू ||३||
माघ व स तमी दनी | ेगावात गटोनी ||४||
उ ा प ावळ न म | वदे व तव हो गट ||५||
बंकट ा ावरी तुझी | कृपा जाह ती साची ||६||
गोसा ा या नवसासाठ | गांजा घेसी ावून ओठ ||७||
तव पद तीथ वाच व ा | जानराव तो भ भ ा ||८||
जानाक रामा चचवणे | नासवोनी व पी आणणे ||९||
मुक न चं चे कानव े | खाउन कृताथ या के े ||१०||
व हरी माजी ज वहीना | के े दे वा ज भरणा ||११||
मध मा यांचे डंख तुवा | सहन सुखे के े दे वा ||१२||
यांचे काटे योगब े | काढु नी सहजी दाख व े ||१३||
कु ती हरी ी खेळो न | द न घडवोनी ||१४||
वेद हणुनी दाख व ा | च कत वड ा ण झा ा ||१५||
जळ या पयकावरती | हगीरी ा ये चीती ||१६||
टाकळ कर ह रदासाचा | अ ांत के ा साचा ||१७||
बाळकृ ण बाळापुराचा | समथ भ ची जो होता ||१८||
रामदास पे या ा | द न दे वोनी तोष व ा ||१९||
सुक ा ाची गोमाता | ाड ब त होती ताता ||२०||
कृपा तुझी होताच णी | ांत जाह ती जननी ||२१||
घुडे मण ेगावी | येता ाधी तू नरवी ||२२||
दां भकता परी ती याची | तू न चा वोनी घे साची ||२३||
भा कर पाट तव भ | उ र ासी तू व रत ||२४||
आ ा तव रसावं | काकही मानती तुज वं ||२५||
व हरीमाजी र य ा | दे वा तू गणू जव या ा ||२६||
पता बराकरवी ा | वठ ा आंबा प वी ा ||२७||
सुबु दे ी जो या ा | माफ करी तो दं डा ा ||२८||
सवडद येथी गंगाभारती | थुंकूनी वा र र पती ||२९||
पुंड काचे गंडांतर | न ा जाणून के े र ||३०||
कारे री फुट नौका | तारी नमदा णात एका ||३१||
माधवनाथा समवेत | के े भोजन अ ||३२||
ोकमा य या टळकांना | साद तूची पाठ व ा ||३३||
कवर सुताची कांदा भाकर | भ स तू ेमाखातर ||३४||
न न बैसोनी गाडीत | ा दा व वपरीत ||३५||
बायजे च ी तव भ | पुंड कावरी वर ीती ||३६||
बापुना मनी व भ | वयं हो ी तू व मूत ||३७||
कव ा या या वारक या ा | मरीपासुनी वाच व ा ||३८||
वासुदेव यती तुज भेटे | ेमाची ती खुण पटे ||३९||
उ ट झा ा हवा दार | भ मीभूत झा े घरदार ||४०||
दे हा ता या नंतरही | कतीजणा अनुभव येई ||४१||
पड या मजूरा झे ये े | बघती जन आ य भ े ||४२||
अंगावरती खांब पडे | ी वांचे आ य घडे ||४३||
गजानना या अ त ा | अनुभव येती आज मती ा ||४४||
रण जाऊनी गजानना | ःख तयाते करी कथना ||४५||
कृपा करी तो भ ांसी | धावून येतो वेगेसी ||४६||
गजाननाची बाव ी | न य असावी यानी मनी ||४७||
बाव गु वारी नेमे | करा पाठ ब भ ने ||४८||
व ने सारी पळती र | सव सुखांचा येई पूर ||४९||
चता सा या र करी | संकटातूनी पार करी ||५०||
सदाचार रत स ा | फळ ाभे बघता बघता ||५१||
भ बो े जय बो ा | गजाननाची जय बो ा ||
जय बो ा हो जय बो ा | गजाननाची जय बो ा ||५२||

|| अनंत कोट हांड नायक, महाराजा धराज यो गराज पर ह स चदानंद भ तीपा क ेगाव नवासी समथ स ी
गजानन महाराज क जय ||
कृपाया कोणी ह बद क नाका. ही न ा वनंती!!
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ेवटचा बद ८ म ह यां पूव QueerEcofeminist कडू न

इतर काही न द के नस यास,येथी मजकूर CC BY-SA


3.0 या अंतगत उप ध आहे.

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