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क्या ऋग्वेद की सरस्वती नदी घग्गर थी?
क्या ऋग्वेद की सरस्वती नदी घग्गर थी?
ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी हरियाणा के पेहोवा शहर से होकर बहने वाली
सरस्वती है ?
सिन्धु घाटी सभ्यता| सिन्धु-सरस्वती सभ्यता| ऋग्वेद| नदी स्तुति ऋचा| सरस्वती
नदी| हरियाणा|
भारत के पश्चिमी हिस्से में सिन्धु घाटी सभ्यता फूलती-फलती थी. इसे अक्सर
सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के नाम से जाना जाता है . इसके पीछे मान्यता यह है कि
जो सरस्वती नदी हरियाणा के पेहोवा शहर से होकर बहती है वही ऋग्वेद में
वर्णित सरस्वती नदी है . इसलिए इस परू ी सभ्यता को ऋग्वेद और सरस्वती से
जोड़ते हुए सिन्ध-ु सरस्वती सभ्यता कहा जाता है . लेकिन ऋग्वेद की ऋचाओं में इस
नदी के सरस्वती होने का प्रमाण कम ही मिलता है .
नदी स्तुति ऋचा (10:75) के प्रथम श्लोक में लिखा गया “नदियां सात सात करके
तीन प्रकार से बहती हैं.”
मंडल 10 सक्
ू त 75 मंत्र 1
नदी स्तुति ऋचा (10:75) के पांचवे एवं छठे श्लोक में केवल 19 नदियों के नाम
क्यों दिए गए हैं?
दस
ू रे , इन ऋचाओं में कहा गया है कि नामित 19 नदियां सब सिन्धु में मिलकर
बहती है . जैसे चौथे श्लोक में कहा गया है :
“हे सिन्धों जैसे माताएं अपने पुत्र के पास प्रेम से जाती है ; और नवप्रसूत दग्ु ध्वती गायें अपने
बछड़े के पास जाती हैं; वैसे ही शब्द करती हुई अन्य नदियां तेरी ओर ही आती हैं. युद्धशील राजा
के समान तू ही सेचन करने वाली नदियों को लेकर जाती है ; जब इन आगे बढ़ने वाली के आगे
तम
ु जाती हो.”
“तू (सिन्धु) इनके साथ एक ही रथ पर आरूढ़ होकर चलती हो- अर्थात इनके साथ मिलकर बहती
हो.”
स्पष्ट है ये 19 नदियां सिन्धु में मिलकर बहती थी. इन नदियों में पहली नदी गंगा
है . प्रश्न है कि वर्तमान गंगा तो पूरब को बहती है ? यमुना के पश्चिम में बहने के
कुछ संकेत मिलते है लेकिन गंगा के पश्चिम में बहने के संकेत नहीं मिलते हैं.
इसलिए संदेह उत्पन्न होता है जो गंगा नदी ऋग्वेद की इस ऋचा में बताई गयी है
वह वर्तमान गंगा नहीं थी बल्कि वह कोई और नदी थी जिसका नाम गंगा था और
जिसके पानी को लेकर सिन्धु बहती थी.
क्या पुष्कर से पश्चिम को निकलने वाली सरस्वती नदी ऋग्वेद की सरस्वती नदी
थी?
सिन्धु घाटी सभ्यता | सरस्वती नदी| पष्ु कर| घडाम| घग्गर| सरय|ू हरियाणा-राजस्थान
सिन्धु घाटी सभ्यता की तीन महान नदियां सिन्धु, सरस्वती और सरयू में से
सिन्धु स्पष्तः वर्तमान सिन्धु दिखती है . प्रश्न उठता है कि उस समय की सरस्वती
और सरयू नदियां कौन थी? इनमे सरस्वती नदी की दो संभवनाएं हैं एक घग्गर
जैसा की सिन्ध,ु सरस्वती नदी के प्रवर्तकों द्वारा कहा जाता है और सरस्वती की
दस
ू री संभावना पुष्कर से पश्चिम दिशा में निकलने वाली सरस्वती नदी है इनकी
तुलना में सरयू का पुष्कर से कोई संबंध नहीं दीखता है जबकि घडाम के पास
बहने वाली घग्गर नदी का प्रचलित नाम सरयू है अतः यदि हम घग्गर को
सरस्वती माने तो सरयू को हम चिन्हित नहीं कर पाते हैं इसके विपरीत यदि हम
घग्गर को सरयू माने तो सरस्वती को पष्ु कर में बहने वाली सरस्वती में चिन्हित
किया जा सकता है और तब दोनों नदियां स्पष्ट हो जाती है . अतः हमारा सुझाव है
कि वर्तमान में हरियाणा-राजस्थान से होकर बहने वाली घग्गर नदी ऋग्वेद में
वर्णित सरयू थी और पुष्कर से पश्चिम को निकलने वाली सरस्वती नदी ऋग्वेद
की सरस्वती नदी थी.
सरस्वती, सरयू और सिन्धु तीनों ही नदियां मिल कर बहती हैं जैसा ऋग्वेद में कहा
गया है .
ऋग्वेद में बताई गयी सरस्वती नदी के क्रम को बदला क्यों गया?
अतः नदी स्तुति ऋचा के आधार पर हम वर्तमान गंगा को ऋग्वैदिक गंगा नहीं
मान सकते हैं क्योंकि वर्तमान गंगा के पानी को सिन्धु लेकर नही बहती. हम
घग्गर को ऋग्वेद की सरस्वती नहीं मान सकते है क्योंकि यह नदी सरयू हो
सकती है .
इसलिए हमे खोज करनी चाहिए कि घग्गर नदी का परु ाना नाम क्या था? कहीं यह
पुरानी सरयू नदी तो नहीं थी जिसका विवरण हमको भगवान राम के जीवन काल
में प्रबल रूप से मिलता है .
https://www.academia.edu/45296281/Saraswati_River_of_the_Rig_Veda