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नींबू क बागवानी का सच

आज कल नसर वाले अपने लांट यादा बेचने के च कर मे कसान को बेवकूफ बना रहे है वशेषकर नींबू मे,
य क नींबू के साधारण 1 से 1.25 साल उ के पौधे का मू य मा 15 से 45 पये से यादा नह ं होती है और
कुछ नसर वाले 150 से 350 पए तक बेच दे ते है और वह भी गु ट या ा टे ड पौधे बताकर। यह लोग कसान
को यह भी बताते है क इनम एक साल बाद ह फल आ जाता है और वह भी ग मय (माच - मई) के मह न म।

यहां हम आपको यह बताना चाहगे क गु ट वाले पौधे नींबू क बागबानी मे सफल नह ं है । वै ा नक के लेख
और उनक वी डयो भी है इस वषय पर। इसम दो बाते बहुत मह वपण ू है पहल , नींबू के केवल बीजू पौधे सफल
है य क इनक उ 25 से 30 साल होती है जब क गु ट के पौध क केवल 12 वष। इसके साथ ह उसमे भी कई
पौधे दो वष के होते होते मर जाएंगे य क इनमे डाई बैक, ककर, ​tristeza और ​citrus ी नंग जैसी और भी कई
बीमार वरासत मे लेकर आते है ।

अब आती है नरसर वाले क बार कसान को वो लोग कैसे बेवकूफ बना रहे है

1. High density plantation करवा कर िजसमे वो 1 एकर मे 450 पौधे लगवा रहा है 10*10 क दरु पर लगवा
रहा है

और न बू क आदश दरु 18 *18 से 20*20 माना गया है

और कुछ कम भी कर ले 16*16 या 15*15 से तो कम नह ं होना चा हए

य क उसका पहला कारण है क न बू का पेड़ कट ला व झाड़ीनम ु ा होता है , और इनक ऊंचाई यादा से यादा
12 या 15 फ ट तक जाती है । ले कन इसका फैलाव बहुत अ धक होता है िजससे ये 20*20 पर भी लगे हो तो 5
साल के बाद ह मल जाते है िजससे हमको बगीच मे 5 साल के बाद े टर से या दस ू रे काम जैसे े करना,
नींबू तड़
ु वाना और ज़मीन मे खोरा लगवाना और भी कई काम करने मे बह ु त परे शानी होती है

दसू रा कारण, सघन बागबानी मे े टर से जत


ु ाई करने पर पौध म घाव लग जाते है तो इनम गु मो सज
(gummosis) क बीमार लग जाती है िजससे पौधे मे से ग द नकलता है । इससे पौधे के प े धीरे धीरे पले
पड़ना शु हो जाते है और इसक शाखाएं सख
ू ना शु हो जाती है और अंततः पौधा मर जाता है ।

तीसरा कारण, सघन बागबानी मे पौधे ज़ब 10*10 पर लगे ह गे तो यह 3 से 4 साल मे ह एक दस ू रे से मल


जायगे और ज़ब हवा चलेगी तो काटे एक दस
ू रे से रगड़ खाएं गे तो फर वह घाव वाल परे शानी होगी। इसके साथ
ह मजदरू को भी े करने मे सम या होगी य क अम द या सीताफल के पेड़ हो तो उनसे टकराकर नकला
जा सकता है य क उनमे कांटे नह ं होते है और लचीले होते है , पर तु नींबू जैसे कट ले पेड़ो के बीच से
नकलना आसान नह ं है ।

अब फर नसर वाला आप का दमाग कैसे घम ु ाएगा वो भी सनु ल िजए, य क उसको तो आप को 1 एकड़ मे


450 पौधे बेचना है । इस कार 450*200=90000 न बे हज़ार पए कम नह ं है । अब वो ये कहे गा क बीजू पौधे 4
साल बाद फल दे ना शु करते है , और हमारे गु ट या ा टे ड पौधे तो आप को 1.5 साल मे फल दे ना शु कर दगे
और कुछ पौध मे फल और फूल भी लगे हुए दखायेगा। और आप दे गा भी ऐसे ह पौधे य क उनके पास रहते
है िजससे सामने वाला भा वत हो कसान अ धक मन ु ाफे क ख़शु ी मे आने वाल वप को नह ं दे ख पाता।
अब वह आपको बताएगा क 1.5 साल मे फल दे ना शु करने क बात से वह आपको 450 पेड़ो मे पहले साल मे ह
15 कलो 20 कलो फल दे ने का वादा करे गा। ले कन असल मे ऐसा होगा नह ं य क 2 साल तक मोट लट बहुत
होती है नींबू के बगीचे मे कुछ पौधे मरते है और कुछ पौधे कमज़ोर भी रहते है सारे एक जैसे अ छे नह ं होते है ।

अब वह 450 *15 = 6750 कलो फल आप को वो एसी के बन मे बैठे बैठे एक पेज पर गणना करे बता दे गा। और
तो और 6750 कलो नींबू को वो 40 पए कलो के हसाब से वह बैठे बैठे बकवा दे गा िजसका मतलब है क
6750*40=2 लाख 70 हज़ार मे वह पहले साल मे बगीचे क लागत नकला दे गा। ले कन काश! ऐसा होता।
यावसा यक उ पादन कम शयल कोई भी पौधा (बीज,ू ा टे ड या गु ट ) 2.5 से 3 साल के बाद ह शु करते है
य क छोटे और अप रप व होने के कारण इनमे फूल और फल गरने क सम या शु मे अ धक रहती है ।
य क यह सब तकनीक बाते है जो बागबानी करते व त आप को दे खने को मलेगी।

इस लेख का न कष यह है क नींबू मे बीजू पौधे ह लगाए जाते है य क गु ट पौधे मे बीमार यादा आती है
और उ भी कम होती है । इसके अ त र त न बू कभी भी सघन व ध मे सफल नह ं होते है 15*15 फ ट से दरू
कम नह ं होनी चा हए। अि तम बात ये है क को 25 से 45 पए के पौधे को 200 पए मे बेच रहा है िजसका कोई
भ व य नह ं है ।


ीमान आपके हसाब से नींबू का पोधा कस उ म जाकर सबसे यादा उ पादन दे ता है , और कतने कलो फल
दे सकता है । कृपया मागदशन कर?

उ र
बीजू पौधा 5 साल मे परू े उ पादन पर आ जाता है और यहां से इस के उ पादन मे एक दम बढ़ोतर होती है क
त पौधा 1 कंु टल तक चल जाती है और आने वाले सालो मे इसका उ पादन दो कंु तल तक भी पहुंच सकता है ।
इसके लए जो काय समय पर करने क ज रत होती है बस वो करते रहे तो ह यह संभव है और कोई परे शानी
नह ं होगी।

पर तु यह कोई यवसाय या नौकर करने वाले या लास वन वाले अ धकार यह सोचते है क कुछ नह ं सब
नौकर को पैसे दे कर काम करवा लगे घर बैठे बैठे। ले कन बागवानी करना इतना आसान नह ं है िजतना लोग
समझते है । बहुत टे ि नकल काम है और बहुत ह बार क वाला काम है ज़रा सी गलती भी आप को एक साल
पीछे कर दे ती है ।

हमारे कसान भी कहाँ कहाँ मात खा रहे है इसम कृ ष म उपयोग होने वाल दवाई बेचने वाले भी है । सब तो एक
से नह ं होते पर अ धकतर दक ु ानदार कभी भी कसान को सह राय नह ं दे ते है । ये हमेशा अपनी चकनी चप ु ड़ी
बातो मे और उन कसान क गाँव वाल भाषा मे बात करके कसान को बेवकूफ बना रहे है बहुत समय से।
सरकार तो अ छा काम करती है ले कन कसान को ये कृ ष दवाई वाले काफ चन ू ा लगा रहे है य क यह सह
दवाई नह ं दे त।े अगर सह दवाई दे द तो ये दोबारा कैसे आएगा दक
ु ान पर। इसम सबसे बड़ा खेल क टनाशक
दवाई बेचने वाले खेल रहे है य क कसान को बरसो हो गए है खेती करते हुए ले कन उनको अभी तक यह नह ं
पता क कौन सी दवाई का या नाम है और ये या काम करती है कोई तकनीक नाम नह ं जानते है जब क
पी ढ़य से खेती कर रहे है ।

ऐसा भी नह ं है क ये कम पड़े लखो क बात है आजकल तो अ छे पढ़े लखे भी मोबाइल म फोटो खींच लाएंगे
और दक ु ानदार को दखा कर दवाई ले जाते है , ले कन वयं कभी यह पता नह ं करने क को शश करते है क
प य पर फंगस के ध बे है या क टो के या सू म त व (Micronutrients) क कमी है और दक
ु ानवाला दे ख कर
समझ जाता है क इसको कतना आता है । इस लए वह मै नी शयम स फेट क कमी के ध बो को भी कसानो
को फंगस क सम या बता कर एक फफंु दनाशक भी से दे गा। अ त तो तब होगी जब चपकू के लए एक पए
वाले शपू के पाउच योग करने क जगह 10 पए का पाउच थमा दे गा ि टकर के नाम पर यह कहकर क दवाई
यादा असर करे गी।

अब वह अपको चेलटे ड माइ ो यू एं स भी दे गा और क टनाशक भी 3 से 4 दन बाद े करने का बोल दे गा


और कसानो का जो काम 35 पए के मै नी शयम सलफेट म हो जाता उसको वह 400 से 500 पए तक म दे
दे ता है और कसान खश
ु क उसने फोटो दे खकर ह उसक बीमार जान ल !

इस लए मै बार बार कहता हूं क कसी भी बीमार क पहचान करने क को शश करनी चा हए। जो भी दवाई या
खाद योग करो उसे लख कर रखो क ये तार ख को हमने ये े कया था और यह बीमार आयी थी। अगर
इतना सा काम कर लोगे तो दक ु ान पर जाकर सीधे टे ि नकल बोलोगे क ये दे दे बस बात ख म। यह कोई बड़ा
भार काम नह ं है बस एक डायर बनाओ और लख कर रखो। फर दे खना प रणाम सकारा मक आएंगे और
साथ साथ खच कम होने से आमदनी भी बढ़े गी।

थोड़ी सी सावधानी के साथ सरु ा भी और अ मदनी भी।

कसान को ए ो शॉप वालो से लट


ू ने से बचाने के लए

wetting agent surfcant ( चपको )के ऊपर काश डाला गया है

या है क बा रश का मौसम शु हो चकू ा है और ए ो शॉप वाले चोर फर से स य हो गए है 10 rs. के


शै पू को वो कसान को 100 से 200 से यादा rs. आप को डरा के छ न लगे !

अब बात आती है वो कैसे बा रश आ गई है तो वो पानी तो साथ लायी है ले कन कुछ बीमा रया भी साथ लायी है
य क बा रश मे बगीच मे रस चस ू ने वाले स- mites - ल फ- माइनर और ू ट लाई gurdle beetle जैसे
कई इंसे स आप के बगीचे मे अटै क करगे और ज़ब आप दक ु ान पर जाओगे कुछ दवाई लेने तो वो आप को
कैसे डराएगा वो दे ख ल िजये

सब से पहले वो कहे गा बा रश के दन चल रहे है आप अगर ऐसे ह संगल दवाई े करोगे तो दवाई प पर से


धल
ू जाएगी य क बा रश का भरोसा नह ं कभी भी आ सकती है तो प पर से दवाई धल ू जाएगी तो आप
साथ मे ये चपको डाल लेना इससे दवाई धलु ेगी नह ं

जो क 200 rs. Se कम का नह ं आएगा ek कोठ का

पहल बात े करने के बाद दवाई अगर 2 घंटे भी प पर रह गई तो प ा खद


ु absorb मतलब सोख लेता या
अपने अंदर ले लेता है

और ये चपको सफ प पर दवाई फैलाने का काम करता है और थोड़ा glycerine और surf के कॉि बनेशन से
प पर रहता है ले कन इसक क मत इतनी नह ं होनी चा हए िजतना ये ए ो शॉप वाले लट ू ने का काम कर रहे
है

इस का सब से बेहतर option ि ल नक लस शै पू का 1 rs. वाला पाउच है

जो क 15 -16 ल टर वाले े पंप मेमा 1 पाउच डलता है जो क वह काम करे गा जो चपको ए ो शॉप वाले
चोर आप को दे रहे है

इस लए आप 1 rs. वाले पाउच का इ तेमाल करे !

और एक ख़ास बात ये क अभी े करने से पहले एक बात यान रखे क अगर रात मे बा रश या हलक बद
ंू ा -
बांद भी हुई है
तो आप सबु ह धप
ू नकलने से पहले े ना करे य क प पर पानी होने क वजह से आप क दवाई का असर
कम होगा और प पर जमीं पानी क बँदू े आप क दवाई का असर कम कर दे गी???

वचार: नवेद शेख, बड़वानी, म य दे श

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