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युने को व धरोहर ल

अज ता गुफाएँ
व धरोहर सूची म अं कत नाम (http://whc.unesco.org/en/list/242)

अज ता गुफाएँ

दे श  भारत

कार सां कृ तक

मानदं ड i, ii, iii, vi

स दभ 242 (http://whc.unesco.org/en/list/242)

युने को े (http://whc.unesco.org/en/list/?search=&search_ ए शया- शांत


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शलाले खत इ तहास

शलालेख 1983 (सातवाँ स )

‘’’नेशनल
यॉ ा फक ‘’’ के अनुसार: आ ा का बहाव ऐसा था क तीत होता है, जैसे शता दय तक अज ता समेत, लगभग
सभी बौ म दर, उस समय के बौ मत के शासन और आ य के अधीन बनवाये गये ह ।

े …
८ क॰मी॰ र से अज ता गुफा का वहंगम य; इसका आकार घोड़े क नाल जैसा है।

अजंता गुफाएँ - टकट कायालय से एक य


अजंता गुफा से जातक कथाएँ

गुफाएँ एक घने जंगल से घरी, अ नाल आकार घाट म अजंता गाँव से 3½ क॰मी॰ र बनी है। यह गाँव महारा के
औरंगाबाद शहर से 106 क॰मी॰ र बसा है। इसका नकटतम क बा है जलगाँव, जो 60 क॰मी॰ र है, भुसावल 70
क॰मी॰ र है। इस घाट क तलहट म पहाड़ी धारा वाघूर बहती है। यहाँ कु ल 29 गुफाएँ (भारतीय पुराता वक सव ण
वभाग ारा आ धका रक गणनानुसार) ह, जो क नद ारा न मत एक पात के द ण म त है। इनक नद से ऊँचाई 35
से 110 फ ट तक क है।

अजंता का मठ जैसा समूह है, जसम कई वहार (मठ आवासीय) एवं चै य गृह ह ( तूप मारक हॉल), जो क दो चरण म बने
ह। थम चरण को गलती से हीनयान चरण कहा गया है, जो क बौ धम के हीनयान मत से स ब त है। व तुतः हनायन
वरवाद के लए एक श द है, जसम बु क मूत प से कोई नषेध नह है। अजंता क गुफा सं या 9, 10, 12, 13 15ए
(अं तम गुफा को 1956 म ही खोजा गया और अभी तक सं यत नह कया गया है।) को इस चरण म खोजा गया था। इन
खुदाइय म बु को तूप या मठ प म द शत कया गया है।

सरे चरण क खुदाइयाँ लगभग तीन शता दय क रता के बाद खोजी गय । इस चरण को भी गलत प म महायान चरण
९ बौ धम का सरा बड़ा धड़ा, जो क कमतर क र है, एवं बु को सीधे गाय आ द प म च या श प म द शत करने
क अनुम त दे ता है।) कई लोग इस चरण को वाकाटक चरण कहते ह। यह व सगु म शाखा के शा सत वंश वाकाटक के नाम
पर है। इस तीय चरण क नमाण त थ कई श ा वद म ववा दत है। हाल के वष म कु छ ब मत के संकेत इसे पाँचव
शता द म मानने लगे ह। वॉ टर एम॰ क, एक अजंता वशेष के अनुसार महायन गुफाएँ 462-480 ई॰ के बीच न मत
ई थी। महायन चरण क गुफाएँ सं या ह 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 11, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25,
26, 27, 28, एवं 29। गुफा सं या 8 को ल बे समय तक हनायन चरण क गुफा समझा गया, क तु वतमान म त य के
आधार पर इसे महायन घो षत कया गया है।

महायन, हनायन चरण म दो चै यगृह मले थे, जो गुफा सं या 9 व 10 म थे। इस चरण क गुफा सं या 12, 13, 15 वहार ह।
महायन चरण म तीन चै य गृह थे जो सं या 19, 26, 29 म थे। अपने आर से ही अं तम गुफा अनावा सत थी। अ य सभी
मली गुफाएँ 1-3, 5-8, 11, 14-18, 20-25, व 27-28 वहार ह।
खुदाई म मले वहार कई नाप के ह, जनम सबसे बड़ा 52 फ ट का है, ायः सभी वगाकार ह। इनके प म भी भ ता है।
कई साधारण ह, तो कई अलंकृत ह, कु छ के ार म डप बने ह, तो कई के नह बने ह। सभी वहार म एक आव यक घटक है
— एक वृहत हॉल कमरा। वाकाटक चरण वाल म, कईय म प व ान नह बने ह, य क वे के वल धा मक सभा एवम्
आवास मा हेतु बने थे; बाद म उनम प व ान जोड़े गये। फर तो यह एक मानक बन गया। इस प व ान म एक के य
क म बु क मू त ायः धम-च - वतन मु ा म बैठे ए होती थी। जन गुफा म नवीनतम वशेषताएँ ह, वहाँ कनारे क
द वार , ार म डप पर और ांगण म गौण प व ल भी बने दखते ह। कई वहार के द वार के फलक न काशी से
अलंकृत ह। द वार और छत पर भ च ण कया आ है।

थम शता द म ए बौ वचार म अ तर से, बु को दे वता का दजा दया जाने लगा और उनक पूजा होने लगी। प रणामतः
बु को पूजा-अचना का के बनाया गया; जससे महायन क उ प ई।

पूव म, श ा वद ने गुफा को तीन समूह म बाँटा था, क तु सा य को दे खते ए और शोध के चलते उसे नकार दया गया।
उस स ा त के अनुसार 200 ई॰ पूव से 200 ई॰ तक एक समूह, तीय समूह छठ शता द का और तृतीय समूह सातव
शता द का माना जाता था।

आं ल-भारतीय ारा वहार हेतु यु अ भ ंजन गुफा-मं दर अनुपयु माना गया। अजंता एक कार का महा व ालय मठ
था। े न सांग बताता है क द ाग, एक स बौ दाश नक, त व , जो क तकशा पर कई के लेखक थे, यहाँ रहते
थे। यह अभी अ य सा य से मा णत होना शेष है। अपने चरम पर वहार सकड़ को समायो जत करने क साम य रखते थे।
यहाँ श क और छा एक साथ रहते थे। यह अ त ःखद है क कोई भी वाकाटक चरण क गुफा पूण नह है। यह इस कारण
आ क शासक वाकाटक वंश एकाएक श वहीन हो गया, जससे उसक जा भी संकट म आ गयी। इसी कारण सभी
ग त व धयाँ बा धत होकर एकाएक क गय । यह समय अजंता का अं तम काल रहा।

गुफा – एक पहला कदम …


तीथ या ा
बौ
धा मक ल

चार मु य ल

लु बनी · बोध गया
सारनाथ · कु शीनगर

चार अ य ल

ाव ती · राजगीर
सन क सा · वैशाली

अय ल

पटना · गया
  कौशा बी · मथुरा
क पलव तु · दे वदहा
के स रया · पावा
नालंदा · वाराणसी

बाद के ल

साँची · र ना गरी
ए लोरा · अजंता
भारहट
गुफा सं॰ 1 से एक च कारी का नमूना

गुफा सं॰ 1

यह एक थम कदम है और इसका अ य गुफा के समयानुसार म से कोई मतलब नह है। यह अ नाल आकार क ढाल
पर पूव ओर से थम गुफा है। क के अनुसार इस ल पर बनी अं तम गुफा म से एक है और वाकाटक चरण के
समा त क ओर है। हालाँ क कोई शलाले खत सा य उप त नह ह; फर भी यह माना जाता है क वाकाटक राजा ह रसेना
इस उ म संर त गुफा के संर क रहे ह । इसका बल कारण यह है क ह रसेना आर म अजंता के संर ण म स म लत
नह था, क तु ल बे समय तक इनसे अलग नह रह सका, य क यह ल उसके शासन काल म ग त व धय से भरा रहा और
उसक बौ जा को उस ह राजा का इस प व काय को आ य दे ना स कर सकता था। यहाँ द शत कई वषय
राज सक ह।

इस गुफा म अ यंत व तृत न काशी काय कया गया है, जसम कई अ त उभरे ए श प भी ह। यहाँ बु के जीवन से
स ब त कई घटनाएँ अं कत ह, साथ ही अनेक अलंकरण नमूने भी ह। इसका - तंभी ार-म डप, जो उ ीसव शता द
तक य था (तब के च ानुसार), वह अब लु त हो चुका है। इस गुफा के आगे एक खुला ान था, जसके दोन ओर ख ेदार
ग लयारे थे। इसका तर अपे ाकृ त ऊँचा था। इसके ार म डप के दोन ओर को ठयाँ ह। इसके अ त म ख ेदार को क
अनुप त बताती है क यह म डप अजंता के अ तम चरण के साथ नह बना था, जब क ख ेदार को एक नय मत अंग
बन चुके थे। पोच का अ धकांश े कभी मुराल से भरा रहा होगा, जसके कई अवशेष अभी भी शेष ह। यहाँ तीन ार पथ ह,
एक के य व दो कनारे के । इन ारपथ के बीच दो वगाकार खड़ कयाँ तराशी ई है, जनसे अंतस उ व लत होता था।

महाक (हॉल) क येक द वार लगभग 40 फ ट ल बी और 20 फ ट ऊँची है। बारह त अ दर एक वगाकार कॉलोनेड
बनाते ह जो छत को सहारा दे ते ह, साथ ही द वार के साथ-साथ एक ग लयारा-सा बनाते ह। पीछे क द वार पर एक
गभगृहनुमा छ व तराशी गयी है, जसम बु अपनी धम-च - वतन मु ा म बैठे द शत ह। पीछे , बाय एवं दाय द वार म चार-
चार कमरे बने ह। यह द वार च कारी से भरी ह, जो क संर ण क उ म अव ा म ह। द शत य अ धकतर उपदे श ,
धा मक एवम् अलंकरण के ह। इनके वषय जातक कथा , गौतम बु के जीवन, आ द से स ब त ह।
गुफा सं या 2 …

गुफा सं या २ म च कारी

अजंता गुफा से च कारी


अजंता गुफाएं

अजंता गुफाएँ

गुफा सं या 1 से लगी गुफा सं॰ 2, द वार , छत एवं त पर संर त अपनी च कारी के लए स है। यह अ य त ही
सु दर दखती है एवम् गुफा सं या के लगभग समान ही दखती है, क तु संर ण क कह बेहतर त म है।

फलक …
इस गुफा म दो ार-म डप ह, जो क सं या 1 से ब त अलग है। ब क फलक क न काशी भी उससे अलग दखती है। इस
गुफा को सहारा दये दो अ े खासे मोटे त ह, जो क भारी न काशी से अलंकृत ह। हाँ, आकार, नाप एवम् भू म योजना म
अव य यह पहली गुफा से काफ मलती है।

ार-म डप …
सामने का पोच दोन ओर त से यु को से यु है। पूव म र छोड़े ान पर बने कमरे आव यक होने पर बाद म
ान क आव यकता होने पर बने, य क बाद म आवास क अ धक आव यकता बढ़ । सभी बाद क वाकाटक नमाण म,
पोच के अ त म को आव यक अंग बन गये। इसक छत और द वार पर बने भ च का पया त मा ा म काशन आ
है। इनम बु के ज म से पूव बो धस व प के अ य ज म क कथाएँ ह। पोच क पीछे क द वार के बीच एक ार-पथ है,
जससे महाक (हॉल) म वेश होता है। ार के दोन ओर वगाकार चौड़ी खड़ कयाँ ह जो चुर काश उपल कराती ह;
जससे सु दरता एवम् स म त लाती ह।

अजंता गुफाएँ

चै य हाल

स दभ
1. "Ajanta Caves, भारत: Brief Description, युने
को World Heritage Site. Retrieved 27 अ टू बर 2006" (h
ttp://whc.unesco.org/en/list/242) . मूल से 18 दसंबर 2008 को पुराले खत (https://web.archive.org/
web/20081218043116/http://whc.unesco.org/en/list/242) . अ भगमन त थ 16 माच 2008.

2. "Ajanta Caves: Advisory Body Evaluation, युने को International Council on Monuments and
Sites. 1982. Retrieved 27 अ टू बर 2006" (http://whc.unesco.org/archive/advisory_body_evaluati

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