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कृ ितका मेरे संग क औरत पाठ 2

1) लेिखका ने अपनी नानी को कभी नह देखा था फर भी उनके ि व से वह य भािवत थ ?


उ र
लेिखका क नानी क मृ यु उनक माँ क शादी से पहले हो गई थी पर तु उनक माँ के ारा उ ह ने नानी के िवषय म ब त
कु छ सुन रखा था। बेशक उसक नानी एक अनपढ़ ी थी । पर तु वे एक वतं ि व रखती थी ।उनके मन म आज़ादी
क लड़ाई करने वाल के िलए िवशेष आदर था। यही कारण था क अपने अंत समय से पहले अपने पित के िम से उ ह ने
िनवेदन कया था क उनक पु ी का िववाह उनके पित क पसंद से न हो, य क वह वयं अं ेज़ के समथक थे । वे अपनी
बेटी क शादी एक वतं ता सेनानी से करवाना चाहती थी ।शायद वे देश क आज़ादी के िलए भी जूनून रखती पर तु कभी
घर से बाहर उ ह ने कदम नह रखा था।

2) लेिखका क नानी क आज़ादी के आंदोलन म कस तरह भागीदारी रही ?

उ र 2) वह य प म भले ही आज़ादी क लड़ाई म भाग नह ले पाई ह पर तु अ य प म सदैव इस लड़ाई म


शािमल रह और इसका मु य उदारहण यही था क उ होन अपनी पु ी क शादी क िज़ मेदारी अपने पित के वतं ता
सेनानी िम यारे लाल को दी थी। वह अपना दामाद एक आज़ादी का िसपाही चाहती थ ।

३) लेिखका क माँ परं परा का िनवाह न करते ए भी सबके दल पर राज करती थी। इस कथन के आलोक म -

(क) लेिखका क माँ क िवशेषताएँ िलिखए।

(ख) लेिखका क दादी के घर के माहौल का श द-िच अं कत क िजए।

उ र:- लेिखका क माँ वतं िवचार वाली मिहला थी । उ ह ने कभी भी एक ब , प ी व माँ के कत का पालन नह

कया था। पर तु फर भी वे सारे घर क यारी थ । य क -

(क) (1) उनक सबसे बड़ी िवशेषता थी क वे एक ईमानदार ी थ । वे कभी झूठ नह बोलती थ । इसी कारण घर के सभी
लोग उनका आदर करते थे।

(2) वे कभी कसी क गोपनीय बात कभी दूसरे को नह बताती थी ।िजसके कारण सभी ि उनके िम थे। उनक सलाह
का सभी स मान करते थे।

ख) लेिखका क दादी के घर का माहौल वतं ता से प रपूण था। वहाँ सबको अपनी इ छा से काय करने क आज़ादी थी

।कोई भी कसी के काम म दख़ल नह देता था और न ही कसी से भी कोई सवाल-जवाब कया करता था। उनके घर म कोई

लड़का-लड़क म भी भेद नह करता था ।उस समय म उनक परदादी ारा लड़क क म त माँगने से सभी हैरान थे, पर
उनक दादी क यही इ छा थी।
४) आप अपनी क पना से िलिखए क परदादी ने पतो के िलए पहले ब े के प म लड़क पैदा होने क म त य

माँगी?
उ र
उनक परदादी लीक से हट कर चलने वाली मिहला थी ।उ ह कतार म चलने का शौक नह था। पर तु हमारी समझ से
उनक परदादी लड़ कय से ब त यार करती थ और लड़का-लड़क म कोई अंतर नह करती थी या वह मिहला को
अिधकार दलवाने के प म होगी । इ ह कारण से शायद वह अपनी पतो से पहले ब े के प म क या चाहती थ । पाँच
क या होने पर भी कभी उ ह ने लेिखका क माँ को ताना या उलाहना नह दया।

५) डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने क जगह सहजता से कसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है -
पाठ के आधार पर तक सिहत उ र दीिजए।
उ र
लेिखका के अनुसार एक बार उनके घर म चोर घुस आया था। उस पर चोर क ही बद क मती थी क वह लेिखका क
परदादी के कमरे म घुस गया। उनक परदादी ने यह जानते ए भी क वह चोर है न िसफ़ उसके हाथ का पानी िपया अिपतु
उसी लोटे से पानी िपलाकर उसे अपना बेटा बना िलया। िजसके प रणाम व प उस चोर ने चोरी करना छोड़कर और
खेतीबाड़ी कर अपना पूरा जीवनयापन कया। इस तरह परदादी म िबना डराए-धमकाए सहजतापूण चोर को सुधार दया ।

६)

िश ा ब का ज मिस अिधकार है' - इस दशा म लेिखका के यास का उ लेख क िजए।


उ र
लेिखका ब क िश ा के ित ब त जाग क थ । उनके अनुसार हर ब े को िश ा पाने का अिधकार था। इसी उ े य से
उ ह ने कनाटक के छोटे से क बे, बागलकोट म ब के िलए जहाँ कोई ढंग का कू ल नह था ,कै थोिलक िबशप से कू ल
खोलने का आ ह कया। मगर उ ह ने मनाकर दया । लेिखका इससे हताश नह अिपतु अपने यास से उ ह ने तीन
भाषाएँ पढ़ाने वाला (अं ेज़ी, हदी, क ड़) कू ल वयं आरं भ कर दया और उसे वहाँ मा यता भी दलवाई।

7) जीवन म कै से इं सान को दधा भाव से देखा जाता है ?


उ र
जो इं सान सदैव स य बोले, ईमानदारी से अपना जीवन तीत करे , दृढ़ िन यी हो, दूसर क बात क गोपनीयता को

दूसर पर कट न करे , जो सबके साथ समान वहार करे , समाज क भलाई के िलए कायरत रहे तथा अपने क से

िवमुख न हो, ऐसे मनु य को ा भाव से देखा जाता है।

8) 'सच, अके लेपन का मज़ा ही कु छ और है' - इस कथन के आधार पर लेिखका क बहन एवं लेिखका के ि व के बारे
म अपने िवचार क िजए।
उ र
लेिखका व उनक बहन एकांत ि य वभाव क थ । लेिखका व उनक बहन के ि व का सबसे खूबसूरत पहलू था - वे
दोन ही िज ी वभाव क थ पर तु इस िज से वे हमेशा सही काय को ही अंजाम दया करती थे। लेिखका क िज ने ही
कनाटक म कू ल खोलने के िलए े रत कया था। और उनक बहन बरसात म कू ल बंद होने पर भी पैदल कू ल प च
ँ गई
थी और उसी समय वािपस घर लौटने पर उसे ज़रा भी दुःख नह आ । वे दोन वतं िवचार वाली मिहलाएँ थी और
इसी कारण जीवन म अपने उ े य को पाने म सदा आगे रह ।

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