Professional Documents
Culture Documents
L-2 Mere Sang Ki Aurten
L-2 Mere Sang Ki Aurten
३) लेिखका क माँ परं परा का िनवाह न करते ए भी सबके दल पर राज करती थी। इस कथन के आलोक म -
उ र:- लेिखका क माँ वतं िवचार वाली मिहला थी । उ ह ने कभी भी एक ब , प ी व माँ के कत का पालन नह
(क) (1) उनक सबसे बड़ी िवशेषता थी क वे एक ईमानदार ी थ । वे कभी झूठ नह बोलती थ । इसी कारण घर के सभी
लोग उनका आदर करते थे।
(2) वे कभी कसी क गोपनीय बात कभी दूसरे को नह बताती थी ।िजसके कारण सभी ि उनके िम थे। उनक सलाह
का सभी स मान करते थे।
ख) लेिखका क दादी के घर का माहौल वतं ता से प रपूण था। वहाँ सबको अपनी इ छा से काय करने क आज़ादी थी
।कोई भी कसी के काम म दख़ल नह देता था और न ही कसी से भी कोई सवाल-जवाब कया करता था। उनके घर म कोई
लड़का-लड़क म भी भेद नह करता था ।उस समय म उनक परदादी ारा लड़क क म त माँगने से सभी हैरान थे, पर
उनक दादी क यही इ छा थी।
४) आप अपनी क पना से िलिखए क परदादी ने पतो के िलए पहले ब े के प म लड़क पैदा होने क म त य
माँगी?
उ र
उनक परदादी लीक से हट कर चलने वाली मिहला थी ।उ ह कतार म चलने का शौक नह था। पर तु हमारी समझ से
उनक परदादी लड़ कय से ब त यार करती थ और लड़का-लड़क म कोई अंतर नह करती थी या वह मिहला को
अिधकार दलवाने के प म होगी । इ ह कारण से शायद वह अपनी पतो से पहले ब े के प म क या चाहती थ । पाँच
क या होने पर भी कभी उ ह ने लेिखका क माँ को ताना या उलाहना नह दया।
५) डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने क जगह सहजता से कसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है -
पाठ के आधार पर तक सिहत उ र दीिजए।
उ र
लेिखका के अनुसार एक बार उनके घर म चोर घुस आया था। उस पर चोर क ही बद क मती थी क वह लेिखका क
परदादी के कमरे म घुस गया। उनक परदादी ने यह जानते ए भी क वह चोर है न िसफ़ उसके हाथ का पानी िपया अिपतु
उसी लोटे से पानी िपलाकर उसे अपना बेटा बना िलया। िजसके प रणाम व प उस चोर ने चोरी करना छोड़कर और
खेतीबाड़ी कर अपना पूरा जीवनयापन कया। इस तरह परदादी म िबना डराए-धमकाए सहजतापूण चोर को सुधार दया ।
६)
दूसर पर कट न करे , जो सबके साथ समान वहार करे , समाज क भलाई के िलए कायरत रहे तथा अपने क से
8) 'सच, अके लेपन का मज़ा ही कु छ और है' - इस कथन के आधार पर लेिखका क बहन एवं लेिखका के ि व के बारे
म अपने िवचार क िजए।
उ र
लेिखका व उनक बहन एकांत ि य वभाव क थ । लेिखका व उनक बहन के ि व का सबसे खूबसूरत पहलू था - वे
दोन ही िज ी वभाव क थ पर तु इस िज से वे हमेशा सही काय को ही अंजाम दया करती थे। लेिखका क िज ने ही
कनाटक म कू ल खोलने के िलए े रत कया था। और उनक बहन बरसात म कू ल बंद होने पर भी पैदल कू ल प च
ँ गई
थी और उसी समय वािपस घर लौटने पर उसे ज़रा भी दुःख नह आ । वे दोन वतं िवचार वाली मिहलाएँ थी और
इसी कारण जीवन म अपने उ े य को पाने म सदा आगे रह ।