Professional Documents
Culture Documents
Ach Shri Details Golden Book 2020
Ach Shri Details Golden Book 2020
आचार्य श्री
का संमिप्त
पररचर्
नमनकतायओ ं की ओर से
मवशद्ध
ु भमक्त पञ्ु ि (मवमभन्न पि
ू ा व आरती)
मवशुद्ध शतक
मवशुद्ध सागर मविान
मवशद्ध
ु वदं ना
समपयण
समामिसार (आचार्य)
अकिंकत्रर्ी (आचार्य अकिंक स्वामी कृत)
(न्र्ार् मवमनश्चर्, प्रमाण-मवमनश्चर्, िघीर्स्त्रीर् सर्ं ुक्त)
सवयज्ञ शासन : नमोस्तु शासन
प्रकाशक :नमोस्तु शासन सेवा समममत (रमि.) सपं ादक : पी. के . िैन ‘प्रदीप’ Page 21 of 30
वागीश्वरी-संग्रह (पूवायचार्य प्रमणत 31 ग्रंर् सकं िन)
[इष्टोपदेश, द्रव्र् संग्रह, रत्न कांड, स्वरूप संबोिन, तत्वार्य सूत्र,
छहढािा, ज्ञानान्कुश, आिाप पद्धमत, परीिा मुख आमद]
ज्ञानांकुश (भावार्य समहत)
मिनेंद्र अचयना (देव शास्त्र गुरु पूिन, पवय पूिनामद सग्रं ह)
सुभामषत रत्नाविी (भावार्य समहत)
आत्मारािना (स्तोत्र पाठ, पूिन, आरती)
दैमनक श्रमण चर्ाय (प्राकृत भमक्त एवं प्रमतक्रमण संग्रह)
संप्रमत मदगंबराचार्य (वतयमान 108 आचार्ों का पररचर्)
प्रकाशक :नमोस्तु शासन सेवा समममत (रमि.) सपं ादक : पी. के . िैन ‘प्रदीप’ Page 22 of 30
प्रकाशक :नमोस्तु शासन सेवा समममत (रमि.) सपं ादक : पी. के . िैन ‘प्रदीप’ Page 23 of 30
७८. वतयमान में मसद्ध िेत्र श्री वासोकुण्ड,वैशािी, मबहार में वषायर्ोग
/चातुमायस चि रहा है ।
७९. ७ िाख से भी अमिक िोगों ने आचार्य श्री की प्रेरणा से
स्वेच्छा से मांसाहार का त्र्ाग मकर्ा हैं ।
प्रकाशक :नमोस्तु शासन सेवा समममत (रमि.) सपं ादक : पी. के . िैन ‘प्रदीप’ Page 30 of 30
सर्ं म पुरुषोत्तम आचार्य श्री का अर्घर्य
िन्र् िन्र् अहोभाग्र् हमारे,हम नर भव पे गवय करें।
मवशुद्ध गुरु किर्गु मैं िखके ,सतर्ुग िैसो पवय करें॥
समर्सार के सतं मनरािे,कोनऊ नई एिेंडा है।
वत्शि भावी गंगा बहती,करती मन को ठंडा है॥
दुियभतम गुरुवर की चर्ाय,ने तेरा ने बीस करें।
सब सतं न को गिे िगाए,ं राग द्वेष की टीस हरें॥
समर्सार के आत्म मविर् की,िमय ध्विा फहरावत है।
ई से ई िरती पे गुरुवर,कुंदकुंद कहिावत है॥
मिनशासन की शान गुरु को,गौरव हमें बढ़ाने है।
गुरु के पद मचन्हों पे चिके ,पद अनर्घर्य प्रगटाने है॥
ऊाँ ह्ूाँ संर्म पुरुषोत्तम आचार्य श्री 108 मवशुद्धसागर मुनीन्द्रार् अनर्घर्य
पद प्राप्तार् अर्घर्य मनवय स्वाहा ||