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Namostu Chintan 1 April18
Namostu Chintan 1 April18
जैन “ द प”
Page 1 of 34 ISBN # 00-0000-000-0 v- 2018:001
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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जय िजने .
आपके सम यह च तन पु प, नमो तु चंतन पु प पेश करने का मेरा यह लघु यास
ह और यह पु प प ल वत हो सका ह तपल मरणीय मेरे भगवन, मेरे गु दे व के आशीवाद
से ह और आप सभी के नेह सहयोग के कारण ह असीम बल को ा त कर सका. मेरे इस
यास म जो भी ु टयाँ, मेरे अ प ान के कारण हुई ह उन सभी के लए म आप सभी से
दोन हाथ जोड़कर आप सभी से मा चाहता हूँ.
द प कुमार जैन (पी. के. जैन ‘ द प’)
31 माच 2018
वासी मेलबन, ऑ े लया.
नवासी क याण, मंब
ु ई, भारत.
सबके दन एक से नह ं होते और सब दन भी एक से नह ं होते
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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आचाय ी अ य
ॐ ं णमो आइ रयाणं ीम
आचाय परमे वशु सागर
मु नरे यो अनघ पद ा ये अघ
नवपामी त वाहा ||
आचाय वशु ध सागर महाराज क बारहवीं आचाय पदारोहण दवस पर उनके चरण म
अनेक भवो म िजतने भाव कए उन भाव के बराबर आचाय ी के चरणो म नमो तु नमो तु
नमो तु ।
इ त शुभम अलाप!!
महामं ी
जो है सो ह
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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आचाय ी र चत का य:
।। अकत व भाव।।
अहो हंसा मन !
येक य का प रणमन है पथ
ृ क, पथ
ृ क,
व व, प रणामो के कता सब वयं ह है ।
प रणाम के कता य है ।
प रणाम उन य का कम है ।
परमाथ से, नह कसी का कसी म कता संबंध है
इस लए भत
ू ाथ त व को जान,
जीव का कसी अ य से कता कम संबंध नह है ।
।। जो है सो है ।।
poooooo
ट मंडल :
ी पी. के. जैन ‘ द प’
अ य
बा. .अ यकुमार जैन
महामं ी
ीमती त ठा जैन
उपा य ा
ी अिजत जैन
सह मं ी
ी वीन जैन
कोषा य
सद य:
ीमती मंजू पी. के. जैन
ी सुशांत कुमार जैन
!!जो है सो है !!
!!नमो तु शासन जयवंत हो!!
!!जयवंत हो वीतराग मण
सं कृ त !!
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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नमनकता:
ीतेश जैन, बरायठा, म य दे श
संचालक (एड मन), नमो तु शासन सेवा स म त प
ु नं 22
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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।। मेरे गु वर।।
संसार पी समु म जब डूब रहा म, सहारा दया मेरे गु ने ।।
वषय चाह क आकां ा म डूब रहा, नज से मलाया मेरे गु ने।।
चारो तरफ वप से जब म गरा, समता से जीना सखाया मेरे गु ने।।
कभी रोना कभी हँसना,कभी हार कभी जीत,
सब दन एक से नह होते यह बताया मेरे गु ने।।
इ ट का वयोग और अ न ट के संयोग म, जो है सो है कहना सखाया मेरे गु ने।।
न कसी मे राग न कसी मे वेष,मा जानो दे खो जाने दो सखाया मेरे गु ने।।
जग म पर के साथ रहते हुए भी, नज के भगवान आ मा से मलाया मेरे गु ने।।
म वत हूं म कसी का कता नह ं,ऐसे िजनवाणी सू को सखाया मेरे गु ने।।
न थ क सेवा करना जबतक न थ बन न सको,
ऐसे नमो तु शासन को जयवंत करना सखाया मेरे गु ने।।
नमनकता:
सश
ु ांत जैन, उदयपरु , राज थान
ट एवं संचालक (एड मन), नमो तु शासन सेवा स म त ुप
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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ाभत
ृ शा : यह समयसार थ ह और यह अरहंतदे व के वचन
का अंग ह, अवयव ह, इस लए मुझे वीकार ह. यान दे ना, ये
अरहं त के वचन का अवयव ह, इसम अपने मन का नह ं जोड़
दे ना. अपने मन का जोड़ दोगे तो अरहंत का अंग अ वशु ध हो
जायेगा. इनको वशु ध ह रहने दो, इसम अपना मत नह ं जोड़ो.
आपको अपना मत (अंग) जोड़ना हो तो अपने नाम का थ
बनाओ. उसे आचाय कु दकु द या आचाय अमत
ृ च वामी का
मत कहो. िजनको आपको सुनना या पढ़ना हो वो सुनगे, पढगे.
िजसे नह ं सुनना ह,वह आपका नह ं सुनगे,कु दकु द को ह सुनगे.
यह है वशेषता गुण क ,
नमो तु शासन क ,
ीजी के चरण म भी हम भावना भाते ह “तव गण
ु ल ये”
*****
जयवंत हो वीतराग मण सं कृ त ||
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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नमनकता:
क त जैन, द ल , द ल दे श अ य ा
एवं संचा लका नमो तु शासन सेवा स म त पाठशाला ुप
गु चरणो म को ट को ट नमन
नमनकता:
राजेश जैन द नदयाल नगर झाँसी
मं ी: नै तक ान को ठ; नमो तु शासन सेवा स म त
वनयांज ल
छ ण त अ ठ क मं ज मण मरणं ण पावती ||
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
Page 27 of 34 ISBN # 00-0000-000-0 v- 2018:001
गु भि त और संयम से घोर संसार सागर से तर जाते ह, अ ट कम को छे द दे ते ह
और ज म मरण को ा त नह ं होते.
दशन तु त मे भी आया ह _
वदे श से समाचार
जय िजने .
आप सभी को सू चत करते हुए हष हो रहा है क मेलबन, ऑ े लया म ि थत ी
दगंबर जैन चै यालय को 15 मई 2018 को 5 साल पणू होने जा रहे ह. इस ी चै यालय
म दे वा धदे व ी 1008 आ दनाथ भगवान क तमाजी था पत ह एवं हर माह के दस
ु रे
र ववार को सामू हक अ भषेक, पज
ू न अचना होती ह िजसमे लगभग 20 से 25 प रवार
सि म लत होते ह.
मेलबन, ऑ े लया पछले 7 साल से व व क थम नंबर पर रहने यो य सट का
अवाड ा त कर रह ह. यह हम सभी का यह पु य उदय रहा ह क ी चै यालयजी म परम
पू य आचाय ी 108 वशु ध सागरजी मु नवर वारा ति ठत ीजी क मू त वराजमान
ह. यह ीजी क मू त मई-2013 म रानीपरु (िजला झाँसी), उ र दे श म
ति ठत हुई थी.
इस ीजी क मू त के पंच क याणक महो सव 1-5 मई 2013 म रानीपुर म संप न हुए थे.
ीजी क तमाजी वरािजत करने का एक मा कारण (संयोग) ी अयन जैन के पता ी
कोमलचंद जी जैन (भोपाल म. .) का तमा धार ावक होना रहा. वे मेलबन म चै यालय
था पत करके वा पस भारत चले गए. चै यालय जी म ीजी का अ भषेक व पज
ू न ी अयन
जैन जी वारा यथायो य र त के अनस
ु ार त दन कया जाता ह. मेलबन जैन समाज क
इ छानस
ु ार हम सभी ने दगंबर जैन सं थान, मेलबन ट क थापना भी कर ल गई ह.
जो क भ व य म एक शखर स हत मं दरजी के नमाण क प रे खा बना रहा ह. हमारे
ट का पंजीकरण (रिज े शन) नंबर 219010187011 है व थानीय कानून के अनुसार टै स
फाइल नंबर 495224757 ह यह ट नॉन ो फटे बल एंड चै रटे बल (धमादाय) ट ह. इस
उपरो त ीजी के शखरब ध मं दरजी के नमाण म आप सबका सहयोग वांछनीय ह.
-: ट गण :-
ी अयन जैन ी अ वनाश जैन ी अं कत पी. जैन ी नवीन जैन
अ य उपा य महामं ी कोषा य
✍श द रचनाकार
नंदन जैन छ दवाड़ा
म य दे श दे शा य , नमो तु शासन सेवा स म त
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
Page 30 of 34 ISBN # 00-0000-000-0 v- 2018:001
हे गु दे व तु ह णाम,
हे आगम ानमू त तु ह णाम,
मन से “ वशु ध”, तन से “ वशु ध”,
कहते सबको ानी,
इसी लए तम
ु सम-रस-धार को
सब जग कहता क याणी,
द प “मंजूषा” लेकर कहता-
हे परम उपकार
द प के मन मं दर
को “अं कत” कर डाला,
हे लला मनहार !
-: हमसे जड़
ु ने के लए संपक करे :-
पी. के. जैन ‘ द प’
बा. . अ यकुमार जैन
काशक : नमो तु शासन सेवा स म त (रिज.) संपादक : पी. के. जैन “ द प”
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आप सभी का आभार
नमो तु शासन सेवा स म त प रवार
जय िजने