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सं ह बल भ प त
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मालती माधव नवभू
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व र कर शेखरान र
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रसेक
मा पयो
मु
द चेर संगतः |
वपरम योजन
th
यगदं जगत् | र.र.स. (आमय जगत् - नागा न)
त | स द न सं ह / रसे
मारो दा द औषधे
रद न
s कोरस || र.सा.स.
Ra
पुराणः गुणे आसवा धातवोरसा | र.सा.स. / शा.
मा पुला गुणा सा त पनपाचन | र.चु.
मम होरसोय त् रस नायमु ते | रसा व
al
कुल – पा ती
अकुल – व
m
रसशा का उ – जीवन मु
कुल – 84
चा – 27 र.र.स.
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• नागा न – सातवाहन के गु , शु वाद के व क, मायूरी के ता, आ योग माला के र यता |
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रस शा
पारद
पारद उ को जानने वालो को 4 – आरो , दी यु, रसक तथा संतानवृ |
e
क का क, वबीज|
or
पारद प ध पूजा (महापातकना नी) – भं ण, न, दानं, नं & प पुजन |
मु – जाहर
बंधन – मु
मृतपारद – अमरीकरो th
Ra
पारद का न– ह पापनुत |
2. पारद का नैवेध – अ क का स ना |
al
Atomic no. – 80
Ka
Atomic wt – 200.6
Mel ng - -35.870C
Boiling – 357.250C
Speci c gravity – 13.56
Rela ve density – 12.59
Freezing - -360C
पारद का तन – संसार का दा & रोगमु |
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9. पारद रा मो – रसे र द न|
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1. रस – जरा डमृ नाशाय – र व
or
2. रसे – रसोपरस राज द–क लव
4. पारद – रोगपंका
का या (18 सं रप त्)
Ra
पारद के ख ज – Hg mainly obtained from Spain (Alma don mine)
c. च र – कृ पः द Meta Cinnebar
Highest % of Hg (75-78%)
3. यडायट – HgO
पारद द न का फल – 100 अ मेध य का फल, करोड़ो गौ के दान के बराबर, हजारो मु का दान के बराबर
|
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1 ष – मृ
2व – ताप वृ
3 मल – जड़ता
4 नाग- ण
5 वंग – कु
6 चाप – शु दोष
7 अस – मोह
e
8 दोष – ट
or
पारद उ –प श – अथ वेद
• कूट वहारी – य व ल
•
सुव मेदकथन – कौ
व के शु th
बीज से – का केय
अ शा (325 ई.पु.)
Ra
• व के शु रस से – पारद
• व के शु मल से – धातुये
al
चाप – कृ धतुर
m
अस – गो र
दोष – क
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पारद के दोष
1 ष – मृ क फला
2व – दाहसंताप फला क
३ मल – मू , म कुमारी अर धफलम
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औपा क दोष 7 1 प टी – भू ज कु
(अ ) 2 पाटनी – ज जा ता
स कंचुक 3 भेदी – वा ज वात
4 वी – नाग दोष कोप
5 मलकारी – नाग दोष कोप
6 अंधकारी – वंग दोष कोप
7 शी – वंग दोष कोप (काकवत र)
e
➢ इं ना से व( ) ने पारद को दोष यु या |
or
सामा शोधन – रोग वारणा
पारद का शोधन – आ
शेष शोधन – रसायना
नाशा
th
Ra
सामा शोधन – चुना (सम) + रसोन (सम) + सै व (अ )
पारद का ल ण– ( )अ सु लो व लो म न सू म काश |
al
(अ ) धू प पा न यो |
1. दन – मल शै कारकम इन दोलायं
2. म न – ब ल नाशनम इन त ख यं
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2. अधो – रसायने यो भवेत शेष |
or
3. क – क कारी भवेत धुवूं ( )|
9. समान – गगन भ ण सं र|
al
11. ग -
12. बा – के भेद 2
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14. रंजन -
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18. भ ण/शरीर योग
or
पारद ग – (5) – अ (1) – जीव ग –म पूजा रा यं त |
जारणा/जारण – थम उ
अ क औष को जी क व पू
ख रस दय तं |
th प मे बना र |
समे पारद गालन पाटना यायो के ना स ए ए
Ra
जारणा ही नाम गालनपाटन केन मा रस पू व प म् |
गंधकजी पारद
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भेद – (2) 1. सगंध (ब म, अंत म तथा म) 2. ध
or
मू ना से पारद सेवन यो तथा रोग शां योग होता |
सगंध मू ना ध मू ना सा मू ना रा मू ना
1. क ली 1. मु
th रस 1. सगंध except क ली 1. क ली
Ra
2. मकर ज 2. रसपु 2. रसपु 2. मु रस
3. समीरप क 3. रसक र 3. रस क र
4. आरो व नी 4. स शाली
al
5. रस प टी गंधक –क ली
m
6. म र गंधक बंध – प टी
7. ताल र गंधक जी – रस र
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1. योगर कर – बोल तथा ता प टी
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2. भैष र वली – जय, रस, तथा प मृत प टी
3. रस तरं णी - मु रस
5. जय प टी – पारद (4) गंधक (2) रजत (1) (½) मु (¼) वै त (¼)- सं हणी
6. प मृत प टी – गंधक (8) पारद (4) का लौह (2) व क (1) ता (1/2) – गृहणी
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13. स र प टी –
14. म प टी – नासारोग
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15. भैरवान प मृत प टी – तृ
or
प टी का अनुपान – त तथा जीरक चू {क योग – 1 माह तथा त सेवन}
बालुका यं का योग |
SO2 गैस
अ , जल तथा लवण
कलती |
षेध | th
Ra
कूपीप क ना – 2 भेद – सगंध तथा ध
मृ अ – 200-250 – क ली त
al
मा म - 250-450 – यौ क ण
ती अ – 450-650 – उ पातन
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• रस क र ण – घनसार रस के नाम से |
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• रस दय त – गंधक जारण
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2. ध – रसपु तथा रस क र
कंठ – मकर ज, रस र, म र, रस क र, रस पु |
उभय – पू च दय रस, मा रस |
तल – समीरप ग रस, वंग |
e
2. अंधे मे तल लाल व का हो जाय |
or
3. काश ने पर पारद का कण उपर आता तीत हो |
1. रस
5. ताँबे के को मुख पर रखने पर पारद के कण
र|
Ra
• रसयोग सागर ने रस र मे पारद तथा गंधक सामन मा बताई |
• 100 gm पारद तथा 100 gm गंधक -270-116 (theori cally) तथा 110 (prac cally).
al
▪ रस तरं णी - अ णो ल काशम् |
m
चन – 2½
रंग – ¼
कास – 1/8
रसपु – Calomel (Hg2Cl2) – पारद (1) गंधक (1) कसीस (1) हीरक संकाशं
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हर, मू ल, चक etc.
मा – 1/64 – 1/32 र
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वपीतमलोपेतम सार नाशयेत |
or
• भा भु मा त अ सार मे यु |
•
आ
नौसादर 5 र
तर योग – नौसादर अथवा दालचीनी |
7. वंग – (no Gold) – पारद, गंधक, वंग, नौसादर तथा कलमीशोरा – पीतकेश या व |
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रस शा
4. याहीन बंध -
a. बाल – समभाग अ क
e
b. कुमार – गुण अ क
or
c. त ण – चतु ण अ क
d. वृ – षड् गुण अ क
पोट बंध – बाला लरोगनुत् |
8. क
1 तं ल 21 न तक योग करते |
सूतबंध कारक – र
क ज नाशन – मा
मू बंध – प फल द | without mica with help of Veg. – सहन |
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व्दि
च्छु
म्र
ल्क
र्द
ति
व्रा
ग्नि
रस शा
घृ न मुंचेतमल, धो व णात
बाला – 8 अंगुल
e
त णी – 10 A
or
ग – 12 A
मदद ना नी
शा म प वेदी वता क
द ण ता , शीशा यम पाषाण क
आ य रस ग अ क
नैऋ रा स शा क
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ईशान ई र औषध सं ह
e
ता ढ लकंठ रस ग येत ||
or
चलनी के कार –
|
Ra
1. वरलौह – Fe + Cu – प in गंधक यु लकुच रस |
2. मर – वरलौह + --- र व
al
2. 1 व गु का धारण – ब , प त, , आरो ता |
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e
14. कोयला – र, पावको , अंगार को ला |
or
15. उपल – क, छगण, उ ल, , साठी, वराटी |
22. ध वै –
i. प ह –ध , स वाक न, वकेशवपूजक |
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e
28. अ षेक – अ रा त लौह – 8 मेष क कर जो जल का प प या जाता
or
ते व ते लो र मेषकम |
से th पो वे तद्ढालनं मतम |
कृ चू |
Ra
31. न – म न तथा धमन से दो को लाना |
32. अनुव – मा से अ क मा |
Page 18
स्व
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पारद सं ता रंजन गु 45
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रस र समु य रस वा ट 32
or
रस तरं णी सदान श 20
य करण
• यं मेकं परंम – रसा व
th
Ra
• जलपू पा म द घटख र सु रम = क प यं
• ना यं = म जारणा by नंदी |
al
• घट यं = आ पन यं |
2. व ल – 12 X 4 अंगुल
3. त ख – 9 X 6 अंगुल (म क – 8 अंगुल)
यं क पातन ली यं दन
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ग यं पारद भ जलकु यं र ग यं
e
यं पारद बंधन ई का यं गंधक जारण
or
धूप यं जारणोपयोगी उलुखन यं चू कु नकयल
मृदंग यं कृ म गुल
2. व मुषा – स पातना |
5. म मुषा – प टी आ का दन |
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11. गार मुषा – 2 याम तक अ सहन |
or
12. वर मुषा – 1 याम तक अ सहन |
14. रौ
|
तु |
th
Ra
16. व वणी मुषा – use of भुनाग घौत भावना–म ष (मु टर ), 4 याम अ |
को (4 aco. RRS)
al
1. अंगार को – राजह समु धा, खराणाम् स पा नी, अ याम चोडा & दरवाज़ा 12X2,
m
पुट
रसा पाकानां माण पनं पुटम् |
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ग्नि
रस शा
• अन म नं तथा खापू ता वृ |
e
4. कु ट पुट – 2 त माण, 46 cm, 100/10 उपल, रजत भ |
or
5. कपोत पुट – 1 त माण, 8 उपल, सुता भ |
के आधार पर – 3 भेद – सू , च
al
अ क वाजीकरण- 10-500 व – 14
का तु कोयला –
• बदर – दन |
• बांस का कोयला – वे |
भ परी –
शु व – शु न सम त, स मे |
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उ रण/बीज – 2 धातुओ को त कर –- पन – मृ च त
सं र|
वा तर – अन म नम (अवलेह) |
e
4. - with help of silver coin |
or
• का नी का व न – प या य in RRS, 3 weak तक 1 क गंधक+ घी |
• परी – अ क, मा क, रजत, क ली |
• अमृतीकरण – अ क, ता ,
th |
Ra
• अ करण – ता |
• वा क – धातु तथा ख ज का ता |
6. प मृ का – इ का, गै क, लवण, भ , वा क|
7. र य – यव र, स र|
8. र य - यव र, स र, टंकण |
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9. प र - यव र, स र, लनाल, पलाश, मु ल|
चणका – स षाभेक श ते |
अ वेतस – स षामु मो म |
लौह – , रजत, ता |
e
11. प लौह - , रजत, ता , नाग, वंग |
or
12. महांग लौह - , रजत, ता , वंग, कृ यस |
14. अंजन य – पु
कार, ह th , दा ह |
Ra
16. त व – तगर, कुटज, कु , गूंजा, जीव , तकमल, क |
लौहव
• यह लौह श धातु के ए यु आ |
3 कार =
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रजत च च त त कृ 960 10.5 अग प मा क 2%
मा
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मंग पीत ह +
ल ल
नाग वासु बुध कृ धूम पारावत 325 11.5 मनः ला 8%
वंग
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त कपोत
क ल
th शु
जा लफ 1520 7.7
233 7.3
अजमू /अ
रस हरताल
गुल
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सं = या व ल, रसा व – 6 | कौ , शारंगधर – 7 |
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पंचमृ का, गै क+सै व, रस नाग
or
रजत अग प , /चंगेरी रस, ती तैल मा क
लौह
नाग
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रस, चू
रस, चू
दक by
दक by
th ठर यं
ठर यं
गुल
मनः ला
हरताल
Ra
ल ह चू + रस मे 5 प 1. पारद – रा, उपलौह – गंधक
ह
यशद रस, चू दक by ठर यं 4. ता का अरीलौह – यशद
m
अ कं चे काभं तुनां व य: ||
धातुओ के प य –
र्ण
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7.
or
9. व लौह – प लौह, व ल, प रसा |
1.
a. ख ज – na ve गो th (Au), Calvarite (AuTe2), Sylvenite (AuAg)Te2.
Ra
b. भेद – 5 भेद
2.रजत
a. ख ज – Argen te/Silver glance 87% (Au2S), Cerargyrite/Horn Silver (AgCl),
Polybasite, Prus te, Pyrargyrite, Pearcite, Telurite.
Page 27
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d. ग शय शोधन, को गतवातनाशक, आ पनादौ सु रं रतानां यूनां |
or
e. Mac Aurther Forest Bresses (Cynide process) = AgCl
i. – th तं च पुनः कृ |
Ra
ii. नैपालक ( ) – घनाघात मं गु , र व in रास व |
3. उपरो या मे ता : गंधक = 2 : 1 |
f. ता भ से उ कार शा तु – मुनी ही + , धा क + |
Page 28
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क्ष
त्थ
ध्य
त्प
स्वे
त्थ
न्न
त्ति
रु
न्ति
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क्त
म्र
र्व
र्श
ल्ल
शि
ध्या
र्ण
न्ति
स्त्र
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क्ति
रु
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चि
र्ण
र्ति
मि
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चि
श्रु
पि
श्री
त्त
प्प
शि
शि
न्य
क्र
श्च
मि
श्री
र्भ
प्र
त्र
स्त
रस शा
a. भेद – 3
1. मृ – , त वम टम् |
e
2. कु –म म| कड़ार - अधम |
or
ii. ती लौह (Wrought/ Steel iron) – highest MP
पोगरम् |
Ra
3.
5. वा र– ग व संकाशै सू खे सा कै |
al
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हिं
हिं
ह्र
पों
ति
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पों
क्ष्ण
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हि
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म्ब
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क्ष्ण
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पों
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प्र
न्दु
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मि
रे
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स्त्र
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नि
दे
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क्त
दु
ग्ध
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प्त
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शि
नि
म्बू
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गि
रे
ti
रस शा
ध लौह पाक –
e
प ज फल या – का लौह |
or
• अशु लौह सेवन से हा याँ – डा, आमशूल, म रोग |
नाग भ – रामोभवेत वं |
al
भेद – 2
m
i. कुमार – ( )
ii. समल
Ka
उप व – भ + हरीत |
i. खुरक – त वं सगौरवं श |
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त्रि
स्था
प्र
द्रु
क्व
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वि
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ष्ठ
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धि
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क्षा
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क्वा
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ध्य
नि
र्वा
है
त्रि
त्र
र्वा
त्र
रस शा
ii. क - मशु कम |
e
उप व – मेष गी + |
or
7. ल
a. भेद – 2
i. री का – ता भं, कृमीनाशक |
ii. काकतु – कृ
th भं, यकृत हाहर |
Ra
b. ल ण – गु मृदवी च ताभां सारंगी ताडन मा |
al
8.काँ
m
a. भेद – 2
i. पु काँ त|
Ka
ii.तैल काँ –क श भ|
c. ल ण – ती श , ल, दाहर etc (6 ल ण) |
9. व लौह
a. भेद – 5 काँ , नाग, ल, लौह तथा ता का ण|
b. शोधन – अजामू / अ मू
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सिं
मि
पि
ग्रा
ग्रा
ष्प
र्वे
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र्त
ह्य
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त्त
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श्वा
मि
श्री
स्य
ज्यो
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म्र
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त्रा
प्र
स्त्र
मि
क्ष
ल्ल
श्र
र्ग
क्ष
क्ष
र्व
प्र
दे
न्दु
र्ण
रस शा
e
• भुनागस =व वण मे, भुनाग स मृ का = षनाशक |
or
• करण – 40 तोला भ + 10 तोला गंधक + 10 तोला घृत |
लौह -
a. ल (Brass) – Cu:Zn (2:1)
al
,नाग,
• 100 yrs स , 70-80 yrs म म, 60 yrs अधम तथा <60 yrs षतु |
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नि
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स्य
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ध्य
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दु
ग्ध
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म्र
त्र
क्ष्ण
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शि
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वि
नि
त्र
हि
ल्य
टु
क्ष्ण
त्रि
म्र
रस शा
महारस
अ वै मा क मला जस कम् |
चपलोरसक s सं सान् ||
e
महारसो सं – रसा व – 8, रसोप षद – 7, रसप – 6, रसराजल – 15, AP – 1 |
or
प य–
2. वै
3. मा क – मधुधातु, त ज, तारज, ता
– कुव क,
th
कू श, चू व , रसराज शोभाम
|
|
Ra
4. मल – गंधायस |
5. लाजतु – ज, अ ,अ ज, अ ज, अ र, गै य |
al
6. स क– व, अमृतासंग, ता ग , तु क, मयूरतु क |
कृ क – Bio te (Fe)
Flurospar - K2.Al2O3.6H2O
Page 33
वि
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ग्री
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द्द
न्त
त्थ
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ति
णि
म्ब
क्ष्मी
र्या
रस शा
रो मा क – गंधायस - Fe2S3
4. मल – Ironpyrite - Fe2S3
e
Bornite, Peacock ore – Cu5FeS4.
or
7. रसक - acording to रसा व - Zinc Blenda – ZnS (गुड प)
th
Ra
शोधन तथा मारण
1. अ क – hardness 2.5 – 3
Page 34
सिं
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शि
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दु
ग्ध
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द्वा
त्रि
त्ति
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क्त
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त्र
क्षि
रू
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ष्ठा
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क्षा
म्र
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म्भ
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मि
क्वा
र्पु
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र्पु
रू
tt
रस शा
iii. म क–म कं तं पत –अ री |
e
अ क = 500 पुट (वाजीकरण) तथा 100 - 1000 पुट (रसायन)
or
c. अमृतीकरण – 10 भाग अ क भ , 16 भाग फला थ तथा 8 भाग गोघृत |
व हा गुण वृ
d. स पातन – प
लो करण – गंगे क, वट
जा प th मा ष प
र etc.
ल ण–
al
दः सकलदोषगदापहारी ||
Page 35
पि
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ज्ञा
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ध्र
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ण्डु
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स्व
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ति
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धि
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ष्ण
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ष्य
ष्य
ञ्च
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ति
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हि
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ष्ठ
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न्य
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णों
ञ्च
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न्दा
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ष्ठ
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रु
ग्नि
दे
त्रि
वि
स्त्र
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त्यु
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धि
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र्भो
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त्रं
ति
भ्र
क्त
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र्बु
नि
रस शा
रो मा क – गंधायस – तप र संभूतो |
e
b. स पातन – गुंजाबीज सम या शु भं – Fe + Cu |
or
आयु द काश ने मा क को उपधातु कहाँ |
4. मल - भेद – (3) – ण( )
a. व ल कोण संयु
रजत – रजत
th फलका
ण|
मल तथा
ण
मा क)
Ra
b. स पातन – शीशस भं चं संकाशं – Fe |
a. गौमू ग
al
– संस ( ), तथा स
6. स क – {Hardness - 2.5}
c. स – इ गोपाकृ |
Page 36
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क्तः
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न्हौ
रे
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न्नि
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क्षि
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ष्ठ
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स्व
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शि
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प्रा
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स्व
ष्ण
स्व
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त्व
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दृ
न्वि
स्य
र्ण
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प्र
प्त
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न्द्र
न्धि
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द्रि
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स्था
न्ध
ष्ठ
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चि
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न्हि
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है
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वि
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क्त
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ष्ण
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लि
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ष्ठ
र्मि
न्धि
प्रे
र्ण
स्व
क्षा
र्ण
र्ण
क्षि
घ्र
द्र
वों
रस शा
b. क या ष : रसबंध धायक |
करवे क– ल – औष के ये – Smithsonite |
उपरस
e
गंधा गै कासीसकां ताल लांजनम् | कंकु चे परसा पारदक |
or
• प य–
2. गै क – र
पामा , रसगंध |
धातु, ज, र
th पाषाण, लौहधातु, मृ का |
Ra
3. कासीस – खग, खेचर, क , अयोगग संभूतं, पांशुक |
महा ता |
7. अंजन
a. सौ रांजन - कृ अंजन |
b. तांजन – यामुनेय |
d. पु जन – कौ भ, री ज, पु केतु, कुसुमांजन, री पु क |
Page 37
पिं
स्फ
स्रो
रि
र्या
ष्पां
वि
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श्वे
शि
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श्म
रि
ल्ल
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च्छा
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टि
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नि
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ष्ण
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मि
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ष्ठा
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क्षी
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ति
क्षी
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हि
रि
णि
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ष्प
म्भ
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शि
न्द्र
गि
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व्हि
हृ
न्धा
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ति
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र्ण
श्म
न्त
ष्प
ध्न
दे
स्त्र
त्रि
र्थी
शि
क्त
की
ष्ट
गि
सि
ति
रि
र्द
द्धि
प्यु
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ष्प
त्ति
त्व
व्यौ
त्ति
ण्ड
धि
श्चा
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लि
ष्टौ
ज्ञा
त्र
म्र
र्मा
जि
वि
णि
व्हि
भ्रा
रस शा
दा थोदभव |
स, मवती, शोधन |
• रासाय क सू –
e
1. गंधक – S | hardness – 1.5-2.5 | S.G. – 1.9-2.1 | MP – 119 | BP – 444 |
or
2. गै क – Heama te or Ochre or Red Oxide of Iron (Fe2O3) |
a. पु जन – ZnO |
m
b. नीलांजन – PbS |
c. रसांजन – HgO |
Ka
• भेद तथा ल ण
a. शुकचंचु भं – र व – |
b. पीतव – म म |
c. शु व – हीन |
Page 38
स्व
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ष्पां
क्ल
र्वी
र्ण
शि
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ष्ट
क्वा
क्षी
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नि
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र्या
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र्ण
त्र
ग्र
क्त
ti
हे
र्ण
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स्रो
श्रै
ष्ठ
र्क्ष्य
ष्ट
क्ष्ण
र्क्ष्य
है
दु
ग्धि
स्त्र
ग्नि
रे
ज्य
वि
रस शा
a. र – शुकतु भं – धातुवादा |
c. त – ख काकार – लोहमारणा |
d. कृ – भ – जरामृ नाशा |
e
• Again 2 भेद – आवलासार (ह तपीत - ) तथा ख का ( तपीत व ) |
or
• गंधक मधुर पाक वाला होता तथा इस मा 1-8 र |
•
गंधक सेवन काल मे प
गृद
al
• तु कुरतेs यु |
– जल मे इस बूंद न फेले |
2. गै क –
Page 39
श्वे
प्र
क्त
रि
ष्ण
द्मा
न्द्र
न्द्र
फि
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क्षि
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क्ष
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दु
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प्र
च्च
पि
ल्यं
न्त
ल्ली
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वि
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ण्ड
की
च्छ
की
द्रुति
नि
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चि
मि
द्ध
ण्डू
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त्रा
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क्षि
में
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त्यु
त्सा
थ्य
त्वा
ल्ल
ग्मं
टु
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वि
रि
र्थ
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है
द्ध
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र्थ
दु
र्थ
ग्ध
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र्थ
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मि
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क्र
है
स्त्र
ष्ठ
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र्जा
न्न
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टु
है
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है
डू
र्ण
की
दि
की
रस शा
e
3. कासीस –
or
a. रसर समु य – 2 भेद
b. रसा व – 3 भेद – शु
ii. पु कासीस – पीताभं – औष
th , कृ तथा पीत |
ण (नयनौषधम्) |
Ra
c. आयु द काश – 3 भेद – कासीस, धातुकासीस तथा पु कासीस |
गुद लन – गुद श |
ण लन – स |
Ka
Page 40
स्व
रू
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द्र
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प्र
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च्च
ग्ध
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क्त
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प्रो
ण्डा
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स्व
हे
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ष्ण
धि
र्ण
क्षा
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रु
म्रं
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र्मा
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ष्प
श्रै
श्रै
रि
ष्ठ
ष्ठ
ष्ण
नि
रि
न्य
म्बू
स्त्र
स्व
श्या
र्ण
दि
है
रि
है
है
रू
ष्प
रि
त्व
प्रा
प्त
रस शा
• दोष शा दा पारदजारणी |
रस र समु य – 2 – भेद –
e
i. प ताल – – रसायना |
or
ii. ताल – पु हर |
•
स पातन – अ
के च मे शु हरताल चू --- र
--- तल मे त|
व (VK र) |
Ra
6. मनः ला –
i. मांगी – र भं |
ii. कण रका – ता भं |
m
iii. ख –अ र – |
• ल ण– लाख शु र त भा |
7. अंजन
Page 41
त्रि
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श्या
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द्ध
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वि
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क्ष
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क्य
शि
न्ति
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च्च
च्च
ष्ठ
स्त्री
क्षा
क्ता
प्र
त्रा
म्भू
शि
र्क
की
ति
म्र
म्रा
शि
ष्प
र्ण
दु
ग्ध
र्ण
क्तं
त्व
भ्र
त्रा
जि
ण्ड
वि
ति
ल्मी
ष्ठा
म्ल
श्रै
त्रों
र्थ
श्या
त्ती
ष्ठ
हि
न्या
ध्मा
हि
शि
बि
क्तो
क्षि
धि
त्र
त्प
वि
पि
न्धं
द्ध
प्र
त्त
त्ती
द्दु
क्व
व्र
स्त्र
श्रै
लों
ष्ठ
कि
र्ण
ट्ट
त्प
श्वे
व्दि
द्मु
क्त
ति
ण्ड
र्ण
ज्व
रस शा
घृ म् तु गै क यां |
c. पु जन – तव – स रोगनुत, प क नाशनम् |
e
8. कंकु – (स जात द व )
or
a. 2 भेद –
i. ना का – – पीतव तथा गु |
• मव
ii. णुका –
उप व मे
al
• शोधन
Ka
उपरस शोधन
हरताल कु रस, ल र|
Page 42
रे
हि
वि
रि
ष्पां
ष्ट
त्व
ष्मा
लि
रे
व्र
द्र
स्त
दु
दु
ग्ध
ग्ध
शि
ष्ट
वि
त्पा
ण्ड
द्र
रे
द्र
त्र
व्य
व्य
पि
त्फु
चि
नि
स्व
शि
लि
रि
श्रै
त्तै
श्वे
कि
ल्ली
द्मो
ष्ठ
श्च
न्व
ष्ट
च्छा
त्सा
लि
रे
र्ण
न्त
ति
शि
र्ण
र्ण
र्द्र
र्थ
निः
वि
क्षा
न्ति
व्दा
म्बु
स्त्रि
स्व
ग्रा
त्व
र्ण
र्वा
ब्बु
र्ण
क्त्र
र्च
क्षि
ध्न
द्र
व्यों
र्त
म्बि
कि
रु
क्वा
न्तु
है
प्र
है
हि
र्द
नि
स्रो
क्का
म्बू
क्त
रु
प्र
स्त्र
ण्डू
रि
ञ्च
द्रा
है
स्त
ण्ड
त्र
रे
स्वे
है
दि
र्त
मि
त्व
क्ष
त्र
है
है
रस शा
अंजन भृंगराज रस |
तांजन – गोशकृ समू षु घृत वसा – शी ब सूतकम् |
रसांजन – सू व योग |
कंकु शु थ|
o नयनौषधम् – पु कासीस |
o स रोगनुत – पु जन |
e
o लोचनाभय – गुल |
or
o नयनांतक हा णी – कप |
o रस मा मे त अ क का योग करते |
o कंकु , री
th
र तथा चपल सं |
Ra
o पारद जारण – तुवरी तथा नौसादर |
साधारण रस |
क sप गौरीपाषा नवसादरकः |
कप व जार री र गुलो ||
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हिं
हिं
स्त्री
स्रो
र्वा
ण्ठी
म्पि
र्दो
क्षि
ष्ट
ष्ट
ल्ल
ष्प
णि
क्वा
त्व
स्व
गि
न्हि
श्च
क्य
स्म
घ्न
र्य
रि
सि
प्र
ष्प
त्यो
श्च
श्वे
र्ता
न्दू
दि
ष्पां
द्र
गि
क्र
र्ण
भ्र
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र्भ
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प्र
णों
न्दू
स्का
र्त
प्र
क्षो
दि
द्र
है
ग्ध
द्र
व्य
है
है
है
स्त्र
घ्रं
ध्ना
ति
रस शा
मृ र ग इ रस कराः ||
• प य–
e
3. नवसादर – न सार, नरसार, सार, चु कालवण, इ कालवण, डलवण |
or
4. कप – चर, चराचर, बाल ड़नक, वरा का, रा का |
6. री र–र
अजुनो व
रासाय क सू –
al
5. अ जार – Ambergris |
Page 44
हिं
हिं
सिं
वि
गि
गि
र्या
द्दा
द्दा
ग्नि
ग्नि
म्पि
पि
म्पि
tt
र्द
र्द
सि
सि
श्रुं
श्रुं
ल्ल
ल्ल
नि
द्भा
र्ष
न्दू
न्दू
र्ण
त्य
र्ण
व्य
ष्टौ
त्र
क्त
ग्नि
क्त
क्त
रे
वि
व्य
र्ण
सि
क्त
ग्नि
द्धि
tt
र्भ
दे
क्री
रु
रे
र्भ
र्भ
कि
सि
घ्न
ट्ट
प्रो
ग्नि
न्दू
रु
र्क
क्ताः
चि
नि
षि
स्था
र्या
टि
ल्लि
र्भ
ल्ल
स्त्र
वि
म्बु
क्तां
द्भ
टि
ण्ड
ल्ल
म्ले
ष्टि
न्द्र
न्हि
च्छ
त्रि
tt
श्म
ष्टि
र्ण
म्ब
र्ण
वि
क्त
द्भ
रस शा
e
• भेद तथा ल ण
or
1. क क – फलरज का योग करते |
उ मकृ
परी –ठ
, पीत खा परी
जल मे न th ,इ
घुलता, ग जल मे अ
का चू संकाशं, कृ घातनी गु का |
घुलता |
Ra
मे मृ होता , जल के उपर तैरता , अ संयोग होने पर ट
के साथ जलता |
al
2. गौरीपाषाण – सु त ने थम व न या |
AP व अनुसार – 2 – त – शंखाभं – कृ म |
पीत – दा माभं – प तज |
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त्त
म्पि
क्षा
ष्ट्र
ल्ल
मि
दे
ध्नं
र्ण
क्ष
गि
ण्डे
fi
स्प
त्प
है
स्नि
र्श
श्रु
न्ने
रे
ति
ग्धो
श्ले
प्र
हीं
ष्मो
दु
क्षा
प्र
श्वे
ध्नो
र्ण
है
र्ति
श्वे
ष्टि
कि
मि
र्म
र्य
है
क्त
स्फ
ल्म
है
र्ण
टि
स्त्र
त्य
ड़ि
श्रै
ल्प
रि
त्रि
ष्ठ
द्रा
है
पि
श्रै
मि
ष्ठ
ग्नि
श्रै
र्व
ज्व
है
ष्ठ
श्वे
ण्डू
टि
है
र्ण
र्ण
र्ण
रे
च्य
वि
स्फो
रस शा
अ सार ह शु भु मा समु तं |
e
मांसाजी वारण, वृ क ष नाशक होता |
or
4. कप –
का पृ दी वृ |
Ra
वराट – कफ व क, गु |
ल ण – दी वृ व पृ च ला |
al
वेधी भवेतरस |
6. री र – पारद का ख ज |
र्ण
दि
न्दू
नि
गि
ल्पी
र्ण
ध्नी
र्घ
पि
वि
स्त्रा
न्ता
न्दा
वि
द्र
श्चि
प्र
त्री
व्य
स्व
ष्टे
नि
नि
टि
र्ण
नि
क्ष
ध्नं
ष्क
न्तः
वि
र्मा
है
र्णि
र्णा
च्य
त्त
स्थि
श्रै
र्ध
दृ
ष्ठ
र्थ
श्य
रु
है
ष्ठे
श्वे
प्र
ख्य
त्रि
श्वा
ति
नि
ग्रं
भ्र
ग्रं
र्य
र्थ
पि
थि
थि
ष्क
स्य
दि
स्त्र
त्त
ध्य
व्हे
है
दि
नि
न्दुनि
र्ध
ष्ठ
ध्य
रि
ष्ठे
ग्नि
न्त्या
न्द्र
र्ध
श्ली
स्म
रु
र्घ
है
ह्य
र्भ
है
र्ण
त्ता
क्त
स्त
त्य
प्र
स्त्रा
नि
ष्क
ज्व
र्ण
ष्क
भ्रि
त्र
ध्वं
क्षा
त्थि
द्रा
र्म
रस शा
हलोहकरं ने |
7. गुल – थम कौ अ शा मे व त|
गुल से काला गया पारद गंधक जारण ये पारद के समान लाभकारी होता |
e
गुल अनुपान – म च + गुड या ली + गु ची |
or
जपाकुसुमव भः पेषणे सुमनोहरः |
च र – कृ व या र व |
Ra
शुकतु – पीत व |
हंसपाद – जपाकुसुम व |
हंसपाद – त खा वाला |
m
8. मृ र ग – रसे चूड़ाम मे थम व त|
टि
ति
रि
ल्य
श्य
णि
व्र
ध्यं
त्रि
गि
नि
र्थ
त्वं
क्षै
त्कृ
प्र
सि
रू
ण्यं
स्त्र
ष्ट
पि
र्मा
ण्ड
त्रि
न्दू
प्प
क्ला
त्त
र्णि
प्र
स्व
र्णि
र्मा
श्वे
ष्ण
कि
भ्र
वि
ग्न
नि
स्त्र
ण्डू
त्त
ण्ड
रे
डू
र्ण
र्द
ल्प
दि
प्र
क्त
भों
र्ण
सि
क्त
त्व
नि
र्ण
र्द
ण्डू
र्ण
न्दू
नि
त्रि
र्ज
ण्ड
है
रस शा
1. क क - जल रा |
e
3. नवसादर – उ जल, उ पातन in डम य |
or
4. कप – अ व मे दन |
5. अ जार – अ र|
6. गुल – मेष
रस या आ क
रत त
th रस या लकुच
रस 7 भावना |
• मारण
al
1. गौरीपाषाण – लाजव क , ही र, अ रआ |
m
4. मृ र ग – स – Pb बा योग |
Page 48
हिं
हिं
हिं
नि
द्दा
द्दा
त्व
ग्नि
म्पि
म्बू
त्रा
त्ती
दु
र्द
र्द
ग्ध
श्रुं
श्रुं
स्व
ल्ल
र्द
म्ल
ग्नि
त्व
वि
क्षी
ष्ण
द्र
त्व
न्य
ब्धि
क्ष
दु
ग्ध
क्षा
र्द्र
व्दा
त्प
स्वे
त्ती
ल्ल
न्ती
श्चा
सि
स्व
की
र्ध्व
त्ती
र्फ
ल्क
नि
लि
म्बू
द्ध
ह्य
र्द
स्नु
म्पु
ध्य
स्व
प्र
मि
स्वे
र्च
स्वे
क्षी
त्रा
रू
स्व
की
र्द्र
न्त्र
स्व
र्क
स्त्र
द्म
र्द्र
की
त्ती
क्षी
प्र
स्व
स्व
दि
स्वे
की
श्वे
स्वे
स्म
न्त्र
दि
रस शा
e
र
or
मा मु फल मा ता च पु रंच नीलं |
• र नाम, ह, का
गौमेदक
तथा formula
थ
th रक मेण र नव हाणाम् ||
Ra
र ह का english formula
मा सू 9 Ruby Al2O3
al
व शु 10 Diamond C
म्चा
ग्र
क्ता
वि
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न्त
ष्पं
ग्र
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स्त्र
दु
ति
णि
दे
न्द्र
र्च
न्त
र्त
न्ना
रस शा
• कु व – मा , नीलम तथा प |
e
सामा दोष – 6 – वृत, आव , ट, कृश, य तथा पा कृश |
or
लघु दोष – 5 |
th
हीरा तथा पुखराज – 3.5 |
– 2.7 |
Ra
मा तथा नीलम – 4 |
वै – 3.5 – 3.8 |
al
गोमेद – 4 - 4.7 |
• र जा याँ – 3
m
• र का शोधन
2. शेष शोधन
a. मा –अ व | मु – जय रस |
Page 50
प्रा
वि
त्नों
त्नों
त्नों
ज्र
रु
क्ता
रु
नि
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स्प
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ति
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स्त
न्ना
न्य
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स्त्र
रे
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क्ष
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क्षा
नि
र्भ
र्वा
र्श्व
न्ती
त्र
वि
स्व
रे
द्रु
दि
रस शा
b. वाल – रव | प – गौ |
e. वै – फला |
• र का मारण –
e
1. थम व – मा ,प , पुखराज, नीलम, गौमेद तथा वै |
or
लकुच वे सं : लागंधक तालकैः | - 8 बार गजपुट मे पाक |
3. तृतीय व – व |
मु
• र के प य
2. मु – अ सार, श य, शौ कैय |
ज्र
प्र
णि
स्व
र्ग
स्म
ष्टे
त्न
न्तु
क्य
र्ग
णि
रु
ल्य
वि
शि
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ल्य
शि
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रु
प्र
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प्रि
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स्प
त्थ
शि
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वि
ति
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स्व
वि
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भि
क्ति
ल्ल
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प्र
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णि
दु
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ज्र
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स्व
क्कु
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क्षि
र्क्ष्य
हीं
स्त्र
त्न
णि
त्न
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स्व
दु
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म्बो
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हि
धि
स्म
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र्य
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ल्ल
द्म
प्रि
त्थ
है
श्म
वि
र्ण
स्व
र्भ
द्रु
म्भ
त्थ
ब्धि
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है
की
प्रा
प्ति
रस शा
8. गौमेद – ग क, तपोम , रा र |
• र के भेद तथा ल ण
e
भेद – 2 प राग – – कुशेशयदल यं , वृ यत् सम् |
or
नीलगं – गंगा स तं नीलग ण |
मा
मा
– गुलाबी रंग
तथा भ th मा
होती |
–¼-½र |
Ra
2. मु – बालासुर का टा दांत – पौरा कउ |
गुण – 9 – र
al
दोष – 10 |
Ka
Page 52
पिं
प्र
ग्रा
त्नों
र्णा
क्ता
ह्य
णि
णि
णि
डू
र्य
क्य
क्य
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क्ष
पि
पि
श्वे
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ष्ठी
श्मि
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नि
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मि
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श्या
र्क
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त्य
क्ष
धि
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ष्य
श्रि
र्म
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कि
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प्र
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त्प
ग्ध
की
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बि
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प्र
णि
म्र
श्री
म्बु
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प्र
की
म्ब
स्ति
र्म
क्र
त्रा
वि
म्भू
ण्ड
त्य
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क्त
स्नि
स्थू
व्या
च्छा
त्न
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है
च्छा
ग्ध
धि
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ष्ठ
क्ष
णि
नि
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ष्ठ
नि
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श्वे
र्भा
स्त्र
त्ता
स्व
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कि
र्जा
रु
र्प
चि
च्छ
त्प
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त्र
च्छ
त्ति
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त्र
है
वि
वि
त्ता
स्त्य
दृ
श्य
दि
ष्टा
ग्रं
थि
क्ता
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म्ब
श्रै
श्रे
ष्ठ
रू
ष्ठ
च्छा
है
है
रस शा
4. प – स ष का ANTIDOTE |
e
ल ण– म पा शोफ़ ता मोजो व नम् | षड णीय ख वत |
or
5. पुखराज – क काकार सुनाभो |
6. व
र – य– नाशक, जरामृ हर |
m
कृ – – नाशक तथा वय पक |
Ka
दोष – 5 – – ता का धन नाश |
काकपद – मृ कारक |
यव – तयव के अ त|
मल – अ तथा पशु का भय |
खा – वाम खा के अ कारक |
Page 53
स्वे
ज्र
र्णा
न्ना
क्ष
ग्रा
ह्य
ति
दृ
त्त
ष्टि
नि
क्ष
श्वे
र्ग
दु
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र्णि
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र्प
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नि
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वि
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र्भा
त्रि
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रे
स्वे
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प्र
क्ति
ष्ट
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क्ष
भ्र
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श्वे
श्वे
क्त
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ग्नि
ष्ण
ल्प
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श्रै
रे
ष्ठ
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क्ष
रु
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श्य
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ह्म
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द्र
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ध्नं
क्त
वि
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स्त्र
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रि
क्त
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क्त
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दु
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रु
र्य
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ग्य
म्बु
र्ण
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र्व
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वि
न्द्र
र्य
द्ध
त्यु
स्था
र्ध
प्र
रि
ण्ड
रस शा
व भ मा – 1/32 – 1/16 र |
व मारण – मु टर (खटमल) |
e
आन क ने व के अनुसार 11 व का नीलम माना |
or
अ ल ण–र गत छाया |
भ तथा मा – 1/8 – ¼ र |
कफ नाशक, यपा th
द् गोमेदं र मु ते | (RRS) |
यंकरम्, बु बोधनम् |
Ra
ल ण – मधु सम या गौमू सम भम् | अणुध ता पाया जाता |
गोमेद + सोना – अ वृ |
al
उपर
• उपर के सं रस तरं णी ने 6 तथा रसजल ने 7 बताई |
Page 54
पिं
ग्रा
ग्रा
ग्र
ज्र
ज्र
स्म
र्य
र्य
ग्रा
ह्य
ह्य
डू
ठि
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त्न
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ह्य
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क्ष
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क्ष
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प्र
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ष्ठी
ष्ठी
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र्ण
त्रा
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क्ष
क्ता
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क्त
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न्दु
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वि
न्द्र
र्य
मि
ध्व
च्छा
ण्डू
क्ष
न्द
रु
ति
न्त
क्षी
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र्ण
त्न
श्वे
ष्ठ
न्द्र
त्ती
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त्ती
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ज्य
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ण्ठ
न्त
ष्ण
स्त्र
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प्र
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मि
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र्मि
है
स्फ
टि
णि
है
रस शा
e
or
• प य
2. च का
3. राजाव – आव , नृपाव ,
– सं वोपल, इ का ,
th ला
ता |
Ra
|
4. पैरोजक – ह ता ,ह |
5. मा – यशव ला, ह , ह ता |
al
6. तृणका – तृण ही |
य, लोपल, म |
Ka
• भेद तथा ल ण
ल ण– क समं काश |
2. पैरोजक –
Page 55
व्यो
स्फ
शि
ग्रा
स्फ
व्यो
र्ण
र्या
न्द्र
न्द्र
न्द्र
र्य
नि
ह्य
खि
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टि
श्म
श्म
प्रि
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र्त
र्त
र्त
न्त
न्त
न्त
न्त
न्त
क्ष
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स्म
क्ष
नि
रि
र्म
र्को
रु
स्र
शि
र्त
ग्रा
ति
श्म
शि
खि
लि
पि
धि
रि
ण्ठ
क्त
स्व
ष्ठ
र्त
ग्नि
न्म
रि
च्छ
णि
नि
न्म
न्दु
र्भ
प्र
णि
न्त
णि
शि
श्मा
ष्यों
शि
त्य
रि
मि
र्ण
णि
शि
श्मा
श्रि
श्म
र्तो
त्न
स्त्र
सि
प्तो
द्धो
णि
नि
ष्तु
त्न
रस शा
3. मा (Green colour) –
e
Its used in Pep c ulcer |
or
4. तृणका – यादवजी कमजी मे थम व त | MP – 280-375०C |
मालाधारण करने से ग
धान न
thव का भय न रहता |
बनाई जाती |
Ra
5. च का – व करः हाल नाशनः |
6. सू का – FeO |
9. गौमेद – Mg |
Page 56
लिं
लिं
व्यो
त्न
न्ना
न्द्र
र्य
क्ष
ठि
डे
र्वे
न्य
श्म
न्त
न्त
न्त
प्र
क्र
स्था
शि
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प्रि
नि
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म्बू
त्रि
र्भ
वि
प्र
णि
स्त्रा
की
णि
रि
स्व
स्मां
क्य
क्क
र्लिं
च्छो
हीं
प्र
है
च्या
ग्र
सि
स्त्री
पि
है
र्फ
हीं
रि
क्ष्मी
र्णि
पि
ष्ठी
न्ना
स्त्र
वि
श्रै
है
ष्ठ
है
न्द्र
है
दि
न्त
है
है
र्त