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दी का ३

क १

सभी को नम र! आज के सां क समारोह प वार भाजन ग र के बारे देना चा गी।


प वार भाजन व मान समय एक साधारण बात बन चु है, जो अ क दुःख बात है।जब एक प वार टू टता है, तब
इसके दु णाम सब सद पर प ते है। स तौर पर, प वार के ब भाजन से भा त होते कोई भी ब
के कास के ए माता- ता या अ भावक ब त आव क है।

आप सब यह सो ए आप एक भा त प वार पालन-पोषण आ हो। आपको तनी क नाइ का सामना


करना होगा? और-तो-और, य एक प वार सद हो जो न हो, उ एक भा त प वार पूरी सहायता न
लती है। भा शाली एक सहायक प वार ब ई , परंतु मेरे त प वार ऐसा न है। जब मेरी बुआ
का देहांत आ था, तब उनके ब उ द न करने न आए थे। ऐसी प को देखकर ब त दुखी होती , और
त आप भी उदास होते गे।

हम सब बचपन से सीखते है जब हम र से बंधे है, ह एक दूसरे का सम न, सुख और दुःख, करना होगा। हमारी
सं से हम एक सामू क रवैया अपनाते है। इस ए ही तो हमारा देश इतने स तक जु आ रहा है। पर आज के
तेज, दु र , हम हमारी राशा अपने प वार पर कालते है। हमारे अप को भूल जाते है। आप सब को
त करती आज, जब आप अपने प वार को लते है, उनसे र से बात ए। य हमारे अपने,
अपने न हो, तो हमारे इस दु या कौन है?

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