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Most Important Terms and Concepts Related To Polity
Most Important Terms and Concepts Related To Polity
By - नननतन गुप्ता
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न्यूक्लियर अम्बरेिा :
परमाणु बम िारा यु्ध िडे जाने की स्थिनत में “Nuclear Umbrella” संरक्षा की गारं टी सहृश
है !
नक्सिवसादी (Naxalites)
हहिं सा िारा समाज वस राजनीनत में आमूि-चूि पररवसतणन िाने (जैसा द्वक चीन के माउत्से तुंग की
नवसचारधारा थी) की मंशा से सवसणप्रथम नक्सिवसाडी, पश्चिम बंगाि में 1967 में चारू मजुमदार के
नेतृत्वस में द्वकसानों वस मजदूरों ने प्रयत्न द्वकया था। यहीं से इस प्रकार का प्रयत्न करने वसािों को
”नक्सिवसादी” तथा इस व्यवस्था में नवसश्वसास रखने की नीनत को नक्सिवसाद कहा जाता है।
इनका नवसश्वसास है द्वक –”क्ांनत का अभ्युदय बंदूक की निी से होता है।”
ननन्दा प्र्तावस :
व्यवस्थानपका के सद्यों को यह अधधकार होता है द्वक वसो द्वकसीभीमंत्री के कायोंको अ्वसीकृत
करने या ननन्दा करने का प्र्तावस (Vote of Censure) सदन में प्र्तुत करें और बहुमत धमिने
पर पाररत कर सकें। इससे मंद्वत्रयों या प्रशासन पर ननयंत्रण ्थानपत करने में सरिता रहती है।
पंचायती राज :
्थानीय ्वसराज िाने के लिए, अपना नवसकास ्वसयं करने के लिए तथा अपना न्याय ्वसयं करने
के लिए जो व्यवस्था प्र्तुत की गई, उसे पंचायती राज कहते हैं।
प्रजातंत्र (Democracy)
अराहम लििं कन के शब्दों में “Government of the People, by the People, for the
People” प्रजातंत्र है। यह वसह राजनीनतक व्यवस्था है लजसमें मतदाता चुनावस के िारा अपने
प्रनतननधध को चुनते हैं तथा चुने हुए प्रनतननधध नवसधाधयका में कानून बनाते हैं। इन ननधमि त कानूनों
िारा ही शासन चिाया जाता है।
प्रोटोकॉि :
दो देशों के बीच कूटनीनतक आचरण के ननयम को ”प्रोटोकॉि” कहते हैं।
नप्रवसीपसण :
्वसतंत्रता के पश्चात देशी ररयासतें प्राप्त हुई थीं, तो उनके शासकों को सरकार िारा कुछ नवसशेष
सुनवसधाएं तथा अनुदान देना ्वसीकार द्वकया गया था। इन सुनवसधाओं तथा अनुदानों को “Privy
Purse” कहा जाता है।
प्रत्ययानुदान :
द्वकसी राष्टरीय आपात के लिए धन की अप्रत्यालशत मांग को पूणण करने के लिए (लजसका नवस्तृत
ब्यौरा नहीं हदया जा सकता) सदन प्रत्ययानुदान के रूप में एकमुश्त धनरालश दे सकता है।
प्रभुत्वस :
इस शब्द का प्रयोग अथाणत् “Hegemony” का प्रयोग नेतत्ृ वस के संदभण में द्वकया गया है। इसका
आशय होता है द्वक द्वकसी राष्टर का अन्य राष्टरों पर प्रबि प्रभावस।
प्रनतषेध :
प्रनतषेध (Prohibition) िेख सवसोच्च या उच्च न्यायािय िारा अपने अधीन्थ न्यायाियों को
जारी की जाने वसािी एक ननषेधाज्ञा है, लजसके अंतगणत यह आदेश हदया जाता है द्वक वसे अपने
अधधकार क्षेत्र के बाहर जाकर या कानून की प्रद्वक्या के नवसरू्ध कारणवसाई न करें। प्रनतषेध केवसि
न्याधयक और न्याधयक प्राधधकाररयों के नवसरू्ध जारी द्वकया जा सकता है, प्रशासननक प्राधधकाररयों
के नवसरू्ध नहीं।
प्रनतननहहत नवसधान :
संसद के पास समय तथा नवसशेषज्ञता के अभावस के कारण वसह केवसि नवसधधयों की मूि रूपरेखा
बनाकर अन्य सीमाओं के भीतर नवस्तृत ननयम-नवसननयम सरकार पर ही छोड देती है। इसे
प्रनतननहहत नवसधान अथवसा अधीन्थ नवसधान कहते हैं।
पाटीिेस प्रजातंत्र :
वसह प्रजातंत्रीय व्यवस्था लजसमें एक राजनीनतक दि हो, ”पाटीिेस प्रजातंत्र” (Partyless
Demicracy) कहिाता है।
पोलित ब्यूरो :
साम्बयवसादी दि की सवसोच्च सत्ता जो नीनत ननधाणररण का कायण करती है, “Polit Bureau”
कहिाती है।
प्रजातांद्वत्रक समाजवसाद :
उस व्यवस्था को प्रजातांद्वत्रक समाजवसाद होता है, द्वकन्तु सरकार की नीनतयां, कायण वस नवसचारधारा
समाजवसाद पर केन्द्रित होती हैं। इस व्यवस्था में राजनीनतक न्याय, आधथि क न्याय वस सामालजक
न्याय प्रत्येक व्यनि को हदिाने का प्रयत्न प्रजातांद्वत्रक प्धनत से द्वकया जाता है।
प्रत्यक्ष िोकतंत्र :
इस राजनीनतक व्यवस्था में प्रनतननधधत्वस िोकतंत्र का ननषेध द्वकया जाता है। इस व्यवस्था में कोई
भी कानून पाररत करने अथवसा द्वकसी नवसषय पर ननणणय करने का अधधकार जनता को प्राप्त होता है
न द्वक प्रनतननधध को।
प्रादेलशक समुद्र :
द्वकसी राज्य की मुख्य भूधम से िगा हुआ और अंतराणष्टरीय कानून िारा मान्य समुद्री क्षेत्र प्रादेलशक
समुद्र कहिाता है, लजस पर तटीय राज्य को कर, मत््य उद्योग, सुरक्षा, नौ संचािन आहद की हृधि
से पूणण आधधपत्य होता है।
पॉवसर पॉलिरटक्स :
उस राजनीनत को ”पॉवसर पाॅलिरटक्स” (Power Politics) कहते हैं जो कुछ व्यनियों िारा
सत्ता हधथयाने के लिए उपयोग में िाई जाती है।
प्रेशर ग्रुप :
दबावस (Pressure) या हहत समूह से तात्पयण शासकीय व्यवस्था के बाहर द्वकसी भी ऐसे ऐच्छिक
संगरठत समूह से है जो शासकीय अधधकाररयों की ननयुनि या मनोनयन, सावसणजननक नीनतयों के
ननधाणरण, उनके प्रशासन एवसं ननवसाणचन तथा समझौता व्यवस्था को प्रभानवसत करने का प्रयास
करता है।
प्रत्याव्हान :
कायण-नवसधध से पूवसण असंतुष्टट मतदाताओं की ननश्चित संख्या िारा प्राथणना-पत्र के आधार पर
ननवसाणधचत सद्यों के कायणकाि को समाप्त करने को प्रत्याव्हान (Re-call) कहा जाता है।
फ्लोर क्ॉलसिं ग :
द्वकसी राजनीनतक दि के सद्य जब संसद या नवसधानसभा में अपना दि त्याग कर नवसरोधी दि
अथवसा सत्तारूढ दि में शाधमि हो जाते हैं, तो इसे “Floor Crossing” कहा जाता है।
द्वफफ्थ कॉिम :
द्वकसी देश में अन्य देश के नागररक गुप्त सूचनाएं प्राप्त करने अथवसा नागररकों में असंतोष उत्पन्न
कर नवसद्रोह के लिए प्रेररत करते हैं। उन व्यनियों को ”द्वफफ्थ कॉिम” (Fifth Column) कहते
हैं।
फेनबयन :
फेनबयन (Fabian) एक प्रकार का नवसकासात्मक समाजवसादी दशणन है, जो 1884 में प्रत्यक्ष हुआ,
जब कुछ बुध्धजीनवसयों िारा ”फेनबयन सोसाइटी” का ननमाणण द्वकया गया। फेनबयनवसाद के
अनुसार, प्राकृनतक संसाधनों के िाभों को प्राप्त करने का अधधकार समान एवसं सबके लिए है।
इस लस्धांत के अनुसार भूधम एवसं पूंजी पर राज्य का अधधकार होना चाहहए। उनका मत था द्वक धन
का नवसतरण समान हो, लजससे आय की असमानता दूर द्वकया जा सके। यह व्यनिगत ्वसतंत्रता का
भी पक्षधर था।
द्वफलिब्टर :
मतदान के प्र्तुत द्वकसी मुद्दे को ननिंनबत करने के लिए आवसश्यकता से अधधक समय तक भाषण
करने (जो िगभग अप्रासंनगक होता है) को “Filibuster” कहते हैं।
फालसज्म :
वसह व्यवस्था या नवसचारधारा लजसमें राज्य को व्यनि से बडा माना जाता है और राज्य की रक्षा के
लिए उसकी सब शनियां एक व्यनि में ननहहत कर दी जाती हैं, तो यह “Fasicism” कहिाती
है।
बन्द :
सम्त शहर या राज्य या देश के व्यापाररक, औद्योनगक एक अन्य सम्त सं्थाओं को बंद करने
का जो आव्हान द्वकया जाता है।
बूट िेनगिं ग :
गैर-कानूनी तरीके से शराब बनाने तथा बेचने के कायों को “Boot Legging” कहा जाता है।
रेन वसालशिं ग :
जब कोई समुदाय, राज्य अपने िोगों में वसही नवसचार भरता है, जो उसकेहैं और िोगों के ्वसतंत्र
नवसचारों को नष्टट कर हदया जाता है, तब उसे “Brain Washing” कहते हैं।
बांस का पदाण :
चीन की साम्बयवसादी सरकार के ननयंत्रणें तथा प्रनतबंधों को बांस का पदाण (Bamboo Curtain)
कहते हैं। इसके चिते वसहां के नागररकनवसदेशोंमें आ-जा नहीं सकते हैं तथा अपनीवस देश की कोई
बात बाहर नहीं कह सकते हैं।
बंदी प्रत्यक्षीकरण :
बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) का शान्द्रब्दक अथण है द्वक ”शरीर को हमारे समक्ष प्र्तुत
करो।” यह ”ररट” एक आदेश के रूप में होता है लजसमें उस व्यनि को लजसने द्वकसी अन्य व्यनि
को बंदी बनाया है, यह आदेश हदया जाता है द्वक वसह उसे न्यायािय के समक्ष सशरीर प्र्तुत करे
लजससे न्यायािय यह जान सके द्वक उसे क्यों बंदी बनाया गया है तथा यहद बंदी रखने का नवसधधक
औधचत्य नहीं है तो उसे मुक्त कर सके। इस िेख की (Writ) अवसज्ञा पर न्यायािय की
अवसमानना माना जाएगा।
बोर्लशेनवसज्म :
रूस की क्ांनतकारी साम्बयवसादी नवसचारधारा लजसके प्रभावससे रूस में िेननन के नेतृत्वस में 1917 की
”बोर्लशेनवसक क्ांनत” हुई थी, “Bolshevism” कहिाती है।
मध्यम मागीय :
अनत उग्र नवसचारों का न होकर जब कोई व्यनि या दि उसकेनवसपरीत नवसचारधारा का पोषण करते
हैं, तो मध्यम मागीय (Centrist) कहिाते हैं। फ्ांसीसी क्ांनतकाि में व्यवस्थानपका के उग्र एवसं
उदार नवसचारों वसािे सद्यों के मध्य में और अध्यक्ष के सामने बैठने वसािे सद्यों को भी यह संज्ञा
दी जाती थी।
माक्सणवसाद (Marxism)
कािण माक्सण (1818-83) िारा प्रनतपाहदत वसैज्ञाननक समाजवसाद के लस्धांत को माक्सणवसाद कहते
हैं। इसके अंतगणत माक्सण ने यह प्रनतपाहदत द्वकया द्वक समाज के नवसकास में आधथि क संबंध
सवसाणधधक महत्वसपूणण भूधमका का ननवसाणह करते हैं। माक्सण के अनुसार अब तक ये सम्त मानवस
समाज का इनतहास ”वसगण संघषण” का इनतहास रहा। माक्सण के अनुसार पूंजीवसादी व्यवस्था में एक
ननश्चित सीमा तक शोषण बढ जाने के पश्चात् श्रधमक क्ांनत के िारा पूंजीवसादी व्यवस्था को उखाड
फेंकते हैं।
मास कम्बयूननकेशन :
सामूहहक संचार अथवसा जनसंपकण वसह प्रद्वक्या है लजसके माध्यम से सूचनाएं अथवसा जानकारी
संचार माध्यमों जैसे रेहडयो, दूरदशणन, प्रेस आहद के िारा जनता (Mass) तक पहुंचाई जाती है।
मैनीफे्टो :
द्वकसी राजनीनतक दि िारा चुनावस के पूवसण अपने कायों तथा कायणक्मों का घोषणा-पत्र मैनीफे्टो
कहिाता है।
मैन्डेट :
प्रथम नवसश्वस यु्ध के पश्चात् राष्टर संघ िारा औपननवसेलशक प्रदेशों के प्रशासन हेतु अपनाई गई
व्यवस्था लजसके अंतगणत नवसकलसत राष्टरों को उपननवसेशों के प्रशासन और नवसकास का उत्तरदाधयत्वस
सौंपा गया।
युवसा तुकणस् :
द्वकसी दि के उन युवसकों को कहते हैं जो दि की नपछडी नीनतयों के नवसरू्ध नवसद्रोह करते हैं।
यूथन
े ले शया :
द्वकसी व्यनि को द्वकसी ठीक न होने वसािे रोग, दु:ख वस ददण से मुनि हदिाने के लिए जानबूझकर
मार देने के ननयम, कानून या व्यवस्था को यूथेनेलशया कहा जाता है।
राष्टरीयकरण :
द्वकसी राष्टर की सरकार कोई सेवसा या उद्योग ननजी क्षेत्र से छीनकर अथवसा कोई उद्योग प्रारंभ करके
सावसणजननक हहत में ्वसयं चिाती है, तो सरकार को ऐसा करना उस सेवसा या उद्योग का
राष्टरीयकरण करना कहिाता है।
राइरट्ट :
ऐसे रूढऺढवसादी िोग जो समाजवसादवस साम्बयवसाद में नवसश्वसास नहीं करते हैं तथा राष्टरवसादी होते
हैं,”Rightist” कहिाते हैं। इनको ”प्रनतद्वक्यावसादी” भी कहा जाता है।
िाि फीताशाही :
जब द्वकसी सरकारी कायाणिय िारा द्वकसी कायण के कायाणन्वसयन में नबना वसजह देरी की जाती है,
लजससे उस कायण का मूि उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है, तो इसे ”िाि फीताशाही” (Red
Tapism) कहा जाता है।
िेखानुदान :
िोकतांद्वत्रक व्यवस्था में सरकार द्वकसी बजट प्रावसधान या कर प्र्तावस पर बहस के लिए संसद को
पूणण अवससर प्रदान करती है। बजट पाररत होने के पहिे यह आवसश्यक है द्वक सरकार देश को
चिाने के लिए अपने पास पयाणप्त धन रखे। यह एक नवसशेष प्रावसधान के अंतगणतद्वकया जा सकता
है।, लजसे ”िेखानुदान” (Vote on Account) कहा जाता है। संनवसधान के ”अनुच्छे द 116” के
अंतगणत ”िेखानुदान” िोकसभा को यह अधधकार प्रदान करता है द्वक वसह बजट न पाररत होने तक
के लिए अनग्रम धन िे सकता है। सामान्यतया िेखानुदान दो माह की अवसधध के लिए पाररत
द्वकया जाता है। परन्तु , चुनावस वसषण में यह अवसधध 4 माह तक हो सकती है। यह िेखानुदान सरकार
के ”संधचत ननधध” से लिया जाता है।
नवसभनि :
जब एक ही दि के िोग मतभेदों अथवसा हहतों के आधार पर अिग होकर दो या अधधक भागों में
बंट जाते हैं तो नवसभाजन या नवसभनि (Split) कहते हैं।
व्यनित्वस की िहर :
द्वकसी देश के िोग जब द्वकसी व्यनि का अत्यधधक सम्बमान वस पूजा करने िगते हैं तो उसे व्यनि
की िहर या ”Personality Cult” कहते हैं।
वसय्क मताधधकार :
िोकतांद्वत्रक शासन व्यवस्था में उस देश के प्रत्येक वसय्क नानगरक का सद्वक्ययोगदान अननवसायण
माना जाता है। इस व्यवस्था के अंतगणत देश के वसय्कों को मताधधकार का अधधकार प्राप्त होता
है। इसमें जानत, धमण, वसणण एवसं लििं ग के आधार पर कोई भेदभावस नहीं द्वकया जाता अथाणत् वसे नबना
द्वकसी भेदभावस के मताधधकारका प्रयोग कर सकते हैं और एक ्वस्थ सरकार के ननमाणण में सद्वक्य
भूधमका ननभा सकते हैं। भारत तथा अमेररका में वसय्क आयु 18 वसषण ननधाणररत है।
नवसधध का शासन :
इसका अथण होता है द्वक संबंधधत राज्य में कोई व्यनि या सं्था सवसोच्च नहीं है अनपतु नवसधध
सवसोच्च है। इस प्रकार के शासन में सभी व्यनि कानून के समक्ष समान होते हैं तथा उन्हें कानून
का समान संरक्षण प्राप्त होता है।
सत्रावससान :
राष्टरपनत के एक आदेश िारा संसद के अधधवसेशन के समापन को सत्रावसास (Prorogation)
कहते हैं। राज्यपाि िारा नवसधानमण्डि के अधधवसेशन को समाप्त करना भी सत्रावससान कहिाता
है।
सदन का ्थगन :
संसद के प्रत्येक सदन के अध्यक्ष को सदन को अननश्चित काि तक ्थनगत करने की शनि प्राप्त
है। ्थगन के बाद सदन की पुन: बैठक बुिाने की शनि भी अध्यक्ष को है।
सचेतक (Whip)
एक प्रकार का अवसाश्यक ननदेश है, जो दिीय अनुशासन के लिए प्रयुक्त होता है। द्वकसी भी
संसद अथवसा नवसधानमण्डि या अन्य समानांतर सं्था में जब द्वकसी दि नवसशेष का नेता अपने दि
के सभी सद्यों को द्वकसी नवसशेष का नेता अपने दि के सभी सद्यों को द्वकसी नवसशेष पररस्थिनत
में एकद्वत्रत होने के लिए आदेश जारी करता है तो उसे ”व्हिप” कहा जाता है। ”व्हिप” जारी करने
पर संबंधधत दि का सद्य उसका उर्लिंघन करता है तो वसह ”दि बदि ननरोधक कानून” के तहत
दि से ननष्टकालसत भी द्वकया जा सकता है।
सावसणभौधमक मताधधकार :
जब द्वकसी िोकतांद्वत्रक देश में एक ननश्चित आयु प्राप्त करने वसािे व्यनियों को जानत, धमण, भाषा,
सं्कृनत, लििं ग आहद के भेदभावस के नबना मनदान का अधधकार हदया जाता है, तो उसे सावसणभौधमक
मताधधकार कहते हैं।
संधचत ननधध :
भारतीय संनवसधान के ”अनुच्छे द 266” के अंतगणत भारत की ”संधचत ननधध” (Consolidated
Fund) का उपबंध है। इस ननधध में करों, ऋणों, अनग्रम रालशयों आहद िारा सराकर को प्राप्त
सभी राज्वस(Revenue) जमा द्वकये जाते हैं। इस ननधध से धनरालश संसद िारा पास द्वकए जाने
वसािे नवसननयोग अधधननयम िारा ही ननकािी जा सकती है।
सांनवसधाननक सरकार :
संनवसधान के उपबंधों िारा सीधमत तथा संनवसधान के प्रावसधानों के अनुकूि चिाई जाने वसािी
सरकार को संनवसधाननक सरकार कहते हैं।
समाजवसादी ढं ग का समाज :
समाज के उस ढांचे को ”समाजवसादी ढं ग का समाज” (Socialistic Pattern Of Society)
कहते हैं, लजसमें समाजवसाद अपनाया जाएगा और प्रत्येक व्यनि वस वसगण में समानता िाई जाएगी
शनि पृथक्करण :
शासन की शनियों का व्यवस्थानपका, कायणपालिका तथा न्यायपालिका के मध्य सु्पष्टट
नवसभाजन और द्वकसी इकाई के िारा अन्य के कायों में ह्तक्षेप न द्वकया जाना शनि पृथक्करण
(Separation Of Powers) कहिाता है।
श्रम संघवसाद :
समाजवसाद का एक प्रकार लजसके अनुसार सभी उघोगों का ्वसाधमत्वस और ननयंत्रण संघों के पास
होना चाहहए। प्रारं धभक रूप से यह नवसचारधारा 19वसीं शताब्दी के उत्तरा्धण में फ्ांस में नवसकलसत हुई।
प्िूरटयर तथा सोरेि इसके मुख्य प्रनतपादक थे।
्नैप पोि :
जब राष्टरपनत िारा संसद को अथवसा राज्यपाि िारा नवसधानमण्डि को अचानक भंग कर हदया
जाता है और थोडे समय के नोरटस पर ही चुनावस करा हदए जाते हैं, तो ऐसे चुनावसों को ”Snap
Poll” कहते हैं। 1971में िोकसभा का भंग होना तथा नवसधानसभाओं का अक्सर मुख्यमंत्री की
सिाह पर भंग द्वकया जाना और चुनावस कराना ”्नैप पोि” के उदाहरण हैं।
सह-अच्छस्तत्वस :
जब दो देशों की शासन व्यवस्था, धमण, सभ्यता, नवसचारधारा, अथणव्यवस्था, ननहहत ्वसाथणआहद
धभन्न हों और वसे पर्पर एक-दूसरे देश का अच्छस्तत्वस ्वसीकार करते हों तो उसे सह-अच्छस्तत्वस
(Co-existance) कहा जाता है।
संकर्लप :
सावसणजननक हहत से जुडा हुआ मामिा द्वकसी सद्य िारा सदन में चचाण के लिए संकर्लप एक
प्रद्वक्यागत उपाय है। संकर्लप मूि प्र्तावस के रूप में लसफाररश की घोषणा संदेश देन,े स्थिनत की
ओर आकृष्टट करने तथा ननवसेदन के रूप में होता है।
साम्राज्यवसाद :
जब द्वकसी देश िारा अपने राज्य क्षेत्र के नवस्तार की नीनत अपनायी जाती है, तो वसह नीनत
”साम्राज्यवसाद” (Imperialism) की नीनत कहिाती है। इस नीनत के अंतगणत वसह द्वकसी अन्य
देश को आक्मण िारा परा्त करता है। उस देश की राजनीनतक, सामालजक, आधथि क
पररस्थिनतयों में ह्तक्षेप कर उस देश का शोषण करता है।
संघीय राज्य :
जब छोटे -छोटे इकाई राज्य धमिकर एक इकाई राज्य की ्थापना इस प्रकारकरते हैं द्वक कुछ
सम्मिलित कायण नवसननधमि त राज्य को सौंप देते है तथा शेष कायों के लिए वसे ्वसतंत्र रहते हैं, तो इसे
”संघीय राज्य” (Federal State) कहा जाता है।
सवसणहारा :
वसह वसगण लजसके पास वसैयनि संपनि नबर्लकुि नहीं है तथा जो अपने श्रम को बेचकर जीवसन यापन
करता है, ”सवसणहारा वसगण” (Proletariat Class) कहिाता है।
सामूहहक उत्तरदाधयत्वस :
संसदीय शासन प्रणािी की यह एक महत्वसपूणण नवसशेषता है। मंद्वत्रमंडि के सभी सद्य सामूहहक
रूप से सरकार के प्रत्येक ननणणय और कायण के लिए उत्तरदायी होते हैं। यहद उनकी नीनतयों को
संसद का समथणन प्राप्त नहीं होता तो संपूणण मंद्वत्र पररषद को त्याग पत्र देना पडता है।
हं ग पालिि यामेंट :
ऐसी संसद लजसमे द्वकसी भी राजनीनतक दि को ्पष्टट बहुमत प्राप्त न हो िंनबत अथवसा ”हं ग
पालिि यामेंट” (Hung Parliament) कहिाती है। ऐसी स्थिनत में दि-बदि को बढावसा धमिने
की संभावसना रहती है तथा ्थायी सरकार नहीं बन पाती।
अध्यक्षीय व्यवस्था :
ऐसी िोकतंत्रीय शासन प्रणािी, लजसमें राज्य का प्रधान अथाणत् ”Head of the state” और
शासन का प्रधान ”Head of the Government” एक ही होता है, उसे अध्यक्षीय
व्यवस्था(Presidential system) कहा जाता है। इस व्यवस्था में अध्यक्ष(राष्टरपनत) का
कायणकाि ननश्चित होता है और लजसमें अध्यक्ष (राष्टरपनत) अपने कायों के लिए व्यवस्थानपका के
प्रनत नहीं, अनपतु जनता के प्रनत उत्तरदायी होता है।
अधधनायक तंत्र :
इस तंत्र में सारी सत्ता शनि व्यनि नवसशेष में केन्द्रित होती है। इसे ननरंकुश शासन तंत्र से भी
अधभहहत द्वकया जाता है। यह द्वकसी व्यनि अथवसा दि या सेना िारा सत्ता संभािने की
राजनीनतक प्रद्वक्या है, इसमें नागररकों के अधधकार सीधमत कर हदए जाते हैं। अधधनायक तंत्र को
अग्रेंजी में ”Dictatorship” कहा जाता है।
अर्लटीमेटम :
जब द्वकसी पक्ष िारा दूसरे पक्ष को यह चेतावसनी दी जाती है द्वक यहद ननश्चित अवसधध में उसकी मांग
पूणण न की गई तो अगिा कदम उठाया जा सकता है। इसे ही ”अर्लटीमेटम”(Ultimatum) कहा
जाता है।
ऑ्टोपोलिरटक :
यह नीनत पश्चिमी जमणनी िारा अपनाई गई। इस नीनत के अंतगणत पहिे उसने साम्बयवसादी देशों से
शीत युध्द छे डा। तत्पश्चात् उनसे धमत्रवसत् संबध
ं कायम करने की हदशा में कदम बढाए।
अतारांद्वकत प्रश्न :
संसद सद्यों िारा सदन में मंद्वत्रयों से पूछे गए इस प्रकार के प्रश्नों का ”लिव्हखत” उत्तर हदया
जाता है तथा लजनके संबंध में पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते।
अध्यादेश –
जब व्यवस्थानपका का अधधवसेशन न चि रहा हो तथा द्वकसी आपात स्थिनत का मुकाबिा करने के
लिए राज्य प्रमुख िारा जारी द्वकयागया संनवसधाननक आदेश ”अध्यादेश” (Ordiance) कहिाता
है। यह ननश्चित अवसधधके लिए होता है तथा इसे मानने के लिए बाध्यता होती है।
आयरन करटेन –
यह शब्द प्राय: साम्बयवसादी देशोंके लिए प्रयुक्त होता है, क्योंद्वक इन देशों में अनेक प्रनतबंध जैसे
द्वक, नागररक ्वसतंत्रता पर रोक आहद होती है।
ऑम्बबुड्समसमैन :
इस शब्द का प्रयोग ्वसीहडश राज व्यवस्था में प्रयोग उस सतकणता अधधकारी के लिए द्वकया जाता
है, जो सरकार की गनतनवसधधयों पर ननगरानी रखने के अनतररि सरकार के नवसरू्ध जन-सामान्य
की लशकायतों पर सुनवसाई करता है।
अधधहनन :
एक देश जब द्वकसी अन्य देश की भूधम अथवसा द्वकसी ऐसे क्षेत्र पर लजस पर द्वकसी का अधधकार न
हो, अपना आधधपत्य कर िेता है तो यह प्रद्वक्या अधधहनन (Annexation) कहिाती है। यह
तात्कालिक वस एकपक्षीय कायणवसाही के अंतगणत आती है।
अनुषग
ं ी प्र्तावस :
नवसधभन्न प्रकार के कायों की आगे की कायणवसाही के लिए ननयधमत उपाय के रूप में सदन की प्रथा
िारा मान्यता दी जाती है। ये सहायक प्र्तावस के रूप में नवसधेयक पर चचाण, प्रवसर या संयुक्त सधमनत
को सौंपने, नवसधेयक पाररत द्वकए जाने के संबधं धत होते हैं, इन्हें अनुषंगी प्र्तावस (Anciliary
Motions) कहा जाता है।
अननधाणररत प्र्तावस :
अध्यक्ष िारा लजस प्र्तावस को बहस के लिए ्वसीकार द्वकया जाता है, द्वकन्तु बहस के लिए कोई
हदन या नतधथ ननधाणररत नहीं द्वकया गया है, वसह अननधाणररत प्र्तावस (No Day-yet-Named
Motion) कहिाता है।
अर्लपसूचना प्र्तावस :
संसद का कोई सद्य सावसणजननक महत्तवस तथा अनवसिम्बबनीय मामिे पर मौव्हखक उत्तर हेतु 10
हदन से कम समय की सूचना दे सकता है। सामान्यतया प्रश्न पूछने हेतु सूचना की न्यूनतम अवसधध
10 हदन होती है।
अनुदान मांग:ें
संधचत ननधध पर भाररत व्यय से संबंधधत अनुमान संसद में मतदान के लिए नहीं रखे जाते। अन्य
अनुमानों को िोकसभा के सामने अनुदानों की मांगों के रूप मे रखा जाता है और िोकसभा
द्वकसी मांग को ्वसीकार या अ्वसीकार कर सकती है।
अपवसादानुदान :
अपवसादानुदान नवसत्तीय वसषण के साधारण खचण का भाग नहीं होता। यह सरकार को नवसशेष प्रयोजन
हेतु अपवसादानुदान के रूप में ननश्चित धनरालशसदन िारा जाती है।
आकस्मिकता ननधध :
भारतीयसंनवसधान के ”अनुच्छे द-267” के अंतगणत ”भारत की आकस्मिकता ननधध” के नाम से एक
कोष ्थानपत करती है, लजसमें नवसधध िारा अवसधाररत रालशयां समय-समय पर जमा की जाती है।
इस कोष को आकस्मिक व्यय हेतु राष्टरपनत के व्ययाधीन रखा जाता है।
अर्लपकािीन चचाणएं :
द्वकसी गैर-सरकारी सद्य िारा उठाए गए अनवसिम्बबनीय सावसणजननक महत्वस के केन्द्र सरकार से
संबंधधत मामिे पर अध्यक्ष अर्लपकािीन चचाण के लिए बैठक की समानप्तपर या उसके पूवसण एक
घण्टे का समय ननयत कर सकता है। इस प्रकार की सूचना ग्राह्य करेन के बाद हदन ननश्चित कर
चचाण के लिए उसे कायण सूची में दजण कर लिया जाता है।
अधधरोध िगाना :
अधधरोध (Embargo) के अंतगणत यहद कोई देश अंतराणष्टरीय कानून का उर्लिंघन करता है तो
उसके नवसरू्ध नवसश्वस समुदाय िारा दण्डात्मक कायणवसाही के रूप में व्यापाररक प्रनतबंध िगा हदया
जाता है।
उपननवसेशवसाद :
इसकी प्रकृनत प्राय: साम्राज्यवसादी होती है तथा जब द्वकसी देश िारा द्वकसी देश पर अधधकार वस
शासन एवसं इस प्रकार शालसत देश के अधधकारों का हनन, ्वसतंत्रता का दमन, इसकी उत्पादकता
का शोषण तथा उसकी सभ्यता वस सं्कृनत की परतंत्रता आहद उपननवसेशवसाद (Colonialism) के
अंतगणत आते हैं।
उत्तरदायी सरकार :
उत्तरदायी सरकार(Responsible Government) को संसदीय या मंत्रीमंडिीय सरकार भी
कहा जाता है। शासन की इस प्धनत में कायणपालिका अपने कृत्यों के लिए व्यवस्थानपका के प्रनत
उत्तरदायी होती है।
उदारवसाद :
मानवसतावसादी िोगों या दिोंकी नवसचारधारा उदारवसाद कहिाती है। ये मध्यम मागण अपनाना चाहते
हैं। ये राज्य का अधधक ननयंत्रण नहीं चाहते। एकाधधकार का नवसरोध करते हैं, धमश्चश्रत अथणव्यवस्था
पसंदकरते हैं तथा शांनत के पक्षमेंहोते हैं वस िोकतंत्रीयप्धनत में नवसश्वसास करते हैं।
उपचुनावस :
जब द्वकसी ्थान के लिए मृत्यु, त्याग-पत्र या अयोग्यता के कारण ररक्त होने पर नवसशेष चुनावस
होता है, तो उसे उपचुनावस (By-election) कहते हैं।
उत्प्रेषण :
जब कोई न्यायाधधकरण नबना अधधकाररता के या उसका उर्लिंघन करकेकायण करताहै और कोई
अवसैध आदेश जारी करता है, तो उत्प्रेक्षण की ररट िाराउसे उद्द द्वकया जा सकता है।
एन्वसाय :
एक देश के अधधकाधधक प्रनतननधध जब अन्य देश को मनोनीत द्वकए जाएं तो उसे “Envoy” कहा
जाता है। इसे नवसलशष्टट कायण के लिए भी भेजा जा सकता है।
एक््राहडक्शन :
एक देश या सरकार िारा दूसरे देश या सरकार को उसके अपराधी को न्याधयक जााँच त्था दण्ड के
लिए सौंप देना “Extradition” कहिाता है।
कॉन्फेडरेशन :
दो या दो से अधधक देशों का आपस में द्वकसी नवसशेष उद्देश्य की प्रानप्त के लिए धमि जाना
“Confederation” कहिाता है। यह पररसंघ (Federation) से इस मायने में धभन्न होता है,
द्वक पररसंघ की ्थापना ”लिव्हखत संनवसधान” के अंतगणत होती है, शनियों का नवसभाजन होता है,
न्यायािय ्वसतंत्र होता है। पररसंघ इकाई राज्यों से सीधा संपकण रखती है। कॉन्फेडरेशन में ऐसा
नहीं होता है। संबंध इकाई ्तर पर होते हैं तथा इकाइयां कभी भी पृथक नहीं हो सकती हैं, जबद्वक
पररसंघ का सीधी नागररकों से कोई संपकण नहीं हो सकता।
कॉन्डोमीननयन :
द्वकसी देश के ऊपर अन्य दो बाहरी देशों या ताकतों िारा प्रभुसत्ता का उपयोग करना
“Condominium” कहिाता है। उदाहरण के लिए नरटेन तथा धमश्र का पूवसण में सूडान पर
”कॉन्डोमीननयन” था।
कन्वसेंशन :
द्वकसी नवसशष्टट नवसषय पर वसाताण करने हेतु जो सम्बमेिन आहुत द्वकए जाते हैं, उन्हें “Convention”
कहा जाता है। उर्लिेखनीय है द्वक नरटेन में शासन प्रणािी परम्बपराओं पर आाधाररत (इसे
“Constitutional Convention” कहा जाता है) है। यद्यनप इसका राजनीनतक महत्वस है,
तथानप न्यायािय िारा इन्हें मान्यता नहीं हदया जाता।
कन्टे नमेंट :
द्वकसी देश या नवसचारधारा के प्रभावस को राजनीनत में फैिने से रोकनेको “Containment” कहा
जाता है।
कूप :
जब द्वकसी सरकार को द्वकसी नवसद्रोही गनतनवसधध, सैन्य कायणवसाही या गुट िारा गुप्त रूप से अचानक
गैर-कानूनी तरीके से उखाड फेंका जाता है तथा उसकी जगह नई सरकार ्थानपत की जाती है तो
इस घटना को “Coup” (तख्ता पिटना) कहते हैं।
कोरम :
द्वकसी सं्था की द्वकसी सभा की कायणवसाही के लिए औपचाररक रूप से कम से कम सद्यों की
उपस्थिनत की आवसश्यकता को “Quorum” कहते हैं। इसके अभावस में कायणवसाही नहीं चिाई जा
सकती है।
गणराज्य :
लजस देश में राज्य के प्रधान का पद वसंशानुगत (Hereditary) न होकर ननवसाणधचत (Elected)
होता है, उसे गणराज्य (Republic) तथा व्यवस्था को गणतंत्रात्मक व्यवस्था कहा जाता है।
गुिोटीन (Guillotin)
संसद की कायण मंत्रता सधमनत बजट सहहत सभी अनुदान मांगों को ्वसीकृत करने के लिए समय
सीमा ननधाणररत करती है। अंनतम हदन लजन मांगोंपर चचाण नहुईहो उन्हें भी मतदान के लिए रख
हदया जाता है। इस प्रद्वक्या को लजसमें अधधकांश मांगें नबना चचाण के पाररत हो जाती है। गुिोटीन
कहा जाता है।
गुिोटीन लसर काटने का एक उपकरण था : 18वसीं तथा 19वसीं शताब्दी में फ्ांस में ”गुिोटीन”
फांसी पर चढने वसािों के लसर काटने का एक उपकरण था। वसतणमान में यह प्रचिन में नहीं है।
इसका आनवसष्टकार फ्ांसीसी क्ांनतकाि में शीघ्रता से वसध करने की हृधि से गुिोटीन नामक व्यनि
ने द्वकया था। सवसणप्रथम उपकरण के ननमाणता को ही उस पर फांसी दी गई थी।
गन बोट हडप्िोमैसी :
जब कोई देश दूसरे देश को अपने राजनीनतक उद्देश्य पूणण करने के लिए अपनी शनि का भय
हदखाता है, तो इस कूटनीनत को “Gun Boat Diplomacy” कहा जाता है।
गेिप पोि :
यह एक ऐसी प्रद्वक्या है, लजसमें द्वकसी भी सम्या के लिए संपूणण जनसंख्या के नवसचारों का
मूर्लयांकन द्वकया जाता है। इसमें प्रनतननधध िारा पूछे गए प्रश्नों का नमूना बनाकर संपूणण जनसंख्या
से अधभमत कराया जाता है। एक प्रकार से यह ”ओनपननयन पोि” की प्रणािी के समतुर्लय है।
ज्ञातव्य है द्वक अमेररका स्थित (नप्रिंसटन न्यूजसी) उस सं्था का नाम है, जो जनमत का सवसे
करती है। इसका नाम डॉ. जॉजण गेिप के नाम पर रखा गया।
गैरीमैढन्रं ग :
अमेररकी राज व्यवस्था के नवसशेष संदभण में प्रयुक्त होने वसािे “Gerrymandering” का आशय
ननवसाणचन क्षेत्रों के इस प्रकार पुनगणठन से है, लजससे द्वकसी दि नवसशेष के अधधकतम समथणक एक
ही ननवसाणचन क्षेत्र की पररधध में आ जाए तथा उस दि के प्रत्याशी के नवसजय की संभावसना बढ जाए।
गुररर्लिा वसारफेयर :
यु्ध करने के इस तरीके में एक पक्ष धछपकर पीछे से या एक ओर से दूसरे पक्ष पर हमिा करने के
पश्चात् धछप जाता है। मराठों ने मुगि सेना के नवसरू्ध इसी यु्ध शैिी का प्रयोग द्वकया था।
घाटबंदी :
द्वकसी नवसदेशी शनि के पातों को अपने क्षेत्र या बंदरगाहों में प्रनवसष्टट न होने देने की नीनत घाटबंदी
(Embargo) कहिाती है।
चोनवसननज्म :
एक व्यनि या समूह िारा द्वकसी देश या समाज या वसगण के लिए जो व्यथण वस झूठी वसफादारी प्रदलशि त
की जाती है, उसे “Chuvinism” कहा जाता है। इसमें दूसरे देश, समाज या वसगण के लिए घृणा
का प्रदशणन भी द्वकया जाता है।
लजओननज्म :
19वसी शताब्दी के अंनतम चरण में यहूहदयों से संबंधधत यह आंदोिन प्रारं भ हुआ था। इस आंदोिन
का (Zionism) उद्देश्य यहूहदयों को द्वफलि्तीन में ”नेशनि होमिैण्ड फॉर ज्यूस” बनाने का
अवससर देना था।
जनमत :
द्वकसी राजनीनतक प्रश्न को सुिझाने हेतु राज्य के सम्त नागररकों की राय जानना और उसी के
अनुसार ननणणय करना जनमत (Plebiscite) कहिाता है।
जीनोसाइड :
जान-बूझकर द्वकसी देश में द्वकसी धमण, जानत वस देश के िोगों का संहारकरना अथवसा उनके लिए
अत्यन्त भेदभावसपूणण नीनतयां पाररत कर उनके अधधकारों को सीधमत करना “Genocide”
कहिाता है।
तानाशाही :
लजस शासन व्यवस्था में राज्य की संपूणण शनियां एक ही व्यनि के हाथ में केन्द्रित कर दी जाती हैं
और वसह नबना दूसरों की परवसाह द्वकए अपने अनुसार कायण करता है, तो वसह व्यवस्था ”तानाशाही”
(Dictatorship) कहिाती है।
तट्थता :
दो राष्टरों के मध्य यु्ध में द्वकसी प्रकार की सहभानगता न करना तट्थता कहिाता है। तट्थ राष्टर
न ही द्वकसी का समथणन करता है, न ही द्वकसी का नवसरोध और न ही उनकी गनतनवसधधयों के लिए
अपनी भूधम का उपयोग करता है।
तनावस शैधथर्लय :
दो राष्टरोंकेमध्य तनावसपूणण संबंधोंमें नरमी या लशधथिता आने की नीनतगत स्थिनत को तनावस
शैधथर्लय (Detente) कहते हैं (इस शब्द का प्रयोग 70 के दशक के प्रारं भ में चीन-अमेररका एवसं
अमेररका-सोनवसयत संघ के पररप्रेक्ष्य में द्वकया गया)।
िै ध शासन :
शासन का वसह प्रकार लजसमें कायणपालिका को दो भागों में नवसभक्त द्वकया जाता है। इसमें एक
भाग अपने कायों के लिए व्यवस्थानपका के प्रनत उत्तरदायी होता है, जबद्वक दूसरा भाग नहीं होता
है। इस प्रकार का शासन प्रांतों में नररटश सरकार िारा ”भारत शासन अधधननयम, 1919” के
अंतगणत िागू द्वकया गया था।
देशीकरण :
यह वसह प्रद्वक्या है लजसके िारा नवसदेश में जन्में व्यनि को कुछ शतों के साथ देश की नागररकता
(अथाणत् उसे नागररक के सभी िाभ) प्रदान कर दी जाती है।
हदव्सदनात्मक व्यवस्थनपका :
लजस व्यवस्थनपका : लजस व्यवस्थानपका में दो सदन अथाणत उच्च सदन वस ननम्बन सदन होते हैं , उसे
द्विसदनात्मक व्यवस्थानपका कहते है।
ध्रुवसीकरण :
एक नवसचारधारा के िोगों का एक दि या समूह के नीचे एकद्वत्रतहोना ध्रुवसीकरण
(Polarization) कहिाता है।
धमण ननरपेक्षता(Secularism)
धमण ननरपेक्षता का तातपयण उस लस्धान्त से है, लजसके अंतगणत देश के सभी नागररकों को पूणण
धाधमि क ्वसतंत्रता प्रदान की जाती है। धमण के आधार पर कोई भेदभावस नहीं द्वकया जाता है। इसमें
प्रत्येक नागररक को अपना धमण चुनने का या उसकी रक्षा करने का पूणण अधधकार प्राप्त होता है।
रटप्पणी : भारतीय संनवसधान की उद्देलशका(Preamble) में ”Secular” शब्द का हहन्दी पयाणय
”पंथननरपेक्ष” हदया गया है।
ध्यानाकषणण सूचनाएं :
इसके तहत अनवसिम्बबनीय सावसणजननक महत्वस के नवसषय की ओर कोई सद्य अध्यक्ष से पूवसण
अनुमनत िेकर द्वकसी मंत्री का ध्यान हदिाता है तथा वसक्तव्य की मांग करता है। मंत्री संलक्षप्त
वसक्तव्य देता है अथवसा बाद में द्वकसी नतधथ नवसशेष को वसक्तव्य देने हेतु समय मांग सकता है।
धन नवसधेयक :
ऐसे सभी ”नवसत नवसधेयक” धन नवसधेयक होते है जो संनवसधान के ”अनुच्छे द 110” में उक्लिव्हखत
मामिों से संबंधधत हों तथा लजन्हें िोकसभा अध्यक्ष इस आशय का प्रमाण दे दे।
नॉन-एग्रेशन पैक्ट :
जब दो या उससे अधधक देश यह समझौता करें द्वक वसे एक-दूसरे पर आक्मणनही करेंग,े तो उसे
”अनाक्मण सीधे”(Non-Aggression Pact) कहते है।
ननषेधाधधकार :
यह ननयमानुमोहदत अधधकार है। द्वकसी सं्था िारा लिए गए ननणणय को अमान्य करके ननणणय को
ननर्त करने की व्यनि या सं्था में ननहहत शनि ननषेधाधधकार (Veto) कहिाती है।
ननणाणयक मत :
पक्ष और नवसपक्ष में बराबर मत होने पर अध्यक्ष िारा हदया जाने वसािा मत ननणाणयक मत कहिाता
है।
ननवसाणचक मण्डि :
ऐसे व्यनियों का समूह या ननकाय जो द्वकसी सं्था के प्रमुखया राष्टर प्रमुख या राष्टर प्रमुख चुने
जाने के लिए ननयुक्त, मनोनीत अथवसा ननवसाणधचत द्वकया गया हो, उसे ननवसाणचक मण्डि (Electrol
College) कहते हैं।
ननयंत्रण वस संति
ु न:
सरकार के नवसधभन्न अंगों की शनियों को इस व्यवस्था िारा उनके ननधाणररत कायणक्षेत्र के अंतगणत
रखा जाता है।
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