1:- लोक शासन को प रभािषत कीिजए | लोक शासन के अ यन के िविभ
उपागमों की िववेचना कीिजए
उ र–
लोक शासन का अथ :- ‘लोक शासन’ शासन के एक अिधक ापक े का एक
पहलू है । यह राजनीितक िनणय िनमाताओं ारा िनधा रत ल ों और उ े ों की पू ित के िलए एक राजनीितक व था म मौजूद होता है । इसे सरकारी शासन के नाम से भी जाना जाता है ोंिक ‘लोक शासन’ म लगे िवशेषण ‘लोक’ का अथ ‘सरकार’ होता है । इस कार लोक शासन का ान लोक नौकरशाही पर अथात् यानी सरकार के नौकरशाही संगठन (या शासिनक संगठन) पर कि त होता है ।
लोक शासन की प रभाषा –
वुडरो िव न- “लोक शासन का काम कानून को सिव ार व थत प से लागू
करना है । कानून लागू करने की ेक कायवाही शासन की ही एक गितिविध है । वे आगे कहते ह िक शासन सरकार का सवािधक अंग है । यह कायकारी सरकारी है , यह सरकार या सवािधक कायकारी व कायचालन प है ।”
एल.डी. ाइट- ”लोक शासन म वे सभी गितिविधयों शािमल ह िजनका उ े लोक
नीित की पूित करना या उसे लागू करना है ।” लू थर गु िलक- ”लोक शासन, शासन के िव ान का वह िह ा है िजसका सरोकार सरकार और इस तरह की कायकारी शाखा से होता है , जहाँ सरकार के काम होते ह, हालांिक त: िविधक और ाियक शाखाओं के साथ इसके संबंध म सम ाएँ ह ।” साइमन- ”आमतौर पर लोक शासन का अथ है - रा ीय ां तीय और थानीय सरकारों की कायकारी शाखाओं की गितिविधयाँ ।” िफ़फ़नर- ”लोक शासन का अथ है - सरकारी काम करना, चाहे वह िकसी ा योगशाला म एक ए -रे मशीन चलाना हो या टकसाल म िस े ढालना ।
िवलोबी- ”राजनीित िव ान म शासन श का दो अथ म योग िकया जा सकता है ।
अपने ापकतम अथ म इसका ता य सरकारी मामलों के िनधारण म शािमल काय से होता है , चाहे वह सरकार की कोई भी शाखा हो । अपने संकीणतम अथ म, इसका ता य केवल शासिनक शाखा के काय से होता है । लोक शासन के िव ािथयों के पम हमारा सरोकार इस श के संकीणतम अथ से ही है ।”
डी. वा ो- ”लोक शासन बं धन की कला और िव ान है िजसे रा के मामलों म लागू
िकया जाता है । वा ो के अनुसार लोक शासन की ि या म एक सरकार की इ ाव अिभलाषा को भािवत करने वाली कायवािहयां शािमल ह । इस कार यह सरकार का सि य ावसाियक अंग है , जो िवधायी िनकायों ारा बनाये गये कानूनों को लागू करने से सरोकार रखता है ।”
जॉन ए. वीग- ” शासन से ता य उस सं गठन, कमचारी-वग वहार और उन ि याओं
से होता है जो सरकार की कायकारी शाखा को सौंपे गए नाग रक काय को भावी ढं ग से पूरा करने के िलए अिनवाय होती ह ।” पी. मै क ीन- ”लोक शासन क ीय और थानीय
सरकार के काय से संबंिधत शासन है ।”
लोक शासन के िविभ उपागमों की िववेचना 1. दाशिनक उपागम: यह सबसे ापक और पुराना उपागम है । यह शासिनक गितिविधयों के सभी पहलुओं पर िवचार करता है । यह मानक उपागम पर आधा रत है और ा होना चािहए इस पर कि त करता है । इसका उ े शासिनक गितिविधयों के आधारभूत आदश (िस ां तों) को ितपािदत करना है । ेटो का रप क, जॉन लॉक का लेिवयाथन, महाभारत का ‘शांितपव’, ामी िववे कानंद और पीटर से इस उपागम की वकालत करते ह ।
2. कानूनी उपागम: यह उपागम यूरोप के ां स, बे यम और जमनी जै से महा ीपीय
दे शों म सबसे अिधक लोकि य रहा है । ि टे न और अमे रका म भी इसके समथक ह । अमे रका म क जे . गुडनाँ व इस उपागम के मु ख समथक थे । यह लोक शासन का अ यन कानून के एक िह े के प म करता है और संवैधािनक/कानूनी ढाँ चे, संगठन, श यों, काय और लोक अिधका रयों की सीमाओं पर बल दे ता है । 3. ऐितहािसक उपागम: यह भूतकाल म ए ऐितहािसक प रवतनों और वतमान पर पड़ने वाले इसके भावों के ज रए लोक शासन का अ यन करता है । यह शासिनक एजिसयों से संबंिधत सूचना को, कालानु म म संगिठत और ा ाियत करता है । एलडी. ाइट ने अमरीकी संघीय शासन का इसके िनमाणा क काल म अपने चार शानदार ऐितहािसक अ यनों के ज रए वणन िकया है , िजनका नाम है िद फेडरे िल ् स (1948), िद जैफसिनयंस (1951), िद जै िनयंस और िद रप कन युग ।
4. केस प ित उपागम: इसका सं बंध उन खास घटनाओं के िव ृत वणन से है जो एक
शासक के िनणय िनमाण मु भूिमका िनभाती ह या उस ओर ले जाती ह । यह शासकीय वा िवकताओं को पुनिनिमत करने का यास करता है और लोक शासन के िव ािथयों को उनसे प रत कराता है । यह 1930 के दशक म अमे रका म लोकि य आ । 1952 म प क एडिमिन े शन एं ड पॉिलसी एडिमिन े शन के नाम से बीस केस अ यन हेरो ीन के संपादन म कािशत ए । भारत म भी भारतीय लोक शासन सं थान (नई िद ी) और रा ीय शासन अकादमी (मसूरी) ने कई केस अ यन कािशत िकए ह । ड् वाइट वा ो के अनुसार, केस प ित लोक शासन के अ यन और अ ापन का एक थायी अंग होने जा रहा है ।
िन ष–
लोक शासन आधुिनक समाज का एक अिनवाय अंग बन गया है और इसने उस चीज का
उ व दे खा है िजसे शासकीय िवचारक ‘ शासकीय रा ’ कहते ह । इसका अथ है िक ‘गभ से क ’ तक यों की ेक गितिविध शासिनक एजिसयों ारा िनदिशत और िनयंि त होती है ।