Professional Documents
Culture Documents
Comparative Politics
Comparative Politics
विषय-सच
ू ी
प्रस्त्िािना
िल
ु नात्मक शासन ि राजनीति
िल
ु नात्मक राजनीति क्या है : अर्थ एिं पररभाषाएँ
िल
ु नात्मक अध्ययन क्यों
िल
ु नात्मक राजनीति की प्रकृति
िल
ु नात्मक राजनीति का क्षेर
िल
ु नात्मक अध्ययन से जड़
ु ी कदिनाइयाँ
िल
ु नात्मक अध्ययन की उपयोगगिा ि महत्ि
िल
ु नात्मक राजनीति की ििथमान अिस्त्र्ा
तनष्कषथ
संिभथ लेि
अभ्यास प्रश्न
प्रस्त्िािना
2500 वषों पव
ू ,थ अरस्तू पहले तल
ु नावािी अध्र्यर्यनकताथ (comparatist) र्े जजन्होंने ववशिन्न ग्रीक नगर
राज्र्यों (Greek city-state) का ववश्लेषण ककर्या | उन्होंने न केवल नगर-राज्र्यों के औपचाररक संवध
ै ातनक
प्रावधानों का बजल्क आधारित
ू सामाजजक, सांस्कृततक और आर्र्थक आधारों तर्ा इनमें समर्य के सार् हुए
पररवतथनों का िी अध्र्यर्यन ककर्या |
http://www.booksshouldbefree.com/book/politics-by-aristotle
‘आधतु नक र्यग
ु के वपता’ कहे जाने वाले मैककयािेली के जीवन व
राजनीततक ििथन की अर्धक जानकारी के शलए िे खे :
http://hi.wikipedia.org/wiki/तनकोलो_मैककर्यावेली
र्चत्र 1. मैककर्यावेली
स्रोत: http://hi.wikipedia.org/wiki/तनकोलो_मैककर्यावेली
इन ववचारकों द्वारा प्रततपादित शमर्ित सरकार की अवधारणा के शलए िे खें : (accessed on : 1 June
2014, 8:23 pm)
Mixed Government- http://en.wikipedia.org/wiki/Mixed_government
प्राचीन राजनीततक ििथनिास्त्र को ववस्तार से समझने के शलए तनम्नशलखखत शलंक पर ज्लक करें :
Ancient Political Philosophy (Stanford Encyclopedia of Philosophy)
http://plato.stanford.edu/entries/ancient-political/
संक्षेप में, तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन हमारे आसपास के ववश्व में होने वाली टटनाओं को समझने
के शलए एक व्र्यवजस्र्त (systematic), सस
ु ग
ं त (coherent) और र्यर्ार्थवािी (practical) तरीका है | िस
ू रे
िब्िों में, राजनीतत ववज्ञान के अध्र्यर्यन में तल
ु नात्मक राजनीतत एक बहुत महत्वपण
ू थ व मख्
ु र्य अध्र्यर्यन
क्षेत्र रहा है | र्यह एक वह
ृ ि अनस
ु ध
ं ान क्षेत्र को कवर करता है | तल
ु नात्मक राजनीतत अपनी ववषर्य-वस्तु
के रूप में ववश्व की बहुववध (diverse) राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के सार् ही ववश्लेषणात्मक समकालीन
मद्द
ु ों जैसे – लोकतंत्रीकरण, एकीकरण और वैश्वीकरण के अध्र्यर्यन से जड़
ु ा है |
तल
ु नात्मक राजनीतत की प्रकृतत व क्षेत्र को समझने से पव
ू थ र्यह आवश्र्यक है कक हम तल
ु नात्मक राजनीतत
व तल
ु नात्मक िासन के बीच अंतर को समझ लें | सामान्र्यत: िोनों िब्िों का प्रर्योग परस्पर एक-िस
ू रे
के शलए (interchangeably) ककर्या जाता है परं तु िोनों में अंतर है | परं परागत रूप से राजनीतत के
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन को ‘तल
ु नात्मक िासन’ की संज्ञा िी जाती र्ी | तल
ु नात्मक िासन में, ववशिन्न
राज्र्यों की राजनीततक संस्र्ाओं की वविेषताओं व कानन
ू ी िाज्तर्यों का अध्र्यर्यन िाशमल है | तल
ु नात्मक
िासन की मख्
ु र्य वविेषताएं हैं: ववशिन्न िे िों की राजनीततक संस्र्ाओं के अध्र्यर्यन पर बल, ववश्व के
मख्
ु र्य संववधानों की वविेषताओं व िाज्तर्यों के अध्र्यर्यन पर बल, ववशिन्न िे िों में कार्यथरत राजनीततक
संस्र्ाओं की िाज्तर्यों व कार्यों के अध्र्यर्यन पर बल, संगठन व िज्तर्यों का औपचाररक अध्र्यर्यन आदि
तल
ु नात्मक सरकार के अध्र्यर्यन के आधारित
ू ववषर्य र्े | इनमें सबसे महत्वपण
ू थ उद्देश्र्यों में, आििथ
राजनीततक संस्र्ाओं के शसद्ांत (to build a theory of ideal political institutions) स्र्ावपत करना
र्ा |
संक्षेप में, तल
ु नात्मक िासन और राजनीतत के क्षेत्र में हम लोग ‘राजनीततक संस्र्ाओ, व्र्यवहार और
आधतु नक िासन की प्रमख
ु व्र्यवस्र्ाओं की प्रकक्र्याओं का अध्र्यर्यन करते है |’ इसका प्रमख
ु ऊिे श्र्य
ववशिन्न िे िों की सरकारों और राजनीतत में व्र्याप्त समानताओं तर्ा असमानताओं का ववश्लेषण करना है
ताकक िववष्र्य मे सवथमान्र्य शसद्ांत प्रततपादित ककए जा सकें | िस
ू रे ववश्व र्यद्
ु के पश्चात राजनीततक
वैज्ञातनक ववशिन्न िासन के तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन से संतष्ु ट नहीं रहे और उन्होंने िासन-प्रणाशलर्यों की
राजनीतत और वास्तववक व्र्यवहार का िी अध्र्यर्यन करना प्रारं ि कर दिर्या | इस प्रकार धीरे -धीरे
तल
ु नात्मक संस्र्ाओं (comparative institutions) का स्र्ान तल
ु नात्मक राजनीतत (comparative
politics) ने ले शलर्या | मेक्ेडीस (Macridis) ने ठीक ही कहा है की तल
ु नात्मक राजनीततक संस्र्ाओं के
अध्र्यर्यन को तल
ु नात्मक कहना उर्चत नहीं ्र्योंकक इसके अंतगथत केवल वविे िी सरकारों, उनके स्वरूप
और उनके औपचाररक संगठन का वणथन वैधातनक ढं ग से ककर्या जाता र्ा | इसके ववपरीत तल
ु नात्मक
राजनीतत के अंतगथत ववशिन्न शसद्ांतों तर्ा राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के वास्तववक व्र्यवहारों का िी
अध्र्यर्यन ककर्या जाता है | िस
ू रे िब्िों में, तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन अब केवल सरकारों के अध्र्यर्यन तक ही
सीशमत नहीं है अवपतु इसका प्रर्योग राजनीतत तर्ा राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन के शलए िी ककर्या
जाता है |
1347
20वी िताब्िी में, समर्य के सार् हुए राजनीततक ववकास, पररवतथनों व राजनीततक वैज्ञातनकों की नई पीढ़ी
ने तल
ु नात्मक सरकार के संकुर्चत क्षेत्र, अवैज्ञातनक ववर्ध, औपचाररक-कानन
ू ी-संस्र्ागत और आििथवािी
उपागम मे बिलाव की जरूरत महसस
ू की | उनके प्रर्यासों के पररणामस्वरूप ही राजनीततक प्रकक्र्याओं के
ववस्तत
ृ , र्यर्ार्थवािी, वैज्ञातनक अध्र्यर्यन ने तल
ु नात्मक सरकार के क्षेत्र को वह
ृ ि रूप दिर्या जजसे हम
तल
ु नात्मक राजनीतत के नाम से जानते हैं |
तल
ु नात्मक राजनीतत में, ववश्व की राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं (systems) का व्र्यवजस्र्त (systematic) और
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है | र्यह व्र्यवजस्र्त इसशलए है ्र्योंकक र्यह सिी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं में
ववशिन्न पैटनो (patterns), तनर्यशमतताओं (regularities), और नई प्रवजृ त्तर्यों (trends) का अध्र्यर्यन
करता है वहीं िस
ू री ओर तल
ु नात्मक इन अर्ो में है जब र्यह व्र्यवस्र्ाओं और उनके बीच समानताओं,
ववशिन्नताओं के सार् ही सार् ववकासात्मक पररवतथनों का वणथन करता है | मेहलर1 (Mahler 2000) के
अनस
ु ार तल
ु नात्मक राजनीतत में राजनीतत का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है जजसमें राजनीततक प्रकरणों
(political phenomena) जजनमें िाशमल हैं, राजनीतिक संस्त्र्ाएं (political institutions) (जैसे ववधातर्यका,
राजनीततक िल, र्या राजनीततक दहत समह
ू ), राजनीतिक व्यिहार (political behavior) (जैसे मतिान,
ववरोध प्रििथन, र्या राजनीततक पेम्फलेट पढ़ना), और राजनीतिक विचारों (political ideas) (जैसे उिारवाि,
संकीणथवाि र्या मा्सथवाि) के बीच समानताओं व ववशिन्नताओं को खोजने का प्रर्यास ककर्या जाता है |
उिाहरण के शलए, हम अन्वेषण कर सकते है कक अध्र्यक्षीर्य व संसिीर्य व्र्यवस्र्ाओं के बीच ्र्या
ववशिन्नताएं है र्या कैसे और ्र्यों कोई राज्र्य एक र्या िस
ू रे प्रकार का संववधान स्वीकार करते हैं | इसी
प्रकार से िो-िल बनाम बहुिलीर्य व्र्यवस्र्ा, एकल बनाम संटीर्य व्र्यवस्र्ा और तानािाही बनाम लोकतंत्र;
र्यह ववषर्य सच
ू ी उस वह
ृ ि ववषर्य-वस्तु के मद्दु ों की एक िरु
ु आत िर है , जजन पर तल ु नात्मक राजनीतत
अपना ध्र्यान केंदित करती है |
जॉन ब्लोंडेल (John Blondel) के अनुसार : तुलनात्मक राजनीतत, समकालीन ववश्व में राष््ीर्य
सरकारों के प्रततरूपों (patterns) का अध्र्यर्यन हैं (Comparative politics is “the study of patterns of
national governments in the contemporary world) |
एम. जी. जस्मर् (M.G. Smith) के अनुसार : “तुलनात्मक राजनीतत, राजनीततक संगठनों के
प्रकार, उनके गुणों, संबंधों, ववशिन्नताओं और पररवतथन के तरीकों का अध्र्यर्यन है ” |
Jeffrey Kopstein, and M. Lichbach, (eds), (2005) Comparative Politics: Interests, Identities, and
1
Institutions in a Changing Global Order. Cambridge: Cambridge University Press, p.p 1-15
(Comparative Politics is the study of the forms of political organisations, their properties,
correlations, variations and modes of change।)
तल
ु नात्मक राजनीतत व तल
ु नात्मक ववर्ध को ववस्तार से समझने के शलए िे खें Arend Lijphart द्वारा
शलखखत लेख – “Comparative Politics and Comparative Method” - (The American Political
Science Review, Vol.65, Issue 3 (Sep.1971), 682-693
http://campus.murraystate.edu/academic/faculty/mark.wattier/Lijphart1971.pdf
ज्ञान संििथन 9 :
सारटोरी की कुछ महत्वपण
ू थ कृततर्या –
Democrazia e Definizioni (1957)
Concept Misformation in Comparative Politics. (1970)
Parties and Party Systems (1976).
The Theory of Democracy Revisited. (1987)
Comparative Constitutional Engineering (1994)
La Terra Scoppia (Italy, 2003. The title means "the Earth explodes").
तल
ु नात्मक राजनीतत ववशिन्न समाजों में कार्यथरत राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की तल
ु ना व ववश्लेषण करती है
और ऐसा करने में र्यह तीन तत्वों को सार् लेकर चलती है - राजनीतिक किया (political activity),
राजनीतिक प्रकिया (political process), राजनीतिक शक्क्ि (political power) | राजनीततक कक्र्या में वे
सिी कक्र्याए िाशमल हैं जो िज्त के संटषथ व वववािों के तनपटारे से जुड़ी हैं | राजनीततक प्रकक्र्याओं में
उन सिी औपचाररक व अनौपचाररक संरचनाओं के अध्र्यर्यन िाशमल हैं जजनके द्वारा राजनीततक
प्रकक्र्याएं कक्र्याजन्वत होती हैं | र्ये राजनीततक प्रकक्र्याएं ही सत्ता व िज्त संबध
ं ों के तनमाथण में महत्वपण
ू थ
िशू मका तनिाती हैं | तीसरा, राजनीततक िज्त, राजनीतत का ववषर्य स्वर्यं ही िज्त के शलए संटषथ र्या
वैधातनक िज्त के इस्तेमाल द्वारा वववाि तनपटारे की प्रकक्र्या के अध्र्यर्यन से जुड़ा है | लासवेल
(Laswell) राजनीतत को िज्त के तनमाथण व बंटवारे की प्रकक्र्या के रूप मे िे खते हैं | अत: राजनीतत के
अध्र्यर्यन व िज्त का अध्र्यर्यन परस्पर व्र्यापी हैं, िोनों को पर्
ृ क नहीं ककर्या जा सकता |
तल
ु नात्मक राजनीतत में, ववशिन्न राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं में तनदहत राजनीततक कक्र्या, राजनीततक प्रकक्र्या
व राजनीततक िज्त का अध्र्यर्यन व तल
ु ना िाशमल हैं | तल
ु नात्मक राजनीतत की प्रकृतत व वविेषताओं
मे िाशमल हैं –
1. ववश्लेषणात्मक व आनि
ु ववक अनस
ु ध
ं ान |
2. र्यह अध्र्यर्यन राजनीतत के वस्ततु नष्ठ व मल्
ू र्य-रदहत आनि
ु ववक (empirical) अध्र्यर्यन पर बल
िे ता है और तल
ु नात्मक सरकार के आििथवािी वणथनात्मक ववर्ध कों कम महत्व िे ता हैं |
3. राजनीतत की आधारित
ू संरचनाओं का अध्र्यर्यन – तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अब
व्र्यज्तर्यों, समह
ू ों, संरचनाओं, उप-व्र्यवस्र्ाओं आदि सिी संस्र्ाओं के वास्तववक व्र्यवहार का
ववश्लेषण करता है |
4. अंतर-ववषर्यी प्रकृतत – तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अंतरववषर्यी उपागम पर बल िे ता है |
र्यह िस
ू रे सामाजजक ववज्ञान ववषर्यों जैसे मनोववज्ञान, समाजिास्त्र, नवृ वज्ञान और अर्थव्र्यवस्र्ा की
सहार्यता द्वारा िी करता है |
5. र्यह ववकशसत व ववकासिील- िोनों ही िे िों की राजनीततक प्रकक्र्याओं का अध्र्यर्यन करता हैं |
जहां पव
ू ाथग्रही व संकुर्चत प्रकृतत के परं परागत अध्र्यर्यन के स्र्ान पर अब एशिर्या, अफ्ीका,
लैदटन-अमरीका की राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन को, र्यरू ोपीर्य राजनीततक व्र्यवस्र्ा के
अध्र्यर्यन के समान ही महत्व दिर्या जाता है |
6. शसद्ांत तनमाथण का उद्देश्र्य – तल
ु नात्मक राजनीतत का उद्देश्र्य वैज्ञातनक शसद्ांतों का तनमाथण करना
है |
7. राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं (systems) का अध्र्यर्यन – तल
ु नात्मक राजनीतत ने राजनीतत के अध्र्यर्यन
के शलए ‘व्र्यवस्र्ा’ की संकल्पना को अपना शलर्या है जजसने इसके ववषर्य क्षेत्र को व्र्यापक बना
दिर्या है |
इन सब वविेषताओं के सार् तल
ु नात्मक राजनीतत का ववषर्य एक नए ववज्ञान के रूप मे उिरकर सामने
आर्या है | र्यह तल
ु नात्मक राजनीतत के अववस्तत
ृ , औपचाररक वविेषता, केवल कानन
ू ी व संस्र्ागत ढांचों,
आििथवािी उपागम और परं परागत तल
ु नात्मक िासन अध्र्यर्यन की संकुर्चत प्रकृतत को नकारता है |
तल
ु नात्मक राजनीतत के समकालीन, आधतु नक व्र्यापक क्षेत्र को समझने के शलए इसके परं परागत रूप,
वविेषताओं व इततहास को समझना आवश्र्यक है | तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के साधारणतर्या िो उपागम र्या
दृजष्टकोण माने गए हैं –
परं परागि दृक्ष्िकोण (Traditional Approach)
प्रमख
ु र्यरू ोपीर्य िे िों- त्रब्रटे न, फ्ांस, जमथनी- की संस्र्ाओं, सरकार व िासन के अध्र्यर्यन तक ही सीशमत र्े
| र्यह िी कहा जा सकता है कक र्ये अध्र्यर्यन वास्तववक अर्ों में तल ु नात्मक नहीं र्े ्र्योंकक बहुत सारे
िे ि इनके ववश्लेषण-क्षेत्र से बाहर र्े | कुछ िे िों के अध्र्यर्यन के आधार पर तनकाला गर्या कोई िी
सामान्र्यीकरण (generalisation), वैधातनक रूप से र्यह िावा नहीं कर सकता कक वह सिी िे िों के शलए
एक ही तरह के पररणाम लाएगा | इन ववचारकों ने अपने प्रशसद् ग्रंर्ों द्वारा तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के क्षेत्र
में महत्वपण
ू थ र्योगिान दिर्या है परं तु र्यह बात ध्र्यान िे ने र्योग्र्य हैं कक इन ववद्वानों का अध्र्यर्यन केवल
वविे िी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की सरकारों के स्वरूपों के वणथन तक ही सीशमत र्ा | इसके अततरर्त
इन ववचारकों ने केवल प्रजातांत्रत्रक संस्र्ाओं का ही अध्र्यर्यन ककर्या व अलोकतांत्रत्रक राजनीततक
व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन को अनप
ु र्योगी माना | प्रजातांत्रत्रक िे िों में िी केवल औपचाररक संवध
ै ातनक व
राजनीततक संस्र्ातनक पहलओ
ु ं जैसे ववधानपाशलका, न्र्यार्यपाशलका तर्ा नागररक सेवाओं का ही अध्र्यर्यन
ककर्या गर्या | इस प्रकार र्यह एक संकुर्चत दृजष्टकोण र्ा ्र्योंकक र्यह र्यरू ोपीर्य राजनीततक संस्र्ाओं के
अध्र्यर्यन तक ही सीशमत र्ा | र्यहां ध्र्यान िे ने र्योग्र्य बात र्यह िी है कक इन अध्र्यर्यनों में ववश्व के
ज़्र्यािातर िे िों को िाशमल न करना ववश्व राजनीतत में र्यरू ोपीर्य प्रित्ु व की वविेषता को ििाथता है |
प्रित्ु व, जजसका ववश्वास पजश्चमी उिारवािी लोकतंत्र के आििथवािी मल्
ू र्यों में होने के सार्-सार् र्यह
नस्लवाि और सभ्र्यता की सवोच्चता से िी जुड़ा र्ा |
वाले सिी ववषर्यों को समादहत करता है - सिी राजनीततक प्रकक्र्याओं, कक्र्याओं, राजनीततक संबध
ं ों और
िज्त संबध
ं ों का अध्र्यर्यन करता है , जो ववश्व के सिी िागों मे िे खे जा सकते हैं | सिी राजनीततक
व्र्यवस्र्ाओं की संरचनाओं व कार्यों के बीच तनर्यशमतताओं, समानताओं, ववशिन्नताओं व संबध
ं ों का
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन इसका मख्
ु र्य केंित्रबंि ु है |
Question no.5
तल
ु नात्मक राजनीतत में िाशमल मख्
ु र्य ववषर्य तनम्नशलखखत हैं –
सकते ्र्योंकक इनका अध्र्यर्यन क्षेत्र मानव व्र्यवहार है | जैसा कक हम जानते हैं मानव स्विाव गततिील
है , अत: उसके व्र्यवहार और कार्यों के बारे में अध्र्यर्यन कर सही पररणामों की टोषणा करना संिव नहीं है
|
चौर्ा, तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण में राजनीततक व्र्यवहार का अध्र्यर्यन अत्र्यंत महत्वपण
ू थ है, परं तु
इसके संबध
ं में तथ्र्य सग
ु मता से उपलब्ध नहीं होते है | उिाहरण के शलए, र्यह तथ्र्य तनरं कुि िासन के
बारे में त्रबलकुल सही है ्र्योंकक वहां नीतत-तनधाथरकों का व्र्यवहार गोपनीर्यता के आवरण मे छुपा रहता है,
वहीं लोकतांत्रत्रक व्र्यवस्र्ाओं में िी जनदहत की आड़ लेकर महत्वपण
ू थ तथ्र्यों को प्रकाि में नहीं आने दिर्या
जाता |
पांचवें, राजनीततक व्र्यवहारों से संबर्ं धत पररणामों की संख्र्या इतनी अर्धक है कक इनकी र्गनती करना र्या
अध्र्यर्यन करते हुए इनको ध्र्यान में रखना अत्र्यंत कदठन हो जाता है | उिाहरण के शलए, एक मतिाता
मत िे ते समर्य अनेक तथ्र्यों से प्रिाववत हो सकता है | तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषक इनकी अनेकता
को अनिे खा नहीं कर सकता है और न ही इन सिी को अध्र्यर्यन का आधार बना सकता है |
छठे , तल
ु नात्मक राजनीतत में तनणथर्य व नीततर्यों के तनधाथरण में राजनीततक संस्र्ाएं, राजनीततक व्र्यवहार
तर्ा राजनीततक मान्र्यताएं महत्वपण
ू थ िशू मका तनिाती हैं | र्ये तीनों एक-िस
ू रे को प्रिाववत करती हैं |
ववश्लेषक के शलए इन तीनों में संबध
ं स्र्ावपत करने में वविेष कदठनाई होती है |
सातवें , तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण के अंतगथत प्रर्योग की जानेवाली िब्िावली अत्र्यंत कदठन है |
अब इसके अंतगथत औपचाररकता से आगे बढ़ कर व्र्यवहारवाि (behaviourlism) राजनीततक व्र्यवस्र्ा
(political system), संरचनाएं (structures), राजनीततक समाजीकरण (political socialization), तनवेि
(input), उत्पािन (output), चर (variable) आदि का प्रर्योग अत्र्यर्धक ककर्या जाने लगा है , जो साधारण
छात्र के शलए कदठनाई उत्पन्न करता है |
इन कदठनाइर्यों के बावजि
ू राजनीततिास्त्र का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन काफी लोकवप्रर्य हो गर्या है | दिन-
प्रततदिन इसकी कशमर्यों को िरू ककर्या जा रहा है और इसे अर्धक से अर्धक पण
ू थ बनाने की कोशिि की
जा रही है |
िल
ु नात्मक अध्ययन की उपयोगगिा ि महत्ि
एक महत्वपण
ू थ प्रश्न तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन की आवश्र्यकता व उपर्योर्गता से जुड़ा है | तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन
अत्र्यंत महत्वपण
ू थ व उपर्योगी है | इसके कई कारण है पहला,
3
तल
ु नात्मक ववर्ध, हमे राजनीततक
ववकल्पों व संिावनाओं के ज्ञान के शलए प्रेररत व उत्सादहत करता है | र्यह हमें बहुलता व ववववधता
Jeffrey Kopstein, and M. Lichbach, (eds), (2005) Comparative Politics: Interests, Identities, and
3
द्ववतीर्य ववश्वर्यद्
ु की समाजप्त के बाि एक ििाब्िी तक ववकासिील राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं को
तल
ु नात्मक राजनीततक अध्र्यर्यन में सही अर्ों में सजम्मशलत नहीं ककर्या गर्या र्ा | नवोदित राज्र्यों के
संििथ में अध्र्यर्यन तल
ु नात्मक न होकर नवीन राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के आंतररक संटटकों पर प्रकाि
डालने वाला रहा | कोलेमन (Coleman) और ऐप्टर (Apter) ने अफ्ीका; जाजथ मे्काहीन (George
Mekahin), माइनर वीनर (Myron Wenior), ल्र्यशू िर्यन पाई (Lucian Pye), और कुछ अन्र्य ववद्वानों
ने िक्षक्षण एशिर्या तर्ा िक्षक्षण-पव
ू ी एशिर्या के कुछ राज्र्यों के बारे में ऐसे ही अध्र्यर्यन ककए |
पौकर (Giey Paukar), ववल्सन सी॰ मेकववशलर्यम्स (Wilson C॰ Mcwilliams) व एडववन शलर्यव
ू ेन
(Edwin Lieuwen) ने इस प्रकार के सैतनक िासनों का वववेचन ककर्या और इन्हें सामाजजक ववकास की
अर्धक सामान्र्य प्रकक्र्याओं के सार् जोड़ने का प्रर्यास ककर्या | सैमअ
ु ल हदटंगटन (Samual Hutington),
फ़्रेडररक फ्े (Frederic Frey) व डंकवाटथ रुस्टों (Dankwart Rustow) ने मख्
ु र्यतर्या इस प्रकार के
अध्र्यर्यनों से ववकास की अतनवार्यथता के संििथ में सैतनक िासनों का ववश्लेषण ककर्या |
तनष्कषथ
तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अत्र्यंत प्राचीन है कफर िी समकालीन समर्य में जहां ववववधता पर
अत्र्यर्धक बल दिर्या जाने लगा है , इसकी महत्ता और अर्धक बढ़ गर्यी है | समकालीन समर्य में सिी
राजनीततक वैज्ञातनक र्यह स्वीकार करते हैं कक सिी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की सही समझ के शलए,
वैज्ञातनक रूप से उनकी संरचनाओं और कार्यों का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन आवश्र्यक है |
शब्िािली :
आनभ
ु ाविक (empirical) : जो परीक्षण र्या अनि
ु वों पर आधाररत हों और जजसका सत्र्यापन ककर्या जा
सके |
संिभथ लेि :
4. Apter, David E., ‘Comparative Politics: Old and New’ in Robert E. Goodin &
Hans-Dieter Klingemann (eds.), A New Handbook of Political Science, New
Delhi : Oxford University Press, ch. 15, 1996, pp. 372-397.
5. Sartori, G (1994). Compare Why and How: Comparing, Miscomparing and the
Comparative Method. In: Dogan, M & Kazancigil, A (Eds)., Comparing nations:
concepts, strategies, substance . Oxford: Blackwell, pp.14-34.
6. डॉ॰ नशलन कुमार (2006) तुलनात्मक िासन एवं राजनीतत, दिल्ली : नवराज प्रकािन
ं हाउस
7. गेना सी॰ (1978) तुलनात्मक राजनीतत एवं राजनीततक संस्र्ाएं, ववकास पजब्लशिग
प्राइवेट शलशमटे ड
8. श्र्याम नारार्यण (2012) तल
ु नात्मक िासन एवं राजनीतत, जर्यपरु : ररतु पजब्लकेिन्स
9. Howard A. Scarrow, (1963) ‘The Scope of Comparative Analysis’ in The Journal
of Politics, Vol. 25, No. 3, pp. 565-577 (URL: http://www.jstor.org/stable/2127973)
संभाविि प्रश्न
1. तल
ु नात्मक राजनीतत से आप ्र्या समझते है ? तल
ु नात्मक राजनीतत तर्ा तल
ु नात्मक िासन में
अंतर स्पष्ट करें |
2. तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण के परं परागत और आधतु नक दृजष्टकोणों का मल्
ू र्यांकन कीजजर्ये |
3. तल
ु नात्मक ववश्लेषण की बिलती हुई पररजस्र्ततर्यों का ववश्लेषण करें |
4. तल
ु नात्मक राजनीततक अध्र्यर्यन की उपर्योर्गता व महत्व तर्ा इसके अध्र्यर्यन में आने वाली
कदठनाइर्यों की व्र्याख्र्या कीजजर्ये |
िैकक्ल्पक प्रश्न
(1) Concept Misformation in Comparative Politics (2) Parties and Party Systems
उत्िर : (1)
2. अरस्तू के अनस
ु ार िासन के कौन से प्रकार ‘ववकृत’ प्रकृतत के है ?
उत्िर : (1)
3. ‘आधतु नक र्यग
ु का वपता’ ककसे कहा जाता है |
उत्िर : (4)
4. “तल
ु नात्मक राजनीतत, समकालीन ववश्व में राष््ीर्य सरकारों के पेट्टनो का अध्र्यर्यन हैं”-
र्यह ककसका कर्न है |
(1) सारटोरी (2) अरस्तू
उत्िर : (4)
उत्िर : (3)
6. तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन में आंकड़ों पर आधाररत शसद्ांत सिा स्र्ार्यी एवं सवथमान्र्य नहीं हो सकते
्र्योंकक इनका अध्र्यर्यन क्षेत्र है :
(1) मानव व्र्यवहार (2) राजनीततक व्र्यवस्र्ाएं
(3) राजनीततक समाजीकरण (4) राजनीततक आधतु नकीकरण
उत्िर : (1)
(1) अरस्तू के जीवन, ििथन व राजनीततक व्र्यवस्र्ा व िासन पर उनके ववचारों के शलए िे खेँ :
http://www.hoocher.com/Philosophy/aristotle.htm
(5) तनम्नशलखखत ववचारकों के जीवन, प्रिाव, राजनीततक ववचार व राजनीततक ववज्ञान में इनके
महत्वपण
ू थ र्योगिान के शलए िे खें :
Polibius - http://en.wikipedia.org/wiki/Polybius
Mantesquieu- http://en.wikipedia.org/wiki/Montesquieu
Jean bodin- http://en.wikipedia.org/wiki/Jean_Bodin
Cicero- http://en.wikipedia.org/wiki/Cicero
(7) प्राचीन राजनीततक ििथनिास्त्र को ववस्तार से समझने के शलए तनम्नशलखखत शलंक पर ज्लक करें
:Ancient Political Philosophy (Stanford Encyclopedia of Philosophy)
http://plato.stanford.edu/entries/ancient-political/
(8) रॉर्य मेकक्डडस द्वारा शलखखत लेख "Comparative Study and the Politics of Government" िोत्र:
http://www.jstor.org/discover/10.2307/421376?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=2110409
6941347
(9) तल
ु नात्मक राजनीतत व तल
ु नात्मक ववर्ध को ववस्तार से समझने के शलए िे खें Arend Lijphart
द्वारा शलखखत लेख – “Comparative Politics and Comparative Method” - (The
American Political Science Review, Vol.65, Issue 3 (Sep.1971), 682-693
http://campus.murraystate.edu/academic/faculty/mark.wattier/Lijphart1971.pdf
(11) तल
ु नात्मक राजनीतत के ित
ू काल व वतथमान पररप्रेक्ष’ के शलए महत्वपण
ू थ शलंक पर ज्लक
करें (Useful links on)- “A Perspective on Comparative Politics Past and Present”
-
http://publishing.cdlib.org/ucpressebooks/view?docId=ft0k40037v&chunk.id=d0e1328&toc.dep
th=1&brand=ucpress
(12) िे खेँ अरस्तू द्वारा शलखखत लेख- The classical review, April 1892 Aristotle’s
Classification of Forms of Government –
http://www.jstor.org/discover/10.2307/693542?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=2
1104226855727 (JSTOR: The Classical Review, Vol. 6, No. 4 (Apr., 1892), pp. 141-144)
(14) िे खें Alfred Diamant द्वारा शलखखत लेख - The Relevance of Comparative
Politics to the Study of Comparative Administration by -
http://www.jstor.org/discover/10.2307/2390826?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=211042
27086847