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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

विषय- राजनीति शास्त्र


पेपर : िल
ु नात्मक शासन और राजनीति का पररचय
अध्याय : िुलनात्मक राजनीति : अर्थ, प्रकृति ि क्षेर (Comparative Politics:
Meaning, Nature and Scope)
लेखिका : कंचन कुमारी, राजनीति शास्त्र विभाग, दिल्ली विश्िविद्यालय

जीवन पर्यंत शिक्षण संस्र्ान, दिल्ली ववश्वववद्र्यालर्य


तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

विषय-सच
ू ी

प्रस्त्िािना

िल
ु नात्मक शासन ि राजनीति

िल
ु नात्मक राजनीति क्या है : अर्थ एिं पररभाषाएँ

िल
ु नात्मक अध्ययन क्यों

िल
ु नात्मक राजनीति की प्रकृति

िल
ु नात्मक राजनीति का क्षेर

िल
ु नात्मक अध्ययन से जड़
ु ी कदिनाइयाँ

िल
ु नात्मक अध्ययन की उपयोगगिा ि महत्ि

िल
ु नात्मक राजनीति की ििथमान अिस्त्र्ा

तनष्कषथ

संिभथ लेि

अभ्यास प्रश्न

जीवन पर्यंत शिक्षण संस्र्ान, दिल्ली ववश्वववद्र्यालर्य


तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

प्रस्त्िािना

राजनीततक ववज्ञान के क्षेत्र के रूप में, तल


ु नात्मक राजनीतत का एक वह
ृ ि और ववशिष्ट स्र्ान रहा है |
सार् ही र्यह एक गततिील ववषर्य रहा है तर्ा इसके अध्र्यर्यन की ववषर्यवस्तु में पररवतथन व बिलाव आते
रहे हैं |

2500 वषों पव
ू ,थ अरस्तू पहले तल
ु नावािी अध्र्यर्यनकताथ (comparatist) र्े जजन्होंने ववशिन्न ग्रीक नगर
राज्र्यों (Greek city-state) का ववश्लेषण ककर्या | उन्होंने न केवल नगर-राज्र्यों के औपचाररक संवध
ै ातनक
प्रावधानों का बजल्क आधारित
ू सामाजजक, सांस्कृततक और आर्र्थक आधारों तर्ा इनमें समर्य के सार् हुए
पररवतथनों का िी अध्र्यर्यन ककर्या |

ज्ञान संवधथन: 1 (accessed on : 29 June 2014, 6:37 pm)


अरस्तू के जीवन, ििथन व राजनीततक व्र्यवस्र्ा व िासन पर उनके
ववचारो सके शलए िे खे :
http://www.hoocher.com/Philosophy/aristotle.htm

Politics (Aristotle)- http://en.wikipedia.org/wiki/Politics_(Aristotle)

http://www.booksshouldbefree.com/book/politics-by-aristotle

ग्रीक प्लेटो (Plato) तर्ा रोमन शससरो (Cicero) ने िी तल


ु नात्मक उपागम का उपर्योग न केवल
राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के वगीकरण में ककर्या बजल्क आििथ प्रकार की राजनीततक व्र्यवस्र्ा (the best

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

form of political system) का सझ


ु ाव िे ने में िी ककर्या | उतर 1500 आधतु नक र्यग
ु में मैककर्यावेली
(Machiavelli), जीन बोदिन (Jean Bodin) और मांटेस््र्यू (Mantesquieu) जो अमरीकी व्र्यवस्र्ा के
िज्त के वविाजन (Separation of Power) के तनमाथता र्े, सिी तल
ु नावािी र्े |

ज्ञान संवधथन: 2 (accessed on : 29 June 2014, 7:28 pm)

िज्त के वविाजन (Separation of Power) शसद्ांत को ववस्तार से समझने के शलए िे खें-


The Doctrine of Separation of power by jaba shadrack, 21.12.2012-
http://jabashadrack.blogspot.in/2012/12/the-doctrine-of-separation-of-powers.html

ज्ञान संवधथन: 3, (accessed on : 1 June 2014, 8:33 pm)

‘आधतु नक र्यग
ु के वपता’ कहे जाने वाले मैककयािेली के जीवन व
राजनीततक ििथन की अर्धक जानकारी के शलए िे खे :
http://hi.wikipedia.org/wiki/तनकोलो_मैककर्यावेली

र्चत्र 1. मैककर्यावेली
स्रोत: http://hi.wikipedia.org/wiki/तनकोलो_मैककर्यावेली

एडम जस्मर् व कालथ मा्सथ मल


ू त: अर्थिास्त्री र्े लेककन उन्होंने िी राजनीततक अर्थव्र्यवस्र्ा का
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन ककर्या | मा्सथ के अध्र्यर्यन में वविेष रूप से तल
ु नात्मक आंकडों की झलक शमलती
है जो जमथनी, फ्ांस व इंग्लैंड के जीवंत अनि
ु वों पर आधाररत है |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

परं परागत उपागमों के प्रतत असंतोष ने तल


ु नात्मक राजनीतत के नए ववज्ञान के ववकास में सहर्योग दिर्या
| 20 वीं िताब्िी में इसके क्षेत्र में क्ांततकारी पररवतथन िे खे जा सकते हैं जो मन
ु रो, सी. एफ. स््ांग,
हरमन फाइनर, एल्मण्ड, पोवेल, कोलेमन व िस
ू रे राजनीततक वैज्ञातनकों के प्रर्यास से संिव हुए |
परं परागत मल्
ू र्यों व ववर्धर्यों का स्र्ान अब आधुतनक व वैज्ञातनक ववर्धर्यों ने ले शलर्या | सवोत्तम प्रकार
के िासन की खोज के स्र्ान पर अब व्र्यवजस्र्त व तल
ु नात्मक राजनीततक अध्र्यर्यन पर बल दिर्या गर्या
|

ज्ञान संवधथन: 4, (accessed on : 29 June 2014, 7:27 pm)


तनम्नशलखखत ववचारकों के जीवन, प्रिाव, राजनीततक ववचार व राजनीततक ववज्ञान में इनके महत्वपण
ू थ
र्योगिान के शलए िे खें :
Polibius - http://en.wikipedia.org/wiki/Polybius
Mantesquieu- http://en.wikipedia.org/wiki/Montesquieu
Jean bodin- http://en.wikipedia.org/wiki/Jean_Bodin
Cicero- http://en.wikipedia.org/wiki/Cicero

इन ववचारकों द्वारा प्रततपादित शमर्ित सरकार की अवधारणा के शलए िे खें : (accessed on : 1 June
2014, 8:23 pm)
Mixed Government- http://en.wikipedia.org/wiki/Mixed_government

ज्ञान संवधथन: 5 (accessed on : 28 June 2014, 11:54 am)

प्राचीन राजनीततक ििथनिास्त्र को ववस्तार से समझने के शलए तनम्नशलखखत शलंक पर ज्लक करें :
Ancient Political Philosophy (Stanford Encyclopedia of Philosophy)
http://plato.stanford.edu/entries/ancient-political/

संक्षेप में, तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन हमारे आसपास के ववश्व में होने वाली टटनाओं को समझने
के शलए एक व्र्यवजस्र्त (systematic), सस
ु ग
ं त (coherent) और र्यर्ार्थवािी (practical) तरीका है | िस
ू रे
िब्िों में, राजनीतत ववज्ञान के अध्र्यर्यन में तल
ु नात्मक राजनीतत एक बहुत महत्वपण
ू थ व मख्
ु र्य अध्र्यर्यन
क्षेत्र रहा है | र्यह एक वह
ृ ि अनस
ु ध
ं ान क्षेत्र को कवर करता है | तल
ु नात्मक राजनीतत अपनी ववषर्य-वस्तु
के रूप में ववश्व की बहुववध (diverse) राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के सार् ही ववश्लेषणात्मक समकालीन
मद्द
ु ों जैसे – लोकतंत्रीकरण, एकीकरण और वैश्वीकरण के अध्र्यर्यन से जड़
ु ा है |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

िुलनात्मक शासन ि राजनीति

तल
ु नात्मक राजनीतत की प्रकृतत व क्षेत्र को समझने से पव
ू थ र्यह आवश्र्यक है कक हम तल
ु नात्मक राजनीतत
व तल
ु नात्मक िासन के बीच अंतर को समझ लें | सामान्र्यत: िोनों िब्िों का प्रर्योग परस्पर एक-िस
ू रे
के शलए (interchangeably) ककर्या जाता है परं तु िोनों में अंतर है | परं परागत रूप से राजनीतत के
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन को ‘तल
ु नात्मक िासन’ की संज्ञा िी जाती र्ी | तल
ु नात्मक िासन में, ववशिन्न
राज्र्यों की राजनीततक संस्र्ाओं की वविेषताओं व कानन
ू ी िाज्तर्यों का अध्र्यर्यन िाशमल है | तल
ु नात्मक
िासन की मख्
ु र्य वविेषताएं हैं: ववशिन्न िे िों की राजनीततक संस्र्ाओं के अध्र्यर्यन पर बल, ववश्व के
मख्
ु र्य संववधानों की वविेषताओं व िाज्तर्यों के अध्र्यर्यन पर बल, ववशिन्न िे िों में कार्यथरत राजनीततक
संस्र्ाओं की िाज्तर्यों व कार्यों के अध्र्यर्यन पर बल, संगठन व िज्तर्यों का औपचाररक अध्र्यर्यन आदि
तल
ु नात्मक सरकार के अध्र्यर्यन के आधारित
ू ववषर्य र्े | इनमें सबसे महत्वपण
ू थ उद्देश्र्यों में, आििथ
राजनीततक संस्र्ाओं के शसद्ांत (to build a theory of ideal political institutions) स्र्ावपत करना
र्ा |

संक्षेप में, तल
ु नात्मक िासन और राजनीतत के क्षेत्र में हम लोग ‘राजनीततक संस्र्ाओ, व्र्यवहार और
आधतु नक िासन की प्रमख
ु व्र्यवस्र्ाओं की प्रकक्र्याओं का अध्र्यर्यन करते है |’ इसका प्रमख
ु ऊिे श्र्य
ववशिन्न िे िों की सरकारों और राजनीतत में व्र्याप्त समानताओं तर्ा असमानताओं का ववश्लेषण करना है
ताकक िववष्र्य मे सवथमान्र्य शसद्ांत प्रततपादित ककए जा सकें | िस
ू रे ववश्व र्यद्
ु के पश्चात राजनीततक
वैज्ञातनक ववशिन्न िासन के तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन से संतष्ु ट नहीं रहे और उन्होंने िासन-प्रणाशलर्यों की
राजनीतत और वास्तववक व्र्यवहार का िी अध्र्यर्यन करना प्रारं ि कर दिर्या | इस प्रकार धीरे -धीरे
तल
ु नात्मक संस्र्ाओं (comparative institutions) का स्र्ान तल
ु नात्मक राजनीतत (comparative
politics) ने ले शलर्या | मेक्ेडीस (Macridis) ने ठीक ही कहा है की तल
ु नात्मक राजनीततक संस्र्ाओं के
अध्र्यर्यन को तल
ु नात्मक कहना उर्चत नहीं ्र्योंकक इसके अंतगथत केवल वविे िी सरकारों, उनके स्वरूप
और उनके औपचाररक संगठन का वणथन वैधातनक ढं ग से ककर्या जाता र्ा | इसके ववपरीत तल
ु नात्मक
राजनीतत के अंतगथत ववशिन्न शसद्ांतों तर्ा राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के वास्तववक व्र्यवहारों का िी
अध्र्यर्यन ककर्या जाता है | िस
ू रे िब्िों में, तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन अब केवल सरकारों के अध्र्यर्यन तक ही
सीशमत नहीं है अवपतु इसका प्रर्योग राजनीतत तर्ा राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन के शलए िी ककर्या
जाता है |

ज्ञान संवधथन 6: (accessed on : 3 June 2014, 4:03 pm)


िे खे: रॉर्य मेकक्डडस द्वारा शलखखत लेख "Comparative Study and the Politics of Government"
स्रोत:http://www.jstor.org/discover/10.2307/421376?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=2110409694

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

1347

20वी िताब्िी में, समर्य के सार् हुए राजनीततक ववकास, पररवतथनों व राजनीततक वैज्ञातनकों की नई पीढ़ी
ने तल
ु नात्मक सरकार के संकुर्चत क्षेत्र, अवैज्ञातनक ववर्ध, औपचाररक-कानन
ू ी-संस्र्ागत और आििथवािी
उपागम मे बिलाव की जरूरत महसस
ू की | उनके प्रर्यासों के पररणामस्वरूप ही राजनीततक प्रकक्र्याओं के
ववस्तत
ृ , र्यर्ार्थवािी, वैज्ञातनक अध्र्यर्यन ने तल
ु नात्मक सरकार के क्षेत्र को वह
ृ ि रूप दिर्या जजसे हम
तल
ु नात्मक राजनीतत के नाम से जानते हैं |

िुलनात्मक राजनीति क्या है : अर्थ एिं पररभाषाएं

तल
ु नात्मक राजनीतत में, ववश्व की राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं (systems) का व्र्यवजस्र्त (systematic) और
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है | र्यह व्र्यवजस्र्त इसशलए है ्र्योंकक र्यह सिी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं में
ववशिन्न पैटनो (patterns), तनर्यशमतताओं (regularities), और नई प्रवजृ त्तर्यों (trends) का अध्र्यर्यन
करता है वहीं िस
ू री ओर तल
ु नात्मक इन अर्ो में है जब र्यह व्र्यवस्र्ाओं और उनके बीच समानताओं,
ववशिन्नताओं के सार् ही सार् ववकासात्मक पररवतथनों का वणथन करता है | मेहलर1 (Mahler 2000) के
अनस
ु ार तल
ु नात्मक राजनीतत में राजनीतत का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है जजसमें राजनीततक प्रकरणों
(political phenomena) जजनमें िाशमल हैं, राजनीतिक संस्त्र्ाएं (political institutions) (जैसे ववधातर्यका,
राजनीततक िल, र्या राजनीततक दहत समह
ू ), राजनीतिक व्यिहार (political behavior) (जैसे मतिान,
ववरोध प्रििथन, र्या राजनीततक पेम्फलेट पढ़ना), और राजनीतिक विचारों (political ideas) (जैसे उिारवाि,
संकीणथवाि र्या मा्सथवाि) के बीच समानताओं व ववशिन्नताओं को खोजने का प्रर्यास ककर्या जाता है |
उिाहरण के शलए, हम अन्वेषण कर सकते है कक अध्र्यक्षीर्य व संसिीर्य व्र्यवस्र्ाओं के बीच ्र्या
ववशिन्नताएं है र्या कैसे और ्र्यों कोई राज्र्य एक र्या िस
ू रे प्रकार का संववधान स्वीकार करते हैं | इसी
प्रकार से िो-िल बनाम बहुिलीर्य व्र्यवस्र्ा, एकल बनाम संटीर्य व्र्यवस्र्ा और तानािाही बनाम लोकतंत्र;
र्यह ववषर्य सच
ू ी उस वह
ृ ि ववषर्य-वस्तु के मद्दु ों की एक िरु
ु आत िर है , जजन पर तल ु नात्मक राजनीतत
अपना ध्र्यान केंदित करती है |

जॉन ब्लोंडेल (John Blondel) के अनुसार : तुलनात्मक राजनीतत, समकालीन ववश्व में राष््ीर्य
सरकारों के प्रततरूपों (patterns) का अध्र्यर्यन हैं (Comparative politics is “the study of patterns of
national governments in the contemporary world) |

एम. जी. जस्मर् (M.G. Smith) के अनुसार : “तुलनात्मक राजनीतत, राजनीततक संगठनों के
प्रकार, उनके गुणों, संबंधों, ववशिन्नताओं और पररवतथन के तरीकों का अध्र्यर्यन है ” |

Jeffrey Kopstein, and M. Lichbach, (eds), (2005) Comparative Politics: Interests, Identities, and
1

Institutions in a Changing Global Order. Cambridge: Cambridge University Press, p.p 1-15

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

(Comparative Politics is the study of the forms of political organisations, their properties,
correlations, variations and modes of change।)

ई.ए. फ्ीमेन (E.A Freeman) के अनुसार, “तुलनात्मक राजनीतत, कई प्रकार की सरकारों व


ववशिन्न राजनीततक संस्र्ाओं का तुलनात्मक ववश्लेषण है ” | (Comparative Politics is
comparative analysis of the various forms of government and diverse political institutions).

इन पररिाषाओ के आधार पर हम कह सकते हैं की तुलनात्मक राजनीतत न केवल संस्र्ाओ व


उनके र्यांत्रत्रक व्र्यवस्र्ाओं (mechanistic arrangements) का बजल्क इसमें राजनीततक व्र्यवहार की
राजनीततक प्रकक्र्याओं, संरचनाओं, कार्यों, गैर-सांस्र्ातनक व गैर-राजनीततक तनधाथरकों का
आनि
ु ववक व वैज्ञातनक ववश्लेषण िी िाशमल है |

केवल र्यही नहीं, तल


ु नात्मक राजनीतत में मख्
ु र्य रूप से अध्ययन की विगि (method of study) और
अध्ययन का विषय (subject of study) को िी सजम्मशलत माना जाता है | अध्र्यर्यन की ववर्ध के रूप
में , तल
ु नात्मक राजनीतत ‘तल
ु ना’ पर आधाररत है | अध्र्यर्यन के ववषर्य के रूप में , तल
ु नात्मक राजनीतत
एक राज्र्य, समाज, िे ि र्या राजनीततक व्र्यवस्र्ा में हो रहे राजनीततक टटनाक्मों को समझने और वणथन
करने पर बल िे ता है | इन पररिाषाओं के आधार पर र्यह कहा जा सकता है कक 1. र्यह क्षेत्र प्रार्शमक
रूप से टरे लू व आंतररक गततववर्धर्यों से संबध
ं रखता है जो इसे अंतराथष््ीर्य सम्बन्धों (अध्र्यर्यन का वह
क्षेत्र जो राज्र्यों के बाहरी संबध
ं ों (external relations) र्या वविे ि नीतत से संबध
ं रखता है ) से अलग

ु नात्मक राजनीतत, राजनीततक टटनाक्मों (political phenomena) से संबर्ं धत है और


करता है | 2. तल
3. सबसे महत्वपण
ू ,थ र्यह वविेषता है कक र्यह ववश्लेषण कक तल
ु नात्मक ववर्ध द्वारा पररिावषत होता है |

ज्ञान संवधथन 7 : (accessed on : 29 June 2014, 7:04 pm)

तल
ु नात्मक राजनीतत व तल
ु नात्मक ववर्ध को ववस्तार से समझने के शलए िे खें Arend Lijphart द्वारा
शलखखत लेख – “Comparative Politics and Comparative Method” - (The American Political
Science Review, Vol.65, Issue 3 (Sep.1971), 682-693
http://campus.murraystate.edu/academic/faculty/mark.wattier/Lijphart1971.pdf

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

िुलनात्मक अध्ययन क्यों ?

जब हम ककन्हीं िो र्या िो से अर्धक वस्तओ


ु ं र्या प्रकक्र्याओं को तकथसंगत आधार पर एक ही िेणी में
रखते हैं, कफर उनके ववशिन्न अंिों की समानताओं और शिन्नताओं के आधार पर ककसी तनजश्चत तनर्यम
र्या प्रवजृ त्त के बारे में प्रा्कल्पना (hypothesis) प्रस्तत
ु करते हैं, तब हमारी कार्यथ-ववर्ध को तल
ु नात्मक
पद्तत की संज्ञा िी जाती है |
हम तल
ु ना ्र्यों करते है र्या िस
ू रे िब्िों में तल
ु ना करने का ्र्या उद्देश्र्य है ? र्गर्योवानी सारटोरी
(Giovanni Sartori, 1994) के अनस
ु ार – हम तनर्यंत्रण करने के शलए तल
ु ना करते है | तनर्यंत्रण के शलए
तल
ु ना का प्रर्योग हम र्यह जाचने के शलए करते है कक ्र्या ककसी टटनाक्म के बारे में , कुछ चरों
(certain variables) को तनर्यंत्रत्रत और स्र्ार्यी करने पर हमारे िावे र्या मान्र्यताएं वैध हैं | उिाहरण के
शलए हम कुछ कर्न लेते हैं जैसे- भ्रष्टाचार का कारण गरीबी है र्या इसके उलट कक भ्रष्टाचार के कारण
गरीबी बढ़ती है | आर्र्थक ववृ द् के उच्च स्तर को प्राप्त करने के शलए सत्तावाि (authoritarianism)
लोकतंत्र की तल
ु ना में अर्धक सहार्यक है र्या सामाजजक क्ांतत का कारण ‘सापेक्ष वंचन’ (relative
deprivation) है |
अब र्ये कर्न सही हैं र्या गलत, र्या कुछ और- र्यह हम कैसे जान सकते है | सारटोरी के अनस
ु ार ऐसा
हम तल
ु नात्मक जांच (comparative checking) द्वारा कर सकते हैं | मख्
ु र्य रूप से ववशिन्न प्रकार की
तल
ु नाएं िोधकताथओं को ववशिन्नताओं व समानताओं की एक बहुलता उपलब्ध कराती है , जजसमें से वे
महत्वपण
ू थ तनर्यंत्रण चर (control variables) का चर्यन कर सकते हैं |

ज्ञान संििथन 8 : (accessed on : 29 June 2014, 7:38 pm)


िे खें Giovanni Sartori द्वारा शलखखत लेख ‘Concept Misformation in Comparative Politics’-
(Source: American Political Science Review, LXIV(4) (1970): 1033-1053.)
http://www.corwin.com/upm-data/24809_Ch_02.pdf

ज्ञान संििथन 9 :
सारटोरी की कुछ महत्वपण
ू थ कृततर्या –
Democrazia e Definizioni (1957)
Concept Misformation in Comparative Politics. (1970)
Parties and Party Systems (1976).
The Theory of Democracy Revisited. (1987)
Comparative Constitutional Engineering (1994)

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

La Terra Scoppia (Italy, 2003. The title means "the Earth explodes").

प्रो॰ मनोरं जन मोहं ती के अनस


ु ार तल
ु ना करने का अर्थ केवल टटनाक्मों के बीच समानताओं व
ववशिन्नताओं की खोज नहीं है बजल्क र्यह संबध
ं ों की खोज करता है | इन संबध
ं ों की प्रकृतत, हमारे द्वारा
उठाए गए प्रश्न पर तनिथर करती है | टटनाओं की तल
ु ना का अर्थ एकता (unity) और ववपक्षता
(opposition) के बीच संबध
ं ों को पहचानना है | इस प्रकार तल
ु ना के इस अर्थ को ध्र्यान में रखते हुए
िे खा जाए तो, ककसी िी तरह के ज्ञान अजथन में तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है | ऐसा इसशलए है
्र्योंकक सिी सामान्र्यीकरण (generalizations) एक से अर्धक टटनाक्मों र्या कई सारे टटनाक्मों के
संबध
ं ों के तनरीक्षण पर आधाररत होते हैं | इसमें तल
ु ना की कक्र्या स्वत: िाशमल होती है | जजतना
ववस्तत
ृ हमारा तनरीक्षण (observations) होता है , उतने ही तनजश्चत राजनीततक संबध
ं ों पर हमारे कर्न
(statements) होते हैं |

िुलनात्मक राजनीति की प्रकृति

तल
ु नात्मक राजनीतत ववशिन्न समाजों में कार्यथरत राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की तल
ु ना व ववश्लेषण करती है
और ऐसा करने में र्यह तीन तत्वों को सार् लेकर चलती है - राजनीतिक किया (political activity),
राजनीतिक प्रकिया (political process), राजनीतिक शक्क्ि (political power) | राजनीततक कक्र्या में वे
सिी कक्र्याए िाशमल हैं जो िज्त के संटषथ व वववािों के तनपटारे से जुड़ी हैं | राजनीततक प्रकक्र्याओं में
उन सिी औपचाररक व अनौपचाररक संरचनाओं के अध्र्यर्यन िाशमल हैं जजनके द्वारा राजनीततक
प्रकक्र्याएं कक्र्याजन्वत होती हैं | र्ये राजनीततक प्रकक्र्याएं ही सत्ता व िज्त संबध
ं ों के तनमाथण में महत्वपण
ू थ
िशू मका तनिाती हैं | तीसरा, राजनीततक िज्त, राजनीतत का ववषर्य स्वर्यं ही िज्त के शलए संटषथ र्या
वैधातनक िज्त के इस्तेमाल द्वारा वववाि तनपटारे की प्रकक्र्या के अध्र्यर्यन से जुड़ा है | लासवेल
(Laswell) राजनीतत को िज्त के तनमाथण व बंटवारे की प्रकक्र्या के रूप मे िे खते हैं | अत: राजनीतत के
अध्र्यर्यन व िज्त का अध्र्यर्यन परस्पर व्र्यापी हैं, िोनों को पर्
ृ क नहीं ककर्या जा सकता |
तल
ु नात्मक राजनीतत में, ववशिन्न राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं में तनदहत राजनीततक कक्र्या, राजनीततक प्रकक्र्या
व राजनीततक िज्त का अध्र्यर्यन व तल
ु ना िाशमल हैं | तल
ु नात्मक राजनीतत की प्रकृतत व वविेषताओं
मे िाशमल हैं –
1. ववश्लेषणात्मक व आनि
ु ववक अनस
ु ध
ं ान |
2. र्यह अध्र्यर्यन राजनीतत के वस्ततु नष्ठ व मल्
ू र्य-रदहत आनि
ु ववक (empirical) अध्र्यर्यन पर बल
िे ता है और तल
ु नात्मक सरकार के आििथवािी वणथनात्मक ववर्ध कों कम महत्व िे ता हैं |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

3. राजनीतत की आधारित
ू संरचनाओं का अध्र्यर्यन – तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अब
व्र्यज्तर्यों, समह
ू ों, संरचनाओं, उप-व्र्यवस्र्ाओं आदि सिी संस्र्ाओं के वास्तववक व्र्यवहार का
ववश्लेषण करता है |
4. अंतर-ववषर्यी प्रकृतत – तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अंतरववषर्यी उपागम पर बल िे ता है |
र्यह िस
ू रे सामाजजक ववज्ञान ववषर्यों जैसे मनोववज्ञान, समाजिास्त्र, नवृ वज्ञान और अर्थव्र्यवस्र्ा की
सहार्यता द्वारा िी करता है |
5. र्यह ववकशसत व ववकासिील- िोनों ही िे िों की राजनीततक प्रकक्र्याओं का अध्र्यर्यन करता हैं |
जहां पव
ू ाथग्रही व संकुर्चत प्रकृतत के परं परागत अध्र्यर्यन के स्र्ान पर अब एशिर्या, अफ्ीका,
लैदटन-अमरीका की राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन को, र्यरू ोपीर्य राजनीततक व्र्यवस्र्ा के
अध्र्यर्यन के समान ही महत्व दिर्या जाता है |
6. शसद्ांत तनमाथण का उद्देश्र्य – तल
ु नात्मक राजनीतत का उद्देश्र्य वैज्ञातनक शसद्ांतों का तनमाथण करना
है |
7. राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं (systems) का अध्र्यर्यन – तल
ु नात्मक राजनीतत ने राजनीतत के अध्र्यर्यन
के शलए ‘व्र्यवस्र्ा’ की संकल्पना को अपना शलर्या है जजसने इसके ववषर्य क्षेत्र को व्र्यापक बना
दिर्या है |
इन सब वविेषताओं के सार् तल
ु नात्मक राजनीतत का ववषर्य एक नए ववज्ञान के रूप मे उिरकर सामने
आर्या है | र्यह तल
ु नात्मक राजनीतत के अववस्तत
ृ , औपचाररक वविेषता, केवल कानन
ू ी व संस्र्ागत ढांचों,
आििथवािी उपागम और परं परागत तल
ु नात्मक िासन अध्र्यर्यन की संकुर्चत प्रकृतत को नकारता है |

ज्ञान संििथन 10 : (accessed on : 29 June 2014, 7:10 pm)


‘तल
ु नात्मक राजनीतत के ित
ू काल व वतथमान पररपेक्ष्र्य’ के शलए महत्वपण
ू थ शलंक पर ज्लक करें (Useful
links on)- “A Perspective on Comparative Politics Past and Present” -
http://publishing.cdlib.org/ucpressebooks/view?docId=ft0k40037v&chunk.id=d0e1328&toc.depth=1&b
rand=ucpress

िुलनात्मक राजनीति का क्षेर

तल
ु नात्मक राजनीतत के समकालीन, आधतु नक व्र्यापक क्षेत्र को समझने के शलए इसके परं परागत रूप,
वविेषताओं व इततहास को समझना आवश्र्यक है | तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के साधारणतर्या िो उपागम र्या
दृजष्टकोण माने गए हैं –
परं परागि दृक्ष्िकोण (Traditional Approach)

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

आिुतनक दृक्ष्िकोण (Modern Approach)


राजनीततक संस्र्ाओ के तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के शलए जो प्रर्यास 20वीं िताब्िी अर्वा उससे पहले ककए
गए उन्हे परं परागत दृजष्टकोण का नाम दिर्या जाता है | तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन की िरु
ु आत ग्रीक िािथतनक
अरस्तू के अध्र्यर्यन में स्पष्ट रूप से िे खी जा सकती है | उन्होंने 150 राज्र्यों के संववधानों का अध्र्यर्यन
ककर्या और उन्हें िासन के प्रकार (typology of regimes) के रूप में वगीकृत ककर्या | उन्होंने न केवल
िासन व राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं का उनके प्रकार (types) के आधार पर वणथन व वगीकरण ककर्या जैसे
लोकतंत्र, आशिजाततंत्र (aristocracy), राजतंत्र (monarchy) बजल्क अच्छे िासन के मल्
ू र्यों (norms of
good governance) के आधार पर िी इनके बीच अंतर बतार्या | इन्हीं तल
ु नाओं के आधार पर उन्होंने
िासन को – अच्छे व बरु े (good and bad), आििथ व ववकृत (ideal and perverted)- के रूप में
वविाजजत ककर्या | अरस्तू के इस वगीकरण का प्रर्योग आगे रोमन िािथतनक पोशलत्रबर्यस (Polybius) व
शससरो (Cicero) ने राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के औपचाररक व कानन
ू ी अध्र्यर्यन में ककर्या | िासन का
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन 15वीं िताब्िी में मैककर्यावेली के अध्र्यर्यन में िी िे खा जा सकता है |

ज्ञान संििथन 11 : (accessed on : 29 June 2014, 6:03 pm)


िे खेँ अरस्तू द्वारा शलखखत लेख- The classical review, April 1892 Aristotle’s Classification of
Forms of Government –
http://www.jstor.org/discover/10.2307/693542?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=211042
26855727 (JSTOR: The Classical Review, Vol. 6, No. 4 (Apr., 1892), pp. 141-144)

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

20वी िताब्िी की िरु


ु आत में पजश्चमी राजनैततक ववचारकों में से परं परागत दृजष्टकोण के समर्थक कुछ
प्रमख
ु नाम र्े – जेम्स ब्राइस (James Bryces), हरमन फाइनर (Herman Finer), कालथ जे. फ़्रेडररक
(Carl J. Friedrich), रोबटथ शमिेल (Roberto Michel), एम. डुवजथर (M.Duverger), ओग एवम जजंक
(Ogg and Zink), मन
ु रो (Munro), , है राल्ड जे. लास्की (Harold J. Laski) आदि |

ज्ञान संििथन 12 : महत्वपण


ू थ ववचारक व उनकी कृततर्या :
जेम्स ब्राइस (James Bryces) : मॉडनथ डेमोक्ेशसस ( Modern Democracies, 1921)
हरमन फाइनर (Herman Finer) : थ्र्योरी एंड प्रेज्टस ऑफ मॉडनथ गोवनथमेंट (Theory and Practice of
Modern Governments, 1932)
कालथ जे. फ़्रेडररक (Carl J. Friedrich) : कोजन्स्टटूश्नल गवनथमेंट एंड डेमोक्ेसी (Constitutional
Government and Democracy, 1937)
रोबटथ शमिेल (Roberto Michel) : पॉशलदटकल पाटीस (Political Parties, 1915)
एम. डुवजथर (M.Duverger) : पॉशलदटकल पाटीस (Political Parties, 1950)

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

इन ववचारकों के अध्र्यर्यन में मख्


ु र्य बल, िज्त के वविाजन, सरकार के ववशिन्न आर्यामों के बीच संबध
ं ों
संस्र्ाओं के अध्र्यर्यन पर दिर्या गर्या | र्ये अध्र्यर्यन मख्
ु र्य रूप से र्यरू ोप-केंदित (Eurocentric) र्े, जो
2

प्रमख
ु र्यरू ोपीर्य िे िों- त्रब्रटे न, फ्ांस, जमथनी- की संस्र्ाओं, सरकार व िासन के अध्र्यर्यन तक ही सीशमत र्े
| र्यह िी कहा जा सकता है कक र्ये अध्र्यर्यन वास्तववक अर्ों में तल ु नात्मक नहीं र्े ्र्योंकक बहुत सारे
िे ि इनके ववश्लेषण-क्षेत्र से बाहर र्े | कुछ िे िों के अध्र्यर्यन के आधार पर तनकाला गर्या कोई िी
सामान्र्यीकरण (generalisation), वैधातनक रूप से र्यह िावा नहीं कर सकता कक वह सिी िे िों के शलए
एक ही तरह के पररणाम लाएगा | इन ववचारकों ने अपने प्रशसद् ग्रंर्ों द्वारा तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के क्षेत्र
में महत्वपण
ू थ र्योगिान दिर्या है परं तु र्यह बात ध्र्यान िे ने र्योग्र्य हैं कक इन ववद्वानों का अध्र्यर्यन केवल
वविे िी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की सरकारों के स्वरूपों के वणथन तक ही सीशमत र्ा | इसके अततरर्त
इन ववचारकों ने केवल प्रजातांत्रत्रक संस्र्ाओं का ही अध्र्यर्यन ककर्या व अलोकतांत्रत्रक राजनीततक
व्र्यवस्र्ाओं के अध्र्यर्यन को अनप
ु र्योगी माना | प्रजातांत्रत्रक िे िों में िी केवल औपचाररक संवध
ै ातनक व
राजनीततक संस्र्ातनक पहलओ
ु ं जैसे ववधानपाशलका, न्र्यार्यपाशलका तर्ा नागररक सेवाओं का ही अध्र्यर्यन
ककर्या गर्या | इस प्रकार र्यह एक संकुर्चत दृजष्टकोण र्ा ्र्योंकक र्यह र्यरू ोपीर्य राजनीततक संस्र्ाओं के
अध्र्यर्यन तक ही सीशमत र्ा | र्यहां ध्र्यान िे ने र्योग्र्य बात र्यह िी है कक इन अध्र्यर्यनों में ववश्व के
ज़्र्यािातर िे िों को िाशमल न करना ववश्व राजनीतत में र्यरू ोपीर्य प्रित्ु व की वविेषता को ििाथता है |
प्रित्ु व, जजसका ववश्वास पजश्चमी उिारवािी लोकतंत्र के आििथवािी मल्
ू र्यों में होने के सार्-सार् र्यह
नस्लवाि और सभ्र्यता की सवोच्चता से िी जुड़ा र्ा |

आितु नक दृक्ष्िकोण- समकालीन समर्य में तल


ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन संकीणथवाि और तल
ु नात्मक
सरकार के सीशमत क्षेत्र से आगे बढ़ चक
ु ा है | इसने एक ववस्तत
ृ अध्र्यर्यन क्षेत्र को अपना शलर्या है
जजसमें िाशमल है - राजनीततक प्रकक्र्याओं, कक्र्याओं, कार्यों और सिी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की
राजनीततक संरचनाओं, ववकशसत तर्ा ववकासिील, र्यरू ोपीर्य तर्ा एशिर्याई, अफ्ीकी व लैदटन अमेररकी
िे िों- का ववश्लेषण व तल
ु ना | द्ववतीर्य ववश्वर्यद्
ु के बाि इसके अध्र्यर्यन-क्षेत्र व प्रर्योग की जाने वाली
ववर्धर्यों मे क्ांततकारी पररवतथन आए | आधतु नक राजनीततक वैज्ञातनक परं परागत अध्र्यर्यनों की कशमर्यों
जैस-े औपचाररक, कानन ू ी, संस्र्ावािी और आििथवाि पर अत्र्यर्धक बल आदि को िे खते हुए व
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के महत्व को स्वीकार करते हुए इसमें सध
ु ार करने के शलए प्रेररत हुए | उन्होंने
राजनीतत के सिी औपचाररक सार् ही सार् अनौपचाररक संरचनाओं जैसे दहत समह
ू , िबाव समह

राजनीततक िल और राजनीततक अशिजात (political elites) के वास्तववक कार्यथकलापों को तल
ु नात्मक
राजनीतत के क्षेत्र में स्र्ान दिर्या | तल
ु नात्मक राजनीतत के क्षेत्र में नर्यी िोध-पद्तत, िोध तकनीकों,
िोध-संकल्पनाओं, मध्र्यवती स्तर के शसद्ांतों आदि का बहुत अर्धक ववकास हुआ | राजनीततक टटनाओं
के ववश्लेषण, वणथन और तल ु ना के शलए समाज ववज्ञान के िस ू रे ववषर्यों से संकल्पनाओं को उधार शलर्या
गर्या | आज तल
ु नात्मक राजनीतत का क्षेत्र अत्र्यर्धक ववस्तत
ृ हो गर्या है | र्यह राजनीतत के अंतगथत आने

‘र्यरू ोपीर्य केंिवाि’ को ववस्तार पव


ू क
थ समझने के शलए मेरा अगला अध्र्यार्य “र्यरू ोपीर्य केंिवाि से आगे” िे खें |
2

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

वाले सिी ववषर्यों को समादहत करता है - सिी राजनीततक प्रकक्र्याओं, कक्र्याओं, राजनीततक संबध
ं ों और
िज्त संबध
ं ों का अध्र्यर्यन करता है , जो ववश्व के सिी िागों मे िे खे जा सकते हैं | सिी राजनीततक
व्र्यवस्र्ाओं की संरचनाओं व कार्यों के बीच तनर्यशमतताओं, समानताओं, ववशिन्नताओं व संबध
ं ों का
तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन इसका मख्
ु र्य केंित्रबंि ु है |
Question no.5

तल
ु नात्मक राजनीतत में िाशमल मख्
ु र्य ववषर्य तनम्नशलखखत हैं –

सभी राजनीतिक संरचनाएं (All political structures)- तल


ु नात्मक राजनीतत के क्षेत्र में औपचाररक व
अनौपचाररक सिी संरचनाएं िाशमल हैं | र्ये सिी संरचनाएं प्रत्र्यक्ष र्या अप्रत्र्यक्ष रूप से िज्त के संटषथ से
जड़
ु ी है | अत: र्यर्ार्थवाि की खोज इसकी एक महत्वपण
ू थ वविेषता है | र्यह केवल सरकार के तीन अंगों-
ववधातर्यका, कार्यथपाशलका, न्र्यार्यपाशलका- तक ही सीशमत नहीं है , इनके सार् ही र्यह लोकतंत्र, दहत समह
ू ,
राजनीततक िल व मानव द्वारा तनशमथत िस
ू रे राजनीततक समह
ू ों के अध्र्यर्यन पर िी बल िे ता है |
कायाथत्मक अध्ययन (Functional studies)- र्यह उन कार्यों के अध्र्यर्यन पर बल िे ता है जो एक िे ि
के पर्याथवरण में राजनीततक प्रकक्र्याओं व उनके वास्तववक संचालनों का तनमाथण करते है | र्यह दहत
स्वरूपीकरण, दहत समह
ू करण, राजनीततक संचार, तनर्यम तनमाथण, तनर्यम कार्याथन्वन, तनर्यम-तनणथर्य,
समाजीकरण, तनणथर्य तनमाथण, नीतत तनमाथण के कार्यों का अध्र्यर्यन करता है |
राजनीतिक व्यिहार का अध्ययन (Study of political behavior)- राजनीततक प्रकक्र्याओं का
अध्र्यर्यन तल
ु नात्मक राजनीतत के क्षेत्र का एक महत्वपण
ू थ िाग है | मतिान व्र्यवहार, राजनीततक
सहिार्गता, नेतत्ृ व, तनर्यजु ्त, ववशिष्ट व्र्यवहार, जन राजनीतत आदि तल
ु नात्मक राजनीतत का एकीकृत
िाग है |
समानिाओं और विभभन्निाओं का अध्ययन (Study of similarities and differences)- तल
ु नात्मक
राजनीतत ववशिन्न राजनीततक प्रकक्र्याओं व कार्यों के बीच समानताओं व ववशिन्नताओं का ववश्लेषण
करती है | र्यह उपागम वणथनात्मक व औपचाररक नहीं है बजल्क राजनीततक संरचनाओं व प्रकक्र्याओं के
वास्तववक कार्यों के आधार पर समानताओं व शिन्नताओं का वणथन व तल
ु ना की जाती है | र्यहां उद्देश्र्य
र्यह नहीं है की सवोत्तम प्रकक्र्या र्या व्र्यवस्र्ा की खोज की जाए बजल्क उद्देश्र्य व्र्यवजस्र्त वणथन, समझ व
शसद्ान्त का तनमाथण करना है |
राजनीतिक व्यिस्त्र्ाओं का अध्ययन (Study of political systems)- तल
ु नात्मक राजनीतत
राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं (पजश्चमी और गैर-पजश्चमी िे िों) के वास्तववक व्र्यवहार व प्रििथन का ववश्लेषण
करती है | राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं का ववश्लेषण व तल
ु ना उनकी संरचनाओं, कार्यों, क्षमताओं और प्रििथन
के आधार पर की जाती है |
पयाथिरण का अध्ययन (Study of environment)- ककसी िी िे ि के तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन के शलए र्यह
आवश्र्यक है कक उसके मनोवैज्ञातनक, समाजिास्त्रीर्य, आर्र्थक और नज
ृ ातीर्य संििथ को समझा जाए |
इसके अध्र्यर्यन के शलए राजनीततक वैज्ञातनकों ने- राजनीततक संस्कृतत, राजनीततक समाजीकरण,

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राजनीततक आधुतनकीकरण- जैसी कई संकल्पनाओं की खोज की है | इन संकल्पनाओं ने तन:संिेह


ववशिन्न राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की तल
ु ना व वणथन करने में राजनीततक ववज्ञान की क्षमता को बढ़ा दिर्या
है |
तल
ु नात्मक राजनीतत का क्षेत्र अत्र्यर्धक ववस्तत
ृ हो गर्या है | एल्मण्ड व पोवेल ने तल
ु नात्मक राजनीतत
अनि
ु ासन के नए आववष्कारों को संक्षक्षप्त रूप में चार प्रवजृ त्तर्यों में बांटा है-
व्र्यापक क्षेत्र की खोज (Search for more comprehensive scope)
र्यर्ार्थवाि की खोज (Search for realism)
पररिद्
ु ता की खोज (Search for precision)
बौवद्क व्र्यवजस्र्त क्म की खोज (Search for new intellectual order)
इन चार दििाओं ने समकालीन तल
ु नात्मक राजनीतत को क्ांततकारी रूप से प्रिाववत ककर्या है |

ज्ञान संििथन 13 : (accessed on : 29 June 2014, 7:15 pm)


तल
ु नात्मक राजनीतत के एततहाशसक ववकास के ववस्तत
ृ वणथन के शलए िे खें - The Historical
Development of Comparative Politics by Klaus Von Beyme-
http://www.researchgate.net/publication/226568782_The_historical_development_of_compara
tive_politics

िुलनात्मक अध्ययन से जुड़ी कदिनाइयाँ


तल
ु नात्मक राजनीतत का ववचारक्षेत्र अब ववस्तत
ृ हो गर्या है और इसके अध्र्यर्यन-ववषर्य जदटल हो गए हैं |
सार् ही, राजनीततक संरचनाओं व प्रकक्र्याओं में असंख्र्य ववववधता के पररणामस्वरूप इसके अध्र्यर्यन में
अनेक कदठनाइर्यों का आना स्वािाववक है |
सवथप्रर्म हम िे खते हैं कक आधुतनक र्यग
ु की राजनीततक व्र्यवस्र्ाएं और संस्र्ाएं परं परागत संस्र्ाओं से
अर्धक पेचीिा र्या जदटल हो गई हैं | तल
ु नात्मक ववश्लेषण के अंतगथत अब केवल औपचाररक संस्र्ाओं
जैसे ववधानमंडल, कार्यथपाशलका, तर्ा न्र्यार्यपाशलका आदि का ही अध्र्यर्यन नहीं ककर्या जाता अवपतु इसके
सार् ही सार् इन संस्र्ाओं पर आर्र्थक, सामाजजक, सांस्कृततक तर्ा नैततक पररजस्र्ततर्यों का जो प्रिाव
पड़ता है उनका िी अध्र्यर्यन ककर्या जाता है जजससे तल
ु नात्मक राजनीतत आसानी से स्पष्ट नहीं होती |
िस
ू रे , तल
ु नात्मक िासन और राजनीतत का अध्र्यर्यन करने वाले ववचारकों के शलए ववशिन्न िे िों की
िाषाओं कों जानना जरूरी है , सार् ही इन राष््ों की संस्कृतत के बारे में िी ज्ञान होना चादहए | र्यह ज्ञान
र्यदि असंिव नहीं तो कदठन अवश्र्य ही है |
तीसरे , तल
ु नात्मक राजनीतत को वैज्ञातनक रूप िे ने के शलए र्चंतक सवेक्षणों, प्रश्नावशलर्यों तर्ा कम्प्र्यट
ू रों
के द्वारा आंकड़े एकत्रत्रत करते हैं | इन आंकड़ों पर आधाररत शसद्ांत सिा स्र्ार्यी एवं सवथमान्र्य नहीं हो

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

सकते ्र्योंकक इनका अध्र्यर्यन क्षेत्र मानव व्र्यवहार है | जैसा कक हम जानते हैं मानव स्विाव गततिील
है , अत: उसके व्र्यवहार और कार्यों के बारे में अध्र्यर्यन कर सही पररणामों की टोषणा करना संिव नहीं है
|
चौर्ा, तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण में राजनीततक व्र्यवहार का अध्र्यर्यन अत्र्यंत महत्वपण
ू थ है, परं तु
इसके संबध
ं में तथ्र्य सग
ु मता से उपलब्ध नहीं होते है | उिाहरण के शलए, र्यह तथ्र्य तनरं कुि िासन के
बारे में त्रबलकुल सही है ्र्योंकक वहां नीतत-तनधाथरकों का व्र्यवहार गोपनीर्यता के आवरण मे छुपा रहता है,
वहीं लोकतांत्रत्रक व्र्यवस्र्ाओं में िी जनदहत की आड़ लेकर महत्वपण
ू थ तथ्र्यों को प्रकाि में नहीं आने दिर्या
जाता |
पांचवें, राजनीततक व्र्यवहारों से संबर्ं धत पररणामों की संख्र्या इतनी अर्धक है कक इनकी र्गनती करना र्या
अध्र्यर्यन करते हुए इनको ध्र्यान में रखना अत्र्यंत कदठन हो जाता है | उिाहरण के शलए, एक मतिाता
मत िे ते समर्य अनेक तथ्र्यों से प्रिाववत हो सकता है | तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषक इनकी अनेकता
को अनिे खा नहीं कर सकता है और न ही इन सिी को अध्र्यर्यन का आधार बना सकता है |
छठे , तल
ु नात्मक राजनीतत में तनणथर्य व नीततर्यों के तनधाथरण में राजनीततक संस्र्ाएं, राजनीततक व्र्यवहार
तर्ा राजनीततक मान्र्यताएं महत्वपण
ू थ िशू मका तनिाती हैं | र्ये तीनों एक-िस
ू रे को प्रिाववत करती हैं |
ववश्लेषक के शलए इन तीनों में संबध
ं स्र्ावपत करने में वविेष कदठनाई होती है |
सातवें , तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण के अंतगथत प्रर्योग की जानेवाली िब्िावली अत्र्यंत कदठन है |
अब इसके अंतगथत औपचाररकता से आगे बढ़ कर व्र्यवहारवाि (behaviourlism) राजनीततक व्र्यवस्र्ा
(political system), संरचनाएं (structures), राजनीततक समाजीकरण (political socialization), तनवेि
(input), उत्पािन (output), चर (variable) आदि का प्रर्योग अत्र्यर्धक ककर्या जाने लगा है , जो साधारण
छात्र के शलए कदठनाई उत्पन्न करता है |
इन कदठनाइर्यों के बावजि
ू राजनीततिास्त्र का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन काफी लोकवप्रर्य हो गर्या है | दिन-
प्रततदिन इसकी कशमर्यों को िरू ककर्या जा रहा है और इसे अर्धक से अर्धक पण
ू थ बनाने की कोशिि की
जा रही है |

िल
ु नात्मक अध्ययन की उपयोगगिा ि महत्ि
एक महत्वपण
ू थ प्रश्न तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन की आवश्र्यकता व उपर्योर्गता से जुड़ा है | तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन
अत्र्यंत महत्वपण
ू थ व उपर्योगी है | इसके कई कारण है पहला,
3
तल
ु नात्मक ववर्ध, हमे राजनीततक
ववकल्पों व संिावनाओं के ज्ञान के शलए प्रेररत व उत्सादहत करता है | र्यह हमें बहुलता व ववववधता

Jeffrey Kopstein, and M. Lichbach, (eds), (2005) Comparative Politics: Interests, Identities, and
3

Institutions in a Changing Global Order. Cambridge: Cambridge University Press, p.p15-1

जीवन पर्यंत शिक्षण संस्र्ान, दिल्ली ववश्वववद्र्यालर्य


तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

(plurality and diversity) को पहचानने में मिि करता है | िस


ू रा, तल
ु नात्मक पद्तत के द्वारा कुछ
तनणाथर्यक पररणामों को दिर्या जा सकता है | उिाहरण के शलए 1947 मे जजन्ना और मजु स्लम लीग के
द्वव-राष्् शसद्ांत के पररणामस्वरूप िारत िो िागों – दहंिस्
ु तान व पाककस्तान में बंट गर्या, लेककन िारत
अनेक धमो के अजस्तत्व के बावजि
ू , एक पंर्तनरपेक्ष राज्र्य तर्ा लोकतंत्रीर्य समाज के शलए कार्यथरत है
जबकक 1971 में एक ही धमथ को मानने वाले राज्र्य पाककस्तान का वविाजन हो गर्या और बांग्लािे ि का
उिर्य हुआ | र्यह इस बात की ओर इिारा करता है कक धमथ के आधार पर राज्र्यों का वविाजन एक
सवथमान्र्य तकथ नहीं है | तीसरा, ववशिन्न राष्् तल
ु ना द्वारा एक-िस
ू रे से बहुत कुछ सीख सकते हैं | वे
अपनी समस्र्याओं के समाधान के शलए िस
ू रे ववचारों को ग्रहण कर सकते हैं र्या िस
ू री प्रणाशलर्यों की
अच्छी वविेषताओं को अपने वातावरण के अनस
ु ार अपना सकते हैं, र्या अपनी संस्र्ाओं को बेहतर बनाने
के शलए ज्ञान की बहुलता में से चुनाव कर सकते हैं |

ज्ञान संििथन 14 : (accessed on : 29 June 2014, 7:41 pm)


िे खें Alfred Diamant द्वारा शलखखत लेख - The Relevance of Comparative Politics to the
Study of Comparative Administration by -
http://www.jstor.org/discover/10.2307/2390826?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=211042270868
47

िुलनात्मक राजनीति की ििथमान अिस्त्र्ा

द्ववतीर्य ववश्वर्यद्
ु की समाजप्त के बाि एक ििाब्िी तक ववकासिील राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं को
तल
ु नात्मक राजनीततक अध्र्यर्यन में सही अर्ों में सजम्मशलत नहीं ककर्या गर्या र्ा | नवोदित राज्र्यों के
संििथ में अध्र्यर्यन तल
ु नात्मक न होकर नवीन राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं के आंतररक संटटकों पर प्रकाि
डालने वाला रहा | कोलेमन (Coleman) और ऐप्टर (Apter) ने अफ्ीका; जाजथ मे्काहीन (George
Mekahin), माइनर वीनर (Myron Wenior), ल्र्यशू िर्यन पाई (Lucian Pye), और कुछ अन्र्य ववद्वानों
ने िक्षक्षण एशिर्या तर्ा िक्षक्षण-पव
ू ी एशिर्या के कुछ राज्र्यों के बारे में ऐसे ही अध्र्यर्यन ककए |

अर्धकांि ववकासिील राज्र्यों (उिाहरण के शलए बमाथ, इन्डोनेशिर्या, सड


ू ान, टाना, नाइजीररर्या, पाककस्तान,
कांगो, सीररर्या, इराक, अल्जीररर्या) में सैतनक क्ांततर्यों ने नई सरकारों का तख़्ता पलट दिर्या और काफी
समर्य बाि र्ये िे ि िी अध्र्यर्यन का आकषथण बने | जॉन जोनसन (John Johnson), ववशलर्यम गट्टररज
(William Guetteridge), एस॰ ई॰ फाइनर (S. E. Finer), मोररस जेनोववट्ज (Morris Janowitz), गी

जीवन पर्यंत शिक्षण संस्र्ान, दिल्ली ववश्वववद्र्यालर्य


तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

पौकर (Giey Paukar), ववल्सन सी॰ मेकववशलर्यम्स (Wilson C॰ Mcwilliams) व एडववन शलर्यव
ू ेन
(Edwin Lieuwen) ने इस प्रकार के सैतनक िासनों का वववेचन ककर्या और इन्हें सामाजजक ववकास की
अर्धक सामान्र्य प्रकक्र्याओं के सार् जोड़ने का प्रर्यास ककर्या | सैमअ
ु ल हदटंगटन (Samual Hutington),
फ़्रेडररक फ्े (Frederic Frey) व डंकवाटथ रुस्टों (Dankwart Rustow) ने मख्
ु र्यतर्या इस प्रकार के
अध्र्यर्यनों से ववकास की अतनवार्यथता के संििथ में सैतनक िासनों का ववश्लेषण ककर्या |

नवीन पररमाणात्मक प्रववर्धर्यों ने तल


ु नाओं की व्र्यापक संिावनाएं प्रस्तत
ु ककं | इन ववकासिील राज्र्यों
की कुछ प्रवजृ त्तर्यां- राष््वाि की उिरती िज्त, िासक-िज्त की वैधता, उप-व्र्यवस्र्ाओं का प्रिाव, सेना
का आर्धपत्र्य, ववश्लेषण के शलए नवीन अवधारणाएं, पररमाणात्मक तथ्र्यों व नर्यी आनि
ु ववक प्रववर्धर्यों
का प्रर्योग, अब तल
ु नात्मक राजनीतत ववश्लेषण का नवीनतम क्षेत्र व आकषथण-केंि बन गई | अब
तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण आधतु नकीकरण व सामाजजक-राजनीततक ववकास के इिथ-र्गिथ ककर्या जाने
लगा | सम्प्रेषण की प्रकक्र्याओं, राजनीततक संगठन और ववकास का ही इन राज्र्यों में तल
ु नात्मक
अध्र्यर्यन नहीं हुआ वरन परु ाने ववकासिील राज्र्यों (जापान) व नर्ये ववकासिील राज्र्यों में तल
ु ना के
प्रर्यत्न होने लगे | ववकास के साम्र्यवािी प्रततमान व साम्र्यवािी र्चंतन का ववकासिील िे िों पर प्रिाव िी
तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण की पररर्ध में सजम्मशलत कर शलए गए | इस प्रकार ववकासिील राज्र्यों
के उिर्य ने तल
ु नात्मक राजनीतत में, नर्ये अध्र्यर्यन, नए दृजष्टकोण, नर्ये आर्याम व नवीन अवधारणाओं
का प्रचलन ककर्या | तल
ु नात्मक ववश्लेषण की नर्यी प्रववर्धर्या प्रततपादित हुईं | अब सम्पण
ू थ ववश्व की
राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं, राजनीततक संरचनाओं व राजनीततक आचरणों की व्र्यापक व वह
ृ त्तर पररवेि में
तल
ु नाएं की जाने लगी हैं | इससे तल
ु नात्मक राजनीतत का ववषर्य-क्षेत्र ववस्तत
ृ हुआ है | र्यद्र्यवप
तल
ु नात्मक ववर्ध,तल
ु नात्मक ववश्लेषण व तल
ु नात्मक राजनीतत सामान्र्य रूप से राजनीततक ववश्लेषण का
ही िाग दिखाई िे ती हैं, कफर िी और्चत्र्य, तकथ और शिक्षा-िास्त्र की दृजष्ट से तल
ु नात्मक राजनीतत का
अध्र्यर्यन स्वतंत्र अनि
ु ासन बन गर्या है | परं तु र्यहां र्यह ध्र्यान रखना आवश्र्यक है कक तल
ु नात्मक
राजनीतत का अध्र्यर्यन-क्षेत्र केवल िे िों, संस्र्ाओं, संरचनाओं, व्र्यवहारों, कक्र्याओं र्या समस्र्याओं के संििथ
में ही पररिावषत नहीं करता है, बजल्क र्यह इन सबको संपण
ू त
थ ा में तल
ु नात्मक ववश्लेषण से समझने का
प्रर्यास करता है |

ज्ञान संििथन 15 : (accessed on : 29 June 2014, 6:59 pm)


Useful Links- the Journal of Comparative Politics http://jcp.gc.cuny.edu/

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

ज्ञान संििथन 16 : (accessed on : 29 June 2014, 7:19 pm)


Useful Links - Google e-books -
1. ‘Comparative Politics and Government’ by S.A. Palekar-
http://books.google.co.in/books?vid=9788120333352&redir_esc=y

2. Comparative Politics by J.C. Johari-


http://books.google.co.in/books?id=A5tzpYUHMvYC&pg=PA4&lpg=PA4&dq=nature+and+scope+of+com
parative+politics&source=bl&ots=3jjTaZDxwC&sig=gSPC7PAcU1nZ-
Au6iPlpYCMsrmw&hl=en&sa=X&ei=pxSwU4-
nDsaSuASDuILwAw&ved=0CCEQ6AEwAQ#v=onepage&q=nature%20and%20scope%20of%20comparativ
e%20politics&f=false

तनष्कषथ

तल
ु नात्मक राजनीतत का अध्र्यर्यन अत्र्यंत प्राचीन है कफर िी समकालीन समर्य में जहां ववववधता पर
अत्र्यर्धक बल दिर्या जाने लगा है , इसकी महत्ता और अर्धक बढ़ गर्यी है | समकालीन समर्य में सिी
राजनीततक वैज्ञातनक र्यह स्वीकार करते हैं कक सिी राजनीततक व्र्यवस्र्ाओं की सही समझ के शलए,
वैज्ञातनक रूप से उनकी संरचनाओं और कार्यों का तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन आवश्र्यक है |

शब्िािली :

यर्ार्थिािी (practical) : जो वास्तववक अनि


ु वों व परीक्षण पर आधाररत हो न कक केवल मत
ू थ शसद्ांतों
पर |

लोकिंरीकरण (Democratisation): वह प्रकक्र्या जो लोकतांत्रत्रक मल्


ू र्यों में ववृ द् को ििाथए, वविेष रूप
से आधारित
ू स्वतंत्रता व अर्धकारों का शमलना, लोकवप्रर्य सहिार्गता व चुनावी ववकल्पों का होना आदि |

राजनीतिक व्यिस्त्र्ाएं या संस्त्र्ाएं (Political System or Institutions) : एक राजनीततक व्र्यवस्र्ा से


अशिप्रार्य है- संस्र्ाओं, दहत समह
ू ों (जैसे राजनीततक िल, ्े ड र्यतू नर्यन, लॉबी समह
ू ), और राजनीततक
मल्
ू र्यों व तनर्यमों के बीच संबध
ं की वह व्र्यवस्र्ा, जो इनके कार्यों (संववधान, चुनाव कानन
ू ) को तनर्यंत्रत्रत
करती है |

आिशथिािी उपागम (Normative Approach) : वह उपागम जो ‘्र्या होना चादहए’ पर बल िे ता है न


कक ‘्र्या है ’ |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

औपचाररक, विगिक, संस्त्र्ागि उपागम (Formal, Legal, Institutional Approach) :


राजनीततक संस्र्ाओं पर कानन
ू ी दृजष्टकोण से ववचार, संववधानों का औपचाररक, व्र्याख्र्यात्मक व
ववश्लेषणात्मक अध्र्यर्यन िाशमल है | संववधान व कानन
ू ी मान्र्यताओं के टेरे तक सीशमत उपागम |

यरू ोपीय-केंद्रिाि (Euro-Centrism) – एक ऐसा ववश्वदृजष्टकोण है जो पजश्चमी सभ्र्यता पर आधाररत है


र्यह उस प्रवजृ त्त को प्रिशिथत करता है जजसमें ववश्व की व्र्याख्र्या र्यरू ोपीर्य र्या एंग्लो-अमेररकन मल्
ू र्यों और
अनि
ु वों के आधार पर की जाती है |

उिारिाि (Liberalism) : वह राजनीततक ववश्वदृजष्टकोण जो स्वतन्त्रता व समानता के ववचारों पर


आधाररत है | र्यह ववचारधारा म्
ु त व तनष्पक्ष चुनाव, नागररक अर्धकार, प्रेस की स्वतन्त्रता, धमथ की
स्वतन्त्रता, म्
ु त व्र्यापार और तनजी संपजत्त आदि ववचारों में ववश्वास रखती है |

संकीणथिाि (Parochialism) : वह दृजष्टकोण जो एक मद्द


ु े के वह
ृ त संििथ को न िे खकर उसके बहुत
ही छोटे से िाग पर बल िे ता है | सामान्र्य रूप से इसे संकीणथ दृजष्टकोण र्या क्षेत्र के रूप में िे खा जा
सकता है |

माक्सथिाि (Marxism) : र्यह सामाजजक ववश्लेषण का वह ववश्वदृजष्टकोण है जो वगथ सम्बन्धों और


सामाजजक संटषथ पर बल िे ता है , ऐततहाशसक ववकास की िौततकवािी व्र्याख्र्या करता है और सामाजजक
पररवतथन का द्वन्द्वात्मक दृजष्टकोण उपलब्ध कराता है | र्यह पज
ूं ीवािी ववकास की आलोचना व आर्र्थक
पररवतथनों में वगथ संटषथ की िशू मका के व्र्यवजस्र्त ववश्लेषण पर बल िे ता है |

प्राक्कल्पना (hypothesis) : एक टटना का प्रस्तत


ु ककर्या हुआ वणथन है जजसमें टटना के िो र्या िो से
अर्धक चरों के बीच संबध
ं ों को मानकर चला जाता है , जजसे आगे परीक्षण द्वारा सत्र्यावपत कर सही र्या
गलत प्रमाखणत ककर्या जाता है |

चर (Variables) – वे ववशिन्न आर्याम जो बिलते व पररवततथत होते रहते हैं |

सापेक्ष िंचन (relative deprivation) : र्यह संकल्पना एक तल


ु नात्मक दृजष्टकोण प्रिान करती है कक
तल
ु नात्मक रूप से एक व्र्यज्त र्या समह
ू की जस्र्तत बाकी समाज के लोगों र्या मान्र्यताओं से ककतनी
वपछड़ी हुई है |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

सामान्यीकरण (Generalizations) : जब ववस्तत


ृ अध्र्यर्यन द्वारा हम कुछ सामान्र्य तनर्यम र्या
कर्न िे ते है जो लगिग सिी पर लागू होते हों | परं तु सामान्र्यीकरण की वैधता को परखने के शलए
सत्र्यापन जरूरी है |

आनभ
ु ाविक (empirical) : जो परीक्षण र्या अनि
ु वों पर आधाररत हों और जजसका सत्र्यापन ककर्या जा
सके |

संिभथ लेि :

1. Timothy Lim, (2010) Doing Comparative Politics: An Introduction to Approaches


and Issues . USA: Lynne Rienner Publishers, p.p 1-26.
2. Manoranjan Mohanty, (1975) ‘Comparative Political Theory and Third World
Sensitivity’, in Teaching Politics, Nos. 1 and 2, pp. 22-38
3. Jeffrey Kopstein, and M. Lichbach, (eds), (2005) Comparative Politics: Interests,
Identities, and Institutions in a Changing Global Order. Cambridge: Cambridge
University Press.

4. Apter, David E., ‘Comparative Politics: Old and New’ in Robert E. Goodin &
Hans-Dieter Klingemann (eds.), A New Handbook of Political Science, New
Delhi : Oxford University Press, ch. 15, 1996, pp. 372-397.

5. Sartori, G (1994). Compare Why and How: Comparing, Miscomparing and the
Comparative Method. In: Dogan, M & Kazancigil, A (Eds)., Comparing nations:
concepts, strategies, substance . Oxford: Blackwell, pp.14-34.
6. डॉ॰ नशलन कुमार (2006) तुलनात्मक िासन एवं राजनीतत, दिल्ली : नवराज प्रकािन
ं हाउस
7. गेना सी॰ (1978) तुलनात्मक राजनीतत एवं राजनीततक संस्र्ाएं, ववकास पजब्लशिग
प्राइवेट शलशमटे ड
8. श्र्याम नारार्यण (2012) तल
ु नात्मक िासन एवं राजनीतत, जर्यपरु : ररतु पजब्लकेिन्स
9. Howard A. Scarrow, (1963) ‘The Scope of Comparative Analysis’ in The Journal
of Politics, Vol. 25, No. 3, pp. 565-577 (URL: http://www.jstor.org/stable/2127973)

जीवन पर्यंत शिक्षण संस्र्ान, दिल्ली ववश्वववद्र्यालर्य


तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

10. J.C. Johari (1972) Comparative Politics, University of Michigan: Sterling


Publishers.

संभाविि प्रश्न

1. तल
ु नात्मक राजनीतत से आप ्र्या समझते है ? तल
ु नात्मक राजनीतत तर्ा तल
ु नात्मक िासन में
अंतर स्पष्ट करें |
2. तल
ु नात्मक राजनीततक ववश्लेषण के परं परागत और आधतु नक दृजष्टकोणों का मल्
ू र्यांकन कीजजर्ये |
3. तल
ु नात्मक ववश्लेषण की बिलती हुई पररजस्र्ततर्यों का ववश्लेषण करें |
4. तल
ु नात्मक राजनीततक अध्र्यर्यन की उपर्योर्गता व महत्व तर्ा इसके अध्र्यर्यन में आने वाली
कदठनाइर्यों की व्र्याख्र्या कीजजर्ये |

िैकक्ल्पक प्रश्न

1. सारटोरी द्वारा 1970 में शलखखत कृतत का नाम ्र्या है ?

(1) Concept Misformation in Comparative Politics (2) Parties and Party Systems

(3) The Theory of Democracy Revisited (4) Comparative Constitutional Engineering

उत्िर : (1)

2. अरस्तू के अनस
ु ार िासन के कौन से प्रकार ‘ववकृत’ प्रकृतत के है ?

(1) क्ूर िासन (Tyranny), अल्पतंत्र (Oligarchy), लोकतंत्र (Democracy)

(2) राजतंत्र (Monarchy), अशिजाततंत्र (Aristocracy), संवध


ै ातनक सरकार (Constitutional
Government)

(3) गणतन्त्र (Republic), राजकुल (Royality) (4) लोकतंत्र (Democracy)

उत्िर : (1)

3. ‘आधतु नक र्यग
ु का वपता’ ककसे कहा जाता है |

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

(1) अरस्तू (2) सारटोरी

(3) रूसो (4) मैककर्यावेली

उत्िर : (4)

4. “तल
ु नात्मक राजनीतत, समकालीन ववश्व में राष््ीर्य सरकारों के पेट्टनो का अध्र्यर्यन हैं”-
र्यह ककसका कर्न है |
(1) सारटोरी (2) अरस्तू

(3) मोंटे स््र्यू (4) जॉन ब्लोंडेल

उत्िर : (4)

5. शमर्ित संववधान (Mixed Constitution) की पररकल्पना ककसने िी है ?


(1) लॉक (2) रूसो
(3) अरस्तू (4) मोंटे स््र्यू

उत्िर : (3)

6. तल
ु नात्मक अध्र्यर्यन में आंकड़ों पर आधाररत शसद्ांत सिा स्र्ार्यी एवं सवथमान्र्य नहीं हो सकते
्र्योंकक इनका अध्र्यर्यन क्षेत्र है :
(1) मानव व्र्यवहार (2) राजनीततक व्र्यवस्र्ाएं
(3) राजनीततक समाजीकरण (4) राजनीततक आधतु नकीकरण

उत्िर : (1)

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

Useful Web Links-

(1) अरस्तू के जीवन, ििथन व राजनीततक व्र्यवस्र्ा व िासन पर उनके ववचारों के शलए िे खेँ :
http://www.hoocher.com/Philosophy/aristotle.htm

(2) Politics (Aristotle)- http://en.wikipedia.org/wiki/Politics_(Aristotle)

(3) The Doctrine of Separation of power by jaba shadrack, 21.12.2012-


http://jabashadrack.blogspot.in/2012/12/the-doctrine-of-separation-of-powers.html

(4) मैककयािेली के जीवन व राजनीततक ििथन की अर्धक जानकारी के शलए िे खे :


http://hi.wikipedia.org/wiki/तनकोलो_मैककर्यावेली

(5) तनम्नशलखखत ववचारकों के जीवन, प्रिाव, राजनीततक ववचार व राजनीततक ववज्ञान में इनके
महत्वपण
ू थ र्योगिान के शलए िे खें :
Polibius - http://en.wikipedia.org/wiki/Polybius
Mantesquieu- http://en.wikipedia.org/wiki/Montesquieu
Jean bodin- http://en.wikipedia.org/wiki/Jean_Bodin
Cicero- http://en.wikipedia.org/wiki/Cicero

(6) Mixed Government- http://en.wikipedia.org/wiki/Mixed_government

(7) प्राचीन राजनीततक ििथनिास्त्र को ववस्तार से समझने के शलए तनम्नशलखखत शलंक पर ज्लक करें
:Ancient Political Philosophy (Stanford Encyclopedia of Philosophy)
http://plato.stanford.edu/entries/ancient-political/

(8) रॉर्य मेकक्डडस द्वारा शलखखत लेख "Comparative Study and the Politics of Government" िोत्र:
http://www.jstor.org/discover/10.2307/421376?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=2110409
6941347

(9) तल
ु नात्मक राजनीतत व तल
ु नात्मक ववर्ध को ववस्तार से समझने के शलए िे खें Arend Lijphart
द्वारा शलखखत लेख – “Comparative Politics and Comparative Method” - (The
American Political Science Review, Vol.65, Issue 3 (Sep.1971), 682-693
http://campus.murraystate.edu/academic/faculty/mark.wattier/Lijphart1971.pdf

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तुलनात्मक राजनीतत : अर्थ, प्रकृतत व क्षेत्र

(10) िे खें Giovanni Sartori द्वारा शलखखत लेख ‘Concept Misformation in


Comparative Politics’- (Source: American Political Science Review, LXIV(4)
(1970): 1033-1053.) http://www.corwin.com/upm-data/24809_Ch_02.pdf

(11) तल
ु नात्मक राजनीतत के ित
ू काल व वतथमान पररप्रेक्ष’ के शलए महत्वपण
ू थ शलंक पर ज्लक
करें (Useful links on)- “A Perspective on Comparative Politics Past and Present”
-
http://publishing.cdlib.org/ucpressebooks/view?docId=ft0k40037v&chunk.id=d0e1328&toc.dep
th=1&brand=ucpress

(12) िे खेँ अरस्तू द्वारा शलखखत लेख- The classical review, April 1892 Aristotle’s
Classification of Forms of Government –
http://www.jstor.org/discover/10.2307/693542?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=2
1104226855727 (JSTOR: The Classical Review, Vol. 6, No. 4 (Apr., 1892), pp. 141-144)

(13) The Historical Development of Comparative Politics by Klaus Von Beyme-


http://www.researchgate.net/publication/226568782_The_historical_development_of_compar
ative_politics

(14) िे खें Alfred Diamant द्वारा शलखखत लेख - The Relevance of Comparative
Politics to the Study of Comparative Administration by -
http://www.jstor.org/discover/10.2307/2390826?uid=2129&uid=2&uid=70&uid=4&sid=211042
27086847

(15) The Journal of Comparative Politics http://jcp.gc.cuny.edu/

(16) Google e-books - 1. ‘Comparative Politics and Government’ by S.A.


Palekar- http://books.google.co.in/books?vid=9788120333352&redir_esc=y

2. Comparative Politics by J.C. Johari-


http://books.google.co.in/books?id=A5tzpYUHMvYC&pg=PA4&lpg=PA4&dq=nature+and+scope
+of+comparative+politics&source=bl&ots=3jjTaZDxwC&sig=gSPC7PAcU1nZ-
Au6iPlpYCMsrmw&hl=en&sa=X&ei=pxSwU4-
nDsaSuASDuILwAw&ved=0CCEQ6AEwAQ#v=onepage&q=nature%20and%20scope%20of%20co
mparative%20politics&f=false

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