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राजनीतिक संप्रेषण
राजनीतिक संप्रेषण
राजनीतिक संचार
जनसंचार के साधन
संचार साधनों के विकास ने मनुष्य को न केिल सामाजजक बजकक राजनीतिक मानि भी बना दिया है। संचार
साधनों की आिश्यकिा को ध्यान में रखकर ही राजनीति विज्ञान में राजनीतिक संचार की संककपना का विकास
की िह महत्िपूणथ अिधारणा बन चुका है जजसके बबना क्रकसी राजनीतिक व्यिस्र्ा के सम्पूणथ िाने-बाने को समझना
कदिन है। व्यजति का राजनीतिकरण केिल राजनीतिक संचार की व्यिस्र्ा द्िारा ही क्रकया जा सकिा है। इस बाि
को ध्यान में रखिे हुए राजनीतिक व्यिस्र्ा में इस अिधारणा का महत्ि अधधक हो र्या है। राजनीतिक संचार ने
राजनीतिक व्यिस्र्ा को नई दिशा िी है। व्यजति की बढ़िी राजनीतिक सहभाधर्िा ि सक्रियिा राजनीतिक संचार के
महत्ि को प्रतिपादिि करिी है। राजनीतिक व्यिस्र्ा के तनिेशों और तनर्थिों को जोड़ने िाली
कड़ी राजनीतिक संचार ही है। आज राजनीतिक संचार के बबना कोई भी संर्िन िर्ा राजनीतिक व्यिस्र्ा अपने
उद्िे श्यों िर्ा लक्ष्यों में सफल नहीं हो सकिी। लोकिन्रीय शासन प्रणाभलयों में राजनीतिक संचार का जो महत्ि है,
िह सिाथधधकारिािी राजनीतिक व्यिस्र्ाओं
र्तिशील बनािा है। इसी कारण आज राजनीतिक संचार को राजनीतिक व्यिस्र्ा की रतिधारा कहा जाने लर्ा है।
राजनीतिक संचार की अिधारणा ‘संचार’ की अिधारणा पर आधाररि है। संचार को समझे बबना
राजनीतिक संचार को समझना कदिन है। संचार को पररभावषि करने का व्यिजस्र्ि प्रयास
को ग्रहण करना, उस जानकारी का पयाथिरण के सार् िालमेल बैिाने में प्रयोर् करना और बाहरी
पयाथिरणों के सार् प्रभािी ढं र् से रहने की प्रक्रि या ही संचार है।” संचार शब्ि की उत्पवि ग्रीक
शब्ि ‘Kubernetes’ से हुई है जजसका अंग्रेजी में अर्थ ‘संचालक’ (Steersman) है। िीनर ने इसे
शब्ि का प्रयोर् क्रकया है। उसकी राजनीतिक संचार की संककपना को राजनीतिक साइबरनेदटतस
सूचनाओं के आिान प्रिान को ही इंधर्ि करिा है। िीनर की बाि से अन्य राजनीतिक विज्ञान
भी सहमि है। राजनीति विज्ञान में प्रयुति संचार शब्ि का अर्थ उस अर्थ से अलर् है जजसका
सम्बन्ध समाचारपरों, रे डियो और िरू िशथन जैसे संचार साधनों से भलया जािा है। राजनीतिक
तनणथयों का र्तिशील आंिोलन है, तयोंक्रक राजनीतिक व्यिस्र्ा की कोई भी संक्रिया िब िक नहीं हो सकिी जब
िक क्रक
का िाना-बाना है।” पाई की दृजष्ट में राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में र्तिशीलिा ि सक्रियिा का ऐसा
माध्यम है जजनसे राजनीतिक व्यिस्र्ा के विभभन्न भार् अन्ि:क्रियाशील बनिे हैं। यह राजनीतिक संचार का सीभमि
3. कालल डयूि के अनुसार-”राजनीतिक संचार सूचनाओं और जानकारी का राजनीतिक व्यिस्र्ा के आर-पार सम्प्रेषण
है।” इस िरह सीभमि अर्थ में राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में मांर्ों ि तनणथयों का एक भार् से िस
ू रे भार्
5. जाजल ए0 लमलर के अनुसार – “राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में आर्ि-तनर्थि सहसम्बन्धों का माप है।”
विभभन्न राजनीतिक व्यिस्र्ाओं का अध्ययन करने से यह िथ्य उजार्र होिा है क्रक प्रत्येक िे श
अभभकरण है जो राजनीतिक संचार के कायथ करिी है। औपचाररक संरचनाओं में – विधातयका,
कायथपाभलका, न्यायपाभलका, राजनीतिक िल, ि दहि समूह शाभमल हैं, जबक्रक अनौपचाररक
संरचनाओं में पररिार, रति सम्बन्ध, िंश परम्पराएं, तनकटस्र् समूह, पड़ोसी, समुिाय, ग्राम,
जािीय और भाषायी समूह आदि हैं। लेक्रकन इनके सार्-सार् प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में
जनसम्पकथ के साधन भी हैं जो उपरोति संरचनाओं को व्यािहाररक रूप प्रिान करिे हैं। ऑमण्ि
िर्ा पािेल ने इन संरचनाओं को पांच भार्ों में बांटा है। उसके अनुसार राजनीतिक संचार की
प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में तनिेश प्रक्रिया को र्ति िेने के भलए कुछ संरचनाएं होिी हैं जो
मांर्ों और समर्थनों के रूप में तनिेशों की राजनीतिक व्यिस्र्ा में प्रिेश करािी है। ये संरचनाएं
प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में पाई जािी हैं, लेक्रकन प्रजािन्रीय िे शों में इनका प्रभाि अधधक
रहिा है। राजनीतिक िल, दहि समूह िर्ा िबाि समह
ू ऐसी ही औपचाररक संरचनाएं हैं जो
जनिा की मांर्ों को राजनीतिक नेिाओं िक पहुंचािे हैं। बलों ि समूहों िक जनिा की पहुंच
होने के कारण ये मांर्ें आसानी से राजनीतिक व्यिस्र्ा में प्रिेश कर जािी हैं। सरकारी तनयन्रण
से मुति होने के कारण ये समूह राजनीतिक िलों के माध्यम से अपने व्यजतिर्ि सम्पकों के
कारण अपना यह कायथ आसानी से कर लेिे हैं। इसी कारण दहि समूहों की तनिेश प्रक्रिया के
िाहक कहा जािा है। जजस िरह तनिेश संरचनाएं जनिा की मांर्ें राजनीतिक नेित्ृ ि िक
पहुंचािी हैं, उसी िरह िे सरकार की बािें भी जनिा िक पहुंचािी हैं। अब राजनीतिक तनिेशों की
जजस िरह तनिेशों की संरचनाएं होिी हैं, उसी िरह प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में तनर्थिों की भी औपचाररक
राजनीतिक संरचनाएं होिी हैं। इन संरचनाओं में सरकारी ि प्रशासकीय मशीनरी आिी है। विधातयका,
कायथपाभलका, न्यायपाभलका िर्ा नौकरशाही ऐसी ही संरचनाएं है। इनका
राजनीतिक प्रक्रिया में महत्िपूणथ हार् होिा है। सच
ू नाओं को राजनीतिक व्यिस्र्ा के एक भार् से िस
ू रे भार्
िक पहुंचाने में ये महत्िपूणथ भूभमका अिा करिी हैं। इन्हीं के कारण राजनीतिक व्यिस्र्ा र्तिशील बनी रहिी
है और सम्पूणथ शासनिन्र एक
ढांचे में बंधा रहिा है। ये संस्र्ाएं जनिा ि नेिाओं को जोड़िी है और जनिा को राजनीतिक व्यिस्र्ा के घेरे
में जानकारी िे िी है। इन्हीं संरचनाओं के माध्यम से तनर्थिों के रूप में तनणथयों को समाज में लार्ू क्रकया जािा
है। सरकारी िन्र की सभी सूचनाओं या तनणथयों को ये संरचनाएं ही समाज में वििररि करिी है। इस िरह
तनर्थि-संरचनाएं भी राजनीतिक संचार की
प्रक्रिया में अहम ् भभू मका अिा करने िाले अभभकरण हैं।
इन संरचनाओं के अन्िर्थि पररिार, जाति, मि, रति सम्बन्ध, िंश परम्पराएं, तनरुति समूह,
पड़ोसी, समुिाय, ग्राम आदि आिे हैं। इन सामाजजक ि आधर्थक संस्र्ाओं का भी राजनीतिक
संचार में महत्िपूणथ योर्िान रहिा है। कबीलों िर्ा जनजातियों के सरिार अपने विशेष प्रभाि के
कारण अपने समाज पर राजनीतिक प्रभाि िालने में सफल रहिे हैं। राजनीतिक समाज की
समस्ि जानकारी रखने िाले ि उसका प्रिाह करने िाले यही एकमार आधार होिे हैं। आजकल
सामाजजक संरचनाएं ही राजनीतिक ज्ञान की सूचनाओं का आिान-प्रिान करने िाले अभभकरण हैं।
जनसंचार के साधन :
इन्हें जनसम्पकथ के साधन भी कहा जािा है। इनमें पर-पबरकाएं, रे डियो, िरू िशथन, समाचार-पर,
पुस्िकें, इन्टरनेट आदि व्यिस्र्ाएं शाभमल हैं। इन साधनों का प्रयोर् सभी राजनीतिक िल, िबाि
रखकर सम्प्रेषण कायथ कराया जािा है, जबक्रक सिाथधधकारिािी िे शों में ये सरकारी तनयन्रण में
रहकर ही संचार कायथ करिी है। ये साधन विशेषीकृि ि विभेिीकृि होने के कारण राजनीतिक
संचार के सिाथधधक प्रभािशाली साधन माने जािे हैं। ये साधन जन मान्यिाओं और अभभरुधचयों
को राजनीतिक व्यिस्र्ा के अनुकूल बनाने में महत्िपूणथ भूभमका अिा करिे हैं। इसभलए
यह अभभकरण प्रत्येक प्रकार के तनयन्रण से मुति रहिा है। राजनीतिक संचार के जन संचार के
जानकारी रखने िाले व्यजति राजनीतिक संचार में महत्िपूणथ भूभमका अिा करिे हैं। उनके
सम्पकथ में आने िाले व्यजति अिश्य ही राजनीतिक बािों का ज्ञान प्राप्ि करें र्े। राजनीतिक
घटनाओं की जानकारी रखने िाले व्यजति कभी-कभार राजनीतिक नेित्ृ ि को भी प्राप्ि कर लेिे
हैं। उस जस्र्ति में उनकी राजनीतिक संचार के अभभकरण के रूप में भूभमका और अधधक
महत्िपूणथ हो जािी है। इस प्रकार कहा जा सकिा है क्रक रजानीतिक संचार को र्ति िेने िाली
अनेक सरकारी ि र्ैर-सरकारी संस्र्ाओं या अभभकरण हैं। सभी अभभकरण राजनीतिक व्यिस्र्ा
में एक स्र्ान से िस
ू रे स्र्ान िक एक भार् से िस
ू रे भार् िक राजनीतिक सच
ू नाओं का आिान
प्रिान करिे
अभभकरण होिे हैं। इसी कारण इन्हें राजनीतिक व्यिस्र्ा की प्राणिायु कहा जािा है।
प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक संचार की महत्िपूणथ भूभमका रहिी है। राजनीतिक
संचार ही िह साधन है जो व्यिस्र्ा के पक्ष में स्िस्र् जनमि िैयार करिा है और राजनीतिक
समाजीकरण की प्रक्रिया को आर्े बढ़ािा है। राजनीतिक जार्रूकिा लाकर राजनीतिक विकास
को र्ति िे ने में संचार साधनों की भूभमका ही महत्िपूणथ रहिी है। लोकिन्रीय व्यिस्र्ा में िो
राजनीतिक संचार
उद्योर्ों को भी संचार के साधन ही सहारा प्रिान करिे हैं। राजनीतिक व्यिस्र्ा के भलए विशेष
की ही महत्िपूणथ भूभमका रहिी है। राजनीतिक संचार द्िारा राजनीतिक व्यिस्र्ा के भलए क्रकए
र्ए कायथ ही उसकी भूभमका को स्पष्ट करिे हैं। प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक
2. राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा ि उसकी संरचनाओं के भलए स्िस्र् जनमि का तनमाथण करिा है।
4. राजनीतिक संचार जनिा में राजनीतिक चेिना ि जामरूकिा का स्िर ऊाँचा करिा है।
5. राजनीतिक संचार के अभभकरण औद्योधर्क विकास में भी अहम ् भूभमका तनभािे हैं।
7. राजनीतिक संचार अन्िराथष्रीय स्िर पर िे श का सम्मान बढ़ािा है िर्ा अन्िराथष्रीय सम्पकथ में िद्ृ धध करिा है।
राजनीतिक संचार की राजनीतिक प्रक्रिया के संचालन में भूभमका :
प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा कुछ न कुछ प्रकायों का तनष्पािन करिी है। इन प्रकायों के
संरचनाएं होिी हैं। इन संरचनाओं की प्रकायाथत्मक व्यिस्र्ा को राजनीतिक प्रक्रिया कहा जािा
का महत्िपण
ू थ योर्िान रहिा है। राजनीतिक संचार ही राजनीतिक प्रक्रिया को र्तिशील बनाकर
राजनीतिक व्यिस्र्ा को स्र्ातयत्ि
कालथ ियश
ू का कहना है क्रक अपने क्रियात्मक रूप को व्यिहाररक ि र्तिशील बनाए रखने के
भलए प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा
को सच
ू ना-प्रिाहों की आिश्यकिा पड़िी है। उसका कहना है क्रक राजनीति और सरकार तनदिथष्ट
लक्ष्यों को प्राप्ि करने के भलए
4. विभशष्ट संककपनाएं।
राजनीतिक व्यिस्र्ा की क्रियात्मकिा पर संचार के प्रभाि को इंधर्ि क्रकया है। कालथ ियूश का
होिी है। प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में सूचनाओं के स्िार्ि ि जांच-पड़िाल के भलए
स्िार्िकिाथ िर्ा स्िार्ि व्यिस्र्ाएं होिी हैं। इसमें स्मतृ ि का प्रतितनधधत्ि करने िाले संरचनाएं
सूचना को िरु न्ि ही प्रक्रियाओं और पररणामों से सम्बन्ध रखने िाली अिीि के अनुभिों को
आर्े बढ़िी है। संचालक संरचनाओं से और भी संरचनाएं होिी हैं जो व्यिस्र्ा द्िारा भलए र्ए
तनणथयों को लार्ू करिी है। ये संरचनाएं व्यिस्र्ा द्िारा लार्ू क्रकए र्ए तनणथयों के ऊपर लोर्ों
में प्रिादहि कर िे िी हैं। उनके तनणथय तनमाथण िक िही प्रक्रिया िोहराई जािी है जो पहले िोहराई
र्ई र्ी। इस प्रकार राजनीतिक व्यिस्र्ा की समस्ि प्रक्रिया सूचनाओं के प्रिाह-प्रतिमान के रूप
सूचना प्रिाहों का प्रतिमातनि सेट िास्िि में संचार का िाना-बाना होिा है। भार का िात्पयथ
सूचना की भेजी जाने िाली मारा से है। भार क्षमिा इस बाि पर तनभथर है क्रक सूचना के आिान-
भी जोड़ा जािा है। यह सब राजनीतिक व्यिस्र्ा में सूचना के संसाधन का कायथ करिे हैं। यदि
कोई अभभकरण व्यिस्र्ा में आने िाली सूचना से कुशलिा से तनपट लेिा है िो यह इसकी
अनुक्रियात्मकिा है। यदि ऐसा नहीं होिा है िो अिश्य सूचना के प्रिाह के रास्िे में कोई बाधा
है।
पररणामों से सम्बजन्धि संककपना में प्रतिसम्भरण या पुनतनथिेश की संककपना शाभमल है। कालथ
ियूश ने नॉरबटथ िीनर ये से अिधारणा ग्रहण की है। उसने अपनी इस संककपना पर ही संचार-
भसद्धान्ि खड़ा करिे हुए कहा है क्रक व्यिस्र्ा की प्रतिसम्भरण की प्रक्रिया ही उसे लक्ष्यों की
प्रतिसम्भरण कहा है। उसका कहना है क्रक नकारात्मक प्रतिसम्भरण िह प्रक्रिया है जो तनणथयों
और उनको लार्ू करने से उत्पन्न होने िाले पररणामों को स्िि: ही ऐसी दिशा में मोि
िे िा है जो व्यिस्र्ा को अपने लक्ष्यों की प्राजप्ि के पास ले जािे हैं। कालथ ियूश का मानना है
र्तिशील बनाए रखिी है। इसी कारण कुछ विद्िानों ने नकारात्मक प्रतिसम्भरण को संचार
भसद्धान्ि की आत्मा कहा है। इस नकारात्मक प्रतिसम्भरण द्िारा ही कोई व्यिस्र्ा अपने
तनणथयों या तनर्थिों को तनयभमि करके िांतछि लक्ष्यों की िरफ ले जािी है। इसभलए इसका
राजनीतिक व्यिस्र्ा में होना बहुि आिश्यक है। विभशष्ट संककपनाएं नकारात्मक प्रतिसम्भरण
विलम्ब (Lag), लाभ (Gain) िर्ा अग्रिा (Lead) शाभमल हैं। भार का अभभप्राय पररििथनों की उस
व्यापकिा और र्ति से है जो व्यिस्र्ा को अपने लक्ष्यों की िरफ ले जािी है। विलम्ब पररणामों
और कायों के पररणामों के बारे में सूचना पर ररपोटथ और कायथ करने में िेरी का माप है। लाभ
इस सूचना की प्राजप्ि के बारे में व्यिस्र्ा की अनुक्रियाओं से सम्बजन्धि विस्िार को दिखािा है।
अग्रिा भारी पररणामों के पूिाथनुमानों की अनुक्रियाओं में कायथ करने की क्षमिा है।
प्रक्रियात्मक पहलू पर जोर िेकर राजनीतिक व्यिस्र्ा को व्यिजस्र्ि ि र्तिशील बनाए रखने
पर जोर दिया है। उसका कहना है क्रक राजनीतिक व्यिस्र्ा के सभी कायथ राजनीतिक संचार के
माध्यम से ही क्रकए जािे हैं। सभी राजनीतिक संरचनाएं मांर्ों या तनिेशों की प्रक्रिया से लेकर
तनयम-तनमाथण ि तनणथयों के तनर्थिों के रूप में कायथ करने िक राजनीतिक प्रक्रिया के अंर् बनी
रहिी है। राजनीतिक संचार ही राजनीतिक व्यिस्र्ा के सभी अंर्ों की सूचना प्रिाह से जोड़कर