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एम. ए.

राजनीति विज्ञान चिुर्थ सेमेस्टर

राजनीतिक संचार

राजनीतिक संचार का अर्थ ि पररभाषा

राजनीतिक संचार के अभभकरण ि संरचनाएं

राजनीतिक तनिेशों की संरचनाएं

राजनीतिक तनर्थिों की संरचनाएं

परम्परार्ि सामाजजक संरचनाएं

जनसंचार के साधन

अनौपचाररक ि प्रत्यक्ष व्यजतिर्ि सम्बन्ध

राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक संचार की भूभमका

राजनीतिक संचार की राजनीतिक प्रक्रिया के संचालन में भूभमका

संचार साधनों के विकास ने मनुष्य को न केिल सामाजजक बजकक राजनीतिक मानि भी बना दिया है। संचार

साधनों की आिश्यकिा को ध्यान में रखकर ही राजनीति विज्ञान में राजनीतिक संचार की संककपना का विकास

क्रकया र्या है। आज राजनीतिक संचार राजनीति विज्ञान

की िह महत्िपूणथ अिधारणा बन चुका है जजसके बबना क्रकसी राजनीतिक व्यिस्र्ा के सम्पूणथ िाने-बाने को समझना

कदिन है। व्यजति का राजनीतिकरण केिल राजनीतिक संचार की व्यिस्र्ा द्िारा ही क्रकया जा सकिा है। इस बाि

को ध्यान में रखिे हुए राजनीतिक व्यिस्र्ा में इस अिधारणा का महत्ि अधधक हो र्या है। राजनीतिक संचार ने

राजनीतिक व्यिस्र्ा को नई दिशा िी है। व्यजति की बढ़िी राजनीतिक सहभाधर्िा ि सक्रियिा राजनीतिक संचार के

महत्ि को प्रतिपादिि करिी है। राजनीतिक व्यिस्र्ा के तनिेशों और तनर्थिों को जोड़ने िाली

कड़ी राजनीतिक संचार ही है। आज राजनीतिक संचार के बबना कोई भी संर्िन िर्ा राजनीतिक व्यिस्र्ा अपने

उद्िे श्यों िर्ा लक्ष्यों में सफल नहीं हो सकिी। लोकिन्रीय शासन प्रणाभलयों में राजनीतिक संचार का जो महत्ि है,
िह सिाथधधकारिािी राजनीतिक व्यिस्र्ाओं

में भी है। राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा के एक भार् से िस


ू रे भार् को जोड़कर राजनीतिक व्यिस्र्ा को

र्तिशील बनािा है। इसी कारण आज राजनीतिक संचार को राजनीतिक व्यिस्र्ा की रतिधारा कहा जाने लर्ा है।

राजनीतिक संचार का अर्थ ि पररभाषा :

राजनीतिक संचार की अिधारणा ‘संचार’ की अिधारणा पर आधाररि है। संचार को समझे बबना

राजनीतिक संचार को समझना कदिन है। संचार को पररभावषि करने का व्यिजस्र्ि प्रयास

सिथप्रर्म नॉरबटथ िीनर ने क्रकया है। उसके अनुसार- “संचार एक मजस्िष्क से िस


ू रे मजस्िष्क
िक सूचनाओं का आिान-प्रिान है।” उसने आर्े कहा है – “क्रक जीिन में पयाथिरण से जानकारी

को ग्रहण करना, उस जानकारी का पयाथिरण के सार् िालमेल बैिाने में प्रयोर् करना और बाहरी

पयाथिरणों के सार् प्रभािी ढं र् से रहने की प्रक्रि या ही संचार है।” संचार शब्ि की उत्पवि ग्रीक

शब्ि ‘Kubernetes’ से हुई है जजसका अंग्रेजी में अर्थ ‘संचालक’ (Steersman) है। िीनर ने इसे

अंग्रेजी में इसके भलए ‘Cybernetics’

शब्ि का प्रयोर् क्रकया है। उसकी राजनीतिक संचार की संककपना को राजनीतिक साइबरनेदटतस

भी कहा जािा है। ‘साइबरनेदटतस’

सूचनाओं के आिान प्रिान को ही इंधर्ि करिा है। िीनर की बाि से अन्य राजनीतिक विज्ञान

भी सहमि है। राजनीति विज्ञान में प्रयुति संचार शब्ि का अर्थ उस अर्थ से अलर् है जजसका

सम्बन्ध समाचारपरों, रे डियो और िरू िशथन जैसे संचार साधनों से भलया जािा है। राजनीतिक

संचार िो राजनीतिक व्यिस्र्ा के एक भार् से िस


ू रे भार् िक मााँर्ों और तनयमों (तनर्थिों) का
र्त्यात्मक संचरण है। यह राजनीतिक व्यिस्र्ा के विभभन्न भार्ों को आपस में जोड़िा है।

इसभलए राजनीतिक संचार का सम्बन्ध राजनीतिक व्यिस्र्ा के अध्ययन से ही सम्बजन्धि है।”

1. जीन ब्लौण्डेल ने ललखा है – “राजनीतिक सम्प्रेषण राजनीतिक व्यिस्र्ा के एक भार् से िस


ू रे भार् िक मांर्ों और

तनणथयों का र्तिशील आंिोलन है, तयोंक्रक राजनीतिक व्यिस्र्ा की कोई भी संक्रिया िब िक नहीं हो सकिी जब

िक क्रक

व्यिस्र्ा के विभभन्न भार् एक िस


ू रे से सम्प्रेषण न कर सकें।”
2. ल्यलू ियन पाई ने अपनी पस्
ु तक ‘Communication and Political Development’ में ललखा है – “राजनीतिक

सांचार राजनीतिक व्यिस्र्ा

का िाना-बाना है।” पाई की दृजष्ट में राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में र्तिशीलिा ि सक्रियिा का ऐसा

माध्यम है जजनसे राजनीतिक व्यिस्र्ा के विभभन्न भार् अन्ि:क्रियाशील बनिे हैं। यह राजनीतिक संचार का सीभमि

अर्थ है। कयभू शयन पाई की पररभाषा भी जीन ब्लौण्िेल से भमलिी-जल


ु िी है।

3. कालल डयूि के अनुसार-”राजनीतिक संचार सूचनाओं और जानकारी का राजनीतिक व्यिस्र्ा के आर-पार सम्प्रेषण

है।” इस िरह सीभमि अर्थ में राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में मांर्ों ि तनणथयों का एक भार् से िस
ू रे भार्

में र्त्यात्मक संचलन है।”

4. लमलेट के अनुसार-”राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा ि प्रशासकीय संर्िन की रतिधारा है।”

5. जाजल ए0 लमलर के अनुसार – “राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा में आर्ि-तनर्थि सहसम्बन्धों का माप है।”

राजनीतिक संचार के अभभकरण ि संरचनाएं :

विभभन्न राजनीतिक व्यिस्र्ाओं का अध्ययन करने से यह िथ्य उजार्र होिा है क्रक प्रत्येक िे श

की राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक संचार की कुछ औपचाररक ि अनौपचाररक संरचनाएं या

अभभकरण है जो राजनीतिक संचार के कायथ करिी है। औपचाररक संरचनाओं में – विधातयका,

कायथपाभलका, न्यायपाभलका, राजनीतिक िल, ि दहि समूह शाभमल हैं, जबक्रक अनौपचाररक

संरचनाओं में पररिार, रति सम्बन्ध, िंश परम्पराएं, तनकटस्र् समूह, पड़ोसी, समुिाय, ग्राम,

जािीय और भाषायी समूह आदि हैं। लेक्रकन इनके सार्-सार् प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में
जनसम्पकथ के साधन भी हैं जो उपरोति संरचनाओं को व्यािहाररक रूप प्रिान करिे हैं। ऑमण्ि

िर्ा पािेल ने इन संरचनाओं को पांच भार्ों में बांटा है। उसके अनुसार राजनीतिक संचार की

प्रमुख संरचनाएं हैं :-

1. राजनीतिक तनिे शों की संरचनाएं (Political Input Structures)

2. राजनीतिक तनर्थिों की संरचनाएं (Political Output Structures)

3. परम्परार्ि सामाजजक संस्र्ाएं (Traditional Social Institutions)


4. जनसंचार के साधन (Mass Media)

5. अनौपचाररक ि प्रत्यक्ष व्यजतिर्ि सम्बन्ध (Informal and Direct Personal Relations)

राजनीतिक तनिेशों की संरचनाएं :

प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में तनिेश प्रक्रिया को र्ति िेने के भलए कुछ संरचनाएं होिी हैं जो

मांर्ों और समर्थनों के रूप में तनिेशों की राजनीतिक व्यिस्र्ा में प्रिेश करािी है। ये संरचनाएं

प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में पाई जािी हैं, लेक्रकन प्रजािन्रीय िे शों में इनका प्रभाि अधधक
रहिा है। राजनीतिक िल, दहि समूह िर्ा िबाि समह
ू ऐसी ही औपचाररक संरचनाएं हैं जो
जनिा की मांर्ों को राजनीतिक नेिाओं िक पहुंचािे हैं। बलों ि समूहों िक जनिा की पहुंच

होने के कारण ये मांर्ें आसानी से राजनीतिक व्यिस्र्ा में प्रिेश कर जािी हैं। सरकारी तनयन्रण

से मुति होने के कारण ये समूह राजनीतिक िलों के माध्यम से अपने व्यजतिर्ि सम्पकों के

कारण अपना यह कायथ आसानी से कर लेिे हैं। इसी कारण दहि समूहों की तनिेश प्रक्रिया के

िाहक कहा जािा है। जजस िरह तनिेश संरचनाएं जनिा की मांर्ें राजनीतिक नेित्ृ ि िक

पहुंचािी हैं, उसी िरह िे सरकार की बािें भी जनिा िक पहुंचािी हैं। अब राजनीतिक तनिेशों की

संरचनाएं राजनीतिक संचार के महत्िपूणथ अभभकरण हैं।


राजनीतिक तनर्थिों की संरचनाएं :

जजस िरह तनिेशों की संरचनाएं होिी हैं, उसी िरह प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में तनर्थिों की भी औपचाररक
राजनीतिक संरचनाएं होिी हैं। इन संरचनाओं में सरकारी ि प्रशासकीय मशीनरी आिी है। विधातयका,
कायथपाभलका, न्यायपाभलका िर्ा नौकरशाही ऐसी ही संरचनाएं है। इनका
राजनीतिक प्रक्रिया में महत्िपूणथ हार् होिा है। सच
ू नाओं को राजनीतिक व्यिस्र्ा के एक भार् से िस
ू रे भार्
िक पहुंचाने में ये महत्िपूणथ भूभमका अिा करिी हैं। इन्हीं के कारण राजनीतिक व्यिस्र्ा र्तिशील बनी रहिी
है और सम्पूणथ शासनिन्र एक
ढांचे में बंधा रहिा है। ये संस्र्ाएं जनिा ि नेिाओं को जोड़िी है और जनिा को राजनीतिक व्यिस्र्ा के घेरे
में जानकारी िे िी है। इन्हीं संरचनाओं के माध्यम से तनर्थिों के रूप में तनणथयों को समाज में लार्ू क्रकया जािा
है। सरकारी िन्र की सभी सूचनाओं या तनणथयों को ये संरचनाएं ही समाज में वििररि करिी है। इस िरह
तनर्थि-संरचनाएं भी राजनीतिक संचार की
प्रक्रिया में अहम ् भभू मका अिा करने िाले अभभकरण हैं।

परम्परार्ि सामाजजक संरचनाएं :

इन संरचनाओं के अन्िर्थि पररिार, जाति, मि, रति सम्बन्ध, िंश परम्पराएं, तनरुति समूह,

पड़ोसी, समुिाय, ग्राम आदि आिे हैं। इन सामाजजक ि आधर्थक संस्र्ाओं का भी राजनीतिक

संचार में महत्िपूणथ योर्िान रहिा है। कबीलों िर्ा जनजातियों के सरिार अपने विशेष प्रभाि के

कारण अपने समाज पर राजनीतिक प्रभाि िालने में सफल रहिे हैं। राजनीतिक समाज की

समस्ि जानकारी रखने िाले ि उसका प्रिाह करने िाले यही एकमार आधार होिे हैं। आजकल

धाभमथक नेिाओं द्िारा भी राजनीतिक प्रश्नों िर्ा वििािों की व्याख्या की


जाने लर्ी है। श्रीलंका िर्ा वियिनाम में धाभमथक नेिा ही विभशष्ट िर्ों िर्ा साधारण जनिा में

राजनीतिक सम्प्रेषण का कायथ

करिे हैं। पररिार ि जािीय समूह भी राजनीतिक सच


ू नाओं के आिान-प्रिान में पीछे नहीं हैं।
िास्िि में सभी परम्परार्ि

सामाजजक संरचनाएं ही राजनीतिक ज्ञान की सूचनाओं का आिान-प्रिान करने िाले अभभकरण हैं।
जनसंचार के साधन :

इन्हें जनसम्पकथ के साधन भी कहा जािा है। इनमें पर-पबरकाएं, रे डियो, िरू िशथन, समाचार-पर,

पुस्िकें, इन्टरनेट आदि व्यिस्र्ाएं शाभमल हैं। इन साधनों का प्रयोर् सभी राजनीतिक िल, िबाि

समूह िर्ा तनिेश ि तनर्थि राजनीतिक संरचनाएं खल


ु कर करिी हैं। लोकिन्रीय िे शों में इन
साधनों को सरकारी तनयन्रण से मुति

रखकर सम्प्रेषण कायथ कराया जािा है, जबक्रक सिाथधधकारिािी िे शों में ये सरकारी तनयन्रण में

रहकर ही संचार कायथ करिी है। ये साधन विशेषीकृि ि विभेिीकृि होने के कारण राजनीतिक

संचार के सिाथधधक प्रभािशाली साधन माने जािे हैं। ये साधन जन मान्यिाओं और अभभरुधचयों

को राजनीतिक व्यिस्र्ा के अनुकूल बनाने में महत्िपूणथ भूभमका अिा करिे हैं। इसभलए

जनसंचार के साधन राजनीतिक संचार के सबसे अच्छे ि प्रभािी अभभकरण हैं।

अनौपचाररक ि प्रत्यक्ष व्यजतिर्ि सम्बन्ध :

राजनीतिक संचार की प्रक्रिया में

व्यजति का व्यजति से अनौपचाररक ि प्रत्यक्ष सम्पकथ भी राजनीतिक संचार का अभभकरण है।

यह अभभकरण प्रत्येक प्रकार के तनयन्रण से मुति रहिा है। राजनीतिक संचार के जन संचार के

अभभकरण भी इिने प्रभािशाली नहीं होिे, जजिना यह अभभकरण। राजनीतिक घटनाओं की

जानकारी रखने िाले व्यजति राजनीतिक संचार में महत्िपूणथ भूभमका अिा करिे हैं। उनके

सम्पकथ में आने िाले व्यजति अिश्य ही राजनीतिक बािों का ज्ञान प्राप्ि करें र्े। राजनीतिक
घटनाओं की जानकारी रखने िाले व्यजति कभी-कभार राजनीतिक नेित्ृ ि को भी प्राप्ि कर लेिे

हैं। उस जस्र्ति में उनकी राजनीतिक संचार के अभभकरण के रूप में भूभमका और अधधक

महत्िपूणथ हो जािी है। इस प्रकार कहा जा सकिा है क्रक रजानीतिक संचार को र्ति िेने िाली

अनेक सरकारी ि र्ैर-सरकारी संस्र्ाओं या अभभकरण हैं। सभी अभभकरण राजनीतिक व्यिस्र्ा

में एक स्र्ान से िस
ू रे स्र्ान िक एक भार् से िस
ू रे भार् िक राजनीतिक सच
ू नाओं का आिान
प्रिान करिे

हैं। ये अभभकरण ही राजनीतिक व्यिस्र्ा की र्तिशीलिा का आधार होिे हैं और राजनीतिक


व्यिस्र्ा में रति संचार की िरह कायथ करिे हैं। राजनीतिक व्यिस्र्ा के जीिन का आधार यही

अभभकरण होिे हैं। इसी कारण इन्हें राजनीतिक व्यिस्र्ा की प्राणिायु कहा जािा है।

राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक संचार की भूभमका :

प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक संचार की महत्िपूणथ भूभमका रहिी है। राजनीतिक

संचार ही िह साधन है जो व्यिस्र्ा के पक्ष में स्िस्र् जनमि िैयार करिा है और राजनीतिक

समाजीकरण की प्रक्रिया को आर्े बढ़ािा है। राजनीतिक जार्रूकिा लाकर राजनीतिक विकास

को र्ति िे ने में संचार साधनों की भूभमका ही महत्िपूणथ रहिी है। लोकिन्रीय व्यिस्र्ा में िो

राजनीतिक संचार

के अभभकरण ही व्यिस्र्ा को र्तिशील बनाए रखिे हैं। राजनीतिक व्यिस्र्ा के आधार पर

उद्योर्ों को भी संचार के साधन ही सहारा प्रिान करिे हैं। राजनीतिक व्यिस्र्ा के भलए विशेष

राष्रीय ि अन्िराथष्रीय िािािरण िैयार करने में राजनीतिक संचार के अभभकरणों

की ही महत्िपूणथ भूभमका रहिी है। राजनीतिक संचार द्िारा राजनीतिक व्यिस्र्ा के भलए क्रकए

र्ए कायथ ही उसकी भूभमका को स्पष्ट करिे हैं। प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में राजनीतिक

संचार की भूभमका हो सकिी है -

1. राजनीतिक संचार राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया को र्ति प्रिान करिा है।

2. राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा ि उसकी संरचनाओं के भलए स्िस्र् जनमि का तनमाथण करिा है।

3. राजनीतिक संचार राजनीतिक विकास को र्ति िे िा है।

4. राजनीतिक संचार जनिा में राजनीतिक चेिना ि जामरूकिा का स्िर ऊाँचा करिा है।

5. राजनीतिक संचार के अभभकरण औद्योधर्क विकास में भी अहम ् भूभमका तनभािे हैं।

6. राजनीतिक संचार राजनीतिक व्यिस्र्ा के भलए विशेष ि अनक


ु ू ल िािािरण का तनमाथण करिा है।

7. राजनीतिक संचार अन्िराथष्रीय स्िर पर िे श का सम्मान बढ़ािा है िर्ा अन्िराथष्रीय सम्पकथ में िद्ृ धध करिा है।
राजनीतिक संचार की राजनीतिक प्रक्रिया के संचालन में भूभमका :

प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा कुछ न कुछ प्रकायों का तनष्पािन करिी है। इन प्रकायों के

तनष्पािन के भलए बहुप्रकायाथत्मक राजनीतिक

संरचनाएं होिी हैं। इन संरचनाओं की प्रकायाथत्मक व्यिस्र्ा को राजनीतिक प्रक्रिया कहा जािा

है। यह राजनीतिक प्रक्रिया राजनीतिक व्यिस्र्ा के तनिेश ि तनर्थि सम्बन्धी कायों को

तनष्पादिि करने िाली व्यिस्र्ा है। इसमें राजनीतिक संचार की संरचनाओं

का महत्िपण
ू थ योर्िान रहिा है। राजनीतिक संचार ही राजनीतिक प्रक्रिया को र्तिशील बनाकर
राजनीतिक व्यिस्र्ा को स्र्ातयत्ि

प्रिान करिा है। कालथ ड्यश


ू ने राजनीतिक व्यिस्र्ा में प्रक्रियात्मक संरचनाओं के संचालन के
भलए एक नया भसद्धान्ि पेश क्रकया है, जजसे राजनीतिक संचार का भसद्धान्ि कहा जािा है।

कालथ ियश
ू का कहना है क्रक अपने क्रियात्मक रूप को व्यिहाररक ि र्तिशील बनाए रखने के
भलए प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा

को सच
ू ना-प्रिाहों की आिश्यकिा पड़िी है। उसका कहना है क्रक राजनीति और सरकार तनदिथष्ट
लक्ष्यों को प्राप्ि करने के भलए

मानि प्रयासों का संचालन और समन्िय करने की प्रक्रियाएं हैं। इन प्रक्रियाओं का र्त्यात्मक

अध्ययन ही राजनीतिक प्रक्रिया का अध्ययन है। इस प्रक्रियात्मक अध्ययन के भलए संककपनाएं

विकभसि की र्ई हैं -

1. पररचालन संरचनाओं से सम्बजन्धि संककपनाएं।

2. प्रिाहों और संक्रियाओं से सम्बजन्धि संककपनाएं।

3. पररणामों से सम्बजन्धि संककपनाएं।

4. विभशष्ट संककपनाएं।

इन संककपनाओं के आधार पर कालथ ियूश ने अपना संचार भसद्धान्ि खड़ा क्रकया है और

राजनीतिक व्यिस्र्ा की क्रियात्मकिा पर संचार के प्रभाि को इंधर्ि क्रकया है। कालथ ियूश का

कहना है क्रक प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा का प्रक्रियात्मक ढांचा घरे लू और


वििे शी व्यिस्र्ाओं से सूचना प्राप्ि करिा है। उसके बाि सूचना की जांच पड़िाल और कांट-छांट

होिी है। प्रत्येक राजनीतिक व्यिस्र्ा में सूचनाओं के स्िार्ि ि जांच-पड़िाल के भलए

स्िार्िकिाथ िर्ा स्िार्ि व्यिस्र्ाएं होिी हैं। इसमें स्मतृ ि का प्रतितनधधत्ि करने िाले संरचनाएं

सूचना को िरु न्ि ही प्रक्रियाओं और पररणामों से सम्बन्ध रखने िाली अिीि के अनुभिों को

अधधमान्यिाओं से जोड़ िे िी है। मूकयों को तनधाथररि करने िाली सूचनाएं सम्भािनाओं को

अधधमान्यिाओं से जोड़ िे िी है और इसके बाि ही राजनीतिक व्यिस्र्ा तनणथय-तनमाथण की िरफ

आर्े बढ़िी है। संचालक संरचनाओं से और भी संरचनाएं होिी हैं जो व्यिस्र्ा द्िारा भलए र्ए

तनणथयों को लार्ू करिी है। ये संरचनाएं व्यिस्र्ा द्िारा लार्ू क्रकए र्ए तनणथयों के ऊपर लोर्ों

की प्रतिक्रिया के सम्बन्ध में सूचना को क्रफर से राजनीतिक व्यिस्र्ा

में प्रिादहि कर िे िी हैं। उनके तनणथय तनमाथण िक िही प्रक्रिया िोहराई जािी है जो पहले िोहराई

र्ई र्ी। इस प्रकार राजनीतिक व्यिस्र्ा की समस्ि प्रक्रिया सूचनाओं के प्रिाह-प्रतिमान के रूप

में चलिी रहिी है।

सूचना-प्रिाहों और संक्रियात्मक संककपनाओं का सम्बन्ध सूरों, भारों ि भार-क्षमिा से होिा है।

सूचना प्रिाहों का प्रतिमातनि सेट िास्िि में संचार का िाना-बाना होिा है। भार का िात्पयथ

सूचना की भेजी जाने िाली मारा से है। भार क्षमिा इस बाि पर तनभथर है क्रक सूचना के आिान-

प्रिान के भलए क्रकिने सर


ू (Channel) व्यिस्र्ा में उपलब्ध हैं। भार-क्षमिा का सम्बन्ध
ग्रहणशीिा, विश्िस्ििा और विकृति से

भी जोड़ा जािा है। यह सब राजनीतिक व्यिस्र्ा में सूचना के संसाधन का कायथ करिे हैं। यदि

कोई अभभकरण व्यिस्र्ा में आने िाली सूचना से कुशलिा से तनपट लेिा है िो यह इसकी
अनुक्रियात्मकिा है। यदि ऐसा नहीं होिा है िो अिश्य सूचना के प्रिाह के रास्िे में कोई बाधा

है।

पररणामों से सम्बजन्धि संककपना में प्रतिसम्भरण या पुनतनथिेश की संककपना शाभमल है। कालथ

ियूश ने नॉरबटथ िीनर ये से अिधारणा ग्रहण की है। उसने अपनी इस संककपना पर ही संचार-

भसद्धान्ि खड़ा करिे हुए कहा है क्रक व्यिस्र्ा की प्रतिसम्भरण की प्रक्रिया ही उसे लक्ष्यों की

प्राजप्ि के भलए प्रभािकारी अधधकार िे िी है। कालथ ियूश ने प्रतिसम्भरण की व्यिस्र्ा को


सकारात्मक िर्ा नकारात्मक िो भार्ों में बांटा
है। उसने व्यिस्र्ा के व्यिहार को घोवषि दिशा में ले जाने िाली शजति को सकारात्मक

प्रतिसम्भरण कहा है। उसका कहना है क्रक नकारात्मक प्रतिसम्भरण िह प्रक्रिया है जो तनणथयों

और उनको लार्ू करने से उत्पन्न होने िाले पररणामों को स्िि: ही ऐसी दिशा में मोि

िे िा है जो व्यिस्र्ा को अपने लक्ष्यों की प्राजप्ि के पास ले जािे हैं। कालथ ियूश का मानना है

क्रक नकारात्मक प्रतिसम्भरण की व्यिस्र्ा ही व्यिस्र्ा का आंिररक संिुलन कम करके उसे

र्तिशील बनाए रखिी है। इसी कारण कुछ विद्िानों ने नकारात्मक प्रतिसम्भरण को संचार

भसद्धान्ि की आत्मा कहा है। इस नकारात्मक प्रतिसम्भरण द्िारा ही कोई व्यिस्र्ा अपने

तनणथयों या तनर्थिों को तनयभमि करके िांतछि लक्ष्यों की िरफ ले जािी है। इसभलए इसका

राजनीतिक व्यिस्र्ा में होना बहुि आिश्यक है। विभशष्ट संककपनाएं नकारात्मक प्रतिसम्भरण

(Feedback) की प्रक्रियाओं के पररचालन की व्याख्या से सम्बजन्धि हैं। इस भार (Load),

विलम्ब (Lag), लाभ (Gain) िर्ा अग्रिा (Lead) शाभमल हैं। भार का अभभप्राय पररििथनों की उस

व्यापकिा और र्ति से है जो व्यिस्र्ा को अपने लक्ष्यों की िरफ ले जािी है। विलम्ब पररणामों

और कायों के पररणामों के बारे में सूचना पर ररपोटथ और कायथ करने में िेरी का माप है। लाभ

इस सूचना की प्राजप्ि के बारे में व्यिस्र्ा की अनुक्रियाओं से सम्बजन्धि विस्िार को दिखािा है।

अग्रिा भारी पररणामों के पूिाथनुमानों की अनुक्रियाओं में कायथ करने की क्षमिा है।

इस प्रकार राजनीतिक संचार के भसद्धान्ि के माध्यम से कालथ ियूश ने राजनीतिक व्यिस्र्ा के

प्रक्रियात्मक पहलू पर जोर िेकर राजनीतिक व्यिस्र्ा को व्यिजस्र्ि ि र्तिशील बनाए रखने

पर जोर दिया है। उसका कहना है क्रक राजनीतिक व्यिस्र्ा के सभी कायथ राजनीतिक संचार के

माध्यम से ही क्रकए जािे हैं। सभी राजनीतिक संरचनाएं मांर्ों या तनिेशों की प्रक्रिया से लेकर
तनयम-तनमाथण ि तनणथयों के तनर्थिों के रूप में कायथ करने िक राजनीतिक प्रक्रिया के अंर् बनी

रहिी है। राजनीतिक संचार ही राजनीतिक व्यिस्र्ा के सभी अंर्ों की सूचना प्रिाह से जोड़कर

उसकी क्रियात्मकिा में िद्


ृ धध करिा है। अि: तनष्कषथ िौर पर यह कहा जा सकिा है क्रक
राजनीतिक संचार राजनीतिक

प्रक्रिया के संचालन में महत्िपूणथ भूभमका अिा करिा है।

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