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मिलकर त्योहार मनाने का आनन्द
मिलकर त्योहार मनाने का आनन्द
हमारे अपार्टमैंट में सभी धर्मों के लोग हैं और लगभग दे श के हर प्राँत से हैं। सभी के मुख्य त्योहार हम
मिलकर मनाते हैं। इस कारण हम बहुत से त्योहारों का आनन्द उठा सकते हैं।
आखिरकार वो दिन आया और हमारी बारी आई। सभी बहुत घबरा रहे थे, लेकिन जब नाटक शुरु हुआ तो मानो
सबका डर छु-मंतर हो गया। हमारे नाटक की बहुत सराहना की गई।
फिर बारी आई खाने की। सभी अपने -अपने घरों से कुछ व्यंजन बना कर लाए थे। सारा भोजन एक जगह सजा
दिया गया और सब ने सभी व्यंजनों का मज़ा उठाया। सोचो तो, एक थाली में थोड़ा पंजाबी, थोड़ा मद्रासी, थोड़ा
गुजराती तो थोड़ा बंगाली! जैसे सारा भारत एक छोटी सी थाली में समा गया हो!
भोजन के बाद हमारे लिए खेलों का भी प्रबंध किया गया था। खेलों में कब रात के 12 बज गए पता ही नहीं
चला! हम लोग घर जा कर सो गए और अगले दिन दे र से उठे !
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2. लेखक ने ऐसा क्यों कहा : "जैसे सारा भारत एक छोटी सी थाली में समा गया हो"?
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3. क्या आपने कभी किसी नाटक या नत्ृ य की तैयारी की है ? तब आपको किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा,
3 वाक्यों में लिखो।
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क) मनाया
ख) उठाया
ग) करने
घ) जाता
मधुबनचौंक,
करोलबाग,
दिल्ली-११००७६
दिनांक:-२/११/१०
आदरणीय दादाजी,
नमस्ते,
हम सब यहाँ स्वस्थ हैं। आप कैसे हैं? आपकी कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूँ।
दादाजी, हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव आने वाला है । इस बार हम एक नाटक प्रस्तुत करने जा रहे हैं,
जिसमें मेरी भूमिका प्रमुख है । नाटक का विषय पर्यावरण की सरु क्षा है । पर्यावरण की सुरक्षा करना आज हर
व्यक्ति का कर्तव्य है । नाटक में पर्यावरण सम्बंधी समस्याओं को दर्शाया जाएगा और उन्हें दरू करने के उपाय
बताए जाएँगे।
मैं आशा करता हूँ उस समय आप भी यहाँ मेरा वार्षिकोत्सव दे खने आओगे और मेरा हौंसला बढ़ाओगे।
आपकापोता,
राहुल
2. पत्र में राहुल का पता क्या दिया गया है और यह कब लिखा गया था?
पाठशाला प्रार्थना
विनती दर्शाया
मुख्य हौंसला
उत्तरदायिव्त विद्यालय
उत्साह प्रमुख
दिखाया कर्तव्य