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०४.०६.

२०२० पाठ-१ कक्षा-कार्य


गुरूवार भाषा

1.उचित शब्दों के द्वारा खाली स्थानों को भरे |

क.चविारों का आदान-प्रदान भाषा के माध्र्म से ही होता हैं |

ख.भाषा के मुख्र्तः दो रूप प्रिचलत हैं मौचखक तथा चलचखत |

ग.चलखने का ढंग चलचप कहलाता हैं |

घ.हहंदी भाषा की चलचप देवनागरी हैं |

२. ददए गए प्रश्नों के चलए सही चवकल्प पर सही का चिह्न


लगाइए |
क. समािार सुनना हैं |
१. चलचखत भाषा २.मौचखक भाषा ३.दोनों

ख. अख़बार पढ़ना हैं |


१. मौचखक भाषा २.चलचखत भाषा ३.दोनों

ग. हहंदी भाषा चलखी जाती हैं |


१.रोमन में २.हहंदी में ३.देवनागरी में

घ. व्याकरण की सहार्ता से भाषा कै सी होती हैं |


१.अशुद्ध २.शुद्ध ३.स्वच्छ

ददनांक- पाठ-२ कक्षा-कार्य


ददन वणय और वणयमाला
1.ददए गए प्रश्नों के उत्तर चलचखए-
क.वणयमाला दकसे कहते हैं ?
उत्तर- वणों के व्यवचस्थत समूह को वणयमाला कहते हैं |

ख.भाषा की सबसे छोटी इकाई क्र्ा हैं ?


उत्तर- भाषा की सबसे छोटी इकाई वणय हैं |

ग.चनम्नचलचखत में संर्क्त


ु वणय कौनसा हैं ?
क्ष ( ) क( ) ञ( )
उत्तर- क्ष
घ.दो वणों से चमलकर बने शब्दों को क्र्ा कहते हैं ?
उत्तर- दो वणों से चमलकर बने शब्दों को संर्क्त
ु वणय कहते हैं |

२.नीिे ददए गए वणों को चमलाकर शब्द बनाइए-


क. म् + ओ + त् + ई = मोती
ख. घ + अ + ड़ + आ = घड़ा
ददनांक- पाठ-३ कक्षा-कार्य
ददन संज्ञा

१. संज्ञा शब्द द्वारा वाक्र् पूरे करें -


क .लालदकला ददल्ली में चस्थत हैं |
ख .सुरेश और रमेश में अच्छी चमत्रता हैं|
ग.र्ह बगीिा बहुत सुंदर हैं |
घ.खेत में दकसान काम कर रहा हैं |
ङ आज रचववार का अवकाश हैं |

२..चनम्नचलचखत वाक्र्ों में संज्ञा शब्दों को छााँटकर उनके


भेद का नाम चलखें-
क.मैं ददल्ली में रहता हाँ | व्यचक्तवािक संज्ञा
ख.बच्चे छत पर खड़े हैं | जाचतवािक संज्ञा
ग.सीता भोजन बना रही हैं | व्यचक्तवािक संज्ञा
घ.आज बहुत गमी हैं | भाववािक संज्ञा
ङ मोना मेरी बहन है | व्यचक्तवािक संज्ञा
ददनांक- पाठ-४ कक्षा-कार्य
ददन हलंग

१. ददए गए शब्दों के हलंग बदलकर चलचखए-


घोड़ा - घोड़ी
रानी- राजा
चिचड़र्ा - चिड़ा
बैल- गार्
शेर- शेरनी

२.चनम्नचलचखत वाक्र्ों में आए रं गीन शब्दों के हलंग बदलकर ररक्त स्थानों में चलखें-
क.गुड्डे की शादी गुचड़र्ा से हुई |
ख.चिब्बे में टोदिर्ााँ थीं और चिचबर्ा में इलार्िी |
ग.चबल्ली को देखकर िूहा और िुचहर्ा भाग गए |

ददनांक- पाठ-अनुच्छेद कक्षा-कार्य


ददन मेरा पररिर्

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१.ददए गए ररक्त स्थान को उचित शब्दों द्वारा पूरा कीचजर्े


मेरा नाम ................. है |
मेरी माताजी का नाम ............... है |
मेरे चपताजी का नाम ................ है |
हम ............. भाई-बहन है|
मै कक्षा तीसरी में पढता / पढ़ती हाँ |
मै उदर्पुर में रहता/ रहती हाँ |
ददनांक- पाठ-अनुच्छेद कक्षा-कार्य
ददन मेरी मां

मां का िोटो चिपकाएं

मेरी मां बहुत प्र्ारी हैं । वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं । भगवान से लेकर घर के सब
लोगों का ध्र्ान मेरी मां ही रखती हैं । वे दादा-दादी का पूरा ध्र्ान रखती हैं । पापा, मेरी और मेरी छोटी
बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं । दादी कहती हैं दक मेरी मां घर की
लक्ष्मी हैं । मैं भी मां को भगवान के समान मानता हाँ और उनकी हर बात मानता हाँ ।

मेरी मां जॉब भी करती हैं । घर और ऑदिस दोनों की चजम्मेदारी वै बहुत ही अच्छे से चनभाती हैं । उनके
सरल और सुलझे व्यवहार की तारीि उनके ऑदिस के सारे लोग करते हैं । मेरी मां गरीबों और बीमारों
की भी हर संभव मदद करती हैं । मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।

मैं जब कोई गलती करता हाँ तब मां मुझे िांटती नहीं हैं बचल्क प्र्ार से मुझे समझाती हैं । जब मैं दुखी
होता हाँ तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए िेहरे पर मुस्कराहट लेकर आती हैं । उनके प्र्ार और ममतामर्ी
स्पशय को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हाँ ।

मेरी मां ममता की देवी समान हैं । वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं । मेरी
मां मेरी आदशय हैं । वे मुझे सि के रास्ते पर िलने का सीख देती हैं । समर् का महत्व बताती हैं । कहते हैं
मां ईश्वर के द्वारा हमें ददर्ा गर्ा एक वरदान है ।

चजसकी आंिल की छांव में हम अपने आप को सुरचक्षत महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं ।
मैं अपनी मां को बहुत प्र्ार करता हाँ और भगवान को धन्र्वाद देता हाँ दक उन्होने मुझे दुचनर्ा की सबरसे
अच्छी मां दी ।

ददनांक- पाठ-अनुच्छेद कक्षा-कार्य


ददन मेरा चप्रर् पशु

मेरा चप्रर् पशु


मेरा चप्रर् पशु कु त्ता है। कु त्ता एक पालतू जानवर है। र्ह िौपार्ा है। इसकी दो िमकदार आाँखें होती हैं। इसके दो कान,
नुकीले दांत व एक पूंछ होती है। कु त्ते कई दकस्म के होते हैं। कु छ कु त्तों के शरीर में बड़े -बड़े बाल होते हैं। कु त्ते कई रंग के
होते हैं। र्े चबचभन्न आकार के भी होते हैं।

कु त्ता एक बहुत उपर्ोगी व विादार जानवर होता है। कु त्ता पानी में तैर भी सकता है। र्ह चवश्व में सभी जगह पार्ा
जाता है। र्ह अपने माचलक को बहुत प्र्ार करता है व उसके प्रचत बहुत विादार होता है। र्ह िोरों से घर की सुरक्षा भी
करता है। िोरों व अपराचधर्ों को पकड़ने में भी पुचलस द्वारा कु त्तों की मदद ली जाती है।

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