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GRADE IV
पाठ 11: पढ़क्कू की सूझ

शब्दार्थ

1. पढ़क्कू – बहुत पढ़ने वाला


2. तर्क शास्त्र – इसके द्वारा तर्क विद्या का ज्ञान दिया जाता है
3. गढ़ते थे – स्वयं से बात बनाकर बोलना
4. गज़ब – विचित्र
5. ढब – ढं ग/तरीका
6. भेद – गप्ु त बात/रहस्य
7. पागरु – जग
ु ाली
8. फ़िक्र – चिंता
9. तनिक – थोड़ा सा
10. धरता हूँ – पकड़ता हूँ
11. कोरे – मर्ख

12. अड़ जाए – जिद पर आना
13. साँझ – संध्या/शाम
14. मंतिख – तर्क शास्त्र

पढ़क्कू
(क) पढ़क्कू का नाम पढ़क्कू क्यों पड़ा होगा?
उत्तर: वह दिन-रात पढ़ता रहता होगा।

(ख) पढ़क्कू क्या पढ़ते थे?

उत्तर: पढ़क्कू तर्क शास्त्र पढ़ते थे|

(ग) पढ़क्कू ने कोल्हू के बैल के बारे में क्या सोचा?

pg. 1
उत्तर: पढ़क्कू ने कोल्हू के बैल के बारे में यह सोचा कि इसके मालिक ने इसे कोई तरीका
सीखा रखा है |

(घ) पढ़क्कू ने बैल के मालिक से क्या कहा?

उत्तर: पढ़क्कू ने बैल से यह कहा कि अगर तुम्हारा बैल किसी दिन काम नहीं करे बस खड़ा-
खड़ा गर्दन कि घंटी को हिलाए तो तुम्हें कैसे पता चलेगा|

(ङ) मालिक ने पढ़क्कू को क्या जवाब दिया

उत्तर: मालिक ने पढ़क्कू को यह जवाब दिया कि मेरे बैल ने तुम्हारी तरह मंतिखनहीं पढ़ा है |

अर्थ खोजो
नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ अक्षरजाल में खोजो-
उत्तर:

गह
ृ कार्य(वाक्य रचना)

फ़िक्र
साँझ
छल

pg. 2
भेद

pg. 3

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