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वैदिक गणित
वैदिक गणित
वैदिक गदित
जगि् गुरू स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ द्वारा दवरदित वैदिक गदित
अंकगदितीय गिना की वैकल्पिक एवं संदिप्त दवदिय ं का समूह
है। इसमें १६ मूल सूत्र दिये गये हैं। वैदिक गदित गिना की ऐसी
पद्धदत है, दजससे जदिल अंकगदितीय गिनाएं अत्यंत ही सरल,
सहज व त्वररत संभव हैं।
2
• ये सूत्र सहज ही में समझ में आ जाते हैं। उनका
अनुप्रय ग सरल है तर्ा सहज ही याि ह जाते हैं। सारी
प्रदिया मौल्पखक ह जाती है।
• कई पैदडय ं की प्रदियावाले जदिल गदितीय प्रश् ं क
हल करने में प्रिदलत दवदिय ं की तुलना में वैदिक
गदित दवदियााँ काफी कम समय लेती हैं।
• छ िी उम्र के बच्चे भी सूत्र ं की सहायता से प्रश् ं क
मौल्पखक हल कर उत्तर बता सकते हैं।
• वैदिक गदित का संपि
ू थ पाठ्यिम प्रिदलत गदितीय
पाठ्यिम की तुलना में काफी कम समय में पूिथ दकया
जा सकता है।
3
16. गुिकसमुच्चयः – गुिक ं का समुच्चय
उपसूत्र
4
सूत्र – 1
एकादिकेन पूवि
े – पहले से एक अदिक के द्वारा
= 4 * 5 /25
= 20/25
= 2025 उत्तर
= 11025 उत्तर
5
सूत्र – 2
दनल्पखलं नवतश्चरमं िशतः – सभी नौ में से तर्ा अल्पिम िस में
से
1. 97 * 98
इन संख्याओं का आिार 100 है, यदि संख्या 6 ह ती त उसका
आिार 10 ह ता हैं।
100 – 98 = 2
घिा कर प्राप्त हुई संख्याओं की आपस में गुिा करें 3*2 = 6
जैसे 97 – 2 = 95
98 – 3 = 95
9506 उत्तर
अब घिी हुई संख्या (3*2) के गुिज 6 क 95 के सार् दलख िें ।
6
आिार 100 ह ने के कारि 6 से पहले 0 दलखकर आिार 100
बनाये।
2. 1007 * 1006
आिार 1000 में से ि न संख्या क घिायें
1000 – 1007 = -7
-7*-6 =
1000 – 1006 = -6
42
ि न संख्या आिार से ज्यािा हैं, अतः संख्या ज डी जायेगी।
1006 + 7 = 1013 या
1007 + 6 = 1013
3. 108 * 93
संख्याओं के पास का आिार 100 हैं, ि न संख्याओं क
आिार 100 से घिाने पर,
10044 उत्तर
8
सूत्र - 3
उध्वादतयथक् भ्याम् – सीिे और दतरछे ि न दवदिय ं से
86 * 28
8 6
8 6
2 8 अब दतरछी गुिा करें –
8 * 8 = 64
64 + 12 =
6 * 2 = 12 76
8 6
9
सूत्र - 4
परावञ्य य जयेत् – पररवतथन एं व प्रय ग
2112 / 97
97 – 100 = - 3
10
➢2*3=6क अगली संख्या 2112 की second last
संख्या 1 में ज ड िें ।
➢2*0=0क अगली संख्या 2112 की third last संख्या 1
में ज ड िे ।
➢ अब संख्या 2 1 1 2 का िू सरा अंक 1 की गुिा करें 0 व 3
में और अगली संख्या में ज ड िे ।
➢ 1 * 3 = 3 क आल्पखरी वाली संख्या 2 में ज ड िे ।
➢ 1 * 0 = 0 क second last संख्या 1 में ज ड िे ।
➢ अब सभी संख्या क ज ड िें ।
97 2 1 1 2
03
x 0 6
0 3
2 1 7 5
217
इसे ऐसे ही लिख 5
दें । और 2 की
गुणा 0 व 3 में करें ।
11
सूत्र - 5
शून्यं साम्यसमुच्चयें – समुच्चय समान ह ने पर शून्य
ह ता हैं।
4x+4+7x-15 = 0
x = 1 उत्तर
12
सूत्र – 6
आनुररूप्ये शून्यमन्यत् – अनुरूपता ह ने पर िू सरा
शून्य ह ता हैं।
अर्वा x = 1:4
y के गुिाक ं का अनुपात y = 14/17
अर्वा y = 14:17
13
स्वतंत्र पि का अनुपात = 46:184
अर्वा 1:4
23x = 46
x = 2 उत्तर
14
सूत्र – 7
संकलन व्यकलनाभ्याम् – य ग द्वारा एवं अिर द्वारा
ि न समीकरि का य ग
15
समीकरि 3 क 136 व समीकरि 4 क 44 से भाग िे ने पर
हमें प्राप्त ह ता हैं।
x–y=3
x+y=1
x = 2 , y = -1 उत्तर
16
सूत्र – 8
पूरिापूरिाभ्याम् – पूित
थ ा एवं अपूित
थ ा द्वारा
जैसे –
x2 + 4x – 5 =0
1 से भाग
अब x के गुिक का आिा , x का गुिक = 4
4 का आिा = 2
अब 2 का वगथ = 4
4 क समीकरि में ज डने व घिाने पर –
x2 + 4x – 5 + 4 – 4 = 0
x2 + 4x + 4 = 9
17
(x+2)2 = +/- 9
x = 1 या x = -5 उत्तर
= x3 + 3x2 + 3x + 1
(x+2)3 = x3 + 8 + 6x (x+2)
= x3 + 8 + 6x2 + 12x
घिाना -
18
(x3 + 6x2 + 11x + 6) – (x3 + 6x2 + 12x + 8) = 0
(x+2) क ि न ओर ज डने पर –
x + 2 + x3 + 6x2 + 11x + 6 = x + 2
x3 + 6x2 + 12x + 8 = x + 2
(x+2)3 = x + 2
माना (x+2) =y
y3 = y
y3 – y = 0
y.(y2-1) = 0
y = 0, 1 या – 1 उत्तर
19
सूत्र – 9
िलनकलनाभ्याम् – िदमक िाल द्वारा अर्वा कलन
द्वारा
इस सूत्र का प्रय ग दद्वघातीय समीकरि ं क हल करने में दकया
जाता हैं।
पहले x2 एवं x के गुिक दनकालें और उन्हें िमशः a और b
से सम्ब दित करें
अब अिर पि दनकालें और उसे c से सम्ब दित करें ।
सूत्र -
जैसे – 7x2 + 5x – 2 = 0
a = 7 , b = - 5, c = - 2
a,b व c के मान सूत्र में रखने पर –
20
सूत्र – 10
याविू नम् – दजतना कम हैं।
743456 - 3 = 743453
999997 + 3 = 100000
अब 100000 + 743453
= 1743453 उत्तर
21
सूत्र – 11
व्यदिसमदि – एक से पूिथ और पूिथ क एक मानते हुए।
(दवदशि एवं सािारि)
= 7056 – 64
= 6992 उत्तर
22
सूत्र – 12
शेषाण्यड् केन िरमेि – अंदतम अंक के सभी शेष ं
क
23
सूत्र – 13
स पान्त्यद्वमन्त्यम् – अल्पिम एवं उपािय का िु गन
ु ा
457 * 12
संख्या के ि न ओर शून्य लगाये।
04570 * 12
अब संख्या के अल्पिम अंक एवं उपान्त्य अंक क िु गन
ु ा करके
ज डे
0 4 5 7 0
अन्तिम अंक
उपान्त्य अंक
प्राप्त संख्या = 4
24
अब ईकाई का अंक काि िे
0 4 5 7 0
प्राप्त संख्या = 4
ईकाई का अंक काि िे –
0 4 5 7 0
अब दफर से अल्पिम अंक में उपान्त्य अंक का िु गन
ु ा करके ज डे
4 + 0 * 2 = 4 + 1 (हादसल ज ड िे )
प्राप्त संख्या = 5
4 5 7 * 12 = 5 4 8 4 उत्तर
25
4 से भाजकता -
जैसे – 987364 यदि संख्या के अल्पिम एवं उपान्त्य अंक 4 से
दवभादजत हैं त पूिथ संख्या 4 से दवभादजत ह जायेगी।
26
सूत्र – 14
एकन्यूनन
े पूवि
े – पहले से एक कम के द्वारा
जैसे –
738 * 999
गुण्य गुिक
738 – 1 = 737
अब गुिक में 1 ज डे
999 + 1 = 1000
अब इसमें से गुण्य क घिाये
उपसूत्र
27
अनुरूप्येि - अनुपात ं से
1. 39 * 49
कायथकारी आिार = 50
50 – 39 = 11 विचलनों को गु णा करें –
39 – 1 = 38
कायथकारी आिार 100 से आिा हैं, इसदलए 38 का भी आिा कर
िे ।
38/2 = 19
28
पहला दहस्सा = 19
अल्पिम दहस्सा = 11
2. 346 * 307
29
❖ इसी तरह आप 4358 * 5234 का गुिनफल दनकाल सकते हैं,
दजसमें कायथकारी आिार ह गा 5000 व वास्तदवक आिार
ह गा 1000
30
उपसूत्र
1.
872
169 में 3 अंक हैं, जबदक आिार में 2 शून्य हैं, अतः 1 क प्रर्म
दहस्से में ज डा जायेगा।
74
+169
7569 उत्तर
31
2. 10202
आिार से अदिकता = 20
1 0 4 0 / 400
1040400 उत्तर
3. 1093
आिार = 100
आिार से अदिकता = 9
32
= 9 * 2 + 109
= 9 * 127
127/243/729
आिार में 2 शून्य हैं, अतः एक अंक अगली संख्या के नीिे
जायेगा।
127
243
+ 729
1 2 9 5 0 2 9 उत्तर
33
4. 923
आिार = 100
92 – 8 * 2 = 76 (प्रर्म दहस्सा)
= 8 * 24
अल्पिम दहस्सा = - 8* -8 * -8
= - 512
अभीि संख्याएं
34
35
उपसूत्र
36
उपसूत्र
अन्त्यय रे व - अल्पिम पि से ही
जैसे -
1.
उत्तर
38
उपसूत्र
39
3. जैसे :- 5x - y = 7 और xy = 6
40
अब x व y का मान समीकरि में रखे बारी बारी से। ज इस
समीकरि (5x-y=7) क सिुि कर िे गी। वही x व y के मान
हग
ं ।े
x = 6, y = 1 रखने पर -
5*6–1=7
29 ≠ 7 (समीकरि सिुि नही हुई)
अब x = 1, y = 6 रखने पर –
5*1–6=7
10 – 3 = 7
अतः x = 2, y = 3 उत्तर
41
उपसूत्र
गुदितसमुच्चयः समुच्चयगुदितः
गुिनखण्डड ं की गुिन संख्याओं के य ग का गुिनफल,
गुिनफल की गुिन संख्याओं के य ग के समान ह ता
हैं।
जैसे –
(2a + 1)(3a + 5) = 6a2 + 13a + 5
िाया पि व बाया पि समान हैं, अतः िर पि छ डने
पर -
(2 + 1)(3 + 5) = (6 + 13 + 5)
= 24 उत्तर
42
गिनाएं करने की कुछ शािथ दिि क्स
वगथमल
ू व घनमूल
1² = 1 13 = 1
2² = 4 23 = 8
3² = 9 33= 27
4² = 16 43 = 64
5² = 25 53 = 125
6² = 36 63 = 216
7² = 49 73 = 343
8² = 64 83 = 512
9² = 81 93 = 729
43
1. 8836 का वगथमल
ू
8836
संख्या क 2 -2 अंक ं में दवभादजत कीदजए, दजतने ज डे बनेग,े
वगथमलू भी उतनी ही संख्या का ह गा।
8836
इकाई का अंक 4 या 6 ह गा।
क् दं क इन ि संख्याओं के वगथमल
ू में ईकाई का अंक 6 हैं।
जैसे 42 = 16 व 62 = 36
क् दक वगथमल
ू के इकाई का अंक 4 या 6 हैं।
अब िे खे की दजसका वगथमल
ू दनकालना हैं व संख्या (8836),
संख्या 8100 के नजिीक हैं, या 10000 के।
44
अतः संख्या 8100 के ज्यािा करीब हैं, इसदलए हम 94 व 96
में से 94 क िुनग
े ।े
2. 20449 का वगथमल
ू –
िू सरा तरीका
392
3 क a मान ल और 9 क b मान ल
अब सूत्र लगाये
a² / 2ab / b²
9 / 54 / 81
1521 उत्तर
घनमूल दनकालें –
46
1.
अल्पखरी 3 संख्याओं क अलग कर ले। जैसे
अब 658 क िे ख ..
658 संख्या 83 = 512 व 93 = 729 के बीि की संख्या हैं।
8 व 9 के घन के बीि में है 658
उत्तर
2.
िू सरा तरीका
3. 193
1 क a मान ल और 9 क b
48
अब सूत्र लगाये
a3 / 3a2b /3ab2 / b3
13 / 3*9*1² / 3 * 1 * 9² / 93
1 / 3 * 9 / 3 * 81 / 729
1 / 27 / 243 / 729
49
गुिा करने की दवदि
• 5 से गुिा –
संख्या का आिा करे व 10 से गुिा करे –
क् दं क 5, 10 की ½ हैं।
जैसे – 18 * 5
18/2 * 10 = 90
• 25 से गुिा –
236 * 25
• 125 से गुिा –
64 * 125
50
10 से लेकर 20 तक की संख्याओं से गुिा –
जैसे 4267 * 17
4267*17
17 का 1 भूल जाओं
7 से गुिा करे –
51
10 से 19 के बीि गुिा –
जैसे -
14 * 17
14 + 7 = 21 (प्रर्म भाग)
अब ि न इकाई के अंक की गुिा कर िे
4 * 7 = 28 (अल्पिम भाग)
52
गुिा करने का तरीका
➢ पहला तरीका -
28*32
28 क (30-2) के रूप में दलखे और 32 से अन्दर गुिा करे
= (30-2) * 32
= 960 – 64
= 896 उत्तर
➢ िू सरा तरीका -
62*68
(a-b)(a+b) = a²-b²
65² - 3²
4225 – 9
4216 उत्तर
53
दद्वघातीय समीकरि के दलए
x² + 5x + 6 = 0
अब िे खे की स्वतंत्र पि (6) दकन ि संख्याओं की गुिा करने
पर प्राप्त हुआ हैं।
6 का गुिनखण्डड 2 * 3 आयेगा।
अब सूत्र लगाये
54
1 से 100 तक पहाडा याि करने की सरल दवदि
160
56
2 1 6 उत्तर
27*7
7 * 2 = 14 (7 की गुिा िहाई अंक से)
शून्य लगाकर दलखे 140
7 * 7 = 49
55
140
49
1 8 9 उत्तर
4 * 3 = 12 0
4 * 4 = 16
120
16
1 3 6 उत्तर
***
56
वैदिक गदित के 17 सूत्र हैं, इन सूत्र ं क ज सीख लेगा व गदित का
इतना बडा पल्पण्डत ह जायेगा की कैलकूिर से ज्यािा तेज कैलकुलेशन
कर पायेगा। कुछ भारवासी पूरी िु दनया में अपना िमत्कार दिखाते रहते हैं
गदित का। एक माता जी है, व पूरी िु दनया में प्रवास करती है, बडे - बडे
श करती हैं, लाख -ं लाख ं रूपये वे इस श के लेती हैं।
मैं कहता हाँ दक ऐसी त प्रत्येक माता जी ह सकती हैं, सभी भाई ह
सकते हैं, बस वैदिक गदित के 17 सूत्र सीखने की िे री हैं।
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