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Class 9 Hindi: Answer
Class 9 Hindi: Answer
• Hindi
• वाख
Question 1:
Question 2:
िवययत्री द्वारा मुक्क्त िे लिए किए जाने वािे प्रयास व्यथय क्यों हो
रहे हैं?
ANSWER:
Question 3:
Question 4:
Page No 98:
Question 5:
िवययत्री िे अनस
ु ार ईश्वर िो अपने अन्त:िरण में खोजना
चाठहए। क्जस ठदन मनुष्य िे हृदय में ईश्वर भक्क्त जागत
ृ हो
गई अज्ञानता िे सारे अंधिार स्वयं ही समाप्त हो जाएाँगे। जो
ठदमाग इन सांसाररि भोगों िो भोगने िा आदी हो गया है
और इसी िारण उसने ईश्वर से खद
ु िो ववमख
ु िर लिया है,
प्रभु िो अपने हृदय में पािर स्वत: ही ये सााँिि (जंजीरे ) खुि
जाएाँगी और प्रभु िे लिए द्वार िे सारे रास्ते लमि जाएाँगे।
इसलिए सच्चे मन से प्रभु िी साधना िरो, अपने अन्त:िरण
व बाह्य इक्न्ियों पर ववजय प्राप्त िर हृदय में प्रभु िा जाप
िरो, सुख व दख
ु िो समान भाव से भोगों। यही उपाय
िववयत्री ने सुझाए हैं।
Question 6:
सष
ु म-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया ठदन आह!
िेखखिा िे अनस
ु ार ईश्वर िो पाने िे लिए िोग हि साधना
िरते हैं पर पररणाम िुछ नहीं यनििता। इसिे ववपरीत होता
यह है कि हम अपना बहुमल् ू य वक्त व्यथय िर दे ते हैं और
अपने िक्ष्य िो भुिा दे ते हैं। जब स्वयं िो दे खते हैं तो हम
वपछड़ जाते हैं। हम तो ईश्वर िो सहज भक्क्त द्वारा भी
प्राप्त िर सिते हैं। उसिे लिए िठिन भक्क्त िी िोई
आवश्यिता नहीं है।
Question 7: