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दशराज्ञ युद्ध

ऋग्वेद के 7वे मंडल में वर्णित युद्ध

दशराज्ञ युद्ध या दस राजाओं का युद्ध या दशराजन युद्ध एक युद्ध था जिसका उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मंडल में ७:१८, ७:३३ और ७:८३:४-८ में मिलता है। इस युद्ध में
एक ओर क़बीला और उनका मित्रपक्ष समुदाय था, जिनके सलाहकार ऋषि विश्वामित्र थे। दूसरी ओर भारत नामक समुदाय था, जिसका नेतृत्व तृत्सु नामक क़बीले के राजा
सुदास कर रहें थे और जिनके प्रेरक ऋषि वशिष्ठ थे।[1] इस युद्ध में सुदास के भारतों की विजय हुई और उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप कें आर्य लोगों पर उनका अधिकार बन
गया। आगे चलकर पूरे देश का नाम ही 'भारत' पड़ गया। कई इतिहासकारों के अनुसार यह वर्णन एक वास्तविक युद्ध पर ही आधारित हो सकता है।[2][3] यह संभव है कि
ऋग्वेद में वर्णित दस राजाओं की लड़ाई ने कु रुक्षेत्र युद्ध की "कहानी का" नाभिक "बनाया हो, हालांकि यह महाभारत के खाते में बहुत विस्तारित और संशोधित किया गया था।

दशराज्ञ युद्ध (दस राजाओं का युद्ध) परुष्णी नदी (वर्तमान में रावी) के तट पर लड़ा गया, जिसमें भरतो के राजा सुदास ने दस राजाओं के एक संघ को हराया। इस संघ में
[4]

आर्यों के प्रमुख जन (अनु, दुह, यदु, पुरू, तुर्वसु) तथा 5 लघु जनजातियों का समूह सम्मिलित था, जिसके पुरोहित विश्वामित्र थे।दशराज्ञ युद्ध (दस राजाओं का युद्ध) परुष्णी
नदी (वर्तमान में रावी) के तट पर लड़ा गया, जिसमें भरतो के राजा सुदास ने दस राजाओं के एक संघ को हराया। इस संघ में आर्यों के प्रमुख जन (अनु, दुह, यदु, पुरू, तुर्वसु)
तथा 5 लघु जनजातियों का समूह सम्मिलित था, जिसके पुरोहित विश्वामित्र थे।

योद्धा दल
इस युद्ध का विजयी राजा सुदास तृत्सु नामक समुदाय का था। विरोधी दल इस प्रकार थे:

अलीन : यह शायद आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान क्षेत्र से पूर्वोत्तर में रहते थे क्योंकि चीनी तीर्थयात्री हुएन त्सांग ने उस जगह पर इनकी गृहभूमि होने का उल्लेख
किया था।[5][6]
अनु : कु छ इतिहासकारों के अनुसार यह क़बीला परुष्णि नदी (रावी नदी) क्षेत्र में बसा हुआ था।[7]
भृगु : यह लोग शायद प्राचीन कवि भृगु के वंशज थे। बाद में इनका सम्बन्ध अथर्व वेद के भृग्व-आंगिरस विभाग की रचना से किया गया है।
भालन : कु छ विद्वानों के अनुसार यह बोलन दर्रे के इलाक़े में बसने वाले लोग थे।[8]
द्रुह्यु : यह शायद गान्धार प्रदेश के निवासी थे (ऋग्वेद ७:१८:६)।
मत्स्य : इनका वरणन के वल ऋग्वेद ७:१८:६ में हुआ था लेकिन कालांतर में इनका शाल्व के सम्बन्ध में भी उल्लेख मिलता है।[9]
परसु : यह सम्भवतः प्राचीन पारसीयों (ईरानियों) का गुट था।[10]
पुरु : यह ऋग्वेद काल का एक महान क़बीलियाई परिसंघ था जिसे सरस्वती नदी के किनारे बसा हुआ बताया जाता है।
पणि : यह दानवों की भी एक श्रेणी का नाम था। कालांतर के स्रोत इन्हें स्किथी लोगों से सम्बन्धित बताते हैं।

इन्हें भी देखें
सुदास (ऋग्वेद)
कु रुक्षेत्र युद्ध
महाभारत
महाजनपद

सन्दर्भ
1. Tribal Fusion and Social Evolution (http://books.google.com/books?id=852HGVbfwJIC) , Sushant Kumar,
pp. 21, Strategic Book Publishing, 2000, ISBN 9781606930359, ... The Bharats invaded them under the
leadership of king Sudas and thus the ten- kings' war started. One more fact should be considered. The
Bharat tribe followed the system of kingship while almost all the opposing tribes were republicans ...

2. भारतीय पुरातत्व और प्रागैतिहासिक संस्कृ तियाँ (http://books.google.com/books?id=NKQdhAN3mMwC) , शिव स्वरूप


सहाय, पृष्ठ ३५६, मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर, आई ऍस बी ऍन ९८८८१२०८२०७८४, ... ऋग्वेद के कई 'जन' यहीं रहते थे तथा
दशराज्ञ युद्ध भी यहाँ की घटना है।..
3. Indian Sociology Through Ghurye: A Dictionary (http://books.google.com/books?id=P3uD22Ghqs4C) , S.D.
Pillai, pp. 157, Popular Prakashan, 1997, ISBN 9788171548071, ... The Rigvedic battle of the Ten Kings, an
important event in the politico-social history of north-western India, must have been fought about 1200 BC
...

4. Murthy, S. S. N. (8 September 2016). "The Questionable Historicity of the Mahabharata" (https://web.archive.


org/web/20190126164815/https://crossasia-journals.ub.uni-heidelberg.de/index.php/ejvs/article/view/78
2) . Electronic Journal of Vedic Studies. 10 (5): 1–15. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1084-7561 (https://www.worldcat.or
दशराज्ञ युद्ध
g/issn/1084-7561) . डीओआइ:10.11588/ejvs.2003.5.782 (https://doi.org/10.11588%2Fejvs.2003.5.782) . मूल
दस राजाओं का युद्ध
(https://crossasia-journals.ub.uni-heidelberg.de/index.php/ejvs/article/view/782) से 26 जनवरी 2019 को
पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 January 2019. तिथि १७००
ईपू से
5. Macdonell and Keith, Vedic Index, 1912, I, 39.
१०००
6. A. A. Macdonell and A. B. Keith (1912). Vedic Index of Names and Subjects, I, 39. ईपू के
बीच
7. Macdonell and Keith, Vedic Index I 22.
स्थान आधुनिक
8. Macdonell and Keith, Vedic Index.
पाकिस्तानी
9. Macdonell and Keith, Vedic Index, 1912, II 122. पंजाब में
परुष्णि
10. Macdonell and Keith, Vedic Index. This is based on the evidence of an Assyrian inscription of 844 BC
नदी (रावी
referring to the Persians as Paršu, and the Behistun Inscription of Darius I of Persia referring to Fārs नदी) के
Province (Pārsa) as the area of the Persians. Radhakumud Mookerji (1988). Chandragupta Maurya and His पास
Times (p. 23). Motilal Banarsidass Publ. ISBN 81-208-0405-8. परिणाम भारत
आर्य
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=दशराज्ञ_युद्ध&oldid=5858370" से प्राप्त
समुदाय
के तृत्सु
क़बीले
की
अन्तिम परिवर्तन 19:24, 22 मई 2023। • निर्णात्मक
उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। विजय
क्षेत्रीय ऋग्वैदिक
बदलाव क़बीलों
पर सुदास
का
अधिकार

योद्धा
तृत्सु (हिन्द- अलीन

आर्य) अनु

भृगु (हिन्द-
आर्य)

भालन

दस (दहए)

द्रुह्यु
(गान्धारी)

मत्स्य राज्य
(हिन्द-आर्य)

परसु
(ईरानी)

पुरु (हिन्द
आर्य)

पणि (पर्णि)
सेनानायक
सुदास
दस राजा

वशिष्ठ विश्वामित्र
शक्ति/क्षमता
अज्ञात ६,६६६ से
(लेकिन अधिक
विरोधी-पक्ष
से कम)
मृत्यु एवं हानि
अज्ञात ६,६६६
(लेकिन (ऋग्वेद

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