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करपात्री जी महाराज के दुर्लभ ग्रन्थ एवं संक्षिप्त
करपात्री जी महाराज के दुर्लभ ग्रन्थ एवं संक्षिप्त
👉#गोरक्षाआन्िोलनतथाइजन्िरावंशकोशाप:
बात 1966 की है ।उस समय भारत में गोवंश की हत्या तनभीक रूप से की जा रही
थी।सनातन धलममयों ने आंिोलन इत्यादि कर सरकार से आग्रह ककया कक गोहत्या
पर पणम प्रततबन्ध हो और गोवंश की रक्षा की जाऐ।इजन्िरा गान्धी की नीततयों से
जनता में आक्रोश था।उसका जीतना लगभग असंभव था।इजन्िरा ने कटनीतत का
सहारा लेकर करपात्र स्वामी से तनवेिन ककया कक मझ
ु े जीताने का जनता से
आग्रह करें चन
ु ाव के बाि गोहत्या पर पाबन्िी लगा िी जाऐगी और सभी
कत्लखानों को बन्ि कर दिया जाऐगा जो अंग्रेजों के समय से चले आ रहे
हैं।।करपात्री जी के आशीवामि से इजन्िरा जीत गई लेककन सिालोलप
ु अिरिशी
इजन्िरा मस
ु लमानों और कम्यतु नस्टों के िबाव मे आकर अपने वािे से हट
गई।िे श के तमाम सन्तों-महापरु
ु र्ों व जनता ने संत्तवधान मे संशोधन कर सम्पणम
िे श में गोहत्या पर पाबन्िी लगाने व कत्लखानों को बन्ि करने का आग्रह कर
संसि भवन के सामने 7 नवम्बर1966को महान्िोलन प्रारम्भ कर दिया।दहन्ि
पंचांगानस
ु ार उस दिन सम्वत ् 2012काततमक शत
ु ला अष्टमी थी जजसे गोपाष्टमी भी
कहा जाता है । इस आन्िोलन में चारों पीठों के शंकराचायम िे श के सभी सन्त
आयमसमाजी जैनधमी आदि सभी समि
ु ायोंने बढ़चढ़कर दहस्सा ललया।महान संत
प्रभि
ु ि ब्रह्मचारी,परु ी शंकराचायम तनरं जनिे वतीथम तथा सन्त रामचन्र वीर ने
आमरण अनशन घोत्तर्त कर आन्िोलन मे प्राण िं क दिए।शाजन्तपवमक बैठे हुऐ
सन्त समि
ु ाय पर इजन्िरा नें पलु लस द्वारा िायररंग करवा िी।भयंकर भगिड मच
गई।इस कांड में 250 साधओ ु ं की हत्या हुई।तत्कालीन गहृ मंत्री गल
ु जारीलालनंिा ने
क्षुब्ध होकर त्यागपत्र िे दिया।तनरञ्जनिे वतीथम को पांडडचेरी जेल में बन्ि कर
दिया गया।करपात्री जी को ततहाड जेल मे बन्ि कर दिया तथा कई अन्य सन्तों
को बलात जेल मे ठं स दिया गया।72 दिन अनशन के होने पर तनरञ्जनिे वतीथम
का स्वास्थय धगरने लगा तो करपात्री जी ने पत्र भेजा;
"महाराज आप धमम के प्रहरी है अतः आप का रहना आवश्यक है अनशन तोड
िीजजए।"करपात्री जी के आग्रह पर तनरञ्जनिे वतीथम तथा प्रभि
ु ि जी ने अनशन
अब बद्
ु धधजीवी स्वयं त्तवचार करें संजय गान्धी की हवाई िघ
ु ट
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ु 3जन1980 अष्टमी ततधथ को हुई।
दिल्ली में 31अततबर1984 को इजन्िरा की हत्या हुई उस दिन भी अष्टमी थी।
21मई1991को बमत्तवस्िोट मे राजीव गांधी की हत्या हुई उस दिन भी दहन्ि
पंचाग के अनस ु ार अष्टमी ततधथ थी।
तो तया #कुकलममयों का यह वंश करपात्री जी के शाप के व्यह में है अथवा तया
यह करपात्री जी के शाप का प्रभाव है ?
इस सिी के महान ज्योततर्ी #श्रीकोट्टमराजनारायण_राव अपनी पस्
ु तक "ज्यौततर्
प्रारब्ध तथा कालचक्र"(#Astrology_Destiney_and_the_Wheel_of_time )में
ललखते हैं-'जवाहरलाल नेहरू उडीसा में भव
ु नेश्वर गऐ थे।तभी उनको लकवे का
आघात हुआ जो बाि मे उनकी मत्ृ य का कारण बना।उनकी सप
ु त्र
ु ी इजन्िरा की भी
पीडीऍफ़ बक्
ु स
ग्रन्थ : चातव
ु मण्यं संस्कृतत त्तवमशम
त्तवर्य : सामाजजक व्यवस्था
ग्रंथकार : धमंसम्राट करपात्री जी महाराज
ललंक १ – ललंक २
श्रीववद्या ग्रन्थ
ग्रन्थ : श्रीत्तवद्या रत्नाकर
त्तवर्य : श्रीत्तवद्या
ग्रंथकार : धमंसम्राट करपात्री जी महाराज
१. वेि पवम(कममकांड आदि) भाग के ललए ब्राह्मण परं परा से अथवा पारं पररक सम्प्रिाय(शंकर परम्परा
आदि से) अथवा आधतु नक संस्था से मत
ु त पाठशाला में जाना चादहए।
१. गीता प्रेस,गोरखपरु
२. चौखम्बा, वाराणसी
३. वें कटे श्वर स्टीम प्रेस,मब
ुं ई
४. सत सादहत्य प्रकाशन,वि
ं ृ ावन
५. िक्षक्षणामततम मठ प्रकाशन,वाराणसी
६. स्वजस्त प्रकाशन, गोवधमन मठ,परी
७. शारिा मठ, द्वारका
८. आनंि आश्रम, बबलखा(गज
ु राती)
हर हर शंकर जय जय शंकर 👉
हर हर महािे व। 👉
- क्षेत्रज्ञ
(श्री वैदिक ब्राह्मण ग्रप
ु ,गज
ु रात)