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ािवत िजला जूरी कोट

Proposal to Enactt District Jury Court


& Narco Teest in Public

जज िस टम Vs जूरी िस टम

वोट वापसी कानून के अलावा जूरी िस टम होना सबसे बड़ी वजह रही क अमे रका-ि
रका टेन जैसे
देश भारत जैसे देशो से तकनीक के े म आगे, काफ आगे िनकल गए। जूरी मंडल ने वहां के
छोटे-मझौले कारखाना मािलको क जज-पु पुिलस-ने
लस ता के ाचार से र ा क और वे तकिनक
प से उ त िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी करने म सफल हो पाए !!

A Proposal of Right to Recall Party


जा अधीन राजा ;
राजा को जा के अधीन होना चािहए। वना राजवग अ यायपूण कानून का इ तेमाल करके जा को लूट
लेगा, और रा य का िवनाश होगा !! जा के अधीन नही होने पर राजवग अ याय,
याय खूसट से दंड लगाकर
जा का उसी तरह भ ण कर जायेगा जैसे मांसाहारी पशु शाकाहारी जीवो को खा जाते है !!

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 1 of 50
िजला जूरी कोट िजले म लागू कये जाने के िलए एक तािवत क़ानून है। इस क़ानून के गेजेट म आने के
बाद िजले के येक मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी।

(i) वोट वापसी पासबुक का नमूना ा करने के िलए कृ पया इस फोन नंबर पर संपक कर - 9351196383
(ii) वोट वापसी पासबुक के नमूने का पीडीऍफ़ यहाँ से डाउनलोड कर – Tinyurl.com/JilaJuryCourt

हम िजस गणरा य क थापना करना चाहते है उसम


नाग रको के पास वोट वापसी क़ानून ह गे। य द
आजाद भारत म वोट वापसी याएं नह यी तो
लोकतं एक मजाक बन कर रह जाएगा –

अ हसामूत महा मा चं शेखर आजाद , 1927

Contribution Price ; 20 Rs , Pages ; 50 Printer ; Media King Bhilwara.


Cover Page Scatch ; K.G. Kadam. Authors ; Rahul Mehta & Pawan Sharma.

Author’s note : Anyone can freely print, distribute & circulate this book and any part of this book.
But Modification in the proposed Jury court draft is not Permissible.

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 2 of 50
आमुख

भारत म िपछले 21 वष से “अ हसामूत महा मा उधम सह जी से ेरणा लेने वाले कायकता” जूरी कोट, वोट वापसी
पासबुक, र भूिम कर एवं धनवापसी पासबुक क़ानून ा स के नेतृ व म जन आ दोलन खड़ा करने के िलए यासरत है।
राईट टू रकॉल पाट इसी जन आ दोलन का एक िह सा है। राईट टू रकॉल पाट ने देश क अिधकतर सम या के
समाधान के िलए 28 क़ानून ा स का ताव कया है। इन सभी कानून ा स क जानकारी के िलए कृ पया राईट टू
रकॉल पाट का घोषणा प यहाँ से डाउनलोड कर – www.Rtr.Party/manifesto

इस पु तक म िजले म लागू कये जा सकने वाले तािवत जूरी कोट क़ानून ा ट के बारे म जानकारी दी गयी है। िवधायक
चाहे तो अपने िजले म इस कानून को लागू करवा सकते है। य द नाग रक अपने िवधायको एवं मु यमं ी को पो टकाड
भेजकर िजला जूरी कोट कानून क मांग करे तो इस कानून के आने क स भावना बढ़ जायेगी।

कॉपी ले ट : भारत का कोई भी नाग रक या संगठन इस पु तक म दए क़ानून ा ट का िविभ मा यमो ारा


चार, सार करने के िलए वतं है, और इसके िलए उ ह लेखको से अनुमित लेने क ज रत नह है। क तु
कसी भी ि को इन क़ानून ा ट म कोई पांतरण करने क अनुमित नह है।

इस पु तक म दए गए क़ानून ा ट का समथन करने के िलए आपको राईट टू रकॉल पाट का सद य बनने क


आव यकता नह है। य द कोई ि जूरी कोट क़ानून ा ट का समथन करता है तो इसका आशय यह नह है क
वह ि राईट टू रकॉल पाट का सद य है या राईट टू रकॉल पाट का समथन करता है। भारत क कोई भी
राजनैितक पाट या सं था, ट, एनजीओ आ द इस पु तक म दए गए क़ानून ा ट को अपने एजडे म शािमल
करने के िलए वतं है, और उ ह इस पु तक के लेखको के नाम का उ लेख करने क ज रत नह है – लेखक य

_____________

Index
S.no. अ याय Page No.

01 गेजेट या है, और धानमं ी / मु यमं ी इसक सहायता से शासन कै से चलाते है ? 06 - 10

02 राईट टू रकॉल पाट का संि प रचय एवं अ य तािवत कानून का िववरण 11 - 15

03 अमे रका क पुिलस एवं अ य सरकारी िवभाग भारत क तुलना म कम य है ? 16 - 20

04 जूरी िस टम और जज िस टम म कौनसी णाली बेहतर है ? 21 - 28

05 िजला जूरी कोट का तािवत क़ानून ा ट 30 - 38

06 िजला जूरी कोट क़ानून के गेजेट म छपने से कस तरह का बदलाव आएगा ? 40 - 42

07 िजला जूरी कोट लागू करवाने के िलए आप या कदम उठा सकते है ? 43 - 48

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भूिमका : िजला जूरी कोट क़ानून का सं ेप म प रचय

(1) िजला जूरी कोट क़ानून म 2 खंड है। पहले खंड म िजला जूरी कोट के संचालन क धाराएं है, तथा दुसरा खंड
िन िलिखत 6 अिधका रय को वोट वापसी पासबुक एवं जूरी ायल के दायरे म लाता है।

1. िजला पुिलस मुख 4. िजला िच क सा अिधकारी


2. िजला जज 5. िजला िमलावट रोक अिधकारी
3. िजला िश ा अिधकारी 6. िजला जूरी शासक

(2) िनचे सं ेप म बताया गया है क िजला जूरी कोट के लागू होने से कस तरह का बदलाव आएगा :

(2.1) िजला पुिलस मुख (S.P.) क िनयुि क या :

(2.1.1) मौजूदा व था : मौजूदा व था म िसफ गृह मं ी एवं मु यमं ी ही तय करता है क िजले का एस. पी.
कौन होगा। नाग रको क इसम कोई भूिमका नह है।

(2.1.2) जूरी कोट : जूरी कोट आने के बाद कोई भी ि जैसे थानेदार, इं पे टर, सब इ पे टर, कोतवाल या
िसपाही आ द कले टर कायालय म 25,000 जमा करवाकर एसपी के िलए आवेदन कर सकते है। य द िजले के
51% नाग रक कसी उ मीदवार को वीकृ ती दे देते है तो मु यमं ी अमुक ि को एस.पी. िनयु कर सकते है।
वीकृ ित दज करने क या िन िलिखत होगी :

1. आप दज क गयी अपनी वीकृ ित कसी भी दन र भी कर सकते है।


2. वीकृ ित देने को हाँ , और वीकृ ित वापस लेने को र के प म दज कया जाएगा।
3. वीकृ ित दज करने के एवज म आप 3 शु क का भुगतान करगे।
4. वीकृ ित र करने पर कोई शु क नह देना होगा।
5. आप अपनी पसंद के अिधकतम 5 याशीय को वीकृ ित दे सकते है। य द नाग रको का ब मत कसी
अय ि के प म हाँ दज कर देता है तो मु यमं ी नाग रको ारा बताए गए ि को अमुक पद
पर िनयु कर सकते है।
6. य द आपने अपना मोबाईल नंबर वोट वापसी पासबुक से लक कया आ है, तो आप SMS ारा भी
अपनी हाँ दज करवा सकते है।

बदलाव : तब थानेदार वगेरह कले टर कायालय म जाकर एसपी बनने के िलए आवेदन जमा कर सकगे और
अपने थाना े म पुिलस व था म इस दृि कोण से सुधार लाना शु करगे ता क नाग रको का ब मत को
राहत िमले। इस तरह सभी थानेदार , कोतवालो आ द म एसपी बनने क ित पधा शु होगी। वे राजनेता ,
एवं उ ािधका रय को खुश रखने का टारगेट लेकर काम करना कम कर दगे। जैसे जैसे िनचले तर पर ये सुधार
आयगे उनक वीकृ ितय क सं या बढ़ेगी, और मौजूदा एसपी पर अपना काम सुधारने का दबाव बनने लगेगा।

(2.2) पुिलसक मय क िशकायत के िनपटान क या :

(2.2.1) मौजूदा व था : य द आपको सब इं पे टर या पुिलस कम से कोई िशकायत है तो आप अपनी िशकायत


लेकर कोतवाल, एसपी िवधायक, मं ी या जज के पास जाना पड़ता है। दुसरे श द म राजक य कमचारी क
िशकायत लेकर आप राजक य वग के पास ही जाते है वे ही इस पर फै सला देते है।
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(2.2.2) जूरी कोट : तब य द आपक िशकायत कसी राजक य ि जैसे पुिलसकम आ द के िखलाफ है तो
मामले क सुनवाई राजक य ि नह करे गा बि क आम नाग रको क जूरी करे गी। जूरी के गठन के िलए
िनि लिखत िनयमो का पालन कया जाएगा :

1. येक मामले के िलए अलग से जूरी होगी, और फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जायेगी।
2. जूरी सद य का आयु वग 25 से 55 वष के बीच होगा व उनका चयन िजले क मतदाता सूची म से
लॉटरी ारा कया जायेगा।
3. जूरी ूटी करने वाले नाग रक को 600 ित उपि थित व या ा य िमलेगा।
4. जूरी म यूनतम 12 सद य ह गे और मामले क गंभीरता देखते ए सद य बढाए जा सकगे।
5. जूरी सद य जज या ायल एडिमिन ेटर क उपि थित म मुकदमा सुनगे और जूरी सद य के
ब मत ारा मंजरू फै सले को जूरी का फै सला माना जाएगा।
6. जूरी का फै सला परामश कारी होगा और जज चाहे तो जूरी के फै सले को पलट सकता है, या उसमे
संशोधन कर सकता है ।

बदलाव : राजक य कमचा रय म आपसी गठजोड़ होने के कारण उ ािधकारीय का अपने किन कमचा रय क
और झुकाव रहता है, और जा को याय नह िमलता। जब राजक य कमचा रय क िशकायत को नाग रको क
जूरी सुनकर दंड देना शु करे गी तो ाचार एवं उ पीड़न म तेजी से िगरावट आएगी।

(3) िश ा िवभाग : िजले के सम त अिभभावक क एक अलग से वोटर िल ट बनेगी। अिभभावक से आशय है कोई भी
माता या िपता िजसके 0 से 18 वष आयुवग क कोई संतान है। कोई भी ि जैसे अ यापक, िसपल, िश ािवद्, िनजी
कू ल संचालक आ द कले टर कायालय म 25,000 जमा करवाकर िजला िश ा अिधकारी के िलए आवेदन कर सके गा।
य द िजले कु ल अिभभावक के 35% अिभभावक कसी ि को वीकृ त कर देते है तो मु यमं ी अमुक ि को िजला
िश ा अिधकारी क नौकरी दे सकते है। िश ा िवभाग के सभी कमचारी एवं अिधकारी जूरी मंडल के दायरे म रहगे और
उनके िखलाफ आने वाली नाग रक िशकायत का िनपटान जूरी ारा ही कया जायेगा।

(4) िच क सा िवभाग : कोई भी डॉ टर य द िजला िच क सा अिधकारी बनना चाहता है तो वह कले टर कायालय म


25,000 जमा करवाकर िजला िश ा अिधकारी के िलए आवेदन कर सके गा। इसके बाद वह िजले के नाग रको के सामने
अपना एजडा रख सकता है क य द मतदाता उसे िच क सा अिधकारी बनाने के िलए वीकृ ित दे देते है तो वह सरकारी
अ पताल एवं िड पस रय म कस तरह के सकारा मक बदलाव लाएगा। य द कसी डॉ टर को िजले के कु ल मतदाता
क 35% से अिधक वीकृ ितयां िमल जाती है तो मु यमं ी अमुक डॉ टर को िच क सा अिधकारी िनयु कर सकते है।

(5) सरल कृ ित के आपरािधक मुकदम पर जूरी ायल : िनचे दए गए आपरािधक मामले भी जूरी के दायरे म आयगे :

1. ह या, ह या के यास , मारपीट, हसा, अ ाकृ ितक मानव मृ यु, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले।
2. अपहरण, कसी भी आयु क मिहला का पीछा करना, बला कार, छे ड़छाड़, काय थल पर उ पीड़न, दहेज़ , घरे लू
हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े।
3. सावजिनक सारण िजनम सभी कार के दृ य, , इले ोिनक आ द मा यम िजसम- फ़ म, टीवी, समाचार
प , पु तक, फे सबुक, हा स एप यू ूब आ द शािमल है - से स बंिधत सभी कार के मामले व आपि यां।
4. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य क ोपट के िववाद। मृ यु भोज क िशकायत।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 5 of 50
(1) गे जेट ा है, और धानमं ी / मु मं ी इसकी सहायता से शासन कैसे चलाते है ?

धानमं ी / मु यमं ी एवं एक आम आदमी म िसफ एक अंतर है, िजससे फक पड़ता है - पीएम एवं सीएम के पास गेजेट
छापने क शि होती है, और इसी गेजेट से पीएम / सीएम पूरा देश / रा य चलाते है।

(i) पेड मीिडया का गेजेट पर टड – पेड मीिडया पा टयाँ, पेड मीिडया नेता, पेड राजनीित शा ी आ द इस बात
पर काफ जोर देते है क नाग रको को इस त य के बारे म सूिचत नह कया जाना चािहए क देश क व था म
बदलाव लाने के िलए गेजेट म छपी यी इबारत क कतनी िनणायक एवं शि शाली भूिमका होती है।

ँ ाना है क –
(ii) हम रकािल स का एक सबसे मह वपूण ल य भारत के नाग रको तक यह बात प च

o गेजेट नो ट फके शन या है, और


o देश क व था म बदलाव लाने के िलए सबसे सीधा,
सीधा सरल और भावी तरीका यह है क अमुक या
को गेजेट म कािशत कया जाए। और एक बार जब भारत के नाग रक गेजेट नो ट फके शन क शि से
प रिचत हो जायगे तो वे जान जायगे क देश म ा कसी भी सम या का समाधान कतना आसान है।

े नो ट फके शन या राजप अिधसूचना या है ?


(1.1) गेजट

गेजेट यानी राजप । राजप यानी िजस प पर राजा क मुहर हो। यह 5,000 साल पुराना द तावेज है, और पूरी
दुिनया म सभी स यता म शासन चलाने के िलए शासक इसी द तावेज का इ तेमाल करते आये है और आज भी शासन
चलाने के िलए इसी का योग होता है। लोकतं म पीएम राजा है, और राज मुहर है अशोक त भ। िजस प पर राजा
राज मुहर लगाएगा वह राजा ा है, य द कोई ि राजा ा क अवहेलना करे गा तो उसे दंड का सामना करना पड़ेगा। इस
तरह गेजेट वह प है िजसमे पूरे रा क शि िनिहत है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 6 of 50
भारत या कसी भी देश क सेना एवं पुिलस इसी राजप के अधीन काम करती है। पीएम के पास इसे छापने क शि
होने के कारण सेना एवं पुिलस पीएम के िनयं ण म आ जाती है। य द कोई ि या अिधकारी पीएम के िनदश का पालन
नह करे गा तो पीएम सेना एवं पुिलस का इ तेमाल करके उसे दंड दे सकता है। तो पीएम देश के िविभ अिधका रय एवं
नाग रको को गेजेट के मा यम से आदेश देता है, एवं वे इसका पालन करते है। इस तरह इस एक कागज पर पीएम पूरा देश
चलाता है। च गु से लेकर , अकबर एवं वायसराय तक सभी शासक इसी कागज से देश चलाते थे। शासन बदलने से िसफ
मुहर बदल जाती है, क तु गेजटे वही रहता है।

े नो ट फके शन या राजप अिधसूचना कै से काम करती है ?


(1.2) गेजट

गेजेट नो ट फके शन या राजप अिधसूचना एक पुि तका है िजसका काशन के ीय एवं रा य मंि यो ारा हर महीने
या समय समय पर जब आव यक हो तब कया जाता है। गेजेट म मंि यो ारा शासिनक अिधका रय के िलए आदेश
जारी कये जाते। कले टर आ द अिधकारी िसफ वही काय करते है जो गेजेट म िलखा होता है, अिधकारी को इस बात से
कोई सरोकार नह होता क अमुक मं ी ने ेस म या पि लक रे ली के भाषण म या कहा था।

उदाहरण के िलए य द कोई मं ी ेस क स म, या रे ली म या अपने पाट के मेिनफे टो म यह कहता है क “ येक


प रवार को 20 लीटर कै रोिसन िमलेगा” , ले कन य द मं ी ने गेजेट म 10 लीटर िलखा है तो कले टर येक प रवार को
10 लीटर कै रोिसन ही देगा। य क कले टर को वही करना होता है जो गेजेट म िलखा गया है , न क वह करना होता है
जो मं ी अपने भाषण म कह रहा है। य द कले टर आ द अिधकारी गेजेट क अवहेलना करगे तो उनक नौकरी जा सकती
है , उन पर फाइन हो सकता है, पशन क सकती है और यहाँ तक क उ ह जेल भी जाना पड़ सकता है।

यह दुःख का िवषय है भारत म ब त ही कम कायकता गेजेट नो ट फके शन क शि के बारे म जानते है, और हमारा
ँ ाना होना चािहए क —
सबसे पहला ल य भारत के अिधकतम नाग रको एवं कायकताओ तक यह जानकारी प च

य द हम देश म कोई भी बदलाव लाना चाहते है तो कसी पाट या नेता को वोट देने से अमुक बदलाव नह आएगा, बि क
बदलाव िसफ तब आएगा जब धानमं ी इसके िलए गेजेट नो ट फके शन िनकालगे।

उदाहरण के िलए जब 1942 म बंगाल के अकाल म लाख लोग भूख से मरने लगे एवं वायसराय को यह अंदश
े ा आ क
बड़े पैमाने पर भुखमरी के कारण वे िव ोह कर सकते है, तो वायसराय ने गेजेट म राशन काड णाली लागू करने के िलए
िनदश िनकाले और भारत म राशन काड व था लागू हो गयी। ि तीय िव यु के कारण तब गोरो ने बंगाल एवं का
सारा चावल उठाकर अपनी फौज को भेज दया था, इससे अनाज क कमी हो गयी थी

(1.3) तो पीएम कस तरह सोचता है, और या काम करता है ?

पीएम का काम िसफ यह सोचना है क म गेजेट म ऐसा या छाप दूँ क ऐसा हो जाये। और जब पीएम यह सोच लेता
है क यह इबारत गेजेट म छाप देने से ऐसा हो जाएगा, तो पीएम उसे गेजेट म छाप देता है। उदाहरण के िलए, य द पीएम
सोचता है क देश के येक गरीब से गरीब नाग रक का बक म खाता होना चािहए ता क गरीबो को सुिवधा िमले, बको क
ताकत बढे और अथ व था पर बको का यादा से यादा िनयं ण थािपत हो। तो पीएम सबसे पहले यह सोचेगा क म
गेजेट म या छाप दूं क ऐसा हो जाए। फर पीएम गेजेट उठाता है और उसमे छापता है क -- “सभी रा ीयकृ त बको के
िनदेशको को िनदश दए जाते है क य द कोई नाग रक िसफ आधार काड लेकर आये तो भी वे उसका जीरो बेलस एकाउं ट
त काल खोलकर द ”अब अगले दन से लोग देश भर के बको क ांचो म आधार काड लेकर प च
ं ेगे और जन धन योजना
लागू हो जाएगी। अब बक जीरो बेलस एकाउं ट खोलने से इनकार नह कर सकता। य क यह आदेश गेजेट म आया है।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 7 of 50
फर पीएम सोचता है , क अब म और या क ं क बको क ताकत और भी बढे। तो वह गेजेट म छापता है क , सभी
नाग रक अपने 1000 एवं 500 के नोट अगले 2 महीने के अंदर बको म जमा करवा कर नए नोट ले ले, य क 2 महीने के
बाद ये नोट गैर कानूनी हो जायगे। पीएम इसी गेजेट म बको के िलए यह िनदश भी छापता है क य द कोई ि 1000-
500 के नोट लेकर आये तो उ ह नए नोट से बदल दो। पीएम गेजेट म रजव बक गवनर के िलए यह भी छापता है क वह
इतने उतने 2,000 के नए नोट छापकर बको को दे दे। और इस तरह पीएम गेजेट का इ तेमाल करके एक घंटे म देश भर को
िहला कर रख देता है !!!

य द पीएम टीवी पर आकर यह बोलता क बको म जाकर नोट बदल लो तो कोई भी बक उनके नोट नह बदलता था।
जब पीएम नोटबंदी गेजेट म िनकालेगा तब ही नोट बंदी लागू होगी। तो इस बात से कोई फक नह पड़ता क पीएम भाषण
अ छा देता है या मौन रहता है, या अ छा आदमी है या बुरा, रा वादी है या हदूवादी है, फक िसफ इस बात से पड़ता है
क वह गेजेट म या छाप रहा है। य द आप कसी पीएम का आकलन करना चाहते है तो उसके ारा छापे गए गेजेट को
प ढ़ए। उनके भाषण सुनने से आपको यह कभी अंदाजा नह होगा क पीएम कै सा काम कर रहा है। भाषण और बयान देना
कला का े है शासन का े नह है। शासन क गीता गेजेट है।

(1.4) धानमं ी का द तर : पीएम को अपने द तर म काम करने के िलए िसफ 4 व तुओ क ज रत होती है - कु स ,
टेबल, कलम और गेजेट !! कु स , टेबल और कलम सभी द तर म होती है, ले कन गेजेट िसफ पीएम एवं सीएम के पास
होता है। पीएम गेजेट का इ तेमाल करके पूरे देश को िहला सकता है, ले कन िबना गेजेट के पीएम एक प ा तक नह िहला
पायेगा !! तो पीएम गेजेट म इबारत छापने के अलावा जो भी गितिविधयाँ करता है, उससे कोई िनणायक बदलाव नह
आता, बदलाव िसफ तब आएगा जब वह गेजेट उठाएगा।

उदाहरण के िलए, य द पीएम चाहता है क, भारत म पुिलस एवं जज के ाचार म कमी आये तो सबसे पहले पीएम
को यह सोचना पड़ेगा क म इसके िलए गेजेट म या छापूँ !! य द पीएम भारत म पुिलस एवं जज के ाचार म कोई
कमी नह ला पा रहा है तो इसक िसफ 2 वजह है :

1. पीएम को वह इबारत नह सूझ रही है िजसे गेजेट म छापने से पुिलस एवं जज के ाचार म कमी आएगी, या
2. पीएम पुिलस एवं जज का ाचार कम करने के िलए आव यक इबारत जानबुझकर गेजेट म छापना नह
चाहता।

ि थित (1) म पीएम िनक मा है, और ि थित (2) म पीएम है तथा पुिलस-जज का ाचार कम करने म उसक
कोई िच नह है !! और वहा रक स ाई यही है क पीएम कभी िनक मा या अ म नह होता, य क उनके पास सलाह
देने वाले काफ बुि मान ि य का समूह उपल ध होता है।

(1.5) कसी राजनैितक पाट के कायकता और एक रकािल ट म या बुिनयादी अंतर है ?

एक रकािल ट इस नज रये से सोचने का आदी होता है क गेजेट म ऐसा या छापा जाए क पुिलस एवं जज के
ाचार म कमी आये, बेरोजगारी एवं महंगाई क सम या कम हो, िश ा का तर सुधर, सरकारी अ पताल म सुधार आये
आ द। गेजेट म हम ऐसा या छाप द क गंगा दुषण मु हो, गौ ह या म कमी आये, मं दर का शासन मजबूत हो,
िमशनरीज एवं ब रा ीय क पिनय के भाव म कमी आये, भारत क सेना आ मिनभर एवं मजबूत हो आदी आदी। और
फर हम िलखे गए इन गेजेट नो ट फके शन के ा ट पीएम को भेजते है। हम ये ा ट नाग रको को भी देते है और उनसे भी
कहते है क वे पीएम से इ ह गेजेट म छापने को कहे।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 8 of 50
उदाहरण के िलए, य द कोई सामा य कायकता भारत म जनसँ या वृि को लेकर चितत है तो वह पीएम से यह मांग
करे गा क – जनसँ या िनयं ण का क़ानून बनना चािहए, या पीएम से कहेगा क वे जनसँ या िनयं ण क़ानून का बनाए।
जब क एक रकािल ट सबसे पहले वह इबारत जुटाएगा िजसे गेजेट म छापने से जनसं या िनयं ण होगा, और फर वह
पीएम के सामने यह मांग रखेगा क भारत म जनसँ या िनयं ण करने के िलए पीएम को यह इबारत गेजेट म छापनी
चािहए। पेड मीिडया क चपेट म आकर भारत के कायकता ब धा अपना समय इस बात पर जाया कर देते है क आज
अमुक नेता ने या कहा उसके जवाब म उस नेता ने या कहा, कस आदमी को पीएम बनाना चािहए, कौन सा नेता भाषण
अ छा देता है, कौन नेता चोर है, कौन रा वादी है आ द। राजनीित के नाम पर 24*7 घंटे ऐसा अनु पादक िवमश चलते
रहता है। अमे रका क राजनीित म भी इस तरह क टंट बाजी है, क तु वहां इसका ितशत कम है। वहां के कायकता इस
बात से सूिचत है क राजनीित गेजेट पर चलती है। तो वे इस बात पर भी यान देते है क उनका शासक गेजेट म कौनसे
क़ानून छाप रहा है। वहां के कायकता वे इबारत िलख कर अपने ितिनिधय को भेजते है िज ह गेजेट म छापने से कसी
सम या का समाधान आएगा। और इस वजह से वहां पर वे बदलाव भी ला पाते है।

जब क भारत के यादातर कायकता पहले दौर म सम याएं उठाते है, और दुसरे दौर म यह सोचना शु करते है क हम
कस नेता को चुने क वह पीएम बनकर इस सम या का समाधान करे गा। और फर वे पेड मीिडया ारा दखाए गए 2-3
चेहर म से कसी एक सबसे कम बुरे चेहरे को चुनते है और अगले 5 वष तक उस सम या के समाधान का इ तजार करते है।
फर 5 साल बाद िनराश होकर वे नेता बदल देते है। इस तरह नए नेता आते जाते रहते है और सम या कायम रहती है।
य क ब धा भारत के नेता गेजेट म जो इबारत छापते है, वो ल ज भाषण म नह कहते, और जो ल ज भाषण म कहते है,
उसे गेजेट म नह िनकालते !! और इस वजह से सम या का समाधान िसफ भाषण एवं बहस तक सीिमत रहता है,
क तु गेजेट क भूिमका न होने से धरातल पर कोई बदलाव नह आता।

उदाहरण के िलए भारत म गरीबी, ाचार, अिश ा, आ द सम याएं है क तु भारत के कायकता नेता से यह कभी
नह पूछते क - आप गेजेट म ऐसा या छाप दोगे क गरीबी कम हो जायेगी। और जब नेता से जब ये पुछा नह जाता
तो वे रै ली म आते है और भाषण म गरीबी दूर करने का वादा करके चले जाते है। इस तरह यहाँ दो प कार बन जाते है

o कायकता जो नेताजी को जादूगर मानते है , और


o नेताजी जो कायकताओ को जादू दखाते है !!

य द भारत के कायकता नेता से उन कानून के ा ट माँगना शु करे िजनका वे वादा कर रहे है, तो नेताजी को
चुनाव लड़ने से पूव वे ा ट रखने पड़गे िजनके गेजेट म आने ने से उनके ारा कये गए वादे पूरे ह गे। और तब य द नेताजी
स ा म आने के बाद उन कानून को गेजेट म नही छापते तो वे साफ तौर पर ए सपोज हो जायगे क उ ह ने वादा तोड़
दया है, और इसी वजह से वे अपना वादा पूरा करगे !! अत: कायकताओ हमारा आ ह है क जब भी वे कसी नेता-
कायकता को कसी सम या पर बोलते देख तो उनसे पूछे क, िजस सम या को आप उठा रहे है उसका समाधान करने के
िलए आप गेजेट म कौनसी इबारत छापने का सुझाव देते है। य द वे इसका िलिखत ा ट देने से इनकार कर देते है तो
इसका आशय है क, उनक िच िसफ सम या उठाने म है, समाधान म नह । असल म, उनक ि थित उस आक े चर के
समान है, िजसके पास उस इमारत कोई न ा नह है, िजस इमारत को बनाने का वे वादा कर रहे है।

(7) भारत के कायकता सम याओ का समाधान लाने म असफल य रहे है ?

आपने ब धा देखा होगा क िविभ े ो म नाग रक एवं कायकता िविभ सम या जैसे गरीबी, भुखमरी, महंगाई,
पुिलस सुधार, ाचार, जनसँ या िनयं ण आ द को उठाते रहते है, और इसके िलए दशन आ द भी करते है। क तु
सरकार बदलती रहती है, और सम याएं बनी रहती है। इसक वजह यह है क नाग रक जब सरकार के सामने अपनी मांग
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 9 of 50
रखते है तो इसे गेजेट म छापे जा सकने वाली इबारत के प म नह रखते। अ प मांग होने के कारण नेता आसानी से
नाग रको को बु ा देने म सफल हो जाते है। तो कसी सम या के समाधान के िलए सरकार को बा य करने का सही तरीका
या है ? िनचे एक उदाहरण ारा बताया गया है क नाग रको को कस तरह अपनी मांग सरकार के सम रखनी चािहए।

मान लीिजये क, आप चाहते है क सरकार पुिलस म ा ाचार क सम या का समाधान कर। अब यहाँ सबसे
बड़ी सम या यह है क सरकार म बैठे नेता, मं ी आ द को पुिलस णाली इस तरह क चािहए क -

1. पुिलस अिधकारी उनके सभी कार के सही-गलत आदेशो का पालन कर।


2. य द पुिलसकम उनके गलत आदेश नह मानता, या उ ह घूस इक ी करके नह देता है तो वे उसे ांसफर या
स पड कर सके ।
3. य द पुिलसकम उनके सभी गलत आदेशो का पालन करता है तो वे उसे पदो ित एवं अ छी पो टग दे सके ।

और धिनक वग एवं रसूखदार लोगो को पुिलस व था ऐसी चािहए क -

1. जब वे पैसे फकने लगे तो पुिलस उनके इशारे पर काम कर।


2. य द पुिलस अिधकारी ईमानदार है तो वे उ ािधकारी या नेता से गठजोड़ करके उसका ांसफर करवा सके ।
3. य द पुिलस अिधकारी गलत आदेशो को मानने से इं कार करता है तो वे मं ी को घूस देकर उसे स पड करवा सके ।

अब य द आप सरकार से यह एक पंि क मांग करते हो क “पुिलस का ाचार दूर करो”, तो हमारे िवचार म यह
एक अ प एवं थ मांग है। यह अ प एवं थ इसीिलए है, य क आपने “सुधार” श द का आशय िनकालने क
िज मेदारी सरकार पर छोड़ दी है। तो यादातर स भावना है क सरकार पुिलस व था म इस तरह का “सुधार” लाएगी
िजससे पुिलस अिधका रयो पर मंि यो एवं राजनेताओ का िनयं ण और भी बढ़े, और वे इस तरह के “नकारा मक बदलाव”
को “पुिलस सुधार” के नाम पर िव ािपत कर दगे !!

तो य द कोई नाग रक / कायकता पुिलस से ाचार दूर करने म िच लेता है तो उसे सबसे पहले वह ा ट ा
करना चािहए िजसे गेजेट म छापने से भारतीय पुिलस म से ाचार दूर हो सकता है। और फर सरकार से यह मांग करनी
चािहए क वे पुिलस का ाचार कम करने के िलए अमुक ा ट क इबारत गेजेट म छाप। और इसी तरह य द आप
सरकार से गरीबी कम करने क मांग कर रहे है तो आपके पास सबसे पहले वह ा ट होना चािहए िजसे गेजेट म छापने से
गरीबी कम होगी, और तब आपको सरकार से यह मांग करनी चािहए क वे गरीबी कम करने क अमुक इबारत गेजेट म
छाप। य द भारत के यादा से यादा कायकता ा ट आधा रत मांग आगे बढ़ाने लगते है तो ज दी ही भारत क यादातर
सम या का समाधान कया जा सकता है।

पाठको के िलए अ यास

(i) िविभ राजनैितक पा टय के नेता एवं कायकता जो भी सम याएं उठा रहे है, उनसे समाधान के ा ट मांिगये

(ii) य द कोई बुि जीवी सोशल मीिडया आ द मंचो पर कसी सम या को उठा रहा है तो उससे पूिछए क, अमुक सम या
का समाधान करने के िलए वे गेजेट म कौनसी इबारत छापने का ताव करते है।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 10 of 50
(2) राईट टू रकॉल पाट का संि प रचय

(1) पाट का फं ड मैनेजमट :

अ य पा टय के उलट यह पाट क ीय तर पर कोई पैसा इक ा नह करती है। कोई बक एकाउं ट भी नह है। बक


एकाउं ट नह होने के कारण पाट के ीय तर पर पैसो का कोई लेन देन नह करती है। RRP क नीित है क यह आगे भी
बक खाता नह खोलेगी, और क ीय तर पर पैसो का कोई लेनदेन नह करे गी। य द चुनाव आयोग भिव य म ऐसा िनयम
बना देता है क पाट को खाता खोलना अिनवाय हो जाए तो बक अकाउं ट खोला जा सकता है, अ यथा नह ।

(2) याशी ारा पैसा लेने का तरीका :

य द कोई ि पाट के टके ट पर चुनाव लड़ता है तो पाट न तो कसी भी प म उसे कोई आ थक सहायता देती है,
और न ही कसी भी प म कोई आ थक सहायता लेती है। उ मीदवार को खुद ही जमानत रािश देनी होती है, और खुद ही
चार के िलए पैसा जुटाना होता है। य द कोई ि कसी याशी को कोई आ थक सहयोग देना चाहते है तो थानीय
तर पर जो कायकता पाट क और से चुनाव लड़ते है उ ह सहयोग कर सकते है।

(3) पाट का संगठना मक ढांचा :

पाट म सभी सद य क हैिसयत समान है, और व र -किन के आधार पर कसी भी ि को कोई अित र तव ो
नह दी जाती। पाट या पाट के पदािधकारीय ारा िसफ सुझाव जारी कये जाते है, िनदश नह । पाट ारा जारी
सुझावो को पाट सद य मान भी सकते है, और नह भी मान सकते है। पाट का कोई सद य कसी भी अ य सद य को कोई
िनदश नह दे सकता, क तु िसफ सुझाव दे सकता है। पाट अ य पाट के सद य ारा सीधे मतदान ारा चुना जाता है,
और पाट के सद य कसी भी समय पाट अ य को िनकालने के िलए मतािधकार का योग कर सकते है। पाट का कोई
भी सद य अ य बनने के िलए उ मीदवारी कर सकता है, और चुनाव जीत कर पाट का अ य बन सकता है।

(4) पाट क सद यता एवं िन कासन :

1. सद यता : पाट क सद यता िन:शु क एवं वैि छक है। कोई भी ि सद यता फॉम भरकर पाट का सद य
बन सकता है। RRP म सभी सद य क हैिसयत समान होती है। पाट का सद य बनने के साथ ही सद य को
सभी मामलो म बोलने और पाट क और से व पाट के िलए काम करने के अिधकार िमल जाते है।

2. िन कासन : एक बार सद य बनने के बाद पाट कसी भी सद य को कसी भी तरह से िन कािषत नह कर सकती
है। पाट के पास अनुशासन स ब धी कायवाही करने के भी कोई अिधकार नह है। य द कोई सद य पाट के टके ट
पर लड़ रहे उ मीदवार के िखलाफ चार करता है, या कसी अ य पाट क तरफ से चुनाव लड़ता है, या पाट के
राि य अ य आ द के िखलाफ कसी भी तर क आलोचना या खुला िवरोध करता है, तब भी कसी भी सद य
को पाट से िनकाला नही जा सकता। जो ि पाट म सद य बन गया वह वे छा से तो पाट छोड़ सकता है,
क तु पाट से िनकाला नही जा सकता।

(5) पाट क मी टग एवं बैठके :

(5.1) रा ीय एवं रा य तरीय मी टग : पाट राि य एवं रा य तर पर कभी कोई मी टग आयोिजत नह करती है। सभी
सद य को अपने तर पर एक इकाई के प म काम करना होता है। पाट म ‘टीम वक’ एवं ‘एकतावाद’ आ द को बढ़ावा
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 11 of 50
नह दया जाता। पाट कोई भी नीित बनाकर कायकताओ को नह देती, न ही कोई रणनीित या पाट लाइन देती है।
येक सद य को चार के िलए खुद ही नीित बनानी होती है, और खुद ही अपने खच पर काम करना होता है।

(5.2) थानीय तर पर मी टग : पाट के कायकता आपसी संवाद के िलए कोई मी टग वगेरह करना चाहते है तो वे
थानीय तर पर मी टग रख सकते है। थानीय तर क इस मी टग के िलए िनयम एकदम प एवं अप रवतनीय है :

1. ऐसी मी टग िसफ महीने के दुसरे रिववार यानी 2nd Sunday को ात: 10 बजे ही क जा सकती है। यह
मी टग अिनवाय प से सावजिनक थल पर ही रखी जानी चािहए। इसके िलए कायकता कोई मं दर / रे लवे-
बस टेशन / शेड / पाक प रसर आ द चुन सकते है।
2. य द एक बार कोई सावजािनक प रसर तय हो जाता है तो फर उस थान को कसी भी ि थित म बदला नह
जा सकता है। फर वह थान हमेशा के िलए तय हो जाएगा ।

दुसरे रिववार के अित र अ य दन म कायकता िनजी थल पर सभाएं वगेरह रख सकते है, क तु पाट क अिधकृ त
सभा महीने के ि तीय रिववार को सावजिनक थल पर ही होती है। मी ट स के संचालन इस तरह का है क इसक मी टग
वगैरह खुद होती है। अ य या अ य पदािधकारी मी टग न तो बुला सकते है, और न ही कसी मी टग को रोक सकते है।

(6) पाट का मु य ित द
ं ी:

RRP बुिनयादी प से भारत क कसी भी पाट / नेता के िखलाफ नह है। RRP के कई सद य एवं कायकता देश क
िविभ राजनैितक पा टय एवं संगठनो म भी जुड़े ए है। RRP म काम करने के िलए उ ह उन पा टय को छोड़ना नह
होता है, अत: RRP का अ य राजनैितक दल से कोई ितरोध नह । RRP का मु य और एक मा ित द
ं ी पेड मीिडया है।
RRP के कायकता पेड मीिडया के एजडे िखलाफ काम करते है। हमारा ल य जूरी कोट एवं वोट वापसी के तािवत कानून
को गेजेट म कािशत करवाना है, ता क पेड मीिडया को िवदेशी क पिनय के िनयं ण से मु करवाया जा सके है। अत:
कसी भी पाट क सरकार को बदलना या हटाना हमारा उ े य नह ।

(7) चार का िवके ि त तरीका :

पाट के कायकता चार के िलए िवके ि त तरीको का योग करते है, अत: चार म पेड मीिडया का इ तेमाल नह
कया जाता। पेड मीिडया का इ तेमाल िसफ िव ापन देने म कया जाता है। िवके ि त तरीको म पच बांटना, बैनर लगाना,
नाग रक सभाएं करना, सोशल मीिडया आ द शािमल है। RRP अख़बार / टीवी से दूरी बनाकर रखती है।

जब भी कोई ि RRP के संपक म आता है तो सबसे पहले उसे िलिखत म िन िलिखत सूचना दी जाती है :

“य द आप RRP के बारे म कसी भी टीवी/ अख़बार आ द म कोई खबर/ सूचना /िव े ण आ द देख और य द यह
िव ापन के प म नह है, तो इसे गंभीरता से न ले और इसक साफ़ तौर पर अवहेलना कर। पाट सद य अपनी
गितिविधय आ द के बारे म सूचनाएं कािशत कराने के िलए समाचार प के द तर म जाकर लॉबीइं ग नह
करते है।

अत: य द पेड मीिडया RRP के बारे म अ छी खबर कािशत करता है, तब भी इस पर यान न द। हम नाग रको
तक प च
ँ ने और संवाद करने के िलए कायकता के िवके ि त नेटवक का ही इ तेमाल करते है। हालां क यह
तरीका धीमा है, पर हम इसी तरीके से काम करने म मानते है।“

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 12 of 50
(8) पाट का एजडा :

RRP के कायकता कसी भी कार क घोषणा एवं अ प वाद म नह मानते है, बि क िसफ कानून ा ट म मानते
है। अत: पाट के मेिनफे टो म िसफ क़ानून ा ट है, और क़ानून ा ट के अलावा कु छ नह है। राईट टू रकॉल पाट कसी
भी कार क िवचारधारा म भी नह मानती है, िसफ क़ानून ा ट धारा म मानती है। पाट के कायकताओ एवं पाट का
मूल उ े य इन क़ानून ा स क जानकारी नाग रको तक प च
ँ ाना है ता क इ ह गेजेट म छपवाने के िलए मांग खड़ी क
जा सके । RRP के कायकताओ का मु य ल य भारत क सेना को अमे रका के बराबर ताकतवर बनाना है। RRP के सभी
क़ानून ा स इसी आदश को सामने रखकर िलखे गए है।

(9) RRP क काय शैली :

RRP के कायकता एवं सद य ब धा पाट के नाम का चार नह करते है। वे िसफ क़ानून ा ट का चार करते है। पाट
के कायकताओ का उ े य िसफ कानून क मांग आगे बढ़ाना है। य द कोई नाग रक RRP ारा तािवत कानून से सहमत
है तो वह खुद अपने संसाधन से अमुक कानून का चार करना शु कर देता है।

ि को इसके िलए खुद ही काम करना होता है। न तो पाट कभी कसी को कोई काम करने के िलए बताती है, और न
ही उ ह काम करने से रोकती है। RRP के सद य सावजिनक मंचो पर रडमली सूचनांए एवं क़ानून ा स रखते रहते है।
िजसे इनमे िच होती है वह अपनी तरफ से काम करना शु कर देता है। बस इसी तरह से लोग खुद आते है और अपनी
मज से क़ानून ा स क मांग को आगे बढ़ाते रहते है। RRP पूरी तरह से िवके ि त तरीके से काम करती है। क ीय
िनयं ण शू य है। इस पाट म कोई भी बड़ा (Branded) आदमी नह है। सभी छोटे छोटे लोग िमलकर अपने खच से पाट
चला रहे है।

सार

1. इस पाट म क ीय तर पर नेता नह है, सभी कायकता है। और सभी कायकता िलिखत क़ानून ा स को नेता
मानते ए ा ट के नेतृ व म ही काम करते है।
2. इस पाट म कायकताओ को दबाने के िलए एकता एवं अनुशासन का इ तेमाल नह कया जाता है।
3. पाट सद यता अिभयान नह चलाती। िजसे पाट से जुड़ना हो वह खुद इसम आकर जुड़ सकता है।
4. टीम वक को ो साहन नह दया जाता। येक कायकता को एकल सद यीय टीम के प म काम करना होता है।
5. राईट टू रकॉल पाट संगठन को बड़ा एवं मजबूत बनाने क दशा म काम नह करती।
6. इस पाट के पास कोई िवचारधारा नह है, िसफ क़ानून ा स है।
7. इस पाट के पास के ीय तर पर कोई बा यकारी रणनीित नह है। हर कायकता अपनी रणनीित बनाने के िलए
वतं है, और खुद क रणनीित बनाकर काम करता है।
8. के ीय तर पर पैसे का लेनदेन शू य है।
9. राईट टू रकॉल पाट नाग रको तक प च
ँ ने के िलए पेड मीिडया का इ तेमाल नह करती है।

राईट टू रकॉल पाट ने अनौपचा रक प से 1999 म काम शु कया और 2018 म चुनाव आयोग ने इसे राि य पाट
के प म रिज टड कया। 2019 के लोकसभा चुनाव म RRP के 16 यािशय ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। राईट टू
रकॉल पाट भारत क एक मा पाट है जो पेड मीिडया के ायोजको (अमे रक -ि टश हिथयार िनमाता) के बढ़ते गलत
भाव को कम करने क दशा म काम कर रही है। भारत क शेष सभी मु यधारा क पा टयाँ खुद को बढ़ाने एवं टके रहने
के िलए पेड मीिडया के ायोजको पर बुरी तरह से िनभर है।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 13 of 50
(10) राईट टू रकॉल पाट ारा तािवत अ य कानून ा स क सूची

राईट टू रकॉल पाट ने देश क िविभ सम या के समाधान के िलए 28 क़ानून ा स तािवत कये है। िनचे इन
कानून म से कु छ मु य कानून का िववरण दया गया है।

(01) धन वापसी पासबुक - #DhanVapsiPassbook

भारत म देशी तथा िवदेशी धिनक बड़े पैमाने पर खिनजो को लूट रहे है। यह क़ानून खिनजो क इस लूट को रोक
देगा। इस कानून के लागू होने के बाद सभी खदान +सरकारी जमीन को िसफ लीज / कराए पर दया जा सके गा
और इ ह हमेशा के िलए बेचा नह जा सके गा। साथ ही भारत सरकार के िनयं ण म मौजूद सभी खिनज एवं
सरकारी भूिम देश के नाग रको क संपि घोिषत हो जाएगी। तब देश के सम त खिनज+ पे म+सरकारी भूिम
से ा होने वाली रॉय टी एवं कराया ‘135 करोड़ भारतीय का संयु खाता’ नामक बक एकाउं ट म जमा
होगा। इस रािश का 65% िह सा सभी भारतीय म बराबर बंटेगा और 35% िह सा सेना के खाते म जाएगा।

(02) र भूिम कर - #EmptyLandTax

यह क़ानून अकायशील एवं अनुपयोगी जमीन पर कर लगाता है। इस क़ानून के गेजेट म छपने के बाद जीएसटी र
हो जाएगा। िजन नाग रको के पास एक िनि त सीमा से अिधक भूिम है उ ह वष म एक बार जमीन क क मत
पर 1% क दर से र भूिम कर चुकाना होगा। य द ि आयकर के दायरे म आता है, देय र भूिम कर म से
चुकाया गया आयकर घटा दया जाएगा।

(03) जूरी कोट - #JuryCourt

यह कानून अदालत , थान , कू ल , अ पताल , बक, मीिडया, अ य के ीय, रा य एवं िजला तरीय सरकारी
िवभाग का ाचार दूर करे गा। तािवत जूरी कोट कानून के तीन वजन है

1. राि य जूरी कोट – इसे धानम ी ारा पूरे देश म लागू कया जा सकता है।
2. रा य जूरी कोट – मु यमं ी यह क़ानून अपने रा य म लागू कर सकते है।

3. िजला जूरी कोट – कसी िजले के 4 िवधायक इसे अपने िजले म लागू कर सकते है।

(04) वोइक - #Woic

यह कानून भारत के संवेदनशील े ो म िवदेशी िनवेश (FDI) पर िनब धन लगाकर िसफ ‘स पूण प से भारतीय
नाग रको के वािम व वाली कं पिनय ’ को कारोबार करने क अनुमित देता है, तथा भारत म भारतीय ारा
वदेशी हिथयार के उ पादन (Made in India Made by Indians) के िलए आव यक शासन क रचना करता है।

(05) टू चाइ ड पॉिलसी - #TwoChildPolicy

जनसँ या िनयं ण का यह तािवत कानून दो से अिधक संतान रखने वाले नाग रको पर कु छ िनब धन लगाता
है। पर तु िजन अिभभावक के 1 या 2 या 3 पुि याँ है क तु कोई भी पु नह है, उ ह कु छ अित र आ थक
लाभ भी िमलगे, एवं उ ह कसी आ थक दंड का सामना भी नह करना होगा। इस कानून से लड़का-लड़क का
लगानुपात (Sex Ratio) नह िबगड़ेगा

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 14 of 50
(06) एन आर सी आई - #Nrci

इस कानून म रा ीय नाग रकता रिज टर (National Register for Citizens of india) बनाने क या है। यह
कानून अवैध आ थक िवदेशीय (illegal economic migrant) को िचि हत करके उ ह भारत से िन कािसत करे गा
और तािड़त शणा थयो (Persecuted refugee) को शरण देगा। गृह मं ी ी अिमत शाह ने भरोसा दलाया है
क ज दी ही वे देश ापी NRC का ा ट लायगे। क तु जब तक सरकार देश ापी NRC का ा ट सामने नह
रखती, तब तक हम इस बारे म कोई अनुमान नह लगा सकते क इसम या ावधान ह गे। असम म NRC का जो
ा ट लागू कया गया था उसम असम रा य के िलए िवशेष ावधान थे, अत: असम का NRC ा ट पूरे भारत म
लागू नह कया जा सकता है। तािवत NRCI इस कमी को पूरा करता है।

े पेपर लाना - #CancelEvm


(07) Evm र करके बेलट

हमारी ाथिमक मांग यह है क, Vvpat के कांच को पारदश कया जाए, ता क मतदाता पच को छपते एवं
कटते देख सके । उ लेखनीय है क, 2019 के लोकसभा चुनाव तक Vvpat का कांच पारदश होता था, िजसे
कचुआ (के ीय चुनाव आयोग) ने अंधे कांच से बदल दया है !! राईट टू रकॉल पाट के कायकता 1999 से ही
Evm के िखलाफ रहे है, और मतप को फर से शु कये जाने के प म है।

(08) इितहास का पुनरी ण - #HistoryRevised

यह कानून इितहास क पु तक के पुनरी ण क या शु करे गा, ता क पाठयपु तको म सही एवं मािणक
इितहास िलखा जा सके ।

(09) जूरी पंचायत - #JuryPanchayat

इस कानून म ऐसी याएं है जो थानीय / ामीण शासन को चलाने वाले अिधका रय एवं जन ितिनिधय
क लापरवाही, अकम यता एवं ाचार म कमी लाएगी। इसम सरपंच, पाषद, सभापित, धान, िजला मुख,
पटवारी, ाम सिचव, तहसीलदार, िगरदावर आ द को वोट वापसी एवं जूरी ायल के दायरे म कया गया है।

(10) गौ नीित - #GauNiti

यह कानून देशी न ल क गाय का सरं ण करने के िलए एक गौ क याण मं ी एवं िजला तर पर गौ को


अिधकारी क व था देता है। गौ क याण मं ी एवं गौ र ा अिधकारी वोट वापसी पासबुक एवं इनका टाफ
जूरी ायल के दायरे म होगा।

(11) िह दू बोड - #HinduBoard

यह क़ानून सरकार ारा हिथयाये जा चुके सभी देवालय को सरकारी िनय ण से मु करेगा। तािवत िह दू
बोड िशरोमिण गु ारा बंधन कमेटी क तज पर एक धा मक ट का गठन करता है। इस ट का नाम रा ीय
िह दू बोड (R.H.B.) होगा तथा इस ट का अ य िह दू संघ धान कहलायेगा। भारत म िनवास करने वाला येक
िह दू इस बोड का वो टग मे बर बन सके गा। य द संघ धान या उसके टाफ के िखलाफ कोई िशकायत आती है
तो मामले को सुनने और दंड देने क शि जज क जगह िह दू नाग रको क जूरी के पास रहेगी। िविभ िह दू
एवं सनातन सं दाय भी अपनी मौजूदा पहचान बनाये रखते ए वैि छक प से इस बोड म पंजीकृ त हो सकगे।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 15 of 50
(3) अमे रका की पुिलस एवं अ सरकारी िवभाग भारत की तुलना म कम ों है ?

आपने अमे रका म रह रहे अपने र तेदारो, िम आ द से यह अव य सुना होगा क अमे रका के पुिलस िवभाग एवं
अदालत म भारत क तुलना म ाचार ब त कम है। तो इसक वजह या है ?

या आप जानते है क –

1. क, जब अमे रका म पुिलस कसी आम नाग रक का उ पीड़न करती है तो नाग रक अपनी िशकायत लेकर शासन
के ि यानी एसपी या जज के पास नह जाता, बि क आम नाग रको क जूरी के सामने जाता है ? जूरी म 15
सद य होते है और नाग रको क यह जूरी सुनवाई करके अपना फै सला देती है !!
2. क, अमे रका-ि टेन म आपरािधक मुकदमो जैसे मारपीट, अपहरण, धोखाधड़ी, ह या, बला कार आ द मुकदमो
को सुनने एवं दंड देने क शि आम नाग रको क जूरी के पास है, शासन के ि य (जज ) के पास नह ?
3. या आप जानते है, य द अमे रका म कसी िजले के नाग रको को यह लगता है क पुिलस ठीक से काम नह कर
रही है, तो अमुक िजले के नाग रक ब मत का दशन करके अपने िजले के एसपी को नौकरी से िनकाल सकते है ?
4. क, अमे रका म नाग रको के पास वोट देने के साथ साथ वोट वापस लेने का अिधकार भी है ? मतलब, अमे रका
म य द कोई िवधायक सांसद, पाषद या सभापित ठीक से काम नह कर रहा है तो वहां के नाग रक अगले चुनाव
का इ तजार नह करते, बि क वोट वापसी का योग करके अपने नेता को कसी भी समय बदल सकते है !!

तो अमे रका क पुिलस भारत क तुलना म कम य है ?

(i) पेड मीिडया ारा बतायी गयी वजह : पेड मीिडया का तक है क एक आम अमे रक नाग रक क तुलना म
आम भारतीय , अिशि त, जािहल, गंवार है और इसीिलए भारतीय पुिलस म अमे रका क तुलना म अिधक
ाचार है। उनका यह भी कहना है क भारत म लोकतं प रप नह है, भारतीय क राजनैितक सं कृ ित
घ टया है, उनमे राि य च र का अभाव है और इसीिलए भारत के पुिलस िवभाग म ाचार है।

(ii) वा तव म इसके पीछे वजह शासिनक है :

1. दरअसल अमे रका म िजला पुिलस मुख (S.P.) को वोट वापसी के दायरे म कया गया है। वोट वापसी
के दायरे म होने के कारण जब नाग रक देखते है क िजला पुिलस मुख ठीक काम नह कर रहा है तो वे
उसे नौकरी से िनकाल देते है। नौकरी खोने का यह भय वहां के पुिलस क मय को ईमानदार बनाता है !!
2. अमे रका म जब पुिलस एवं नाग रको के बीच कोई िववाद होता है, या पुिलस उ पीड़न के िखलाफ कोई
मुकदमा दज होता है तो मुकदम क सुनवाई ‘आम नाग रको क जूरी’ करती है, जज नह !!

मतलब, अमे रका के कसी िजले म य द नाग रक पुिलस के काम से संतु नह है और वे एस पी को िनकालना चाहते है,
तो उ ह डीआईजी या मु यमं ी या गृह मं ी के पास जाकर िशकायत करने क आव यकता नह है !! अमे रका के नाग रक
को अदालत म ध े खाने क भी ज रत नह है। अमे रका म कसी िजले के नाग रक को बस यह सािबत करने क
आव यकता है क िजले के मतदाताओ का ब मत चाहता है क मौजूदा एस. पी. को नौकरी से िनकाल दया जाए।

तो अमे रका म एस. पी. इस बात का यान रखता है क य द पुिलस शासन म ाचार फ़ै ल गया, अपराधो म वृि
यी तो नाग रको का ब मत मुझे नौकरी से िनकाल देगा, और इसी वजह से अमे रका म पुिलस मुख उसके अधीन
शासन एवं टाफ को ईमानदारी से बनाए रखता है। जब क भारत म एस.पी. क िनयुि से लेकर िन कासन का अिधकार

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 16 of 50
नेता के पास होने के कारण एस पी अपने आला अिधका रयो एवं नेता को खुश रखने का टागट लेकर काम करता है।
भारत का िजला पुिलस मुख वोट वापसी के दायरे म नही होने के कारण पुिलस मुख जनता क और से बे फ बने रहते
है, और ऐसे मौको क तलाश म रहते है िजससे यादा से यादा पैसा बना सके । य क उ ह पता है क, नाग रको के पास
ऐसी कोई या नह है िजससे वे उ ह नौकरी से िनकाल सके ।

उदाहरण के िलए 2017 म कोलोराडो ा त के सेि वक


काउं टी के नाग रको ने अपने एस.पी. थॉमस ह ा को वोट
वापसी क़ानून का योग करते ए नौकरी से िनकाल दया
था। थॉमस पर पद पर रहते ए यौन अपराध के आरोप थे
!! वोट वापसी म 91% नाग रको ने उ ह िनकाल दए जाने
पर सहमती दी थी !!

तो वोट वापसी का योग करके अमे रका के नाग रक


पुिलस को चेतावनी देते रहते है, और नौकरी से िनकाले
जाने का भय यह सुिनि त करता है क, अ य एस.पी.
ईमानदारी से काम करे ।

(2.1) कै से हमारी व था ईमानदार लोगो को भी होने के िलए बा य कर देती है ?

ऐसा नह है क भारत म सभी एस.पी. बेईमान है, और कोई भी ईमानदार नह है। दरअसल भारत म भी कई एस.पी,
थानेदार एवं जूिनयर पुिलसकम ईमानदार है, और वे अ छी नीयत से काम करना चाहते है। क तु नेता एवं धिनक वग
ने िस टम को इस तरह से िडजाइन कया है क पुिलस मुख उ ह बेईमानी करने और नेताओ के गलत आदेशो का पालन
करने के िलए बा य कर देता है।

उदाहरण के िलए मान लीिजये एक ईमानदार ि एस.पी. बन जाता है। क तु य द वह घूस इक ी करके नेताजी को
नह देगा, या नेताजी के आदिमय को िगर तार करे गा तो नेताजी उसका ांसफर ख़राब जगह करवा दगे। य द एस.पी.
नेताजी को खुश रखता है तो उसे अ छी जगह पर नौकरी करने का अवसर और मोशन िमलेगा। तो ज दी ही ईमानदार
एसपी भी नेताजी का ख़ास आदमी बनने क कोिशश करे गा, और जनता क तरफ यान देना छोड़ देगा। य क वह जानता
है क, न तो जनता उनक नौकरी क र ा कर सकती है, न ही उ ह मोशन दला सकती है। इस तरह सभी अिधकारी
अपने उ अिधका रयो एवं नेता के िलए काम करने लगते है।

(a) भारत म रा य का मु यमं ी सभी िजलो के पुिलस मुख क िनयुि करता है, और य द कोई पुिलस मुख
है तो िजले के नाग रको के पास ऐसी कोई या नह है िजससे वह अपने पुिलस मुख को बदल सके । इस वजह से
एसपी मु यमं ी, िवधायको एवं उ अिधका रय से गठजोड़ बना लेता है।

(b) अमे रका के रा य म येक िजले का पुिलस मुख िजले के नाग रको के ित सीधे जवाबदेह है। अत: जब वे देखते
है क उनके िजले का पुिलस मुख ठीक से काम नह कर रहा तो वे मु यमं ी / िवधायक को बदलने का यास नह
करते, बि क सीधे िजला पुिलस मुख को बदल देते है। इस तरह नाग रको के पास पुिलस मुख को सीधे
िनकालने क या होने के कारण वहां पुिलस मुख पद पर बना नह रह पाता, और िनकाल दया जाता है।

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िनचे अमे रका क क ीकृ त एवं भारत क िवक ीकृ त पुिलस व था क तुलना बतायी गयी है।

(2.3) अमे रका म पुिलस के िखलाफ आने वाली िशकायत को नाग रको क जूरी सुनती है, जज नह

अमे रका के पुिलस िवभाग म ाचार कम होने क दूसरी बड़ी वजह यह है क – जब पुिलस के िखलाफ कोई नाग रक
िशकायत आती है तो इस मुकदम को नाग रको क जूरी सुनती है, जज नह !!

(2.3.1) भारत म - मान लीिजये क पुिलस कसी नाग रक के साथ कोई मारपीट करती है, या घूस वसूलने के िलए उस पर
उ टे सीधे मुकदमे डालती है, या उसे कसी झूठे मामले म फं सा कर िगर तार करती है तो भारतीय नाग रक के पास िसफ
3 िवक प होते है :

1. वह पुिलस क िशकायत करने के िलए उ अिधकारी के पास जाएगा, या


2. वह जज के पास जाएगा, या
3. िवधायक, मु यमं ी आ द के पास जायेगा।

कहने क ज रत नह क पुिलस अिधकारी, जज एवं नेता म गठजोड़ होता है। ये तीनो वग एक दुसरे का काम
िनकालते रहते है, और पुिलस जो घूस इक ा करती है, उसमे से एक िह सा जज एवं नेता क जेब म भी जाने के कारण
नेता+पुिलस+जज आम आदमी क िशकायत पर कोई कायवाही नह करते।

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(2.3.2) अमे रका म – मान लीिजये क, कसी पुिलसकम ने नाग रक के साथ दु वहार कया है तो वहां पर नाग रक
अपनी िशकायत जूरी मंडल के सामने तुत करता है, जज या उ ािधकारी के सामने नह । जूरी के गठन के िलए मतदाता
सूिचय म क ही 15 नाग रको का चयन कया जाता है, और यह जूरी नाग रक क िशकायत सुनकर अपना फै सला देती है।
नाग रको क यह जूरी पुिलसकम को य द दोषी पाती है तो उस आ थक दंड लगा सकती है, या उसे सजा भी दे सकती है !!

दुसरे श द म, अमे रका म जब पुिलस कसी ि को जाया तौर परे शान करती है तो नाग रको क जूरी िनद ष
ि को र ा धान करती है, िजससे पुिलस ारा कये जा रहे दमन म कमी आती है। भारत म जज+पुिलस+नेता का
गठजोड़ जब नाग रक को लूटता है तो ि के पास बचने का कोई उपाय नह है। और इसी वजह से पुिलस का दमन भी
बढ़ जाता है। भारत म य द पुिलस कसी ि को परे शान कर रही है तो ि उ ािधकारी के पास जायेगा और बचने के
िलए वहां पर घूस देगा और य द जज के पास जाएगा तो जज को घूस देगा। जब क अमे रका म मामला जूरी पास जाने के
कारण नेता+पुिलस+जज नाग रको को लूट नह पाते।

(2.4) अमे रका क अदालत भारत क तुलना म यादा ईमानदारी से काम य करती है ?

अमे रका क अदालत के व रत एवं ईमानदार होने क 2 वजह है :

1. अमे रका म जज को वोट वापसी के दायरे म कया गया है।


2. अमे रका क अदालत म मुकदम क सुनवाई नाग रको क जूरी करती है, जज नह ।

जज को नौकरी से िनकालने का अिधकार होने के कारण जब कोई जज ाचार करता है तो अमे रका के नाग रक वोट
वापसी का योग करके उसे नौकरी से िनकाल देते है। और नौकरी से िनकाले जाने का यह भय वहां जज को ईमानदार
बनाए रखता है।

उदाहरण के िलए, 2016, कै िलफो नया


के जज एरोन पसक को नाग रको ने वोट
वापसी क़ानून का योग करके िनकाल
दया था। एक 20 वष य युवक ने नीम
बेहोश युवती के साथ बला कार कया था,
और नाग रको क जूरी ारा दोषी ठहराए
जाने के बावजूद पसक ने उसे िसफ 6 माह
क सजा दी थी !! टनर पर जो आरोप
सािबत ए थे, उनमे उसे 14 वष तक क
सजा दी जा सकती थी , क तु पसक ने
उसे िसफ 6 माह क टोकन सजा दी !!

इससे या फक आता है ?

मान लीिजये क, अमे रका म 1000 पुिलस मुख / जज काय कर रहे है, तथा इनमे से 1% पुिलस / जज मुख नवाचार
का योग करके शासन म सकारा मक बदलाव ले आते है, िजससे नाग रको को राहत िमलती है। ऐसी ि थित म देर-सवेर
अ य पुिलस मुखो को भी उन नवाचार को अिनवाय प से लागू करना होगा, अ यथा नाग रको ारा उ ह िनकाले जाने
क संभावना बढ़ती जायेगी।

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(2.5) अमे रका के अ य सरकारी िवभाग म ाचार कम य है ?

अमे रका म रा य तथा िजला तर पर यादातर पदो पर वोट वापसी याएं है। उन पदो पर भी िज हे िनयु कया
जाता है, और ऐसे पदो पर भी जो चुन कर आते है। कई रा य म िन िलिखत पद वोट वापसी के दायरे म है :

1. गवनर तथा उप गवनर


2. रा य के मं ी
3. रा य के लोक अिभयोजक (पि लक ॉिस यूटर)
4. रा यो के यायधीश
5. िवधायक या सभासद (असे ली मेन)
6. िजला पुिलस मुख (शे रफ)
7. िजला िश ा अिधकारी
8. िजला लोक अिभयोजक
9. िजला जज
10. िजला / नगर मेयर (सभापित)
11. िजला / नगर काउं सलर

कई पदो के िलए वोट वापसी क या िनधा रत है, तथा कई पदो के िलए या िनधा रत नह है। क तु जनमत
सं ह के ज रये नाग रक उ ह वािपस बुला सकते है। कई पद ऐसे है जो जनता ारा िनवािचत नह है, तथा उ ह िनयु
कया जाता है, क तु इनके िवभागीय मुिखया पर वोट वापसी याएं मौजूद है। अमे रका म वोट वापसी याएं यह
सुिनि त करती है क, शीष अिधकारी आचरण नह करगे और कायकु शलता का आव यक तर बनाये रखगे। कम से
कम वे अपने काम काज का तर वैसा बनाये रखते है, िजस औसत तर का िन पादन इसी पद को धारण करने वाले अ य
िजलो / रा य के अिधकारी कर रहे है। ाचार कम होने क दूसरी वजह जूरी िस टम का होना है। अमे रका म जूरी
िस टम होने के कारण मुकदमो को सुनने एवं दंड देने क शि नाग रको के पास है, जज के पास नह । जूरी िस टम के बारे
म िव तुत िववरण अगले अ याय म दया गया है।

सार : अमे रका क पुिलस एवं अदालत भारत क तुलना म यादा ईमानदारी एवं कायकु शल य है ?

पेड मीिडया ारा फै लाए गए गलत तक वा तिवक वजह

 भारतीय का राि य एवं नैितक च र घ टया है (1) अमे रक नाग रको के पास िजला पुिलसमुख एवं जज
को नौकरी से िनकालने क या है। जब क भारत के
 भारत म लोकतं प रप नह है नाग रको के पास पुिलस मुख एवं जज को िनयंि त करने
क कोई या नह है।
 भारतीय लोग जाग क नह है (2) अमे रका म पुिलस के िखलाफ आने वाली िशकायत को
नाग रको क जूरी सुनती है, और इस वजह से पुिलस
 आम भारतीय अिशि त एवं गंवार है नाग रको को झूठे स े मामलो म फं सा कर उनसे घूस वसूल
नह कर पाती। जब क भारत के नाग रको के पास ऐसी कोई
 आम भारतीय है, इसीिलए पुिलस भी है
या नह है िजससे वे पुिलस+नेता+जज के गठजोड़ से
अपनी र ा कर सके ।

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(4) जूरी िस म और जज िस म म कौनसी णाली बेहतर है ?

(a) जूरी िस टम : जूरी िस टम का मूल िवचार यह है क दंड देने क शि लगातार िभ ि य हाथ म ह तांत रत
होती रहे, ता क दंडािधकारी अपरािधय के साथ गठजोड़ न बना सके । जूरी िस टम कस तरह काम करे गा यह इसके ा ट
म दी गयी या पर िनभर करता है। आम तौर पर जूरी िस टम क कसी सामा य या म कसी मुकदमे क सुनवाई
के िलए 25-55 आयुवग के 12-15 नाग रको का चयन िजले क मतदाता सूची म से लॉटरी ारा कया जाता है। नाग रको
के इस समूह को जूरी मंडल कहते है। यह जूरी मंडल जज क उपि थित म दोन प के वक ल ारा तुत कये गए सबूत
देखती है और गवाह आ द को सुनकर अपना फै सला देती है।

येक मुकदमे के िलए अलग जूरी होती है,


और फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जाती
है। जो ि एक बार जूरी म आ जाता है,
उसे अगले 5 से 10 वष तक जूरी म नह
बुलाया जाता। येक जूरी सद य अपना
फै सला बंद िलफाफे म देता है, और जूरी
सद य के ब मत ारा दए गए फै सले को
जूरी का फै सला माना जाता है। जूरी ारा
दए गए फै सले को जज ारा अनुमो दत
कया जाता है, और जज चाहे तो जूरी
मंडल के िनणय म संशोधन कर सकता है।

(b) जज िस टम : करोड़ो नाग रको के ऊपर सरकार कु छ 200-2000


200 ि य को 20-35 वष के िलए िनयु करती है ,
िज ह जज कहा जाता है। इन मु ी भर ि य को देश के सभी मामलो म दंड देने या रहा करने क थायी शि दे दी
जाती है। उदाहरण के िलए भारत म सभी कार के मुकदमो को सुनने एवं दंड देने क अंितम शि कु छ 18,000 यायधीशो
के पास है।

िजला तर पर एक शेषन जज होता है, और


िजले म सभी मामलो म दंड देने क शि इस
एक आदमी के पास होती है। रा य म यह शि
हाई कोट जज के पास होती है। हाई कोट जज
शेषन जज को मोट कर सकता है, या उसे
नौकरी से िनकाल सकता है। सु ीम कोट के
जजो के पास यह अिधकार है क वह हाई कोट
जज को थानांत रत कर सके , मोट कर सके
या नौकरी से िनकाल सके । जो ि एक बार
जज बन जाता है, उसके पास िविभ तर पर
दंड देने क यह शि आजीवन बनी रहती है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 21 of 50
(3.1) जज िस म एवं जूरी िस म के बीच तुलना

जज िस टम जूरी िस टम

1. फै सल क र तार :

यादातर मुक़दमे एक ही ि के पास जाते है। एक जज हर मुकदमे के िलए अलग जूरी होने के कारण फै सला ह ते
अपने सेवा काल म लगभग 5,000 से 20,000 मामलो म दो ह ते म आ जाता है। जो ि कसी मुकदम म फै सला
फै सला देता है। इससे मुकदमे वष तक लटके रहते है। दे चुका है, उसे अगले 5 वष तक जूरी म नह बुलाया जाता।

2. गठजोड़ क िनरं तरता :

अमूमन जज कसी अदालत म 3-4 वष रहता है। पया यूरी सद य अ थायी होते है और िसफ ह ते दो ह ते के
समय होने के कारण अपरािधय एवं वक ल ारा जज से िलए जूरी मंडल म आते है। कसी भी वक ल के िलए यह
गठजोड़ बना लेना आसान हो जाता है। और यह गठजोड़ क ठन है क वह इन 12 सद य म से क ही 8 लोगो से
लगातार बना रहता है। कई अदालत म जज आपस म भी चुपचाप गठजोड़ बना ले। यह काम तब और भी यादा
गठजोड़ बनाकर रखते है, और एक दुसरे के र तेदार के मुि कल एवं जोिखमपूण हो जाता है, जब वक ल को यह
प म फै सले देते है। इसे Cross-Nepotism कहते है। काम िसफ ह ते भर म करना हो।

3. संग ठत अपराध को सरं ण :

य द कसी गग एवं उसके सरगना के िखलाफ 4-5 वष के येक मामला 12-15 नाग रको के अलग अलग जूरी मंडल
दौरान 1000 मुकदमे दज होते है तो जज िस टम म ये के पास जाएगा, और 15*1000 = 15,000 जूरी सद य का
सभी मुकदमे 5-10 जज के पास जायगे। तो जज िस टम चयन लॉटरी से होगा। जूरी िनयिमत प से सुबह 11 बजे
म गवाह को तोड़ने , उ ह धमकाने , जांच भािवत से सायं 4 बजे तक सुनवाई करती है। जूरी म अगली तारीख
करने और रहा होने के िलए मा फया सरगना को िसफ 5- का मतलब होता है अगला दन !! और इसी छोटे अंतराल म
10 जज से गठजोड़ बनाना है , ता क जज उसके मामलो सरगना को लगभग 12,000 जूरी सद य से गठजोड़ बनाना
क सुनवाई क र तार धीमी कर दे। होगा। जो क गिणतीय प से भी एक अस भव काम है।

4. दबाव म आने क स भावना :

किन जज क पदो ित, थानांतरण, िन कासन आ द म जूरी म आने वाले नाग रक कसी क नौकरी पर नह होते।
व र जज क भूिमका िनणायक होती है। अत: यादातर वे िसफ कु छ समय के िलए कसी मामले को सुनकर फै सला
मामलो म रसूखदार आरोपी किन जज को भािवत देने के िलए जूरी म आते है। अत: कसी अिधकारी आ द का
करवाने म सफल हो जाते है। उन पर दबाव काम नह कर पाता।

5. घूस खाने के अवसर :

यह बात खुली यी होती है क अमुक जज ने फै सला दया जूरी िस टम म येक जूरी सद य अपना फै सला हाँ / ना के
है। इस वजह से जज य द घूस लेता है तो उसे घूस लेने प म बंद िलफ़ाफ़े म देता है। तो य द 15 म से क ही 5
वाले के िहसाब से ही फै सला देना पड़ता है। वना जूरी सद य को आरोपी कसी न कसी तरह से दबाव /
म य थता करने वाला वक ल आइ दा उसके िलए घूस का उ कोच से भािवत कर भी देता है तो वे उसके िखलाफ
ऑफर नह लेकर आएगा। इसके अलावा दबाव आने पर न फै सला दे सकते है। य क यह कभी भी पता नह लगाया
चाहते ए भी उ ह फै सले म तबदीली करनी पड़ती है। जा सकता क कस जूरी सद य ने या फै सला दया है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 22 of 50
(3.1.1) पेड मीिडया, राजा, राजवग एवं धिनको का जूरी िस टम पर ख

जज िस टम एक क ीकृ त णाली है। जज िस टम का िडजाइन ही ऐसा होता है क अवसर देखकर चयना मक याय
कया जा सकता है। चयना मक याय से आशय है क, जब ताकतवर या पैसे वाला आदमी पर कोई मुकदमा कायम होगा
तो वह जज पर दबाव बनाकर या उसे घूस िखलाकर अपने प म फै सला िनकलवा लेगा, जब क कमजोर आदमी फं स
जाएगा !! इस तरह जब भी कमजोर आदमी एवं ताकतवर आदमी क लड़ाई होगी तो यादातर मामलो म ताकतवर
आदमी जज का इ तेमाल करके कमजोर आदमी को दबा देगा। कै से ?

1. मान लीिजये, कसी साधारण आदमी का िववाद कसी िवधायक से हो जाता है तो िवधायक के िखलाफ
फै सला देने से पहले जज सोचेगा क, िवधायक कसी न कसी तरह मुझे नुकसान प च
ँ ा सकता है। अत: जज
ताकतवर आदमी (िवधायक) के िखलाफ जाने का जोिखम नह उठाएगा। ले कन एक साधारण आदमी के
िखलाफ फै सला देने म जज के िलए यूनतम जोिखम है। ले कन य द कसी िवधायक एवं मं ी का मामला
आता है तो जज मं ी के प म फै सला दे देगा !! य क जज जानता है क मं ी हाई कोट / सु ीम कोट
जज से गठजोड़ बनाकर उसे नुकसान प च
ं ा सकता है।
2. इसी तरह से मान लीिजये क A एक 500 करोड़ क पाट है और उसका एक मामला अदालत म है, और इस
मामले म हजारो जनसाधारण लोग वादी के प म है। तब भी जज A से पैसा ले लेगा और क़ानून क कोई
न कोई नजीर िनकालकर उसके प म िड ी दे देगा !! जज जानता है क, A के िखलाफ फै सला देने से वह
घूस क रािश से भी वंिचत होगा एवं A के ऊँचे संपक के कारण भिव य म जज का जोिखम बढ़ जाएगा।

दुसरे श द म, जज िस टम म अमीर आदमी के पास अपनी प च


ँ एवं पैसे का इ तेमाल करने का अवसर होता है, और
ज रत होने पर वे पैसा फक कर जज को खरीद सकते है !! जज िस टम म ताकतवर लोग जज से गठजोड़ बनाकर गलत
वजह से कारोबारी बढ़त एवं एकािधकार बनाए रखने म सफल हो जाते है। जूरी िस टम ताकतवर को अित र लाभ
प च
ँ ाने वाली इस इस व था को तोड़ देता है। यह एक बड़ी वजह है क पूरी दुिनया म राजा, राजवग, एवं धिनक हमेशा
से जज िस टम के समथक एवं जूरी िस टम के िखलाफ रहे है। वे जूरी िस टम से इतनी घृणा करते है क उ ह ने भारत क
क़ानून, लोक शासन, इितहास, राजनीती शा आ द िवषय क पेड पाठयपु तको से जूरी िस टम के बारे म सभी
जानका रयां हटा दी है।

भारत म जूरी िस टम क मांग को टालने के िलए पेड मीिडया के ायोजक लगातार कई तरह के गलत तक देते आ रहे
है। और उनके बेिसर पैर के बकवास तक का के ीय बदु यही रहता है क भारत म जूरी िस टम नह आना चािहए।

पेड मीिडया ारा भारत म जूरी कोट क मांग टालने के िलए दए जाने वाले गलत तक

 भारतीय क िश ा का तर बेहद िन है, अत: पहले उ ह िशि त होने क ज रत है !!


 आम भारतीय और वाथ है, अत: उ ह जूरी म आने के अिधकार नह दए जाने चािहए।
 आम भारतीय म शािसत होने क मानिसकता है, अत: वे जज िस टम के ही लायक है।
 भारत के लोग जाग क नह है, अत: जब वे जाग क हो जायगे तब हम जूरी िस टम पर िवचार करगे।
 भारत म लोकतं अभी इतना प रप नह आ है, क भारतीय को जूरी म आने के राइ स दए जाए।
 भारत म जूरी िस टम लाने का अभी ‘राईट टाइम’ नह आया है ....

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 23 of 50
(3.2) जूरी िस टम ; अब तक खोजी गयी सबसे ताकतवर शासिनक या

जूरी िस टम क खोज इस का उ र ढू ँढने के दौरान यी थी क दंड देने क सव शि कसे दी जानी चािहए !!


मानव समाज म जब भी कोई क़ानून बनाया जाता है तो उसमे यह भी जोड़ा जाता है क य द अमुक क़ानून तोडा गया तो
इतनी उतनी सजा दी जायेगी। ताकतवर तबका जैसे राजा, राजवग, धिनक आ द हमेशा यह चाहते है क दंड देने क शि
रखने वाले आदमी को िनयु एवं िन कािसत करने का अिधकार उनके पास रहे। उ ह ऐसी व था चािहए िजससे वे
अवसर देखकर दंड देने क शि रखने वाले ि को दबा / खरीद सके । कसी भी रा य म सबसे ताकतवर समूह राज वग
है। उनके पास काफ अिधकार एवं शि यां होती है, और वे इन शि य का योग करके नाग रको को लूटना शु करते है।
और दंड देने क शि भी राज वग के पास होने से वे यह लूट आसानी से चला पाते है।

अब सम या यह है क कै सी व था क जाए क राजवग एवं ताकतवर लोग नाग रको का शोषण न कर सके ।

(3.3) ीस म जूरी िस टम का ादुभाव

आज से लगभग 2500 साल पहले इस का उ र ीस वािसय ने खोज िनकाला था। उ ह ने यह तय कया क य द


कसी नाग रक पर राजवग या अ य कसी ि ारा कोई अिभयोग लगाया जायेगा तो उसक सुनवाई नाग रको के
समूह ारा क जायेगी, राजा या राजा ारा िनयु कये गए कसी अिधकारी के ारा नह । और दंड देने क शि भी इस
नाग रक समूह के पास ही होगी। तो 500 ईसा पूव ीस म जूरी िस टम आने के कारण दंड देने क शि नाग रको क जूरी
के पास आ गयी, िजससे वे राजवग से अपनी र ा कर पाए।

(3.3.1) एथस के जूरी सद य के िलए जूरी टकट

येक वष लगभग एथस के 6,000 नाग रको को जूरी टके ट जारी कये जाते थे। ये आम नाग रक अदालत म आकर
मुकदमे सुनते थे, और अपना फै सला देते है। इस तरह एथस म तब सामा य नाग रको क जूरी मुकदमे सुन रही थी। जब
कसी नाग रक को मुकदमा सुनने क िज मेदारी दी जाती थी तो उसे कां य धातु का एक िब ला जारी कया जाता था। इस
िब ले पर नाग रक का नाम एवं िजला भी खुदा होता था। धातु के इसी िब ले को जूरी टके ट कहा जाता था। जूरी मंडल म
100 तक सद य होते थे, और जूरी सद य के ब मत से फै सला कया जाता था। फै सला देने म जज क भूिमका शू य थी !!

Jury men's Tickets


Every year 6000 Athenians served as jurymen in
law courts. They were allocated to court cases by
putting a bronze ticket with their name and
district into an allotment machine. Athenian
trials had hundreds of jurors but no judges and
the verdict was reached by majority vote.

Bronze dikast ticket of Deinias of Halai. 360 BC

Burgon collection : GR 1842. 7-28. 674B


(Bronze 329). 370-362 BC, reused after 350BC

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 24 of 50
(3.3.2) सुकरात को मृ यु दंड का फै सला भी 500 नाग रको क जूरी ने दया था, न क राजा ने।

सुकरात एथस से था, और उसे मृ यु दंड क सजा 500 नाग रको क जूरी ारा दी गयी थी। एथस के 500 आम
नाग रको ने सुकरात का मुकदमा सुना और उनमे से 380 नाग रको ने वोट कया क सुकरात जो अपराध कर रहा है उसके
िलए उसे मृ यु दंड दे दया जाना चािहए। जूरी मंडल के अिधकांश सद य सुकरात को मारना नह चाहते थे, अत: उ ह ने
ायल से पहले सुकरात को एथस छोड़कर चले जाने को कहा, पर सुकरात ने एथस छोड़ कर जाने से मना कर दया। ायल
के बाद भी कारागार के दरवाजे खुले रखे गए थे ता क य द वह जाना चाहता है चला जाए। सुकरात ने एथस छोड़कर जाने
से इं कार कर दया। अत: अंत म उसे जहर का याला िपलाया गया। यहाँ एक यह भी उठता है क — या सुकरात के
साथ अ याय आ और सुकरात ऐसा या अपराध कर रहा था क 500 नाग रको क जूरी म से 380 उसे मार दए जाने या
देश से िनवािसत करने पर सहमत थे ?

दरअसल सुकरात के शाि त उपदेशो के नतीजे म एथस के युवा म यु के


ित अ िच पनपने लगी थी। य द एथस म सुकरात के उपदेश जारी रहते थे तो
बड़ी सं या म युवा यु म जाने से इनकार कर सकते थे। सुकरात का दशन सुनकर
युवा को लगने लगा था क यु एक ू र कम है और हम अ हसा का अनुसरण
करना चािहए। तब सै य बल से ही रा य क र ा क जाती थी। अत: एथस के
नाग रक सेना कमजोर करने का जोिखम उठाने को तैयार नह थे। सेना कमजोर
होने से एथस पर आ मण होता और वे यु हार जाते !!

सुकरात को य द एथस के राजा ने दंड दया होता तो हम ये आरोप बना सकते थे क राजा ने अ यायपूवक सुकरात को
मृ युदंड दे दया होगा। क तु सुकरात को मृ यु दंड राजा ने नह दया था, बि क नाग रको क यूरी ने दया था। और जूरी
भी कोई 10–20 लोगो क नह थी, बि क 500 नाग रको को जूरी म बुलाया गया था। आप पेड इितहासकार ारा िलखी
गयी पु तक पढगे तो कह भी यह िज नह िमलेगा क सुकरात को नाग रको ने ही मृ यु दंड दया था, राजा ने नह ।
उ टा सुकरात के करण को इस तरह िलखा गया है िजससे छा के दमाग म यह बात डाली जा सके क सुकरात ब त
महान आदमी था और उसे अ यायपूवक मार दया गया !!

(3.3.3) ीस पर जूरी िस टम का भाव :

जब ि कोई उ ोग लगाता है और ऐसी व तुएं बनाता है िजनक काफ मांग हो, तो उसके पास काफ पैसा आने
लगता है। पैसा आने के साथ ही राजवग, अिधकारी एवं अपराधी उससे पैसा वसूलने के यास शु कर देते है। य द राजवग
के पास दंड देने क शि यी तो वे उस पर उ टे सीधे आरोप लगाकर उससे पैसा ख चना शु करगे और उसके िलए
कारोबार फै लाना महंगा एवं मुि कल हो जायेगा। य द दंड देने क शि नाग रको क जूरी के पास है तो जूरी इस उ पादक
ि क र ा करे गी िजससे वह और भी बेहतर तरीके से काम कर सके गा। तो जूरी िस टम होने क वजह से ीस के
कारीगर एवं इं जीिनयर को सरं ण िमला और वहां के यादातर कारीगर िनमाण इकाइयां करने म सफल ए।

िनमाण इकाइयां बढ़ने से उनमे ित पधा ारं भ यी और तकिनक िवकास म तेजी आयी। और जब भी कसी देश म
तकिनक िवकास होगा तो अंततोग वा यह िवकास हिथयार के िनमाण क तकनीको क और ख कर लेता है। तो वहां के
कारीगर म तकिनक िनमाण क एक ितयोिगता शु यी और उ ह ने दुिनया के सबसे बेहतर हिथयार का िनमाण कर
िलया। अब िसक दर के पास वे हिथयार थे जो पूरी दुिनया म कसी के भी पास नह थे। और यही वजह थी क िसकं दर
दुिनया के सबसे अिधक भू भाग को जीत सका। और ऐसा नह है क ीस म तकिनक िवकास िसफ हिथयार के े म ही
आ था, बि क उ ह ने सभी े ो म तकिनक अिव कार कये।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 25 of 50
(3.3.4) िसकं दर य सफलतापूवक इतना बड़ा यु अिभयान चला पाया ?

1. जूरी िस टम होने के कारण ीस ने ह क एवं मजबूत धातु का अिव कार कर िलया था, िजसक वजह से वे 18
फु ट तक ल बे भाले बना पाए !! इतने ल बे होने के बावजूद इनमे न यता नह थी और ये ह के भी थे। छह फु टी
भालो का 18 फु ट के भालो से कोई मुकाबला नह था।

2. ीस वासी बेहतर गुलल


े े बना पाए। ये गुलल
े े 300 कलो के प थरो को 600 मीटर दूरी तक फक सकती थी। इनका
इ तेमाल कले क दीवार को तोड़ने एवं दूर से ही सेना पर हमला करने के िलए कया जाता था।

3. ीक बेहतर मचान बनाने म सफल हो गए थे। िसक दर क सेना कले क


दीवार के जब मचान लगाती थी तो इनक ऊंचाई कलो क दीवार से भी
ऊँची हो जाती थी। अत: कले क दीवारे हमला रोकने म नाकाम रही।
4. ीस ने जीन यानी काठी भी बनायी !! तब तक भारत समेत शेष िव म
घोड़ो पर िबना जीन के ही बैठा जाता था। जीन होने से घुड़सवार का संतुलन,
घोड़े पर पकड़ एवं यु करने क मता कई गुना बढ़ जाती है।
5. ीस ने स ते एवं मुलायम चमड़े का उ पादन बड़े पैमाने पर करना शु
कया। चमड़ा स ता होने के कारण सैिनको का अिधकाँश शरीर चमड़े ारा
आवृत होता था। यह चमड़ा मुलायम एवं ह का था एवं तीर आ द इ ह भेद
नह पाते थे। जब क शेष िव ने सैिनक भारी भरकम िजरह ब तर लाद कर
लड़ रहे थे। ी स क ढाल भी काफ बड़ी एवं ह क थी। स त चमड़े क बने
होने के बावजूद यह इतनी ह क थी क इसे उठाया जा सकता था।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 26 of 50
पेड इितहासकारो ने इितहास क पा पु तक म से इन 2 िब दुओ को िबलकु ल गायब कर दया है क -

o एले जडर के पास उस समय के सबसे उ त हिथयार थे िजसक वजह से वह बड़ा यु अिभयान चला पाया, और
o आिखर ीक शेष िव क तुलना म इतने बेहतर हिथयार बनाने म कामयाब कस वजह से हो गए थे ?

पेड मीिडया के ायोजक नह चाहते क नाग रको को हिथयार के मह व क सूचना दी जाए, अत: पेड इितहासकार
जन सामा य से यह त य िछपा लेते है क जूरी िस टम कस तरह तकनीक आिव कार को ो सािहत करके समुदाय को
बेहतर हिथयार का िनमाण करने म स म करता है। तो इितहासकार जब िसक दर पर 100 पेज िलखगे तो उसके
हिथयार क चचा िसफ 2 पेज म समेट दगे, और शेष 98 पेज म यह िस करने का यास करगे क मह वाकां ा,
अनुशासन, साहस, कु शल रणनीित और एकता क वजह से एले जडर इतना बड़ा यु अिभयान चला पाया था !!! जब क
त य यह है क जूरी िस टम के कारण ीस के आम नाग रक राज वग से अपने कारीगर एवं कारखाना मािलको क र ा
कर पाए और इस वजह से वे बड़े पैमाने पर उ त हिथयार बनाने म सफल ए। और बेहतर हिथयार वह िनणायक त व है
जो यु म जीत हार का फै सला करता है। साहस और वीरता जैसे त व बेहतर हिथयार का िवक प नह हो सकते। रोम म
एक बड़ी आबादी (गुलाम वग) के पास जूरी म आने का अिधकार नह था। व गुजरने के साथ रोम के धिनक एवं राजवग
जूरी िस टम को कमजोर करते गए और रोम म जूरी णाली ख़ म हो गयी। फर वाइ कग ने जूरी ेि टस शु क । जब
वाइ कग इं लड आये तो उ ह ने 1050 ई वी म वहां जूरी िस टम इं ो ूस कया। और 150 साल बाद 12 व सदी म इं लड
म जूरी िस टम आया। आप इसे मे ाकाटा के नाम से जानते है।

(3.4) 1050 ई वी ; यूरोप एवं ि टेन म जूरी िस टम।

1200 ई वी म मै ाकाटा आने के बाद ि टेन ऐसा दूसरा देश बना जहाँ जूरी िस टम लागू कया गया। मै ाकाटा के
बाद राजा एवं राजवग के पास नाग रको को दंड देने क शि नह रह गयी थी। राजवग िसफ आरोप लगा सकता था ,
ले कन मुकदमे क सुनवाई नाग रको क जूरी के पास थी, एवं दंड भी जूरी ही देती थी। जूरी िस टम आने के साथ ही ि टेन
ने तेजी से तकिनक िवकास करना शु कया, और उ ह ने ऐसी व तुएं बना ली जो शेष दुिनया वाले नह बना पा रहे थे।
तकिनक व तुओ का अिव कार के कारण वे बेहतर हिथयार बना पाए और हिथयार के बल पर उ ह ने पूरी दुिनया म
सा ा य का अिध हण कया। इसम िनणायक हिथयार बंदक
ू थी। ि टेन म बड़े पैमाने पर ब दूको क फै ि यां लगनी शु
ई, और ि टेन क ब मघम एवं ल दन म कॉटेज इं ड ी 10 लाख बंदक
ू े ित वष क दर से उ पादन कर रही थी।

युरोपीय औ ोिगक ाि त क वजह जूरी िस टम था, न क पुनजागरण !!

आगे अ य यूरोपीय देशो जैसे ांस, जमनी, इटली, पुतगाल, पेन आ द म भी जूरी याएं लागू यी और पूरे यूरोप ने
तेजी से िवकास करना शु कया। क तु ि टेन क जूरी याएं यादा बेहतर थी इसीिलए उ ह ने यादा तेजी से िवकास
कया और यादा तकिनक अिव कार कये। बाद म समय के साथ साथ अ य यूरोपीय देशो म जूरी याएं कमजोर होती
चली गयी क तु ि टेन म जूरी िस टम अपे ाकृ त मजबूत बना रहा। जब पेड इितहासकार औ ोिगक ाि त क चचा करते
है तो सारा े िडट किथत पुनजागरण पर थपा देते है। और वे जानबूझकर इस क अवहेलना करते है क पुनजागरण तो
सबसे पहले इटली म आ था, फर इटली ि टेन क तुलना म िपछड़ कै से गया !! दरअसल, छापेखाने से लेकर सभी कार
के तकनीक अिव कार (िजनक किथत पुनजागरण म भूिमका थी) कारखान म हो रहे तकिनक अिव कार एवं उ पादन
के कारण आ रहे थे, पुनजागरण के कारण नह । पुनजागरण अपने आप म ितफल है, या नह । यूरोपीय पुनजागरण के
िवचार यूरोप से पूरे िव म फ़ै ले ले कन दुिनया के कसी भी देश म इस किथत पुनजागरण के िवचारो से कोई िनणायक
बदलाव नह आये । य क उन देशो के पास जूरी िस टम नह था। और जूरी िस टम के अभाव म वे बड़े पैमाने पर
कारखाने खड़े करने म असफल रहे। और कारखाने नह होने के कारण वे ऐसी व तुएं नह बना सके जो ि टश बना रहे थे।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 27 of 50
(3.5) दुिनया म सबसे बेहतर जूरी कयाएं अमे रका म है।

ि टश ने जब अमे रका का अिध हण कया तो वहां के नाग रक जूरी िस टम से प रिचत ए। अमे रका म िनचले तर
पर जूरी िस टम 1750 म आया, और जब अमे रका ि टेन से आजाद आ तो उ ह ने सभी तर पर जूरी याएं लागू क ।
और जब अमे रका का संिवधान िलखा गया तो वहां के वतं ता सैनानी एवं कायकता जूरी िस टम को संिवधान का िह सा
बनाने म सफल रहे। यहाँ एक बात यान देना ज री है क जूरी िस टम क भावशीलता इसके ा ट पर िनभर करती है।
य द ा ट बेहतर होगा तो जूरी िस टम यादा अ छे नतीजे देगा। चूं क अमे रका क जूरी याएं ि टेन क तुलना म
यादा बेहतर थी, अत: आजाद होने के बाद अमे रका ने िव फोटक प से तकिनक िवकास करना शु कया और
अमे रका ज दी ही हिथयार क तकनीक म ि टेन एवं शेष िव से आगे िनकल गया।

I Consider trial byjury as the only anchor ever yet imagined by men, by which agoverment
can beheld to the principles of itsconstiturion - Thomas Jefferson ( author of declaration
ofindependent.)

मेरा मानना है क, जूरी ायल मानव जाित ारा खोजा गया एक मा लंगर है जो सरकार को संिवधान एवं
इसके िस ांतो का पालन करने के िलए सफलतापूवक बा य कर सकता है - थॉमस जेफरसन ( अमे रक वतं ता
घोषणा प के लेखक )

अमे रका म अदालत के बेहतर होने क एक वजह वोट वापसी क़ानून भी है। नाग रको ारा िनकाले जाने का यह भय
जज को ईमानदार बनाए रखता है । ज दी व िन प दंड िमलने से अपराध म कमी आती है। और अपराध कम होने से देश
क उ पादकता बढ़ती है।

तो वोट वापसी क़ानूनो के अलावा जूरी िस टम होना दूसरी मु य वजह रही क अमे रका-ि टेन भारत जैसे देशो से आगे,
काफ आगे िनकल गए। जूरी मंडल ने वहां के छोटे-मझौले कारोबा रय क जज-पुिलस-नेता के ाचार से र ा क और
वे तकिनक प से उ त िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी कर पाए।

(3.6) भारत म जूरी िस टम :

जब अं ेज सरकार म भारतीय कमचा रय ारा भारतीय नाग रको पर कये जाने वाला दमन काफ बढ़ गया तो शीष
अिधका रयो को यह भय आ क दमन एवं शोषण के कारण िव ोह हो सकता है। उपाय के िलए उ ह ने 1870 म भारत के
कु छ ो वस म िनचले तर पर जूरी िस टम का एक कमजोर ा ट लागू कया। इस जूरी म िसफ 5% भारतीय को ही
राइ स दए गए थे, और कसी अं ेज अिधकारी का मामला जूरी नह सुन सकती थी। दूसरी वजह यह थी क, बड़े पैमाने
पर अदालत क थापना करके वे अपना शासिनक य बढ़ाना नह चाहते थे। अत: उ ह ने िनचला याय भारतीय को
दे दया और िनणायक फै सले अपने पास रखे।

1949 म भूिम सुधार आ दोलन शु आ तो जमीदार एवं भूिमहीन के बीच घषण बढ़ गया। जमीदार ने भूिमहीन
को दबाने के िलए हसा (मारपीट, ह या) का इ तेमाल करना शु कर दया था। क तु ये मुकदमे जूरी के पास जाते थे, और
जूरी जमीदार के दमन से नाग रको क र ा कर रही थी। जवाहर लाल ने 1955 के लॉ कमीशन को जूरी िस टम ख म
करने क अनुशस
ं ा करने को कहा। 1956 म लॉ कमीशन ने जूरी िस टम ख़ म करने क िसफा रश क । 1958 के नानावटी
मामले को बहाना बनाकर जवाहर लाल ने भारत के कु छ ो वस म मौजूद िनचले तर के कमजोर जूरी िस टम को भी
ख़ म कर दया था !! नानावटी मामले के िव तृत िववरण के िलए राईट टू रकॉल पाट का राि य घोषणाप देख।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 28 of 50
(5) िजला जूरी कोट का ािवत क़ानून डा

( Jila Jury court ; Proposed notification to enact Jury Court in district )

इस कानून को िवधानसभा से अनुमित क आव यकता नह है। मु यमं ी इसे सीधे गेजटे म कािशत कर सकते है।
गेजेट म आने के साथ ही यह कानून उस िजले म लागू होगा िजस िजले का नाम मु यमं ी ने इस क़ानून म अं कत कया है।
मु यमं ी यह कानून एक से अिधक िजलो म या पूरे रा य म भी लागू कर सकते है। इस क़ानून म 6 अिधका रयो को वोट
वापसी के दायरे म कया गया है। क तु मु यमं ी उपरो 6 म से कसी एक या एक से अिधक पद को इस कानून के दायरे
से बाहर रखना चाहते है तो वे ऐसा कर सकते है। उदाहरण के िलए य द मु यमं ी इस क़ानून म से धारा (29.3) एवं
(32.2) को िनकाल देते है तो ‘िजला िच क सा अिधकारी’ पर यह क़ानून लागू नह होगा। और य द मु यमं ी इस क़ानून म
से धारा (29.2) हटा देते है तो ‘िजला जज’ वोट वापसी पासबुक के दायरे से बाहर रहेगा।

#JilaJuryCourt

भाग (I) : नाग रकों के िलए सामा िनदश


िट णी : यह कानून उस िजले म लागू होगा िजस िजले के िलए मु यमं ी ने राजप अिधसूचना कािशत क है।

01 य द आपका नाम िजले क वोटर िल ट म है तो यह कानून पास होने के बाद आपको जूरी टू ी के िलए बुलाया जा
सकता है। जूरी ूटी म आपको आरोपी, पीिड़त, गवाह व दोन प के वक ल ारा तुत सबूत देखकर बहस
सुननी होगी और सजा / जुमाना या रहाई का फै सला देना होगा। जूरी का चयन वोटर िल ट म से लॉटरी ारा
कया जाएगा और मामले क गंभीरता देखते ए जूरी मंडल म 15 से 1500 तक सद य ह गे। य द आपका नाम
लॉटरी म िनकल आता है तो आपको िनचे दए अपराधो के मुकदमे सुनने के िलए बुलाया जा सकता है :

1. ह या, ह या के यास , मारपीट, हसा, अ ाकृ ितक मानव मृ यु, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले ।
2. अपहरण , बला कार , छेड़छाड़, काय थल पर उ पीड़न, दहेज़ , घरे लू हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े ।
3. सभी कार के सावजिनक सारण से स बंिधत सभी मामले एवं स बंिधत सभी आपि यां ।
4. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य क ोपट के िववाद। मृ यु भोज क िशकायत ।
5. धारा (2) म दए गए अिधका रय के िखलाफ आने वाली सम त नाग रक िशकायत एवं मामले।

02 यह क़ानून गेजेट म छपने के 30 दन के भीतर िजले के येक मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी। िनचे
दए अिधकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे म आयगे :

1. िजला पुिलस मुख 4. िजला जज


2. िजला िश ा अिधकारी 5. िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी
3. िजला िच क सा अिधकारी 6. िजला जूरी शासक

तब य द आप ऊपर दए गए कसी अिधकारी के काम-काज से संतु नह है, और उसे िनकालकर कसी अ य ि


को लाना चाहते है तो पटवारी कायालय म जाकर वीकृ ित के प म अपनी हाँ दज करवा सकते है। आप अपनी हाँ
SMS, ATM या मोबाईल APP से भी दज करवा सकगे। आप कसी भी दन अपनी वीकृ ित दे सकते है, या दी गयी
अपनी वीकृ ित र कर सकते है। आपक वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म आएगी। यह वीकृ ित आपका
वोट नही है। बि क यह एक सुझाव है ।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 29 of 50
03 य द आपका नाम िजले क वोटर िल ट म है और आप इस क़ानून क कसी धारा म कोई आंिशक या पूण प रवतन
चाहते है, तो कले टर कायालय म इस क़ानून क धारा (34.1) के तहत एक शपथप दे सकते है। कले टर 20
ित पृ क दर से शु क लेकर इस शपथप को मु यमं ी क वेबसाईट पर कै न करके सावजािनक करे गा।

भाग (II) : नाग रकों और अिधका रयों के िलए िनदश


04 िजले के याय े म घ टत होने वाले अपराधो के स ब ध म यह कानून आरोपी या पीिड़त क आयु क अवहेलना
करते ए िन िलिखत मामलो पर लागू होगा :

1. ह या, ह या के यास, दुघटना या लापरवाही जिनत मानव मृ यु या कसी भी अ य कार से होने वाली
अ ाकृ ितक मानव मृ यु।
2. ऐसे सभी अपराध िजसमे हसा, जान लेवा धमक , दुघटना एवं ऐसी लापरवाही िजससे शरीर को ित
का रत हो, या गंभीर चोट का रत होने क संभावना हो, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले ।
3. अपहरण-बला कार-छेड़छाड़-उ पीड़न, कसी भी आयु क मिहला का पीछा करना, दहेज़, घरे लू हसा,
िडवोस, वैवािहक झगड़े।
4. सभी कार के सावजिनक सारण िजनम सभी कार के दृ य, , इले ोिनक आ द मा यम िजसम-
फ़ म, टीवी, समाचार प , पु तक, फे सबुक, यू ूब आ द शािमल है - से स बंिधत सभी कार के मामले
व आपि यां।
5. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य क ोपट के िववाद। मृ यु भोज क िशकायत ।
6. धारा (2) म दए गए अिधका रय के िखलाफ आने वाली सम त नाग रक िशकायत एवं मामले।
7. ऐसे अपराध या िववाद िज ह नाग रको के ब मत ने इस क़ानून क धारा (34) ारा धानमं ी / मु यमं ी
ारा वीकृ त कया गया हो ।

[ िटप ी : इस कानून म शु आती तौर पर िसफ कु छ सरल वभाव के अपराध को शािमल कया गया है,
ता क िविश क म के बुि जीिवय ारा दए जा रहे इस तक को क – भारत के नाग रक ‘ऐसे वाले और
वैसे वाले’ अपराधो क कृ ित समझने क अ ल नह रखते है , अत: अमुक िजले के नाग रको को जूरी म
आने का अिधकार नह दया जाना चािहए - नाग रक ारा एक सफ़े द झूठ के प म ख़ा रज कया जा
सके । बाद म धानमं ी / मु यमं ी या मतदाता अ य अपराध के कार भी इसम जोड़ सकते है। इस
तरह ये थािपत कया जा सके गा क कु -बुि जीिवय का यह तक क - भारत के नाग रक ऐसे वाले और
वैसे वाले अपराधो को समझने क अ ल नह रखते है – को अमुक िजले के अिधकतम मतदाता ारा एक
सफ़े द झूठ के प म ख़ा रज कया जा चुका है। तब गोह या, ाचार, भाई-भतीजा वाद, चोरी,
धोखाधड़ी, चेक बाउं स, कज ना चुकाना, करायेदार-मकान मािलक िववाद, मजदूर-िनयो ा िववाद,
जमीन िव य के द तावेज क जालसाजी आ द जैसे अपराध भी धानमं ी / मु यमं ी / मतदाताओ ारा
इस क़ानून म जोडे जा सकगे। ]

05 िजला सहायक िनदेशक अिभयोजन (A.D.P.) को शािमल करते ए धारा (02) म दए गए 6 अिधकारी वोट वापसी
पासबुक के दायरे म रहगे। येक नाग रक को राशन काड या गैस डायरी क तरह एक वोट वापसी पासबुक जारी
क जायेगी, िजसम इन सभी अिधका रय के खाने (कॉलम) ह गे। धानम ी या मु यमं ी चाहे तो अ य पद जैसे
सभापित, सरपंच आ द जन ितिनिधय या अ य अिधका रय के प े भी इसम जोड़ने के िलए अिधसूचना जारी
कर सकते है। नाग रको ारा वीकृ ित दज करने और िनयुि के ावधान के िलए धारा (31) देख।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 30 of 50
जूरी कोट की थापना एवं इसका अ थायी िनलंबन

06 मु यमं ी िजले म 1 िजला जूरी शासक क िनयुि करगे। य द िजले के नाग रक जूरी शासक के काम से संतु
नही है तो धारा (31) का योग करके जूरी शासको को बदलने क वीकृ ित दे सकते है।

07 रा य क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता क 50% से अिधक वीकृ ितयां िमलने पर मु यमं ी ऊपर दी गयी
सभी धारा को िनलंिबत करके िजले म अपनी पसंद का िजला जूरी शासक 4 वष के िलए िनयु कर सकते है।

जूरी ूटी म नाग रको के चयन स ी िनयम

08 सभी कार के जूरी मंडलो एवं महाजूरी मंडल का गठन करते समय िन िलिखत िनयम का पालन कया जाएगा :

1. िजले क मतदाता सूची ही जूरी ूटी क सूची होगी, और जूरी का गठन मतदाता सूची से ही होगा।
2. जूरी सद य क आयु 25 से 50 वष के बीच होगी। ि क उ वही मानी जायेगी जो वोटर िल ट म है।
3. सभी ेणी के सरकारी कमचारी प प से जूरी ूटी के दायरे से बाहर रहगे।
4. जो नाग रक जूरी ूटी कर चुके है, उ ह अगले 10 वष तक जूरी म नह बुलाया जायेगा।
5. य द कसी मा यता ा िच क सक को जूरी ूटी पर बुलाया जाता है तो डॉ टर जूरी ूटी पर न आने
के िलए सूचना दे सकता है। जूरी सद य डॉ टर पर जूरी ूटी न करने पर कोई आ थक दंड नह लगायगे।
6. य द िनजी े के कमचारी को जूरी ूटी पर बुलाया गया है तो िनयो ा उसे आव यक दवस के िलए
अवैतिनक अवकाश दान करे गा। िनयो ा अवकाश के दन का वेतन कमचारी के वेतन से काट सकता है।

09 िजला महाजूरी मंडल = िड ड ू री का गठन

(9.1) थम महाजूरी मंडल का गठन : िजला जूरी शासक एक सावजिनक बैठक म िजले क मतदाता सूची म से 25
वष से 50 वष क आयु के म य के 50 मतदाता का चुनाव लॉटरी ारा करे गा। इन सद य का सा ा कार लेने के
बाद जूरी शासक क ही 20 सद य को िनकाल सकता है। इस तरह 30 महाजूरी सद य शेष रह जायगे।

(9.2) अनुगामी महाजूरी मंडल : थम महा जूरी मंडल म से जूरी शासक पहले 10 महाजूरी सद य को हर 10
दन म सेवािनवृ करेगा। पहले महीने के बाद येक महाजूरी सद य का कायकाल 3 महीने का होगा, अत: 10
महाजूरी सद य हर माह सेवािनवृ ह गे, और 10 नए चुने जाएंगे। नये 10 सद य चुनने के िलए जूरी शासक िजले
क मतदाता सूची म से लॉटरी ारा 20 सद य चुनग
े ा और सा ा कार ारा इनम से क ही 10 क छं टनी कर देगा।

10 मरिहत तरीके ( लॉटरी ) से मतदाताओं को चुनने का तरीका

(10.1) जूरी शासक कसी अंक को मरिहत िविध से चुनने के िलए कसी भी इले ॉिनक उपकरण का योग नह
करे गा। य द मु यमं ी ने कसी या का िववरण नह दया है तो वह नीचे बताये तरीके का योग करे गा :

(10.2) मान लीिजये जूरी शासक को 1 और 4 अंको वाली सं या जैसे ABCD के म य क कोई सं या चुननी है ।
तब वह हर अंक के िलए 4 दौर के िलए पांसे फे के गा। पहले दौर म य द उसे ऐसा अंक चुनना है जो 0 से 5 के म य
का है, तब वह के वल 1 पांसे का इ तेमाल करे गा और य द उसे ऐसा अंक चुनना है जो 0-9 के म य है, तब वह 2
पांस का योग करेगा।

(10.3) चुनी गयी सं या उस सं या से 1 कम होगी जो एक अके ला पांसा फे कने पर आएगी, और दो पांसे फे कने क
ि थित म यह 2 से कम होगी। य द पांसे फे कने पर आई सं या ज रत क सबसे बड़ी सं या से बड़ी है तो वह पांसे
दोबारा फे के गा।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 31 of 50
1. मान लीिजये एक कताब िजसमे 3693 पेज है, म से एक पेज चुनना है तो जूरी शासक 4 दौर म पास
फके गा। पहले दौर म वह एक ही पांसे का योग करे गा, य क उसे 0-3 के बीच क सं या चुननी है। य द
पांसा 5 या 6 दशाता ह तो वह पांसा दोबारा फे के गा। य द पांसा 3 दशाता है तो चुनी ई सं या 3-1=2
होगी। अब जूरी शासक दूसरे दौर म चला जायेगा। इस दौर म उसे 0-6 के बीच क एक सं या चुननी है,
इसिलए वह दो पांसे फे के गा। य द उनका जोड़ 8 से अिधक हो जाता है तो वह पांसे दुबारा फे के गा। य द
जोड़ का मान 6 आया तो चुनी ई सं या 6-2=4 होगी। इसी कार मान लीिजये चार दौर म पांसा 3, 5,
10 और 2 दशाता है। तब जूरी शासक (3-1) , (5-2) , (10-2) और (2-1) अथात पेज सं या 2381 चुनग
े ा।
2. जूरी शासक सभी मतदाता क सूची तैयार कर सकता है और मरिहत तरीके से क ही दो बड़ी धान
सं याओ को चुन सकता है। मान लीिजये सूची म N मतदाता है। तब वह N/2 और 2N के बीच दो धान
सं या िज ह ‘n और m’ मान लेते है, चुन सकता है। चुने ए मतदाता हो सकते है- (n mod N), (n +m)
mod N, (n+2m) mod N से (n+(k-1)*m) mod N, जहाँ k से आशय चुने जाने वाले ि य क सं या है

11 महाजूरी सद य येक शिनवार और रिववार पर बैठक करगे। य द 15 से अिधक महाजूरी सद य सहमित देते है तो
वे अ य दन भी िमल सकते है। ये सं या 15 से ऊपर तब भी होनी चािहए, जब 30 से कम महाजूरी सद य उपि थत
ह । य द बैठक होती है तो आरं भ सुबह 11 बजे से और समा शाम 5 बजे तक हो जानी चािहए। महाजूरी सद य को
ित उपि थती ित दन 600 . एवं साथ म या ा खच भी िमलेगा। मु यमं ी महंगाई दर के अनुसार या या ा दूरी
जैसी ि थितय म मुआवजा रािश बदल सकते है। ये रािश उसका कायकाल समा होने के 30 दन बाद दी जाएगी।

12 य द कोई महाजूरी सद य बैठक म अनुपि थत रहता है तो उसे दैिनक भुगतान नह िमलेगा। साथ ही वह भुगतान
क जाने वाली रािश क ितगुनी राशी से भी वंिचत हो सकता है, तथा उसक संपि का अिधकतम 0.05% तक और
उसक वा षक आय का 1% तक का जुमाना लगाया जा सकता है। महाजूरी 60 दन बाद जुमाना रािश तय करेगी।

13 िजला महाजूरी मंडल ारा मु कदमो को ीकार करना

(13.1) य द कसी ि , कं पनी या कसी सं था का कसी और ि या सं था पर कोई आरोप है और यह आरोप


य द धारा (4) या उसके आधार पर जारी कये गए कसी गेजटे नोटी फके शन के अंतगत है, तो वे महाजूरी मंडल के
सद य को िलिखत म सूिचत कर सकते है, अथवा धारा (34.1) के अंतगत अपनी िशकायत मु यमं ी क वेबसाइट
पर अपलोड कर सकते है। अिभयोग करने वाले अपनी तरफ से कानूनी सीमा के अ दर समाधान के प म अिभयु
क संपि ज करना, आ थक ितपू त लेना, अिभयु को कारावास या मृ युदंड का सुझाव दे सकते है।
(13.2) य द महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य कसी गवाह, िशकायतकता या अिभयु को बुलावा देते है तो वे
उनके सम हािजर हो सकते है। वे कसी िवशेष को बोलने क अनुमित दे सकते है या नह भी दे सकते है।

(13.3) य द महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य कसी मामले को िवचार यो य मानते ह तो मामले के िवचार के
िलए जूरी शासक 15 से 1500 नाग रक क जूरी बुलाएगा िजनक उ 25 से 50 वष क आयु के बीच होगी । य द
15 से अिधक महाजूरी सद य कहते ह क मामला िवचार यो य नह है तो मामले को िनर त कर दया जाएगा।

(13.4) य द महाजूरी मंडल के अिधकांश सद य मानते है क िशकायत िबलकु ल आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे


मामले क सुनवाई म ई समय क बबादी के िलए 5000 पये ित घंटे अिधकतम क दर से जुमाना लगा सकते है।
महाजूरी मंडल का येक सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा और सबके ारा तािवत जुमाने क म यरािश
(median) जुमाने क रािश मानी जाएगी। महाजूरी मंडल के सद य ये भी तय करगे क झूठे आरोप क ितपू त के
प म अिभयु को जुमाने क रािश म से कतनी रािश दी जाएगी। झूठा आरोप होने क ि थित म अिभयु अपने
समय , स मान और अ य नुकसान के िलए अिधकतम ितपू त पाने हेतु अलग से एक मामला दायर कर सकते है।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 32 of 50
िकसी मामले के िलए आव क जूरी सद ों की सं ा का िनधारण
14 महाजूरी मंडल का येक सद य मामले के िवचार के िलए वांिछत जूरी क सं या तािवत करे गा और जूरी
शासक सारे सद य ारा तािवत सं या के मा य को वांिछत जूरी सं या के प मे िनधा रत करे गा। य द
महाजूरी मंडल के सद य क सं या सम है तो िजला जूरी शासक उ तर म य सं या को वांिछत जूरी सं या के
प मे िनधा रत करगे। जूरी सद य क सं या के संबध म महाजूरी मंडल का फै सला अंितम होगा।

1. य द अिभयु क आ थक या राजनैितक हैिसयत अिधक है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई जा सकती है।


2. य द अपराध जघ य है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई जा सकती है। उदाहरण के िलए य द मामला
100,000 पए या उससे कम धन रािश क चोरी का है तो जूरी सद य क सं या 15 हो सकती है। पर
य द चुराई धन रािश इससे अिधक है तो जूरी सद य क सं या यादा होगी। य द मामला ह या का है तो
जूरी सद य क सं या 50 या 100 या उससे भी अिधक हो सकती है।
3. य द कोई ि अतीत म एकािधक अपराध का अिभयु रहा है, और महाजूरी मंडल के सद य यादातर
मामल को िवचार यो य मानते है तो वे जूरी सद य क सं या बढ़ा सकते है।
4. य द मामला यादा पैस का है तो जूरी सद य क सं या यादा हो सकती है। यूनतम सं या 15 होगी
और येक 1 करोड़ क रािश के िलए 1 अित र जूरी सद य जोड़ा जाएगा। क तु तब भी जूरी का
आकार 1500 से अिधक नह होगा।

15 जूरी सद ों का चयन

(15.1) जूरी शासक मतदाता सूची से लॉटरी ारा वांिछत जूरी सं या से दुगनी सं या म नाग रक को चुनकर
उ ह बुलावा भेजेगा। उनमे से कसी भी प कार के र तेदार, पडोसी, सहकम आ द को जूरी सद य म शािमल
नह कया जाएगा। िजले म िपछले 10 वष म कसी सरकारी पद पर रहे नाग रक भी जूरी से बाहर रहगे। शेष
लोग म से िबना कसी इं टर ू के जूरी शासक लाटरी ारा आव यक सं या के जूरी सद य चुनेगा। कसी ि
को जूरी म शािमल नह करने का अंितम िनणय महाजूरी मंडल के ब मत पास होगा।

(15.2) जूरी शासक जूरी सद य को येक जूरी सद य क िश ागत यो यता, पेशा और संपि अथवा आय के
बारे म सूिचत करे गा। िजन जूरी सद य के पास कम जानकारी है या तक या गिणत म कम द ता है वे उन जूरी
सद य से सहायता ले सकते है, िजनके पास यादा जानकारी है या जो तक या गिणत म यादा द ह।

(15.3) जूरी शासक िजला मु य यायधीश से मामले क सुनवाई म जूरी सद य को आव यक सलाह देने और
मामले के संचालन के िलए एक या अिधकतम 3 यायधीश क िनयु करने के िलए कहेगा। यायधीश के सं या
के बारे मे िजला मु य यायधीश का िनणय अंितम होगा। िजला जूरी शासक एक ायल एडिमिन ेटर को िनयु
करगे और ायल एडिमिन ेटर मामले पर िवचार करने क या एवं जूरी ायल का संचालन करेगा।

जूरी मं डल ारा मुकदमो की सुनवाई करना

16 सुनवाई सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। मामले क सुनवाई िसफ तभी शु होगी जब चुने गए सम त जूरी
सद य म से (चुने गए सम त सद य, ना क िसफ उपि थत जूरी सद य के ) 75% सुनवाई शु करने को राजी ह ।

17 ायल एडिमिन ेटर िशकायत कता को एक घंटे तक िनबाध प से बोलने क अनुमित देगा। इसके बाद अिभयु
डेढ़ घंटे तक अपना प रखेगा। इस तरह एक के बाद एक दोन प बोलगे। भोजन िवराम दोपहर 1 बजे से 2 बजे
के बीच शु होगा और 1 घंटे तक रहेगा। इसी तरह सुनवाई लगातार येक दन चलेगी। जूरी सद य के ब मत
ारा कसी भी प के बोलने क अविध को बदला जा सके गा। इस क़ानून म सभी जगह जूरी का ब मत या
अिधकांश का अथ चुने गए सम त जूरी सद य के ब मत से है ना क िसफ उपि थत जूरी सद य के ब मत से।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 33 of 50
18 मामले क सुनवाई यूनतम 2 दन तक चलेगी । तीसरे दन या उसके बाद य द जूरी सद य का ब मत कहता है क
हमने दोन प को पया सुन िलया है, तो सुनवाई एक दन और चलेगी। और सुनवाई तब तक चलती रहेगी जब
तक जूरी का ब मत सुनवाई ख़ म करने को नही कहता। अंितम दन दोन प 1-1 घंटे तक अपना प रखगे। इसके
बाद जूरी सद य 2 घंटे तक आपस म िवचार मंथन करगे। य द 2 घंटे बाद जूरी सद य िनणय लेते है क उ ह और
िवचार मंथन क आव यकता नह है, तो जूरी अपना फै सला सावजिनक करे गी।

19 जुमाने का िनधारण : येक जूरी सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा, जो क वृत क़ानूनी सीमा के अ दर हो।
य द कसी सद य ारा तािवत जुमाना रािश कानूनी सीमा से अिधक है तो जुमाने क अिधकतम कानूनी सीमा
को तािवत जुमाने क रािश माना जाएगा। ायल एडिमिन ेटर सभी तािवत जुमाना राशीय को घटते म
म रखेगा। अथात सबसे अिधक तािवत रािश को सबसे ऊपर और सबसे अंत म सबसे कम जुमाने क रािश को
रखा जायेगा। ायल एडिमिन ेटर दो ितहाई जूरी सद य ारा मंजूर जुमाने क रािश को जुमाने क रािश मानगे।
उदाहरण के िलए, य द जूरी सद यो क सं या 100 ह तो घटते म म 67 मांक पर तािवत जुमाने क रािश को
जुमाने क रािश माना जाएगा। अथात, य द 100 म से 34 जूरी सद य ने शू य जुमाना तािवत कया है तो
जुमाने क रािश को शू य माना जाएगा।

20 कारावासीय दंड : ायल एडिमिन ेटर जूरी सद य ारा तािवत कारावास क अविध को घटते म म
सजाएगा। अथात सबसे अिधक दंड सबसे पहले और सबसे कम को अंत म रखा जायेगा। य द कसी सद य ारा
बतायी कारावास क अविध कानूनी सीमा से अिधक है तो ायल एडिमिन ेटर उस मामले म कानून ारा
तािवत सवािधक कारावास अविध को तािवत कारावास क अविध के प म दज करगे, और 2/3 जूरी सद यो
ारा मंजूर कारावास क अविध को सि मिलत प से तय क गयी कारावास क अविध माना जाएगा। अथात, य द
एक ितहाई जूरी सद य कारावास क अविध शू य तािवत करते ह तो अिभयु को िनरपराध घोिषत कर दया
जाएगा। उदाहरण के िलए, य द जूरी सद य क सं या 100 है तो घटते म म 67 म सं या वाली तािवत
कारावास क अविध को कारावास क सि मिलत अविध के प म माना जाएगा और य द 34 जूरी सद य कारावास
क अविध शू य तािवत करते ह तो कारावास नह होगा।

21 मृ यु दंड एवं सावजिनक नारको टे ट के मामले म 75% से अिधक जूरी सद य क मंजूरी आव यक होगी। इस तरह
के मामल म एक अ य जूरी मंडल ारा मामले पर पुन वचार कया जाएगा। दूसरी बार म आयी जूरी ही ये िनणय
करे गी क मृ युदड
ं होगा या नह । पुन वचार वाली जूरी भी मृ यु दंड को 75% सद य ारा अनुमो दत करेगी।

22 जूरी मंडल जो भी अंितम फै सला दगे उसे ायल के पदासीन जज ारा अनुमो दत कया जाएगा। य द जज चाहे तो
जूरी के फै सले म संशोधन कर सकता है, या फै सले को पूरी तरह से पलट सकता है। जज जब भी अपना फै सला
िलखेगा तब वह सबसे पहले जूरी के फै सले को उ त करे गा। सरकारी द तावेजो, बुले टन एवं अ य सभी जगह जहाँ
पर भी फै सले को दज / उ त कया जाएगा, वहां पर अिनवाय प से सबसे पहले जूरी ारा दए गए फै सले को
उ त कया जाएगा।

23 य द कसी अ य समाधान क मांग क गयी है तो जूरी सद य दोन प को अिधकतम 5 या उससे कम वैकि पक


ताव दािखल करने को कहगे। इसके अलावा जूरी क अनुमित से कोई भी ि समाधान के िलए अपना ताव
जूरी के सामने रख सकता है। येक जूरी सद य येक वैकि पक ताव को 0 म से 100 के बीच अंक देगा। य द
कसी ताव को कसी जूरी सद य ने कोई भी अंक नह दया ह तो उस ताव के िलए उनके ारा दया गया अंक
शू य माना जाएगा। िजस वैकि पक समाधान ताव को सबसे यादा अंक िमलगे उस ताव को जूरी ारा मंजूर
कया गया ताव माना जाएगा।
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 34 of 50
24 जूरी सद य पर जुमाना - य द कोई जूरी सद य या कोई भी प सुनवाई म अनुपि थत रहता ह या िवल ब से आते
ह तो 60 दन बाद महाजूरी मंडल जुमाने क राशी तय करे गा, जो क उनक संपि का 0.1% अथवा वा षक आय
का 1% हो सकता है। जुमाने के िनधारण म महाजूरी मंडल का फै सला अंितम होगा।

25 य द 50% से यादा जूरी सद य मानते ह क िशकायत िबलकु ल िनराधार एवं मनगड़ंत है तो येक जूरी सद य
अिधकतम 1000 पए ित जूरी सद य तक का जुमाना लगा सकता है। येक जूरी सद य जुमाने क रािश
तािवत करेगा और िजला जूरी शासक तािवत रािशय के म य मान को जुमाने क रािश मानेगा। क तु
जुमाने क उ तम सीमा वह रािश होगी जो क िशकायतकता क संपि क 2% या वा षक आय क 10% म से उ
है। जुमाने क इस रािश म से अिभयु को जो रािश दी जायेगी उसक गणना इस कार होगी - अिभयु ारा
िपछले वष भरे गए आयकर रटन के अनुसार उसक ित दन आय का िनधारण कया जाएगा। तथा िजतने दन
सुनवाई चली और अिभयु को िजतने दन का नुकसान आ उस िहसाब से उसे मुआवजा दया जाएगा। अिभयु
यादा मुआवजे के िलए अलग से मामला दायर कर सकता है।

26 ज टल मामल म य द कोई तकिनक या कानूनी िवशेष कोई जानकारी देने के इ छु क ह तो कोई भी प कार या
ायल एडिमिन ेटर उनक मदद ले सकते है। जूरी शासक उनक दैिनक भुगतान रािश तय करगे, जो उनक
दैिनक आय से अिधक नह होगी। जूरी सद य को भ के प म िजला महाजूरी मंडल के सद य के समान
धनराशी दी जायेगी।

27 िजला जूरी शासक िजले क सभी तहसील म भी तहसील जूरी शासको क िनयुि करेगा। तहसील का महाजूरी
मंडल तहसील के अंतगत मामल क सुनवाई करे गा। तहसील जूरी शासक तहसील अदालत के िलए तहसील
महाजूरी मंडल का गठन करगे और जूरी कोट क कायवाही ऊपर दी गयी धारा के अनु प ही होगी।
[ िटप ी : य द वादी गण को लगता है क िजला जज ने अनुिचत फै सला दया है तो वे इस क़ानून के वोट वापसी खंड क
धारा (31) का इ तेमाल करके िजले के नाग रको से िवनती कर सकते है क नाग रक िजला जज को नौकरी से िनकालने
क वीकृ ित द। या वे धारा (34.1) के तहत नाग रको के सम पुन वचार (Riview) का शपथप दािखल कर सकते है।

28 धारा (04) म व णत मामलो या धारा (04) के तहत जारी क गयी राजप अिधसूचना ारा िनधा रत मामल म
जूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी सहमती िबना िजले के कसी भी नाग रक को कसी भी सरकारी
अिधकारी ारा न तो दि डत कया जा सके गा, और न ही जुमाना लगाया सके गा। क तु िन िलिखत दशा म
जूरी मंडल क सहमती आव यक नह होगी - य द ऐसे आदेश को उ या उ तम यायालय ने अनुमो दत कया हो,
अथवा ऐसे आदेश को धारा (34) के ावधान का योग करते ए िजले के मतदाताओ के ब मत ने अनुमो दत
कया हो। कोई भी सरकारी अिधकारी कसी भी नाग रक को यूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी
सहमती िबना या महाजूरी मंडल के साधारण ब मत ारा दी गयी सहमती िबना या धारा (34) के ावधान के
तहत दशाए गए िजले के नाग रको के ब मत िबना 48 घंटो से अिधक समय तक कारावास म नह रखेगा।

29 िजला र के अिधका रयों के िलए आवेदन एवं यो ताएं


(29.1) िजला पुिलस मुख : य द 32 वष से अिधक आयु का कोई भारतीय नाग रक जो िपछले 3000 दन म 2400
से अिधक दन के िलए कसी िजले म पुिलस मुख नह रहा हो, तथा िजसने 5 वष तक सेना म काम कया हो, या
पुिलस िवभाग म एक भी दन काम कया हो, या सरकारी कमचारी के प म 10 वष तक काम कया हो या उसने
रा य / संघ लोक सेवा आयोग ारा आयोिजत शासिनक सेवाओ क िलिखत परी ा पास क हो, या उसने
िवधायक /सांसद / पाषद या िजला पंचायत सद य का चुनाव जीता हो, तो वह िजला पुिलस मुख के याशी के
प म आवेदन कर सके गा।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 35 of 50
(29.2) िजला जज, िजला जूरी शासक एवं सहायक िनदेशक अिभयोजन : भारत का कोई भी नाग रक िजसक
आयु 32 वष से अिधक हो एवं उसे LLB क िश ा पूण कये ए 8 वष हो चुके हो या वह सहायक लोक अिभयोजक
(APP=Assistance Public Prosecutor) के प म 3 वष तक सेवाएं दे चुका हो तो वह िजला जज, जूरी शासक
एवं सहायक िनदेशक अिभयोजन (ADP = Additional Director of Prosecution) पद के िलए आवेदन कर सके गा।

(29.3) िजला िच क सा अिधकारी : 32 वष से अिधक आयु का भारतीय नाग रक िजसे ऐलोपेथी, आयुवद,
हो योपेथ, यूनानी या भारत सरकार ारा वीकार क गयी इसके समक कसी अ य िच क सा िव ान का
मा यता ा िच क सक होने के िलए वांिछत िड ी ा कये ए 5 वष हो चुके हो तो वह िजला िच क सा
अिधकारी के िलए आवेदन कर सके गा।
(29.4) िजला िश ा अिधकारी एवं िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु
32 वष से अिधक हो तो वह उपरो पद म से कसी भी पद के िलए आवेदन कर सके गा।

30 धारा (29) म दी गयी यो यता धारण करने वाला कोई भी नाग रक य द कले टरी म आवेदन का ए फडेिवट तुत
करता है, तो िजला कले टर सांसद के चुनाव म जमा क जाने वाली रािश के बराबर शु क लेकर अ हत पद के िलए
उसका आवेदन वीकार कर लेगा, तथा शपथप को मु यमं ी क वेबसाईट पर कै न करके रखेगा।
31 मतदाता ारा उ ीदवारों का समथन करने के िलए हाँ दज करना

(31.1) कोई भी नाग रक कसी भी दन वोट वापसी पासबुक या वोटर आई डी के साथ पटवारी कायालय जाकर
कसी भी याशी के समथन म हाँ दज करवा सके गा। पटवारी अपने क यूटर एवं वोट वापसी पासबुक म मतदाता
क हाँ दज करे गा। पटवारी मतदाता क हाँ को याशीय के नाम व मतदाता क पहचान-प सं या के साथ
िजला वेबसाईट पर सावजिनक करेगा। मतदाता कसी पद के याशीय म से अपनी पसंद के अिधकतम 5 ि य
को वीकृ ित दे सकता है।

(31.2) वीकृ ित दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।
(31.3) य द मतदाता सहमती र करता है तो पटवारी एक या अिधक नाम को िबना कोई फ़ स िलए र कर देगा

(31.4) येक महीने क 5 तारीख को िजला कले टर िपछले महीने म ा येक यािशय को िमली वीकृ ितय
क िगनती कािशत करेगा। पटवारी अपने े क वीकृ ितय का यह दशन येक सोमवार को करे गा।

िट णी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता अपनी हाँ SMS, ATM, मोबाईल एप से दज कर सके ।

रज वोिटं ग - मु यमं ी ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता कसी याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे
सके । य द मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर माना जाएगा। य द मतदाता अपनी
वीकृ ित दज नही करता तो इसे शू य अंक माना जाएगा। क तु य द मतदाता अंक देता है तो दए गए अंक ही
मा य ह गे। रज वो टग क ये या वीकृ ित णाली से बेहतर है, और ऐरो क थ अस भा ता मेय
(Arrow’s Useless Impossibility Theorem) से ितर ा दान करती है।

32 अिधका रयों की िनयु एवं िन ासन

(32.1) िजला पुिलस मुख एवं िजला िश ा अिधकारी : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता (सभी
मतदाता, न क के वल वे िज ह ने सहमती दज क है) के 50% से अिधक मतदाता कसी उ मीदवार के प म हाँ दज
कर देते है तो मु यमं ी इ तीफा दे सकते है, या सबसे अिधक वीकृ ित ा करने वाले ि को िजले म अगले 4
वष के िलए नया िजला पुिलस मुख या िश ा अिधकारी िनयु कर सकते है, या नही भी कर सकते है। िनयुि के
बारे म अंितम फै सला मु यमं ी करगे।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 36 of 50
(32.2) जूरी शासक, िमलावट रोक अिधकारी, िच क सा अिधकारी एवं सहायक िनदेशक अिभयोजन : य द िजले
क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी याशी के प म हाँ दज कर देते है,
और य द ये वीकृ ितयां पदासीन अिधकारी से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी अमुक याशी को अ हत पद पर
िनयु कर सकते है।

(32.3) िजला जज : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी
याशी के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन िजला जज से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी
उ यायालय के मु य यायधीश को िच ी िलख सकते है। िजला जज क िनयुि का अंितम िनणय उ यायालय
के मु य यायधीश करगे।

(32.4) िजला िश ा अिधकारी : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी अिभभावक के 35% से अिधक
अिभभावक कसी याशी के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन िश ा अिधकारी से 1%
अिधक भी है तो मु यमं ी अमुक याशी को िजला िश ा अिधकारी क नौकरी दे सकते है।

1. िजला िश ा अिधकारी को अिभभावक एवं आम नाग रक दोन अपनी वीकृ ितयां दे सकगे। 35%
अिभभावक क सहमती से मु यमं ी िजला िश ा अिधकारी क िनयुि कर सकते है, और य द आम
नाग रक िश ा अिधकारी के कसी याशी को 50% से अिधक वीकृ ितयां दे देते है तो नाग रको क मंशा
को उ माना जायेगा।
2. इस क़ानून म अिभभावक श द का अथ होगा िजले म - 0 से 18 वष आयुवग के ब ो के िपता या उनक
माता, जो उस िजले का मतदाता भी हो। जब तक अिभभावको क सूची नह बनती, िजले का येक
मतदाता जो 23 और 45 वष के बीच है, इस क़ानून के िलए अिभभावक माना जायेगा।
3. य द मु यमं ी इस क़ानून को अ य िजलो म भी लागू करते है तो अिभभावक क वीकृ ितय से िनयु
आ िश ा अिधकारी एक से अिधक िजलो का भी िश ा अिधकारी बन सकता है। वह अिधक से अिधक 5
िजल का िश ा अिधकारी बन सकता है। कोई ि अपने जीवन काल म कसी िजले का िश ा
अिधकारी 8 वष से अिधक समय के िलए नह रह सकता है। य द वह एक से अिधक िजलो का िश ा
अिधकारी है तो उसे उन सभी िजल के िश ा अिधकारी के पद का वेतन, भ ा, बोनस आ द िमलेगा।

33 िजला पुिलस मुख के िलए गु ीकृित की अित र ि या एवं कायकाल

(33.1) मु यमं ी एवं िजले के सभी मतदाता रा य चुनाव आयु से िवनती करते है क, जब भी िजले म कोई आम
चुनाव, िजला पंचायत चुनाव, ाम पंचायत चुनाव, थानीय िनकाय चुनाव, सांसद का चुनाव, िवधायक का चुनाव
या अ य कोई भी चुनाव करवाया जाएगा तो इन चुनाव के साथ रा य चुनाव आयु एस.पी. के चुनाव के िलए भी
मतदान क म एक अलग से मतप पेटी रखेगा, ता क िजले के मतदाता यह तय कर सके क वे मौजूदा एस.पी. क
नौकरी चालू रखना चाहते है या कसी अ य ि को एस.पी. क नौकरी देना चाहते है।

(33.2) य द कोई उ मीदवार िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता (सभी, न क के वल वे िज ह ने गु


वीकृ ितय के िलए मतदान कया है) के 50% से अिधक गु वीकृ ितयां ा कर लेता है तो मु यमं ी यागप दे
सकते है, या 50% से अिधक गु वीकृ ितयां ा करने वाले ि को िजले म अगले 4 वष के िलए िजला पुिलस
मुख िनयु कर सकते है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 37 of 50
(33.3) य द कोई ि िपछले 3000 दन म 2400 से अिधक दन के िलए पुिलस मुख रह चुका हो तो मु यमं ी
उसे अगले 600 दन के िलए िजला पुिलस मुख के पद पर रहने क अनुमित नह दगे। क तु य द पुिलस मुख गु
वीकृ ित क या म िजले के 50% से अिधक वीकृ ितयां ा कर लेता है तो वह पद पर बना रह सकता है।

(33.4) रा य के सभी मतदाता के 50% से अिधक मतदाता क प वीकृ ित लेकर मु यमं ी िजले म पुिलस
मुख के िलए नाग रको ारा वीकृ त करने क इस या एवं यूरी ायल को 4 वष के िलए हटाकर अपनी पसंद
का नया िजला पुिलस मुख िनयु कर सकते है। क तु मु यमं ी िश ा अिधकारी
अिधका , िजला जज, जूरी शासक एवं
िच क सा अिधकारी को वीकृ त करने क याए तब भी जारी रख सकते है।

34 जनता की आवाज

(34.1) य द िजले का कोई मतदाता कसी मांग, सुझाव, िशकायत आ द के प म कोई अज देना चाहता है तो वह
कले टर कायालय म एक ए फडेिवट जमा करवा सके गा। कले टर 20 ित पृ क दर से शु क लेकर ए फडेिवट
को मतदाता के वोटर आई.डी
डी नंबर के साथ मु यमं ी क वेबसाइट पर कै न करके सावजिनक करे गा।

(34.2) य द िजले का कोई मतदाता धारा (34.1) के तहत तुत कसी ए फडेिवट पर अपना समथन दज कराना
चाहे तो वह पटवारी कायालय म 3 पए का शु क देकर अपनी हां / ना दज करवा सकता है। पटवारी इसे दज
करे गा और हाँ / ना को मतदाता के वोटर आई.डी. न बर के साथ मु यमं ी क वेबसाईट पर डाल देगा।

[ िटप ी : यह क़ानून लागू होने के 4 वष बाद य द व था म सकारा मक बदलाव आते है तो इस कानून क धारा
(34.1) के तहत एक शपथप दया जा सके गा, िजसमे उन कायकताओ को सां वना के प म वािजब ितफल देने का
ताव होगा, िज ह ने इस क़ानून को लागू करवाने के यास कये है। कायकता के जीिवत नही होने पर ितफल उसके
नोिमनी को दया जाएगा। यह ितफल कसी मृित िच ह / शि त प या अ य कसी प म हो सकता है। य द िजले के
51% नाग रक शपथप पर हाँ दज कर देते है तो मु यमं
मं ी इ ह लागू करने कर सकते है, या नह भी कर सकते है। ]

--------क़ानू
क़ानून ा ट का समापन--------
समापन

यह क़ानून मोबाइल पर पढने के िलए यह कोड कै न कर पै पलेट छपवाने के पीडीऍफ़ के िलए यह कोड कै न कर

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 38 of 50
(6) िजला जूरी कोट क़ानून के गेजेट म छपने से िकस तरह का बदलाव आएगा ?

िजला जूरी कोट क़ानून म िजला पुिलस मुख को शािमल करते ए िजला तर के 6 पद को वोट वापसी के दायरे म
कया गया है। इस क़ानून म यह कया दी गयी है क नाग रक िजला तर के शीष अिधका रय को उनके दशन के
आधार पर यह फै सला कर सकगे क कस अिधकारी को वे पद पर बनाए रखना चाहते है, और कसे िनकालना चाहते है।
दशन के आधार पर छांटने क इस या के कारण बेहतर दशन करने क ित पधा शु होगी और कु छ ही महीनो म
पदासीन अिधकारी अपने काम काज म सुधार लाना शु करगे। जो अिधकारी सुधार नह लायगे नाग रक ब मत का
दशन करके उ ह पद से िन कािसत कर देगी। इस तरह एक छंटनी क या शु होगी िजसम अिधकारी पद खो दगे
और कािबल एवं ईमानदार अिधकारीय के िलए पदो ित के अवसर खुल जायगे।

(5.1) िजला िश ा अिधकारी के उदाहरण से िनचे इसे प कया गया है, क यह या कै से बदलाव लाएगी।

1. दशन के आधार पर पदो ित एवं वेतन वृि के अवसरो म वृि :


भारत म लगभग 700 िजला िश ा अिधकारी ह । मान लीिजए क इनमे से 10-15 िश ा अिधकारी नह है
और िश ा व था म सुधार लाना चाहते है। रे डो क़ानून क धारा 12 कहती है क य द कोई िश ा अिधकारी
मु यमं ी ारा िनयु होता है तो वह के वल एक ही िजले का िश ा अिधकारी हो सकता है। ले कन य द
नाग रक ने उसे िजला िश ा अिधकारी बनाया है तो वह रा य म 5 िजल और पूरे भारत म 10 िजल का भी
िजला िश ा अिधकारी बन सकता है, और वह इन सभी िजल का वेतन भी ा करे गा। अथात य द कोई ि
4 िजल का िजला िश ा अिधकारी है और उसे नाग रक ने िनयु कया है तो उसका वेतन 4 गुना होगा।
सरकार को भी यह स ता पड़ेगा, य क िसफ वेतन ही चार गुना बढ़ेगा ले कन िच क सा लाभ और आजीवन
िमलने वाले लाभ 4 गुना नह बढ़गे।

तो मान लीिजए क वतमान 700 िजला िश ा अिधका रय म से 5-15 अिधकारी नह है। य द एक बार यह
क़ानून लागू हो जाता है तो उ ह सीधी तर और पदो ित का अवसर िमल जायेगा। वे अपने िजले के कू ल को
ठीक करना शु कर दगे। वे अपने कमचा रय को घूस लेने से रोकगे। इस बात का यान रखगे क ठे के दार
लैकबोड, कु सयां आ द क स लाई मघपला न करे , और िश क कू ल म हािजर रह, आ द। अब मान लीिजए क
मु यमं ी है और इन सभी मामल म मु यमं ी इन अिधका रय का तबादला कर देते है। तब लगभग इन 7-
15 मामल म से, कम से कम 2-3 मामल म माता-िपता अपने ब क अ छी िश ा के िलए वोट वापसी क़ानून
का उपयोग करके उस तबादला कए गए िजला िश ा अिधकारी को वापस ले आएंगे।

इस तरह भारत के 700 िजल म से 2-5 िजल म िश ा क ि थित म सुधार आएगा। तो शेष िजल का या होगा
? मान लीिजए आप 'A' िजले म रहते है, तथा 'A' िजले का िजला िश ा अिधकारी और िनक मा है। मान
लीिजए पास म ही पांच अ य िजले B, C, D, E और F है और के वल E िजले म ही अ छा िजला िश ा अिधकारी है।
तो िजला A के नाग रक के पास िवक प होगा क वे अपने िजले के िजला िश ा अिधकारी को हटा सकते है और
E िजले के िजला िश ा अिधकारी को दोहरा कायभार दे सकते है। इसी िवक प और अिधकार के कारण क "अब
नाग रक वोट वापसी का उपयोग करके मुझे हटा सकते ह और मेरे पद पर E िजले के िजला िश ा अिधकारी को
ला सकते ह", अ य िजलो के िजला िश ा अिधकारीय के मन म एक भय पैदा होगा। अत: या तो वे अगले 2-3
महीन म सुधर जाएंगे या तो नाग रक उ ह वोट वापसी का योग करके हटा दगे। इस तरह इस कानून के गैजेट म
कािशत होने के 8-10 महीन म ही सभी 700 िजला िश ा अिधकारी या तो सुधर जाएंगे या बदल दए जाएंगे।
10-20 महीन के अंदर ही "ज दी अमीर बनने" और "भाड़ म जाए जनता" क मानिसकता वाले अिधकारी
शासन से हटना शु ह गे और दुबारा इन शासिनक पद पर नह आ पाएंगे। इससे वा तव म सेवा करने क
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 39 of 50
इ छा वाले लोग को आने का यादा मौका िमलेगा और ाचारी लोग ईमानदार लोगो के काम म कम बाधा
डाल सकगे। वतमान िस टम म एक कमी यह है क य द कोई ईमानदार ि 2 लोग का काम करता है तो भी
उसे 2 ि य के बराबर वेतन नह िमलता, जब क ापार म ऐसा होना आम बात है। इस वजह से ईमानदार
और मेहनती लोग सरकारी नौकरी म आने से कतराते है। यह कानून के आने से अिधकारीय को एक से अिधक पद
िमल सकता है तथा उसके अनुसार वे अिधक वेतन पा सकते है। इससे शासन म ईमानदार और सम पत ि य
को आने का यादा मौका िमलेगा।

2. कािबल ि य के सरकारी सेवा म आने के अवसर म वृि :


इस समय िजला िश ा अिधकारी कौन होगा इसका फै सला िश ा मं ी करता है। इस क़ानून क धारा (5.4)
कहती है क, 32 वष क आयु का कोई भी ि िजला िश ा अिधकारी के िलए आवेदन कर सके गा, और य द
िजले के अिभभावक उसे वीकृ ितयां दे देते है तो मु यमं ी उसे िजला िश ा अिधकारी के पद पर िनयुि दे सकते
है। इस व था के आने से उप िजला िश ा अिधका रय एवं अ य कािबल किन पद पर कायरत अिधका रय
के िलए भी िजला िश ा अिधकारी बनने के अवसर खुल जायगे। इसके अलावा िनजी िश ा सं थान म काम कर
रहे िश ािवद / अ यापक आ द भी िजला िश ा अिधकारी बनने के िलए आवेदन कर सकते है। और उ ह
नाग रको क वीकृ ितय क ज रत होगी अत: वे ऐसे घोषणा प के साथ अिभभावक के बीच जायगे िजससे
िश ा व था म सुधार आये। तब उ ह िश ा अिधकारी बनने के िलए मंि यो के द तर म च र लगाने या उ ह
घूस देने क ज रत नह होगी। और य द पद पर आने के बाद वे ठीक से काम नह करते है तो अिभभावक िश ा
अिधकारी को िनकालने के िलए वीकृ ित दे सकते है।

3. िशकायत आने पर नाग रको क जूरी ारा िनपटान :

इस समय अिधका रय के िनक मेपन एवं घूसखोरी क बड़ी वजह यह है क नाग रको को उनक िशकायत लेकर
मंि यो / उ ािधका रयो / जज के पास ध े खाने पड़ते है, और चूं क अिधका रय का नेता एवं जज के साथ
गठजोड़ होता है अत: वे पैसा खाकर नाग रको क िशकायत को या तो रफा दफा कर देते है या जांच के नाम पर
मामले को लटका देते है। इस कानून क धारा (14) म यह ावधान कया गया है क य द िश ा अिधकारी या
उनके टाफ के िखलाफ कोई नाग रक िशकायत आती है तो इसक सुनवाई नाग रको क जूरी करे गी। जूरी ारा
सुनवाई क व था आने के साथ ही कमचा रयो के वहार म रात रात प रवतन आ जायेगा। य क वे जान
जायगे क अब य द उनके िखलाफ िशकायत आती है तो दोषी होने पर जज एवं नेता उ ह बचा नह सकगे।

दुसरे श द म, यह क़ानून ऐसी व था क रचना करता है िजससे कािबल अिधकारीय को ो साहन िमलेगा जब क
अिधकारी पद खो दगे। नाग रको ारा अिधका रय को िनकाले जाने के कारण व था म सुधार आना शु होगा।
और ठीक इसी तरह के बदलाव इस क़ानून म शािमल कये गए सभी 6 अिधका रय एवं उनके टाफ म देखने को िमलगे।

(5.2) अ सर पूछे जाने वाले जो नाग रको के िलए इस क़ानून को समझने म सहायक है

1. या यह संिवधान के िखलाफ नह है, क जनता के पास एस.पी. को बदलने का अिधकार हो ?

इस क़ानून म जनता को एस.पी. को बदलने का िनणायक अिधकार नह दया गया है। िजले के नाग रक के वल
अपनी मंशा बता सकगे क वे मौजूदा एस.पी. के काम काज से संतु है या नह है। अंितम फै सला करने का
अिधकार मु यमं ी के पास ही रहेगा। य द मु यमं ी चाहगे तो एस.पी. को बदलगे और अ यथा एस.पी. क
नौकरी चालू रहेगी। इस तरह यह या मौजूदा व था से न तो कोई छे ड़छाड़ करती है, और न ही उनके
अिधकार म कटौती करती है। दरअसल नाग रक अपनी हाँ दज करगे। और कानूनी प से यह वोट नह है, यह
नाग रको ारा सरकार को दया गया परामश है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 40 of 50
2. जब अंितम फै सला मु यमं ी के हाथ म है, तो मु यमं ी जनता क बात य मानगे ?

मान लीिजये क कसी िजले म 20 लाख मतदाता है, और उनमे से 12 लाख यह द शत कर देते है क मौजूदा
एस.पी. X को हटाकर Y को एस.पी. क नौकरी दे देनी चािहए, तो कसी मु यमं ी म इतना साहस नह है क वे
जनता के ब मत के िखलाफ जाए। य द सीएम तब भी जनता के अनुमोदन को खा रज करते है तो मु यमं ी क
पाट के उ मीदवार आगामी सभी कार के चुनाव हारने लगगे। कु ल िमलाकर ब मत क अवहेलना करना कसी
भी नेता के िलए काफ क ठन होता है।

3. लोग छोटी छोटी बात पर रोज एस.पी. को िनकालने के िलए वीकृ ित दगे तो या होगा ?

िजस तरह िसफ आपके वोट से नेता नह चुना जाता उसी तरह िसफ आपक वीकृ ित से अिधकारी को नह बदला
जायेगा। उदाहरण के िलए मान लीिजये क कसी िजले म 20 लाख मतदाता है तो एसपी िसफ तभी िनकाला
जाएगा जब कम से कम 11 लाख लोग कहे क मौजूदा एसपी को िनकालकर अमुक ि को एसपी बनाना
चािहए। य द 51% नाग रक यह नह बताते क मौजूदा एसपी को हटाकर कस आदमी को एसपी बनाना है तो,
मौजूदा एस.पी. क नौकरी चालू रहेगी। और 51% वीकृ ितय के बावजूद एसपी को बदलने का िनणायक
अिधकार मु यमं ी के पास ही होगा।

4. लोग अपनी जाित के आदमी को एस.पी. बना दगे तो या होगा ?

भारत के कसी भी िजले म कसी भी जाित के मतदाता का ितशत 15 से यादा नह है। जब क एस.पी. बनने
के िलए कम से कम 51% मतदाताओ के अनुमोदन क ज रत होगी। हमने जो या दी है उसमे मतदाता अपनी
पसंद के क ही 5 उ मीदवार को वीकृ त कर सके गा। तो मान लीिजये क X एक वीकृ ित अपनी जाित वाले
उ मीदवार को दे देता है, पर तु अपनी दूसरी, तीसरी वीकृ ित कसी अ छे उ मीदवार को देगा। इस तरह जो
उ मीदवार अ छे ह गे उ ह सभी जाितय क वीकृ ित िमलेगी और उनक वीकृ ितय क सं या बढ़ने से जाित
िनरपे लोग बढ़त बना लगे।

5. या एस.पी. वीकृ ितयां लेने के िलए नाग रको को धमकाएगा नह ?

पहली बात, एस.पी. बनने के िलए लाख वीकृ ितय क ज रत होगी। कसी भी ि या एस.पी. के पास
इतना बल नह होता क वे लाख आदिमय को रोज धमका कर रख सके । दूसरी बात, य द पुिलस मुख
नाग रको को धमकाता है, या उसके टाफ के िखलाफ कोई िशकायत आती है तो इसक सुनवाई जज नह , बि क
नाग रको क जूरी करेगी। जूरी िस टम के कारण त काल सुनवाई होगी और ह ते भर म फै सला आ जाएगा।
मतलब नाग रको को िशकायत लेकर कोट या नेता के यहाँ महीनो तक ध े नह खाने पड़गे। तीसरी बात, इस
ा ट म गु मतदान क या भी है। तो िजन लोगो को एस.पी. का भय है उ ह अगले कसी आम चुनाव या
पंचायत चुनाव का इं तजार करना होगा। जब भी चुनाव ह गे तो वे मौजूदा एस.पी. को हटाकर नए एस.पी. के
िलए गु मतदान कर सकते है।

6. एस.पी. नाग रको को पैसा देकर वीकृ ितयां य नह खरीद लेगा ?

उ मीदवार चुनावो म अनाप सनाप पैसा इसीिलए खच करता है, य क वह जानता है क एक बार वोट देने के
बाद अगले 5 साल तक मतदाता अपना वोट वािपस नह ले सकता। ले कन जहाँ पर वोट वापसी क व था

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 41 of 50
होती है, वहां कोई भी उ मीदवार इस तरह पैसा नह बहाता। वह सोचता है क आज कोई ि पैसा लेकर मुझे
वीकृ ित दे देगा और 5-7 दन बाद अपनी वीकृ ित वािपस ले लेगा।

7. या SMS या मोबाईल APP से वीकृ ित देने से धोखाधड़ी नह होगी ? और इं टरनेट िबना यह सब कै से चलेगा ?

य द आप SMS से वीकृ ित देना चाहते है तो पटवारी कायालय म अपना मोबाईल नंबर रिज टड करवा सकते है।
जो मोबाइल से वीकृ ित नह देना चाहते वे वोटर काड के साथ पटवारी कायालय जाकर अपनी हाँ दज करवा
सकता है। कले टर हर महीने एवं पटवारी हर ह ते वीकृ ितय क सं या सावजिनक कर देगा। साथ ही आपके
ारा दी गयी वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म भी आएगी। तो यहाँ सरकार के साथ साथ जनता के पास
भी डेटा रहेगा, और गड़बड़ी होने को तुरंत पकड़ा जा सके गा। दरअसल, यह िस टम मोबाईल, इं टरनेट या
वेबसाईट पर नह बि क वोट वापसी पासबुक, पटवारी कायालय और कले टर ऑ फस पर टका आ है।

8. एस. पी. को तो हम चुनते नह है। फर उनक वोट वापसी य होनी चािहए ?

एस.पी. क िनयुि यां, पदो ित, बखा तगी एवं थानांतरण सरकार करती है। यह या आने के बाद नाग रक
सरकार को यह बता सकगे क अमुक एस.पी. को वे िनकालकर अ य ि को लाना चाहते है। यह क़ानून आने के
बाद य द रा य म पुिलस ठीक काम नह कर रही है तो उ ह पूरी सरकार को िहलाने क ज रत नह होगी। इस
तरह यह क़ानून सरकार एवं शासन को ि थरता दान करता है। और यहाँ मतदाता एस.पी. को चुन नह रहे है,
बि क सरकार को इस बारे म परामश दे रहे है। और यह परामश सीएम पर बा यकारी नह है।

9. सीमावत इलाको या िवशेष प रि थितय म आव यकता होने पर सरकार एस.पी. को कै से िनयंि त करेगी ?

इस कानून क धारा (11) म यह ावधान है क मु यमं ी िवशेष प रि थितय म रा य के सभी मतदाता क


सहमती लेकर कसी एक या एक से अिधक िजलो म नाग रको ारा वीकृ ित क यह या 4 वष तक के िलए
िनलि बत कर सकते है। तो इस ावधान का इ तेमाल करके आव यकतानुसार मु यमं ी पूण िनयं ण ले सकगे।

10. या इस क़ानून के आने से शासिनक खच नह बढ़ेगा ?

इस क़ानून को लागू करने और इस व था को संचािलत करने के िलए कसी अित र बजट क ज रत नह है।
िजला कले टर िजले के येक नाग रक को एक वोट वापसी पासबुक जारी करे गा, िजसक क मत ित पासबुक 3
से 4 से अिधक नह आएगी। पटवारी कायालय म एक कं यूटर और एक लक क ज रत होगी, और जब तक
पटवार खाने म क यूटर नह है, तब तक पटवारी वोट वापसी पासबुक और रिज टर / रसीद पर काम करता
रहेगा। और एक बार जब कले टर SMS या मोबाइल एप बना देते है तो यादातर नाग रक अपने रिज टड
मोबाइल नंबर का इ तेमाल करके SMS ारा वीकृ ितयां दे सकगे। इसके अलावा वीकृ ितयां दज करना िनशु क
नह है। नाग रक जब भी वीकृ ित देगा तब वह इसके िलए 3 (BPL काड धारक के िलए 1 ) का भुगतान
करे गा। SMS िस टम आने के बाद भी िजला कले टर ित SMS 1 या 50 पैसे शु क ले सकता है।

11. सरकारी अिधका रय क िशकायत को नाग रको क जूरी कै से सुन सकती है ? या यह संिवधान स मत है ?

जूरी मंडल सुनवाई करके जो भी फै सला देगा, वह परामश क तरह होगा, बा यकारी नह । अंितम फै सला जज ही
देगा, और जज चाहे तो फै सले म बदलाव कर सकता है। इस तरह यह पूरी तरह संिवधान स मत है। िजस तरह
जज दोन प को सुनता है, और सबूत देखकर बताता है क गलती कसक है, वैसे ही आम नाग रको का समूह
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 42 of 50
भी फै सला दे सकता है। और जूरी सद य को सहायता देने एवं मुकदमे के संचालन के िलए वहां जज, ायल
एडिमिन ेटर आ द भी उपि थत रहगे। अमे रका- ांस-ि टेन समेत दुिनया के कई िवकिसत देशो म जज के साथ
साथ नाग रक भी मुकदमा सुनते है और अपनी सलाह देते है। जब अं ेजो के भारतीय मुलािजम भारतीय अवाम
पर यादा दमन करने लगे तो ि टश ने भारत म िनचले तर पर जूरी कोट क थापना क थी। तब भारतीय
अिधकारी ारा भारतीय पर कोई जु म कया जाता था तो इसक सुनवाई भारतीय नाग रको क जूरी करती
थी। क तु य द गोरे के िखलाफ िशकायत होती थी तो मुकदमा जज ही सुनता था। आजादी क बाद भी कु छ
ो वस म हसा मक मामल म िनचले तर पर जूरी िस टम जारी रहा। क तु आजादी के बाद जब भूिम सुधार
आ दोलन शु ए तो जमीदार के दबाव म 1958 म ी जवाहर लाल नेह ने जूरी िस टम ख़ म कर दया था।

12. आम नाग रको को तो क़ानून क समझ नह होती है, तो वो फै सला कै से दगे ?

इस क़ानून म ह या, अपहरण, मारपीट, बला कार आ द जैसे सरल कृ ित के अपराधो को शािमल कया गया है।
भारत म शायद ही ऐसा कोई ि हो जो यह न जानता हो क मारपीट, ह या और बला कार कसे कहते है !!
इन अपराधो को समझने के िलए न तो कसी कार क िश ा क ज रत है न ही िवशेष िश ण क । तो िजस
तरह जज दोन प को सुनता है, और सबूत देखकर बताता है क गलती कसक है, वैसे ही आम नाग रको का
समूह भी अपने िववेक से फै सला दे सकता है। और जूरी सद य को सहायता देने एवं मुकदमे के संचालन के िलए
वहां जज, ायल एडिमिन ेटर आ द भी उपि थत रहगे। इसके बावजूद अंितम फै सला देने का अिधकार जज के
पास ही होगा, और य द जज उिचत समझता है तो फै सले म संशोधन कर सकता है।

13. य द कोई तकिनक मामला आ जाता है तो जूरी सद य उसे कै से समझगे ?

ठीक वैसे ही समझगे जैसे जज समझ लेता है। जज के पास क़ानून क धारा क सूचना के अलावा कोई िश ण
नह होता, ले कन जब उसके सामने मामला रखा जाता है तो वह सबूत देखकर एवं गवाह को सुनकर सहज बोध
से सही गलत का फै सला कर लेता है। इसी तरह से जूरी सद य भी मामले को समझ कर अपना फै सला दगे। इसके
अलावा महाजूरी मंडल के पास िजले के सभी इं जीिनयस, डॉ टस, सीए एवं इस तरह के तकिनक िवशेष एवं
इं जीिनय रग ातको क अलग से िल ट होगी। य द मामले म तकिनक पहलू है तो इस सूची म से क ही 3-4
िवशेष को सलाहकारी पैनल म शािमल कया जाएगा। उदाहरण के िलए य द खनन का मामला है तो जूरी म
इं जीिनय रग ातक या खनन के े से जुड़े अ य वसाियय या िवशेष को शािमल कया जा सकता है।

14. जूरी सद य मीिडया के भाव म आकर भी तो फै सला दे सकते है ?

मीिडया का भाव िसफ तब तक काम करता है जब तक आप िसफ मीिडया ारा दी जा रही एकतरफ़ा सूचनाओ
पर िनभर रहते हो। जो नाग रक जूरी म ह गे उनके सामने मामले से जुड़े सबूत ह गे, गवाह ह गे और वादी-
ितवादी के बयान ह गे। जब कोई ि सीधे प कारो को सुन रहा होता है तो यह थम ोत है, और मीिडया
उसे िमत नह कर सकता। मीिडया नाग रको को इसीिलए िमत कर पाता य क नाग रको ने अदालत म
जाकर सबूत नह देख है। वे िसफ पेड मीिडया ारा बताया गया एक ही प देख रहे होते है।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 43 of 50
(7) िजला जूरी कोट लागू करवाने के िलए आप ा कदम उठा सकते है ?

हमारे िवचार म, जूरी कोट क़ानून के गेजेट म आने क सबसे बड़ी बाधा पेड मीिडया के ायोजक है। मतलब, वे सभी
ि िज ह आप पेड मीिडया म देखते है, जूरी कोट क़ानून के िवरोधी है और वे आगे भी इस कानून को रोकने म अपनी
तरफ से कोई कसर बाक नह रखगे। जूरी कोट क़ानून क मांग आगे बढ़ाने के िलए हम ऐसे तरीको का इ तेमाल करना
होगा, िजसम पेड मीिडया एवं उनके ारा पोिषत लोगो / सं थाओ आ द पर हमारी िनभरता शू य रहे।

हमारे िवचार म जूरी कोट वोट वापसी जैसे क़ानून िसफ एक िवके ि त जन आ दोलन खड़ा करके ही लाये जा सकते है।
िनचे उन कदमो का िववरण दया है िज ह उठाकर साधारण कायकता जूरी कोट क़ानून को लागू करवा सकते है।

जूरी कोट क़ानून ा ट के नेतृ व म अ हसा मूत महा मा उधम सह के ि त, कायकता िनदिशत िवके ि त जन आ दोलन

इस आ दोलन के मु य त व िन है :

o यह आ दोलन पेड मीिडया के सहयोग िबना खड़ा कया जाएगा


o आ दोलन का नेता कोई ि नह बि क जूरी कोट का क़ानून ा ट है
o इस आ दोलन के कायकता अ हसामूत महा मा उधम सह से ेरणा लेते है
o आ दोलन क क ीकृ त एवं संग ठत न होकर िवक ीकृ त है
o यह एक जन आ दोलन है

िजला जूरी कोट क़ानून को लागू करवाने के िलए कसी िजले के कायकताओ को िन 2 दशा म कदम उठाने ह गे :

1. िवधायक एवं मु यमं ी को िजला जूरी कोट क़ानून गेजेट म छापने के िलए कहना
2. िजले के सभी 20 लाख मतदाता को जूरी कोट क़ानून ा स के बारे म सूिचत करना

(1) िवधायक एवं मु यमं ी को िजला जूरी कोट क़ानून लागू करने के िलए कहना :

वक ल दो तरह के होते है :

 एक वो जो पान के ग ले पर बहस करते है , सबूत दखाते है , जबरद त दलीले देते ले कन जज के सामने जाने पर
कोने म चुपचाप खड़े हो जाते है।
 ये अपने तक अदालत म भी रखते है। बाद म जब ण
े ी 1 के जज के स हार जाते है तो उसी पान के ग ले पर जाकर
कहते है क या तो जज बेवकू फ है या है और उसके साथ अ याय कया गया है , आ द आ द !!

रोगी भी दो तरह के होते है :

 जब वे बीमार होते है तो अपने सभी र तेदार और पड़ौिसय को तो बताते है, क तु डॉ टर से नह कहते !!


 ये अपने मज के बारे म प रिचत के अलावा डॉ टर को भी दखाते है।

जो कायकता िविभ सोशल मीिडया मंचो पर पीएम / सीएम को उलाहना देने के िलए दजन भर पो ट िलखते है
ले कन पीएम को अपनी मांग के बारे म नह कहते उनक ि थित उस वक ल क तरह है जो पान के ग ले पर तो बहस
करता है क तु जज के सामने खामोश हो जाता है !! हमारे िवचार म यह एक गैर िज मेदार वहार है।

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 44 of 50
कहने का मतलब यह है क य द आप सरकार से कोई मांग कर रहे है तो कम से कम इसे सरकार के सामने तो रखना ही
चािहए। सरकार के सामने अपनी मांग रखे िबना पूरे भारत म इसके ढोल बजाने का कोई औिच य नह है। पीएम / सीएम
को कहने के कई तरीके हो सकते है। क तु हम उस तरीके का इ तेमाल करना चािहए िजस तरीके का इ तेमाल एक
साधारण नाग रक भी सहज प से कर सके । य क सरकार कसी मांग पर िसफ तब ही िवचार करती है जब नाग रको
का ब मत पीएम से कोई मांग कर रहा हो। हमारे िवचार म पीएम को पो टकाड भेजना सबसे आसान तरीका है, िजसका
इ तेमाल करके देश का कोई भी साधारण नाग रक सरकार के स मुख अपनी मांग सीधे रख सकता है।

(1.1) मु यमं ी एवं िवधायक को पो टकाड भेजने एवं इसका रकॉड रखने का तरीका

कृ पया मु यमं ी कायालय के पते पर पो टकाड िलखकर इस क़ानून क मांग कर। पो टकाड म यह िलखे :

मु यमं ी जी, कृ पया िजला जूरी कोट गेजेट म छाप - #JuryCourt

1. ऊपर दी गयी इबारत उसी तरफ िलखे िजस तरफ पता िलखा जाता है। पो टकाड भेजने से पहले पो टकाड क
एक फोटो कॉपी करवा ले। य द आपको पो टकाड नह िमल रहा है तो अंतदशीय प (inland letter) भी भेज
सकते है। य द आपको अंतदशीय प भी नह िमल रहा है, तो पो टकाड क साइज का कोई भी सफ़े द ग ा लेकर
उस पर 4 पये का टके ट िचपका ले, एवं Book Post िलखकर उपरो इबारत िलखकर भेज द।

2. मु यम ी जी से मेरी मांग (My letters to Pm / Cm) नाम से एक रिज टर बनाएं। लेटर बॉ स म डालने से पहले
पो टकाड क जो फोटो कॉपी आपने करवाई है उसे अपने रिज टर के प े पर िचपका देव। फर जब भी आप
सीएम को कसी मांग क िच ी भेज तब इसक फोटो कॉपी रिज टर के प ो पर िचपकाते रहे। इस तरह आपके
पास भेजी गयी िच य का रकॉड रहेगा।

3. आप कसी भी दन िच ी भेज सकते है। क तु इस क़ानून ा ट के लेखको का मानना है क सभी नाग रको को
यह िच ी महीने क एक तय तारीख को और तय व पर ही भेजनी चािहए। तय तारीख व तय व पर य ?

3.1. य द िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा भाव होगा, और धानमं ी कायालय को इ ह
िगनने म भी आसानी होगी। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के
िलए िच ी भेजने के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। अत: आप भी ये िच ी 5 तारीख को ही भेज
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 45 of 50
3.2. 5 बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस के टाफ को इससे अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के बीच
लेटर बॉ स खाली कर िलए जाते है, अब मान लीिजये य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी डालते है तो
उ ह लेटर बॉ स खाली िमलेगा, वना भरे ए लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी िजससे पो ट ऑ फस
व नाग रको को असुिवधा होगी। और इसके बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है, य क ज दी
ही वे जान जायगे क पीएम को िनदश भेजने वाले नाग रक 5-6 के बीच ही िच यां डालते है। इससे उ ह इनक
छं टनी करने म अित र व नह लगाना पड़ेगा। अत: िच ी 5 बजे से 6 बजे के बीच ही लेटर बॉ स म डाले।
3.3. आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है, क तु यथासंभव इसे शहर या क बे के हेड पो ट
ऑ फस के बॉ स म ही डाला जाना चािहए। वजह यह है क, हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे कृ त बड़े
आकार का होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले जाने म दूरी भी तय नह करनी पड़ती।

4. य द आप फे सबुक पर है तो धानमं ी जी से मेरी मांग नाम से एक ए बम बनाकर रिज टर पर िचपकाए गए पेज


क फोटो इस ए बम म रख। फर जब भी आप पीएम / सीएम को िच ी भेजे तब इसक फोटो इस ए बम म रख।
फे सबुक पर िच ी क फोटोकॉपी रखने से 2 फायदे ह गे :

4.1. जो ि आपसे फे सबुक पर जुड़े ए है, उन तक इस क़ानून क जानकारी प च


ं ेगी और वे भी जूरी कोट
क़ानून क िच ी भेजने के िलए े रत ह गे।

4.2. आपके पास भेजी गयी िच य का िडिजटल रकॉड भी रहेगा। य द कसी वजह से फे सबुक से यह रकॉड
िडलीट हो जाता है तो आप अपने रिज टर से फोटो ख चकर फर से इसे अपलोड कर सकते है।

5. य द आप ि वटर पर है तो मु यमं ी को यह ि वट कर : कृ पया िजला जूरी कोट गेजेट म छाप - #JilaJuryCourt

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 46 of 50
(1.2) पो टकाड कै पेन पर अ सर पूछे जाने वाले :

(a) िसफ पो टकाड ही य भेजा जाए ? पीएम को “कहने” के और भी तो तरीके है !!

हमारा सुझाव पो टकाड का है। य द आप पीएम को “कहने के िलए कसी और तरीके का इ तेमाल करना चाहते है
तो आप अपनी मज से कोई अ य तरीका चुन सकते है। हम पो टकाड के िलए इसीिलए कहते है य क स ता,
सुलभ और सरल तरीका होने के कारण यादा से यादा नाग रक इस तरीके का इ तेमाल कर सकते है। और
सीएम िसफ तब ही बात सुनगे जब यादा से यादा नाग रक (िजले के मतदाताओ का ब मत) मांग कर ।

(b) पो टकाड भेजने क जगह य द लोग धरना, दशन, जुलुस आ द िनकालगे तो पीएम पर यादा असर पड़ेगा !!

जो नाग रक धरना, दशन, जुलुस जैसी गितिविधयाँ करना चाहते है वे ये भी कर सकते है। क तु हम इन
गितिविधय पर यादा भार नह देते। हम इतना ही कहते है क, नाग रको को पो टकाड अव य भेजना चािहए।
शेष जो करना है, करो। पो टकाड भेजने के िलए हम इसीिलए कहते है य क पो टकाड भेजने के िलए नाग रक
को कसी नेता क ज रत नह होती है। जब क धरना, दशन, जुलुस आ द को आयोिजत करने के िलए एक नेता
क ज रत होती है। यह एक बड़ी वजह है क पॉट लाईट म आने के इ छु क एवं नेता बनने क मानिसकता वाले
कायकता-नेता पो टकाड भेजने का िवरोध करते है, क तु वयं के "नेतृ व" म धरना, दशन, जुलुस, मजमे आ द
जमाव बनाने म उनक काफ िच होती है !!

दरअसल, नेता बनने क मानिसकता वाले कायकता एवं नेता नाग रक आ दोलन के ऐसे तरीके का इ तेमाल करने को
तरजीह देते है, िजसे संचािलत करने के िलए हमेशा नेता एवं उसके िमक िनदश क ज रत पड़े, और उनका चेहरा
उभरकर आये। अत: हमारा मानना है क, य द कोई कायकता-नेता धरन , दशन, जुलुस, मजमे, जमाव, ांित आ द
गितिविधयाँ कर रहा है क तु पीएम को पो टकाड भेजने से इनकार कर रहा है तो नाग रको को ऐसे ि को संदेह क
नजरो से देखना शु कर देना चािहए।

(2) िजले के सभी 20 लाख मतदाता को जूरी कोट क़ानून ा स के बारे म सूिचत करना

जैसे जैसे नाग रको तक जूरी कोट क़ानून ा ट क जानकारी प च


ं ेगी, वैसे वैसे इस कानून का समथन बढ़ेगा, और
मु यमं ी को िच ी भेजने वाले नाग रको क सं या बढ़ने लगेगी। और जैसे जैसे मु यमं ी को िच ी भेजने वाले नाग रको
क सं या बढ़ेगी वैसे वैसे मु यमं ी एवं िवधायको पर िजला जूरी कोट क़ानून को गेजेट म छापने का दबाव बढ़ता जाएगा।
क तु पाठक इस बात नोट कर क जूरी कोट क़ानून क यह जानकारी अिनवाय प से कायकता ारा ही प च
ं ाई जानी
चािहए, पेड िमिडया ारा नही।

कायकताओ के पास यह जानकारी प च


ँ ाने के 2 मा यम है :

 ऑनलाइन : फे सबुक, कोरा, हा स एप, यू ूब आ द का इ तेमाल करना


 ऑफ़लाइन : पे पलेट, पुि तकाएँ बांटना, नाग रक सभाएं करना एवं चुनाव लड़ना

इसके िलए कायकताओ को 20 लाख पे लेट, हजारो पुि तकाएं और सैकड़ो डीवीडी तैयार करके उनका िवतरण करना
होगा !! या हम नाग रको को इस बात के िलए तैयार करना होगा क वे इन पुि तका और डीवीडी को दुकानो से
राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 47 of 50
ख़रीदकर पढ़ और देख। पच क छपाई और डीवीडी के िवतरण का अनुमािनत य ित नाग रक लगभग 200 के
िहसाब से हम अनुमािनत 40 करोड़ पयो क आव यकता होगी।

अब सबसे बड़ा यह है क - कस तरह एि टिव स 20 लाख नाग रको को इन पच को पढ़ने और डीवीडी को


सुनने के िलए राजी कर पाएंगे ? नाग रक इन पच को तब ही पढ़ने म िच दखाएँगे जब ;

 पेड िमिडया इन कानूनो क शंषा करे


 कायकता अपने प रिचत नाग रको को इ ह पढ़ने के िलए ो सािहत कर।

पेड िमिडया का िवक प हमारे िलए हमेशा के िलए बंद है। इसीिलए हमारे पास िसफ यही तरीका शेष है क, कायकता
अपने प रिचत नाग रको से इन कानूनी ा स को पढ़ने का आ ह करे । एक कायकता लगभग 1000 नाग रको को ा स
पढ़ने के िलए े रत कर सकता है। चूं क कई नाग रक एक से अिधक कायकताओ के संपक म आयगे और सूचनाओ का
दोहराव होगा, अत: आकलन म सटीकता बनाये रखने के िलए हम तीन गुना अिधक कायकताओ क गणना करनी चािहए।
इस िहसाब से 20 लाख नाग रको को इन कानूनी ा स क सूचना प च
ं ाँने के िलए लगभग 5,000 कायकताओ क
आव यकता होगी।

क़ानून ा स क जानकारी अिनवाय प से कायकताओ ारा ही प च


ं ाई जानी चािहए, न क पेड िमिडया ारा।
य क पेड िमिडया ारा सूिचत नाग रक एक दािय व है न क एक स पित, अत: तब कायकताओ को नाग रको से जुड़े
रहने के िलए हमेशा पेड िमिडया पर िनभर रहना पड़ेगा। ले कन य द नाग रक कायकताओ से जुड़े ए है तो िमिडया को
भुगतान कये िबना भी कायकता नाग रको से जुड़े ए रह सकते है। इसीिलए यह ब त ज री है क, नाग रक यह सूचनाए
पेड िमिडया क जगह कायकताओ ारा ा करे । इसिलए रकािल स को यादा से यादा कायकताओ को रकािल स
म बदलने के िलए यास करने चािहए। तो य द वोट वापसी कायकता 5,000 कायकताओ को रकािल स म बदलने म
असफल रहते है तो या होगा ? ऐसी ि थित म, रकािल स खेल से बाहर हो जाएंगे।

इन सब याओ म नाग रको को इन ा स को पढ़ने के िलए तैयार करना सबसे मुि कल काम है। और इसीिलए हम
कायकताओ क आव यकता है , न क पेड िमिडया क । पेड िमिडया के ायोजक कभी भी नाग रको को ा स पढ़ने के
िलए े रत नह करगे। य क जब कोई नाग रक ा स पढ़ने लगता है तो उसका िववेक और िव ेषण मता बढ़ जाती
है। और पेड िमिडया के ायोजक को िववेक और िव ेषक कायकता स त नापसंद है। य द रकािल ट यादा से यादा
कायकताओ को ा ट पढ़वाने म कामयाब रहते है तो मूवमट पेड मीिडया क पकड़ से आजाद बना रहेगा। और य द
रकािल स ने आ दोलन को आगे बढाने म लेबल, नार , बयान , चेहर का इ तेमाल कया तो आ दोलन म अप रप
कायकताओ (Brain Dead Activists) का जमघट बनने लगेगा, और ये पेड मीिडया के आसान िशकार बन जायगे। इस
तरह आ दोलन म संपि क जगह दािय व का इजाफा होगा।

य क जैसे जैसे आ दोलन आगे बढेगा वैसे वैसे पेड मीिडया इसे िगराने के िलए कई तरीको का इ तेमाल करे गा। वे
आंदोलन का रयो म से कसी कायकता को मीिडया ए सेस देकर हीरो क तरह ोजे ट कर सकते है। इससे आ दोलन का
के ीकरण हो जायेगा और वे नेता को कं ोल करके पहले आंदोलन को हाईजेक करगे और फर इसे न कर दगे। अत:
कायकताओ को इस बात पर िवशेष यान देना होगा क ा स क रीडरिशप बढती रहे, ता क आ दोलनकारी दमाग से
आ दोलन के साथ रहे, भावना से नह ।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 48 of 50
य द आप अपने िजले म िजला जूरी कोट कानून लागू करवाना चाहते है तो 5 तारीख को 5 बजे

मु यमं ी जी एक पो टकाड भेज :

य द यादा से यादा नाग रक मु यमं ी जी एवं अपने े के िवधायको को हर महीने क


5 तारीख को 5 बजे िजला जूरी कोट गेजेट म छापने के िलए पो टकाड भेजते है, और भेजे गए
पो टकाड क फोटोकॉपी का रकॉड “मु यमं ी को भेजे गए मेरे प ” नाम से बनाए रिज टर
म रखते है तो इस क़ानून के लागू होने क स भावना बढ़ जाएगी।

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राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा


को लूट लेगा, और रा य का िवनाश होगा।

जा के अधीन नही होने पर राजवग अ याय, खूसट से


दंड लगाकर जा का उसी तरह भ ण कर जायेगा जैसे
मांसाहारी पशु शाकाहारी जीवो को खा जाते है !!

मह ष दयान द सर वती, 1870

राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 49 of 50
िजला जूरी कोट
( District Jury Court )

Right to Recall Party


राजा को जा के अधीन होना चािहए, वना वो जा को लूट लेगा और रा य का िवनाश होगा – स याथ काश 50 of 50

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