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विज्ञान िरदान या अभिशाप

यह वनबं ध वनम्नभिभित शीर्षक ं पर िी पूछा जा सकता है-

☞ विज्ञान से विकास और विनाश अथिा विज्ञान की प्रगवत अथिा मानि जीिन में विज्ञान का
य गदान।
☞ विज्ञान की दे न अथिा विज्ञान और मानि अथिा जीिन विज्ञान का महत्त्व।
☞ विज्ञान के बढ़ते चरण अथिा विज्ञान से िाि ि हावन अथिा विज्ञान ही विकास की
आधारभशिा है।
रूपरे खा –
★ प्रस्तािना
★ विज्ञान क्या है?
★ विज्ञान के बढ़ते कदम
★ विज्ञान से हावनयां
★ उपसं हार

प्रस्तािना– ितषमान युग विज्ञान का युग है। आवद काि से िेकर ितषमान तक मनुष्य ने भजतनी िी
प्रगवत की है िह सब विज्ञान की ही देन है। हम सब ििी िांवत जानते हैं वक– "आिश्यकता ही
आविष्कार की जननी है।" जैसे-जैसे मनुष्य की आिश्यकताएं बढ़ती जा रही है, िह नए-नए
आविष्कार करता जा रहा है और आगे िी करता जाएगा। प्राचीन काि में असं िि समझे जाने िािे
तथ् ,ं कायों क विज्ञान ने आज सं िि कर वदिाया है। छ टी-सी सुई से िेकर हिाई जहाज तक
सिी विज्ञान की ही देन हैं। आगे चिकर कई ऐसे आविष्कार िी ह ने हैं ह सकता है भजनके बारे में
हम सिी ने अिी तक विचार िी न वकया ह । विज्ञान ने िास्ति में, हमें बहुत कु छ वदया है,
भजसके हम सदा ऋणी रहेंगे। विज्ञान से मानि क असीवमत शवि प्राप्त हुई है। आज मनुष्य विज्ञान
की सहायता से पभिय ं की िांवत आसमान में उड़ सकता है। गहरे से गहरे पानी में सांस िे सकता
है। पिषत ं क िांघ सकता हैं तथा कई मीि ं की दूररय ं क चं द घं ट में पार कर सकता है।

विज्ञान क्या है? – विज्ञान द शब् ं से वमिकर बना है - वि + ज्ञान। वि का अथष है विशेर् और
ज्ञान का अथष है जानना। इस प्रकार वकसी विशेर् क जानना ह विज्ञान हैं। दूसरे शब् में कहे त
विभशष्ट प्रकार का ज्ञान ही विज्ञान हैं। विज्ञान ने आज हमारे जीिन क बदि कर रि वदया है,
मनुष्य जीिन क बहुत ही सुविधाजनक बना वदया है। अतः यह कहना अवतशय वि नहीं ह गा वक
विज्ञान वकसी िरदान से कम नहीं।

विज्ञान के बढ़ते कदम–विज्ञान की िजह से मनुष्य का जीिन बहुत आरामदायक ह गया है। इसमें
हमारे समय की िी बचत की है।

1. गृह कायों में– विज्ञान की सहायता से हमारा घरेिू जीिन िी सुिमय ह गया है। आज घर ं
में हीटर, रेविजरेटर, टेिीविजन, रेविय , टे प ररकॉिषर टे िीफ न, स्कू टर आवद िस्तुएं आ गई
है। गृहभणय ं के अनेक कायष आज विज्ञान की सहायता से वमनट ं में ह जाते हैं। यातायात
के िेत्र में द पवहए की गाड़ी से शुरू हुआ सफर अंतररि तक पहुंच गया है। हमने कई
महीन ं के सफर क वमनट ं में तय कर भिया है। विज्ञान के आविष्कार का प्रत्यि उदाहरण
हमारे सामने है बुिटे टरेन। हिाई जहाज के माध्यम से हम मीि ं का सफर वमनट ं में तय
कर िेते हैं। आज विज्ञान ने जि, थि, आकाश तीन ं की दूररय ं क माप भिया है। जि में
बड़े-बड़े जहाज, थि पर बुिेट टरेन और हिा में हिाई जहाज, हेिीकॉप्टर ने मीि ं की
दूररय ं क समेट वदया है।
2. सं चार के िेत्र में– सं चार के िेत्र में विज्ञान ने तेजी से प्रगवत की है। 1G से शुरू हुआ यह
सफर 5G तक पहुंच चुका है। इं टरनेट प्रकाश की गवत से पं ि िगाकर उड़ने क तत्पर है।
इं टरनेट की स्पीि आज इतनी है भजसकी किी कल्पना िी नहीं की थी। िीविय कॉि,
िचुषअि कॉि विज्ञान की िजह से सं िि हुआ है।
3. भशिा के िेत्र में– भशिा के िेत्र में विज्ञान ने कई आविष्कार वकए हैं। आवटषवफभशयि
इं टेभिजेंस, र ब ट के आ जाने से स्कू ि ं में पढ़ाने के तरीक ं में बदिाि आया है। विजुअि
तकनीक के माध्यम से आज कविन विर्य ं क िी आसानी से पढ़ाया जा रहा हैं।
4. मन रंजन के िेत्र में मन रंजन करना इंसान की स्वािाविक प्रकृ वत ह ती है। मन रंजन के िेत्र
में विज्ञान ने अपना बहुत महत्वपूणष य गदान वदया है। विज्ञान की तरक्की के साथ मन रंजन
के साधन ं में िी प्रगवत हुई है। चिभचत्र, िीविय , दूरदशषन, िेि आवद सिी मन रंजन के
आधुवनक और िैज्ञावनक साधन हैं।
5. भचवकत्सा के िेत्र में - भचवकत्सा के िेत्र में त विज्ञान ने आश्चयषजनक चमत्कार वकए हैं।
आज दुिषि से दुिषि बीमारी का इिाज िी विज्ञान ने ढूं ढ वनकािा है, आज भचवकत्सा बहुत
आसान ह गई है। एक्स-रे मशीन की सहायता से शरीर के अंदर के िाग ं का रहस्य जाना
जा सकता है। शरीर के वकसी िी िाग का ऑपरेशन वकया जाना सं िि है। िेजर के
आविष्कार से वबना चीरफाड़ के ऑपरेशन वकए जा रहे हैं। अंग प्रत्यार पण की सुविधा आज
विज्ञान की िजह से सं िि ह पाई है। रिदान, प्लाभिक सजषरी जैसे दुिषि कायष आज
विज्ञान की िजह से सं िि है। स्माटष फ न पर बैिे ही अपना इिाज करिा कर, दिाइय ं की
ह म वििीिरी िी करिा सकते हैं। इसने समय और पैसे द न ं की बचत की है। विद्युत -
विज्ञान ने मनुष्य क िाप, िवनज, तेि, क यिा, ि वबजिी क असीवमत शवि के रूप में
प्रदान वकया है। वबजिी के आविष्कार ं ने चार ं तरफ चकाच ध
ं कर वदया है। वबजिी एक
तरफ त हमें शवि देती है त दूसरी तरफ र शनी देकर रात क वदन की तरह बना देती है।
आज के समय में वबजिी ने मनुष्य का बहुत कल्याण वकया है।
6. कं प्यूटर के िेत्र में - आज हर क ई कं प्यूटर चिाना और उस पर काम करना जानता है।
ऐसा क ई िेत्र नहीं रहा ज कं प्यूटर से अछू ता ह । विज्ञान का सबसे बड़ा आविष्कार त
स्माटष फ न है ज आज हर आम आदमी की पहुंच में है। भजसकी िजह से घर बैिे आप
भशिा प्राप्त कर सकते हैं, ज चाहे सीि सकते हैं, घर बैिे वबजनेस शुरू कर सकते हैं या
दुवनया िर की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यह ऐसा अद्भतु चमत्कार है भजसने असं िि क
िी सं िि बना वदया है। कं प्यूटर में िी वदन प्रवतवदन कई तकनीक ं के आ जाने से हमारा
काम और िी तेजी से कम समय में सुविधा पूिषक ह जाता है।
7. अंतररि के िेत्र में– अब अंतररि क ई अनजान विर्य नहीं रहा। धीरे -धीरे विज्ञान की मदद
से अंतररि के रहस्य ं से पदाष उि रहा है। विज्ञान के माध्यम से आज अंतररि के सारे रहस्य ं
क िैज्ञावनक सुिझा रहे हैं। िारत का मं गियान, चं द्रयान जैसे वमशन अंतररि की तरफ
बढ़ते इं सान ं के कदम ं की पदचाप है। सुरिा के िेत्र में आज िर न, सीसीटीिी कै मरे ,
पासििष, िचुषअि तािे आ जाने से सुरिा के िेत्र में कई सारे बदिाि हुए हैं।
8. कृ वर् के िेत्र में - निीन िैज्ञावनक आविष्कार ने कृ वर् उत्पादन में िृवि की है साथ ही साथ
कायों क आसान बना वदया है। टरै क्टर और निीनतम आधुवनक उपकरण ं के आ जाने से
िेती और िी सरि और सहज ह गई है।

विज्ञान से हावनयां– विज्ञान ने यवद हमारे जीिन क सिष सुिि बनाया है त िहीं कई सारी
समस्याएं िी उत्पन्न की है-
1. दुिषि बीमाररयां – आजकि इतनी दुिषि तरीके की बीमाररयां उत्पन्न ह रही हैं भजनका
पहिे किी नाम वनशान नहीं था। क र नािायरस इसका प्रत्यि उदाहरण है, पहिे इस तरह
का क ई िायरस नहीं था। िेत ं में हावनकारक रसायवनक पदाथों के भछड़काि से उत्पादन
त बढ़ रहा है िेवकन फसि में िह प र्क तत्व और िह शुिता नहीं रही और इस िजह से
कई बीमाररयां उत्पन्न ह रही है।
2. ग्ल बि िावमिंग – िृि ं की अंधाधुं ध कटाई से, बढ़ते औद्य वगकीकरण से, िातािरण में
बहुत ही तेजी से पररितषन ह रहे हैं । ग्लेभशयर वपघि रहे हैं, ग्ल बि िावमिंग बढ़ रही है।
जि स्त्र त ं की कमी ह रही है और त और िृि ं की कमी से प्राणिायु ऑक्सीजन में िी
कमी आ रही है। पयाषिरण प्रदूर्ण के बढ़ते स्तर के कारण अनेक प्रकार की बीमाररयां उत्पन्न
हुई है।
3. तकनीक पर अत्यभधक वनिषरता– तकनीक पर अत्यभधक वनिषरता के कारण िी कई सं कट
उत्पन्न हुआ है। यवद आज के समय में इंटरनेट बं द ह जाए त कई कर ड़ ं ि ग बेर जगार
ह जाएं गे क्य वं क हमने िुद क विज्ञान पर इतना अभधक वनिषर कर भिया है वक अब इसके
वबना हमारी अथषव्यिस्था नहीं चि सकती। विज्ञान ने जहां एक ओर कई सुविधाएं दी हैं त
कई समस्याएं िी पैदा की हैं। तकनीक ने जहां कई कायों क आसान बनाया है, िही हमें
आिसी िी बना वदया है। आज हर छ टे से छ टे काम के भिए हम तकनीक पर वनिषर ह
गए हैं। चाहे घर में िाना बनाना ह , कपड़े ध ना ह या मन रंजन, हर चीज के भिए हमें
तकनीक की आिश्यकता ह ती है ।
4. म बाइि एविक्शन– क र ना काि में हम सिी घर पर बं द ह गए थे और इस िजह से छ टे
बच्चे से िेकर बुजुगष तक का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया था । इस िजह से बच्चे म बाइि
स्क्रीन के आदी ह चुके हैं। भजस िजह से बचपन से ही आं ि ं पर चश्मा िग गया है और
म बाइि एविक्शन के कारण भचड़भचड़ापन, अत्यभधक क्र ध आना, िूि ना िगना ध्यान
कें वद्रत ना ह पाना जैसी कई समस्याएं पैदा हुए हैं। इन सब की िजह से आज मनुष्य िुद
की बनाई तकनीक ं की िजह से परेशान ह रहा है।

उपसं हार– इस प्रकार हम देिते हैं वक भजस प्रकार हर भसक्के के 2 पहिू ह ते हैं उसी प्रकार विज्ञान
के िी द पहिू हैं- एक सकारात्मक पि भजससे हमने बहुत कु छ अभजषत वकया है त िही
नकारात्मक पि जहां हमने बहुत कु छ ि या है। अंग्रेजी में कहाित है वक – "Science is a
good servant but a bad master" अथाषत् विज्ञान एक अच्छा न कर त है वकं तु एक बुरा
माभिक है। यवद हमने विज्ञान का सही तरीके से इस्तेमाि वकया त यह हमारे िविष्य में िी
िािदायक ह गा। वकं तु यवद हमने तकनीक क िुद के ऊपर हािी ह ने वदया त िह वदन दूर नहीं
जब हम इसके पूरी तरह गुिाम बन जाएं गे।

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