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Screenshot 2023-10-03 at 15.09.09
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I. र्िम्िर्िर्ित प्रश्नों के र्िए चार-चार र्वकल्प र्दयेगए ै। र्ििमें एक मात्र ि ी उत्तर ै। ि ी उत्तर चुिकर िीर्िए ।
1X8=8
II. प्रथम दो पदों िे िूर्चत िंबंर्ों के अिुरूप तीिरा पद िे िंबंर्र्त पद र्िर्िए: 4X1=4
9. सेब : फल:: िाजर : _______
10. हसं : सफे द :: कौआ : ______
11.बाये हाथ र्े : न्याय पताका :: दाशहने हाथ र्े : ____
12.पवन : वायु :: शसंधु : ____
VIII. 36. गधयाि ं पढ्कर र्िर्म्न्िर्ित प्रश्नों के उत्तर र्दए गए र्वकल्पों में िे चिु कर र्िर्िए । 1X4=4
ठाकुर िोपाल िरण शसंह का जन्र् 1892 र्े झांसी शजल्ले के रीवा र्े हुआ था । र्ाता का नार् िभरु ाज कुवरी और
शपता का नार् ठाकुर जित बहादरु शसहं था । ठाकुर िोपाल िरण शसंह जी 13 वषम की उम्र र्े अंग्रेजी पढ़ना िुरू शकया ।
इनके रशचत र्हा काव्य का नार् है जिदालोक ।
अ] ठाकुर िोपाल िरण शसहं जी का जन्र् कब हुआ था ?
आ] िरण जी ने शकस उम्र र्े अंग्रेजी पढ़ना िुरू क्या ?
इ] ठाकुर िोपाल िरण शसंह जी का शपता का नार् क्या था ?
ई] ठाकुर िोपाल िरण शसहं जी का र्हाकाव्य का नार् क्या है ?
IX. 38 .र्दये गए िंकेत र्बंदुओ के आर्ार पर 15 -20 वाक्यो मे कोई एक र्िबर्ं र्िर्िए । 1X4=4
अ. बेरोिगारी आ.इटं रिेट इ.पयाधवरण की रक्षा
* शवषय िवेि * अथम * अथम और िस्तावना
* बेरोजिारी के ि * लाभ * रिा के उपाय
* बेरोजिारी के कारण * हानी * उपसहं ार
* उपसंहार * उपसंहार
IV. 17. उत्तर : दक ू ानदार ने लेखक से कहा शक बाबूजी, बड़े र्ज़ेदार सेब आए हैं, खास कश्र्ीर के । आप ले जाएाँ, खाकर तबीयत
खुि हो जायेिी । 8x2=16
18. उत्तर िदेि के उन्नाव शजले के िफीपरु िााँव र्े हुआ ।
19. लेशखका ने शिल्लू को हौले से उठाकर अपने कर्रे र्ें लायी । शफर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेशन्सशलन का र्रहर् लिाया । कई
घंटे के उपचार के उपरान्त उसके र्ुाँह र्ें एक बूाँद पानी टपकाया िया ।
20. िशन सूरी का पुत्र है , िनै :चर का अथम शधशर्िती से चलनेवाला है ।
21. आज की दशु नया शवशचत्र और नवीन है । आज र्नुष्य का यान ििन र्ें जा रहा है ।
22. जैनुलाबदीन ने लकड़ी की नौकाएाँ बनाने का कार् िुरु शकया । ये नौकाएाँ तीथमयाशत्रयों को रार्ेश्वरर् से धनषु कोशड तक लाने-ले
जाने के कार् आती थीं । एक स्थानीय ठे केदार अहर्द जलालुद्दीन के साथ सर्ुद्र तट के पास नौकाएाँ बनाने लिे ।
23. उत्तर : िशन ग्रह के चहुं ओर वलय [ कंकण ] शदखाई देते है , वे िले के हार जैसे शदखाता है इसशलए िशन सबसे सदुं र ग्रह है
अथवा
सौर-र्ंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पशत है । सौर-र्डं ल र्ें िशन ग्रह का स्थान दसू रा है।
24 . ई- िवनेनमन्स िारा सरकार के सभी कार्काज का शववरण,अशभलेख, सरकारी आदेि आशद को यथावत लोिों को सूशचत
शकया जाता है। इससे ििासन पारदिी बन सकता है । इटं रनेट िारा घर बैठे-बैठे खरीदारी कर सकते हैं ।* कोई भी शबल भर
सकते हैं। इससे दकु ान जाने और लाइन र्ें घटं ों खड़े रहने का सर्य बच सकता है इटं रनेट –बैंशकंि िारा दशु नया की शकसी भी
जिह पर चाहे शजतनी भी रकर् भेजी जा सकती है । इन सभी कारणों आज इटं रने जीवन का अशवभाज्य अंि बनिया है।
अथवा
उत्तर : इटं रनेट अनशिनत कंप्यूटरों के कई अंतजामलों का एक दसू रे से संबंध स्थाशपत करने का जाल है। आज इनसान के शलए खान-
पान शजतना जरूरी है, इटं रनेट भी उतना ही आवश्यक हो िया है।
V. 25. पहला सेब एक रुपय शजतना शछलका िला हुआ था। दसू रा सेब आधा सडा था ।तीसरा सेब सड़ा नहीं था पर एक तरफ से
दबकर शपचक िया था । चौथा सेब के भीतर दब्बे पड़े थे जैसे बेरों र्े होते है । 3x9=27
26. शिल्लू के कायम – कलाप को देखकर सभी को आश्चयम होता था । वह लेशखका का ध्यान आकशषमत करने के शलए अलि – अलि
तरीखे अपनाता था । लेशखका की थाली के पास बैठकर एक- एक चावल उठाकर बड़ी सफाई से खाता था । शखड़की की जाली
से शलशखका के बाहर जाली के बाहर जाने बाद वह भी बाहर जाता । ठीक चार बजे अपने झूले पर आ जाता था ।
VI. 34. बसंत एक ईर्ानदार और स्वाशभर्ान लड़का था ।बसंत पं. राजशकिोर से र्ुफ्त र्े पैसे को इनकार करता है । र्ुफ्त र्े पैसा लेना
भीख के सर्ान र्ानता है । बसतं ईर्ानदार लड़का था । क्योंकी वह र्ोटर की दघु मटना र्े िायल होने पर भी भुने के पैसे को
अपने भाई िताप से वापस भेजता है ऐसा था बसंत का ईर्ानदार िुण । 2x4=8
अथवा
पंशडत .राजशकिोर र्जदरू ों के नेता थे। वे िरीबों के िशत हर्ददी शदखाते थे। र्ानवीय दृशष्ट से उन्होंने बसंत का सार्ान खरीदा ।
जब उसको पता चलता है शक बसतं र्ोटर िाड़ी के नीचे कुचल िया है,तो वह तरु ंत डाक्टर को फोन करके बल ु ा लाता है और सारा खचम
खुद भर लेता है ।चोट ज्यादा लिने पर एम्बुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल र्ें भती कराता है। यह उसके र्ानवीय व्यवहार का पररचय है।
35. दया धर्म का र्ूल है , पाप र्ूल अशभर्ान ।
तलु सी दया ना छाशं डए पय , पररहरी वारी शवकार ॥
VII. 36. अ] ठाकुर िोपाल िरण शसंह जी का जन्र् 1892 र्े हुआ था । 1x4=4
आ] िरण जी ने 13 वषम की उम्र र्े अंग्रेजी पढ़ना िुरू शकया ।
इ] ठाकुर िोपाल िरण शसंह जी का शपता का नार् ठाकुर जित बहादरु शसंह था ।
ई] ठाकुर िोपाल िरण शसहं जी का र्हाकाव्य का नार् जिदालोक है ।
VIII. 37 .पत्र लेखन । 1X5=5
IX. 38 . शनबंध लेखन 1X4=4
अ. बेरोिगारी आ.इटं रिेट इ.पयाधवरण की रक्षा