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ICSE 2023-24

High School

First Preparatory Examination


___________________________________________________________________________
Subject:- Hindi (II Language)
Date: 07-12-2023 Maximum Marks:- 80
Grade: 10 ICSE Duration: 3 Hour
Name: Roll no. :
Instructions:
1. Answers to this paper must be written on the paper provided separately.
2. You will not be allowed to write during the first 5 minutes.
3. This time to be spent on reading the question paper.
4. This Paper comprises two sections - Section A & Section B.
5. Attempt all questions from Section A.
6. Attempt any four questions from Section B.
7. The intended marks for questions or parts of questions are given in brackets [ ].

ANSWER KEYS
SECTION- A ( 40 MARKS)
Attempt all questions
Question-1

Write a short composition in Hindi of approximately 250 words on any one


of the following topics - [15]

निम्िलिखित विषयों में से किसी एि विषय पर हिन्दी में िगभग २५० शब्दों में संक्षिप्त
िेि लिखिए :-
(i) आज भारतवासियों को ककि-ककि प्रकार के प्रदष
ू ण को झेलना पड़ रहा है ? प्रदष
ू ण को
िमाप्त करने में वक्ष
ृ ों की क्या भूसमका है ?

(ii) 'आज महहलाओं का घर िे बाहर जाकर नौकरी करना बच्चों के हहत में है या अहहत में
ककिी एक पक्ष पर अपने ववचार सलखिए।

(iii) 'आज के इि प्रगततवादी यग


ु में कंप्यट
ू र जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है,
इिने मनुष्य के जीवन में तीव्रता और शुद्धता ला दी है ' इि कथन पर अपने ववचार
सलखिए।

(iv) 'जाको रािे िाइयां, मार िके न कोय" िूक्क्त की व्याख्या करते हुए एक मौसलक कहानी
सलखिए।

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(v) नीचे हदए गए चचत्र को ध्यान िे दे खिए और चचत्र को आधार बनाकर उिका पररचय दे ते
हुए कोई लेि , घट्ना अथवा कहानी सलखिए, क्जिका िीधा व स्पष्ट िंबंध चचत्र िे होना
चाहहए ।

उत्तर- उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर छात्र अपनी योग्यतानुसार दें गे।

Question- 2

Write a letter in Hindi in approximately 120 words on any one of the


topics given below : [7]

निम्िलिखित में से किसी एि विषय पर हिन्दी में िगभग १२० शब्दों में पत्र लिखिए :-

(i) अपने ववद्यालय में मनाए गए िेल-हदवि (Sports-day) का वणणन करते हुए अपने समत्र
को एक पत्र सलखिए।

(ii) ग्रीष्म ऋतु में बार-बार जाने वाली बबजली िे होने वाली कहिनाइयों का वणणन करते हुए
ववद्युत ववभाग के अचधकारी को एक सशकायती पत्र सलखिए।

उत्तर- उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर छात्र अपनी योग्यतानुसार दें गे।

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Question-3

Read the passage given below and answer in Hindi the question that
follow, in your own words as far as possible :-

निम्िलिखित गदययंश िो ध्ययि से पहिए तथय उसिे िीचे लििे गए प्रश्िों िे उत्तर हिंदी में
लिखिए । उत्तर यथयसंभि आपिे अपिे शब्दों में िोिे चयहिए :-

पंजयब में उस िषष भयंिर अियि पडय थय। उि हदिों िियाँ मियरयणय रणजीत लसंि िय रयज
थय। उन्िोंिे यि घोषणय िरिय दी, “मियरयज िे आदे श से शयिी भंडयर गि
ृ िर जरूरतमंद िे

लिए िुिय िै । प्रत्येि ज़रूरतमंद एि बयर में जजतिय उठय सिे, िे जयए।" यि घोषणय सुिते
िी गयाँिों ि शिरों से ज़रूरतमंदों िी भीड रयजमिि में उमड पडी।
उि हदिों ियिौर में एि सदगि
ृ स्थ बूिे सज्जि रिते थे। िे िट्टर सियतिी विचयरों िे थे।
उन्िोंिे जीिि में िभी भी किसी िे आगे अपिय ियथ ििीं फैिययय थय। अाँधरे य िोिे पर िि
शयिी भंडयर िे दरियज़े पर पिुाँचे । दियर िुिय थय किसी तरि िी िोई जयाँच-पडतयि ििीं
िुई। उन्िोंिे बडे संिोच से अपिी चयदर िो फैिययय, उसिे िोिे में थोडय सय अियज बयाँध
लियय। ज्ययदय अियज उठयिय उििे लिए मुजश्िि थय। इतिे में पगडी बयाँधे एि व्यजतत िियाँ
आयय। उसिे ििय, “भ्रयतयजी आपिे तो ियफी िम अियज लियय िै ।” बूिे सज्जि िे ििय,
“असि में मैं बूिय ियचयर िूाँ। इस अियि में तो थोडय अियज िेिय िी सिी िै, जजससे सब
ज़रूरतमंदों िो लमि जयए।”
उस व्यजतत िे बूिे िी गठरी िोि दी। उसमें भरपूर अियज भर हदयय। बूिे सज्जि िे ििय,
“मैं इतिय अियज ििीं उठय सितय और ि िी इसिी मज़दरू ी िय पैसय दे सितय िूाँ।” इतिे
में उस अजिबी िे बूिे िी गठरी अपिे िंधों पर िे िी और बूिे िे पीछे -पीछे चि पडय।
जब िे बूिे िे घर िे दियर पर पिुाँचे तो िियाँ दो बच्चे उििी प्रतीिय िर रिे थे। उन्िें
दे िते िी िे बोिे-“बयबय, िियाँ चिे गए थे?” बूिय ियमोश रिय। अजिबी िे ििय, “घर में
िोई बडय िडिय ििीं िै?" बूिय बोिय, “िडिय थय िेकिि ियबुि िी िडयई में शिीद िो
गयय। अब बिू िै तथय मेरे ये पोते िैं।" िि अजिबी बोिय, “भयई जी धन्य िैं आप, जजििय
बेटय दे श िे लिए शिीद िो गयय।”
रोशिी में बि
ू े िे उस अजिबी िो पिचयि लियय। िे िद
ु मियरयज रणजीत लसंि थे। बूिे िे
पोतों से ििय, “इििे सयमिे दं डित प्रणयम िरो।" और स्ियं भी प्रणयम िरिे िगे और
थोडी दे र बयद बोिे, “आज मुझसे बडय पयप िो गयय । आपसे बोझय उठिययय।” “ििीं, यि
पयप ििीं, मेरय सौभयग्य थय कि मैं शिीद िे पररियर िी सेिय िर सिय। आप सबिी सेिय
िरिय मेरय फजष िै। अब आप जीिि भर िमयरे सयथ रहिए और िमें िृतयथष िीजजए।"

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(i) रयज्य िो किस विपवत्त िय सयमिय िरिय पडय थय? उि हदिों िियाँ िे रयजय िौि थे और
उन्िोंिे उस समस्यय िय तयय समयधयि निियिय ? [2]
(ii) रयजय िे रयज्य में तयय घोषणय िरियई और तयों? [2]
(iii) बूिे आदमी िे बयरे में आप तयय जयिते िैं? उििय पूणष पररचय दीजजए। [2]
(iv) बि
ू े आदमी िे थोडय-सय अियज िी तयों लियय थय? ियरण स्पष्ट िरते िुए बतयइए
कि उस अजिबी व्यजतत िे उस बूिे िी िैसे सिययतय िी? [2]
(v) इस गदययंश से लमििे ियिी लशियओं पर प्रियश डयलिए। [2]
उत्तर- राज्य को अकाल का सामना करना पडा। उन ददनों वहााँ के राजा महाराणा रणजीत ससिंह
थे। उन्होंने घोषणा करवा दी की शाही भिंडार गह
ृ हर जरूरतमिंद के सलए खुला है ।

उत्तर- राजा रणजीत ससिंह ने राज्य में यह घोषणा करवाई कक शाही भिंडार के द्वार जरूरतमिंद
के सलए खुला है प्रत्येक जरूरतमिंद एक बार में जजतना उठा सके ले जाए।

उत्तर- लाहौर में रहते थे बढ


ू े सनातनी ववचार के थे उन्होंने जीवन में कभी ककसी के आगे अपना
हाथ नहीिं फैलाया था।
उत्तर- बूढे आदमी ने थोडा सा अनाज इससलए सलया जजससे अकाल कल में सारे जरूरतमिंदों को
अनाज समल जाए।
उत्तर- उत्तर छात्र अपनी योग्यतानुसार दें गे।

Question- 4
Answer the following according to the instruction given -

निम्िलिखित प्रश्िों िे उत्तर निदे शयिुसयर लिखिए - [1x8=8]


1.'उदय' का ववलोम बताइए ?
(ि) अस्त
2. 'तिियर' िय पययषयियची बतयइए ।
(ग) िडग- शमशीर
3. ‘िद
ृ ध’ िी भयिियचि संज्ञय बतयइए ।
(ि) िद
ृ धय
4. ‘ भूििय’ शब्द िय विशेषण बतयइए ।
(ग) भुितिड
5. निम्िलिखित शब्द िय शुदध रूप बतयइए ?
(ग) ििनयत्री
6. ‘ ियि रििय।’ मुियिरे िय अथष बतयइए ?

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(ि) मयि रििय


7. निदे शयिुसयर उचचत ियतय बतयइए ।
संस्िृनत िय मयिि जीिि पर प्रभयि पडतय िै ।
(ियतय में प्रभयवित शब्द िय प्रयोग िीजजए)

(ि) संस्िृनत मयिि जीिि िो प्रभयवित िरतय िै ।

(viii) निदे शयिुसयर उचचत ियतय बतयइए:


सतीश जी िोचचंग सेंटर चियते िैं।
(ियतय में चिययय जयतय िय प्रयोग िीजजए ।)

(ग) सतीश जी से िोचचंग सेंटर चिययय जयतय िै।

SECTION- B ( 40 MARKS)

Attempt four questions from this section.

साहित्य सागर

Question- 5

Read the extract given below and answer in Hindi the question that
follow:-

निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए।

और, एि मत से यि तय िो गयय कि िि-प्रदे श में प्रजयतंत्र िी स्थयपिय िो। पशु-समयज में


इस 'क्यंनतियरी' पररितषि से िषष िी ििर दौड गई कि सि
ु -समद
ृ चध और सरु िय िय स्िणष-
युग अब आयय और िि आयय ।

(i) प्रजयतंत्र किसे ििते िैं ? 'िि- प्रदे श में प्रजयतंत्र िी स्थयपिय िो' से तयय तयत्पयष
िै?

[2]

(ii) 'क्यंनतियरी पररितषि' िय तयय तयत्पयष िै? पशु-समयज में िषष िी ििर िय ियरण
भी लिखिए। [2]

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(iii) सि
ु -समद
ृ चध और सरु िय िय स्िणष-यग
ु शीघ्र आिे ियिय िै । ऐसय तयों िग रिय
िै? ियरण सहित लिखिए। [3]
(iv) भेडे किसिी प्रतीि िैं और भेडडए किसिे प्रतीि िैं? तयय जंगि में प्रजयतंत्र
आयय? विस्तयर से लिखिए। [3]

उत्तर-(1) जनता के चन
ु े गए प्रतततनधियों द्वारा शासन व्यवस्था को चलाना प्रजातिंत्र कहलाता
है। वन में सदै व जिंगलराज अथाात जो शजक्तशाली होता है , उसी का राज रहता है । परन्तु,
अब सबने एक मत से अथाात एक साथ समलकर यह तनणाय सलया कक यहााँ पर भी प्रजातिंत्र
होगा। ककसी एक का वचास्व नहीिं रहे गा। सब सुख-शािंतत से समलजुल कर रहें गे।

(ii) 'क्ािंततकारी पररवतान' का अथा है शीघ्रता से समाज में मूलभूत या आिारभूत बदलाव
आना। पशु समाज में हषा की लहर इसीसलए थी कक अब जिंगलराज समाप्त हो जाएगा और
प्रजातिंत्र की स्थापना होगी। अब सब बहुमत के आिार पर अपना नेता चन
ु ेगें, जो तनिःस्वाथा
भाव से सबके ववषय में सोचेगा। ककसी पर अत्याचार नहीिं ककया जाएगा।

(iii) जिंगल में चुनाव होने वाले हैं। सब को लग रहा है कक सब अब इतने ववचारशील और
तनणाय लेने में सक्षम हो गए हैं कक वे एक अच्छी सरकार बनाएाँगे। जनता के द्वारा चन
ु ी हुई
यह सरकार सबकी सुख-समद्
ृ धि, उन्नतत और भलाई के ववषय में सोचेगी और उसी के
अनुसार काया करे गी। ऐसा स्वणा-युग अथाात सुनहरा काल होगा, जब सब तनजश्चत रूप से
तनडर होकर जिंगल में रहें गे। दहिंसा, अनाचार, और अराजकता समाप्त हो जाएगी।

(iv) भेडे वास्तव में सीिी-सादी और भोली-भाली जनता की प्रतीक है, जो नेताओिं की बातों
में आकार स्वाथी व्यजक्तयों को गोर दे दे ती हैं। कफर पछताने के अततररक्त उनके पास कोई
अन्य मागा नहीिं रहता है। ददप राजनेताओिं के प्रतीक हैं, जो अपना उल्लू सीिा करने के सलए
जनता का प्रलोभन दे ते रहते हैं। अपना काया ससदय को जाने पर अथाात बहुमत में आने के
बाद जनता के ववषय में बबलकुल नहीिं सोते है , बालके उन पर अन्याय और अत्याचार करते
हैं। जिंगल में प्रजातिंत्र नहीिं आया क्योंकक सदा की भािंतत भेडों को पूणा बनाकर भेडडए ववजयी
हुए।

Question- 6

Read the extract given below and answer in Hindi the question that
follow.

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निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए |

पर सच ििती िूाँ मुझे तो सयरी ििय इतिी निरथषि िगती िै , इतिी बेमतिब िगती िै कि
बतय ििीं सिती।
(i) वक्ता को ककिकी कला तनरथणक लगती थी और क्यों ? [2]
(ii) िततय िे उसिी ििय पर व्यंग्य िरते िुए तयय ििय और उसे तयय सियि दी
िै ? [2]
(iii) िततय िी बयत पर श्रोतय िे तयय प्रनतकक्यय व्यतत िी और तयों? [3]

(iv) आपिे अिस


ु यर सच्ची ििय िी तयय पिचयि िै ? [3]
उत्तर : अरुणय िो चचत्रय िी ििय निरथषि िगती थी तयोंकि उसिे अिुसयर
ऐसी ििय किस ियम िी, जो आदमी िो आदमी ि रििे दे । ऐसी ििय
निरथषि िोती िै।
उत्तर : वक्ता अर्ाात ् अरुणा ने चित्रा से किा कक तझ
ु े दनु नया से कोई मतलब
नि ीं, तू बस िौबीस घींटे अपने रीं ग और तूललकाओीं में डूबी रिती िै । दनु नया में
ककतनी बडी घटना घट जाए, पर यहद उसमें तेरे चित्र के ललए आइडडया नि ीं,
तो तेरे ललए वि घटना कोई मित्त्व नि ीं रखती। िर जगि तू अपने चित्रों के
ललए मॉडल खोजती िै। तेरे पास सामर्थया िै , साधन िैं, तू कागज़ पर इन
ननजीव चित्रों को बनाने की बजाय दो-िार की जजींदगी क्यों नि ीं बना दे ती ।
उत्तर : अरुणा की बात सुनकर चित्रा बोल कक मानव सेवा का काम तो उसके
ललए छोड हदया िै। जब वि ववदे श िल जाएगी तो जल्द से सार दनु नया का
कल्याण करने के ललए झींडा लेकर ननकल पडना। चित्रा जानती र्ी कक अरुणा
के जीवन का उद्दे श्य समाज के ज़रूरतमींद लोगों की सिायता करके उनके
जीवन को बेितर बनाना र्ा।
उत्तर : िमारे अनस
ु ार जो कला जीवन को मित्त्व न दे , वि कला नि ीं िै । कला
और कलाकार वि सार्ाक िै,जो अरुणा की तरि सींवेदना से भरा िो। चित्रा
जैसा भौनतकवाद कलाकार मानवता के ललए व्यर्ा िै।

Question- 7

Read the extract given below and answer in Hindi the question that
follow:-

निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए |

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प्रनतमय िय शयन्त गंभीर मि


ु और भी प्रसन्ि िो रिय थय; किन्तु रयमनिियि उधर दे ितय ि
थय। उसिे ियथों में थय एि ियगज़ों बण्डि, जजसे संदि
ू में रििे से पििे िोििय चयितय थय।
पििे िी इच्छय थी, कफर भी ि जयिे तयों हिचि रिय थय और अपिे िो िर रिय थय, जैसे
किसी भययिि िस्तु से बचिे िे लिए िोई बयिि िो रोितय िै।

(i) रयमनिियि िे ियथों में तयय थय? यि किसिे भेजय थय ? [2]


(ii) मिोरमय िौि थी? िि रयमनिियि से िियाँ लमिी थी? [2]
(iii) मिोरमय िे रयमनिियि िो िे पत्र तयों लििे थे? िि पििय चयििर भी पत्र तयों
ििीं पि पय रिय थय? ियरण सहित लिखिए। [3]
(iv) 'संदेि' िियिी िय शीषषि सयथषि िै यय ििीं ियरण सहित लिखिए। [3]

उत्तर- (i) रामववहाल के हाथों में कागजों का एक बण्डल था जो कक वास्तव में मनोरमा के
इवारा भेजे गए पत्र थे। वह ऊहापोह जस्थतत में या कक वह क्या करे ? पत्र पढना भी चाहता
या और नहीिं भी।

(ii) मनोरमा एक अत्यिंत सुिंदर मदहला थी तथा मोहन बाबू की पत्नी थी। मनोरमा रामतनहाल
को अपना दहतैषी समझती थी और चाहती थी कक यह ब्रजककशोर के चिंगुल से बचने में
उसकी मदद करे । वह कातताक पर्ू णामा पर दशाश्वमेि घाट पर गिंगा ककनारे तब समली थी,
जब ब्रजककशोर के पास समय न होने के कारण उसे मनोरमा और उसके पतत को घुमाने के
सलए कहा था।

(iii) मनोरमा ने रामतनहाल को वे पत्र इससलए सलखे थे क्योंकक वह रामतनहाल को अपना


दहतैषी समझती थी और वह उससे मदद चाहती थी कक वह ब्रजककशोर से उसके पतत की
रक्षा करें , जो उन्हें ववक्षक्षप्त ससद्ि करके उनकी सम्पत्ती पर अपना अधिकार स्थावपत करना
चाहता था। वह पत्र इससलए नहीिं पढना चाहता था, क्योंकक उसे इन्हीिं पत्रों के कारण यहीिं से
श्यामा के कहने पर उसकी सहायता के सलए जाना पड रहा था। वह श्यामा के गण
ु ों से
प्रभाववत होकर उससे प्रेम करने लगा था और वह यहााँ से जाना नहीिं चाहता था।

(iv) कहानी का शीषाक साथाक और सटीक है। यहााँ पर सवाप्रथम रामतनहाल को मनोरमा के
व्यवहार के कारण सिंदेह है कक वह उससे प्रेम करती है । मोहन बाबू को सिंदेह है कक
ब्रजककशोर उसकी सम्पवत्त हडपना चाहते हैं। रामतनहाल को स्वयिं के प्रतत श्यामा के प्रेम पर
भी सिंदेह है । सिंपूणा कथानक सिंदेह पर ही आिाररत है । पररजस्थततयों भी ऐसी हैं, जो सिंदेह
करने पर बाध्य करती हैं। इस प्रकार कह सकते हैं कक शीषाक साथाक व उधचत है।

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एकािंकी सिंचय

Question- 8

Read the extract given below and answer in Hindi the question that
follow:-

निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए |

'अपरयध और किसिय िै ! सब मुझी िो दोष दे ते िैं।'

(i) िततय और श्रोतय िौि-िौि िैं? पररचय दीजजए । [2]


(ii) िततय अपिे किस अपरयध िी ओर संिेत िर रिय िै ? [2]
(iii) सब िततय िो किस बयत िे लिए दोष दे ते थे ? [3]
(iv) लमसरयिी िे िततय िो किसिे बयरे में तयय बतययय ? [3]

उत्तर : वक्ता मााँ है और श्रोता उसकी बहू उमा है । मााँ सिंस्कारों से बाँिी हैं। वे पुराने रीतत-
ररवाजों से बाहर नहीिं आ पातीिं। वह अत्यिंत भावक
ु है । बहू उमा अतल
ु की पत्नी और छोटी
बहू है । वह िासमाक रीतत-ररवाजों को मानती है तथा आदशावादी मदहला है।

उत्तर : वक्ता (मााँ) अपने-आप को इस बात के सलए अपरािी मानती है कक उसे अपने बडे
बेटे अववनाश की बीमारी का पता ही न चला, जो अलग रहता है और वपछले महीने वह
गिंभीर रूप से बीमार था, मरकर ही बचा था।

उत्तर : सब मााँ को इस बात के सलए दोष दे ते हैं कक वे ही सिंस्कारों की दासता में फाँसी रहीिं।
पुराने रीतत-ररवाजों को मानने के कारण उन्होंने अववनाश की बहू को स्वीकार नहीिं ककया और
उसके साथ सभी सिंबिंि तोड सलए थे।

उत्तर : कुमार की समसरानी ने मााँ को बताया कक अववनाश की बहू ने अपने प्राण खपाकर
अपने पतत को बचा

सलया। वह अकेली थी, पर ककसी के आगे हाथ पसारने नहीिं गई। स्वयिं दवा लाती थी, घर का
काम करती थी और अववनाश को भी दे खती थी।

Question- 9

Read the extract given below and answer in Hindi the question that
follow:-

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निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए |
'बेटी और बिू िो एि तरयजू में तौििय चयिते िो ? बेटी-बेटी िै ,बिू-बिू।'

(i) उपयत
ुष त िथि किसिे, किससे ििय िै तथय िब ? [2]
(ii) 'बेटी' और 'बिू' से किस-किस िी ओर संिेत िै ? [2]
(iii) बेटी ियिय िोिर भी िततय िो किस बयत पर अिंियर थय ? [3]
(iv) 'बेटी-बेटी िै 'बिू-बिू' इस िथि से िततय िी किस मयिलसितय पर प्रियश पडतय
िै ? इस संबंध में अपिे विचयर भी प्रिट िीजजए। [3]

उत्तर : उपयक्
ुा त कथन जीवनलाल ने प्रमोद से तब कहा, जब प्रमोद ने कहा कक क्या हमारी
बहन आपकी कोई नहीिं है ?

उत्तर : यहााँ 'बेटी' जीवनलाल की बेटी गौरी है तथा 'बहू' प्रमोद की बहन तथा रमेश की पत्नी
कमला है।

उत्तर : बेटी वाला होकर भी जीवनलाल को अपने सिंपन्न होने का अहिंकार था। वह अपने
द्वारा ददए गए दहे ज़ की प्रशिंसा के पुल बााँिता है । वह स्वयिं को नाकवाला कहता है । वह
कहता है कक बेटीवाला होकर भी उसकी मूाँछ ऊाँची है ।

उत्तर : 'बेटी-बेटी है, बहू-बहू' - जीवनलाल के इस कथन से उसकी सिंकुधचत मानससकता का


पता चलता है। वह अपनी बेटी और ककसी की बेटी अथाात ् अपनी बहू के साथ समान व्यवहार
नहीिं करता। वह िन का लोभी है । हमारे ववचार में हमें बहू के रूप में अपने घर में आई
दस
ू रों की बेदटयों के प्रतत ऐसा व्यवहार नहीिं करना चादहए, जैसा हम अपनी बेदटयों के साथ
कभी भी नहीिं दे खना चाहते।

Question- 10

Read the extract given below and answer in Hindi the question that follow:-

निम्िलिखित अितरण िो पििर िीचे लििे प्रश्िों िे उत्तर हिन्दी में लिखिए।

'इसमें संदेि ििीं िी अंनतम विजय िमयरी िोगी , किं तु यि निश्चय पि


ू ि
ष ििीं ििय जय सितय
कि इसमें कितिे हदि िग जयएाँगे।'
(i) िततय और श्रोतय िौि िैं ? उसिे बाँद
ू ी िी किस धष्ृ टतय िी ओर संिेत कियय िै ? [2]
(ii) िततय िे ियडय िे िीरों िे संबंध में तयय ििय और तयों ? [2]
(iii) मियरयणय ियिय अपिे मस्ति से किस ििंि िो धोिय चयिते थे ? [3]
(iv) मियरयणय ियिय िे तयय प्रनतज्ञय िी उसे पूरी िरिे िे लिए तयय योजिय बियई गई और

तयों ? [3]

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ICSE 2023-24

उत्तर : वक्ता अभयससिंह है तथा श्रोता महाराणा लाखा हैं। अभयससिंह ने बूाँदी की िष्ृ टता का
उल्लेख करते हुए कहा की नीमरा के मैदान में , बूाँदी के हाडाओिं ने रात के समय अचानक
उनके सशववर पर आक्मण कर ददया था। आकजस्मक िावे से घबराकर उनके सैतनक भाग
खडे हुए थे

उत्तर : अभयससिंह ने हाडा के वीरों के सिंबिंि में बताते हुए कहा कक हाडा लोग बहुत वीर हैं।
युद्ि करने में वे यम से भी नहीिं डरते। उसने हाडा लोगों की वीरता का उल्लेख इससलए
ककया क्योंकक उन वीरों को पराजजत करने में ककतने ददन लग सकते हैं और महाराणा ने
इतनी भीषण प्रततज्ञा कर ली है।

उत्तर : महाराणा के अनस


ु ार उन्होंने मेवाड के गौरवपण
ू ा इततहास में कलिंक का टीका लगाया
है। नीमरा के मैदान में बूाँदी के हाडाओिं ने रात के समय अचानक महाराणा के सशववर पर
आक्मण कर ददया था। आकजस्मक िावे से घबराकर उनके सैतनक भाग खडे हुए थे। इससे
मेवाड के आत्म-गौरव को बहुत अधिक ठे स लगी थी। यह मेवाड के माथे पर कलिंक था,
जजसे वे िोना चाहते थे।

उत्तर : महाराणा लाखा ने प्रततज्ञा की कक जब तक वह बूिंदी के दग


ु ा में सेना सदहत प्रवेश नहीिं
कर लेगा, तब तक

वह अन्न-जल नहीिं ग्रहण करे गा। जब चारणी को इस बात का पता लगता है, तो वह एक
उपाय बताती है कक यहीिं पर बूाँदी का एक नकली दग
ु ा बनाया जाए। महाराणा उसका ववध्विंस
करके अपनी प्रततज्ञा पूरी कर लें। यह योजना इससलए बनाई गई क्योंकक बद
ूाँ ी के वीरों को
पराजजत करने में न जाने ककतने ददन लग जाएाँ और महाराणा लाखा की प्रततज्ञा बहुत कठोर
थी।

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