You are on page 1of 18

Code: 5/12/2020

प्री–बोर्ड परीक्षा
ह द
िं ी ‘ब’

निर्धारित समय -3 घंटे अधर्कतम अंक – 80

सामान्य निदे श: निम्िलिखित निदे शों को ब ु त सावधािी से पहिए और उिका पािि कीजिए:-
 इस प्रश्िपत्र में दो खंड हैं –खंड ‘अ’ औि ‘ब’
 खंड ‘अ’ में कुल 9 वस्तुपिक प्रश्ि पूछे गए हैंI सभी प्रश्िों में उपप्रश्ि ददए गए हैंI ददए
गए निदे शों कध पधलि किते हुए प्रश्िों के उत्ति दीजिएI
 खंड ‘ब’ में कुल 8 वर्ािधत्मक प्रश्ि पछ
ू े गए हैंI प्रश्िों में आंतरिक ववकल्प ददए गए हैंI
ददए गए निदे शों कध पधलि किते हुए प्रश्िों के उत्ति दीजिएI

ििंर् ‘अ’ वस्तुपरक-प्रश्ि

अपहित गदयािंश (10)

प्रश्ि 1. िीचे दो गदयािंश हदए गए ैं । ककसी गदयािंश को ध्यािपूवक


ड पहिए और उस पर
आधाररत प्रश्िों के उत्तर दीजिए :- 5x1=5

गदयािंश- 1

यहद आप इस गदयािंश का चयि करते ैं तो कृपया उत्तर-पुजस्तका में लििें कक आप प्रश्ि सिंख्या
1 में हदए गए गदयािंश-1 पर आधाररत प्रश्िों के उत्तर लिि र े ैं :-

िज़ि उठधकि िहधाँ भी दे खें आपको हि इंसधि दुःु ख, अवसधद, तष्ृ र्ध, घर्
ृ ध, िफ़ित, ईष्यधा आदद
िैसे दग
ु र्
ुा ों से त्रस्त ददखधई दे गध। प्रत्येक इंसधि तिधव्रसस्त है। िीवि शैली इतिी िीिस हो चक
ु ी
है कक उमंग-उल्लधस तो िदधिद हो गए हैं िीवि से। भौनतक सुखों को तलधशते हुए व्यजतत अपिी
आंतरिक शजततयों को ववस्मतृ कि चक ु ध है । अिंत सुखों कध स्वधमी होकि भी व्यजतत दरिद्र बिध
हुआ है, वह नििं ति दुःु ख औि तिधव से पीड़ित है। वह ककतिे ही भौनतक संसधर्िों कध अंबधि लगध
लें, कभी भी सुखी िहीं हो सकतध, िब तक वह अपिे भीति सुख िहीं ढूाँढ़ेगध तब तक दख ु ों से
कैसे मुजतत पधएगध ? हमें सुख की प्रधजतत के ललए पीछे मुिकि अपिी समद्
ृ र् पिं पिध को दे खिध
होगध, अपिधिध होगध अपिी प्रधचीि पद्र्नतयों को, जििसे हमें एक सशतत मधगा लमलेगध जिसे हम
योग कहते हैं। हमधिे भीति अिंत शजततयधाँ नछपी हैं, आवश्यकतध है उन्हें िगधिे की। योग ही एक
ऐसध उत्तम एवं सिल मधगा है जिसके द्वधिध हम अपिी शजततयों को िगधकि अिंत आिंद, शजततयों
एवं शधंनत को प्रधतत कि सकते हैं।
महवषा पतंिलल िे योगशधस्त्र में ललखध है , मि की ववृ त्तयों को िोकिध ही योग है । यदद हम अपिे
अंतुःकिर् को पववत्र कि मि को नियंत्रत्रत कि सद्कमा किते हुए िीवियधपि किें तो स्वयं तो
अिंत आिंद को प्रधतत किें गे ही, सधथ ही सभी को सुख प्रदधि किें गे। तभी सवे भवंतु सुखखिुः की
उजतत चरितधथा होगी तथध वसुर्व
ै कुटुंबकम ् की भधविध बलवती होगी। ि कोई मधि-कधट होगी, ि
ककसी से कोई आतंककत होगध। वसंर्
ु िध भी शस्यश्यधमलध होगी, वधयु एवं िल भी सग
ु ंधर्त होंगे।
बस आवश्यकतध है तो लसफ़ा इस बधत की, कक हम अपिे मि में उठते बिु े ववचधिों को नियंत्रत्रत
किें औि िि-कल्यधर् को महत्त्व दें । इि सबकी प्रधजतत हमें योग द्वधिध हो सकती है । तो तयों ि
हम आि से बजल्क अभी से योग अपिधएाँ औि िीवि को सख
ु ी बिधएाँ।
निम्िलिखित में से निदे शािुसार सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि कीजिए :-
(क) वतामधि समय में मिष्ु य कौि-से दग
ु र्
ुा ों से त्रस्त है ? 1
(i) अवसधद, िफ़ित, दख
ु , कपट
(ii) दख
ु , अवसधद, स्िेह, िफ़ित
(iii) दख
ु , अवसधद, तष्ृ र्ध, िफ़ित, ईष्यधा
(iv) दख
ु , तष्ृ र्ध, िफ़ित, छल
(ख) भौनतक सुखों को तलधशते हुए व्यजतत अपिी ककि शजततयों को ववस्मत
ृ कि चक
ु ध है ?1
(i) आंतरिक
(ii) बधहिी
(iii) दै ववक
(iv) मधिलसक
(ग) ‘मि की ववृ त्तयों को िोकिध ही योग है । ’ प्रस्तत
ु उजतत योगशधस्त्र में ककस महवषा
द्वधिध दी गई है ? 1
(i) महवषा गौतम
(ii) महवषा पतंिलल
(iii) महवषा कश्यप
(iv) महवषा दव
ु धासध
(घ) ककि प्रयधसों द्वधिध िीवि मूल्यों की प्रधजतत योग द्वधिध संभव है ? 1
(i) अिंत शजतत द्वधिध
(ii) भौनतक सुखों द्वधिध
(iii) सवे भवंतु सुखखिुः की उजतत को चरितधथा ि किके
(iv) मि में उठते ववचधिों पि नियंत्रर् व िि कल्यधर् के महत्त्व कध प्रनतपधदि किके
(ङ) निम्िललखखत में से सवधाधर्क उपयुतत शीषाक कध चयि कीजिए :- 1
(i) भौनतक संसधर्िों की तलधश
(ii) शस्य श्यधमलध
(iii) सशतत मधगा वसुंर्िध
(iv) योग अपिधएाँ औि िीवि को सुखी बिधएाँ

अथवा गदयािंश-2

यहद आप इस गदयािंश का चयि करते ैं तो कृपया उत्तर-पुजस्तका में लििें कक आप प्रश्ि सिंख्या
1 में हदए गए गदयािंश-2 पर आधाररत प्रश्िों के उत्तर लिि र े ैं :-

अहं कधि एक ऐसध दग


ु र्
ुा है िो क्रमशुः मिुष्य कध, परिवधि कध, समधि कध, दे श कध औि अंततुः
मधिव िधनत कध िधश कि डधलतध है । अहं कधिवश मिुष्य पधपकमा कितध िहतध है औि इसी कध
प्रनतफल उसे िन्म-िन्मधंति भुगतिध पितध है । अहं कधि एक िधक्षसी प्रववृ त्त है । इस प्रववृ त्त की छधयध
में अन्य दग
ु र्
ुा एकत्रत्रत होकि मिुष्य को पूिध िधक्षस बिध दे ते हैं। हमधिे र्मा ्रसंथों में िधक्षसों की
चचधा हि युग में लमलती है । आि भी िधक्षसी प्रववृ त्तयों वधले लोग बहुतधयत लमल िधते हैं। ऐसे
लोगों के बधिे में तो तुलसीदधस िी कध िधमचरितमधिस में ललखखत कथि आि भी उतिध ही सत्य
है कक िधक्षस मौकध लमलिे पि अपिे दहतैवषयों कध भी अदहत कििे से िहीं चक
ू ते।

दस
ू िों के अदहत में ही इन्हें अपिध लधभ ददखधई दे तध है । दस
ू िों के उिििे में इन्हें हषा एवं उिकी
उन्िनत में ये बेहद कष्ट कध अिुभव होतध है । ये दस
ू िों की बुिधई किते हैं। दस
ू िों के दोषों को
असंख्य िेत्रों से दे खते हैं। दस
ू िों कध कधम त्रबगधििे के ललए दर्
ू में मतखी की भधाँनत धगि िधते हैं।
ये दस
ू िों कध कधम त्रबगधििे के ललए अपिे प्रधर् तक गाँवध दे ते हैं। अहं कधि के कधिर् ये ईश्वि पि
ववश्वधस ि कि अपिे ही निर्ायों को सवाश्रेष्ठ मधि दस
ू िों पि थोपिे कध प्रयधस किते हैं। िधक्षसी
प्रववृ त्त के लोग िैनतक को अिैनतक मधिते हैं , इस कधिर् आस-पधस कध वधतधविर् िकधिधत्मक हो
िधतध है । ऐसी बिु ी प्रववृ त्त की बढ़त के कधिर् पथ्
ृ वी िे प्रभु के समक्ष निवेदि ककयध “हे भगवधि!
मुझे पवात, वक्ष
ृ ों आदद कध भधि इतिध महसूस िहीं होतध जितिध िकधिधत्मक एवं दष्ु प्रववृ त्त के लोगों
के कधिर् होतध है ।” ऐसे लोगों को अपिे दष्ु कमों कध प्रनतफल आिे वधले िन्मों में भोगिध ही पितध
है । अतुः मिुष्य को स्वधध्यधय के मधध्यम से अपिे भीति झधाँकिध चधदहए एवं उस द्वधि को पूर्त
ा ुः
कसकि बंद कि दे िध चधदहए, िहधाँ से दष्ु प्रववृ त्तयों के आिे की संभधविध हो। इस प्रयधस से ही
मधिवतध िीववत िह पधएगी तथध र्िती मधाँ भी सही अथों में वसुंर्िध बि पधएगी।
निम्िलिखित में से निदे शािुसार सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि कीजिए :
(क) अहं कधि ककस-ककस कध िधश कि डधलतध है ? 1
(i) असुिों, िधक्षसों, र्त
ू ों कध
(ii) दे वों, ऋवषयों कध
(iii) मिुष्य, परिवधि, समधि, दे श औि मधिव िधनत कध
(iv) मिुष्य, परिवधि, ववश्व औि पशु िधनत कध
(ख) ‘दर्
ू में मतखी की भधाँनत धगि िधिध’ कहधवत कध तयध अथा है ? 1
(i) दस
ू िों की सहधयतध कििध
(ii) दस
ू िों से स्िेह कििध
(iii) दस
ू िों कध कधम बिध दे िध
(iv) दस
ू िों कध कधम त्रबगधि दे िध
(ग) पथ्
ृ वी िे भगवधि से तयध-तयध निवेदि ककयध थध ? 1
(i) प्रत्येक इंसधि तिधव ्रसस्त है
(ii) पवात, वक्ष
ृ ों आदद कध भधि महसूस िहीं होतध जितिध िकधिधत्मक व दष्ु प्रववृ त्त लोगों
कध
(iii) पवात, वक्ष
ृ ों कध भधि सबसे अधर्क अिुभव होतध है
(iv) दस
ू िों के अदहत में ही अपिध लधभ ददखधई दे तध है

(घ) िधक्षसी प्रववृ त्त के लोगों द्वधिध वधतधविर् में िकधिधत्मकतध कध प्रसधि कैसे ककयध िधतध
है ? 1
(i) दस
ू िों कध अदहत किके
(ii) िैनतक को अिैनतक मधिकि
(iii) पधपकमा द्वधिध
(iv) द्वेष की भधविध द्वधिध
(ङ) ‘िधक्षस मौकध लमलिे पि अपिे दहतैवषयों कध भी अदहत कििे से िहीं चक
ू ते।’ यह
कथि ककस ्रसंथ में ललखखत है ? 1
(i) सधकेत
(ii) गीतध
(iii) महधभधित
(iv) िधमचरितमधिस
प्रश्ि 2. िीचे दो गदयािंश हदए गए ैं । ककसी गदयािंश को ध्यािपूवक
ड पहिए और उस पर
आधाररत प्रश्िों के उत्तर दीजिए :- (5x1=5)

गदयािंश- 1

यहद आप इस गदयािंश का चयि करते ैं तो कृपया उत्तर-पुजस्तका में लििें कक आप प्रश्ि सिंख्या
2 में हदए गए गदयािंश-1 पर आधाररत प्रश्िों के उत्तर लिि र े ैं :-

आि की भधगती-दौिती जज़ंदगी से मुस्किधहट तो ि िधिे कहधाँ खो गई है । कुछ दशक पहले तक


तो लोग एक-दस
ू िे को दे खते ही एक संद ु किधहट के सधथ अलभवधदि किते थे, ककंतु आि
ु ि-सी मस्
दशध यह है कक ककसी पहचधि वधले को दे खते ही व्यस्ततध कध मुखौटध लगधकि अलभवधदि की
प्रकक्रयध से स्वयं को बचधकि सुिक्षक्षत निकलिध ही बहधदिु ी कध कधया समझते हैं िबकक मुस्किधहट
एक ऐसी औषधर् है िो मिुष्य को त्रबिध ककसी दधम के लमली है , यह उसके शधिीरिक एवं मधिलसक
िोगों कध उपचधि कििे में पूर्त
ा ुः सक्षम है । िो व्यजतत मुस्किधकि ददि की शुरुआत कितध है वह
निश्चय ही सधिे ददि ऊिधावधि िहतध है , वह त्रबिध ककसी तिधव के सधिे कधया कुशलतध से पर्
ू ा कि
पुिुः अगले ददि के ललए िए कधयों को पूिध कििे की कुशल िर्िीनत बिध, निजश्चंत हो सो िधतध
है । पि
ु ुः िई ऊिधा, िए ववश्वधस के सधथ ददि कध शभ
ु धिं भ कितध है औि सफलतध प्रधतत कितध है ।
ऐसे व्यजतत कध सधजन्िध्य सभी लोग चधहते हैं, उसकी एक छोटी-सी मुस्किधहट के कधिर् ज़्यधदध
से ज़्यधदध लोग उसके समीप आिे कध प्रयधस किते हैं । ठीक इसके ववपिीत अिधयधस ही खीििे
वधले व्यजतत से हि कोई दिू ी बिधिध पसंद कितध है , हि कोई उससे बचिध चधहतध है । पुिधिी
कहधवत है कक प्रसन्ि वदि के दशाि मधत्र से ही समस्त कधया पूर्ा हो िधते हैं, अतुः हमधिध प्रयधस
होिध चधदहए कक स्वयं प्रसन्ि िहकि दस
ू िों को भी खलु शयधाँ बधाँटे। सचमुच मुस्किधहट अिमोल होती
है ,एक छोटी-सी मुस्किधहट से बिे-बिे कधया सहितध से संपन्ि हो िधते हैं। कहते हैं ि कक हींग
लगे ि कफटकिी, िं ग भी चोखध होए। तो अब तो आप समझ ही गए होंगे कक एक छोटी-सी
मुस्किधहट ककतिे कधम की है । तो चललए आि से बजल्क अभी से मुस्किधिे की आदत डधललए,
खद
ु स्वस्थ िहकि लोगों में खलु शयधाँ बधाँदटए।
निम्िलिखित में से निदे शािुसार सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि कीजिए :-

(क) ‘गद्यधंश में िीवि की ककस ‘अिमोल औषधर्’ की चचधा की गई है ?’ 1


(i) मुस्किधहट
(ii) मर्िु वधर्ी
(iii) हिीनतमध
(iv) वविम्रतध
(ख) मिष्ु य की एक छोटी-सी मस्
ु किधहट के कधिर् ज़्यधदध से ज़्यधदध लोगों पि उसकध तयध
प्रभधव पितध है ? 1
(i) नतिस्कधि कििे लगतध है
(ii) ईष्यधा कििे लगते हैं
(iii) समीप आिे कध प्रयधस किते हैं
(iv) दिू िहिे कध प्रयधस किते हैं
(ग) ‘मुस्किधहट’ ककि-ककि िोगों कध उपचधि कििे में पूर्त
ा ुः सक्षम है :- 1
(i) उदि संबंर्ी िोग
(ii) चमा संबंर्ी िोग
(iii) हृदय संबंर्ी िोग
(iv) शधिीरिक एवं मधिलसक िोग
(घ) गद्यधंश में प्रयुतत कहधवत ‘हींग लगे ि कफटकिी, िं ग भी चोखध होए’ कध तयध अथा
है ? 1
(i) बहुत अधर्क आधथाक हधनि हो िधए
(ii) हींग के प्रयोग से व्यंिि स्वधददष्ट बि िधए
(iii) िं ग अच्छी तिह से चढ़ िधए
(iv) त्रबिध खचा ककए कधया पर्
ू ा हो िधए
(ङ) कौि-सध मिष्ु य कुशल िर्िीनत बिध सफलतध प्रधतत कििे में सक्षम हो पधतध है ? 1
(i) ऊिधावधि
(ii) निष्ठधवधि
(iii) प्रनतभधवधि
(iv) बलवधि
अथवा गदयािंश-2

यहद आप इस गदयािंश का चयि करते ैं तो कृपया उत्तर-पजु स्तका में लििें कक आप प्रश्ि सिंख्या
2 में हदए गए गदयािंश-2 पर आधाररत प्रश्िों के उत्तर लिि र े ैं :-

कहते हैं ि कक यदद लगि लग िधए तो कोई भी कधया पूर्ा होते दे ि िहीं लगती औि यदद लगि
िचिधत्मक एवं सकधिधत्मक हो तो वह प्रनतष्ठध एवं ख्यधनत अजिात कि लेती है । लगि को हम र्ि

भी कह सकते हैं , िैसे तुलसीदधस िी को िधमर्ि
ु लगी तो िधमचरितमधिस िैसी कधलियी कृनत
की िचिध हुई। मीिधबधई, चैतन्य आदद िे तो धगिर्ि गोपधल की र्ि
ु में ही िीवि व्यतीत ककयध।
वतामधि समय में भी कुछ पिोपकधिी समधि सेववयों द्वधिध समधि के उत्थधि एवं कल्यधर् की
लगि कुछ इस प्रकधि सधमिे आ िही है कक लोग अपिे आस-पधस के निर्ाि तथध वपछिे वगा के
बच्चों को लशक्षक्षत कििे कध कधया कि समधि को िई दशध एवं ददशध प्रदधि कि िहे हैं। ककसी को
सददा यों के मौसम में दठठुिते लोगों को कंबल ओढ़धिे की लगि है तो ककसी को गिम चधय की दो
चजु स्कयों से िधहत पहुाँचधिे की लगि है । इतिध ही िहीं, हमधिी प्रधचीि पिं पिधओं तथध संस्कृनत को
आगे बढ़धिे की लगि भी प्रधयुः दे खिे को लमलती है – पक्षक्षयों को दधिध डधलिे की, पधिी वपलधिे
की तथध घधयल पश-ु पक्षक्षयों कध उपचधि आदद कधया के रूप में । कुछ समय पहले एक ककस्सध सधमिे
आयध थध कक कोई एक व्यजतत ककसी लधवधरिस लधश कध दधह संस्कधि कि दे तध थध। ककतिी बिी
एवं सकधिधत्मक सोच है । अतुः लगि कध मुद्दध कोई भी हो-िचिधत्मकतध एवं सकधिधत्मकतध अवश्य
होिी चधदहए, जिससे समधि को सही दशध, ददशध एवं वसर्
ु वै कुटुंबकम ् कध संदेश लमल सके।

निम्िलिखित में से निदे शािुसार सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि कीजिए :-

(क) ककस प्रकधि की लगि प्रनतष्ठध व ख्यधनत अजिात कि लेती है ? 1


(i) कधव्यधत्मक व िचिधत्मक
(ii) िचिधत्मक व सकधिधत्मक
(iii) िचिधत्मक व िकधिधत्मक
(iv) सकधिधत्मक व िकधिधत्मक
(ख) तुलसीदधस िी की कधलियी कृनत में ककस महधि चरित्र की िीवि गधथध है ? 1
(i) गोपधल
(ii) श्री कृष्र्
(iii) श्री िधम
(iv) धगरिर्ि
(ग) सकधिधत्मक लगि से समधि को तयध संदेश लमलतध है ? 1
(i) संवेदिशीलतध कध
(ii) प्रनतष्ठध व ख्यधनत कध
(iii) अनतधथ दे वो भवुः कध
(iv) वसुर्व
ै कुटुंबकम ् कध
(घ) वतामधि समय में भी ककि लोगों द्वधिध समधि के उत्थधि व कल्यधर् की लगि
सधमिे आ िही है ? 1
(i) पिोपकधिी समधि सेववयों
(ii) पिोपकधिी स्वयंसेवकों
(iii) पिोपकधिी सिकधिी संगठिों
(iv) उदधि व दयधलु समधि सेवकों

(ङ) निम्िललखखत में से सवधाधर्क उपयुतत शीषाक कध चयि कीजिए :- 1


(i) उत्थधि
(ii) लगि
(iii) संस्कृनत
(iv) सही ददशध

व्याव ाररक व्याकरण (16)

प्रश्ि 3. निम्िलिखित पााँच भागों में से ककन् ीिं चार भागों के उत्तर दीजिए :-

(क) उसकी कल्पिध में वह एक अद्भत


ु यव
ु क थध। वधतय में िे खधंककत पदबंर् है :- 1
(i) संज्ञध पदबंर्
(ii) सवािधम पदबंर्
(iii) ववशेषर् पदबंर्
(iv) कक्रयध-ववशेषर् पदबंर्
(ख) ‘मैं पीछे –पीछे दौि िहध थधI’-वधतय में कक्रयध पदबंर् है :- 1
(i) दौि िहध थध
(ii) पीछे -पीछे
(iii) पीछे -पीछे दौि
(iv) पीछे -पीछे दौि िहध
(ग) _____________ कध समूह, जिसकध एक अथा निकलतध हो, पदबंर् कहलधतध है । 1
(i) व्यंििों
(ii) स्विों
(iii) शब्दों
(iv) पदों
(घ) ‘ततधाँिध एक िेक औि मददगधि व्यजतत थध।’ वधतय में िे खधंककत पदबंर् है :- 1
(i) कक्रयध पदबंर्
(ii) संज्ञध पदबंर्
(iii) ववशेषर् पदबंर्
(iv) कक्रयध-ववशेषर् पदबंर्

(ङ) होली में सबसे पहलध गुलधल ठधकुििी को ही चढ़धयध िधतध है ।’ वधतय में कक्रयध-पदबंर्
है :- 1
(i) िधतध है
(ii) होली में सबसे पहलध
(iii) ठधकुििी को ही चढ़धयध
(iv) चढ़धयध िधतध है

प्रश्ि 4. निम्िलिखित पााँच भागों में से ककन् ीिं चार भागों के उत्तर दीजिए :-

(क) निम्िललखखत में संयुतत-वधतय है :- 1


(i) चोिों के घुसते ही पुललस आ गई।
(ii) िब चोि घुसध तब पुललस आ गई।
(iii) िैसे ही चोि घुसे वैसे ही पुललस आ गई।
(iv) चोि घि में घुसे औि पुललस आ गई।
(ख) निम्िललखखत में लमश्र वधतय है :- 1
(i) मेिे हधथ में िो घिी है , वह बहुत पुिधिी है ।
(ii) मेिे हधथ में बहुत पुिधिी घिी है ।
(iii) मैंिे अपिे हधथ में पुिधिी घिी पहिी है ।
(iv) मेिे पधस एक घिी है औि वह बहुत पुिधिी है ।

(ग) ‘उगतध हुआ सूिि बहुत मिमोहक लगतध है ।’ वधतय िचिध की दृजष्ट से है :- 1
(i) संयतु त वधतय
(ii) सिल वधतय
(iii) लमश्र वधतय
(iv) सधमधन्य वधतय

(घ) ‘सच बोलिे वधलध कभी िहीं डितध।’ कध उधचत लमश्र-वधतय बिेगध :- 1
(i) िब कोई सच बोलतध है तब वह िहीं डितध।
(ii) िो सच बोलेगध, वह कभी िहीं डिे गध।
(iii) वह सच बोलतध है इसललए िहीं डितध।
(iv) िो सच बोलतध है , वह कभी िहीं डितध।

(ङ) ‘वधमीिो कुछ सचेत हुई औि घि की तिफ दौिी।‘ वधतय-िचिध की दृजष्ट से है :- 1


(i) संयुतत वधतय
(ii) सिल वधतय
(iii) लमश्र वधतय
(iv) ववर्धिवधचक वधतय

प्रश्ि 5. निम्िलिखित पााँच भागों में से ककन् ीिं चार भागों के उत्तर दीजिए :-

(क) ‘कधंनतहीि’- समस्त पद कध वव्रसह होगध:- 1


(i) हीि है िो कधंनत
(ii) कधंनत द्वधिध हीि
(iii) कधंनत में हीि
(iv) कधंनत से हीि
(ख) ‘िधत औि ददि’ कध समस्त पद है :- 1
(i) िधत-ददि
(ii) ददि-िधत
(iii) िधत्रत्र-ददवस
(iv) ददि-ददवस
(ग) ‘भय से आकुल’ कध समस्त पद है :- 1
(i) भय-आकुल
(ii) भय-व्यधकुल
(iii) भयधकुल
(iv) भीतधकुल
(घ) ‘बेवतत’- शब्द में कौि-सध समधस है :- 1
(i) द्ववगु समधस
(ii) अव्ययीभधव समधस
(iii) कमार्धिय समधस
(iv) द्वंद्व समधस
(ङ) ‘पशु-प्रववृ त्त’ समस्त पद कध वव्रसह होगध :- 1
(i) पशु की प्रववृ त्त
(ii) पशु के ललए प्रववृ त्त
(iii) पशु पि प्रववृ त्त
(iv) पशु से प्रववृ त्त

प्रश्ि 6. निम्िलिखित चारों भागों के उत्तर दीजिए:-

(क) िधाँबधज़ सैनिक अपिे दे श के ललए ____________________ में संकोच िहीं


किते। उपयुतत मह
ु धविे से रितत स्थधि की पूनता कीजिए:- 1

(i) आाँखों में र्ल


ू झोंकिे
(ii) मौत से गले लमलिे
(iii) छुट्टी कि दे िे
(iv) िज़ि बचधकि िधिे
(ख) समधिोह में संगीत कध ऐसध समधं बाँर्ध कक श्रोतध ________________। 1
रितत स्थधि की पूनता सटीक मुहधविे से कीजिए:-
(i) खश
ु ी कध दठकधिध ि िहध।
(ii) आग-बबूलध हो गए।
(iii) चेहिध मुिझध गयध।
(iv) सुर्-बुर् खो बैठे।

(ग) सिकधिी िौकिी लमलिध आसधि िहीं है , उसे पधिे के ललए बहुत ________। 1
उपयत
ु त महु धविे से रितत स्थधि की पनू ता कीजिए :-
(i) मेहित कििी पिती है ।
(ii) पधपि बेलिे पिते हैं।
(iii) आिे हधथों लेिध पितध है ।
(iv) गधगि में सधगि भििध पितध है ।

(घ) चीिी-िधपधिी िैसी भधषधएाँ सीखिध ________ के समधि है । 1


उपयुतत मुहधविे से रितत स्थधि की पूनता कीजिए :-
(i) खि
ू िलधिे
(ii) बेिधह चलिे
(iii) लोहे के चिे धगििे
(iv) लोहे के चिे चबधिे

पाठ्य पुस्तक (14)

प्रश्ि 7. निम्िलिखित पदयािंश को पिकर प्रश्िों के सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि


कीजिए:- 4x1=4

अिंत अंतरिक्ष में अिंत दे व हैं खिे,


समक्ष ही स्वबधहु िो बढ़ध िहे बिे-बिे,
पिस्पिधवलंब से उठो तथध बढ़ो सभी,
अभी अमत्या-अंक में अपंक हो चढ़ो सभी ।
िहो ि यों कक एक से ि कधम औि कध सिे ,
वही मिुष्य है कक िो मिुष्य के ललए मिे ।
(क) अिंत अंतरिक्ष में कौि खिध है ? 1
(i) सूया चंद्र
(ii) इंद्र
(iii) पिमेश्वि
(iv) दे वसमूह

(ख) अंतरिक्ष में खिे दे व अपिी बधहु तयों बढ़ध िहे हैं ? 1
(i) मदद के ललए
(ii) स्वस्थतध के ललए
(iii) समद्
ृ धर् के ललए
(iv) मधगादशाि के ललए

(ग) ‘पिस्पिधवलंब’ कध आशय है :- 1


(i) एक-दस
ू िे कध सहयोग कििध
(ii) एक-दस
ू िे से शत्रत
ु ध कििध
(iii) एक-दस
ू िे से छल-कपट कििध
(iv) दस
ू िे से स्वधथा लसद्र् किधिध

(घ) कवव मिुष्य को ककस प्रकधि िहिे की सलधह दे ते हैं ? 1


(i) असहयोग की भधविध
(ii) सहयोग की भधविध से
(iii) दहंसध की भधविध से
(iv) पिधर्ीितध की भधविध से

प्रश्ि 8. निम्िलिखित गदयािंश को पिकर प्रश्िों के सवाडधधक उपयुक्त ववकल्पों का चयि


कीजिए:- 5x1=5

सददयों पूव,ा िब ललदटल अंदमधि औि कधि-निकोबधि आपस में िुिे हुए थे तब वहधाँ एक सुंदि
सध गधाँव थध। पधस में एक सुंदि औि शजततशधली यव
ु क िहध कितध थध। उसकध िधम थध ततधाँिध।
निकोबधिी उसे बेहद प्रेम किते थे। ततधाँिध एक िेक औि मददगधि व्यजतत थध। सदै व दस
ू िों
की सहधयतध के ललए तत्पि िहतध। अपिे गधाँववधलों को ही िहीं, अवपतु समूचे द्वीपवधलसयों
की सेवध कििध अपिध पिम कताव्य समझतध थध। उसके इस त्यधग की विह से वह चधचात
थध। सभी उसकध आदि किते। वतत मुसीबत में उसे स्मिर् किते औि वह भधगध-भधगध वहधाँ
पहुाँच िधतध। दस
ू िे गधाँवों में भी पवा-त्योहधिों के समय उसे ववशेष रूप से आमंत्रत्रत ककयध िधतध।
उसकध व्यजततत्व तो आकषाक थध ही, सधथ ही आत्मीय स्वभधव की विह से लोग उसके किीब
िहिध चधहते। पधिं परिक पोशधक के सधथ वह अपिी कमि में सदै व एक लकिी की तलवधि
बधाँर्े िहतध। लोगों कध मत थध, बधविूद लकिी की होिे पि, उस तलवधि में अद्भुत दै वीय
शजतत थी। ततधाँिध अपिी तलवधि को कभी अलग ि होिे दे तध। उसकध दस
ू िों के सधमिे
उपयोग भी ि कितध ककंतु उसके चधचात सधहलसक कधििधमों के कधिर् लोग-बधग तलवधि में
अद्भत
ु शजतत कध होिध मधिते थे। ततधाँिध की तलवधि एक ववलक्षर् िहस्य थी।

(क) सददयों पव
ू ा कौि-से द्वीप आपस में िि
ु े थे ? 1
(i) लक्षद्वीप औि ललदटल अंदमधि
(ii) ललदटल अंदमधि औि कधि-निकोबधि
(iii) पोटा ब्लेयि औि श्री-लंकध
(iv) दमि औि दीव
(ख) ततधाँिध कैसध व्यजतत थध ? 1
(i) िेक औि मददगधि
(ii) कपटी औि स्वधथी
(iii) शधंत औि सिल
(iv) क्रूि औि निदा यी
(ग) दस
ू िे गधाँवों में ककि अवसिों पि लोग ततधाँिध को आमंत्रत्रत किते थे ? 1
(i) दीवधली मेले पि
(ii) वववधह के अवसिों पि
(iii) पवा-त्योहधिों पि
(iv) लशकधि के ववलभन्ि अवसिों पि
(घ) ततधाँिध की पोशधक कैसी थी ? 1
(i) पधश्चधत्य
(ii) पधिं परिक
(iii) आर्नु िक
(iv) िधिसी
(ङ) ततधाँिध की लकिी की तलवधि ककस अद्भुत शजतत से युतत थी ? 1
(i) िधक्षसी
(ii) िधदईु
(iii) िधिसी
(iv) दै वीय

प्रश्ि 9. निम्िलिखित गदयािंश को पिकर प्रश्िों के सवाडधधक उपयक्


ु त ववकल्पों का चयि
कीजिए :- 5x1=5

ग्वधललयि से बंबई की दिू ी िे संसधि को कधफ़ी कुछ बदल ददयध है । वसोवध में आि िहधाँ मेिध
घि है , पहले यहधाँ दिू तक िंगल थध। पेि थे, परिंदे थे औि दस
ू िे िधिवि थे। अब यहधाँ समंदि
के ककिधिे लंबी-चौिी बस्ती बि गई है । इस बस्ती िे ि िधिे ककतिे परिंदों-चरिंदों से उिकध
घि छीि ललयध है । इिमें से कुछ शहि छोिकि चले गए हैं। िो िहीं िध सके हैं उन्होंिे यहधाँ-
वहधाँ डेिध डधल ललयध है । इिमे से दो कबूतिों िे मेिे फ़्लैट के एक मचधि में घोंसलध बिध ललयध
है । बच्चे अभी छोटे हैं। उिके खखलधिे-वपलधिे की जज़म्मेदधिी अभी बिे कबत
ू िों की है । वे ददि
में कई-कई बधि आते-िधते हैं। औि तयों ि आएाँ-िधएाँ आखखि उिकध भी घि है । लेककि उिके
आिे-िधिे से हमें पिे शधिी भी होती है । वे कभी ककसी चीज़ को धगिधकि तोि दे ते हैं । कभी
मेिी लधइब्रेिी में घुसकि कबीि यध लमज़धा गधललब को सतधिे लगते हैं। इस िोज़ -िोज़ की
पिे शधिी से तंग आकि मेिी पत्िी िे उस िगह िहधाँ उिकध आलशयधिध थध, वहधाँ एक िधली
लगध दी है , उिके बच्चों को दस
ू िी िगह कि ददयध है ।

(क) लेखक कध बंबई (मुंबई) में कहधाँ पि घि थध ? 1


(i) कधटा ि िोड
(ii) गेट वे ऑफ़ इंड़डयध
(iii) वसोवध
(iv) मीिध िोड
(ख) दो कबूतिों िे लेखक के फ़्लैट में कहधाँ पि घोंसलध बिध ललयध थध ? 1
(i) खखिकी पि
(ii) एक मचधि में
(iii) आाँगि में
(iv) पस्
ु तकधलय में
(ग) िोज़-िोज़ की पिे शधिी से तंग आकि लेखक की पत्िी िे तयध उपधय ककयध ? 1
(i) खखिकी पि एक िधली लगध दी
(ii) लकिी लगवध दी
(iii) घोंसलध बिधिे ददयध
(iv) खखिकी हमेशध के ललए बंद किवध दी
(घ) कबूतिों के आिे से लेखक को घि में तयध-तयध िुकसधि झेलिे पिे ? 1
(i) अपिी चोंच से आहत कि दे ते थे
(ii) शोि किते थे
(iii) पस्
ु तकधलय में घस
ु कि ककतधबें गंदी कि दे ते थे व चीज़ें तोि दे ते थे
(iv) खधद्य-व्यंििों को दवू षत कि दे ते
(ङ) वसोवध में हुए परिवतािों द्वधिध लेखक ककस समस्यध की ओि ध्यधि आकवषात
कि िहे हैं ? 1
(i) पशु-पक्षक्षयों से उिकध घि नछि गयध है
(ii) समद्र
ु में तफ़
ू धि आ िहे हैं
(iii) मछुआिों कध व्यवसधय खतिे में है
(iv) समद्र
ु ी तट प्रदवू षत हो िहध है

ििंर् ‘ब’ वणडिात्मक-प्रश्ि


पाठ्य पुस्तक एविं पूरक पाठ्य पुस्तक (14)

प्रश्ि10.निम्िलिखित प्रश्िों में से ककन् ीिं दो प्रश्िों के उत्तर िगभग 25-30 शब्दों में लिखिए :-
2x2=4

(i) ‘कधितूस’ पधठ के आर्धि पि लसद्र् कीजिए कक वज़ीि अली एक िीनतकुशल


योद्र्ध थध I 2
(ii) ‘टी-सेिेमिी’ में ककतिे आदलमयों को प्रवेश ददयध िधतध थध औि तयों? ‘झेि की
दे ि’ पधठ के आर्धि पि ललखखए I 2
(iii) ‘अहं कधि कध भधव भजतत मधगा की सबसे बिी बधर्ध है ’ I कबीि की सधखी के
आर्धि पि लसद्र् कीजिए I 2
प्रश्ि11. निम्िलिखित प्रश्ि का उत्तर िगभग 60-70 शब्दों में लिखिए :- 1x4=4
‘मिुष्यतध’ कववतध में सुमत्ृ यु के महत्त्व को प्रनतपधददत ककयध गयध है I ‘कि चले हम
कफ़दध’ कववतध में ककस प्रकधि की मत्ृ यु को अच्छध कहध गयध है औि तयों? इससे कवव
कैफ़ी आज़मी हमें तयध संदेश दे िध चधहते हैं ? 4

प्रश्ि12. निम्िलिखित प्रश्िों में से ककन् ीिं दो प्रश्िों के उत्तर िगभग 40-50 शब्दों में लिखिए :-
2x3=6
(i) ‘सपिों के से ददि’ पधठ में मधस्टि प्रीतमचंद कध ववद्यधधथायों को अिुशधलसत िखिे
के ललए िो तिीकध थध, वह आि की लशक्षध-व्यवस्थध के िीवि-मल्
ू यों के अिस
ु धि
उधचत है यध अिुधचत? स्पष्ट कीजिए I 3
(ii) ‘टोपी-शुतलध’ पधठ के आर्धि पि इफ़्फ़ि की दधदी के स्वभधव की उि ववशेषतधओं
कध उल्लेख कीजिए जििके कधिर् टोपी िे दधदी बदलिे की बधत कहीI 3
(iii) हरिहि कधकध िे सबसे बधत कििध बंद तयों कि ददयध थध? ‘हरिहि कधकध’ कहधिी
के आर्धि पि स्पष्ट कीजिए I 3

िेिि (26)

प्रश्ि13. निम्िललखखत में से ककसी एक ववषय पि ददए गए संकेत-त्रबंदओ


ु ं के आर्धि पि
लगभग 80-100 शब्दों में से एक अिुच्छे द ललखखए :- 1x6=6
(i) मेरा भारत म ाि
 प्रधचीितम सभ्यतध एवं संस्कृनत
 प्रधकृनतक सौंदया
 ववलभन्ितधओं में एकतध एवं गौिवशधली इनतहधस
(ii) आिस्य : सबसे बड़ा मािवीय शत्रु
 आलस्य कध तधत्पया
 ववद्यधथी औि आलस्य
 कमाशीलतध कध महत्त्व
(iii) बड़ी िुभाविी ववज्ञापि की दनु िया
 ववज्ञधपि कध अथा
 ववज्ञधपि कध प्रभधव
 ववज्ञधपि से लधभ एवं हधनियधाँ
प्रश्ि14. ककसी प्रनतजष्ठत दै निक समधचधि-पत्र के संपधदक को पत्र ललखकि िगि में डेंगू फैलिे के
कधिर्ों की चचधा किते हुए उससे निपटिे की अपयधातत तैयधरियों कध उल्लेख कीजिएI
अथवा
केंद्रीय लशक्षध बोडा के सधचव के िधम एक पत्र ललखखए जिसमें दहंदी ववषय में अपेक्षध
से कम प्रधतत अंकों की पुिुः िधाँच के ललए अिुिोर् ककयध गयध होI 1x5=5

प्रश्ि15. आप सधवािनिक पस्


ु तकधलय के अध्यक्ष हैंI पस्
ु तकधलय कध प्रनतददि कध समय बढ़धयध
गयध है तथध िवववधि को अवकधश िखिे कध निर्ाय ललयध गयध है I इसके ललए 30-40
शब्दों में एक सच
ू िध तैयधि कीजिएI
अथवा
प्रधतुः 8 बिे से िधत्रत्र 8 बिे तक िी.टी.िोड पि भधिी वधहिों के आवधगमि पि
प्रनतबंर् लगधयध गयध है I इस संबंर् में यधतधयधत पलु लस इलधहधबधद द्वधिध िधिी एक
सूचिध लगभग 30-40 शब्दों में तैयधि कीजिएI 1x5=5

प्रश्ि16. स्वधस्थ्य मंत्रधलय की ओि से कोववड-19 से बचधव के उपधय बतधते हुए एक ववज्ञधपि


लगभग 25-50 शब्दों में तैयधि कीजिएI
अथवा
िैव खधद्य पदधथों की त्रबक्री के ललए खल
ु िे वधले िए भंडधि के ललए ववज्ञधपि लगभग
25-50 शब्दों में तैयधि कीजिएI 1x5=5

प्रश्ि17. ‘िैसी कििी, वैसी भििी’ मुहधविे के आर्धि पि 100-120 शब्दों में एक लघुकथध
ललखखएI
अथवा
‘सच्ची लमत्रतध, अमूल्य र्िोहि’ ववषय पि लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथध
ललखखएI 1x5=5

You might also like