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B.N.

College, Bhagalpur
A Constituent unit of Tilka Manjhi Bhagalpur University

Department of History

Topic : The Rise of Adolf Hitler(PPT)


B.A. Part-1
Prepared by : Sri Pinku kumar
Asst. Professor (Dept. of History)
B.N. College Bhagalpur
Contact (whatsApp) no- 7982166260
Email id- kpinku348@gmail.com
हटलर के
उदय के
कारण
 जमनी म थम व यु के दौरान ही वहां
क राजस ा केव व ोह शु हो चु
का
था। यु केअं तम दन म जमन लोग के क म और भी वृ ई। परं तुजमनी जब
यु म पू
री तरह परा जत हो गया तो जमनवा सय का धैय टू
ट गया।
 साथ ही थम व यु के प ात जमनी म जो गणतांक शासन व था क थापना
ई थी, उसम व मान दोष और क मय ने हटलर केउदय क पृभू
म को तै
यार कया।
 हटलर के उदय को जमनी केत कालीन राजनी तक, सामा जक व आ थक प र थ तय ,
सरकार क नी तय क असफलता एवंहटलर के कुशल नेतृव जै
सेव भ पहलू के
पर ेय म दे
खे जानेक आव यकता है । जमनी म हटलर के उदय के
कई कारण ह जसे
हम न न शीषक म बाँट कर अ ययन कर सकते ह-
वसाय क अपमानजनक सं

 थम व यु म व जत म रा ने जमनी क गणतंसरकार के
त न धय को 'वसाय क सं ध' पर ह ता र करनेकेलए ववश कया
गया। सं ध के ारा जमनी केब त सारेदे श को छ न लया गया तथा
उसका नःश ीकरण कर दया गया।
यु म पराजय तथा वसाय क सं ध क अनु चत तथा थोपी गई शत तथा
व था केकारण अने क जमन लोग ने अपने को अपमा नत महसूस
कया। हटलर ने अपमान केइस भाव का लाभ उठाया। उसने जमन लोग से
खुलेआम कहा क अगर स ा उसे स प द जाएगी तो वह सव थम 'वसाय
क सं ध' को कू
ड़ेदान म फक दे
गा तथा जमनी को खोई ई अं तरा ीय त ा
पुनः दलाएगा।
 हटलर केवायद तथा नाजी पाट केघो षत काय म से लोग को यह
व ास हो गया क के वल हटलर तथा उसका दल (नाजी पाट ) ही जमनी
को अपनी उ त केउ च शखर पर प ं चा सकता है

आ थक सं
कट
 थम व यु केदौरान जमनी को अपार धन क हा न ई। यु केप ात
ई 'वसाय क सं ध' केमा यम से एक बड़ी रा श यु तपू त केभु गतान के
प म उस पर लाद द गई। उसकेआयात- नयात ठ प हो गए। जमनी के
अ धकां श उप नवे
श छ न कर व जत रा ने आपस म बां ट लए थे ।
उप नवेश केछन जाने से जमनी केउ ोग तथा ापार न हो गए।
सन 1929-30 क व ापी आ थक मं द से जमनी पर भी ापक
भाव पड़ा। जमनी म गरीबी, बे
रोजगारी तथा भु
खमरी अपने चरम पर थी।
गणतंइनम सेयादातर सम या का समाधान ढू ं
ढनेम असफल रहा।
 हटलर ने लोग को व ास दलाया क एक महान दल तथा एक महान ने ता
ही इन सभी सम या से जमनी केलोग को तु रं
त छु
टकारा दला सकता है ।
उसने बे
रोजगारी र करने, जमनी का औप नवे शक व तार करने , उ ोग,
कृष तथा ापार म अ य धक ग त करने तथा लोग को खुशहाल बनाने
का आ ासन दया। इस आ ासन से जमन लोग नाजी दल तथा हटलर क
ओर आकृ ए। प रणाम व प नाजी दल तथा हटलर दन त दन उ त
क ओर बढ़ने लगा।
सा यवाद का भय

 हटलर अथवा नाजी पाट के उदय का एक मु ख कारण सा यवाद का बढ़ता


आ भय था। स क बो शे वक ां त 1917 क सफलता से उ सा हत होकर
सा यवा दय नेव भर म सा यवाद सरकार ग ठत करने क बात क , एक ऐसी
सा यवाद सरकार जसके अंतररा ीय संगठन का क स था।
 हटलर नेजमनी पर स के भाव का भय दखला कर जमन जनता को अपने
प म कर लया। जमनी के पूजीप त, उ ोगप त, ध नक वग, जागीरदार एवं

धा मक सा यवाद सेडरती थी। ध नक वग को रा ीयकरण का डर था,
सामंत एवंजम दार को भूम छ न जानेका जब क धा मक य को परंपरा
एवंधम क समा त का भय था।
प रणाम व प जनसाधारण एवं मक वग, नाजी पाट म शा मल होते चले
गए। उ ोगप त, बड़े पू
जीप त तथा जम दार हटलर के
ं उ कष म अपना हत
समझते थे
। उ ह ने
धन सेहटलर एवं नाजी पाट क सहायता क जससे हटलर
एवंउसके दल का ती ग त से उ कष आ।
य दय के त घृ
णा

जमनी म य दय क संया जमन जनसंया क तु लना म नग य थी परंतु


वे
ापार, वसाय और राजनी त म अ णी थे । य द वग जमनी का वै भवशाली
वग था, साधारण जनता इ ह शोषक समझ कर घृ णा करतेथे। थम व युम
जमनी क पराजय को जमन जनता य दय केव ासघात से जोड़कर देखती
थी। फलतः य द वरोधी भावनाएं वहां ा त थी।
 हटलर को य दय से बड़ी घृ
णा थी य क उसका व ास था क उ ह क
वाथ तथा कं जूसी वृ के कारण जमनी क थम व युम पराजय ई
थी। हटलर का यह प का व ास था क यह युकेदन म श ु सेमल गए
तथा इ ह ने दे
श को धोखा दया। दे
श के
अ धकां श ापार तथा उ ोग इ ह के
हाथ म थे लेकन इ ह नेदे
श क तर ा म दे शभ तथा से ना क कोई मदद
नह क थी।
 हटलर ने य दय को जमनी से भगानेका काय म अपनी पाट (नाजी पाट )
का काय म बना लया। उसने खुले
आम कहा क अगर लोग उसे राजस ा म
लाएंगेतो वह जमनी के लोग को य दय से पूणतया छुटकारा दलाएगा। यही
कारण हैक जमन जनता नाजी पाट तथा हटलर के त सहानु भूत रखनेलगे

वयं
से
वक दल का नमाण

 म रा ने वसाय क सं ध के ारा जमनी क सै नक श ब त कम कर द


जसके कारण ब त से सैनक बेरोजगार हो गए। येबे
रोजगार सै
नक हटलर के
‘ वयं
सेवक दल’ म शा मल हो गए और नाजी पाट तथा हटलर के उ थान म
मह वपूण भूमका नभाई।
 हटलर नेइ ह सैनक के सहयोग से अपनी सेना का गठन कया। ‘ वयं
सेवक
दल’ का मुख काय नाजी पाट क र ा करना और अ य वरोधी राजनी तक
दल क सावज नक सभा को भं ग करता था।
से
ना और नौकरशाही का समथन
जमन से ना तथा नौकरशाही के
अ धकांश उ च वग य परं
परावाद लोग जनतंसे
घृ
णा करते थेऔर थम व युके बाद जमनी केनःश ीकरण से उ ह ठे

लगी थी। हटलर ारा युऔर पु नः सश ीकरण क बात करने से
सै नक म
उसके त उ साह बढ़ा और वेहटलर एवं नाजी पाट के
समथक बने ।
वाइमर गणतंके त असं
तोष
 हटलर के उदय का एक कारण जमन जनता का वाइमर गणतंके त असं तोष था।
थम व यु के अंतम दन म जमनी म गणतंक थापना ई थी कतु यह गणतं
जमन जनता का स मान पानेम असफल रहा। व तु
तः जमन जनता गणतंको अपनी
पराजय और अपमान का तीक मानती थी य क गणतंके ने
ता ने ही वसाय क
संध पर ह ता र कए तथा मु
आवजा देनेक बात वीकार क । अतः जनता ने
गणतंके
व हटलर और नाजी पाट का साथ दया।
वाइमर सं
वधान क क मयां
 थम व यु के बाद वाइमर नामक थान पर जमनी केलए एक सं वधान बनाया गया,
जसम कई क मयांव मान थी। यह क मयां थी- सं
कटकालीन थ त क घोषणा करने
और आपातकालीन अ धकार को ा त करना, चु नाव क आनुपा तक णाली आ द।
संवधान म न हत इ ह क मय ने नाजी पाट और हटलर के उ थान केलए उवर भू म
दान क ।
हटलर का व

 हटलर एवं नाजी पाट केउ थान म वयंहटलर के व एवंगु


ण नेभी
मह वपूण योगदान दया। वह असाधारण व ा था और भीड़ को मनमाने ढं
ग से
नयंत करने क मता रखता था। साथ ही वह एक ू र सं
गठनकता था और
अपनेल य के माग म आने वालेकसी भी श अथवा को नममता से
कुचल दे
ता था।
उसनेकई बार अपनी पाट का शु करण कया, जसका अथ था उन य
क ह या जनसे वह असं तुहोता था। वह चार तथा सार करने म ब त ही
कुशल था। इस लए जमनी क जनता उस पर अं ध व ास करती थी और वह उसे
दे
व तुय समझने लगे।
न कष
उपरो व े षण केआधार पर इतना तो कहा ही जा सकता हैक अगर वसाय
क कठोर और अपमानजनक सं ध जमनी पर नह थोपी गयी होती तो हटलर
और नाजीवाद का इतना आसानी सेउदय नह होता। साथ ही जमनी के
त कालीन राजनी तक, सामा जक व आ थक प र थ तय ने भी हटलर केउदय
म मह वपू
ण भू मका नभायी।

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