You are on page 1of 4

ANSWER KEY

अभ्यास -1
1. निम्िलिखित समस्त-पदों का विग्रह करके समास का िाम लिखिए|
दे वमूर्ति – दे व की मूर्ति (संबंध तत्पुरुष)
आरामकुसी - आराम के लिए कुसी (संप्रदान तत्पुरुष)
स्कूटरसवार – स्कूटर पर सवार (अधधकरण तत्पुरुष)
संस्कारहीन – संस्कार से हीन (अपादान तत्परु
ु ष)
यशप्राप्त – यश को प्राप्त (कमि तत्पुरुष)
अनंत – न अंत (नञ ् समास)
रसोईघर – रसोई के लिए घर (संप्रदान तत्पुरुष)

2. निम्िलिखित समास-विग्रहों के समस्त-पद बिाइए|

1) ववषय की सूची - ववषयसूची


2) शोक से आकुि - शोकाकुि
3) बस के लिए स्टैंड - बसस्टैंड
4) र्नरािा के द्वारा रधचत - र्नरािारधचत
5) न उपस्स्ित - अनुपस्स्ित
6) ववदे श को गत - ववदे शगत
7) गौ के लिए शािा - गौशािा
-------------------------------------------------------------------------------------------------------------

अभ्यास – 2
1. निम्िलिखित समस्त-पदों का विग्रह करके समास का िाम लिखिए|
रात-ददन - रात और ददन (द्िंद्ि)
त्रिकोण - तीन कोणों का समाहार (द्विगु)
दरु ाहा – दो राहों का समाहार (द्विग)ु
भिा-बुरा - भिा या बुरा (द्िंद्ि)
र्तरं गा – तीन रं गों का समाहार (द्विगु)
नवरत्न – नव/ नौ रत्नों का समाहार (द्विगु)
पाप-पुण्य – पाप या पुण्य (द्िंद्ि)
2. निम्िलिखित समास-विग्रहों के समस्त-पद बिाइए|
1. गुण और दोष - गुण-दोष
2. पााँच तत्वों का समूह - पंचतत्व
3. हार्न या िाभ - हार्न-िाभ
4. दो पहरों का समाहार - दोपहर
5. सात ऋवषयों का समह
ू - सप्तऋवष
6. तीन िोकों का समह
ू - त्रििोक
7. दे श और ववदे श - दे श-ववदे श

---------------------------------------------------------------------------------------------------

अभ्यास -3

1. निम्िलिखित समस्त-पदों का विग्रह कीजिए-


कािीलमचि - कािी है जो लमचि संसारसागर – संसार रूपी सागर
महादे व – महान है जो दे व पीतांबर – पीत (पीत) है जो अंबर
चरणकमि – कमि के समान चरण महाराजा – महान है जो राजा
महवषि – महान है जो ऋवष वचनामत
ृ – अमत
ृ रूपी वचन
मग
ृ िोचन – मग
ृ के समान िोचन नरलसंह – नर रूपी लसंह या लसंह रूपी नर

2. निम्िलिखित समास-विग्रहों के समस्त-पद बिाइए-


१. घन के समान श्याम - घनश्याम
२. प्राणों के समान वप्रय - प्राणवप्रय
३. अंधा है जो कूप - अंधकूप
४. भिा है जो मानस - भिामानस
५. कु (बरु ी) है जो बद्
ु धध - कुबद्
ु धध

---------------------------------------------------------------------------------------------
अभ्यास - 4

1. निम्िलिखित समस्त-पदों का विग्रह कीजिए-

आजन्म – जन्म से िेकर बीचोंबीच - बीच ही बीच में /


ठीक बीच में
यिाशस्तत – शस्तत के अनस
ु ार बेिगाम – िगाम के त्रबना
बाकायदा – कायदे के अनस
ु ार बेईमान – ईमान के त्रबना
यिाक्रम – क्रम के अनस
ु ार घड़ी-घड़ी – हर घड़ी
प्रर्तवषि – हर वषि आमरण – मरण तक
2. निम्िलिखित समास-विग्रहों के समस्त-पद बिाइए-

१. साध्य के अनस
ु ार – यिासाध्य ४. अिि के अनस
ु ार – यिािि
२. कान ही कान में – कानोंकान ५. नाि के त्रबना – अनाि
३. जीवन पयंत – आजीवन
अभ्यास -5

1. निम्िलिखित समस्त-पदों का विग्रह कीजिए-

पंचानन – पााँच हैं आनन स्जसके (लशव)


धगररधर – धगरर को धारण ककया है स्जसने अिाित श्रीकृष्ण
चतभ
ु ज
ुि – चार भज
ु ाएाँ हैं स्जसकी अिाित ववष्णु
चक्रधर – चक्र को धारण करने वािा अिाित ववष्णु
िंबोदर – िंबा है उदर स्जसका अिाित गणेश
महे श – महान हैं जो ईश (लशव)
नीिकंठ – नीिा है कंठ स्जसका अिाित लशव
दशानन – दस हैं आनन स्जसके अिाित रावण

2. निम्िलिखित समास-विग्रहों के समस्त-पद बिाइए-

१. चार हैं मख
ु स्जसके (ब्रह्मा) - चतुरानन
२. र्नशा में ववचरण करने वािा अिाित राक्षस - र्नशाचर
३. वीणा है पाणण में स्जसके (सरस्वती) - वीणापाणण
४. तीन है िोचन स्जसके (लशव) - त्रििोचन
५. गज के समान आनन (मख
ु ) है स्जसका (गणेश) – गजानन
६. बारह सींग है स्जसके (ववशेष दहरण) - बारहलसंहा
७. अंशु (ककरणें ) हैं मािा स्जसकी (सय
ू )ि - अंशम
ु ािी
८. भाि पर चन्रमा है स्जसके (लशव) - चंरभाि

***********

You might also like