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उ यायालय इलाहाबाद

लखनऊ

तट उ रण सं या एएचसी एलके ओ डीबी


एएफआर

फै सला सुर त . .
फै सला सुनाया गया . .
कोट नंबर

के स रट सी नंबर ऑफ
या चकाकता अंशुमान सह राठौड़
तवाद यू नयन ऑफ इं डया ू. स चव. श ा मं ालय. नई द ली और अय

या चकाकता के वक ल गत प से आ द य कु मार तवारी गुलाम मोह मद का मल

तवाद के वक ल एएसजीआई अफजल अहमद स क अमर नाथ पाठ


आनंद वेद सीएससी इकबाल अहमद मह बहा र सह मोह मद। कु मैल हैदर संज ीव सह शैले
सह राजावत सुधांशु चौहान सैयद सैन वकास सह

साथ म

के स रट ए नंबर का
या चकाकता मोह मद जावेद

तवाद उ र दे श रा य के मा यम से धान स चव। अ पसं यक लको.


और अ य.

या चकाकता के वक ल पं . एस. चं ा अकबर अहमद यायालय म गौरव मेहरो ा यायालय


म मधुक र ओझा यायालय म मोह मद इमरान

तवाद के वक ल सीएससी अफजल स क गौरी शंक र मौय

के स रट ए नंबर का
या चकाकता सराजुल हक
तवाद सी एम दा ल उलूम वार सया वशाल खंड ू
इसके बंधक और अ य
या चकाकता के वक ल आरएन गु ता अनुराग पाठ
तवाद के वक ल सीएससी अफ़ज़ल स क मह बहा र सह ेम शंक र वेद

के स रट ए नंबर का
या चकाकता अ ल अज़ीज़

तवाद . के मा यम से उ र दे श रा य। स चव. अ पसं यक क याण एल.के .ओ. और

या चकाकता के वक ल अशोक के . म ा आफताब अहमद


तवाद के वक ल सीएससी अफजल स क

के स रट ए नंबर का
या चकाकता रजाउल मु तफा एवं अ य

तवाद नदे शक अ पसं यक क याण वभाग। एलके ओ और अ य

या चकाकता के वक ल न तन कु मार म ा अज़हर फै ज़

म से पृ
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तवाद

के लए खान वक ल सीएससी अफजल स क गुलाम मोह मद का मल और

मामला क रट सी सं या या चकाकता सी एम मदरसा


ज़ मयातु लहाट एजुके ट.सोसाइट ू मैनेज र एंड अ य तवाद टे ट ऑफ यूपी ू स चव.अ पसं यक क याण और
अ य।

या चकाकता के वक ल वनोद कु मार पांडे मदन मोहन ीवा तव तवाद के वक ल सीएससी अफजल स क ।

Hon ble Vivek Chaudhary J.


माननीय सुभाष व ाथ जी जे.

ए संदभ आदे श और प रचया मक त य पैरा ाफ से

बी पा टय क तु तयाँ पैरा ाफ से

सी ारं भक आप पैरा ाफ से

डी यूपी रा य म मदरस का इ तहास और ासं गक

मदरसा अ ध नयम और व नयम के ावधान पैरा ाफ से

ई चुनौती के आधार

I धम नरपे ता का उ लंघन अनु ेद पैरा ाफ से

II अनु ेद और ए का उ लंघन पैरा ाफ से

III मदरसा अ ध नयम और यूज ीसी अ ध नयम का टकराव पैरा ाफ

एफ न कष पैरा ाफ

ए संदभ आदे श और प रचया मक त य

. क रट ए सं या मोह मद पर सुनवाई करने वाली एकल यायाधीश पीठ

जावेद बनाम उ र दे श रा य एवं अ य ने न न ल खत आदे श पा रत कया

. .

. या चकाकता के व ान वक ल को सुना।

. ी आलोक शमा व ान अ त र मु य ायी वक ल ने वपरीत प सं या और


क ओर से नो टस वीकार कर लया है ी अफ़ज़ल स क व ान वक ल ने वपरीत
प सं या क ओर से नो टस वीकार कर लया है।

म से पृ
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. वपरीत प सं या को शी वापसी यो य नो टस जारी कर।

. या चकाकता ने वतमान रट या चका दायर कर दावा कया है क उसे वष म तवाद नंबर

मदरसा नसा ल उलूम शहजादपुर अकबरपुर डाकघर जला अंबेडकर नगर के ाथ मक अनुभाग के

लए पये के न त वेतन पर अंशका लक सहायक श क के प म नयु कया गया था। .

त माह वा षक वेतन वृ के अधीन। उनक ाथना है क तवाद सं या से यानी रा य

सरकार मदरसा श ा प रषद और जला अ पसं यक क याण अ धकारी ारा कोई नय मत नयु न

क जाए और उनक सेवा नय मत क जाए। आगे ाथना है क उ ह नय मत श क क तरह वेतन दया

जाए।

. या चकाकता यूपी के ावधान पर भरोसा करता है

मदरसा श ा बोड अ ध नयम मदरसा अ ध नयम और उसके तहत बनाए गए नयम।

सुनवाई के समय मदरसा अ ध नयम क धारा एच का अवलोकन प रभा षत करता है

धारा एच मदरसा श ा का अथ है अरबी उ पारसी इ लामी अ ययन त ब तक दशन म

श ा और इसम श ा क ऐसी अ य शाखाएं शा मल ह जो समय समय पर बोड ारा न द क जा

सकती ह।

. मदरसा श ा के योजन के लए मदरसा अ ध नयम क धारा के तहत एक बोड का गठन

कया गया है जसम लखा है

धारा बोड म न न ल खत सद य शा मल ह गे अथात्

ए पारंप रक मदरसा श ा के े म रा य ारा ना मत एक स मु लम श ा वद्

सरकार जो बोड क अ य होगी

बी नदे शक जो इसका उपा य होगा


त ता

सी ाचाय गवनमट ओ रएंटल कॉलेज रामपुर

डी रा य वधानमंडल के दोन सदन ारा चुना जाने वाला एक सु ी मु लम वधायक

ई रा य वधानमंडल के दोन सदन ारा चुना जाने वाला एक शया मु लम वधायक

म से पृ
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च रा ीय शै क प रषद का एक तनध
शोध और श ण

छ सं ा के दो मुख ारा ा पत और शा सत
रा य सरकार ारा मनोनीत सु ी मु लम

ज ारा ा पत और शा सत सं ा का एक मुख
रा य सरकार ारा नामां कत शया मु लम i रा य सरकार ारा ना मत सु ी मु लम ारा
ा पत और शा सत सं ान के दो श क

जे रा य ारा ना मत शया मु लम ारा ा पत और शा सत कसी सं ान का एक श क

सरकार

के रा य सरकार ारा ना मत कसी सं ान का एक व ान या त बत श क

ठ अ पसं यक क याण नदे शालय उ र दे श म लेख ा एवं व अ धकारी

एम नरी क

एन रा य सरकार ारा ना मत उप नदे शक के पद से नीचे का एक अ धकारी जो सद य र ज ार


होगा

. इसके अवलोकन से न न ल खत वचाराथ उ प होते ह

i चूँ क मदरसा बोड का गठन अरबी उ पारसी इ लामी अ ययन त ब तक दशनशा म


श ा के लए कया गया है और इसम श ा क ऐसी अ य शाखाएँ शा मल ह जो समय समय पर
बोड ारा न द क जा सकती ह तो लोग कै से आते ह कसी वशेष धम को उसी का सद य बनने
का ावधान है यह उपरो े म व तार के बारे म बात नह करता है जसके लए बोड का गठन
कया गया है ब क व श धम के य के बारे म बात करता है। यह व ान अ त र मु य
ायी वक ल के सामने रखा गया क या बोड का उ े य के वल धा मक श ा दान करना है जस
पर उनका कहना था क मदरसा श ा अ ध नयम का अवलोकन ऐसा संके त नह दे ता है।

ii भारत म एक धम नरपे सं वधान के साथ कसी वशेष धम के य को श ा


उ े य के लए बोड म नयु नामां कत कया जा सकता है या यह कसी भी धम से
संबं धत होना चा हए जो उन े म तपादक ह जनके लए बोड का गठन
कया गया है। अथवा धम क परवाह कये बना ऐसे य को नयु कया जाना
चा हए जो तपादक ह

म से पृ
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कस े म बोड का गठन कस उ े य से कया गया है

iii अ ध नयम बोड को यूपी रा य के अ पसं यक क याण मं ालय के तहत काय करने का ावधान

करता है इस लए एक सवाल उठता है क या मदरसा श ा को अ पसं यक क याण वभाग के

तहत संचा लत करना मनमाना है जब क अ य सभी श ाएं जैन सख ईसाई आ द जैसे अ य

अ पसं यक समुदाय से संबं धत सं ान श ा मं ालय के तहत चलाए जा रहे ह और या यह मनमाने

ढं ग से मदरसा म पढ़ने वाले ब को श ा के वशेष और उनक नी तय का लाभ दे ने से इनकार

करता है

. ये सभी मदरसा अ ध नयम के दायरे को भा वत करते ह और मदरसा अ ध नयम

के आवेदन और उसके तहत बनाए गए नयम पर वचार करने से पहले नणय लए जाने वाले

मह वपूण ह। इस कार मुझ े यह उ चत लगता है क उपरो मु े पर नणय के लए मामले को

बड़ी पीठ के सम रखा जा सकता है।

. इसके म े नजर कायालय को एक बड़ी पीठ के गठन के लए मामले को माननीय मु य यायाधीश

वर यायाधीश के सम रखने का नदश दया जाता है।

. त प ात उपरो संदभ आदे श के आधार पर अ य रट

या चकाएँ अथात् रट ए सं या क क क

और क रट सी सं या को भी बड़ी बच को भेज ा गया था।

. संद भत मामले अलग अलग पीठ के लए नामां कत कए गए थे ले कन कर सकते थे

नह लया जाना चा हए. अंततः मु य यायाधीश के आदे श दनांक . . ारा

वतमान पीठ को संदभ सुनने के लए ना मत कया गया था। रट सी नं.

का अंशुमान सह राठौड़ बनाम भारत संघ और

अ य इस बीच यूपी बोड क श य को चुनौती दे ते ए दायर क गई थी

मदरसा श ा अ ध नयम सं ेप म मदरसा अ ध नयम पर

आधार यह है क यह धम नरपे ता के स ांत का उ लंघन करता है जो एक बनाता है

भारत के सं वधान क मूल संरचना का ह सा अनु ेद

एवं ए. उ ह ने अ धकार क धारा को भी चुनौती द है

ब को नःशु क एवं अ नवाय श ा अ ध नयम सं ेप म द

आरट ई अ ध नयम इस रट या चका को भी इस बच म नामां कत कया गया था

मु य यायाधीश का आदे श दनांक . . . इस लए ये सभी मायने रखते ह

मदरसा ए ट के अ धकार हमारे सामने ह।

का पृ
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. ये या चकाएँ मौ लक अ धकार के वतन से संबं धत ह

सबसे बड़े हा शये पर पड़े और गरीब तबके के नाबा लग ब े

रा य का अ पसं यक समुदाय. मु क वशालता को दे ख ते ए

इसम शा मल है और इसका उन पर कतना गहरा भाव पड़ेगा यह यायालय

ी गौरव मेहरो ा ी अकबर अहमद और ी मधुक र को नयु कया गया

दनां कत आदे श के तहत यायालय क सहायता के लए ओझा अ धव ा अमीसी यूरी के पम

. . को क रट ए सं या म पा रत कया गया।

. सुनवाई के दौरान न न ल खत प ने आवेदन दायर कए

क रट सी सं या म प कार ह त ेप क मांग

मैनेज स एसो सएशन मदा रस अर बया यूपी ी जी के मा यम से।

एम. का मल वक ल

अ खल भारतीय श क संघ मदरसा अर बया नई द ली

ी सैयद सैन अ धव ा के मा यम से

मैनेज र एसो सएशन अरबी मदरसा नई बाजार बलरामपुर

ी आ द य कु मार तवारी अ धव ा के मा यम से

अ ययन फाउं डेशन फॉर पॉ लसी रसच ी के मा यम से

अमर नाथ पाठ अ धव ा

Shikshharettar Karamchari Association Madaris E Arabia

कानपुर नगर ी मो. कु मैल हैदर और ी इकबाल

अहमद अ धव ा

Madarsa Jamia Baitul Uloom Balrampur through Sri Mohd.

कु मैल हैदर और ी इकबाल अहमद अ धव ा

ट चस एसो सएशन मदा रस अरी बया उ. .कानपुर के मा यम से

ी शांत चं ा व र अ धव ा ी एमबी ारा सहायता दान क गई

सह अ धव ा.

. उपरो सभी आवेदक के व ान वक ल ने कहा क

चूं क इसम शा मल मु े पूरी तरह से कानूनी कृ त के ह इस लए वे कोई भी मामला दायर नह करगे

जवाबी हलफनामा और उ ह ने कानूनी और पर अपनी दलील आगे बढ़ा

मामले म संवैधा नक मु े शा मल ह. के लए व ान वक ल

कु छ पा टय ने कु छ सरकारी आदे श तुत कए ह और

शपथ प के मा यम से या अ यथा अ धसूचनाएं आ द और वे सभी ह

रकॉड पर लया गया है.

. हमने या चकाकता ी अंशुमान सह राठौड़ को व तार से सुना है

जो वयं एक वक ल ह साथ ही ी सुद प कु मार ने सीखा

म से पृ
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या चकाकता के वक ल अमीसी यूरी ी गौरव मेहरो ा ी अकबर

अहमद एवं ी मधुक र ओझा अ धव ा ी अ नल ताप सह

व ान अ त र महा धव ा और ी संज ीव सह व ान

यूपी रा य के लए ायी वक ल ी सुधांशु चौहान और ी

यू नयन ऑफ इं डया क ओर से उप त व ान वक ल आनंद वेद ने कहा

ी संद प द त व र अ धव ा ी अफ़ज़ल अहमद ारा सहायता दान क गई

मदरसा बोड के लए स क वक ल ी शांत चं ा व र

अ धव ा क सहायता के लए ी एम.बी. सह और ी वकास सह अ धव ा ह

Teachers Association Madarsa Aribiya Sri G. M. Kamil Advocate for

Managers Association Madaris Arabiya Uttar Pradesh Sri Syed Hussain

ऑल इं डया ट चस एसो सएशन मदरसा अर बया यू के अ धव ा

द ली ी आ द य कु मार तवारी एडवोके ट मैनेज र एसो सएशन बुधवार

मदरसा नई बाजार बलरामपुर ी अमरे नाथ पाठ एडवोके ट

अ ययन फाउं डेशन फॉर पॉ लसी एंड रसच के लए और ी मो.

कु मैल हैदर और ी इकबाल अहमद श ा म के वक ल ह

Karamchari Association Madaris E Arabia Kanpur Nagar and Madarsa

जा मया बैतुल उलूम बलरामपुर।

. संदभ आदे श के व श ावधान क वैधता पर संदेह है

मदरसा अ ध नयम धम नरपे ता के स ांत पर आधा रत है। पहले ायी वक ल

एकल यायाधीश ने कहा था क मदरसा बोड का उ े य ऐसा नह है

धा मक श ा दान कर. हालाँ क दोन यूपी रा य और

इस यायालय के सम मदरसा बोड ने न प प से वीकार कया क बोड श ा दान करता है

न के वल धा मक श ा ब क धा मक नदश भी

उपदे श. इस लए संदभ को इस कार पुनः प दया गया

या मदरसा अ ध नयम के ावधान धम नरपे ता क कसौट पर खरे उतरते ह जो भारत के


सं वधान क मूल संरचना का एक ह सा है।

. संदभ का यह पुनः नधारण सुनवाई के दायरे को भा वत नह करता है

जैसा क अंशुमान सह राठौड़ क रट या चका म चुनौती द गई है

मदरसा अ ध नयम इस आधार पर है क ावधान योजना और

मदरसा ए ट ारा श ा को लेक र जो माहौल बनाया गया है

रा य म मदरसे अनु ेद और ए का उ लंघन करते ह

भारत का सं वधान. उपरो के अंतगत मौ लक अ धकार

का पृ
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अनु े द वशेष प से अनु ेद और ए के तहत अ धकार शा मल है

सावभौ मक गुण व ापूण श ा जसम धम नरपे श ा भी शा मल है।

बी पा टय क तु तयाँ

. या चकाकता और उनके वक ल का कहना है क मदरसा अ ध नयम का उ लंघन होता है

धम नरपे ता के स ांत जो क बु नयाद संरचना का एक ह सा है

भारत का सं वधान गुण व ापूण अ नवाय श ा दान करने म वफल

वष क आयु क ा आठव तक जैसा क अ नवाय प से आव यक है

भारत के सं वधान के अनु ेद ए के तहत दान कया गया और आगे असफल हो जाता है

सभी ब को सावभौ मक और गुण व ापूण कू ली श ा दान करना

मदरस म अ ययन जैसा क अ नवाय प से दान कया जाना आव यक है

भारत के सं वधान का अनु ेद . इस कार यह मौ लक का उ लंघन करता है

मदरस के छा के अ धकार. रट या चका म भी चुनौती द गई है

आरट ई अ ध नयम क धारा के दायरे म मदरसे वै दक शा मल नह ह

पाठशालाएँ और शै णक सं ान मु य प से धा मक श ा दे ते ह

नदश।

. व ान अमीसी यूरी ने भी क दलील का समथन कया

या चकाकता. वे आगे तुत करते ह क अनु ेद अ धकार दान करता है

अंतरा मा क वतं ता और वतं प से ोफ़े स ै टस और करने का अ धकार

धम का चार करो. यह अ धकार कसी के नयमन के अ धकार को भा वत नह करता है

सामा जक ग त व ध जो धा मक अ यास और अ धकार से जुड़ी हो सकती है

रा य को सामा जक क याण के लए कोई भी कानून बनाने से रोका जा सकता है

सुधार। ी महरो ा ने यह भी कहा क कानून बनाते समय जो ह

अनु ेद ारा संर त रा य को ग तशील और सुधारा मक होना चा हए

इसका कोण और इसका कोण तगामी नह हो सकता। मदरसा अ ध नयम

मदरसा म पढ़ने वाले ब को गुण व ा ा त करने के अ धकार से वं चत करता है

नय मत कू ल म पढ़ने वाले अ य ब क तरह श ा और इस लए

मदरसा अ ध नयम एक तगामी अ ध नयम है जो असंवैधा नक है।

. व ान एमीसी यूरी ने यह भी तुत कया क भाग ए

भारत का सं वधान मौ लक कत और अनु ेद ए से संबं धत है

भारत का सं वधान अ य बात के साथ साथ यह ावधान करता है क यह कत होगा

येक नाग रक को स ाव और समान भाईचारे क भावना को बढ़ावा दे ना चा हए

धा मक भाषाई े ीय आ द से ऊपर उठकर भारत के लोग के बीच

अनुभागीय व वधताएँ वै ा नक वभाव मानवतावाद और वक सत करने के लए

म से पृ
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जांच और सुधार क भावना सभी म उ कृ ता क दशा म यास करना

गत और सामू हक ग त व ध के े ता क रा लगातार

यास और उपल के उ तर तक बढ़ जाता है। अनु े द का खंड K .

ए म ावधान है क यह येक माता पता या अ भभावक का कत होगा

उसके ब े को श ा के अवसर दान कर या जैसा भी मामला हो

वाड क आयु से वष के बीच है। व ान एमीसी यूरीए

तुत कर क य प मौ लक कत लागू करने यो य नह ह और

रा य को अनु ेद ए को आगे बढ़ाने के लए काय करने के लए बा य नह कया जा सकता

साथ ही रा य ऐसे तरीके से काय नह कर सकता जो इसके वपरीत हो

अनु ेद ए म न हत ावधान. मदरसा अ ध नयम के ावधान

एकल ब के लए श ा के लए वशेष ावधान करना

अ पसं यक समुदाय ान और तर के ब त ही सी मत े म

नय मत श ा म दान क जाने वाली श ा का सामा य तर से कम

सं ाएँ प से मौ लक कत का उ लंघन है और इस लए

मदरसा ए ट सं वधान क मूल भावना का उ लंघन है

भारत।

. व ान एमीसी यूरी आगे यह भी तुत करते ह क सातव अनुसूची

भारत के सं वधान म संल न तीन सू चयाँ शा मल ह सूची I

संघ सूची सूची II रा य सूची और सूची III समवत सूची है

सूची। सूची I क व मानक का सम वय और नधारण है

उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक और सं ान म

तकनीक सं ान. सूची III म व है श ा स हत

तकनीक श ा च क सा श ा और व व ालय के अधीन

सूची क व याँ और के ावधान ावसा यक और तकनीक

म का श ण। मदरसा अ ध नयम क धारा ए और जे म शा मल है

उ श ा के मानक के नधारण के संबंध म ावधान

व के अनुसार मदरसा श जो क सरकार म न हत है

सूची I और इस लए रा य के पास वधायी मता नह है

इस संबंध म कानून बनाने के लए.

. मदरसा अ ध नयम क धारा मदरसा के गठन का ावधान करती है

कसी भी के लए बोड और कोई शै णक यो यता नधा रत नह है

मदरसा बोड का सद य।

. व ान अमीसी यूरी ने तुत कया क धम नरपे ता का एक ह सा है

भारत के सं वधान क मूल संरचना और मदरसा अ ध नयम का उ लंघन करता है

म से पृ
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धम नरपे ता का स ांत. इस नवेदन के समथन म उ ह ने रखा है

बड़ी सं या म नणय पर नभरता जनका उ लेख बाद के भाग म कया गया है

फै सले का.

. व ान एमीसी यूरी का कथन है क मदरसा अ ध नयम

धम नरपे ता और अनु ेद और अनु ेद ए का उ लंघन करता है

भारत के सं वधान का.

. उ ह ने आगे कहा क उ श ा क सीमा तक

मदरसा अ ध नयम सीधे तौर पर यूज ीसी अ ध नयम से टकराता है और उसका उ लंघन करता है

क य कानून के क जे वाले े पर क जा कर लेता है और इस कार

उ सीमा भी अ ावाइरस है।

. उपरो दलील का वरोध करते ए यूपी रा य का ख

व ान अ त र महा धव ा के मा यम से इसम कोई संदेह नह है

मदरसा बोड धा मक के साथ साथ धा मक श ा भी दान कर रहा है

छा को नदश ले कन रा य के पास दान करने क पया त श है

ऐसी श ा भारत के सं वधान के तहत उ चत प से अनुम त दे ती है

ऐसी श ा. उ ह ने मदरसा श ा के इ तहास का भी पता लगाया है

उ र दे श रा य ी संज ीव सह ने आगे ायी परामश सीखा

तुत है क मदरसा बोड ारा दान क जाने वाली श ा पारंप रक है

धम सं कृ त और भाषा से संबं धत श ा जो नह है

समय के साथ प रवतन. यह सातव अनुसूची क सूची III क व म शा मल है

भारत का सं वधान. धा मक श ा एवं नदश दान करना

व जत या अवैध नह है. ऐसी धा मक श ा के लए एक अलग बोड है

आव यक प से आव यक है जसम ऐसे व श सद य का होना आव यक है

धम। वह आगे कहते ह क ये मदरसे स ते म श ा दे रहे ह

इन ब को श ा जो गरीब और हा शए पर ह

प रवार. यूज ीसी अ ध नयम धा मक श ा श ा से संबं धत नह है

और नदश या पारंप रक श ा के साथ और इस कार दोन का क जा है

वभ े .

. ी. मदरसा बोड के व र अ धव ा संद प द त ने ए

या चकाकता क लोकस टडी के खलाफ ारं भक आप भी

रट क रता को चुनौती दे ने के लए दलील क अपया तता

या चका। वह भारत के सं वधान के अनु ेद से पर भी भरोसा करते ह

यह तुत करना क रा य सरकार के पास धा मक श ा दान करने क श है

और कू ल म एक वशेष धम के नदश। वह ढ़तापूवक यह कहते ह

म से पृ
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इन मदरस ारा नाबा लग को लगभग मु त श ा दान क जा रही है

ब क मा सक फ स बमु कल या पये त माह होती है

अगर मदरसे बंद हो गए तो ये ब े वं चत रह जाएंगे

यहाँ तक क यह श ा भी. ये मदरसे वयं सहायता पर जी वत ह

सरकार से ा त आ। इस लए यायालय के हत म

ये गरीब प रवार के ब े ह या चका खा रज होनी चा हए।

. ी. श क क ओर से व र अ धव ा शांत चं ा उप त ए।

एसो सएशन मदरसा अरी बया कानपुर ने भी या चका का वरोध कया है

ारं भक आप य का समथन कया और आगे तुत कया क भले ही

यह यायालय मदरसा अ ध नयम के कु छ ावधान का उ लंघन करता आ पाता है

भारत के सं वधान के अ याय III म अभी भी इस यायालय को जहाँ तक होना चा हए

संभव है के वल मदरसा अ ध नयम के ऐसे ावधान को अ त अ याचार घो षत कर

अ ध नयम के शेष ावधान को या तो पढ़कर सुर त रख

उ ावधान को कम करके या अ ध नयम से बाहर नकालकर।

. Sri Amrendra Nath Tripathi Advocate on behalf of Adhyayan

फाउं डेशन फॉर पॉ लसी एंड रसच ने कहा क यह उसका अ धकार े है

एनसीट ई क ा आठव और मदरसा बोड तक गुण व ापूण श ा दान करेगी

एनसीट ई ए ट के ावधान का भी उ लंघन करता है. उ रदाता के लए वक ल और

ह त ेपकता ने मोटे तौर पर यूपी रा य ारा दए गए मुख तक को अपनाया

Madarsa Board and Teachers Association Madarsa Arabiya Kanpur.

. सभी व ान वक ल या चका एवं संदभ आदे श का वरोध कर रहे ह

उपरो य के तक को अपनाते ए उन पर भी भरोसा कया है

भारत के सं वधान के अनु ेद से तक यह तुत करना धा मक है

कसी धम क श ा और नदश कू ल म दान कए जा सकते ह

इस कार रा य सरकार ऐसा अ ध नयम बना सकती है।

. उ रदाता और ह त ेपकता के व ान वक ल का कहना है क

रा य सरकार के पास इस संबंध म कानून बनाने क पया त श है

पारंप रक श ा. उनका कहना है क यूज ीसी अ ध नयम इसके अंतगत नह आता

पारंप रक श ा का े और कोई अ य क य अ ध नयम भी नह है

पारंप रक श ा के उ े पर क जा है इस लए रा य के पास है

उ े म अपनी वधायी श का सही योग कया। व ान परामश

हालाँ क उ रदाता और ह त ेपकता के लए कोई मामला नह रखा गया है

अपनी तु त के समथन म हमारे सम कानून या अ य साम ी। वे भी

बार बार पूछने के बावजूद बीच का अंतर नह कर सका

म से पृ
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पारंप रक श ा और आधु नक श ा उनक अधीनता को छोड़कर

क धा मक श ा पारंप रक श ा के े म शा मल है।

वे उन ावधान को भी न द नह कर सके ज ह इसम से नकाला जा सकता है

मदरसा ए ट उसी के कसी ह से को बचाने के लए है.

. भारत संघ के लए ी सुधांशु चौहान कहते ह क टड

भारत संघ का ता पय धा मक श ा एवं धा मक नदश से है

कसी एक धम को कू ली श ा और रा य म शा मल नह कया जा सकता

सरकार के पास वैधा नक श ा बोड बनाने क कोई श नह है

धा मक श ा क अनुम त. वह आगे कहते ह क पहले क नी त

मदरस को अनुदान धन उपल कराने के लए भारत संघ भावी था

. . तक और भारत सरकार का व तार करने का कोई ताव नह है

जो उसी। वह धारा क श य को चुनौती दे ने का पुरजोर वरोध करता है

आरट ई अ ध नयम.

. पा टय ने अपनी अपनी दलील के समथन म भरोसा जताया है

बड़ी सं या म उदाहरण पर जन पर बाद के भाग म चचा क गई है

यह नणय.

सी ारं भक आप यां

. ी संद प द त व ान व र अ धव ा क ओर से उप त ए

मदरसा बोड और ी शांत चं ा व ान व र अ धव ा

श क संघ मदरसा अरी बया कानपुर क ओर से उप त ए

क रख रखाव के संबंध म दो ारं भक आप याँ उठा

ी अंशुमान सह राठौड़ ारा दायर रट या चका। उनक पहली आप

यह है क या चकाकता उ यायालय म ै टस करने वाला एक वक ल है और वह

इस मामले म उनका कोई गत हत नह है इस लए वह इसे दायर नह कर सकते थे

आ ाप । यादा से यादा उ ह ने एक जन हत या चका दायर क होगी ले कन

वतमान रट या चका एक जन हत या चका नह है और इस लए वह

वतमान रट या चका दायर करने का कोई अ धकार नह है ।

. ी. संद प द त ने आगे कहा है क रट या चका

का मांक ी ारा दायर कया गया। अंशुमान सह राठौड़ एडवोके ट

ऐसा तीत होता है क इसे मदरस के लाभ के लए दायर कया गया है

मदरसा अ ध नयम को असंवैधा नक या अ धकार े से बाहर माना जाएगा रा य ऐसा करेगा

मदरस पर से नयं ण खो दो और मदरसे पूण तः समा त हो जायगे

नःशु क जो मदरस के छा के हत म नह होगा।

म से पृ
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. लोकस क कमी के संबंध म उनक ारं भक आप के समथन म

हालाँ क उ ह ने मामल म नणय पर भरोसा रखा है

जसभाई मोतीभाई दे साई बनाम रोशन कु मार हाजी बशीर अहमद

और अ य एससीसी और वनोय कु मार बनाम यूपी रा य

और अ य एससीसी ।

. लोकस टडी के संबंध म ारं भक आप का उ र दे ते ए ी

सुद प कु मार या चकाकता के व ान वक ल और व ान एमीसी यूरी

तुत कया गया क यह जीवन के मौ लक अ धकार से संबं धत मामला है

आ थक प से कमजोर अ पसं यक प रवार के नाबा लग ब क श ा

इस दे श का समुदाय इस लए यह यायालय इनकार नह कर सकता

मौ लक अ धकार के से संबं धत रट या चका पर वचार कर

ऐसे नाबा लग ब े जो समाज के सीमांत वग से आते ह

तकनीक ताएँ। जैसा क रा य और मदरसा बोड ारा तुत कया गया है

मदरस म पढ़ने वाले ब े गरीब प रवार से आते ह

नय मत व ालय क श ा का खच वहन करने म असमथ है और यह कत है

ब क इस यायालय को आगे आकर उनके मौ लक अ धकार क र ा करनी चा हए

के वल तकनीक बात पर ह त ेप करने से इंक ार करना। वे आगे यह सब तुत करते ह

उपरो नणय जस पर उ रदाता ने भरोसा कया उ प आ

ऐसे ववाद जो य के गत अ धकार आ द से संबं धत ह

इसे नाबा लग के मौ लक अ धकार से संबं धत मामले पर लागू नह कया जा सकता

गरीब और सीमांत प रवार के ब े। भरोसा ी सुद प ने रखा है

एसपी गु ता के मामले म सु ीम कोट के फै सले पर कु मार

बनाम भारत संघ और अ य स लीमट एससीसी ।

. जसभाई मोतीभाई दे साई बनाम रोशन कु मार हाजी बशीर म

अहमद और अ य एससीसी यह माना गया क

. यह हम अगले पर ले जाता है पी ड़त कौन है और ऐसी त के लए


अपे त यो यताएं या ह अ भ पी ड़त एक लोचदार और कु छ हद तक एक
मायावी अवधारणा को दशाता है। इसे कसी कठोर सट क एवं ापक प रभाषा क सीमा म
नह बांधा जा सकता। अ धक से अ धक इसक वशेषता को ापक अ ायी तरीके से
व णत कया जा सकता है।

इसका दायरा और अथ व वध प रवतनशील कारक पर नभर करता है जैसे क उस क़ानून


क साम ी और मंशा जसके उ लंघन का आरोप लगाया गया है मामले क व श प र तयाँ
या चकाकता के हत क कृ त और सीमा और पूवा ह क कृ त और सीमा या उसे लगी
चोट. अं ेज ी यायालय ने कभी तबं धत तो कभी ापक नमाण कया है

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अभ पी ड़त । हालाँ क यह सु न त करने के लए कु छ सामा य परी ण तैयार कए गए ह क या कोई

आवेदक इस ेण ी के लए पा है ता क स टओरीरी े ा धकार को लागू करने के लए आव यक लोकस टडी या

ट डग हो सके ।

. यह दे ख ा जाएगा क उ ेषण रट के लए आवेदन करने के अ धकार े के संदभ म एक आवेदक आमतौर पर इनम

से कसी भी ेण ी म आ सकता है i थत ii अजनबी iii त या ह त ेप करने वाला। अं तम

ेण ी के य को पहली दो े णय के अंतगत आने वाले लोग से आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे उन

चीज म ह त ेप करते ह जनसे उनका कोई सरोकार नह होता। वे याय के लए यो ा का प धारण करते ह। वे ो बोनो

प लको के नाम पर काय करने का दखावा करते ह हालां क उनके पास जनता या यहां तक क खुद के हत क र ा

करने का कोई इरादा नह है। वे आदत के बल पर या अनु चत उ े य से या यक या म ह त ेप करने का शगल करते

ह। अ सर वे बदनामी या स ती लोक यता हा सल करने क इ ा से े रत होते ह जब क इस ेण ी म कु छ आवेदक

का गु त इरादा शासन का कामकाज बगाड़ने से यादा कु छ नह हो सकता है। उ यायालय को ऐसे त नकाय के

आवेदन को सीमा पर ही खा रज कर दे ना चा हए।

. आवेदक क पहली और सरी ेण ी के बीच अंतर हालां क वा त वक है हमेशा अ तरह से सीमां कत नह होता

है। पहली ेण ी म मानो दो संक त े ह न तता का एक ठोस क य े और एक लाइ डग के ापसारक पैमाने

म कम होती न तता का एक धूसर बाहरी वृ अन तता क सबसे बाहरी अ सीमा के साथ। म य े के अंतगत

आने वाले आवेदक वे ह जनके कानूनी अ धकार का उ लंघन कया गया है। ऐसे आवेदक न संदेह पी ड़त य

क ेण ी म आते ह। धूसर बाहरी घेरे म वे सीमाएँ जो पहली ेण ी को सरी ेण ी से अलग करती ह के ापसारक दशा म

तेज ी से आपस म मलती ह पर र मलती ह और ओवरलैप होती ह। इस बाहरी े के सभी पी ड़त नह

हो सकते ह।

. ऐसे आवेदक को अजन बय से अलग करने के लए ऊपर दए गए प र े य से कु छ ापक परी ण नकाले जा

सकते ह। ये परी ण पूण एवं अं तम नह ह। उनका

भावका रता मामले क प र तय के अनुसार भ होती है जसम वैधा नक संदभ भी शा मल है जसम मामले पर

वचार कया जाना है। ये ह या आवेदक वह है जसके कानूनी अ धकार का उ लंघन कया गया है या उसे

कानूनी गलती या चोट का सामना करना पड़ा है इस अथ म क उसके हत कानून ारा मा यता ा त ा धकारी के काय

या चूक से तकू ल और सीधे भा वत ए ह जसके बारे म शकायत क गई है या वह ऐसा है जसे कसी

कानूनी शकायत का सामना करना पड़ा है ऐसा जसके खलाफ कोई नणय सुनाया गया है जसने उसे गलत तरीके

से कसी चीज़ से वं चत कर दया है या

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गलत तरीके से उसे कु छ दे ने से इनकार कर दया या कसी चीज़ पर उसके शीषक को गलत तरीके
से भा वत कया

या बाक जनता के साथ आम तौर पर ई कु छ शकायत या असु वधा से परे उनक अपनी
कोई वशेष और ठोस शकायत है या वह ा धकारी ारा ववा दत कारवाई करने से पहले उस
पर आप जताने और उसक बात सुनने का हकदार था य द हां तो या ा धकरण क ओर से
अ धकार े को हड़पने के कृ य से उस अ धकार के योग पर तकू ल भाव पड़ा या वह
क़ानून जसके संदभ म थत श द के दायरे पर वचार कया जा रहा है एक सामा जक
क याण उपाय है जो समुदाय के लए आचरण के नै तक या ावसा यक मानक को नधा रत
करने के लए डज़ाइन कया गया है या या यह व श य के नजी अ धकार से संबं धत
क़ानून है

. वनोय कु मार बनाम यूपी रा य और अ य म एससीसी

यह माना गया क

. सामा यतया कसी के पास रट या चका दायर करने का कोई अ धकार नह होगा य द
वह आ े पत आदे श से गत प से भा वत नह है या उसके मौ लक अ धकार पर न तो
सीधे या बड़े पैमाने पर आ मण कया गया है और न ही ऐसे अ धकार के आ मण या उसके
अ ध हण का कोई आस खतरा है। लागू नयम क अनदे ख ी कर हत का हनन कया गया है।
सं वधान के अनु ेद के तहत राहत े ा धकार का आ ान करने वाले के प म
अ धकार के अ त व पर आधा रत है। सामा य नयम का अपवाद के वल उन मामल म है जहां
आवेदन कया गया रट बंद य ीकरण या अ धकार वारंट का रट है या सावज नक हत म दायर
कया गया है। यह समझदारी क बात है क यायालय रट े ा धकार का योग उन मामल तक
ही सी मत रखता है जहां कसी वशेष को कानूनी गल तयां या कानूनी चोट प ंचाई जाती ह
या उसके मौ लक अ धकार का उ लंघन कया जाता है न क गत गलती या चोट के मामल
पर वचार कया जाता है। तीसरे प क जहां एक भावी कानूनी सहायता संगठन है जो ऐसे
मामल क दे ख भाल कर सकता है। सावज नक हत म दायर मामल म भी यायालय कसी तीसरे
प के कहने पर रट े ा धकार का योग के वल तभी कर सकता है जब यह दखाया जाए क
कानूनी गलती या कानूनी चोट या अवैध बोझ का खतरा है और ऐसा या य का नधा रत
वग है। गरीबी असहायता या वकलांगता या सामा जक या आ थक प से वं चत त के
कारण राहत के लए यायालय का दरवाजा खटखटाने म असमथ।

. हालाँ क एसपी गु ता बनाम भारत संघ और अ य म

स प एससीसी एक बड़ी पीठ जसम सात यायाधीश शा मल थे

सु ीम कोट ने कहा क

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ले कन इसे अब एक ा पत कानून के प म माना जाना चा हए जहां एक जसे कानूनी गलती


या कानूनी चोट लगी है या जसके कानूनी अ धकार या कानूनी प से संर त हत का उ लंघन आ है वह
कसी वकलांगता के कारण यायालय का दरवाजा खटखटाने म असमथ है या ऐसा है उसके लए कु छ अ य
पया त कारण जैसे क उसक सामा जक या आ थक प से वं चत त के लए यायालय का ख करना
ावहा रक नह है कोई अ य अ याय त या घायल को या यक नवारण दान करने के उ े य
से यायालय क सहायता ले सकता है ता क कानूनी ऐसे को ई गलती या चोट का नवारण नह होता
और उसके साथ याय होता है।

इस लए अब यह अ तरह से ा पत माना जा सकता है क जहां कसी संवैधा नक या कानूनी अ धकार के


उ लंघन के कारण कसी या य के एक न त वग को कोई कानूनी गलती या कानूनी चोट प ंचाई
जाती है या कसी संवैधा नक उ लंघन म कोई बोझ डाला जाता है। या कानूनी ावधान या कानून के अ धकार
के बना या ऐसी कसी भी कानूनी गलती या कानूनी चोट या अवैध बोझ क धमक द जाती है और ऐसे
या य का नधा रत वग गरीबी असहायता या वकलांगता या सामा जक या आ थक प से वं चत त
के कारण यायालय का दरवाजा खटखटाने म असमथ है। राहत के लए जनता का कोई भी सद य अनु ेद
के तहत उ यायालय म उ चत नदश आदे श या रट के लए आवेदन कर सकता है और ऐसे
या य के नधा रत वग के कसी भी मौ लक अ धकार के उ लंघन के मामले म अनु े द के तहत इस
यायालय म आवेदन कर सकता है। ऐसे या य के न त वग को ई कानूनी गलती या चोट
के लए या यक नवारण क मांग करना। जहां समुदाय के कमजोर वग का संबंध है जैसे बना मुक दमे के
जेल म बंद वचाराधीन कै द आगरा म सुर ा गृह के कै द या अजमेर जले म सड़क नमाण म लगे ह रजन
मक जो गरीबी और गरीबी म रह रहे ह जो अपने पसीने और मेहनत से मु कल से एक दयनीय जीवन जी
रहे ह जो शोषक समाज के असहाय पी ड़त ह और जनक याय तक आसान प ंच नह है यह यायालय
जनता ारा दायर क जाने वाली नय मत रट या चका पर जोर नह दे गा उ साही उनके हत का
समथन कर रहे ह और उनके लए राहत क मांग कर रहे ह। यह यायालय ऐसे गत प से न शु क
सावज नक प से काय करने वाले ारा संबो धत प का भी त परता से जवाब दे गा। यह सच है क इस
यायालय ारा अनु ेद के तहत राहत के लए इस यायालय म जाने क या नधा रत करने वाले
नयम बनाए गए ह और इस यायालय से संपक करने के इ ुक को व भ औपचा रकता से गुज रना
पड़ता है। ले कन यह नह भूलना चा हए क या याय क दासी मा है और याय के उ े य को कसी भी
या मक तकनीक ारा कभी भी वफल नह होने दया जा सकता है। इस लए यायालय बना कसी
हच कचाहट और बना कसी हच कचाहट के ऐसा करेगा

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अंतरा मा क आवाज अपनी वतरण श के योग म या के तकनीक नयम को कनारे रख दे ती है और सावज नक

वचारधारा वाले के प को रट या चका के प म मानती है और उस पर कारवाई करती है। आज या यक या म

ब त बड़ी ां त हो रही है कानून का दायरा तेज ी से बदल रहा है और गरीब क सम याएं सामने आ रही ह। यायालय को

बड़ी सं या म उन लोग को याय तक प ंच दान करने के उ े य से नए तरीक का आ व कार करना होगा और नई रणनी तय

को तैयार करना होगा जो अपने बु नयाद मानव अ धकार से वं चत ह और जनके लए वतं ता और वतं ता का कोई मतलब

नह है। ऐसा करने का एकमा तरीका उन लोग के लाभ के लए या यक नवारण क मांग करने वाली रट या चका और

यहां तक क सावज नक उ साही य के प पर वचार करना है ज ह कानूनी गलती या कानूनी चोट लगी है या जनके

संवैधा नक या कानूनी अ धकार का उ लंघन कया गया है ले कन जो अपनी गरीबी या सामा जक या आ थक प से वं चत

त के कारण राहत के लए यायालय का दरवाजा खटखटाने म असमथ ह। इसी भावना के साथ यायालय या यक

समाधान के लए प पर वचार कर रहा है और उ ह रट या चका के प म मान रहा है और हम आशा और व ास है क

दे श के उ यायालय भी इस स य ल य उ मुख कोण को अपनाएंगे। ले कन हम यह करने म ज दबाजी करनी

चा हए क जो यायालय का ख करता है

इस कार के मामल म या यक नवारण के लए याय के उ े य क पु करने क से ईमानदारी से काय करना चा हए

और य द वह गत लाभ या नजी लाभ के लए या राजनी तक ेरणा या अ य परो वचार से काय कर रहा है तो

यायालय को खुद को इसक अनुम त नह दे नी चा हए ऐसे के कहने पर स य होना चा हए और उसके आवेदन को

तुरंत खा रज कर दे ना चा हए चाहे वह यायालय को संबो धत प के प म हो या अदालत म दायर नय मत रट या चका के

प म भी हो। हम यह भी बता सकते ह क ववेक के मामले के प म और कानून के नयम के प म नह यायालय

े ा धकार के इस रणनी तक अ यास को उन मामल तक सी मत कर सकता है जहां कानूनी गलती या कानूनी चोट कसी

नधा रत वग या य के समूह या संवैधा नक या ऐसे नधा रत वग या य के समूह के कानूनी अ धकार का उ लंघन

कया जाता है और जहां तक संभव हो कसी तीसरे प के कहने पर गत गलती या चोट के मामल पर वचार नह कया

जाता है जहां एक भावी कानूनी सहायता संगठन है जो ऐसे मामल क दे ख भाल कर सकता है .

अ धकार े के पर वचार करने के उ े य से हमने अब तक जन कार के मामल को नपटाया है वे वे ह जहां आवेदक

या कसी अ य या य को कोई व श कानूनी चोट लगी है जनके लाभ के लए कारवाई क गई है। कसी

संवैधा नक या कानूनी अ धकार या कानूनी प से संर त हत के उ लंघन से। इन मामल म जस चीज़ क शकायत क

जाती है वह कसी या कसी न त वग या य के समूह को ई व श कानूनी चोट है। ले कन ऐसे मामले भी हो

सकते ह जहां रा य या कोई सावज नक ा धकरण संवैधा नक या वैधा नक दा य व का उ लंघन कर काय कर सकता है या

ऐसा करने म वफल हो सकता है

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दा य व जसके प रणाम व प सावज नक हत को चोट प ंचती है या जसे सु वधाजनक प से नजी चोट से अलग सावज नक

चोट कहा जा सकता है। रा य या सावज नक ा धकरण के ऐसे कृ य या चूक के खलाफ शकायत करने के लए कौन खड़ा

होगा या जनता का कोई भी सद य या यक नवारण के लए मुक दमा कर सकता है या या यह त के वल एक न त वग

के य तक ही सी मत है या या ऐसा कोई नह है जो शकायत कर सके और सावज नक त का समाधान न हो सके

इन का उ र दे ने के लए सबसे पहले यह समझना आव यक है क या यक काय का वा त वक उ े य या है। ोफे सर थयो

ने लोकस टडी और या यक समी ा पर अपनी पु तक म यही कहा है

या या यक काय का उ े य मु य प से जनता के हत म सरकार के वधायी और कायकारी अंग को उनक श य के भीतर

सी मत करके कानूनी व ा को संर त करना है े ा धकार डी ोइट ऑ जे टफ़ या यह मु य प से अवैध अ त मण को

रोककर नजी य क सुर ा के लए नद शत है उनके गत अ धकार पर े ा धकार डी ोइट वषय पहला ववाद

इस स ांत पर आधा रत है क अदालत इस बात पर अं तम म य ह क कानूनी और अवैध या है ।

इस मामले म लोकस टडी क आव यकताएं अनाव यक ह य क वे यहां बताए गए काय के उ े य म बाधा डालते ह। सरी

ओर जहां या यक या का मु य उ े य गत अ धकार क र ा करना है कानून और शासन क नय मतता के साथ

इसक चता उस हद तक सी मत है जहां गत अ धकार का उ लंघन होता है।

हम पहले ताव को या यक काय क कृ त और उ े य को सही ढं ग से नधा रत करने वाला मानगे य क कानून के शासन

को बनाए रखने के लए यह आव यक है क रा य के येक अंग को अपनी श क सीमा के भीतर काय करना चा हए और

कत का पालन करना चा हए। सं वधान या कानून ारा उस पर लगाया गया। य द रा य या कोई सावज नक ा धकरण अपनी

श के दायरे से परे काय करता है और इस तरह कसी या कसी न त वग या य के समूह को व श कानूनी चोट

प ंचाता है तो यह पूववत म चचा क गई तरीके से कारवाई यो य नजी चोट का मामला होगा। अनु े द. इसी कार य द रा य

या कसी सावज नक ा धकरण ारा कसी या कसी न त वग या य के समूह पर कत बकाया है तो यह ऐसे

या नधा रत वग या य के समूह म एक समान अ धकार को ज म दे गा और वे हकदार ह गे। या यक नवारण के लए

कारवाई बनाए रखना। ले कन य द रा य या कसी सावज नक ा धकरण के काय या चूक से कसी या कसी न त वग

या य के समूह को कोई व श कानूनी चोट नह प ंचती है और चोट के वल सावज नक हत के कारण होती है तो सवाल

उठता है क कौन रखरखाव कर सकता है कानून के शासन क पु करने और गैरकानूनी कारवाई को अलग करने या सावज नक

कत के दशन को लागू करने के लए एक कारवाई। य द कोई भी ऐसी सावज नक गलती या सावज नक चोट के नवारण के

लए कारवाई नह कर सकता है तो यह उसके लए वनाशकारी होगा

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कानून का शासन य क यह रा य या सावज नक ा धकरण के लए खुला होगा क वह अपनी श के दायरे से परे या

उसके ारा दे य सावज नक कत के उ लंघन म द डमु के साथ काय कर सके । अदालत ऐसी त का सामना नह कर

सकती ह जहां कानून का पालन उसके ारा बंधे ा धकारी क इ ा पर छोड़ दया जाता है और कानून का उ लंघन होने पर

कोई नवारण नह कया जाता है। इस लए कई नणय म यायालय ारा यह वचार कया गया है क जब भी रा य या

सावज नक ा धकरण के कसी काय या चूक के कारण कोई सावज नक गलती या सावज नक चोट होती है जो सं वधान या

कानून के वपरीत है तो जनता का कोई भी सद य ईमानदारी से काम करने और पया त च रखने से ऐसी सावज नक गलती

या सावज नक चोट के नवारण के लए कारवाई क जा सकती है। खड़े होने का स त नयम जो इस बात पर जोर दे ता है क

के वल वही जसे व श कानूनी चोट लगी है या यक नवारण के लए कारवाई कर सकता है उसे श थल कर दया

गया है और एक ापक नयम वक सत कया गया है जो जनता के कसी भी सद य को खड़ा करता है जो के वल एक त

नकाय नह है या एक ह त ेपकारी ह त ेपकता ले कन जसक कायवाही म पया त च है। इसम कोई संदेह नह है क

कसी भी नाग रक ारा रा य या सावज नक ा धकरण के खलाफ कानूनी कारवाई का जो खम रा य या ऐसे सावज नक

ा धकरण को अ धक ज मेदारी और दे ख भाल के साथ काय करने के लए े रत करेगा जससे याय शासन म सुधार होगा।

रे स बनाम इनलड रेवे यू क म स ड लूएलआर म लॉड ड लॉक ने सही कहा

मेरे वचार म यह सावज नक कानून क हमारी णाली म एक गंभीर खामी होगी य द फे डरेशन जैसे एक दबाव समूह या

यहां तक क एक भी सावज नक उ साही करदाता को मामले को लाने के अ धकार े के पुराने तकनीक नयम ारा रोका

गया था। यायालय का यान कानून के शासन क पु करने और गैरकानूनी आचरण को रोकने क ओर है... मेरे वचार से यह

कहने के लए पया त उ र नह है क क सरकार के अ धका रय या वभाग के काय क या यक समी ा अनाव यक है

य क वे अपने काय को करने के तरीके के लए संसद के त जवाबदे ह ह। जहां तक द ता और नी त का संबंध है वे जो

भी करते ह उसके लए वे संसद के त जवाबदे ह ह और संसद ही एकमा यायाधीश है वे जो करते ह उसक वैधता के लए

वे यायालय के त उ रदायी ह और यायालय ही एकमा यायाधीश है।

लोकस टडी के नयम का यह व तार सावज नक कानून के वकास के लए काफ हद तक ज मेदार रहा है य क यह

के वल वतन के लए या यक उपाय क उपल ता है जो कानून को अथ और उ े य के साथ नवेश करता है अ यथा कानून

के वल एक कागजी चमप एक चढ़ाने वाला बनकर रह जाएगा। म और अस यता का वादा. अ धकार े के नयम को

उदार बनाकर ही स ा के ग लयार पर भावी ढं ग से नगरानी रखना और कानून के उ लंघन को रोकना संभव है। इसे ाट् ज

और एचड यूआ र वेड ने पी पर सरकार के कानूनी नयं ण पर अपनी पु तक म बताया था।

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ा य व के बारे म तबंधा मक नयम आम तौर पर शास नक कानून क व णाली के लए


हा नकारक ह। य द एक अ े मामले वाले वाद को के वल इस लए खा रज कर दया जाता है य क
वह गत प से पया त प से भा वत नह आ है तो इसका मतलब है क कु छ सरकारी
एजसी को कानून का उ लंघन करने के लए वतं छोड़ दया गया है और यह सावज नक हत के
वपरीत है। वा दय के अपना समय और पैसा खच करने क संभावना नह है जब तक क उनके
कु छ वा त वक हत दांव पर न ह । लभ मामल म जहां वे के वल सावज नक भावना के कारण
मुक दमा करना चाहते ह उ ह हतो सा हत य कया जाना चा हए

यह बताना भी आव यक है क य द कोई भी सावज नक गलती या सावज नक चोट के संबंध म


या यक नवारण के लए कारवाई करने के लए खड़ा नह हो सकता है तो न के वल वैधता का कारण
भा वत होगा ब क लोग के पास ऐसे नवारण के लए कोई या यक उपाय नह होगा। सावज नक
ग़लती या सावज नक त सड़क पर आ सकती है और उस या म कानून का शासन गंभीर प
से ख़राब हो जाएगा। यह नतांत आव यक है क कानून का शासन लोग को अराजक सड़क से र
रखे और उ ह कानून क अदालत म जीत दलाए।

एक अ य कारण यह भी है क लोकस टडी के नयम को उदार बनाने क आव यकता है। आज हम


पाते ह क सामा जक आ थक प रवतन लाने के उ े य से संग ठत सामा जक कारवाई के एक
उपकरण के प म कानून का तेज ी से उपयोग कया जा रहा है। रा ीय पुन नमाण के जस काय पर
हम लगे ए ह उससे वकासा मक ग त व धय म भारी वृ ई है और कानून का उपयोग सामा जक
और आ थक वकास के उ े य के लए कया जा रहा है। यह लोग के बड़े वग के प म अ धकार
क एक नई ेण ी बना रहा है और आम आदमी तक सामा जक याय प ंचाने क से रा य और
सावज नक अ धका रय पर कत क एक नई ेण ी थोप रहा है। गत अ धकार और कत
वग या य के समूह के मेटा गत सामू हक सामा जक अ धकार और कत का ान
ले रहे ह। इसका मतलब यह नह है क गत अ धकार का हमारे समाज म मह वपूण ान नह
रह गया है ब क यह माना जाता है क ये अ धकार आज क से टग म ावहा रक प से नरथक
ह जब तक क इ ह सभी के लए भावी और वा तव म सुलभ बनाने के लए आव यक सामा जक
अ धकार के साथ न जोड़ा जाए। रा य के नी त नदे शक स ांत के अनुसरण म बनाए जाने वाले
नए सामा जक और आ थक अ धकार के लए अ नवाय प से रा य और अ य सावज नक
ा धकरण के स य ह त ेप क आव यकता होती है। इन सामा जक और आ थक अ धकार म
गरीबी अ ानता और भेदभाव से मु के साथ साथ व वातावरण सामा जक सुर ा और
व ीय वा ण यक कॉप रेट या यहां तक क सरकारी उ पीड़न से सुर ा का अ धकार भी शा मल
है। अ धक से अ धक बार इन सामा जक आ थक अ धकार को दान करने और सकारा मक
कारवाई करने के लए रा य और अ य अ धका रय पर सावज नक कत को लागू करने से ऐसी
तयाँ उ प होती ह जनम एक ही मानवीय कारवाई बड़े पैमाने पर लाभकारी या तकू ल हो
सकती है।

म से पृ
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लोग क सं या इस कार के वल दो प ीय मामले के प म मुक दमेबाजी क पारंप रक योजना को


पूरी तरह से अपया त बनाती है।
उदाहरण के लए कसी झील या नद म अप श पदाथ का बहाव उन सभी को नुक सान प ंचा
सकता है जो इसके साफ पानी का आनंद लेना चाहते ह हा नकारक गैस के उ सजन से बड़ी सं या म
उन लोग को चोट लग सकती है जो इसे हवा के साथ अंदर लेते ह दोषपूण या अ व पैके जग से
व तु के सभी उपभो ा को नुक सान हो सकता है और इस लए रेलवे या बस कराए म अवैध
वृ से पूरी जनता भा वत हो सकती है जो प रवहन के साधन के प म रेलवे या बस का उपयोग
करना चाहती है।

इस कार के मामल म यह कहना संभव नह होगा क कोई व श कानूनी चोट कसी या कसी न त वग या य

के समूह को ई है। ऐसे मामल म जो प रणाम होता है वह सावज नक चोट है और यह सावज नक चोट क वशेषता म से एक

है जसके बारे म शकायत क गई कारवाई या कृ य को न त या पहचाने जाने यो य वग या य के समूह के अ धकार को

भा वत करने के लए नह दखाया जा सकता है सावज नक चोट एक चोट है य का अ न त वग. इन मामल म जस

कत का उ लंघन कया जाता है जससे चोट लगती है वह रा य या सावज नक ा धकरण ारा कसी व श या नधा रत वग

या य के समूह को नह ब क आम जनता को दया जाता है। सरे श द म कत वह है जो कसी भी गत अ धकार

से संबं धत नह है। अब य द ऐसे सावज नक कत के उ लंघन को बना नवारण के छोड़ दया जाता है य क ऐसा कोई नह

है जसे कोई ा त आ हो

व श कानूनी चोट या जो ऐसे सावज नक कत से संबं धत नणय से संबं धत कायवाही म भाग


लेने का हकदार था ऐसे सावज नक कत को नभाने म वफलता अ नयं त हो जाएगी और यह
कानून के शासन के त अनादर को बढ़ावा दे गी।

यह ाचार और अकु शलता के लए भी ार खोलेगा य क सावज नक श के योग पर कोई


रोक नह होगी सवाय इसके क राजनी तक मशीनरी ारा या दान कया जा सकता है जो क
सबसे अ े प म के वल एक सी मत नयं ण का योग करने म स म होगा और सबसे खराब
त म एक बन सकता है। स ा के पयोग या पयोग म भागीदार।

यह समुदाय के वं चत वग के लाभ के लए बनाए गए नए सामा जक सामू हक अ धकार और हत


को भी अथहीन और अ भावी बना दे गा।

अब जैसा क कै पेलेट ने वॉ यूम म बताया है। याय तक प ंच पर उनके उ कृ काय का III पृ पर।
खड़े होने का पारंप रक स ांत वैधता व ापन कारण मुक दमा करने का अ धकार या तो
उस नजी को दे ता है जो उस अ धकार को धारण करता है जसे या यक सुर ा क
आव यकता है या सावज नक अ धकार के मामले म रा य को ही जो मुक दमा करता है अपने अंग
के मा यम से यायालय म। खड़े होने के पारंप रक नयम म अंत न हत स ांत यह है क के वल
अ धकार धारक ही मुक दमा कर सकता है और इस लए कई यायालय म यह माना जाता है क चूं क
जनता का त न ध व करने वाला रा य सावज नक अ धकार का धारक है इस लए वह अके ले ही
जनता के नवारण के लए मुक दमा कर सकता है। सावज नक हत पर चोट या पु । इसी स ांत
पर यूनाइटे ड कगडम म अटॉन जनरल को काय स पा गया है

म से पृ
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कानून का उ चत पालन कराने का काय। अटॉन जनरल पूरी तरह से सावज नक हत का तनधव
करता है और जैसा क एसए डी मथ ने शास नक कारवाई क या यक समी ा तीसरा सं करण
पी म बताया है। आम जनता को यह दे ख ने म च है क कानून का पालन कया जाता है और
इस उ े य के लए अटॉन जनरल जनता का त न ध व करता है । इस लए यूनाइटे ड कगडम म
सावज नक चोट के या यक नवारण और सामा जक सामू हक सुर ा के लए एक मशीनरी है जसे
कै पेलेट फै ला आ अ धकार और हत कहते ह। हमारे यहां ऐसी कोई मशीनरी नह है.

न संदेह हमारे पास रा य म एक अटॉन जनरल और एडवोके ट जनरल भी ह ले कन वे आम तौर


पर सावज नक हत का त न ध व नह करते ह। वे ऐसा ब त ही सी मत े म करते ह स वल
या सं हता क धारा और दे ख । ले कन भले ही हमारे पास सावज नक हत क पु के
लए कारवाई करने के लए अटॉन जनरल या एडवोके ट जनरल को सश बनाने का ावधान हो
मुझ े ब त संदेह है क या यह भावी होगा। अटॉन जनरल या एडवोके ट जनरल उन वहार के
खलाफ एक वक ल के प म काय करने के लए सरकार क राजनी तक शाखा पर ब त अ धक
नभर ह गे जो अ सर राजनी तक और शास नक नकाय ारा उ प होते ह या कम से कम सहन
कए जाते ह। जो भी हो त य यह है क हमारे दे श म ऐसी कोई सं ा नह है और इस लए हम
सावज नक कत के उ लंघन या सं वधान के अ य उ लंघन से उ प होने वाली सावज नक चोट के
लए या यक नवारण दान करने के लए खड़े होने के नयम को उदार बनाना होगा। या कानून. य द
सावज नक कत को लागू कया जाना है और सामा जक सामू हक व ता रत अ धकार और
हत क र ा क जानी है तो हम सावज नक वचारधारा वाले य और संगठन क पहल और
उ साह का उपयोग करके उ ह अदालत म जाने और एक सामा य या समूह के लए काय करने क
अनुम त दे नी होगी। हत भले ही वे अपने अ धकार म सीधे तौर पर घायल न ह । यही कारण है क
जन हत या चका म सावज नक चोट के नवारण सावज नक कत को लागू करने सामा जक
सामू हक व ता रत अ धकार और हत क र ा करने या सावज नक हत क पु करने के
उ े य से क गई मुक दमेबाजी कोई भी नाग रक जो ामा णक प से काय कर रहा है और जो
पया त च होने पर उसे दजा दया जाना चा हए। जनता के कसी सद य को दजा दे ने के लए
पया त हत या है यह येक गत मामले म यायालय ारा नधा रत कया जाना चा हए।
यायालय के लए पया त हत को प रभा षत या सी मत करने के उ े य से कोई कठोर नयम या
कोई े टजैके ट फॉमूला नधा रत करना संभव नह है। इसे आव यक प से यायालय के ववेक पर
छोड़ा जाना चा हए। इसका कारण यह है क एक आधु नक ज टल समाज म जो अपने सामा जक
और आ थक ढांचे म प रवतन लाना चाहता है और नए सामा जक सामू हक फै ले ए अ धकार
और हत का नमाण करके और नए थोपकर लोग के कमजोर वग तक सामा जक याय प ंचाने
क को शश कर रहा है। रा य और अ य सावज नक ा धकरण पर सावज नक कत के उ लंघन
के कारण अनंत सं या म तयाँ उ प होने के लए बा य ह ज ह कसी कठोर ढाँचे या
ो टयन फॉमूले म कै द नह कया जा सकता है।

म से पृ
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जस यायाधीश के पास सही सामा जक प र े य है और जो सं वधान के समान तरंग दै य पर है वह बना कसी क ठनाई के

और संवैधा नक उ े य के अनु प नणय लेने म स म होगा क या कसी वशेष मामले म अदालत का ख करने वाले

जनता के सद य के पास पया त च है या नह कारवाई शु करने के लए.

......

इस लए हम मानते ह क पया त हत रखने वाला जनता का कोई भी सद य सावज नक कत


के उ लंघन या सं वधान या कानून के कु छ ावधान के उ लंघन से उ प होने वाली सावज नक
चोट के लए या यक नवारण के लए कारवाई कर सकता है और ऐसे सावज नक कत को
लागू करने क मांग कर सकता है। और ऐसे संवैधा नक या कानूनी ावधान का पालन। कानून का
शासन बनाए रखने याय के उ े य को आगे बढ़ाने और संवैधा नक उ े य क ा त क ग त को
तेज करने के लए यह नतांत आव यक है। कानून जैसा क फ टलाइजर कॉप रेशन कामगार
यू नयन पंज ीकृ त बनाम म यायमू त कृ णा अ यर ने बताया था।

भारत संघ एससीसी एआईआर एससी एलएलजे एक

सामा जक लेख ा परी क है और इस लेख ा परी ा काय को तभी या वत कया जा सकता है जब वा त वक

सावज नक हत वाला कोई अ धकार े को व लत करता है एससीसी पृ ।

मह व जोड़

. एसपी गु ता सु ा म नधा रत कानून के म े नजर

इसम कोई ववाद नह है क इस यायालय के पास पहल करने क पया त श है

कसी ऐसे ारा लखे गए प पर भी कायवाही जसके पास कोई नह है

मामले क चता ले कन के वल ान म वही लाती है

यायालय का और यह यायालय वयं भी अपने े ा धकार का योग कर सकता है

मोटो जहां यह पाता है क ब के मौ लक अ धकार

सबसे बड़े अ पसं यक वग के आ थक प से वं चत वग से संबं धत

रा य क कसी भी कारवाई न यता से समुदाय का उ लंघन हो रहा है।

. हमारे सामने यह दखाने के लए कोई साम ी नह रखी गई है क या चकाकता एक

इस यायालय म नय मत ै टस करने वाले अ धव ा के पास नह है

वतमान रट या चका दायर करने के इरादे नेक ह । कोई नह है

उसके इराद पर अ व ास करने का कारण। आगे उ ह ने जो मु ा उठाया है

यह एक वा त वक कारण है जो न के वल इन ब और उनके ब को भा वत करता है

प रवार को ब क इस दे श के येक नाग रक को भी। य द एक

रा य के बड़ी सं या म ब े सावभौ मकता से वं चत ह

गुण व ापूण श ा भ व य म सामा जक और आ थक प रणाम दे गी

म से पृ
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समाज म असमानता. उ ह ने आधु नकता के लाभ से इनकार कर दया

गुण व ापूण श ा वयं को सी मत वक प म फं सी ई पाएगी

वकास और आजी वका का. ऐसी तयाँ सामा जक वषमता का कारण बनती ह

जसके प रणाम व प समाज म तनाव उ प हो रहा है। यह सु न त करना रा य का कत है

इसके ारा सभी को सावभौ मक गुण व ा वाली श ा दान क जाती है

येक को वकास करने और सृज न करने का समान अवसर मलता है

उ वल भ व य। शां तपूण समाज येक नाग रक का अ धकार है

इस दे श का गत और सामू हक दोन तरह से। म काम करने के लए

उ नदश रा य का संवैधा नक दा य व है। क नी तयाँ

रा य को ऐसे संवैधा नक को आगे बढ़ाना होगा

दा य व. कोई भी जसक ामा णक आशंक ा हो क

रा य अपने संवैधा नक दा य व म असफल होने पर संपक कर सकता है

अनु ेद के तहत उ यायालय या जहां समान भाव पड़ रहा है

मौ लक अ धकार अनु ेद के तहत सव यायालय को भी

भारत का सं वधान. यह संवैधा नक यायालय का कत है

यह सु न त करने के लए क कानून का शासन कायम रहे। इसका दशन

के वल तकनीक पहलु के आधार पर संवैधा नक कत से इनकार नह कया जा सकता

ठकाना या दलील. अदालत महज प को ही वीकार करती रही ह

उ चत मामल म कायवाही शु करने के लए पया त है। यहां तक क

समाचार प क रपोट वत सं ान कारवाई शु करने के लए पया त पाई ग

अदालत ारा जहां कारण काफ चताजनक है। संवैधा नक यायालय

गुण व ापूण श ा क आव यकता को समझा है और इसके लए खड़े ए ह

ब े। यह यायालय ही ह जो सावभौ मक ा त करने का अ धकार पढ़ते ह

जीवन के मौ लक अ धकार के एक भाग के प म गुण व ापूण श ा

भारत के सं वधान के अनु ेद के तहत गारंट द गई है। म

वतमान मामले म के वल या चकाकता ने ही यह मामला नह उठाया है

ये ब े मदरस म पढ़ते ह ले कन इस कोट ने खुद पाया

मु े पर गौर करने क ज रत है.

. उपरो चचा को यान म रखते ए हम इसम कोई बल नह दखता

या चकाकता क लोकस टडी के संबंध म ारं भक आप ।

. ी ारा उठाई गई सरी ारं भक आप । संद प द त

व र अ धव ा का कहना है क रट म उ चत दलील नह ह

ी अंशुमान सह राठौड़ ारा दायर या चका और उनक अनुप तम

उ चत दलील के बावजूद रट या चका टक नह सकती। उ ह ने जमा कर दया है

म से पृ
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क पूव क रट या चका जसम स दभ आदे श था

पा रत यह भी मदरसा अ ध नयम क श य को चुनौती नह दे ता है ब क इसे चुनौती दे ता है

आदे श दे ने वाला परमादे श रट जारी करने के लए है

उ रदाता को या चकाकता को नय मत प से वेतन का भुगतान करना होगा

के पद के लए रा य सरकार का नधा रत वेतनमान

मदरसे के ाथ मक अनुभाग के सहायक अ यापक एक अ य के साथ

या चकाकता क सेवा को समा हत करने और नय मत करने क ाथना

सहायक अ यापक के पद पर नय मत नयु न हो

उ रदाता ारा कया गया और इस कार उसी म अनुप त म भी

कसी भी वनती अ धकार पर यान नह दया जा सकता।

. अभाव के संबंध म ारं भक आप के समथन म

उ रदाता के व ान वक ल के पास पया त दलील ह

भारत संघ के मामल म नणय पर भरोसा कया और

अ य बनाम मंज ुरानी राउ े और अ य एससीसी

हाजी अ ल गनी खान और अ य बनाम भारत संघ और

अय एससीसी ऑनलाइन एससी के रल रा य और अ य

बनाम शबू कु मार पीके और अ य एससीसी

के रल रा य ताड़ी कान ठे के दार संघ बनाम ट एन

तापन वधायक और अ य एससीसी आशुतोष

गु ता बनाम राज ान रा य एवं अ य एससीसी

और एसएस शमा और अ य बनाम भारत संघ और अ य

एससीसी ।

. भारत संघ एवं अ य बनाम मंज ूरानी के मामले म

राउ े और अ य एससीसी यह माना जाता है क

।प क ओर से उप त व ान वक ल क सुनवाई करते ए हमने उ रदाता और


ह त ेपकता क ओर से उप त ी शबाशीष म ा के साथ व ान व र वक ल ी बीएच
मालाप ले से पूछा क कसी भी दलील के अभाव म नयम क वैधता को चुनौती दे ने के लए
आधार कै से नधा रत कया जाए। बी और उस भाव से कोई राहत मांगने के अभाव म उ
यायालय ारा नयम बी को अ धकारातीत घो षत करने के अ धकार े का योग करना
उ चत था जवाब म व ान व र वक ल ने प से कहा है क यह दलील के साथ साथ
कै ट के सम और रट या चका म मांगी गई राहत म एक दोष है। ले कन फर भी उ ह ने इस
यायालय को संतु करने का असफल यास कया क उ नयम भेदभावपूण तीत होता है और
इस लए उ यायालय ने ववा दत आदे श पा रत करते समय अ धकार े का सही योग कया
है। कानून के ावधान को ख म करने के लए यह एक घसा पटा कानून है

म से पृ
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या कसी भी नयम को अ धकारातीत घो षत करने के लए नयम को चुनौती दे ने के लए व श


दलील द जानी चा हए और ऐसी राहत मांगी जानी चा हए जो वतमान मामले म प से
गायब है। ऐसी दलील के अभाव म भारत संघ के पास इसका खंडन करने का अवसर नह था।
सरे प के पास लागू कए गए नयम के पीछे क व तु य द कोई हो को रकाड म लाने का
कोई अवसर नह था। हमारा यह भी वचार है क कै ट के आदे श को चुनौती दे ने वाली रट या चका
म उ यायालय को उपरो त यक त म नयम बी को अ धकारातीत घो षत नह
करना चा हए था। इस लए उ यायालय ारा नयम बी को अ धकारातीत घो षत करना
उ चत नह था।

. हाजी अ ल गनी खान और अ य बनाम भारत संघ म

और अ य एससीसी ऑनलाइन एससी यह माना जाता है क

. इसम कोई संदेह नह हो सकता है क जब कोई प कसी क़ानून क संवैधा नक वैधता को


चुनौती दे ना चाहता है तो उसे उन आधार के बारे म व तार से बताना होगा जन पर क़ानून क
वैधता को चुनौती द जानी है। इस आशय क व श दलील के अभाव म यायालय वैधा नक
ावधान क वैधता के मु े पर नह जा सकता। संवैधा नक यायालय वधा यका ारा बनाए गए
कानून म तब तक ह त ेप नह कर सकते जब तक क दलील म चुनौती के व श आधार को
शा मल करके इसे वशेष प से चुनौती न द जाए।

इसका कारण यह है क कानून क संवैधा नकता क धारणा हमेशा बनी रहती है। इसे सा बत
करने का भार हमेशा असंवैधा नकता का आरोप लगाने वाले पर होता है। उस उ े य के
लए चुनौती को वशेष प से उन व श आधार को नधा रत करके तुत कया जाना चा हए
जन पर चुनौती द गई है। एक संवैधा नक यायालय स म वधा यका ारा बनाए गए कानून म
के वल इन दलील से यह न कष नकालकर ह त ेप नह कर सकता है क वैधता को चुनौती
अंत न हत है।

रा य को कानून का बचाव करने का उ चत अवसर तभी मलता है जब रा य को उन आधार से


अवगत कराया जाता है जन पर कानून को चुनौती द जानी है।

. के रल रा य और अ य बनाम शबू कु मार पीके और म

अय एससीसी सु ीम कोट ने माना क

. इन मामल म कायवाही के कसी भी प ने कानून क अ नवायता के प म नयम के


नयम और क वैधता पर सवाल उठाने के लए आव यक वकालत क न व नह रखी थी।
तवाद डफॉ टर ारा वा तव म जस चीज पर सवाल उठाया गया था वह के वल
व ीय सं ान को या उनसे दे य रा श क वसूली के लए जारी कए गए कारण बताओ नो टस
थे। बक । मामले के इस पहलू को नजरअंदाज करते ए क डवीजन बच ने

म से पृ
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उ यायालय ने नयम के नयम और के तहत मद viii क वैधता पर वचार करना शु कर दया है।

. हमारी राय म सबसे पहले और सबसे मह वपूण रट या चका म पया त दलील और नयम के दायरे को चुनौती दे ने के

आधार के अभाव म डवीजन बच को उस मु े पर वचार नह करना चा हए था और अपना फै सला या राय नह दे नी

चा हए थी। अ यथा भी हमारी राय म उ यायालय ने अपने न कष को ढ़ता से मा णत नह कया है क उपरो

नयम अनु चत और मनमाने ह और इस लए भारत के सं वधान के अनु ेद क कसौट पर इ ह ख़ म करने क

आव यकता है।

. के रल रा य ताड़ी कान ठे के दार संघ बनाम म

ट एन तापन वधायक और अ य एससीसी यह आयो जत कया गया है

वह

. आं दे श रा य बनाम के . जयारमन म आं दे श रा य बनाम के .

जयरमन एससीसी एससीसी एल एंड एस यह दे ख ा गया है क जब यह कहा जाता है

क कोई वशेष नयम सं वधान के अनु ेद और का उ लंघन करने के लए अमा य है तो ासं गक त य बताते ह

क यह कै से भेदभावपूण है नधा रत कया जाना चा हए था.

. यू नयन ऑफ इं डया बनाम ईआईडी पैरी इं डया ल मटे ड यू नयन ऑफ इं डया बनाम ईआईडी पैरी
इं डया ल मटे ड एससीसी म दो यायाधीश क बच ने इस कार कहा एससीसी पी।
पैरा

. इस बात क कोई दलील नह थी क जस नयम पर तवाद ने भरोसा कया था वह रेलवे अ ध नयम

के दायरे से बाहर था। उस आशय क दलील के अभाव म ायल कोट ने उस पर कोई मु ा नह बनाया। उ

यायालय ने वयं नयम क वैधता पर वचार कया और अंततः माना क यह रेलवे अ ध नयम के ासं गक

ावधान के अनु प नह था और प रणाम व प यह माना गया क यह अ धकारातीत था। यह कोण ा पत कानून

के वपरीत है ।

. ह रयाणा रा य बनाम पंज ाब रा य ह रयाणा रा य बनाम।

पंज ाब रा य एससीसी स ांत को दोहराते ए इस यायालय ने माना है क एससीसी पृ

पैरा

. ...के वल यह कहने से काम नह चलेगा क कोई वशेष ावधान वधायी प से अ म आधार ii या भेदभावपूण

आधार iii है। चुनौती को बनाए रखने के लए समथन म कम से कम थम या वीकाय आधार का अनुरोध करना होगा।

ऐसी कसी भी दलील के अभाव म कसी क़ानून या वैधा नक ावधान क संवैधा नक वैधता को चुनौती सी मत प से खा रज

क जा सकती है।

म से पृ
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उपरो ा धका रय से यह दन क तरह है क कसी भी दावे के अभाव म कोई वशेष ावधान सं वधान के कसी

भी अनु े द का उ लंघन कै से करता है इसे व ा पत नह कया जा सकता है। यह कानून का ा पत स ांत है क जो

कसी ावधान पर अ धकार से बाहर होने का आरोप लगाता है उसे उ चत प र े य म इसक वकालत करनी चा हए।

जैसा क हमने मौजूदा मामले म पाया उ यायालय को नयम के नयम एक ा या करने क आव यकता थी।

ऐसी प र तय म उ यायालय ने एक और नयम को भेदभावपूण और अनु चत घो षत करके गंभीर ु ट क है। इस

संबंध म वत सं ान से े ा धकार क धारणा पूरी तरह से अनाव यक है और इस लए यह नणय और आदे श को

के नयम को भेदभावपूण संवेदनशील प से अ तसंवेदनशील घो षत करता है।

. आशुतोष गु ता बनाम राज ान रा य एवं अ य म

एससीसी सु ीम कोट ने माना क

. ..... का प नक आधार पर ऐसा तुत करने के अलावा यह इं गत करने के लए कोई साम ी तुत नह क गई है

क या आपातकालीन भत नयम के तहत भत कए गए य म से कसी ने सू को अपनाकर अपने पछले अनुभव

के संबंध म कोई अनु चत लाभ उठाया है। आपातकालीन भत नयम म आवंटन का वष एन एन का आधा

ह सा आवं टत करने के उ े य से। इस पहलू पर र ी भर भी साम ी के अभाव म हम ी जैन के उ कथन क स यता

क जांच करने क आव यकता नह है इस धारणा पर क भत नयम के ावधान ने भत होने पर पेशेवर को अपने

अतीत को गनने म स म बनाया होगा। शास नक सेवा के कै डर म उनक व र ता क गणना के लए अनुभव भले ही

उ अनुभव का शास नक सेवा से कोई संबंध न हो। अ यथा भी ऐसी भ तय के पूरे अनुभव को पूरी तरह से ख म नह

कया जा सकता था और इस लए नयम बनाने वाले ा धकारी ने आपातकालीन आधार पर भत के लए नयम बनाते

समय नयम म न हत ावधान को बनाया था जो समान ावधान के साथ सममू य पर भी उपल है। अ य जसम

वह भी शा मल है जो भारतीय शास नक सेवा म आपातकालीन भत के लए था। जहां

भेदभावपूण होने के कारण वैधा नक ावधान को चुनौती द जाती है रट या चका म आरोप व श और होने

चा हए। मौ लक अ धकार के उ लंघन के समान संर ण से इनकार करने के सवाल पर नणय लेने से पहले मूल या चका म

उ चत दलील और कथन होने चा हए।

अ ध नयम क संवैधा नकता के प म हमेशा एक धारणा होती है और ज मेदारी उस पर होती है जो यह दखाने के लए

इस पर हमला करता है क संवैधा नक स ांत का उ लंघन आ है। संवैधा नकता क धारणा वग करण क ापक

श से उ प होती है जसे वधा यका को अपनाना चा हए

म से पृ
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नी तय को भावी बनाने के लए य के व भ समूह के संबंध म अलग अलग तरीके से काम करने वाले कानून

बनाने क आव यकता है। यह माना जाना चा हए क वधा यका अपने लोग क आव यकता को समझती है और सही ढं ग

से उसक सराहना करती है क उसके कानून अनुभव ारा कट क गई सम या के लए नद शत ह। इस लए अनु ेद

के तहत समान सुर ा के दावे क जांच इस धारणा के साथ क जाती है क रा य अ ध नयम उ चत और उ चत ह। य द

हम उपयु कोण से लागू ावधान क चुनौती क जांच करते ह तो हम यह मानने म कोई हच कचाहट नह है क

अपीलकता ऐसी कसी भी साम ी को ा पत करने म पूरी तरह से वफल रहे ह जसके आधार पर क थत भेदभाव के बारे

म शकायत क जा सकती ह।

. एसएस शमा और अ य बनाम भारत संघ और अ य म

एससीसी यह माना गया क

. ...हमारी राय है क अदालत को आम तौर पर पा टय पर जोर दे ना चा हए क वे अपनी व श ल खत दलील तक

ही सी मत रह और संशोधन के लए औपचा रक प से आवेदन करने क स या को छोड़कर संशोधन या पूरक के

मा यम से उनसे वच लत होने क अनुम त नह द जानी चा हए। हमारा अ भ ाय यह नह है क याय के वल उ ह लोग

को मलना चा हए जो बंधन म बंध कर यायालय का दरवाजा खटखटाते ह। ले कन दलील म संशोधन क मांग के लए

एक या है जो कानून म ात है और लंबे समय से सं हताब अ यास और अ े कारण से ा पत है। य द कसी

यायालय क कायवाही म अनु चत ढलाई और ब त आसान अनौपचा रकता को शा मल करने क अनुम त द जाती है

तो इससे पहले क एक अवमाननापूण प र चतता इसक सं ागत ग रमा पर हमला करेगी और अराजकता और मक

त पैदा करेगी इसक भावशीलता को कम कर दे गी। येक सावज नक सं ान क तरह यायालय जनता के व ास

क सुर ा म काय करते ह और जनता का व ास सबसे अ धक वह रहता है जहां सं ागत अनुशासन कायम रहता है।

इसके अलावा पहली बार नए मु े उठाने वाली मौ खक दलील चुनाव लड़ने वाले प को अपनी त या पया त प से

तैयार करने के अवसर से वं चत करके गंभीर चोट प ंचाती ह जसके लए ाकृ तक याय के स ांत उसे हकदार मानते

ह।

. उ चत दलील क कमी के संबंध म आप के जवाब म

या चकाकता के लए व ान वक ल ी सुद प कु मार ने आवेदन कया है

पैरा म क गई दलील पर यायालय का यान

और रट या चका के ज ह नीचे पुन तुत कया जा रहा है

. यह तुत कया गया है क इस कानून यानी मदरसा अ ध नयम का अ ध नयमन न के वल रा य कानून के

अ धकार े से परे है ब क उ अ ध नयम के ावधान को पढ़ने से यह मनमाना भेदभावपूण और असंवैधा नक पाया

जाता है। मदरसा अ ध नयम के संचालन और काया वयन से समान पा म और समान के मा यम से गुण व ापूण

श ा का लाभ मलेगा

म से पृ
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मदरस म पढ़ने वाले ब को धा मक भेदभाव के आधार पर वशेष ारा तैयार पा म से वं चत कर दया जाता है।

. मदरसा म पढ़ने वाले ब े न के वल रा ीय श ा नी त एनईपी के तहत तैयार कए गए सामा य गुण व ा वाले

पा म से वं चत ह ब क भारत के सं वधान के अनु ेद ए के तहत न हत मु त और अ नवाय श ा के अ धकार

से भी वं चत ह। के वल धा मक भेदभाव के आधार पर।

. मदरसा अ ध नयम के अ ध नयमन के आधार पर वधा यका ने मनमाने ढं ग से और भेदभावपूण तरीके से

मदरस को अ पसं यक क याण वभाग के तहत शा मल कर लया है जब क अ य धा मक श ा सं ान वशेष प से

जन जैसे समुदाय से संबं धत ह। सख ईसाई आ द श ा मं ालय के तहत चलाए जा रहे ह और श ा का अ धकार

अ ध नयम के साथ साथ रा ीय श ा नी त का लाभ ा त कर रहे ह।

. यह तुत कया गया है क संशोधन अ ध नयम के आधार पर शु क गई च लत णाली सभी ब को

पा म और पा चया के संदभ म समान अवसर दान नह करती है जतना क मदरस म नामां कत ब को कया

गया है।

भेदभाव कया गया और न के वल मु त और अ नवाय श ा दान करने वाले के अ ध नयम के दायरे से हटा दया

गया ब क रा ीय श ा नी त के तहत प रक पना क गई गुण व ा और समान श ा भी दान क गई। यह

तुत कया गया है क श ा का अ धकार एक है सं वधान के व संशोधन ारा अनु ेद ए के तहत मौ लक अ धकार

डाला गया । उ संशोधन से पहले भी भू म के कानून ने श ा के अ धकार को

मौ लक अ धकार माना है। इसके अलावा यह ा पत कानून है क श ा का अ धकार और सं वधान के अनु ेद ए

को सं वधान के अनु ेद और के अनु प पढ़ा जाना चा हए और श ा क गुण व ा म कोई भेदभाव नह होना

चा हए। इस कार एक पा म और सामा य पा चया क आव यकता है। श ा का अ धकार एक ब े का अ धकार

के वल मु त और अ नवाय श ा तक ही सी मत नह होना चा हए ब क उसक आ थक सामा जक और सां कृ तक

पृ भू म के आधार पर कसी भी भेदभाव के बना गुण व ापूण श ा तक व ता रत होना चा हए।

. यहां यह तुत करना उ चत है क मदरस म न तो श ा वभाग के व नयमन और न ही उसम नधा रत पा म

को अपनाया जाता है जब क येक एनईपी म सभी सं ान पर एक सामा य पा म और सामा य काय म म अ ययन

करने का एक व श दा य व होता है। परी ा और इस कार मदरसा श ा म पढ़ रहे ब े के सम वकास के लए

एनईपी का समावेश अ नवाय है और भारत के सं वधान के तहत गारंट कृ त मौ लक अ धकार के अनु प है।

. क रट सी सं या म लया गया ाउं ड ए इस कार है

म से पृ
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एक। य क यू.पी. बोड ऑफ मदरसा एजुके शन ए ट मनमाना असंवैधा नक है और


भारत के सं वधान के अनु ेद और ए का उ लंघन है।

. उपरो दलील द ग और आधार रट सी नंबर म लया गया।

के बाक सभी पा टय को समझाने के लए काफ ह

या चकाकता ारा दायर कया गया मामला और उसके ारा बचाव क आव यकता है

वपरीत प . जैसा क रट या चका म उपरो सभी बात शा मल ह

के श क को वेतन भुगतान के अ धकार का

मदरस को सरकारी खजाने से जोड़ा गया और उनक बात सुनी गई

एक साथ। सभी व ान अ धव ा ने अपनी दलील आगे बढ़ा द ह

मदरसा अ ध नयम के अ धकार स हत व भ ब । इस लए ऐसा है

ऐसा मामला नह जसम उ चत दलील का अभाव हो या जहां प के पास पया त दलील न ह

उ चत दलील के अभाव के कारण आ यच कत रह गए। तदनुसार हम

के वक ल ारा उठाई गई सरी ारं भक आप को खा रज कर द

वपरीत प .

डी यूपी रा य म मदरस का इ तहास और मदरसा अ ध नयम और व नयम के ासं गक ावधान

. ऐसा तीत होता है क आज़ाद के बाद भी नजी मदरसे जारी रहे

उ र दे श रा य उ मदरसे रा य ारा मा यता ा त नह थे

सरकार। हालाँ क ानीय तर पर श ा दान करना जारी रखा

तर. वष म पहली बार रा य सरकार का गठन आ

अरबी और फ़ारसी मदरस क मा यता के नयम यूपी के साथ

शासनादे श मांक गा दनांक . . .

उ नयम म यह ावधान कया गया है क अरबी और फारसी सं ाएं इ ुक ह

मा यता र ज ार अरबी और फारसी पर लागू होनी चा हए

परी ा यूपी इलाहाबाद परी ा को प से न द करना या

जन परी ा के लए मा यता मांगी गई है। मोटे तौर पर वही

इनके लए भवन पु तकालय व ीय त और श क क व ा क गई

Madarsas.

. U.P. Ashaskiya Arbi Tatha Farsi Madarson Ki Manyata Niyamavali

शासनादे श मांक ारा तपा दत कया गया था

दनांक . . जो गैर वैधा नक था।

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. रा य सरकार ने अ पसं यक नामक एक नया वभाग बनाया

क याण वभाग शासनादे श मांक एसए ई

दनांक . . . उसी का अनुसरण सरे ने भी कया

शासनादे श सं या दनांक . . जससे

बु नयाद तौर पर अ पसं यक सं ा घो षत करने के संबंध म सभी मामले

मा य मक श ा सं ान अरबी और फ़ारसी मदरस के सभी काय

क सरकार ारा बनाई गई योजना को लागू करना

अरबी एवं फ़ारसी मदरस का आधु नक करण एवं स म त का गठन

इन मदरस के पा म और शै क का आधु नक करण

अ पसं यक के संबंध म भारत संघ ारा चलायी जा रही वकास योजनाएँ

मा य मक श ा के े म अपने छा ावास के नमाण के लए थे

अ पसं यक क याण वभाग को स पा गया।

. यूपी बोड ारा उ शासनादे श का अनुपालन कया गया

मदरसा श ा अ ध नयम क वैधता या है

इस मामले म जांच क गई. व तुए ँ एवं कारण एवं ासं गक

मदरसा अ ध नयम के ावधान इस कार ह

यूपी बोड ऑफ मदरसा एजुके शन ए ट के उ े य और कारण का ववरण श ा सं हता के पैरा म

र ज ार अरबी फ़ारसी परी ा उ र दे श इलाहाबाद को

रा य म अरबी फ़ारसी मदरस को मा यता दे ने और संचालन के लए अ धकृ त कया गया था। ऐसे मदरस क

परी ा. इन मदरस का बंधन श ा वभाग ारा कया जाता था। ले कन म अ पसं यक क याण और

व फ वभाग के नमाण के साथ ऐसे मदरस से संबं धत सभी काय को श ा वभाग से अ पसं यक क याण

वभाग म ानांत रत कर दया गया जसके प रणाम व प मदरस से संबं धत सभी काय नदे शक के नयं ण

म कए जा रहे ह। अ पसं यक क याण उ र दे श एवं र ज ार नरी क अरबी फारसी मदरसा उ र दे श।

अरबी फ़ारसी मदरस को अरबी फ़ारसी मदरसा नयम के तहत शा सत कया जा रहा था ले कन चूं क

उ नयम कसी कानून के तहत नह बनाए गए ह।

अ ध नयम उ नयम के तहत मदरस को चलाने म कई ज टलताएँ उ प । इस लए


मदरस के संचालन म आने वाली क ठनाइय को र करने उनक यो यता म सुधार लाने
और मदरस म पढ़ने वाले छा को अ ययन क सव म सु वधा उपल कराने क
से एक कानून बनाने का नणय लया गया जसम मदरस के लए एक बोड क ापना
का ावधान कया जाएगा।

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रा य म मदरसा श ा और उससे जुड़े या उसके आनुषं गक मामल के लए।

चूं क रा य वधानमंडल स म नह था और उपरो नणय को लागू करने के लए त काल वधायी

कारवाई आव यक थी इस लए उ र दे श मदरसा श ा बोड अ यादे श का यूपी अ यादे श

सं या सतंबर को रा यपाल ारा या पत कया गया था।

यह वधेयक उपरो अ यादे श के ान पर लाया गया है।

. मदरसा अ ध नयम के ासं गक ावधान इस कार ह

. इस अ ध नयम म जब तक क संदभ से अ यथा अपे त न हो

ए बोड का अथ उ र दे श मदरसा बोड है


धारा के तहत ा पत श ा

एफ सं ा का अथ है सरकारी ओ रएंटल कॉलेज

रामपुर और इसम एक मदरसा या एक ओ रएंटल कॉलेज शा मल है जो मु लम अ पसं यक ारा

ा पत और शा सत है और मदरसा श ा दान करने के लए बोड ारा मा यता ा त है।

श ा

ज मदरसा श ा का अथ अरबी उ म श ा है।


पारसी इ लामी अ ययन त ब तक दशनशा और श ा क ऐसी अ य शाखाएँ शा मल ह जो समय

समय पर बोड ारा न द क जा सकती ह

. बोड का गठन.

ऐसी तारीख से जो रा य सरकार अ धसूचना ारा नयत करे वहां ा पत कया जाएगा

लखनऊ एक बोड जसे उ र दे श बोड के नाम से जाना जाएगा

मदरसा श ा का.

बोड एक कॉप रेट नकाय होगा।

बोड म न न ल खत सद य ह गे अथात्

ए पारंप रक मदरसा श ा के े म रा य ारा ना मत एक स मु लम श ा वद्

सरकार जो बोड क अ य होगी

बी नदे शक जो इसका उपा य होगा


त ता

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सी ाचाय गवनमट ओ रएंटल कॉलेज रामपुर

डी रा य वधानमंडल के दोन सदन ारा चुना जाने वाला एक सु ी मु लम वधायक

ई रा य वधानमंडल के दोन सदन ारा चुना जाने वाला एक शया मु लम वधायक

च रा ीय शै क प रषद का एक तनध
शोध और श ण

छ सं ा के दो मुख ारा ा पत और शा सत
रा य सरकार ारा मनोनीत सु ी मु लम

ज ारा ा पत और शा सत सं ा का एक मुख
रा य सरकार ारा नामां कत शया मु लम

i रा य ारा ना मत सु ी मु लम ारा ा पत और शा सत सं ान के दो श क

सरकार

जे रा य ारा ना मत शया मु लम ारा ा पत और शा सत कसी सं ान का एक


श क
सरकार

के रा य सरकार ारा ना मत कसी सं ान का एक व ान या त बत श क

ठ अ पसं यक क याण नदे शालय उ र दे श म लेख ा एवं व अ धकारी

एम इं े टर

एन रा य सरकार ारा ना मत उप नदे शक के पद से नीचे का एक अ धकारी जो


सद य र ज ार होगा।

बोड के सद य का चुनाव और नामांक न पूरा होने के बाद जतनी ज द हो सके रा य

सरकार अ धसू चत करेगी क बोड का गठन कया गया है

बशत क उपधारा के खंड डी या खंड ई म न द सद य का चुनाव पूरा होने से


पहले भी इस उपधारा के तहत एक अ धसूचना जारी क जा सकती है।

म से पृ
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ए जहां रा य वधानमंडल म के वल एक शया सद य या के वल एक सु ी सद य है


वहां येक को रा य सरकार ारा ना मत कया जाएगा।

बी य द रा य वधानमंडल म कोई शया सद य उपल नह है तो दो सु ी मु लम


वधायक को बोड के सद य के प म चुना जाएगा और ऐसे वधायक म से एक के
नामांक न प म चुनाव से पहले यह उ लेख कया जाएगा क वह पद पर नह रहगे। जस
दन शया मु लम वधायक बोड के सद य के प म शपथ लेते ह उस दन बोड के सद य
का पद संभाला जाता है। इसी कार सु ी मु लम वधायक क अनुपल ता क तम
दो शया मु लम वधायक को बोड के सद य के प म चुना जाएगा और ऐसे शया
वधायक म से एक के नामांक न प म चुनाव से पहले यह उ लेख कया जाएगा क वह
पद पर नह रहगे। सु ी मु लम वधायक ारा बोड के सद य के पद क शपथ लेने क
त थ पर बोड के सद य क ।

उप धारा के तहत बोड क ापना क तारीख से ऐसी ापना से ठ क पहले


कायरत अरबी और फ़ारसी श ा बोड जसे इसके बाद पूववत बोड के प म जाना जाता
है भंग हो जाएगा और ऐसे वघटन पर

ए पूववत बोड क सभी संप यां और प रसंप यां बोड को ह तांत रत और उसम
न हत हो जाएंगी

बी मौजूदा सभी ऋण दे नदा रयां और दा य व


बोड चाहे सं वदा मक हो या अ यथा बोड को ह तांत रत हो जाएगा

सी पूववत बोड के सभी अ धकारी और कमचारी उ ह प और शत पर और


सेवा नवृ लाभ और अ य मामल के समान अ धकार और वशेषा धकार के साथ बोड
के अ धकारी और कमचारी बन जाएंगे जो क उनके लए ठ क पहले लागू होते। ऐसा
वघटन तब तक जब तक क बोड के अधीन उनका रोजगार व धवत समा त न हो जाए या
जब तक उनके पा र मक और सेवा क अ य शत म व धवत प रवतन न हो जाए जससे
उ ह कोई नुक सान न हो

बशत क वह पूव का कोई अ धकारी या कमचारी हो


बोड ऐसे वघटन से तीस दन क अव ध के भीतर बोड को संबो धत नो टस ारा बोड का
अ धकारी या कमचारी न बनने के अपने वक प को सू चत कर सकता है।

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और ऐसी सूचना ा त होने पर उसके ारा तब तक धा रत पद समा त कर दया जाएगा और उसक सेवाएँ बनी
रहगी

बखा त कर दया जाएगा और उसे मुआ वजे के प म उसके तीन महीने के वेतन के बराबर रा श का
भुगतान कया जाएगा।

धारा बोड के काय

इस अ ध नयम के अ य ावधान के अधीन बोड के न न ल खत काय ह गे अथात्

ए तहता नया के लए नदश का पा म पा पु तक अ य कताब और नदशा मक


साम ी य द कोई हो नधा रत करना
फ़ौ वा नया मुंशी मौलवी आ लम का मल फ़ा ज़ल और अ य पा म

बी हाई कू ल और इंटरमी डएट तर तक क क ा के लए अरबी उ और फ़ारसी के पा म


क पा म पु तक अ य पु तक और श ण साम ी नधा रत पा म के अनुसार नधा रत कर।

हाई कू ल और इंटरमी डएट श ा बोड

सी खंड बी म न द पा म पु तक अ य पु तक और श ण साम ी क पांडु ल प को


पूण या आं शक प से या अ यथा छोड़कर तैयार करना और उ ह का शत करना

घ रा य के व भ कायालय म उ अनुवादक क नयु के लए मानक नधा रत करना और


र पद को भरने के संबंध म नयु ा धकारी के मा यम से आव यक कारवाई सु न त करना

ई उन य को ड ी ड लोमा माण प या अ य शै णक व श ताएँ दान करना जो

i बोड ारा वशेषा धकार ा त या मा यता ा त कसी सं ान म अ ययन का कोस कया है

ii नयम म नधा रत शत के तहत नजी तौर पर अ ययन कया है और एक परी ा उ ीण क है

समान प र तय म बोड

च मुंशी मौलवी आ लम और का मल और फ़ा ज़ल पा म क परी ाएँ आयो जत करना

छ सं ान को उसक जांच के योजन के लए मा यता दे ना

ज उ मीदवार को इसक परी ा म वेश दे ना

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i ऐसी फ स क मांग करना और ा त करना जो व नयम म नधा रत क जा सकती है

जे अपनी परी ा के प रणाम को पूण तः या आं शक प से का शत करना या काशन रोकना

के अ य ा धका रय के साथ ऐसे तरीके से और ऐसे उ े य के लए सहयोग करना जो बोड


नधा रत करे

एल मा यता ा त सं ान या मा यता के लए आवेदन करने वाले सं ान क त पर नदे शक


से रपोट मांगना

एम रा य सरकार को कसी भी मामले पर अपने वचार तुत करना जससे वह संबं धत है

एन इसके ारा मा यता ा त सं ान से संबं धत बजट म शा मल करने के लए ता वत नई


मांग क अनुसूची दे ख ना और य द वह उ चत समझे तो रा य सरकार के वचार के लए उस पर
अपने वचार तुत करना

ओ मदरसा को व नय मत करने और पयवे ण करने के लए ग ठत नकाय के प म बोड के


उ े य को आगे बढ़ाने के लए ऐसे सभी अ य काय और चीज करना जो अपे तह

फ़ा ज़ल तक श ा

पी मदरसा श ा क कसी भी शाखा म अनुसंधान या श ण दान करना। दा ल उलूम नव


उलूम लखनऊ मदरसा बाबुल इ म मुबारकपुर आज़मगढ़ दा ल उलूम दे वबंद सहारनपुर

ओ रएंटल कॉलेज रामपुर और कोई अ य सं ान जसे रा य सरकार समय समय पर अ धसू चत


कर सकती है।

यू तहता नया या फौका नया मानक तक श ा के लए जला तर पर कम से कम तीन सद य वाली एक

स म त का गठन करना ऐसी स म त को अपने नयं ण के तहत शै णक सं ान को मा यता दे ने क श

स पना।

आर ऐसे सभी कदम उठाना जो इस अ ध नयम ारा द या लगाए गए कसी भी श के योग


या कसी काय या कत के दशन या नवहन के लए आव यक या सु वधाजनक ह या ासं गक
ह।

धारा बोड क श याँ

बोड इस अ ध नयम के ावधान और इसके तहत बनाए गए नयम के अधीन होगा ऐसी सभी
श यां ह गी

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जैसा क इस अ ध नयम या इसके तहत बनाए गए नयम या व नयम के तहत इसके काय के न पादन

और इसके कत के नवहन के लए आव यक हो सकता है।

वशेष प से और पूवगामी श य क ापकता पर तकू ल भाव डाले बना बोड के पास

श यां ह गी

i कसी अ यथ क परी ा र करना या उसका प रणाम रोकना या उसे कसी भी भ व य क परी ा

म शा मल होने से रोकना जो इसके लए दोषी पाया गया हो

ए परी ा म अनु चत साधन का उपयोग करना या

बी परी ा म वेश के लए आवेदन प म कोई गलत बयान दे ना या मह वपूण जानकारी या त य को

छपाना या

सी परी ा म धोखाधड़ी या त पण या

डी ऐसी परी ा म वेश को नयं त करने वाले नयम का उ लंघन करके परी ा म वेश ा त करना

या

ई परी ा के दौरान घोर अनुशासनहीनता का कोई भी काय

ii खंड i के उप खंड ए से डी म उ ल खत सभी या कसी भी काय के लए या घोषणा म बोड क

कसी भी ामा णक ु ट के लए कसी भी उ मीदवार के परी ा प रणाम को र करना प रणाम

iii इसके ारा आयो जत परी ा के लए शु क नधा रत करना और इसक वसूली का तरीका दान

करना

iv कसी सं ा को मा यता दे ने से इंक ार करना

ए जो इस संबंध म बोड ारा नधा रत कमचा रय नदश उपकरण या भवन के मानक को पूरा नह

करता है या पूरा करने क त म नह है या उन पर खरा नह उतरता है या

बी जो इस संबंध म बोड ारा नधा रत मा यता क शत का पालन करने को तैयार नह है या नह

v बोड ारा नधा रत कमचा रय नदश उपकरण या इमारत के मानक का पालन करने या उनके

लए ावधान करने म स म नह होने या बोड क संतु के लए मा यता क शत का पालन करने म

वफलता पर कसी सं ान क मा यता वापस लेना।

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vi बोड के नणय नदश या नदश के नयम या व नयम के उ लंघन के कसी भी काय के


संबंध म सं ान के मुख से रपोट मांगना और नयम या व नयम के नणय नदश या नदश
को लागू करने के लए उ चत कारवाई करना। क

बोड ऐसे तरीके से जो व नयम ारा नधा रत कया जा सकता है

vii अ ययन के नधा रत पा म का उ चत पालन सु न त करने के उ े य से कसी सं ान का नरी ण

करना और यह क नदश क सु वधाएं व धवत दान क जाती ह और उनका लाभ उठाया जाता है और

viii कसी सं ान म अ ययन पा म म वेश पाने वाले छा क अ धकतम सं या तय


करना।

उप धारा और म उ ल खत सभी मामल म बोड का नणय अं तम होगा।

धारा स म त एवं उपस म तय क नयु एवं गठन

बोड न न ल खत स म तय क नयु करेगा अथात्

ए पा चया स म त

बी परी ा स म त

© प रणाम स म तयाँ

डी मा यता स म त और

© व स म त.

ऐसी स म त म के सद य शा मल ह गे
बोड का गठन के वल इस कार कया जाएगा क यथासंभव न न ल खत म से येक वग से कम
से कम एक सद य का त न ध व हो।

स म तयाँ

ए सं ान के मुख

बी सं ान के श क

© श ा वद

बशत क बोड का कोई भी सद य ऐसी स म तय म से एक से अ धक म काम नह करेगा और


स म त के सद य का कायकाल बोड क सद यता क समा त के साथ समा त हो जाएगा।

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उप धारा म उ ल खत स म तय के अलावा बोड ऐसी अ य स म तय या उप स म तय क

नयु कर सकता है जो नयम ारा नधा रत क जा सकती ह।

उप धारा के तहत नयु स म तय और उप स म तय का गठन ऐसे तरीके से और ऐसे नयम

और शत पर कया जाएगा जो नयम ारा नधा रत कए जा सकते ह।

धारा यायो जत करने क श

बोड सामा य या वशेष आदे श ारा नदश दे सकता है क इस अ ध नयम के तहत नयम बनाने क श

को छोड़कर उसके ारा योग क जाने वाली कसी भी श का योग उसके अ य या उपा य या ऐसी

स म त या अ धकारी ारा ऐसे मामल म और शत के अधीन कया जा सकता है। जैसा क उसम न द

कया जा सकता है।

धारा व नयम बनाने क बोड क श

बोड इस अ ध नयम के उ े य को पूरा करने के लए नयम बना सकता है

वशेष प से और पूवगामी श य क ापकता पर तकू ल भाव डाले बना बोड न न ल खत

सभी या कसी भी मामले के लए नयम बना सकता है अथात्

ए स म तय और उप स म तय का गठन श याँ और कत

बी ड ी ड लोमा और माणप दान करना

सी सं ान क मा यता क शत

डी सभी ड य के लए नधा रत कए जाने वाले अ ययन पा म


ड लोमा और माणप

ई वे शत जनके तहत उ मीदवार को बोड क परी ा और अनुसंधान काय म म वेश दया जाएगा

और वे ड ी ड लोमा और के लए पा ह गे।

माणप

च बोड क परी ा म वेश के लए फ स

छ परी ा का संचालन

ज परी क म य संक लनकता संवी क सारणीकार क नरी क अधी क क नयु

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बोड क परी ा के संबंध म क और पयवे क और उनके कत और श य और


उनके पा र मक क दर

i सं ान को मा यता का वशेषा धकार दे ना और मा यता वापस लेना

ii वे सभी मामले जो व नयम ारा दान कए जाने ह या हो सकते ह।

. मदरसा बोड धारा के तहत अपनी श य का योग करते ए

मदरसा अ ध नयम यूपी गैर सरकारी अरबी और फारसी बनाया गया

मदरसा मा यता शासन एवं सेवा व नयम

सं ेप म के व नयम और संबं धत व नयम अथात।

भाग I म व नयम और भाग III के व नयम और इस कार पढ़

अंतगत

भाग I

. प रभाषाएँ. इन व नयम म जब तक क वषय या संदभ म कु छ भी तकू ल न हो ए अ ध नयम

का अथ उ र दे श मदरसा श ा बोड अ ध नयम है। बी वभाग का अथ

अ पसं यक क याण वभाग सरकार है। उ र दे श के . सी जला मदरसा श ा अ धकारी का अथ जला

अ पसं यक क याण अ धकारी है।

डी ओ रएंटल या पारंप रक वषय का अथ अरबी फारसी उ हद स तफ़सीर धमशा मक़ू लत ग णत

इ तहास भूगोल और त ब है। ई रा य सरकार का

अथ उ र दे श सरकार है।

एफ ड टू रा का अथ व र और पूण अनुसंधान काय म के लए एक ड ी है। जी


अलामा का अथ जू नयर
रसच ो ाम के लए ड ी है। ज फ़ा ज़ल का अथ बोड क नातको र ड ी है। i
का मल का अथ बोड क नातक ड ी से है। जे आ लम का अथ बोड क
व र मा य मक तर क परी ा का माण प है। के मौलवी मुंशी का अथ बोड
क व तर क परी ा का माण प है। एल हा फ़ज़ का अथ है हा फ़ज़ ए कु रान
का माण प । एम वारी का अथ
ताजवीद ए कु रान म ड लोमा है। एन फौ वा नया का अथ उ ाथ मक क ाएँ छठ
से आठव है।

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ओ तहता नया का अथ ारं भक क ा I से V है। पी मुख का अथ है

सं ा का मुख अथात्

हेडमा टर या सपल जैसा भी मामला हो । यू ा याता मुद रस

का अथ आ लम या उ क ा म पढ़ाने के लए नयु और मा यता ा त श क है।

जो श द और अ भ इन व नयम म प रभा षत नह ह ले कन अ ध नयम म प रभा षत ह

उनका वही अथ होगा जो उ ह अ ध नयम म दया गया है।

भाग III

श ण एवं गैर श ण कमचा रय क सेवाएँ

.मदरसे म कमचा रय क नयु के लए यूनतम यो यता इस कार होगी

.सं. पद का नाम आयु यो यता


नंबर

सपल आ लम या उ तर यूनतम फ़ा ज़ल और का मल फ़ारसी क ड ी के साथ मुंशी मौलवी

उ या उ तर क ा म यूनतम वष का श ण अनुभव या

Madarsa साल अंक के साथ द नयात अरबी फ़ारसी म एमए और

उपरो के अनुसार वष का श ण अनुभव या द नयात


अरबी म

ु राह के साथ फ़ा ज़ल एमए फ़ारसी पारंप रक ाचीन

वषय के साथ उपरो ानुसार वष का अनुभव।

हेड ऊपर मुंशी मौलवी मा यता यूनतम कम से कम अंक के साथ अरबी फारसी धमशा
ा त मदरसा करने के उ म फा जल या मा टर ड ी और मुंशी मौलवी क ा म
लए और तर साल यूनतम साल का श ण अनुभव।

मुद रस आ लम या उ क ा के यूनतम कम से कम अंक के साथ अरबी फारसी


श क उ धमशा

साल पारंप रक ाचीन वषय म फा जल या मा टर ड ी


और मुंशी मौलवी क ा म यूनतम वष का श ण
अनुभव।

ले कन उस के लए श ण अनुभव अ नवाय नह है

जसके पास ु राह अ लामा का फरमान है

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अरबी फारसी द नयत.


एक सहायक यूनतम आयु फा जल या मा टर ड ी
अ यापक वष अरबी

मुंशी मौलवी फ़ारसी धमशा पारंप रक


ाचीन वषय के साथ कम से कम
अंक और यूनतम

म वष का श ण अनुभव

बी श क के लए फा जल या मा टर ड ी
वैक पक वषय संबं धत या श त का मल या

कम से कम श त नातक
अंक के साथ साथ ए
आ लम या इंटर का माण प
उ के साथ होना अ नवाय है।
एक सहायक यूनतम आयु का मल या नातक तर क पढ़ाई के साथ
अ यापक वष साथ म कम से कम अंक
फौ वा नया क आ लम का स ट फके ट या
उ के साथ इंटर अ नवाय है।

का मल या ासं गक म नातक
बी श क के लए कम से कम के साथ वषय
वैक पक वषय अंक और नह का माण प
मुंशी मौलवी तर से नीचे
परी ा उ अरबी साथ
फ़ारसी।

या

एक मा यता ा त क वारी
माणप के साथ मदरसा
आ लम तर से नीचे नह
उ के साथ परी ा
अरबी फारसी.
सहायक अ यापक यूनतम आयु उ के साथ आ लम या इंटर

तहता नया वष या हा फ़ज़

क न सहायक यूनतम आयु वष ए आ लम या इंटर या


समक माण प बी मौलवी तर
का माण प
अरबी फारसी.

सी सीसीसी पा म चालू
ारा दान अवधारणा
कया गया क यूटर माणप
NEILET रा ीय सं ान
इले ॉ न स और सूचना
ौ ो गक कं यूटर के लए
का संचालन और ग त
शद त मनट म
हद अं ेज ी अ नवाय है.
ुप डी यूनतम आयु . फौ वा नया तर का माणप
कमचारी वष उ अरबी फ़ारसी के साथ

. साइ कल या बाइक चलाना


आव यक होगा.

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यान द इस बोड या कसी क य या ांतीय अ ध नयम या रा य अ ध नयम ारा या उसके तहत ा पत

या व नय मत कसी भी व व ालय के संबं धत वषय म ड ी और ड लोमा जसे व व ालय अनुदान

आयोग अ ध नयम क धारा के तहत एक व व ालय माना जाता है या संसद के कसी भी

अ ध नयम ारा वशेष प से सश ऐसे कसी भी सं ान को इसके तहत नधा रत यूनतम यो यता के

उ े य से मा यता द जाएगी।

दा ल उलूम ारा द गई आ ल मयत या फ़ज़ीलत


नदवतुल उलमा लखनऊ दा ल उलूम

दे वबंद मज़ा ह ल उलूम सहारनपुर मदरसा

आ लया ओ रएंटल कॉलेज रामपुर ज मयातुल स फया वाराणसी म ा तु इ सयाह आज़मगढ़

जा मया अशर फया मुबारकपुर आज़मगढ़ जा मयातुल फलाह बल रयागंज आज़मगढ़ सु तानुल मदा रस

लखनऊ को मदरसा श ा बोड उ र दे श के आ लम फ़ा ज़ल के समक माना जाएगा।

इसके तहत नधा रत यो यता के संदभ म श त श द का अथ है पोट ेज ुएशन जैसे का मल ए

तादरीस या फा जल ए तादरीस जो मदरसा श ा बोड और बैचलर ऑफ एजुके शन या कसी भी श ा के

मा टर ारा मा यता ा त है। व व ालय या सं ान जैसा क पहले पैरा म नधा रत है या कोई समक

ड ी या ड लोमा।

जू नयर अ स टट और ुप डी कमचा रय क भत के लए अ धकतम आयु वष होगी।

मह व जोड़

ई चुनौती के आधार

I अधमवाद का उ लंघन

. हमारे सं वधान म धम नरपे ता श द को अप रभा षत छोड़ दया गया है

सु ीम कोट ने इसे कई तरह से प रभा षत और ा या यत कया है

नणय. या चकाकता और एमीसी यूरी ने इस पर भरोसा जताया है

न न ल खत मामले

i एसआर बो मई और अ य बनाम भारत संघ और अ य

एससीसी

ii बाल पा टल और अ य बनाम भारत संघ और अ य एससीसी

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iii सु म यम वामी बनाम नदे शक क य यूरो

जांच और अ य एससीसी

iv Ziyauddin Burhanuddin Bukhari versus Brijmohan Ramdass

मेहरा और अ य एससीसी

v ट एमए पाई फाउं डेशन और अ य बनाम कनाटक रा य और

अय एससीसी

vi अ णा रॉय और अ य बनाम भारत संघ और अ य

एससीसी .

. एसआर बो मई सु ा पर जज क बच ने फै सला सुनाया

सु ीम कोट का. यायमू त एस. र नावेल पां डयन और यायमू त ए.एम

अहमद ने अपने अलग अलग फै सले लखे यायमू त जेएस वमा ने लखे

वयं और यायमू त योगे र दयाल यायमू त पी.बी. के लए एक नणय

सावंत ने अपने और यायमू त कु लद प सह यायमू त के लए एक नणय लखा

रामा वामी ने अलग फै सला लखा और ज टस बीपी जीवन रे ी ने

अपने और ज टस एससी अ वाल के लए फै सला लखा।

. यायमू त पीबी सावंत ने वयं राय करते ए और

यायमू त कु लद प सह ने कहा क

. हमारे सं वधान के तहत धम नरपे ता पर उपरो चचा से एक बात जो मुख ता से उभरकर सामने आती
है वह है

धम धा मक सं दाय और सं दाय के त रा य का रवैया जो भी हो धम को रा य क


कसी भी धम नरपे ग त व ध के साथ नह मलाया जा सकता है। वा तव म धम नरपे
ग त व धय म धम का अ त मण स त व जत है। यह सं वधान के उन ावधान से है
जनका हमने ऊपर उ लेख कया है। धम या धम के त रा य क स ह णुता इसे धा मक
या धा मक रा य नह बनाती है। जब रा य नाग रक को अपने धम का पालन करने और
मानने क अनुम त दे ता है तो यह उ ह या परो प से रा य क गैर धा मक और
धम नरपे ग त व धय म धम को शा मल करने क अनुम त नह दे ता है। धम क वतं ता
और स ह णुता के वल आ या मक जीवन क खोज क अनुम त दे ने क सीमा तक है जो
धम नरपे जीवन से अलग है। उ रा रा य के मामल के वशेष े म आता है। यह
लोक त न ध व अ ध नयम क धारा क उपधारा से भी है जो
कसी उ मीदवार या उसके एजट या उ मीदवार या उसके चुनाव एजट क सहम त से कसी
अय ारा अपील करने पर रोक लगाता है।

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कसी भी को उसके धम न ल जा त समुदाय या भाषा या धा मक तीक के उपयोग या अपील के आधार

पर वोट द या वोट दे ने से बच। इसी धारा क उपधारा ए कसी उ मीदवार या उसके उ मीदवार ारा धम न ल

जा त समुदाय या भाषा के आधार पर भारत के नाग रक के व भ वग के बीच श ुता और घृण ा क भावना

को बढ़ावा दे ने या बढ़ावा दे ने के यास पर रोक लगाती है। एजट या कसी अ य ारा उ मीदवार या उसके

चुनाव एजट क सहम त से उस उ मीदवार के चुनाव क संभावना को आगे बढ़ाने या कसी उ मीदवार के चुनाव पर

तकू ल भाव डालने के लए। उ उपधारा और ए के ावधान का उ लंघन उ धारा के अथ म

आचरण माना जाएगा। मह व जोड़

अपने न कष का सारांश दे ते ए यायमू त पीबी सावंत ने कहा क

. इस लए हमारे न कष को न नानुसार सं े पत कया जा सकता है

आठव . धम नरपे ता सं वधान के मूल ढांचे का ह सा है. रा य सरकार के कृ य जो हमारे सं वधान म न हत

धम नरपे ता को न करने या तोड़फोड़ करने के लए डज़ाइन कए गए ह को कानूनी तौर पर ऐसी त को

ज म दे ने वाला माना जा सकता है जसम रा य सरकार को सं वधान के ावधान के अनुसार नह चलाया जा सकता

है।

. यायमू त रामा वामी ने धम नरपे ता क अवधारणा को इस कार समझाया

.आ ा और धम क वतं ता सामा जक संरचना का अ भ अंग है। ऐसी वतं ता रा य का इनाम नह है

ब क वह बु नयाद है जस पर रा य खड़ा है। मानवीय वतं ता का अथ कभी कभी मानवीय आव यकता को

अपने तरीके से पूरा करना होता है। येक वतं समाज म धम क वतं ता दान क जाती है य क यह ऐसे

समाज म वतं ता क सामा य संरचना का एक ह सा है और सरी बात यह है क एक धम ारा लगाए गए तबंध

सर के लए बाधा ह गे। अतीत म धा मक मा यताएँ स ा के लए यु का मैदान और वतं ता के दमन का मूल

कारण बन गई ह। धम अ सर समाज के अ धकांश सद य पर नयं ण रखने का बहाना दान करता है। लोकतां क

समाज को समाज म धा मक था क बलता क मूख ता का एहसास होता है। खर धा मक

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चेतना न के वल को संकु चत करती है ब क कानून के शासन को बा धत करती है। इस लए सं वधान के

सं ापक ने दे श के सव कानून म समाज के सभी वग के लए एक समतावाद सामा जक व ा ा पत

करने के लए खुद को हम भारत के लोग मौ लक अ धकार और रा य नी त के नदशक स ांत दए। य प

सं वधान बनाते समय धम नरपे ता क अवधारणा को प से तुत नह कया गया था ले कन इसक

ापकता संचालन और यता मौ लक अ धकार और नदशक स ांत और उनके संबं धत ावधान से

है। सं वधान के व संशोधन अ ध नयम क तावना म संशोधन करके इसे कया गया। धम नरपे ता क

अवधारणा जसम धा मक वतं ता सबसे मह वपूण है न के वल ई र के वषय क क पना करती है ब क मनु य

और मनु य के बीच समझ क भी क पना करती है। सं वधान म धम नरपे ता है

ई र वरोधी नह है और कभी कभी इसे एक वतं समाज म रहना माना जाता है। जो मामले पूरी तरह से धा मक

होते ह उ ह वशेष पर छोड़ दया जाता है और धम नरपे ह से को सावज नक हत व ा और सामा य

क याण के आधार पर रा य ारा अपने हाथ म ले लया जाता है। रा य गत और कॉप रेट धा मक वतं ता

क गारंट दे ता है और कसी के साथ उसक आ ा और धा मक व ास क परवाह कए बना नाग रक के

पम वहार करता है और कसी वशेष धम को बढ़ावा नह दे ता है और न ही एक को सरे के खलाफ पसंद

करता है। इस लए धम नरपे रा य क अवधारणा सरकार के लोकतां क व प के सफल कामकाज के लए

आव यक है। य द धम नरपे ता वरोधी ताकत को व भ धा मक आ ा के अनुया यय को एक सरे पर

हमला करने के लए वभा जत करने क अनुम त द जाती है तो कोई लोकतं नह हो सकता है। धम नरपे

सरकार को इस यास को नकारना चा हए और समाज म व ा लानी चा हए। सकारा मक अथ म धम

नाग रक को उसके के पूण वकास क अनुम त दे ने का एक स य साधन है न के वल भौ तक और भौ तक

ब क गैर भौ तक और गैर सांसा रक जीवन म भी।

. In Ziyauddin Burhanuddin Bukhari v. Brijmohan

रामदास मेहरा एससीसी इस यायालय ने माना क

धम नरपे रा य धम के सभी मतभेद से ऊपर उठकर अपने सभी नाग रक क धा मक मा यता और

था क परवाह कए बना उनक भलाई को सुर त करने का यास करता है। यह सभी जा तय के नाग रक

तक अपना लाभ प ंचाने म तट या न प है

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और पंथ. मैटलड ने बताया था क ऐसे रा य को अपने कानून के मा यम से यह सु न त करना


होगा क राजनी तक या नाग रक अ धकार का अ त व या योग या उसके अधीन कसी
कायालय या पद पर क जा करने का अ धकार या मता या उससे जुड़े कसी भी सावज नक
कत का पालन करना कसी वशेष धम के पेशे या अ यास पर नभर न रह।

. सं वधान क तावना अ य बात के साथ साथ येक नाग रक को वचार अ भ


व ास व ास और पूज ा क वतं ता का आ ासन दे ती है। अनु ेद येक भारतीय को
ज म से नाग रकता क गारंट दे ता है। कसी ने भी कसी वशेष धम जा त या े म ज म लेने
का सौदा नह कया। ज म माता पता का एक जै वक काय है।

अनु ेद कानून के सम समानता या कानून के समान संर ण क गारंट दे ता है। अनु ेद


ारा धम के आधार पर भेदभाव को तबं धत कया गया था। अनु ेद रा य के तहत
कसी भी कायालय या पद पर रोजगार या नयु से संबं धत मामल म सभी नाग रक को
समान अवसर दान करता है और के वल अ य बात के साथ साथ धम के आधार पर भेदभाव
पर रोक लगाता है। अनु ेद सभी य को अंतरा मा क वतं ता और वतं प से
अपने धम को मानने अ यास करने और चार करने के अ धकार का आ ासन दे ता है यह
कसी भी मौजूदा कानून के संचालन को भा वत नह करता है या रा य को कसी भी
सामा जक व ीय राजनी तक को व नय मत या तबं धत करने वाला कोई भी कानून बनाने
से नह रोकता है। या अ य धम नरपे ग त व ध जो धा मक अ यास से जुड़ी हो सकती है। यह
सामा जक क याण और सुधार दान करने या सावज नक च र के सभी ह धा मक सं ान
को सभी वग के नाग रक और ह के वग के लए खोलने के अधीन है। अनु ेद समान
प से सावज नक व ा नै तकता और वा य के अधीन धा मक मामल के बंधन क
वतं ता क समान प से गारंट दे ता है। अनु ेद भारतीय लोकतं के धम नरपे चर
को मजबूत करता है जो रा य को कसी भी को मजबूर करने या उसे कसी भी कर का
भुगतान करने के लए उ रदायी बनाने से रोकता है जसक आय को कसी वशेष धम या
धा मक के चार या रखरखाव के लए समे कत न ध से व नयो जत करने पर वशेष प से
तबंध है। सं दाय. समे कत न ध म जाने वाले कर का उपयोग आम तौर पर धम नरपे
उ े य को सु न त करने के उ े य से कया जाना चा हए जनम से के वल कु छ का उ लेख
अनु ेद और म कया गया है जैसे क सामा जक क याण को व नय मत करना आ द।
अनु ेद म कहा गया है क कसी भी उ े य म कोई धा मक नदश नह दया जाएगा।
पूरी तरह से रा य न ध से संचा लत या रा य से सहायता ा त करने वाले शै णक सं ान।
समान प से कोई भी कसी शै क म भाग नह ले रहा है

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रा य ारा मा यता ा त या रा य न ध से सहायता ा त करने वाली सं ा को ऐसी सं ा म दए जाने वाले

कसी भी धा मक नदश म भाग लेने या ऐसी सं ा म या उससे जुड़े कसी भी प रसर म आयो जत क जाने वाली

कसी भी धा मक पूज ा म भाग लेने के लए बा य कया जाना चा हए जब तक क ऐसा न हो। या कसी

नाबा लग के मामले म उसके अ भभावक ने इस पर अपनी सहम त द है। अनु ेद के अनुसार

रा य को कसी शै णक सं ान को सहायता दे ने म इस आधार पर भेदभाव नह करने का आदे श दया गया है

क यह एक अ पसं यक सं ान है चाहे वह धम या भाषा पर आधा रत हो। इस कार यह होगा क सं वधान

ने इनके बीच सीमांक न कया है

गत प से धा मक भाग वैय क और उसका लौ कक भाग। रा य कसी वशेष धम को संर ण नह दे ता

रा य न तो कसी वशेष धम का समथक है और न ही कसी वशेष धम का वरोधी है। यह अलग खड़ा है सरे

श द म धम के मामल म तट ता बनाए रखता है और व नयमन के अधीन सभी धम को समान सुर ा दान

करता है और धम नरपे ह से पर स य प से काय करता है।

. र तलाल पानाचंद गांधी बनाम बॉ बे रा य एससीआर एआईआर एससी म इस

यायालय ने धम को प रभा षत कया क यह आव यक प से ना तक नह है और वा तव म भारत म बौ धम

और जैन धम जैसे स धम ह जो ऐसा करते ह। ई र या जा त के अ त व म व ास नह करते। एक धम के

न संदेह अलग अलग अथ होते ह जो उस धम को मानने वाले लोग ारा उनके आ या मक क याण के लए

अनुकू ल माना जाता है ले कन यह कहना सही नह होगा या ऐसा लगता है क धम के मामले म कसी व ान भाई

ने सुझ ाव दया है। धा मक आ ा और धा मक व ास के मामल के अलावा और कु छ नह ह। धम के वल एक

स ांत या व ास नह है य क यह कृ य म भी अ भ पाता है। आयु ह धा मक बंदोब ती म ास

बनाम ील म तीथ ात वामीर एससीआर एआईआर एससी म श र मठ

मामले के प म इस यायालय ने गत मा यता तक सी मत सी मत अथ म धम क ा या क और

समारोह या अनु ान म भाग लया। सं वधान के भाग III म जन तबंध पर वचार कया गया है वे रा य ारा

गत धा मक था पर नयं ण नह ह ब क उनक ग त व धय को व नय मत करने के लए ह जो धम

से जुड़े होने के बावजूद च र म धम नरपे ह जैसे धा मक सं ान से जुड़ी संप का बंधन या धम नरपे

ग त व ध पर बंदोब ती जो इस तरह के व नयमन के लए उ रदायी ह। दे वता को भोजन अ पत करना आ द जैसे

मामले अ नवाय प से ह

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धा मक और रा य इसे व नय मत नह करते ह उ ह उनके व नयमन के लए य पर


छोड़ दया जाता है। हालाँ क जा त व ा ने ह धम का मूल आधार बनाया और
वहार के प म सह ा दय तक भारतीय आबाद का एक चौथाई ह सा अनुसू चत
जा त और अनुसू चत जनजा त को अ ृ यता के आधार पर मं दर मठ आ द जैसे
धा मक सं ान म वेश पर तबंध लगा दया गया था। अनु ेद ने इसे गैरकानूनी
घो षत कर दया और ऐसी था को अपराध घो षत कर दया।

अनु ेद और ने सभी सावज नक ान और सभी सावज नक पूज ा ल को


ह धा मक सं दाय या सं दाय के लए पूज ा ाथना करने या सावज नक पूज ा ल
पर कोई धा मक सेवा करने के लए खोल दया है और जा त या जा त के आधार पर कोई
भेदभाव नह कया जाना चा हए। सं दाय या धा मक सं दाय.

के शवानंद भारती मामले म के शवानंद भारती बनाम।


के रल रा य एससीसी और इं दरा नेह गांधी बनाम राज नारायण
स प एससीसी इस यायालय ने माना क धम नरपे ता सं वधान क एक
बु नयाद वशेषता है। यह सच है क सं वधान क अनुसूची III म ई र के नाम पर शपथ
लेने का ावधान है। यह इस मा यता म नह है क उसका अपना धम है या कसी वशेष
धम के भगवान म धा मक व ास है ब क उसे एक नै तक ाणी के प म सं वधान और
कानून को उनके जनादे श और के अनुसार शा सत करने और उनका पालन करने
क शपथ से बंधा होना चा हए। यह सु न त करेगा क वह अपने ारा ली गई शपथ का
उ लंघन नह करेगा। यह यान रखना मह वपूण है क शपथ अ ध नयम को शपथ
अ ध नयम ारा नर त कर दया गया था और इसे वशेष प से धारा से
तक धम नरपे ता क संवैधा नक योजना के अनु प बनाया गया था।

. समान प से कसी शै णक सं ान म वेश येक का मौ लक अ धकार


बना दया गया है और उसके साथ के वल धम या जा त के आधार पर भेदभाव नह कया
जाएगा। रा य न ध से संचा लत या धम नरपे आधार पर सहायता ा त करने वाली
सं ा म भी श ा द जानी चा हए। इस लए रा य क ह समाज ह सामा जक
व ा म सुधार और जा त पदानु म क मा यता को कमजोर करने म एक मशनरी
भू मका है। यहां तक क धा मक सं ान या सावज नक ल म वेश के मामल म भी
के वल जा त या धम के आधार पर वेश पर तबंध गैरकानूनी है।

. डॉ. एस. राधाकृ णन ने कहा क धम क पहचान भावना भावना ती ता


सां कृ तक पेशे आ ा के त सचेत व ास से क जा सकती है। गांधीजी के अनुसार

म से पृ
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धम से मेरा ता पय औपचा रक धम या थागत धम से नह है ब क वह धम है जो


सभी धम का आधार है।
उनके लए धम पूरी तरह से आ या मक तब ता थी ले कन जानबूझ कर गत
थी। सरे श द म यह के वल मनु य के वकास के लए उसक चेतना अंतरा मा को
एक न त दशा म मु करने के लए है जसे वह अ ा मानता है। इस लए धम
के गत व ास म से एक है जो उसे उसक अंतरा मा से बांधता है और मनु य के
जीवन को व नय मत करने वाले नै तक और बु नयाद स ांत ने धम का गठन कया है
जैसा क हमारे सं वधान म समझा गया है। अंतरा मा क वतं ता कसी को अपनी
पसंद के वशेष धा मक स ांत म व ास करने क अनुम त दे ती है। यह आ ा के
अनुसरण म बाहरी काय करने क वतं ता से ब कु ल अलग है। अंतरा मा क वतं ता
का अथ है क कसी को धम के अ धकार के लए जवाबदे ह नह बनाया जा
सकता है।

नःसंदेह इसका अथ यह है क कसी भी को यह अ धकार नह है क वह सरे


को यह बताए क वह कस धम म व ास करता है वह कौन सा दशन रखता है उसक
राजनी त या होगी या वह कन वचार को वीकार करेगा आ द। अनु ेद
वशेष संब ता के बावजूद व ास और व ास क एक संग ठत णाली के सद य
के ववेक और धम क वतं ता क र ा करता है और आगे नह बढ़ता है। अंतरा मा क
वतं ता और क ग रमा के अ धकार और ऐसे व ास और था के एक भाग
के प म चता से बाहर जो उ चत ह।

इस लए सं वधान के वल धम क आव यक और अ भ था क र ा करता है।


धा मक था सावज नक व ा नै तकता और वा य के नयं ण के अधीन है जसम
आ थक व ीय या अ य धम नरपे ग त व धयाँ शा मल ह। या धा मक था सद य
पर वोट दे ने या न दे ने रा ीय वज रा ीय गान रा ीय सं ान क उपे ा करने पर
नयं ण कर सकती है अनु ेद के तहत अंतरा मा क वतं ता या व भ धा मक
आ ा के लोग को नाराज करने के लए धा मक जुलूस के अ धकार या सावज नक
पूज ा के अ धकार क गारंट दे ती है यह भारत के सामा जक और धा मक इ तहास का
एक त य है क धा मक जुलूस गंभीर सां दा यक दं ग को भड़काने शां त शां त और
सावज नक व ा को बगाड़ने के लए जाने जाते ह। धम को वतं प से अपनाने
और धा मक सभा को आयो जत करने के अ धकार का योग करने के अ धकार के
साथ न तो भड़काऊ भाषण दे ने का अ धकार है न ही हसा फै लाने का लाइसस है न ही
धा मक अस ह णुता को धा मक आ ा के एक पहलू के प म बोलने का अ धकार है।
वे रा य नयं ण के अधीन ह। संवैधा नक सुर ा सु न त करने के लए धा मक था
को न के वल एक अ नवाय ह सा होना चा हए

म से पृ
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यह भी तावक के धम का एक अ भ अंग होना चा हए ले कन रा य के नयं ण के अधीन होना चा हए। अ यथा यहां तक क

पूरी तरह से धम नरपे थाएं जो धम का आव यक या अ भ अंग नह ह उ ह धा मक प के प म उ त कया जा सकता

है और धा मक था के पम वहार कए जाने का दावा कया जा सकता है। एक सामा जक इंज ी नयर के प म कानून

मानव समाज म सभी कार के संघष के सामा जक नयं ण और समाधान के लए साधन दान करता है और साथ ही नयम

भी नधा रत करता है। ले कन सामा जक आ थक और सां कृ तक प रवतन क ेरणा श उन य से आती है जो समाज

का नमाण करते ह। वे एक नई सामा जक आ थक व ा या लोग के बीच सामा जक एक करण और भाईचारे के लए एक

व त प रवतन के मुख साधन के प म कानून के ढांचे म ेरक ह। सं वधान ने धम नरपे ता को अपने मा यम के पम

चुना है

समतामूलक सामा जक व ा ा पत कर। म आदरपूवक हमारे भाइय सावंत और जीवन रे ी


जे.जे. से सहमत ं। इस संबंध म। इस लए धम नरपे ता भारतीय राजनी तक व ा के मौ लक
कानून और बु नयाद संरचना का ह सा है जो अपने सभी लोग को मनु य क उ कृ ता और उसक
नै तक भलाई भौ तक और समृ और राजनी तक क पू त के लए आव यक सामा जक आ थक
आव यकता को सु न त करती है। याय। मह व जोड़

. यायमू त एएम अहमद ने उपरो वचार से सहम त क

उसे जोड़कर

. इस त य के बावजूद क म व संशोधन ारा सं वधान क तावना म समाजवाद


और धम नरपे श द जोड़े गए थे धम नरपे ता क अवधारणा हमारे संवैधा नक दशन म
अंत न हत थी। सलाह द जाती है क धम नरपे श द को संभवतः प रभा षत नह कया गया है
य क यह एक ब त ही लचीला श द है जो सट क प रभाषा दे ने म स म नह है और शायद इसे
अप रभा षत छोड़ दे ना ही बेहतर है। इस संशोधन ारा जो अंत न हत था उसे कर दया गया।
तावना म ही वचार अ भ व ास व ास और पूज ा क वतं ता क बात क गई थी। यह
वतं ता दान करते समय तावना म त और अवसर क समानता का वादा कया गया था।
इसम भाईचारे को बढ़ावा दे ने क भी बात कही गई जससे क ग रमा और रा क एकता और
अखंडता सु न त हो सके । अपने नाग रक को व ास व ास और पूज ा क वतं ता दान करते
ए सं वधान ने धम आ द के आधार पर भेदभाव से घृण ा क ले कन अनु ेद और के मा यम
से अनुसू चत जा तय और जनजा तय के लए वशेष उपचार क अनुम त द ।

अनु ेद म अगला ावधान है सावज नक व ा नै तकता और वा य के अधीन क सभी


वतं ता के हकदार ह गे

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ववेक और धम को मानने आचरण करने और चार करने का अ धकार। अनु ेद येक धा मक सं दाय या

उसके कसी भी वग को धा मक उ े य के लए सं ान को ा पत करने और बनाए रखने और धम के मामल

म अपने वयं के मामल का बंधन करने का अ धकार दे ता है। ये दोन अनु ेद प से धा मक वतं ता

का अ धकार दान करते ह। अनु ेद म ावधान है क कसी भी को कसी भी कर का भुगतान करने

के लए मजबूर नह कया जाएगा जसक आय वशेष प से कसी वशेष धम या धा मक सं दाय के चार या

रखरखाव के लए खच के भुगतान म व नयो जत क जाती है। यह एक मह वपूण अनु े द है जो रा य क

कराधान श के योग पर रोक लगाता है य द इसक आय को कसी वशेष धम या धा मक सं दाय के चार

और रखरखाव के लए खच के भुगतान म व नयो जत कया जाना है। इसका मतलब है क रा य का राज व नह

हो सकता

कसी भी धम या धा मक समूह के चार और रखरखाव के लए उपयोग कया जाता है। अनु ेद कु छ

शै णक सं ान म धा मक नदश या धा मक पूज ा म उप त से संबं धत है। इसके बाद अनु ेद और

आते ह जो सां कृ तक और शै क अ धकार का उ लेख करते ह। अनु ेद अ य बात के साथ साथ यह


ावधान करता है क कसी भी नाग रक को के वल धम आ द के आधार पर रा य न ध से पूण या आं शक प से

संचा लत शै णक सं ान म वेश से वं चत नह कया जाएगा। अनु ेद सभी अ पसं यक को चाहे वे

धम या भाषा पर आधा रत ह शै णक सं ान क ापना और शासन करने क अनुम त दे ता है। उनक

पसंद का और रा य को सहायता दे ने के मामले म ऐसे सं ान के खलाफ भेदभाव करने से रोकता है। अनु ेद

और से म न हत ये मौ लक अ धकार इसम कोई संदेह नह छोड़ते ह क ये सं वधान क मूल

संरचना का ह सा ह।

इसके अलावा व संशोधन ारा मौ लक कत नामक भाग IV A पेश कया गया था जो अ य बात के साथ
साथ

वतं ता के लए हमारे रा ीय संघष को े रत करने वाले महान आदश को संज ोना और उनका पालन करना

भारत क सं भुता एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसक र ा करना भारत के सभी लोग के बीच

धा मकता से ऊपर उठकर स ाव और समान भाईचारे क भावना को बढ़ावा दे ना येक नाग रक का कत है।

भाषाई और े ीय या अनुभागीय व वधताएं और हमारी सम सं कृ त क समृ वरासत को मह व दे ना और

संर त करना।

ये ावधान ज ह मने सं ेप म याद कया है धम नरपे ता और लोकतं क दोहरी अवधारणा समायोजन और

स ह णुता के स ांत को प से सामने लाते ह जैसा क गांधीजी और अ य रा ीय नेता ने वकालत क

थी। इस लए म अपने व ान ारा कये गये वचार से सहमत ं

म से पृ
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सहक मय सावंत रामा वामी और रे ी जे.जे. ने कहा क धम नरपे ता हमारे सं वधान क


एक बु नयाद वशेषता है। उ ह ने मामले के इस पहलू पर व तार से वचार कया है और म
अपनी सहम त करने से बेहतर कु छ नह कर सकता ले कन मने ये कु छ श द के वल
उनके वचार को पूरक करने के लए कहे ह यह बताते ए क इस अवधारणा को सं वधान
से ठ क पहले और व संशोधन तक कै से समझा गया था। व संशोधन ारा जो अंत न हत
था उसे कर दया गया।

मह व जोड़

. बाल पा टल और अ य बनाम भारत संघ और अ य म

एससीसी उ तम यायालय ने माना क

रा य के भीतर भाषा के आधार पर भाषाई अ पसं यक के साथ भेदभावपूण वहार


समझ म आता है ले कन अगर धम के आधार पर अ पसं यक के लए समान अवधारणा
को ो सा हत कया जाता है तो पूरा दे श जो पहले से ही व भ वभाजनकारी ताकत के
कारण वग और सामा जक संघष के अधीन है आगे चलकर धा मक व वधता के आधार पर
वभाजन का सामना करना पड़ेगा।

धम के आधार पर अ पसं यक दज के ऐसे दाव से लोग के व भ वग को संवैधा नक


गारंट के ह से के प म वशेष सुर ा वशेषा धकार और उपचार मलने क उ मीद बढ़
जाएगी। ऐसी वभाजनकारी वृ य को ो साहन संवैधा नक लोकतं क धम नरपे
संरचना के लए एक गंभीर झटका होगा। . हम अपने दे श को ब रा ीयता पर आधा रत एक
धा मक रा य बनाने से बचना चा हए। सं ेप म कह तो धम नरपे ता क हमारी अवधारणा यह
है क रा य का कोई धम नह होगा। रा य सभी धम और धा मक समूह के साथ समान
प से और समान स मान के साथ वहार करगे धम आ ा और पूज ा के उनके गत
अ धकार म कसी भी तरह से ह त ेप कए बना।

. जयाउ न बुरहानु न बुख ारी सु ा म सव यायालय

आयो जत

. धम नरपे रा य धम के सभी मतभेद से ऊपर उठकर अपने सभी नाग रक क


धा मक मा यता और था क परवाह कए बना उनक भलाई को सुर त करने का
यास करता है। यह सभी जा तय और पंथ के नाग रक तक अपना लाभ प ंचाने म तट
या न प है। मैटलड ने बताया था क ऐसे रा य को अपने कानून के मा यम से यह सु न त
करना होगा क कसी राजनी तक या नाग रक अ धकार का अ त व या योग या उसके तहत
कसी कायालय या पद पर क जा करने या कोई काय करने का अ धकार या मता हो।

म से पृ
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इससे जुड़ा सावज नक कत कसी वशेष धम के पेशे या आचरण पर नभर नह करता है। .

. ट एमए पाई फाउं डेशन सु ा म सु ीम कोट ने कहा क

.य प धम नरपे ता का वचार भारतीय सं वधान म प म से उधार लया गया हो सकता है ले कन इसने

अपने वशेष इ तहास और आव यकता के आधार पर धम नरपे ता के अपने अनूठे ांड को अपनाया है जो

धम नरपे ता से कई मायन म ब त र है य क इसे यूरोपीय म प रभा षत और पालन कया जाता है। दे श संयु

रा य अमे रका और ऑ े लया।

. अं तम व ेषण म भारतीय सं वधान संयु रा य अमे रका के वपरीत नह है धा मक संगठन म रा य के गैर

ह त ेप के स ांत क सद यता लेता है ले कन यह धम नरपे बना आ है य क यह सभी धम का समान प से

स मान करने का यास करता है समानता को इसम समझा जाता है वा त वक अथ जैसा क अगले पैरा ाफ म चचा

क गई है।

. अ णा रॉय सु ा मामले म सु ीम कोट ने कहा क

एमबी शाह जे.

. इसके अलावा मनु य म जंगली पशु वृ को नयं त करने और एक स य सुसं कृ त समाज के नमाण
के लए धम अ त व म आए ह ऐसा तीत होता है। स य समाज म मनु य के मू य आधा रत अ त व क न व धम है।
स य समाज के पीछे क श और वीकृ त नै तक मू य पर नभर करती है। सह अ त व और सह अ त व कै से रख के
दशन पर नया भर के संत ारा वचार कया गया है जसे व भ दाश नक ारा कट कया गया है। न के वल मनु य के
साथ ब क पृ वी पर सभी जी वत ा णय शायद जानवर वन तय और हवा और पानी स हत पयावरण के साथ कै से
सह अ त व म रह इस पर नया भर के संत और नेता ारा वचार और चचा क जाती है जो धम म प रल त होता
है। य द वह सखाया जाता है तो उस पर आप नह क जा सकती य क यह न तो संवैधा नक या कानूनी अ धकार का
उ लंघन है और न ही नै तक मू य को ठे स प ँचाता है। इसे एसबी च हाण स म त ारा व तृत प से नपटाया गया है।

जैसा क ऊपर कहा गया है स म त ने मू य आधा रत श ा के व भ पहलु पर स श ा वद से सुझ ाव आमं त


कए थे। जैसा क स म त ने कहा है उसे इस े म अ णी काय करने वाले त त वशेष एनजीओ के वचार से लाभ
आ है। इसके अलावा कोई भी इस बात पर ववाद नह कर सकता क स य स य धा मक आचरण धम शां त शां त
ेम ेम और अ हसा अ हसा सभी धम ारा वीकार कए गए मूल सावभौ मक मू य ह। स म त ने यह भी बताया है क
धम सबसे अ धक पयोग और गलत समझी जाने वाली अवधारणा है। हालां क

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छा को सभी धम क मूल बात उनम वरासत म मले मू य से प र चत कराने क या और सभी धम के दशन का


तुलना मक अ ययन भी शु कया जाना चा हए छा को इस बात से अवगत कराना होगा क हर धम के पीछे मूल
अवधारणा समान है के वल थाएं अलग अलग ह। य द संसद य स म त ारा क गई इन सफा रश को एनसीईआरट ारा
वीकार कर लया जाता है और लागू करने क मांग क जाती है तो यह नह कहा जा सकता है क इसक कारवाई मनमानी
या अनु चत है।

. इसके अलावा यह पूरी तरह से गलत धारणा और ववाद तीत होता है क व भ धम का ान समाज म
वैमन य लाएगा। इसके वपरीत व भ धा मक दशन का ान सां दा यक स ाव लाने के लए मह वपूण है य क
अ ानता गलत धारणा धारणा उपदे श और गुमराह इ ुक य के चार के कारण नफरत को ज म दे ती है।

.......

. इस लए हमारे वचार म धम श द को गलत नह समझा जाना चा हए और न ही यह ववाद उठाया जा


सकता है क चूं क इसका उपयोग रा ीय श ा नी त म कया गया है इस लए धम नरपे ता खतरे म होगी। इसके वपरीत

हमारे पास एक धम नरपे लोकतं है जहां एक ब त कमजोर आदमी भी समाज के त कत क उ चत समझ के ारा
कानून के शासन के बल पर एक ब त मजबूत आदमी पद श या संप रखने वाले पर वजय ा त करने क उ मीद
करता है। मू य आधा रत श ा से रा को सभी कार क च लत क रता भावना हसा बेईमानी ाचार शोषण और
नशीली दवा के पयोग से लड़ने म मदद मलने क संभावना है। जैसा क ऊपर कहा गया है एनसीएफ को
श ाथ को ान ा त करने म स म बनाने के लए डज़ाइन कया गया था और इसका उ े य आ म अनुशासन साहस
सामा जक याय के लए यार आ द स य धा मक आचरण शां त अ हसा जो मूल सावभौ मक मू य ह जो कर सकते ह।
मू य आधा रत श ा के नमाण क न व बन।

इन उ मू य को इसके पीछे क नै तक वीकृ त के ान के बना ा त नह कया जा सकता है। इस योजन के लए


अतीत म नेता ारा जो सोचा गया है उसका ान उसक वा त वक भावना म समझना आव यक है। ान को सूय क
तरह सभी के लए चमकने द और इसम संक णता अंध व ास और हठध मता के लए कोई जगह नह होनी चा हए। इस
योजन के लए भी य द व भर के सभी धम के मूल स ांत को सीख लया जाए तो यह नह कहा जा सकता क
धम नरपे ता जी वत नह रह पाएगी।

. या चकाकता के व ान वक ल ने यह तक दे ने के लए सं वधान के अनु ेद पर ब त अ धक भरोसा


कया क रा ीय पा चया उ अनु े द के जनादे श के खलाफ है।

उ तक क सराहना के लए हम पहले अनु ेद का संदभ लगे

. कु छ शै णक सं ान म धा मक श ा या धा मक पूज ा म उप त के संबंध म वतं ता। कसी


म भी कोई धा मक श ा दान नह क जाएगी

म से पृ
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शै णक सं ान पूण तः रा य न ध से संचा लत।

खंड म कु छ भी ऐसे शै णक सं ान पर लागू नह होगा जो रा य ारा शा सत है ले कन कसी


बंदोब ती या ट के तहत ा पत कया गया है जसके लए आव यक है क ऐसे सं ान म धा मक
श ा दान क जाएगी।

रा य ारा मा यता ा त कसी शै णक सं ान म भाग लेने वाले या रा य


न ध से सहायता ा त करने वाले कसी भी को ऐसे सं ान म दए जाने
वाले कसी भी धा मक नदश म भाग लेने या ऐसे सं ान म आयो जत कसी भी
धा मक पूज ा म भाग लेने क आव यकता नह होगी। या उससे जुड़े कसी भी
प रसर म जब तक क ऐसा या य द ऐसा नाबा लग है तो उसके
अ भभावक ने इसके लए अपनी सहम त नह द है।

जोर दया गया

. सं ेप म उपरो अनु े द नषेध करता है


कसी भी शै णक सं ान म धा मक श ा दान करना
पूण तः रा य न ध से संचा लत। साथ ही वहाँ है
जहां ऐसा श ण सं ान है वहां ऐसी कोई रोक नह है
कसी बंदोब ती या ट के तहत ा पत जसके लए इसक आव यकता होती है
ऐसी सं ा म धा मक श ा द जाएगी।

. इसके अलावा कोई भी कसी शै क काय म म शा मल नह होगा


रा य ारा मा यता ा त या रा य से बाहर सहायता ा त करने वाली सं ा
न धय को कसी भी धा मक काय म भाग लेने के लए बा य कया जा सकता है
नदश जो ऐसी सं ा म दए जा सकते ह या उप त होने के लए दए जा सकते ह
कोई भी धा मक पूज ा जो इस कार आयो जत क जा सकती है
सं ान। इस लए लेख का पूरा जोर वरोध पर है
धा मक श ा दे ना या धा मक काय करना
पूज ा करना। धा मक अ ययन करने पर कोई रोक नह है
दशन और सं कृ त वशेषकर मू य आधा रत होने के लए
ऐसे समाज म सामा जक जीवन जो स ा पद या के लए प तत हो रहा है
संप । डीएवी कॉलेज बनाम पंज ाब रा य म एससीसी
के कु छ ावधान क संवैधा नक वैधता
गु नानक व व ालय अमृतसर का अ ध नयम था
डीएवी दयानंद एं लो वै दक कॉलेज ट ारा चुनौती द गई।
ट का गठन वामी क मृ त को बनाए रखने के लए कया गया था
दयानंद सर वती जो एक सं ा के सं ापक थे
आय समाज के नाम से जाना जाता है। दावा कया गया था क इसम फ संग थी
धा मक काय म और उसका सं वधान बनाया गया है
इसके सं ापक क धा मक श ा और दशन को कायम रखना।
अ य बात के साथ साथ यह भी तक दया गया क जैसा क गु नानक व व ालय था
पूरी तरह से रा य न ध और ावधान से बाहर रखा गया
धारा के तहत अनु े द का उ लंघन होता है जसे बचाया नह गया है
उसका खंड और उस संदभ म यायालय ने अंदर दे ख ा
पैरा इस कार एससीसी पृ.

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. ... य द व व ालय कसी संत के जीवन और श ा के अकाद मक अ ययन


और अनुसंधान के लए ावधान करता है तो कसी भी उ चत कोण से यह नह माना जा
सकता है क व व ालय से संब कॉलेज को अ नवाय प से उनके जीवन और श ा का
अ ययन करना होगा या उनम शोध करना होगा। ववा दत ावधान के वल यह संके त दे गा क
व व ालय अपने कसी भी छा के लए अ ययन के पा म शु कर सकता है या अनुसंधान
सु वधाएं दान कर सकता है चाहे वह ब सं यक या अ पसं यक समुदाय से हो ता क वह इस
तरह के अ ययन या अनुसंधान म संल न हो सके ले कन याद रख क यह अ ययन और गु नानक
के जीवन और श ा पर शोध भारतीय और व स यता के संदभ म उनक सं कृ त और
धा मक भाव के संबंध म एक अ ययन होना चा हए जो यादातर एक अकाद मक और दाश नक
अ ययन है।

. फर भी या चकाकता को अभी भी यह बताना है क धारा का ता पय है


क धा मक श ा द जाएगी। हमारा मानना है क इस तरह का ववाद ावधान के उ े य से ब त
र और अलग है। धा मक श ा वह है जो कसी वशेष सं दाय या सं दाय के स ांत अनु ान
अनु ान समारोह और पूज ा के तरीक को वक सत करने के लए द जाती है। भारतीय और
व स यता के संबंध म या उन पर भाव के संबंध म भारत के कसी भी महान संत के जीवन
और श ण या दशन और सं कृ त का अकाद मक अ ययन दान करने को धा मक नदश का
ावधान करने के प म नह माना जा सकता है।

जोर दया गया

डीएम धमा धकारी जे.

. भारत जैसे ब लवाद समाज म जो अपनी धम नरपे ग त व धय को संचा लत


करने के लए धम नरपे ता को मूल वचारधारा के प म वीकार करता है श ा म धा मक
ब लवाद पर आधा रत अ ययन शा मल हो सकता है। धा मक ब लवाद व श तावाद का
वरोध करता है और समावेशवाद को ो सा हत करता है।

. धम म व श तावाद का मतलब समझाया गया है यह कोण क एक वशेष परंपरा अके ले स य


सखाती है और मो या मु का माग बनाती है। ईसाई सट जॉन के सुसमाचार म यीशु के कहे गए श द पर व ास
करते ह मेरे अलावा कोई भी पता के पास नह आ सकता। वे तीसरी शता द क शु आत म ए ा ए ले सयम
न ला सैलस चच के बाहर कोई मु नह क हठध मता पर भी व ास करते ह।

. मुसलमान भी इसी तरह मानते ह क के वल एक ई र और उसका एक त पैगंबर


है। य द ई र के चुने ए लोग के प म अपनी जातीय प से व श पहचान को संज ोते ह।

. ह वेद को शा त और पूण मानते ह और बौ ने अ सर गौतम क श ा को ऐसे धम के पम

दे ख ा है जो अके ले ही मनु य को म और ख से मु कर सकता है।

. उपरो कार क धारणा ने समावेशी धमशा और धा मक दशन को उनक


अपनी परंपरा के प म ज म दया है

म से पृ
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अं तम स य को तुत करता है और अ य परंपरा को उस अं तम स य के कोण के पम


दे ख ा जाता है।
. धम के त ापक कोण जसे व भ धम और आ ा के लोग वाले समाज
म वक सत कया जाना चा हए उसे समावेशवाद के प म व णत कया गया है। ब लवाद म
वीकार कया गया कोण यह है क महान व धम ने वा त वक या परम क अलग अलग
धारणा और अवधारणा और तदनुसार अलग अलग त या को शा मल कया है और उनम
से येक के भीतर वतं प से आ म क तता से वा त वकता क तता म मानव अ त व का
प रवतन होता है। जगह लेना।

. भारत म श ा जो इसके सं वधान म न हत धम नरपे लोकाचार ारा शा सत होनी है और जहां रा य के


सं ान म धा मक श ा अनु ेद ारा न ष है धा मक श ा क अनुम त द जा सकती है। श ा धा मक

ब लवाद पर आधा रत है। यह योग नाजुक और क ठन है ले कन अगर समाज म शां त और स ाव पैदा करने के लए

ईमानदारी और अ े व ास के साथ कया जाए तो इसे इस आधार पर वफल नह कया जा सकता है क यह धम नरपे ता

क अवधारणा के खलाफ है जैसा क संक ण प से समझा जाता है क इसके त रा य क तट ता है। सभी धम और

सभी धम के त सकारा मक कोण से वं चत।

....
. धा मक ब लवाद के अ ययन को आम तौर पर वीकाय तरीके से कया जा
सकता है और ऐसा यास वशेष प से भारत म कया जाना चा हए जो बार बार धा मक संघष
और सां दा यक वैमन य के कारण पी ड़त आ है। श ा म इस बात क आव यकता है क इस दे श
के ब को धम क घटना व ान म मतभेद क वशाल ृंख ला और ज टलता को वीकार
करना चा हए साथ ही उ ह धा मक अनुभव और वचार क मुख धारा को व भ जाग कता
के तीक के प म समझना चा हए। एक परम स य. मानवता के धा मक जीवन के ब लवाद
कोण क ापक वीकृ त म येक परंपरा क आ म समझ म वकास शा मल होना चा हए
मानव के लए वा त वकता क उप त क अ धक सावभौ मक अवधारणा के हत म अ तीय
े ता के उनके दाव म संशोधन होना चा हए। आ मा। धा मक ब लवाद शीषक के तहत धम
व कोश म न हत धम का तुलना मक अ ययन दे ख पृ ।

. व भ धम के व भ वचार और दशन तथा व भ दाश नक श ा वद और


वचारक के वचार का सव ण करने का उ े य के वल यह दखाना है क उनम से अ धकांश कू ल
से लेक र कू ल तक ब को धा मक श ा पर तबंध लगाने क वकालत नह करते ह। कॉलेज
टे ज . जस बात पर जोर दया गया है वह यह है क ब को द जाने वाली धा मक श ा उ ह धम
म वभ वचार और दशन के बारे म जाग क करने वाली होनी चा हए बना उ ह सखाए और
उनक वतं सोच पर अंकु श लगाए बना उ ह अपने जीवन के संचालन के लए वक प चुनने और
अपने पा म पर नणय लेने का अ धकार दे ना चा हए। उनके अनुसार कारवाई क

म से पृ
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गत झुक ाव. एक ब े के सवागीण वकास के लए सभी श ा वद का मानना है क छा को उनक बु को


तेज करने के लए के वल जानकारी दान करना ही पया त नह है। उ ह अपने वयं के और समाज के सामा य हत के
लए तथा जीवन के सव ल य को ा त करने के लए अपने जीवन और समाज के साथ अपने संबंध को व नय मत
करने क मता के साथ साथ सर और दय के आंत रक गुण भी दान कए जाने चा हए। संवैधा नक आदश क
ा त तभी संभव है जब ब क बु को तेज करने के साथ साथ उनके नै तक च र का भी वकास कर उ ह अ ा
नाग रक बनाया जाए।

. व भ उ और श ा के व भ चरण के ब के लए पा पु तक म शा मल करने के लए साम ी


का उ चत चयन करके दे श के धम नरपे वचार के साथ इस धा मक ब लवाद को कै से सव म प से ा त कया
जा सकता है यह एक ऐसा मामला है जसे छोड़ना होगा श ा वद और श ा वद के लए. सभी गणमा य य
और संबं धत े के अ य वशेष के साथ उनक भागीदारी आव यक है। यह अ यास सरकार ारा कया जाना है
जसके लए न तो अदालत से कसी नदश क आव यकता है और न ही अदालत रा य ारा शै क नी त क तैयारी के
े म अ त मण करने क ऐसी श हण कर सकती है।

. यह पता लगाने के लए क या वे दे श क धम नरपे वचारधारा के अनु प ह पा पु तक क


जांच भी वशेष श ा वद और श ा वद ारा क जानी है। एनसीईआरट के सद य को श ा वद और श ा वद
के साथ ऐसी कसी भी बातचीत के लए खुला रहना चा हए। आम सहम त के आधार पर उपयु पा म जो ापक
और परोपकारी अथ म समझी जाने वाली धम नरपे ता के अनु प हो वक सत करना होगा।

. अनु ेद म यु अभ धा मक नदश का एक तबं धत अथ है। यह बताता है क


पूरी तरह से रा य न ध से संचा लत शै णक सं ान म री त रवाज पूज ा के तरीक था या अनु ान क श ा
क अनुम त नह द जा सकती है। ले कन अनु ेद को भारत और भारत के बाहर मौजूद व भ धम के अ ययन
पर रोक लगाने के प म नह पढ़ा जा सकता है।

य द उस नषेध को धा मक नदश श द के साथ पढ़ा जाता है तो दशन का अ ययन जो आव यक प से धम के


अ ययन पर आधा रत है अ वीकाय होगा। यह ब को अपने धम और सर के धम को समझने के अ धकार से
वं चत करने जैसा होगा जनके साथ वे भारत म रह रहे ह और जनके साथ वे रहना और बातचीत करना पसंद कर
सकते ह। इस लए धम का अ ययन सं वधान ारा न ष नह है और संवैधा नक ावधान को इस लए नह पढ़ा
जाना चा हए अ यथा मनु य के आ या मक वकास क संभावना जसे मानव अ त व का सव ल य माना जाता
है पूरी तरह से कुं ठत हो जाएगी। अनु ेद क कोई भी ा या जो कसी ब े या के दे श के व भ
धम और दे श के बाहर तथा अपने ही धम क श ा ा त करने के मौ लक अ धकार को नकारती है जानकारी ा त
करने ा त करने के उसके मौ लक अ धकार के लए वनाशकारी होगी।

म से पृ
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ान और अपनी पसंद के दशन के आधार पर अपने जीवन का संचालन करना।

...

. सं वधान क तावना म यु श द धम नरपे ता अनु ेद से म न हत ावधान म प रल त


होता है और भाग IVA को सं वधान म जोड़ा गया है जसम अनु ेद ए नाग रक के मौ लक कत को नधा रत
करता है। इसे सं वधान क काय णाली के वष से अ धक के अनुभव के आधार पर समझना होगा। रा य के सं ान म
धम के त पूण तट ता और सभी कार क धा मक श ा के त उदासीनता ने व भ धम आ ा और व ास
के लोग के बीच आपसी गलतफहमी और अस ह णुता को र करने म मदद नह क है। इस लए धम नरपे ता एक
सकारा मक अथ के त संवेदनशील है जो व भ धम के त समझ और स मान वक सत कर रही है। धम नरपे ता का
सार धा मक मतभेद के आधार पर रा य ारा लोग के साथ भेदभाव न करना है।

धम नरपे ता का अ यास धम के त पूण तट कोण अपनाकर या धा मक लोग के एक वग को सरे वग के लोग


के धम और आ ा को समझने और स मान करने के लए सकारा मक कोण अपनाकर कया जा सकता है। ऐसी
आपसी समझ और एक सरे क धा मक आ ा के त स मान के आधार पर आपसी अ व ास और अस ह णुता को धीरे
धीरे ख़ म कया जा सकता है।

. इस लए कू ली श ा म धम के अ ययन को सं वधान के धम नरपे दशन के खलाफ एक यास नह


माना जा सकता है।

...

. लोकतं तब तक जी वत नह रह सकता और सं वधान तब तक काम नह कर सकता जब तक क


भारतीय नाग रक न के वल व ान और बु मान ह ब क वे नै तक च र वाले भी ह और स य ेम और क णा जैसे
मानव के अंत न हत गुण को आ मसात न कर। वचारक और दाश नक श ा म धम क श ा को शा मल करने क
पुरजोर अनुशंसा करते ह। श ा के कस तर पर इसे शु कया जाना चा हए इस पर उनके बीच कु छ मतभेद हो सकते
ह। या इसे ाथ मक तर से ही लागू कया जाना चा हए यह बहस का वषय हो सकता है और यह अदालत का नह
ब क श ा वद और श ा वद का काम है क वे ाथ मक श ा के लए एक ठोस शै क नी त तैयार करने म सरकार
क सहायता कर। भारत यादातर ऐसे लोग से बना है जो कसी न कसी धम या आ ा के अनुयायी ह। एक ब त छोटा
वग ऐसे लोग का है जो अ व ासी ह। उ ह वशु प से मानवतावाद और तकवाद के प म व णत कया जा सकता है।
द कू ल क रकु लम बफोर फ़ॉट न म ब ड रसेल कू ली ब को इ तहास पढ़ाने पर बोलते ए वचारक और दाश नक के
भाव का ान दे ने क वकालत करते ह। उ ह ने कहा मुझ े चुप नह रहना चा हए ले कन मुझ े सै य वजेता क शंसा
भी नह करनी चा हए। इ तहास क मेरी श ा म स े वजेता वे होने चा हए ज ह ने भीतर और बाहर के अंधेरे को र
करने के लए कु छ कया बु और सुक रात

म से पृ
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आ क मडीज़ गैली लयो और यूटन और वे सभी ज ह ने हम वयं पर या कृ त पर भु व


दलाने म मदद क है। और इस लए मुझ े मानव जा त के लए अ यंत शानदार नय त क अवधारणा का
नमाण करना चा हए जसके त हम तब झूठे होते ह जब हम यु और अ य ना तक मूख ता क
ओर लौटते ह और के वल तभी स े होते ह जब हम नया म कु छ ऐसा डालते ह जो हमारे मानव
भु व को जोड़ता है। श ा पर ब ड रसेल पृ पर दे ख ।

मह व जोड़

. उपरो नणय ारा उ तम यायालय ने प रभा षत कया है

भारतीय संदभ म धम नरपे ता श द का अथ सभी के लए समान वहार है

रा य ारा धम और धा मक सं दाय और सं दाय के बना

या तो वयं को कसी वशेष धम के साथ पहचानना या उसका समथन करना

धा मक सं दाय या ढ़ संक प. एक बात जो मुख ता से उभर कर सामने आती है

नणय से यह है क रा य का रवैया चाहे जो भी हो

धम धा मक सं दाय और सं दाय धम नह हो सकते

रा य क कसी भी धम नरपे ग त व ध के साथ म त। दरअसल अ त मण

धम नरपे ग त व धय म धम का वेश स त व जत है। यायालय

यहां तक कहा जा रहा है क धम नरपे ता बु नयाद का ह सा है


सं वधान क संरचना और रा य सरकार के काय

म न हत धम नरपे ता को न करने या तोड़फोड़ करने क योजना बनाई गई है

सं वधान को कानूनी तौर पर कसी त को ज म दे ने वाला माना जा सकता है


जसके अनु प रा य सरकार नह चल सकती

सं वधान के ावधान के साथ. सं वधान करता है

सीमांक न और जो मामले पूरी तरह से धा मक ह उ ह गत छोड़ दया गया है

य और धम नरपे भाग का रा य ारा यान रखा जाता है। रा य

कसी वशेष धम को संर ण नह दे ता और न ही दे सकता है

या तो वशेष धम समथक या वशेष धम वरोधी। यह अलग खड़ा है.

सरे श द म यह धम के मामल म तट ता बनाए रखता है

सभी धम को समान सुर ा दान करता है और धम नरपे ता पर स य प से काय करता है

भाग। रा य सभी धम और धा मक समूह के साथ समान वहार करेगा

कसी भी तरह से उनके म ह त ेप कए बना समान स मान

धम आ ा और पूज ा के अ धकार. धम नरपे रा य क अवधारणा है

के लोकतां क व प के सफल संचालन के लए आव यक है


सरकार।

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. धम नरपे ता क उपरो अवधारणा म ही यह यायालय है

मदरसा अ ध नयम क संवैधा नक वैधता पर यायाधीश इ तहास

और मदरसा अ ध नयम के उ े य और कारण का ववरण यह दशाता है

ारंभ म कु छ लोग ारा नजी अरबी फ़ारसी मदरस क ापना क गई

जो अ नय मत थे। उनके लए कायकारी नदश

पंज ीकरण पहली बार वष म जारी कए गए थे। बाद म

वष म इनके नयमन हेतु गैर वैधा नक नयम बनाये गये। ए

रा य सरकार म अलग अ पसं यक वभाग बनाया गया

. . एवं . . को मदरस का काय ह ता त रत कया गया

श ा वभाग से लेक र इस नये अ पसं यक वभाग तक।

के पहले के गैर वैधा नक नयम को त ा पत कर दया गया था

क ठनाइय को र करने क से के मदरसा अ ध नयम को लागू कया गया

मदरस को चलाने और उनक यो यता म सुधार लाने के लए उठ

अपने व ा थय को अ ययन क सव म सु वधा उपल कराय। उ े य और

अ ध नयम के उ े य इस बारे म मौन ह क इसक आव यकता कै से और य उ प ई

वहां एक वशेष धम के लए एक अलग श ा बोड है

धम नरपे ाथ मक श ा बोड और हाई कू ल के लए बोड ह

यूपी रा य म इंटरमी डएट श ा एक को श ा दान करती है

और सभी अलग अलग ब के बीच कोई अंतर कए बना

धम.

. मदरसा अ ध नयम क धारा एफ के अंतगत सं ा क प रभाषा

इसम ा पत और शा सत मदरसा या ओ रएंटल कॉलेज शा मल है

मु लम अ पसं यक ारा और श ा दान करने के लए बोड ारा मा यता ा त

मदरसा श ा. मदरसा श ा क प रभाषा नीचे द गयी है

धारा एच म इ ला मक अ ययन शा मल है। सं वधान क धारा के तहत

उप धारा के तहत बोड के खंड ए के लए एक मु लम क आव यकता है

पारंप रक मदरसा श ा के े म श ाशा ी होना

अ य . खंड ग के अंतगत ाचाय शासक य ओ रएंटल कॉलेज

रामपुर रा य सरकार ारा संचा लत एक अनोखा महा व ालय

श ा के अपने वयं के माण प द वतमान म के वल आसपास ही ह

खंड डी और ई ए के तहत छा और एक धानाचाय और कोई श क नह

खंड जी एक के तहत सु ी मु लम और एक शया मु लम वधायक

सु ी मु लम ारा ा पत और शा सत सं ा के मुख और

खंड एच के तहत ा पत और शा सत सं ा का एक मुख

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अ य लोग के अलावा शया मु लम ारा बोड के सद य के प म। धारा

ए म बोड के अ य काय के अलावा नधा रत करना भी शा मल है

नदश का पा म पा पु तक अ य पु तक और अनुदेशा मक

साम ी। धारा बी बोड के काय म से एक दान करती है

पा म क पु तक अ य पु तक और अनुदेश साम ी नधा रत कर

हाई कू ल तक क क ा के लए अरबी उ और फ़ारसी के पा म

ारा वहां नधा रत पा म के अनुसार इंटरमी डएट

हाई कू ल और इंटरमी डएट श ा बोड। धारा सी

हालाँ क बोड को पा म क पांडु ल प तैयार करने का अ धकार दे ता है

खंड बी म न द पु तक अ य पु तक और नदश साम ी

उसम मामले को पूण तः या आं शक प से या अ यथा बाहर करना

उ ह का शत कर. इस कार बोड बोड क पु तक को अपनाने के लए बा य नह है

हाई कू ल और इंटरमी डएट क श ा यथावत है ले कन इसम संशोधन कर

वैसा ही जैसा वह चाहता है। खंड ई और एफ बोड को अनुदान दे ने का अ धकार दे ता है

ड ी ड लोमा माणप या अ य शै णक व श ताएँ और

उसी के लए परी ा आयो जत कर। ख ड जी इसे यह अ धकार दे ता है

इसक परी ा के योजन के लए सं ान को मा यता द। के लए

अपने काय को न पा दत करने के उ े य से बोड का गठन करना आव यक है

धारा के अंतगत स म तयाँ और उप स म तयाँ। ये स म तयाँ

इनका गठन बोड के सद य म से ही कया जाना है।

के व नयम के तहत द गई प रभाषा के अनुसार

भाग I का व नयम जसम तहता नया का अथ प रभाषाएँ शा मल ह

ारं भक क ाएँ से फौ वा नया का अथ है उ ाथ मक

क ाएँ से य का अथ ताजवीद ए कु रान म ड लोमा हा फ़ज़

मतलब हा फ़ज़ ए कु रान का स ट फके ट. व नयम म ावधान है

मदरस के श क क यो यता. आ य क बात है पहले बना

यह सं ान को मा यता दे ते ए उनके ारा द गई कु छ ड य को मा यता दे ता है

नजी धा मक सं ान जैसा क व नयम म ना मत है

सी नयर सेक डरी और अंडर ेज ुएट आ लम फ़ा ज़ल के समक

Madarsa Board.

. ाथ मक क ा क ा से के पा म का अवलोकन करने से पता चलता है

क कु रान और इ लाम अ य वषय के अलावा हर म पढ़ाए जाते ह

क ा। इसी तरह क ा व म मौलवी मुंशी धमशा सु ी और शया

अ नवाय वषय ह जब क के वल एक वैक पक वषय क आव यकता है

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ग णत गृह व ान के वल लड़ कय के लए तकशा म से लया जाए

और दशनशा सामा जक व ान व ान और त बत च क सा व ान ।

इसी तरह क ा व आ लम धमशा म सु ी और शया दोन ह

अ नवाय वषय जब क वैक पक वषय म से एक को चुनना होगा

गृह व ान के वल लड़ कय के लए सामा य हद तकशा म से

और दशनशा तब च क सा व ान सामा जक व ान व ान और

टाइ पग. हा फज और वारी का स ट फके ट यानी स ट फके ट

हा फ़ज़ ए कु रान और तजवीद ए कु रान भाग I व नयमन एल एम

जो क धा मक कु रान का ान होने का माण प ह

इ लाम क पु तक इसके धा मक नदश स हत इ ह बनाना

के वल कसी वशेष धम और उसके अ ययन के संबंध म माण प

नदश। वशेष प से धारा ए एफ एच धारा

धारा ए एफ और भाग I व नयम डी एल और एम के लए नधा रत ह

कसी वशेष धम उसके नु ख और दशन क श ा। यह है

रा य और मदरसा बोड दोन ने वीकार कया क इ लाम एक है

धम अपने सभी नु ख नदश दशन आ द के साथ

इसके मा यता ा त सं ान म इसके पा म के अनुसार वचार वमश पढ़ाया जाता है

साम ी।

. उपरो से यह है क के ावधान के तहत

मदरसा बोड ारा मा यता ा त होने के लए यह मदरसा अ ध नयम है

कसी सं ा के लए मु लम अ पसं यक के पम ा पत होना अ नवाय है

सं ान और मदरसे के छा के लए भी अ ययन करना अ नवाय है

हर वग म इ लाम एक धम के प म इसके सभी नु ख स हत

नदश और दशन अगली क ा म पदो त होने के लए।

आधु नक वषय या तो अनुप त ह या वैक पक ह और एक छा वक प चुन सकता है

वैक पक वषय म से के वल एक का अ ययन करना। इस कार योजना और

मदरसा अ ध नयम का उ े य के वल चार सार एवं सु वधा दान करना है

इ लाम क श ा उसके नु खे नदश और दशन और

उसी को फै लाने के लए. यह त य रा य और बोड को वीकार है

और कसी भी उ रदाता ह त ेपकता ारा ववा दत भी नह है।

. वशेषकर नाबा लग को श ा दान करना

वष क आयु तक के ब का संर ण रा य का संवैधा नक कत है।

अनु ेद ए के तहत रा य अ नवाय एवं नःशु क दान करने के लए बा य है

से वष क आयु के ब को श ा अथात् से

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क ा I से क ा VI तक. इसके अलावा यह दान करना रा य का कत है

श ा जो कृ त म धम नरपे है। यह भेदभाव नह कर सकता और

अलग अलग समुदाय के ब को अलग अलग कार क श ा दान करना

धम. रा य क ओर से ऐसी कोई भी कारवाई इसका उ लंघन होगी

धम नरपे ता जो सं वधान क मूल संरचना का ह सा है

भारत। रा य क ओर से ऐसी कारवाई ही नह है

असंवैधा नक ले कन धा मक आधार पर समाज को अ य धक वभा जत करने वाला भी

पं याँ. समाज म एकता बनाये रखना रा य का ाथ मक कत है

और उसके सभी ा धकारी। रा य क कोई भी नी त जो वभाजनकारी हो

धा मक आधार पर समाज संवैधा नक स ांत का उ लंघन है।

जहां रा य का कोई भी वधायी अ ध नयम मूल का उ लंघन करता है

सं वधान क संरचना जसके मूल स ांत म से एक है

धम नरपे ता इसे व त कया जाना न त है।

. रा य स हत उ रदाता ारा कया गया बचाव

सरकार और मदरसा बोड के पास रा य के पास पया त श है

व ालय तर पर दान क जाने वाली श ा के संबंध म कानून बनाना

जसम पारंप रक श ा भी शा मल है। यह तक दया जाता है क इसके अ यास म

सं वधान क अनुसूची VII क सूची III क व के तहत श याँ

भारत रा य ने मदरसा अ ध नयम बनाया है। दावा कया जा रहा है क जब

श ा के लए कानून बनाने क श होने के कारण इसके पास पया त श भी है

पारंप रक श ा पर कानून बनाएं और चूं क धम इसका ह सा है

पारंप रक श ा इस लए रा य सरकार इस पर कानून बना सकती है

भी वैसा ही. इसके अलावा य द इस यायालय को इसका कोई ावधान मलता है

मदरसा ए ट भारत के सं वधान का उ लंघन ही हो सकता है

ऐसे ावधान को ख म कर और शेष ह से को बचाएं

अ ध नयम। इस यायालय ारा संपूण अ ध नयम को र नह कया जा सकता है। आगे

भारत के सं वधान के अनु ेद से पर नभरता रखी गई है।

बोड और अ य उ रदाता ने तक को अपनाते ए

रा य ने आगे तुत कया है क अनु ेद से अ धकार दान करते ह

धम का चार सार कर और अनु ेद के तहत अ पसं यक को अ धकार द

वशेष प से अपने शै णक सं ान क ापना और शासन करना है

संर त। उनका कहना है क रा य सरकार के पास पया त श है

अ पसं यक धम क धा मक श ा के लए एक बोड क ापना कर।

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. इसम कोई संदेह नह है क रा य के पास कानून बनाने क पया त श है

ाथ मक और उसके बाद कू ल तर पर श ा दान क जाएगी

इंटरमी डएट तक हालाँ क ऐसी श ा को धम नरपे होना चा हए

कृ त। रा य के पास धा मक बोड बनाने क कोई श नह है

श ा या के वल कू ली श ा के लए बोड क ापना करना

इससे जुड़ा वशेष धम और दशन। ऐसी कोई भी कारवाई

रा य क ओर से धम नरपे ता के स ांत का उ लंघन होता है जो क इसम है

भारत के सं वधान का अ रशः और आ मा। वही उ लंघन भी करता है

भारत के सं वधान का अनु ेद जो समानता का ावधान करता है

रा य ारा येक का उपचार।

. जहां तक भारत के सं वधान के अनु ेद से तक क बात है

च तत यह नाग रक के अ धकार से संबं धत है न क उनके अ धकार से

रा य। इस दे श के नाग रक को ही पेशे का अ धकार है

और अपने धम और उसके मू य का चार करते ह। के लए यह अ नवाय नह है

इस दे श के नाग रक को वभाव से धम नरपे होना चा हए। वह अपने पर व ास कर सकता है

अपने धम म या कसी येक धम म आ ा रखते ह या कसी म आ ा न रखते ह

धम। ले कन रा य ऐसा नह कर सकता. रा य को धम नरपे रहना होगा.

इसे सभी धम का समान प से स मान और वहार करना चा हए। रा य कसी भी तरह से ऐसा नह कर सकता

चाहे जो भी हो दशन करते समय धम के बीच भेदभाव कर

इसके कत . चूं क श ा दान करना ाथ मक कत म से एक है

रा य अपनी श य का योग करते समय धम नरपे बने रहने के लए बा य है

उ े . यह कसी वशेष धम क श ा दान नह कर सकता

इसके नदश नु खे और दशन या अलग बनाएं

अलग अलग धम के लए श ा णा लयाँ। क ओर से ऐसी कोई कारवाई

रा य का यह कदम धम नरपे ता के स ांत का उ लंघन होगा।

इसके अलावा अनु ेद के वल अ पसं यक के अ धकार क र ा करता है और ा पत करता है

उनके शै णक सं ान का बंधन कर। वही अनु ेद क तरह

रा य सरकार ारा श के योग पर कोई आवेदन नह है

एक श ा बोड क ापना करते समय। अनु ेद का संर ण है

के वल धा मक और भाषाई दोन अ पसं यक के लए ा पत करना और

उनक पसंद के श ण सं ान का संचालन कर। बोड एक नह है

कसी अ पसं यक ारा ा पत और शा सत शै णक सं ान

ले कन श ा दान करने के लए रा य ारा ा पत एक सं ा है

णाली। यह पा म नधा रत करता है ड ी और माणप को मा यता दे ता है

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परी ाएं आयो जत करता है और कू ल और कॉलेज को मा यता भी दे ता है

श ा दान करना. इस लए अनु ेद का कोई अनु योग नह है

वतमान मामले के त य और प र तयाँ। हमने बार बार पूछताछ क

उ रदाता से उन ावधान को इं गत करने के लए जो हो सकते ह

मदरसा ए ट को बचाने के लए अलग कर दया गया ले कन कई दन से यह सुनने को मल रहा है

कसी भी तवाद ारा का उ र नह दया गया। हम भी तब से ऐसा ही पाते ह

मदरसा अ ध नयम के उ े य का ही उ लंघन पाया गया है

धम नरपे ता के कसी भी ह से को अलग करना और सहेज ना संभव नह है

अ ध नयम जो कसी भी ासं गकता का होगा.

. इस कार सव यायालय ारा तय कये गये स ांत के आधार पर

उपरो नणय से हमने न कष नकाला क वही व तु और

मदरसा अ ध नयम का उ े य और संद भत ासं गक ावधान

उपरो धम नरपे ता के स ांत का उ लंघन है और इस कार उ लंघन करते ह

भारत का सं वधान और टक नह सकता.

II अनु ेद और ए का उ लंघन

. ी. या चकाकता के वक ल सुद प कु मार का कहना है

क भारत के सं वधान के अनु ेद ए के तहत यह कत है

रा य छह से वष तक के ब को मु त श ा दान करेगा

क ा से तक अ ययनरत। अनु ेद के तहत जीवन का अ धकार सव

यायालय ने बार बार नणय दे क र यह माना है क जीवन को उ े यपूण होना चा हए

और साथक. जीवन से आ ा दत बड़े े म श ा भी पाई जाती है

मुख ान. ऐसी श ा आधु नक अ गुण व ा वाली होनी चा हए

कृ त म सावभौ मक. चाहे दान क जाने वाली श ा मु त हो या सशु क हो

यह अ गुण व ा वाला सावभौ मक और आधु नक होना चा हए। आव यक

इसम व ान स हत सभी आधु नक वषय को आव यक प से शा मल कया जाए। कोई भी श ा

जो सावभौ मक और आधु नक नह है उसे गुण व ापूण श ा नह कहा जा सकता। वह

तुत है क श ा के नाम पर रा य नधा रत नह कर सकता और

ऐसी श ा से र रह जो न तो गुण व ापूण हो और न ही सावभौ मक हो

कृ त और आधु नक कोण का भी अभाव है। के पा म का अवलोकन

मदरसा बोड से पता चलता है क वहां द जाने वाली श ा सफ क है

ग णत आ द के थोड़े से श के साथ एक धम के प म भाषाएँ और इ लाम

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व ान स हत आधु नक वषय के वल वैक पक और संपूण व ालय ह

आधु नक वषय को पढ़े बना भी श ा पूरी क जा सकती है।

. व ान अ मसी यूरी ने उ तक को और बढ़ाया

तुत कया गया क रा य कसी वशेष धम के नाम पर श ा नह दे सकता

पारंप रक श ा. नःशु क एवं अ नवाय के अपने कत का पालन करते ए

क ा से तक क श ा रा य सरकार उपल कराने के लए बा य है

वह श ा जो कृ त म सावभौ मक हो अथात वह श ा जो समान प से सव ापी हो

सभी पर लागू. कसी भी अ पसं यक समुदाय के ब को श ा दे नी होगी

उसी गुण व ा क जो रा य के अ य ब को दान क जा रही है। ारा

रा य को सी मत पारंप रक और वह भी धा मक श ा दान करना

यह दावा करके अपना प ला नह झाड़ सकता क वह अपना कत पूरा कर रहा है

अनु ेद ए. यही स ांत क ा के बाद क श ा पर भी लागू होते ह।

श ा चाहे मु त हो या सशु क समान तर क होनी चा हए

वही वभाव. रा य श ा क गुण व ा म अंतर नह कर सकता

उसम से रा य के सबसे बड़े अ पसं यक वग के ब को दान कया जा रहा है

अ य ब सं यक या अ पसं यक समुदाय के ब को दान कया जा रहा है।

. इन दलील का वरोध करते ए उ रदाता के व ान वक ल

और ह त ेपकता ने तुत कया क रा य प नधा रत करने के लए वतं है

वह श ा दान करना चाहता है। ारा कोई ह त ेप नह कया जा सकता

रा य क उ वतं ता म यायालय। रा य को भी इसका अ धकार है

पारंप रक श ा दान करना और अपने उ अ धकार का योग करना

मदरसा बोड क ापना क जसने पा म नधा रत कया है।

अतः पा म वैध एवं घो षत कानून के अनु प है

रा य। यह सुझ ाव गलत है क पा म नधा रत नह है

अनु ेद या ए के तहत दान क गई श ा।

. या चकाकता और अमीसी यूरी के व ान वक ल ने रखा है

भारतीय सेवा समाज ट के मामले म फै सले पर भरोसा

रा प त और अ य बनाम योगेशभाई अंबालाल पटे ल और के मा यम से

अय एससीसी जसम सु ीम कोट ने कहा क

. अ धक जोर दे ने के उ े य से म भारत के सं वधान म छयासीवाँ संशोधन


कया गया जसम अनु ेद ए का ावधान शा मल कया गया जसम से वष क
आयु के ब के लए मु त और अ नवाय श ा के अ धकार क घोषणा क गई। एक
मौ लक अ धकार.

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तदनुसार अनु ेद के ावधान म संशोधन कया गया है जससे ब को मु त श ा दान करना रा य का

दा य व बन गया है। सं वधान के अनु ेद ए म संशोधन करके खंड के को शा मल करते ए माता पता के

लए से वष क आयु के बीच अपने ब को श ा के अवसर दान करना अ नवाय बना दया गया है।

. इस कार उपरो को यान म रखते ए यह है क ारं भक और बु नयाद श ा दान करना रा य के

साथ साथ शै णक सं ान चलाने वाले समाज के लए एक संवैधा नक दा य व है। जब हम श ा क बात करते

ह तो इसका अथ के वल अ र पढ़ना और लखना सीखना या के वल जानकारी ा त करना नह है ब क इसका

अथ ान और बु ा त करना है ता क कोई बेहतर जीवन जी सके और बेहतर तरीके से दे श क सेवा करने के लए

बेहतर नाग रक बन सके । .

. भारत म श ा के पीछे नी तगत ढांचा इस व ास पर आधा रत है क समानता सामा जक याय और लोकतं

के मू य और एक यायपूण और मानवीय समाज का नमाण के वल सभी के लए समावेशी ारं भक श ा के

ावधान के मा यम से ही ा त कया जा सकता है। इस लए वं चत और कमजोर वग के ब को संतोषजनक

गुण व ा क मु त और अ नवाय श ा दान करना न के वल उपयु सरकार ारा संचा लत या सम थत कू ल क

ज मेदारी है ब क उन कू ल क भी ज मेदारी है जो सरकारी धन पर नभर नह ह।

. हर पीढ़ अगली पीढ़ क ओर इस आशा से दे ख ती है क वे वतमान से बेहतर रा का नमाण करगी। इस लए

भावी पीढ़ को सश बनाने वाली श ा हमेशा कसी भी रा के लए मु य चता का वषय होनी चा हए।

. श ा का अ धकार सीधे अनु ेद से आता है और सबसे मह वपूण मौ लक अ धकार म से एक है। अशोक

कु मार ठाकु र बनाम भारत संघ एससीसी म आर ण के मु े पर नणय लेते समय इस यायालय ने

सं वधान के अनु ेद और ए के ावधान का संदभ दया यह दे ख ते ए क बना अनु ेद एअय

मौ लक अ धकार को नरथक बना दे ता है।

इस लए अनु ेद ए को गंभीरता से लागू करने क ज रत है. श ा के बना एक नाग रक को अपने अ य

अ धकार के बारे म कभी पता नह चल सकता है। चूं क उ श ा का कोई संवैधा नक अ धकार नह है इस लए

बु नयाद जोर ाथ मक और ारं भक श ा पर होना चा हए

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श ा ता क उ श ा के लए भावी ढं ग से उ चत न व रखी जा सके । इस लए हम दे ख ते ह क श ा एक ऐसा

मु ा है जसका हमारे सं वधान म व तार से वणन कया गया है। यह सवमा य त य है क लोकतं दोषर हत नह

हो सकता ले कन उ चत श ा से हम इन खा मय को कम करने का यास कर सकते ह। लोकतं अपने जीवन के

लए सामा य ावसा यक और पेशेवर श ा के उ मानक पर नभर करता है। सवागीण अनुशासन के साथ नए

ान क खोज के साथ श ा का सार हर क मत पर बनाए रखा जाना चा हए।

. ट एन रा य बनाम के . याम सुंदर एससीसी म यह यायालय न नानुसार आयो जत

कया गया

. उ र संवैधा नक युग म य के बीच असमानता को र करके एक समतावाद समाज बनाने का

यास कया गया है और ऐसा करने के लए श ा सबसे मह वपूण और भावी साधन है।

श ा को ावसा यकता ापा रकता से बाहर लाने का पुरजोर यास कया गया है।

. ... ब े का अ धकार के वल मु त और अ नवाय श ा तक ही सी मत नह होना चा हए ब क

आ थक सामा जक और सां कृ तक आधार पर बना कसी भेदभाव के गुण व ापूण श ा तक व ता रत

होना चा हए।

. उपरो को यान म रखते ए श ा और वशेष प से ारं भक बु नयाद श ा को गुण ा मक होना चा हए

और इसके लए श त श क क आव यकता है। वशेष नकाय के परामश के बाद वधा यका अपने ववेक

से कसी कू ल म पढ़ाए जाने वाले कसी वशेष अनुशासन के लए पा ता तय करती है।

इस कार तय क गई पा ता के लए ब त स त अनुपालन क आव यकता होती है और इसके उ लंघन म क गई

कसी भी नयु को शू य माना जाना चा हए।

मह व जोड़

. उपरो नणय बार बार गुण व ा क आव यकता पर जोर दे ते ह

ब के लए श ा जो कृ त म सावभौ मक है। बना

गुण व ापूण श ा का वचार अपने आप म असफल है। के वल एक को पढ़ाना

आधु नक वषय के अ ययन के बना धम और कु छ भाषाएँ

इसे गुण व ापूण श ा नह कहा जा सकता.

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. मदरसा अ ध नयम क धारा एच मदरसा श ा को इस कार प रभा षत करती है

अरबी उ पारसी इ लामी अ ययन त ब तक म श ा

दशनशा म सीखने क ऐसी अ य शाखाएँ भी शा मल ह जो हो सकती ह

बोड ारा समय समय पर न द कया जाता है। क ा एक से क ा तक का पा म

मदरस क आठव क ा से पता चलता है क इ लाम क पढ़ाई हर कसी के लए ज री है

भाषा के अ ययन के साथ साथ क ा। कसी छा को पदो त नह कया जा सकता

अगली क ा म जब तक क वह धम म अपनी परी ा उ ीण नह कर लेता।

. मुंशी मौलवी पा म के लए अ ययन का पा म समक ।

मदरसा अ ध नयम के तहत क ा X तक इस कार है

वषय प
धमशा . ा या

सु ी . हद स

. यायशा

धमशा . ा या

शया . हद स

. यायशा

अरबी .ग प
सा ह य अरबी सा ह य का इ तहास
के वल मौलवी के लए
. अरबी ाकरण

फ़ारसी .ग एवं ाकरण


सा ह य
. क वता एवं अनुवाद
के वल मौलवी के लए
उ सा ह य .उ ग और ाकरण

. उ शायरी और उ का इ तहास
सा ह य

सामा य अं ेज ी ग एवं प
सामा य सं या ग एवं प
वैक पक वषय . ग णत

कसी एक का चयन कर . गृह व ान के वल बा लका अ य थय के लए


. तक एवं दशन
. सामा जक व ान
. व ान
. तब च क सा व ान

. अरबी और फ़ारसी आ लम के लए अ ययन का पा म समक ।

क ा XII इस कार है

वषय प
धमशा . तफ़सीर और अकायद

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सु ी . हद स और सीरत ख फा ए राशद न

. यायशा

धमशा . तफ़सीर और अकायद


शया . हद स और सीरत ख फा ए राशद न

. यायशा

अरबी .ग एवं प
सा ह य और अरबी सा ह य का इ तहास
आ लम अरबी के लए
. ाकरण बालाघाट इंशा

फ़ारसी . Prose Grammer Balaghat


सा ह य
. शायरी फ़ारसी इंशा का इ तहास
आ लम फ़ारसी के लए
उ सा ह य .उ ग और ाकरण

. उ शायरी और उ सा ह य का इ तहास
सामा य अं ेज ी सामा य अं ेज ी
सामा य सं या ग एवं प
वैक पक वषय . गृह व ान के वल बा लका अ य थय के लए
. सामा य सं या
कसी एक का चयन कर
. तक एवं दशन
. वही
. सामा जक व ान
. व ान

. टाइ पग

. इस कार यह है क दसव क ा के व ा थय को अ ययन करना होगा

धमशा सु ी और धमशा शया अरबी फ़ारसी उ सामा य

अं ेज ी और सामा य हद अ नवाय वषय के प म और उनका अ ययन कया जाना है

ग णत तकशा और दशनशा म से के वल एक वषय

सामा जक व ान व ान और तब च क सा व ान । गृह व ान एक है

के वल लड़ कय के लए वैक पक वषय। दसव क ा तक के छा के पास नह है

व ान ग णत और सामा जक व ान एक साथ पढ़ने का वक प।

. इसी कार बारहव क ा के छा को धमशा सु ी का अ ययन करना होगा

और धमशा शया अरबी फ़ारसी उ और सामा य अं ेज ी ले कन

बारहव क ा के व ा थय को पढ़ाई जाने वाली सामा य अं ेज ी के तर क होती है

दसव क ा क एनसीईआरट पु तक। वे इनम से के वल एक ही वषय का अ ययन कर सकते ह

सामा य ह द तक एवं दशन सामा जक व ान व ान

तब च क सा व ान या टाइ पग। गृह व ान एक वैक पक वषय है

के वल लड़ कयां। बारहव क ा तक के छा के पास भी कोई वक प नह है

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ग णत को एक वषय के प म पढ़। क ा म पढ़ाया जाने वाला वैक पक वषय व ान

बारहव के छा क ा आठव नौव और दसव के तर के ह। जब क रा य म

बोड फ ज स के म और बायोलॉजी अलग अलग वषय ह।

. इसी कार वषय तब च क सा व ान को एक के प म पढ़ाया जाता है

क ा व से व तक वैक पक वषय। यह जानकर हैरानी होती है

क ा व से व और व ान तक कोई नय मत व ान वषय नह है

यह भी एक वैक पक वषय है. व ान क बु नयाद श ा दये बना

म वशेष प से जीव व ान च क सा व ान क श ा दान क जा रही है

क ा व से व तक के व ा थय को तब का नाम।

. उपरो ववेचन से यह प से ा पत होता है क श ा

मदरसा अ ध नयम के तहत श ा न त प से समक नह है

अ य नय मत श ण सं ान के छा को दान कया गया

राजक य ाथ मक एवं हाई कू ल एवं इंटरमी डएट ारा मा यता ा त

बोड और इस लए मदरस म द जाने वाली श ा है

कृ त म न तो गुण व ा और न ही सावभौ मक ।

. जब क अ य सभी धम के छा सव श ा ा त कर रहे ह

मदरसा बोड ारा आधु नक वषय को समान गुण व ा से वं चत करना गलत है

सं वधान के अनु ेद ए और अनु ेद दोन का उ लंघन

भारत क । रा य उस घ टया बहाने के पीछे छप नह सकता जसे वह पूरा कर रहा है

नाममा शु क पर पारंप रक श ा दान करना इसका कत है। उ तम

कोट ने बार बार आधु नक के साथ आधु नक श ा पर जोर दया है

वषय एक ऐसी श ा जो कृ त म सावभौ मक है जो एक ब े को तैयार करती है

उनका भ व य उ वल बनाय और इस दे श को आगे बढ़ाय। य द ऐसा नह होता

क पना क कसी भी सीमा से जोर दे क र सी मत श ा नधा रत कर

के वल एक वशेष धम उसके नदश और दशन पर।

इस लए मदरसा बोड ारा द जा रही श ा उ लंघन है

ा या करते समय सव यायालय ारा नधा रत मानक क

संवैधा नक ावधान. इस लए इस यायालय को इसम कोई झझक नह है

यह मानते ए क मदरसा अ ध नयम के तहत श ा दान क जा रही है

भारत के सं वधान के अनु ेद और ए का उ लंघन।

III मदरसा अ ध नयम और यूज ीसी अ ध नयम का टकराव

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. जैसा क मदरसा अ ध नयम के ावधान से है बोड है

ाथ मक तर से लेक र उसके बाद तक मदरसा श ा के संबंध म सश बनाया गया।

नातक और अनुसंधान तर। जहाँ तक द जा रही श ा का है

का मल या नातक ड ी फ़ा ज़ल या के छा के लए मदरसा

नातको र ड अलामा जो क न अनुसंधान के लए एक ड ी है

काय म और ड टू रा जो व र और पूण के लए एक ड ी है

अनुसंधान काय म यह यान रखना मह वपूण है क धारा

व व ालय अनुदान आयोग अ ध नयम दान करता है

. उपा धयाँ दान करने का अ धकार. ड ी दान करने या दे ने के अ धकार का योग के वल

क य अ ध नयम ांतीय अ ध नयम या रा य अ ध नयम के तहत ा पत या नग मत व व ालय या

धारा के तहत व व ालय समझे जाने वाले सं ान या कसी अ ध नयम ारा वशेष प से सश
सं ान ारा कया जाएगा। संसद ारा ड ी दान करना या दान करना।

उप धारा म दए गए ावधान को छोड़कर कोई भी या ा धकारी वयं को कोई


ड ी दान नह करेगा न ही दान करेगा या वयं को कसी भी ड ी दान करने या दान करने
के हकदार के प म नह रखेगा।

इस खंड के योजन के लए ड ी का अथ ऐसी कोई भी ड ी है जो क सरकार क पूव मंज ूरी

के साथ आ धका रक राजप म अ धसूचना ारा आयोग ारा इस संबंध म न द क जा सकती है।

. के वल यूज ीसी अ ध नयम क धारा म न हत ावधान के अनुसार

व व ालय या सं ान को धारा के तहत व व ालय माना जाता है

अ ध नयम ड ी दान नह कर सकता है और इसम कोई अ य या ा धकारी भी शा मल नह है

कोई भी मदरसा या मदरसा बोड कोई भी ड ी दान कर सकता है।

. व व ालय अनुदान आयोग ने अनेक जारी कये ह

क धारा ारा द श का योग करते ए अ धसूचनाएँ

यूज ीसी अ ध नयम जसम कई नातक नातको र और न द कए गए ह

डॉ टरेट क ड याँ जो व व ालय ारा दान क जा सकती ह और कोई ड ी नह

जसे यूज ीसी ारा अ धसू चत नह कया गया है उसे कोई भी दान कर सकता है

व व ालय। का मल फ़ा ज़ल अलामा और ड टू रा क ड ी नह ई है

यूज ीसी ारा अ धसू चत और इस लए ये ड यां दान नह क जा सकत

कोई।

. व व ालय अनुदान आयोग यूनतम मानक एवं या ।

एम. फल. पी.एच.डी. पुर कार हेतु। ड ी व नयम नधा रत करता है

एम. फल. पी.एच.डी. दान करने के लए यूनतम मानक और या। ड ी

म से पृ
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और इन ड य को दान करने के लए इनका अ नवाय प से पालन कया जाना चा हए।

हालाँ क मदरसा बोड इन यूनतम मानक का पालन नह करता है

और एम. फल. पी.एच.डी. दान करने क याएँ। ड ी.

. व भारत के सं वधान से जुड़ी अनुसूची क सूची I

सं ान म मानक का सम वय और नधारण दान करता है

उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक और तकनीक सं ान

जब क सूची III समवत सूची क व श ा स हत दान करती है

तकनीक श ा च क सा श ा और व व ालय के अधीन

सूची I क व याँ और के ावधान ावसा यक और तकनीक

म का श ण।

. रा य क तुलना म भारत संघ क श के संबंध म मु ा

उ श ा के संबंध म सरकार ारा वचार कया गया है

सु ीम कोट बार बार. उ मा नया व व ालय के श क म

एसो सएशन बनाम आं दे श रा य और अ य एससीसी

उ तम यायालय ने माना क

. संसद के पास सूची I म शा मल मामल के संबंध म कानून बनाने क वशेष श है।


रा य के पास ऐसे मामल के संबंध म कोई श नह है। य द रा य सूची I के अंतगत आने
वाले वषय पर कानून बनाता है तो वह शू य न य और अ वतनीय होगा।

. भारत का सं वधान उ श ा के लए सं ान म मानक के सम वय और नधारण के संबंध म संसद को

वशेष अ धकार दान करता है। संसद ने उस उ े य के लए यूज ीसी अ ध नयम बनाया है। इस लए व व ालय

अनुदान आयोग को दे श के शै णक जीवन को आकार दे ने म एक बड़ी भू मका नभानी है। यह व व ालय म

उ मानक बनाए रखने के अपने कत से पीछे नह हटे गा या असफल नह होगा। लोकतं अपने जीवन के लए

सामा य ावसा यक और पेशेवर श ा के उ मानक पर नभर करता है। सवागीण अनुशासन के साथ नए ान

क खोज के साथ श ा का सार हर क मत पर बनाए रखा जाना चा हए। आशा है क व व ालय अनुदान

आयोग रा के त अपनी ज मेदारी का व धवत नवहन करेगा और व व ालय के शै णक जीवन म आव यक

प रवतन लाने के लए बढ़ती भू मका नभाएगा।

मह व जोड़

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. डॉ. ी त ीवा तव एवं अ य बनाम म य दे श रा य एवं म

अय एससीसी एक सं वधान पीठ जसम पांच यायाधीश शा मल ह

सव यायालय का नणय

. अनु ेद के तहत कानून बनाने के लए संसद और रा य क वधानसभा


क वधायी मता सं वधान क सातव अनुसूची ारा व नय मत है। मूल प से लागू
सातव अनुसूची म सूची II क व ने रा य को कानून बनाने क वशेष श द

व व ालय स हत श ा सूची I क व और और सूची III क व के ावधान के

अधीन ।

सूची II क व को हटा दया गया और सूची III क व को सं वधान के व


संशोधन अ ध नयम के प रणाम व प से संशो धत कया गया। समवत
सूची म वतमान व इस कार है

. तकनीक श ा च क सा श ा और व व ालय स हत श ा सूची I क व


और के ावधान के अधीन म का ावसा यक और तकनीक श ण।

व अ य बात के साथ साथ सूची I क व के अधीन है। सूची I क व इस कार है

.उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक और तकनीक सं ान के लए सं ान म मानक का सम वय

और नधारण।

संघ और रा य दोन के पास च क सा श ा स हत श ा पर कानून बनाने क श है


वषय अ य बात के साथ साथ सूची I क व म है जो उ श ा या अनुसंधान
और वै ा नक और तकनीक सं ान के लए सं ान म मानक नधा रत करने से संबं धत
है। ऐसे मानक का सम वय. इस लए एक रा य को च क सा श ा स हत श ा को
नयं त करने का अ धकार है जब तक क इस े पर कसी भी क य कानून का क जा
नह है। सरे रा य रा य म श ा को नयं त करते ए उ श ा के सं ान म मानक
का उ लंघन नह कर सकता है। य क यह वशेष प से क सरकार के अ धकार े म
है।

इस लए उ च क सा श ा स हत उ श ा के लए सं ान म वेश के मानदं ड
नधा रत करते समय रा य सूची I क व के तहत भारत संघ ारा नधा रत मानक
पर तकू ल भाव नह डाल सकता है। सरे इस वषय पर मामल पर वचार करते समय
यह

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यह याद रखना भी आव यक है क से श ा जसम अ य बात के साथ साथ च क सा और व व ालय

श ा भी शा मल है अब समवत सूची म है ता क संघ वेश मानदं ड पर भी कानून बना सके । य द ऐसा होता है तो

रा य अनु ेद म दए गए ावधान को छोड़कर इस े म कानून नह बना पाएगा।

. यह कहना सही नह होगा क वेश के मानदं ड का श ा के मानक से कोई संबंध नह है या वेश के नयम के वल

सूची III क व के अंतगत आते ह। वेश के मानदं ड श ा के मानक पर सीधा भाव डाल सकते ह। बेशक

वेश के लए ऐसे नयम हो सकते ह जो सूची I क व के तहत श य का योग करते ए संघ ारा नधा रत

श ा के मानक के अनु प ह या उन पर तकू ल भाव न डाल। उदाहरण के लए एक रा य नातको र च क सा

म वेश के लए पा म सूची I क व के तहत नधा रत यो यता के अलावा यो यताएं नधा रत करते ह।

यह उ शै क पा म म वेश के लए उ मानक को बढ़ावा दे ने के अनु प होगा। ले कन नधा रत मानदं ड को

कम करने से उ श ा सं ान म श ा के मानक पर तकू ल भाव पड़ सकता है और पड़ता भी है। कसी सं ान

या कॉलेज म श ा के मानक व भ कारक पर नभर करते ह। इनम से कु छ ह

श ण टाफ क मता

दए गए समयाव ध म उ तर क श ा ा त करने के लए डज़ाइन कया गया एक उ चत


पा म

छा श क अनुपात

छा और येक छा के लए उपल अ ताल के ब तर के बीच का अनुपात

सं ान म वेश पाने वाले छा क मता

मे डकल कॉलेज के मामले म श ण के लए उपकरण और योगशाला सु वधाएं या


अ ताल सु वधाएं

कॉलेज और संल न अ ताल के लए पया त आवास और

आयो जत परी ा का मानक जसम पेपर सेट करने और जांचने का तरीका और नैदा नक
दशन का मू यांक न शा मल है।

मह व जोड़

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. ो. यशपाल एवं अ य बनाम छ ीसगढ़ रा य एवं म

अय एससीसी सु ीम कोट ने माना क

. व जो उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक और तकनीक सं ान के लए सं ान म सम वय

और मानक के नधारण से संबं धत है संघ सूची म है और अके ले संसद के पास है

उ वषय पर कानून बनाने क वधायी मता।


व व ालय अनुदान आयोग अ ध नयम व के संदभ म बनाया गया है ेम चंद जैन
बनाम आरके दे ख ।
छाबड़ा और उ मा नया व व ालय श क संघ। आं दे श रा य यह अ ध नयम यह
सु न त करने के लए अ ध नय मत कया गया है क व व ालय जो उ श ा के
सं ान ह म मानक का सम वय और नधारण क सरकार ारा बनाई गई एक सं ा ारा
कया जाता है। दे श के व भ व व ालय म श ण पा म के मानक और परी ा के
तर को नधा रत और सम व यत करना व व ालय अनुदान आयोग का कत और
ज मेदारी है जसे यूज ीसी अ ध नयम क धारा ारा ा पत कया गया है। उपरो उ े य
को ा त करने के लए यूज ीसी क भू मका सबसे मह वपूण है। शै णक स शु होने से
पहले अ ययन के पा म उसक कृ त और मा ा का पता लगाना और नधा रत करना
होगा। श ण का उ चत मानक तब तक ा त नह कया जा सकता जब तक क प रसर म
क ा पु तकालय योगशाला अपे त मता के सुस त श ण टाफ और उ चत
छा श क अनुपात जैसी पया त ढांचागत सु वधाएं न ह । इस उ े य के लए क सरकार
ने यूज ीसी अ ध नयम क धारा ारा द श य का योग करते ए कई नयम बनाए
ह और आयोग ने भी यूज ीसी अ ध नयम क धारा ारा द श य का योग करते ए
कई नयम बनाए ह और कु छ का उ लेख कया जाए तो व व ालय के यूज ीसी नरी ण
नयम यूज ीसी व नयम थम ड ी दान करने के लए नदश के यूनतम
मानक के संबंध म यूज ीसी व नयम व व ालय और कॉलेज म श क क
नयु के लए यूनतम यो यता के संबंध म आ द। अनुमोदन के साथ यूज ीसी क
सरकार ने और यूज ीसी अ ध नयम क धारा के तहत श का योग करते ए ड य
क एक अनुसूची जारी क है जो व व ालय ारा दान क जा सकती ह। ववा दत
अ ध नयम जो के वल कागज पर एक ताव को एक व व ालय के प म अ धसू चत
करने म स म बनाता है और इस तरह यूज ीसी अ ध नयम क धारा के तहत ऐसे
व व ालय को ड ी दान करने क श दान करता है इसका भाव पूरी तरह से
अमा य हो जाता है।

म से पृ
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जहां तक इन व व ालय का संबंध है व व ालय अनुदान आयोग क काय णाली। कसी


व व ालय के इस तरह के नगमन से यूज ीसी के लए मानक के सम वय और नधारण को
सु न त करने के अपने कत और ज मेदा रय को नभाना असंभव हो जाता है। कसी भी
प रसर और अ य ढांचागत सु वधा के अभाव म यूज ीसी उ चत पा म श ण का तर
परी ा का मानक और छा क शै णक उपल का मू यांक न सु न त करने या यहां तक क
यह सु न त करने के लए कोई उपाय नह कर सकता है क छा ने पा म पूरा कर लया है।
ड ी दान करने से पहले नधा रत अव ध के लए अ ययन कर।

. कोई भी रा य कानून जो संसद ारा वैध प से बनाए गए अ ध नयम को अ वीकार करता


है या अमा य करता है वह पूरी तरह अ धकारातीत होगा। आर. च लेख ा बनाम मैसूर रा य
म सं वधान पीठ के फै सले से हम अपने वचार म मजबूत ए ह।

एससीआर जहां व सूची II जैसा क तब अ त व म था के तहत रा य क


श और व सूची III यो यता सूची I पर वचार कया गया। सु बा राव जे. गुज रात
व व ालय बनाम कृ णा रंगनाथ मुधोलकर पूरक एससीआर एआईआर
एससी एससीआर पृ आर. च लेख ा मामला एससीआर से
न न ल खत अंश उ त करने के बाद एससीआर पृ पर

एआईआर एससी

रा य के पास व म ना मत सं ान म पा म और अ ययन के पा म
नधा रत करने क श है ले कन व से के अंतगत नह आते और इसके
प रणाम व प उसे उस मा यम को इं गत करने क श है जसम नदश दया जाना
चा हए . ले कन क य संसद के पास यह सु न त करने क सव प र वधायी श है क
नधा रत पा म और अ ययन के पा म और चय नत मा यम श ा के मानक को
ख़राब नह करते ह या अ खल भारतीय या अ य आधार पर ऐसे मानक के सम वय को
असंभव या क ठन भी नह बनाते ह।

संघ क तुलना म रा य क वधायी श य क परेख ा को प रभा षत करने वाले न न ल खत


स ांत को तपा दत कया गया ता क कसी भी ओवरलैप या टकराव से बचा जा सके
एससीआर पृ

यह और इसी तरह के अ य अनु े द इं गत करते ह क य द सूची II क व के


आधार पर रा य ारा बनाया गया कानून
सं वधान क सातव अनुसूची वधायी श के योग को असंभव या क ठन बना दे ती है

व के तहत संसद उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक और तकनीक के लए


सं ान म मानक का सम वय और नधारण

म से पृ
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संघ के लए आर त सं ाएं रा य का कानून खराब हो सकता है। यह प से


अनुमान और का प नक तक पर तय नह कया जा सकता है। य द सूची I क व
पर ऐसे मानक को दान करने वाले रा य कानून का भाव इतना भारी या
वनाशकारी है क क य े को मटा दया जाए या सराहनीय प से कम कर दया
जाए तो इसे र कया जा सकता है। ले कन यह त य का है जसे येक मामले
म सु न त कया जाना चा हए।

मह व जोड़

. अ ामलाई व व ालय म सव यायालय का तनधव

र ज ार बनाम शासन स चव सूचना एवं पयटन

वभाग और अ य एससीसी न नानुसार आयो जत

. यूज ीसी अ ध नयम भारत के सं वधान क सातव अनुसूची क सूची I क व


के तहत अपनी श का योग करके संसद ारा अ ध नय मत कया गया था जब क मु
व व ालय अ ध नयम संसद ारा इसक सूची III क व के तहत अपनी श
का योग करके अ ध नय मत कया गया था। इस लए उ दोन अ ध नयम के ावधान
के तकू ल होने का ही नह उठता।

यह सच है क मु व व ालय अ ध नयम के उ े य और कारण के ववरण से पता


चलता है क श ा क औपचा रक णाली शै क अवसर को बराबर करने के लए एक
भावी साधन दान करने म स म नह थी। अ य बात के साथ साथ क ा म उप त
के संबंध म णाली कठोर है। वषय का संयोजन भी अन य है।

. यूज ीसी अ ध नयम के ावधान सभी व व ालय पर बा यकारी ह चाहे पारंप रक


ह या खुले। इसक श याँ ब त ापक ह। धारा क उपधारा के खंड ई एफ
जी और एच के संदभ म इसके ारा बनाए गए व नयम ापक आयाम के ह। वे खुले
व व ालय के साथ साथ औपचा रक पारंप रक व व ालय पर भी समान प से लागू
होते ह। उ श ा के मामले म नदश के यूनतम मानक को बनाए रखना आव यक है।
नदश के ऐसे यूनतम मानक को यूज ीसी ारा प रभा षत कया जाना आव यक है।
व व ालय म काय या सु वधा के मानक और सम वय को बनाए रखा जाना चा हए
और इस उ े य के लए इसे व नय मत कया जाना आव यक है। धारा एफ और
जी के तहत यूज ीसी क श यां कृ त म ब त ापक ह।

जैसा क सव व दत है अधीन कानून वैध प से बनाए जाने पर अ ध नयम का ह सा


बन जाता है। हमने यहां पहले दे ख ा है क धारा ए क उप धारा के खंड डी और
उप धारा ए और सी के खंड ए और सी म न द मामल के संबंध म यूज ीसी के
काय सव ापी ह। उसका.

म से पृ
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. द ली व व ालय बनाम राज सह सप एससीसी एससीसी एल एंड एस

एट सी म इस यायालय ने कहा एससीसी पीपी. पैरा

. ... व के कारण संसद को उ श ा या अनुसंधान और वै ा नक


और तकनीक सं ान के लए सं ान म मानक के सम वय और नधारण पर कानून
बनाने क श द गई थी। सूची III के आइटम ने संसद और रा य वधानमंडल को
म के ावसा यक और तकनीक श ण के संबंध म कानून बनाने क श दान
क । इस यायालय क छह यायाधीश क खंडपीठ संपा दत कर संदभ गुज रात
व व ालय बनाम कृ णा रंगनाथ मुधोलकर एआईआर एससी का है। ने
दे ख ा क व व ालय श ा और तकनीक और वै ा नक श ा के वषय पर रा य
कानून क वैधता सूची I क व के बाहर आने वाले सं ान जैसा क तब पढ़ा
गया था अथात भारत सरकार ारा पूण या आं शक प से व पो षत और संसद ारा
कानून ारा रा ीय मह व के सं ान घो षत कए गए सं ान के अलावा अ य वै ा नक
या तकनीक श ा के लए सं ान इस बात को यान म रखते ए नणय कया जाना
चा हए क या यह व के तहत संघ के लए आर त े म ह त ेप करता है।
सरे श द म रा य कानून क वैधता इस बात पर नभर करती है क या यह मानक
के सम वय और नधारण पर तकू ल भाव डालता है। यह मानक के सम वय और
नधारण के संबंध म क य कानून के वा त वक अ त व पर नभर नह था जो कसी
भी त म अनु ेद के पहले भाग के आधार पर सव प र मह व रखता था।

. ट एन रा य बनाम अ धयामन शै क और अनुसंधान सं ान एससीसी


म इस यायालय ने न न ल खत शत म कानून नधा रत कया एससीसी पीपी.
पैरा

. उपरो चचा से जो बात नकलकर सामने आती है वह इस कार है

i सं वधान क सातव अनुसूची क संघ सूची क व म यु अभ


सम वय का अथ के वल मू यांक न नह है। इसका अथ वकास क एक न त
डजाइन योजना या योजना के अनुसार ठोस कारवाई के लए एक समान पैटन बनाने
क से सामंज य ा पत करना है। इस लए इसम न के वल मानक म असमानता
को र करने क कारवाई शा मल है ब क इसके लए कारवाई भी शा मल है

म से पृ
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ऐसी असमानता क घटना को रोकना। इस लए इसम उन सभी चीज को करने क श


भी शा मल होगी जो सम वय को असंभव या क ठन बनाने से रोकने के लए आव यक ह।
यह श पूण और बना शत है और कसी वैध बा यकारी कारण के अभाव म इसे अपने
और इरादे के अनुसार अपना पूरा भाव दे ना चा हए। ii इस हद तक क रा य
कानून क य कानून के साथ टकराव म है हालां क पूव को समवत सूची क व के
तहत बनाया गया माना जाता है ले कन वा तव म यह व के तहत क ारा बनाए
गए अधीन कानून स हत कानून का
अ त मण करता है। समवत सूची या संघ सूची क व को भावी करने के लए
यह शू य और न य होगी। iii य द दो कानून के बीच कोई वरोधाभास है जब तक क
रा य कानून को अनु ेद के खंड के मु य भाग के ावधान से बचाया नह जाता
है रा य कानून क य कानून के तकू ल है वही न य होगा . iv या रा य का कानून
संघ सूची क व का अ त मण करता है या समवत सूची क व के तहत
क ारा बनाए गए कानून के तकू ल है यह दो कानून क जांच से नधा रत कया जाएगा
और यह इस पर नभर करेगा येक मामले के त य. v जब उपल तय सीट से
अ धक आवेदक
होते ह तो रा य ा धकरण को आवेदक को शॉट ल ट करने के लए क या क य
ा धकरण ारा नधा रत उ मानक या यो यता को नधा रत करने से नह रोका जाता
है। जब रा य ा धकरण ऐसा करता है तो वह संघ सूची क व का अ त मण नह
करता है या ऐसा कानून नह बनाता है जो क य कानून के तकू ल हो।

हालाँ क जब प र तयाँ सीट उपल ह और रा य ा धकारी कसी आवेदक को इस

आधार पर अ वीकार कर दे ते ह क आवेदक उसके मानक या यो यता के अनुसार यो य


नह है जैसा भी मामला हो हालाँ क आवेदक नधा रत मानक या यो यता को पूरा करता
है। क य कानून ारा वे असंवैधा नक काय करते ह।

इसी कार जब रा य ा धकारी कसी सं ान को उनके ारा नधा रत मानक या


आव यकता को पूरा नह करने के कारण मा यता र या असंब कर दे ते ह भले ही वह
क य ा धकार ारा नधा रत मानदं ड और आव यकता को पूरा करता हो तो रा य
ा धकारी अवैध प से काय करते ह।

म से पृ
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. क याणी म थवनन बनाम के वी जयराज और अ य म

एससीसी सु ीम कोट ने कहा

. अनु ेद संसद ारा बनाए गए कानून के साथ रा य ारा बनाए गए कानून के तकू ल होने से संबं धत

है। अनु ेद इस कार है

.संसद ारा बनाए गए कानून और रा य के वधानमंडल ारा बनाए गए कानून के बीच असंगतता।

य द कसी रा य के वधानमंडल ारा बनाए गए कानून का कोई ावधान संसद ारा बनाए गए कानून के कसी भी

ावधान के तकू ल है जसके लए संसद स म है समवत सूची म गनाए गए मामल म से कसी एक के संबंध म

कसी मौजूदा कानून के कसी भी ावधान को अ ध नय मत करना फर खंड के ावधान के अधीन संसद

ारा बनाया गया कानून चाहे वह कानून बनने से पहले या बाद म पा रत आ हो ऐसे रा य क वधा यका ारा या

जैसा भी मामला हो मौजूदा कानून भावी होगा और रा य क वधा यका ारा बनाया गया कानून तकू लता क

सीमा तक शू य होगा।

जहां समवत म गनाए गए मामल म से कसी एक के संबंध म कसी रा य क वधा यका ारा बनाया गया

कानून

सूची म उस मामले के संबंध म संसद ारा बनाए गए पहले के कानून या मौजूदा कानून के ावधान के खलाफ कोई

ावधान शा मल है तो ऐसे रा य क वधा यका ारा बनाया गया कानून य द इसे रा प त के वचार के लए

आर त कया गया है। और उसक सहम त ा त कर ली है उस रा य म बल है

बशत क इस खंड म कु छ भी संसद को कसी भी समय एक ही मामले के संबंध म कोई भी कानून बनाने से नह

रोके गा जसम रा य क वधा यका ारा बनाए गए कानून को जोड़ने संशो धत करने बदलने या नर त करने वाला

कानून भी शा मल है।

. सूची III म शा मल वषय पर संसद और रा य वधानमंडल ारा बनाए गए कानून के बीच असंगतता के मामले

म भाव इस यायालय ारा कई मामल म तय कया गया है।

. उपरो नणय यह करता है क कस हद तक रा य का कानून क य कानून के साथ टकराव म है जसम

समवत सूची क व के तहत क य कानून ारा बनाए गए अधीन कानून भी शा मल ह।

म से पृ
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क य कानून के तकू ल होगा और न य होगा।

. उपरो सभी नणय म सुसंगत कानून ारा तय कया गया

सु ीम कोट का मानना है क उ श ा संघ के लए आर त े है

भारत। अत रा य सरकार को उ पर कानून बनाने का अ धकार नह है

मैदान।

. मदरसा अ ध नयम क धारा ए बोड को श दान करती है

अनुदेश का पा म पा पु तक अ य पु तक और अनुदेशा मक नधा रत करना

यहां तक क आ लम यानी नातक पा म का मल यानी पो ट के लए भी साम ी

नातक पा म फ़ा ज़ल यानी जू नयर रसच ो ाम और अ य पा म।

. धारा ई मदरसा बोड को ड ी दान करने का अ धकार दे ती है

वे ज ह ने कसी सं ान म वेश लेक र अ ययन का कोस कया है

बोड ारा वशेषा धकार या मा यता या यहां तक क ज ह ने अ ययन कया है

नजी तौर पर और बोड क एक परी ा उ ीण क है। क धारा एफ .

मदरसा अ ध नयम बोड को परी ा आयो जत करने का अ धकार दे ता है

अलीम नातक का मल नातको र और फ़ा ज़ल जू नयर रसच ।

काय म पा म धारा जी मदरसा बोड को यह अ धकार दे ती है

इसक परी ा और धारा के योजन के लए सं ान को मा यता द

ज इसे उ मीदवार को अपनी परी ा म वेश दे ने का अ धकार दे ता है। धारा पी

मदरसा बोड को कसी भी े म अनुसंधान या श ण दान करने का अ धकार दे ता है

मदरसा श ा क शाखा.

. उपरो सभी ावधान मदरसा बोड को श याँ दान करते ह

जो यूज ीसी अ ध नयम ारा व व ालय अनुदान आयोग म न हत ह

सातव अनुसूची क सूची I क व के दायरे म आता है

भारत के सं वधान और इस लए मदरसा अ ध नयम का उ लंघन है

भारत के सं वधान के अनु ेद म न हत ावधान और

उ सीमा तक असंवैधा नक है।

एफ न कष

. उपरो चचा के म े नजर हम मानते ह क मदरसा अ ध नयम

धम नरपे ता के स ांत का उ लंघन है जो इसका एक ह सा है

भारत के सं वधान क मूल संरचना अनु ेद का उ लंघन

और भारत के सं वधान क धारा ए और धारा का उ लंघन है

व व ालय अनुदान आयोग अ ध नयम । तदनुसार मदरसा अ ध नयम

म से पृ
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को असंवैधा नक घो षत कया गया। इसके अलावा हम इसका नणय नह कर रहे ह

आरट ई अ ध नयम क धारा क वैधता जैसा क हम पहले ही मान चुके ह

मदरसा अ ध नयम अ धकारातीत है और हम व ान ारा भी सू चत कया गया है

दोन प को सलाह द क यूपी रा य म वै दक पाठशालाएं ऐसा नह करत

अ त व।

. चूं क यहां मदरसे और मदरसे के छा बड़ी सं या म ह

यूपी सरकार को इसके लए त काल कदम उठाने का नदश दया गया है

इन मदरसा छा को मा यता ा त नय मत कू ल म समायो जत करना

ाथ मक श ा बोड के अंतगत मा यता ा त व ालय

यूपी रा य का हाई कू ल और इंटरमी डएट श ा बोड रा य

उ योजन के लए सरकार आव यकतानुसार यह सु न त करेगी

पया त सं या म अ त र सीट बनाई गई ह और य द आव यक हो तो आगे भी

पया त सं या म नये व ालय ा पत कये गये। रा य सरकार

यह भी सु न त करेगा क से वष क आयु के ब ेनह

व धवत मा यता ा त सं ान म वेश के बना छोड़ दया गया।

. क रट सी सं या क अनुम त है और रट ए सं या

का का का का और रट सी नंबर

के जो संदभ पर इस यायालय के सम रखे गए ह वापस कर दए गए ह

उपयु यायालय.

. हम इस मामले क सुनवाई म हम द गई सहायता क सराहना करते ह

सभी व ान वक ल और ी अंशुमान सह राठौड़ ारा

क रट सी सं या के या चकाकता ज ह ने अदालत को भी संबो धत कया

। हम ारा दान क गई कड़ी मेहनत और स म सहायता क भी सराहना करते ह

ी गौरव मेहरो ा अ धव ा ी मधुक र ओझा अ धव ा और ी

अकबर अहमद अ धव ा व ान एमीसी यूरी। ी नंदेश वमा ी

अं कत बरनवाल और ी आदश मोहन नगम रसच एसो सएट कानून

श ु ने भी अपने गहन शोध से योगदान दया है।

Subhash Vidyarthi J. Vivek Chaudhary J

दनांक माच
स चन

म से पृ

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