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18 नीतिशास्त्र PART 1 24941 unlocked
18 नीतिशास्त्र PART 1 24941 unlocked
तवषय सूची
1. भूतमका (Introduction)________________________________________________________________________ 3
2.1. प्रमुख शब्दावतलयााँ: तवश्वास, मूल्य, मानदंड, तसद्ांि, नैतिकिा, नीतिशास्त्र __________________________________ 6
3.4. तवश्वबंधि
ु ा संस्तकृति और शहरीकरण के संदभा में नैतिक संघषा ___________________________________________ 21
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4.1. तनजी संबंधों में नीतिशास्त्र (Ethics in Private Relationships) ______________________________________ 23
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4.2. सावाजतनक संबंधों में नीतिशास्त्र _______________________________________________________________ 23
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6.1. मूल्य तवकतसि करने में पररवार, समाज िथा शैक्षतणक संस्तथाओं की भूतमका _________________________________ 27
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6.1.1. मूल्य तवकतसि करने में पररवार िथा समाज की भूतमका __________________________________________ 27
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9. तवगि वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्तट सीरीज में पूछे गए प्रश्न___________________________________________ 33
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10. तवगि वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्तट सीरीज में पूछे गए प्रश्न: के स स्तटडीज ________________________________ 48
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1. भू तमका (Introduction)
जजमेंट एट नूरम्बगा नामक एक ऐतिहातसक फफल्म में मुख्य नायक प्रधान न्यायाधीश डेन हेवड
ु के
सम्मुख एक ऄजीब करिन पररतस्तथति थी। वह जमानी के चार न्यायाधीशों से संबद् एक मुकदमे की
सुनवाइ करने जा रहे एक न्यायातधकरण के ऄयकयक्ष थे। अर प यह था फक आन चारों न्यायाधीशों ने
तहटलर के नाजी शासन के दौरान कु छ समूहों (यहूफदयों, समलैंतगकों अफद) की बलाि नसबंदी और
जािीय नरसंहार क बढावा देने के तलए ऄपने पदों का ईपय ग फकया था। वहीं दूसरी ओर, यह िका
फदया जा रहा था फक चूंफक न्यायाधीश और तसतवल सेवक कानून नहीं बनािे हैं, बतल्क बस ऄपने देश के
कानूनों क कायाातन्वि करिे हैं, आसतलए ईन्हें दंतडि नहीं फकया जाना चातहए। ऐसे में सवाल यह था फक
क्या सचमुच वे ईक्त ऄन्याय और क्रूरिा के तलए ईत्तरदायी थे, जबफक राज्य मशीनरी का ईनके तवरूद्
भलीभांति ईपय ग फकया जा सकिा था? या 'ऄपने किाव्यों के तनवाहन' का बहाना बस एक पदाा था
तजसके पीछे वे ऄपने नैतिक और कानूनी ईत्तररदातयत्व से पल्ला झा स सकिे थे? खैर ज भी ह , ईधर
शीि-युद् में िीव्रिा अ रही थी, तजसके कारण क इ भी यह नहीं चाहिा था फक जमानी में क इ और
मुकदमा चले, क्योंफक आससे नकारात्मक ल कमि बन सकिा था। ऄिः यह ऄपेक्षा की जा रही थी फक
न्यायातधकरण द्वारा न्यायाधीशों क कारावास का दंड फदए तबना ररहा कर फदया जाएगा। ऄिः
न्यायातधकरण के समक्ष दुतवधा यह थी फक क्या ऄिीि क भूल जाना और ईसे जाने देना सही था या
आस प्रकार के ऄमानवीय कृ त्यों के कायाान्वयन क बढावा देने वाले सभी न्यायाधीशों क दंतडि करना
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सही था? मुकदमा यह फदखाने के तलए जारी रहा फक "संकट की तस्तथति में, यहााँ िक फक ऄसाधारण,
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करूणावान और समानुभूति रखने वाले ल ग भी कल्पना से परे जघन्य ऄपराध करने से ऄपने अपक
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नहीं र क सकिे हैं।" न्यायाधीश हेवुड दबाव के अगे नहीं झुके और मुकदमे में ईसके गुण-द षों के
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अधार पर ईन ल गों के तवरुद् सुनवाइ जारी रखने का तनणाय तलया तजनके तवरूद् सरकार द्वारा
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प्राय तजि क्रूरिा और ऄन्याय में सचेि भागीदारी का अर प तसद् फकया जा सकिा था।
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2005 में ऄफगातनस्तिान में, यू.एस. नेवी सील के एक कमांड माका स लुट्रेल क एक दुतवधा का सामना
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करना प सा - “फक क्या ईन तनद ष नागररकों क मार देना चातहए, तजनपर ईनके दल के सातथयों क
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यह संदह
े था फक वे ईनके छु पे ह ने का स्तथान बिा देंग,े या ईन्हें जाने देना चातहए”। ऐसी तस्तथति का
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सामना करिे हुए, ईसने ईन्हें जाने देने का तनणाय तलया। कु छ घंटों बाद, ईन्हें िातलबान ने घेर तलया
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और हमला कर फदया। लुट्रेल बच गया और बाद में ईसने स्तवीकार फकया फक यह प्रेम, तवश्वास और अशा
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की ईसकी इसाइ मान्यिाएं थीं, तजन्होंने ईस पल ईसका मागादशान फकया। हालांफक, ईसने यह भी कहा
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फक, काश ईसने ऄपने दल के सातथयों की बाि सुनी ह िी और ऄपना तनणाय बदल फदया ह िा। अइये,
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ऄब हम जम्मू कश्मीर की एक घटना से आसकी िुलना करें । 2016 में मानवातधकार के गंभीर ईल्लंघन
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सैन्यक्मयों क खिरा वाले क्षेर से सुरतक्षि रूप से बाहर तनकालने के तलए ईसका मानव ााल के रूप
में ईपय ग फकया। सेना की जााँच में ईन्हें तनद ष िहराया गया, लेफकन यहााँ सवाल यह है फक क्या मेजर
ग ग इ क व्यतक्त के प्राण के ऄतधकार का ईल्लंघन करिे हुए, एक व्यतक्त के जीवन क खिरे में डालने
का ऄतधकार था? ईपर क्त व्णि 2005 एवं 2016 की आन द नों घटनाओं क देखें ि , तनश्चय हीं
लुट्रेल या ग ग इ द्वारा तलए गए तनणायों की ऄंिहीन अल चना की जा सकिी है। लेफकन यह अल चना
िका संगि रूपरे खा में की जानी चातहए। वे मागादशाक कारक क्या थे तजसके चलिे ईन्ह ने ऐसा तनणाय
तलया? पश्च दृति के लाभ के साथ, क्या बेहिर फकया गया ह िा?
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है/ह गा?' (ऄथााि् ईतचि अचार) का एक ऄन्वेषणात्मक ऄयकययन है। यह आस बाि क प्रभातवि
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करिा है फक ल ग तनणाय कै से लेिे हैं और ऄपना जीवन जीिे हैं। 'एतथक्स (Ethics)’ ऄथााि्
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नीतिशास्त्र शब्द ग्रीक शब्द 'एतथक ज' (ethikos) से तनकला है तजसका ऄथा परं परा, अदि, चररर
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या स्तवभाव ह सकिा है। नीतिशास्त्र नैतिक तसद्ांिों की एक ऐसी प्रणाली है ज सही और गलि,
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ऄच्छे और बुरे, ईतचि और ऄनुतचि के बीच ऄंिर करने में हमारी सहायिा करिा है। नीतिशास्त्र
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क मानव अचरण के तलए मागादशाक प्रकाश कहा जा सकिा है। नैतिक तसद्ांिों के ऄनुप्रय ग के
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कारण मानव व्यवहार और कायों में पररविान वस्तिुिः मानवीय समाज के तनमााण में हमारी
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सहायिा करिे हैं जहां सभी शांति और समरसिा के साथ रह सकिे हैं।
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क्या ऐसा क इ सावाभौतमक नैतिक तसद्ांि है या नहीं, तजसे व्यतक्त या पररतस्तथति से तनरपेक्ष लागू
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फकया जा सकिा है। यह एक ऐसा तवषय है तजसपर दाशातनकगण संपूणा आतिहास के दौरान बहस
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करिे रहे हैं। सभी समाजों ने ऄिीि में कइ बार ऄच्छे या स्तवीकाया अचरण के तसद्ांिों क
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संतहिाबद् करने का प्रयास फकया है। बुरे या ऄस्तवीकाया अचरण क हि त्सातहि या दंतडि फकया
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गया है। ईदाहरण के तलए- नीतिशास्त्र पर धा्मक तवचार सावाभौतमक ह िे हैं। आमैनए ु ल कांट
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द्वारा यथा प्रस्तिातवि तनरपेक्ष अदेश (Categorical Imperative) की ऄवधारणा (आसपर अगे
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चचाा की गयी है) कृ त्य/फक्रयाकलाप की सावाभौतमकिा तनधााररि करने की कसौटी प्रस्तिुि करिी है।
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(Ethics and Human Interface – The essence of ethics)
सार फकसी चीज की ऄंि्नतहि प्रकृ ति या ऄतनवाया गुण है ज ईसका चररर तनधााररि करिा है।
यह मूल या वास्तितवक भाग, फकसी चीज के सवाातधक महत्वपूणा गुण क आं तगि करिा है।
नीतिशास्त्र का सार समाज में शांति, समरसिा और तस्तथरिा सुतनतश्चि करने के तलए सामान्य
नैतिक तसद्ांिों की अवश्यकिा में तनतहि है। यह जवाबदेही (accountability), इमानदारी
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तवकास क बढावा देिी है। हमारी जीतवि रहने और पी सा से बचने की ऄंि्नतहि भावनात्मक
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आच्छा ह सकिी है, लेफकन हमारे पास ईन ईद्देश्यों क प्राप्त करने के िरीकों के संबंध में ऄंिजााि
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ज्ञान नहीं ह िा है। िका संगि, गैर तवर धाभासी नीतिशास्त्र ऄपने जीवन के साथ-साथ सामातजक
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कल्याण के संबंध में बेहिर तवकल्प के चयन में हमारी सहायिा कर सकिी है।
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व्यतक्तयों द्वारा चुने जाने वाले तवकल्प समाज की मान्यिाओं और मूल्य प्रणाली में समय के साथ
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ऄश्मीभूि ह सकिे हैं। फकसी देश की कानूनी व्यवस्तथा आन मूल्यों और मान्यिाओं पर बहुि ऄतधक
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तनभार करिा है। जरा सर गेसी कानूनों के तवषय में स चें: क्या जैतवक मािा-तपिा बनने की
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स्तविंरिा मािृत्व तजिना ऄंि्नतहि फकसी चीज पर मौफिक मूल्य क महत्व देिा है? भारि में
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सर गेसी पर कानून भारिीय मूल्य प्रणाली क प्रतिचबतबि करिा है जबफक ऄन्य देशों में ईनकी
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नीतिशास्त्र या नैतिक दशान आस बाि पर तवचार करिा है फक क्या गलि है या सही है। ऄयकययन के
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एक तवषय के रूप में आसकी िीन शाखाएं हैं: ऄतधनीतिशास्त्र (Meta ethics),
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नीतिशास्त्र (Applied ethics)। ऄतधनीतिशास्त्र व्यापक प्रश्नों का ऄनुसंधान करिा है, जैसे फक
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'नैतिकिा क कै से पररभातषि फकया जा सकिा है?', 'न्याय क्या है?' अफद। तनयामकत्व/मानकीय
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नीतिशास्त्र आस बाि से संबंतधि है फक हमें क्या करना चातहए। यह क्या सही है या क्या गलि है,
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क िय करने की एक रूपरे खा प्रदान करिा है। तवतभन्न दाशातनकों ने िका के मायकयम से यह रूपरे खा
प्रस्तिुि करने का प्रयास फकया है, ईदाहरण के तलए - कांट की किाव्यवादी/किाव्यतवज्ञान/किाव्य-
परकिावादी नीतिशास्त्र (Deontological ethics of Kant), जेरेमी बेंथम और जॉन स्तटुऄटा तमल
का ईपय तगिावाद (Utilitarianism), ऄरस्तिु का सगुगुण नीतिशास्त्र (Virtue ethics of
Aristotle)। ऄंि में, ऄनुप्रयुक्त/फतलि नीतिशास्त्र नैतिक महत्व के व्यावहाररक मुद्दों से संबंतधि है,
जैस-े मृत्युदड
ं , सर गेसी और दैतनक जीवन की दुतवधाएं आत्याफद। (नीतिशास्त्र के अयामों के
ऄंिगाि आनकी अगे चचाा की गयी है।)
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महत्वपूणा ह िा है क्योंफक यह हमें फदलासा देिा है। मनुष्य तजन बािों पर तवश्वास करिा है, ईनके
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अधार पर वह ईन्नति करिा है। हालांफक, तवश्वास क चुनौिी दी जा सकिी है। सिही तवश्वास 9@
बदल भी सकिे हैं। एक ही पररघटना के तवषय में द ल गों का ऄलग-ऄलग तवश्वास ह सकिा है,
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जैस-े एक साधारण सा सवाल फक ग्लास अधा खाली है या अधा भरा है, से लेकर जरटल धा्मक
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प्रश्नों िक फक पृथ्वी या जीवन कै से ऄतस्तित्व मे अया? तवश्वास भावनाओं क जन्म देिे हैं, लेफकन
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मूल्य (Values)
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मूल्य ऄच्छे या बुरे के तलए वरीयिा दशाािे हैं। मूल्य वस्तिुिः ऄच्छे या बुरे और वांछनीय या
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ऄवांछनीय के संबंध में एक व्यतक्त के भीिर महत्वपूणा और स्तथायी तवश्वास या तवचार हैं। मूल्य
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बाह्य वािावरण, पररवार, ऄनुभव अफद के मायकयम से एकतरि ह िे हैं। सामान्यि: 'चातहए' के रूप
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में आन्हें व्यक्त फकया जािा है। रामायण में कही गयीं बािों पर तवश्वास कर एक ययतक्त बुजुगा के प्रति
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सम्मान, इमानदारी, सत्यतनष्ठा अफद का पालन कर सकिा है। एक ययतक्त ऄपहरण और ऄपमान
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जैसे कृ त्यों के तलए नकारात्मक मूल्य भी तनर्क्रदि कर सकिा है। आससे हम आस तवषय पर तनणाय लेिे
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हैं फक क इ चीज फकिनी वांछनीय या ऄवांछनीय है। आस प्रकार मूल्य अगे बढने के मागादशाक
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तसद्ांिों के रूप में काया करिे हैं। आसका व्यतक्त के व्यवहार और ऄतभवृतत्त पर महत्वपूणा प्रभाव
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प सिा है।
मानदंड (Norms)
मानदंड व्यवहार का मागादशान करने वाली सामातजक ऄपेक्षाएं हैं, ऄथााि,् सामातजक रूप से
स्तवीकाया ययवहार के िरीकों क मानदंड कहा जािा है। मानदंड सामान्यि: सही या गलि
सामातजक व्यवहार के संबंध में फकसी तवशेष समूह या समुदाय के ऄनौपचाररक फदशातनदेश ह िे
हैं। मानदंड एक-दूसरे से समुदाय के सदस्तयों की सामूतहक ऄपेक्षाओं का एक रूप है। मानदंड
समरूपिा की पुति करने, प्रेररि करने और तवचतलि व्यवहार की र कथाम करने के तलए ययतक्त
पर सामातजक तनयंरण या सामातजक दबाव का एक रूप है। मानदंड सामातजक रीति-ररवाजों,
का ईत्तरविी चरण हैं, जहां समाज ने ऄपने सदस्तयों से ऄपेतक्षि और ऄनापेतक्षि व्यवहार की शिों
क संतहिाबद् फकया है। तवचतलि ल गों पर कानूनी न्यायालय में मुकदमा चलाया जािा है और
िदनुसार दंतडि फकया जािा है। यह यकयान रखना महत्वपूणा है फक फकसी व्यतक्त के तलए, मानदंड
बाह्य रूप से अर तपि ह िे हैं जबफक तवश्वास और मूल्य अंिररक ह िे हैं। मानदंड व्यवहार के
तवतशि मागादशाक हैं जबफक मूल्य के वल ऄप्रत्यक्ष मागादशान प्रदान करिे हैं।
तसद्ांि (Principles)
मूल्य, तवश्वास, नैतिकिा एक व्यतक्त से दूसरे ययतक्त के तलए ऄलग-ऄलग ह िे हैं। नीतिशास्त्र भी
ऄलग-ऄलग समुदायों और संस्तकृतियों में तभन्न-तभन्न ह सकिी है। जबफक, तसद्ांि प्रकृ ति में
सावाभौतमक तनयम या कानून ह िे हैं। तसद्ांि सावाभौतमक सत्य और मानकों, जैस-े तनष्पक्षिा,
सत्यिा, समानिा, न्याय आत्याफद के तवषय में ह िे हैं।
नैतिकिा (Morals)
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नैतिकिा क्या सही या क्या गलि है, क्या स्तवीकाया या क्या ऄस्तवीकाया है, आसके संबंध में व्यतक्त या
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समूह का तवश्वास है। जहां एक ओर नैतिकिा यह तनधााररि करिा है फक सही अचरण क्या है, वहीं
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दूसरी ओर यह व्यतक्तगि फदक्सूचक, व्यतक्तगि चयन भी है। नैतिकिा सदाचरण का तसद्ांि है
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तजसका ईपय ग हम मानव चररर की ऄच्छाइ या बुराइ का अकलन करने के तलए करिे हैं।
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नैतिकिा अचरण के प्रचतलि मानक हैं ज ल गों क समूह में सहकारी रूप से रहने में समथा बनािे
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हैं। ऄतधकिर ल ग नैतिक रूप से काया करिे हैं और सामातजक फदशातनदेशों का पालन करिे हैं।
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सही या गलि के प्रति ईदासीन ल गों क नैतिकिा-तनरपेक्ष (amoral) कहा जािा है, जबफक बुरा
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समय के साथ नैतिकिा पररव्िि ह सकिी है। ऐतिहातसक रूप से, धमा नैतिकिा का महत्वपूणा
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स्र ि रहा है। नए ज्ञान के साथ व्यतक्त की नैतिकिा बदल सकिी है। ईदाहरण के तलए,
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समलैंतगकिा क ऄप्राकृ तिक माना गया है और आसतलए यह ऄनैतिक कृ त्य है, लेफकन यह ऄब
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तवश्व भर में ऄतधकातधक स्तवीकृ ति प्राप्त करिा जा रहा है। कु छ नैतिकिाएं समय और संस्तकृ तियों से
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श्रेष्ठ ह िी हैं। ईदाहरण के तलए, स्तवाथापरायणिा क ऄनैतिक माना जािा है, जबफक तनष्िा और
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यहााँ यकयान देने वाली बाि यह है फक, चूंफक नैतिकिा सामान्यि: व्यतक्तगि पसंद ह िी है, आसतलए
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आसमें वस्तिुतनष्ििा की कमी ह िी है। आस प्रकार, नैतिकिा सुसंगि काया की गारं टी नहीं देिी है।
वास्तितवक व्यवहार के दौरान एक व्यतक्त ऄपनी नैतिकिाओं से तवचतलि ह सकिा है। यहां
वस्तिुतनष्ििा से अशय कृ त्यों में सुसंगििा से है। व्यतक्त तभन्न-तभन्न संदभों में ऄलग-ऄलग चयन
कर सकिा है, जैस-े एक व्यतक्त नकल करने के कृ त्य क ऄनैतिक मान सकिा है, लेफकन जब ईसे
ऄवसर फदया जाए ि वह परीक्षा में नकल कर सकिा है। आसतलए नैतिकिा वह तवश्वास है ज
सही मानी जािी है लेफकन यह ऄतनवाया नहीं फक व्यतक्त ऄपने कृ त्यों में ईसे ऄपनाये। ज बाि
नैतिक रूप से सही ह सकिी है वह वस्तिुतनष्ि रूप से सही नहीं भी ह सकिी है।
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परं िु एक डॉक्टर के काया करने का यही िरीका ह ना चातहए। तचफकत्सा व्यवसाय से यह ऄपेक्षा
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की जािी है फक डॉक्टरों क र तगयों की स्तवायत्तिा का सम्मान करना चातहए (स्तवयत्तिा ऄथााि्
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ईपलब्ध साधनों के अधार पर ईपचार के प्रकार क चुनने का ऄतधकार, व्यतक्तगि जानकारी की s9@
ग पनीयिा का ऄतधकार अफद)। एक तवत्तीय कं पनी से ऄपेक्षा फक जािी है फक आसके कमाचाररयों
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द्वारा आसके ग्राहकों के तनवेश तववरणों क प्रकट नहीं फकया जाना चातहए। िथाकतथि ‘नीतिपरक
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व्यतक्त की नैतिकिा मौन ह सकिी है। आस प्रकार ये संतहिा, ईतचि अचरण के मागादशाक के रूप
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नीतिशास्त्र, क्या सही है या क्या गलि है, यह िय करने के मागादशाक तसद्ांिों के रूप में काया
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करिी है। ये वे मानक हैं ज फकसी व्यतक्त द्वारा तलए गए तनणायों क प्रभातवि करिे हैं। यहााँ
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‘मागादशाक तसद्ांि’ पद पर आसतलए यकयान देने की अवश्यकिा है क्योंफक नीतिशास्त्र, बाह्य रूप से
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लागू की जािी है। चूंफक ये बाह्य स्र ि से अिी हैं, ऄिः वे सुसंगि िथा ईद्देश्यपूणा ह िे हैं। वे फकसी
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व्यतक्त से तवतशि िरीकों से काया करने की ऄपेक्षा रखिी हैं। आन मानकों से तवचलन क ऄनैतिक
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समझा जािा है िथा आसे ऄनौपचाररक रूप से ऄस्तवीकृ ि फकया जािा है या आसकी चनदा की जािी
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है। सत्यिा, इमानदारी, सत्यतनष्ठा, सम्मान, तनष्पक्षिा अफद नैतिक तसद्ांिों के ईदाहरण हैं।
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तनधााररि फकया जािा है, जैस-े फकसी बहुस्तिरीय आमारि का तनमााण भौतिकी के तसद्ांिों के
अधार पर फकया जािा है। नीतिशास्त्र वह स्तथान है जहां क इ व्यतक्त नैतिक तसद्ांिों के तवषय में
ऄयकययन करिा है। नैतिकिा आस ज्ञान का ऄभ्यास है। आस प्रकार नीतिशास्त्र वे तनयम हैं ज फकसी
समूह (जैस-े डॉक्टरों, वकीलों, पुतलसक्मयों, सांस्तकृ तिक समूह या समाज) के सभी सदस्तयों के
अचरण क तनयंतरि करिे हैं। नैतिकिा वे मानदंड हैं ज क इ व्यतक्त स्तवयं ऄपने तलए स्तथातपि
करिा है। नीतिशास्त्र िथा नैतिकिा द नों क अचरण तनयमों में सतम्मतलि फकया जा सकिा है ,
तजसमें कानून द्वारा दबाव बनाया जा सकिा है। ऄन्यथा, नैतिकिा व्यतक्तगि प्रस्तथापना से संबद्
ह जाएगी तजसकी प्रकृ ति व्यतक्त-तनष्ठ (subjective) ह िी है क्योंफक यह प्रत्येक व्यतक्त के तलए
तभन्न ह िी है। जबफक नीतिशास्त्र, समाज की सामूतहक प्रस्तथापना से संबद् है िथा यह नैतिकिा
की ऄपेक्षा ऄतधक वस्तिुतनष्ठ (objective) है।
नैतिकिा वे तसद्ांि हैं ज फकसी व्यतक्त क फकसी काया की ईपयुक्तिा या ऄनुपयुक्तिा के तवषय में
मागादशान करने में सहायिा करिे हैं। नीतिशास्त्र ईतचि अचरण के तसद्ांि हैं- ऄथााि् फकसी
पररतस्तथति में फकसी व्यतक्त के व्यवहार करने का ईतचि िरीका क्या ह ना चातहए। आस ऄंिर क
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स्तपि रूप से हम बचाव पक्ष के वकील के मामले से ज सकर समझ सकिे हैं। एक वकील हत्या क
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एक चनदनीय काया समझ सकिा है, तजसके तलए कि र सजा का प्रावधान ह िा है। परं िु बचाव 9@
पक्ष के प्रतितनतध क तनष्पक्ष ह ना प सिा है िथा ईसकी पेशव
े र नीतिशास्त्र ईससे ऄपेक्षा रखिी है
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जहां िक ईसकी क्षमिा ह , ईसे ऄपने मुवफिल की रक्षा करनी चातहए, भले ही ईसे ज्ञाि ह फक
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ईसका मुवफिल द षी है। प्रत्येक व्यतक्त, यहां िक फक अिंकवादी भी, न्यायालय में एक तनष्पक्ष
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जााँच/सुनवाइ के हकदार ह िे हैं, परं िु फकसी कं गारू क टा (गैर-कानूनी न्यायालय) या मॉब जतस्तटस
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फकसी व्यतक्त के नैतिकिा क नीतिशास्त्र के व्यापक तनयमों द्वारा ऄवगि कराया जा सकिा है। यह
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मानना फक च री करना गलि है, लेफकन ह सकिा है फक आस तवचार की ईत्पतत्त दूसरों की तनजी
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संपतत्त का सम्मान करने के नीतिपरक तसद्ांि से हुइ ह । द तभन्न-तभन्न गैर-कानूनी कृ त्यों में
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संतलप्त एक तसतवल कमाचारी का ईदाहरण लें। ऄपना किाव्य तनभाने के तलए ररश्वि लेना भ्रिाचार
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तनवारण ऄतधतनयम के िहि एक ऄपराध है। यह तसतवल सेवा नीतिशास्त्र का ईल्लंघन भी है।
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वहीं यह नैतिक पिन का एक ईदहारण भी है। आसी प्रकार, एक पुतलस ऄतधकारी पर तवचार करें
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ज नशीली दवाओं के ईपभ ग में शातमल ह । समाज ऐसे व्यतक्त क ख़राब नैतिकिा वाला व्यतक्त
मानिा है। आसके ऄतिररक्त, कानून एवं व्यवस्तथा क बनाए रखने के तलए तजम्मेदार ऄतधकाररयों
का नशा करना एक ऄनैतिक कृ त्य भी है। आसके ऄतिररक्त, तवभाग से ऐसी गतितवतधयों में ऄपनी
सहभातगिा के तवषय में जानकारी क तछपाना, तवभागीय नीतिशास्त्र का ईल्लंघन भी ह गा। ऄंि
में, कानून के ऄंिगाि प्रतिबंतधि पदाथों का ईपभ ग करना भी गैर-कानूनी कृ त्य है।
एक और ईदाहरण लें। प्रत्येक समाज एक तनतश्चि अचार संतहिा ऄथााि् ऄपने सदस्तयों के तलए
नीतिशास्त्र में तवश्वास कर सकिा है। एक व्यतक्त आनमें से कु छ संतहिाओं से सहमि या ऄसहमि ह
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व्यवस्तथा, शांति िथा न्याय कायम करने के तलए, सामान्य जन क सुरक्षा प्रदान करने के तलए िथा
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ईनके तहिों के संरक्षण के तलए ह िा है। आसका तनमााण नीतिगि तसद्ांिों िथा नै तिक मूल्यों पर 9@
तवचार के पश्चाि् फकया जािा है।
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पाररि फकया गया। ईस वक़्ि तवतध और नीतिशास्त्र के मयकय संघषा की तस्तथति तवद्यमान थी। यह
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आस बाि का ईदाहरण है फक कु छ ल गों की नैतिकिा तवतध के ऄतधतनयमन का कारण बनी, तजसने
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बाद में समाज के नीतिशास्त्र क अकार प्रदान फकया। ऄब तस्त्रयों द्वारा ऄपने पति की तचिा पर 9@
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स्तवयं क जला कर भस्तम कर लेना सामान्य व्यवहार संबंधी मानक नहीं समझा जािा।
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IPC की धारा 377 का दृिांि लें, ज समलैंतगकिा क तवतध के तवरुद् या गैर-कानूनी करार देिा
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भ्रि, िथा ऄनैतिक समझा जािा था। आसतलए आस धारा क व्यापक स्तवीकृ ति प्राप्त थी। ऄब भी आस
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धारा क भारिीय समाज में काफी समथान प्राप्त है (तजसका ऄंदाजा सरकार द्वारा आसे तनरस्ति फकए
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जाने में ऄतनच्छा प्रद्शि करने से लगाया जा सकिा है)। आसतलए, यह एक ऐसा ईदाहरण है जहााँ
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एक िका संगि ाााँचे में धारा 377 पर पररचचाा या वाद-तववाद ह सकिा है तजसका पररणाम धारा
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भारि में सर गेसी क तनयंतरि करने वाले क़ानून पर समाज के नीतिशास्त्र का ब सा प्रभाव है।
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हमारे समाज में मािृत्व क परमपावन समझा जािा है, आसतलए धन से आसका मूल्य चुकाना यहााँ
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स्तवीकाया नहीं माना जािा। आसी नैतिक तसद्ांि ने यहााँ सर गेसी क तनयंतरि करने वाले क़ानून
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क (ऄतधकााँश पाश्चात्य देशों में भी) फदशा-तनदेश प्रदान फकया है। ह सकिा है भतवष्य में जब हम
फकसी व्यतक्त क जैतवक रूप से बच्चा पाने के ऄतधकार क मािृत्व से ऄतधक महत्व देना अरम्भ करें
ि आस मान्यिा के संबंध में थ सा ईदार ह कर स च पाएं। सर गेसी क ले कर भारि में ह ने वाले
वाद-तववाद में सामान्यिः मानव पर धन के बदले संिान-ईत्पादक कारखाना बनने का अर प
लगिा रहा है। आसका व्यतक्त के मूल ऄतधकारों से कदातचि ही क इ लेना-देना है। ऄति-तनधानिा
की तस्तथति में ऄवचेिन सहमति का एक संतवदात्मक क़ानूनी अधार ह सकिा है, फकन्िु आसमें
कदातचि ही क इ मूल्य ऄन्ि्नतहि है। ह सकिा है फक ल गों के एक वृहद् वगा की नैतिक
मान्यिाएं विामान फकसी तवतध/कानून के तवरुद् हों, यथा- IPC की धारा 377 या सर गेसी। वाक्
जब हम नीतिशास्त्र के तनधाारकों की बाि करिे हैं ि हम ईन कारकों की चचाा करिे हैं तजन्हें हम
ईस िका संगि ाााँचे में तबिा पाएं। वे कारक ईस रीति या व्यवहार का सृजन करिे हैं तजसके
ऄनुसरण की ऄपेक्षा समाज ऄपने सदस्तयों से करिा है। बहुि सारे कारक आन नैतिक तसद्ांिों के
तनधाारक ह सकिे है, जैसे:
इश्वर और धमा (God and Religion)
इश्वर और धमा से संबंतधि नीतिशास्त्र सावाभौम िथा अदशा नैतिक मानदंडों की वकालि करिे हैं।
धा्मक ग्रंथों में यह ईल्लेख ह िा है फक एक व्यतक्त क कै से व्यवहार करना चातहए िथा समाज क
कै सा ह ना चातहए। ईदाहरण के तलए, आसाइ नैतिकिा पतश्चम में अदशा व्यतक्तगि व्यवहार के
महत्वपूणा स्र िों में से एक है। भारि में ‘राम राज्य’ की ऄवधारणा शासन की एक प्रणाली से कहीं
ऄतधक एक नैतिक समाज से संबतं धि है। धमा अधाररि नीतिशास्त्र के स्र ि क इश्वर (या इश्वरीय
कथन) से संबद् फकया जािा है, जैस–े इश्वर ऐसा कहिे हैं आसतलए यही ऄनुकरणीय है, इश्वर की
आच्छाओं का ऄनुपालन ही ऄच्छे जीवन का मागा है। हालांफक, हमें नीतिशास्त्र क धमा से सम्बद्
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कर नहीं देखना चातहए, क्योंफक ईस तस्तथति में नीतिशास्त्र के वल धा्मक ल गों पर ही लागू ह गा।
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फकन्िु नीतिशास्त्र ि नातस्तिक व्यतक्तयों के व्यवहार पर भी लागू ह िा है। आसके ऄतिररक्त जब हम
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वैज्ञातनक श ध की बाि करिे हैं ि पािे हैं फक धमा के स्र ि मानव िक ही सीतमि हैं। आस प्रकार,
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यह संदभा, तस्तथति िथा ऄनुभव पर अधाररि रहा है िथा आसमें रुरट एवं सुधार की भी गुज
ं ाआश
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ऄच्छाइ िथा बुराइ क प्रमातणि फकए जाने या ईतचि िहराए जाने की अवश्यकिा नहीं है। आसके
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ऄनुसार ऄच्छाइ िथा बुराइ का पिा ऄंिदृता ियुक्त नैतिक ज्ञान के सहारे लगाया जा सकिा है।
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अधारभूि नैतिक सत्य ईस व्यतक्त के समक्ष स्तवयं प्रकट ह जािा है ज ऄपने मन क नैतिक तवषय
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पर के तन्िि करिा/करिी है। कृ पया यकयान दें फक ऄंिःप्रज्ञा से युक्त एक व्यतक्त के ऄनुसार नैतिक
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सच्चाइ की प्रातप्त युतक्तयुक्त िकों के अधार पर या फकसी ऄज्ञाि भावना के अधार पर नहीं की जा
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सकिी। ईनकी ऄनुभूति नैतिक तवषयों पर यकयान के तन्िि करने से ही संभव है। यह ऄनुभूति के
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ऄंिःकरण िथा ऄंिःप्रज्ञा के मयकय ऄंिर (Difference between Conscience and Intuition):
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मनुष्य ऄपने द्वारा ऄ्जि ज्ञान िथा ऄपने जीवन में प्राप्त ऄनुभव के ऄनुसार व्यवहार करिा है।
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हमारा चेिन मन पहले फकसी भी तस्तथति का सफक्रय मूल्यांकन करिा है ईसके पश्चाि् तनणाय लेिा
है। हालांफक, हमारा ऄवचेिन मन हमारे सभी पूवा के ऄनुभवों िथा तनणायों का भंडार ह िा है।
यद्यतप, हम ऄपने ऄवचेिन मन क सफक्रयिा से जागृि नहीं करिे हैं, िथातप, लाक्षतणक रूप से
ऄत्यतधक िीव्र गणनाएं हमारे मतस्तिष्क में मौजूद ह िी हैं ज हमें यह बिािी हैं फक क्या करना
चातहए ऄथवा क्या नहीं करना चातहए।
फकसी भी चीज क सहजिा से समझने की क्षमिा क ऄंिःप्रज्ञा (intution) कहिे हैं, आसमें चेिन
िका की अवश्यकिा नहीं ह िी है। हालांफक हमारी ऄंिःप्रज्ञा पूणा रूप से यादृतच्छक (स्तवाभातवक
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संस्तकृ ति (Culture)
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फकसी व्यतक्त के नैतिक तसद्ांिों पर संस्तकृति िथा तजस देश में वह तनवास करिा या करिी है, का
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भी प्रभाव प सिा है। ईदाहरण के तलए, पाश्चात्य संस्तकृ ति व्यतक्त प्रधान प्रिीि ह िी है जबफक
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भारिीय संस्तकृति सावाभौतमकिा िथा बहुलवाद के मूल्यों पर अधाररि है। सातहत्य िथा ग्रन्थ भी
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व्यतक्त के अचरण क प्रभातवि करिे हैं। ईदाहरण के तलए – वैफदक सातहत्य, बौद् सातहत्य
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आत्याफद।
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समाज (Society)
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क समाज के स्तवीकृ ि मान्यिाओं के अधार पर नहीं परखना चातहए क्योंफक एक समाज नैतिकिा
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से पथभ्रि भी ह सकिा है। सम्पूणा समाज या आसका एक ब सा भाग नैतिक रूप से भ्रि भी ह
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सकिा है। ईदाहरण के तलए, नाजी जमानी िथा स्तटातलन के समय के रूस ने ऄपने नागररकों पर
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रहन-सहन के ख़ास मानदडड अर तपि फकए िथा ईन्हें ईन तसद्ांिों के बारे में तवश्वास फदलाने की
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चेिा भी की गयी। समाज के प्रभावशाली वगा की स्तवीकृ ति के कारण ही भारि में जाति प्रथा
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हजारों वषों से चलिी अ रही है। आसके ऄतिररक्त ऐसे बहुि से तवषय हैं तजन पर सामातजक
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सहमति नहीं बन पािी। ऄिः नीतिशास्त्र क हमेशा समाज के स्तवीकृ ि मान्यिाओं से ज सकर नहीं
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देखा जा सकिा।
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पररवार, तशक्षक िथा जीवन के ऄनुभव (Family, Teachers and life experiences)
मािा-तपिा, पररवार िथा तशक्षक एक बच्चे की मूल्य प्रणाली क अकार देिे हैं। ईनके व्यवहार,
अचरण िथा तशक्षाओं के ऄनुसार बच्चों के जीवन के मागा तनधााररि ह िे हैं। वस्तिि
ु ः सामान
पररवार में सामान धमा, रीति-ररवाजों िथा परम्पराओं का पालन फकया जािा है। यद्यतप कु छ ल ग
ऄपने मािा-तपिा के तवश्वासों, धारणाओं िथा तवचारों से स्तवयं क मुक्त कर ऄपनी आच्छानुसार
ऄपने तसद्ांिों के समुच्चयों का चयन करिे देखे जािे हैं। ईदाहरण के तलए, क इ बालक स्तवयं िथा
से संबंतधि तवतधयााँ दासप्रथा क ऄनैतिक घ तषि करिी हैं। दूसरी ओर, दासप्रथा क प्रतिबंतधि
कर सबक समान ऄतधकार देने वाली तवतधयााँ सही मायने में तवतध िथा नीतिशास्त्र की सुसग
ं ििा
क प्रद्शि करिी हैं। (तवतध िथा नीतिशास्त्र के बीच संबंधों का तववरण पहले ही तवस्तिार से फदया
जा चुका है।)
नेित्ृ व (Leadership)
फकसी समाज, संगिन या देश का नेिृत्व यह तनधााररि करने में सहायिा करिा है फक ईसके
ऄनुयाआयों या प्रशंसकों का अचरण नैतिक है या नहीं। ईदाहरण के तलए, भारिीय ल किांतरक,
ईदार, पंथ-तनरपेक्ष िथा सतहष्णुिापूणा परम्पराएं हमारे पूवज
ा ों िथा अधुतनक भारिीय समाज के
तनमाािाओं के द्वारा हमें प्रदत्त एक ईपहार है। हालांफक, नेित्ृ व के भी ऄनैतिक अचरणों में तलप्त
ह ने की संभावनाएं ह िी हैं। लेफकन यह स्तवयं नेिृत्वकिााओं के गुणों पर तनभार करिा है। आस
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प्रकार, नेिृत्वकिााओं के ऄनुसरण का ऄथा सदा नैतिक ह ना ही नहीं ह सकिा।
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दशान या दाशातनक मान्यिाएं (Philosophies)
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तभन्न-तभन्न दाशातनक िथा तचन्िक ऄलग-ऄलग नैतिक तसद्ांिों क मानने वाले ह िे हैं। 9@
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व्यतक्त के नैतिक मूल्य वस्तिुिः ईसके बौतद्क तवकास के दौरान ईसके संपका में अए दाशातनक
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संतवधान (Constitution)
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तवतभन्न देशों का संतवधान भी ईनके समाज की नैतिक प्रवृतत्त क स्तथातपि करने का एक िरीका है।
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ईदाहरण के तलए – जहााँ ऄतधकांश देशों के संतवधान में समानिा, जवाबदेही और ल किांतरक
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मूल्य प्रतिचबतबि ह िे हैं, वहीं कु छ देशों के संवैधातनक ाााँचे में तनरं कुशिा, ऄति हस्तिक्षेप और गैर-
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चूंफक तवतध, समाज, धमा अफद नैतिक मागा से भटक सकिे हैं, आसतलए ययतक्ि क ऄपने नैतिक
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मानकों का तनरं िर परीक्षण करने की अवश्यकिा ह िी है, तजससे यह सुतनतश्चि फकया जा सके फक
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वे ईतचि और ऄच्छी िरह से स्तथातपि हैं। नैतिक बनने के तलए ऄपने नैतिक तवश्वासों और ऄपने
नैतिक अचरणों का तनरं िर ऄयकययन करने और यह सुतनतश्चि करने के तलए प्रयासरि रहने की
अवश्यकिा ह िी है फक हम ऄपनी फदनचयााओं में आसका पालन करें । आसतलए व्यतक्त स्तवयं
नीतिशास्त्र के सबसे महत्वपूणा तनधाारकों में से एक है, जैस-े हर ययतक्त फकसी तनद ष की हत्या,
गभापाि करने या बाल श षण क ऄनैतिक मानिा है या ईसके प्रति गहन ऄंिब ध रखिा है।
यफद हम नैतिक मुद्दों क संब तधि करने के कौशल क महत्ता दें ि आन्हें सीख और तवकतसि कर
सकिे हैं। अवश्यकिा आस बाि की है फक हम नैतिक समस्तयाओं से ययवहार करने की ऄपनी पद्ति
क ऄपने द्वारा सामना की जाने वाली तवतशि तस्तथतियों हेिु सवाश्रेष्ठ कायाप्रणाली तवकतसि करने
की तनरं िर जारी रहने वाली प्रफक्रया के रूप में देखें। आसके तलए अवश्यकिा यह ह िी है फक हम
(Consequences of Ethics)
नीतिशास्त्र के पररणाम का ऄथा नैतिक तसद्ांिों द्वारा तनदेतशि मानवीय
गतितवतधयों/कायावातहयों/फक्रयाकलापों के पररणाम से है। आसका ऄथा यह है फक क इ गतितवतध
(फक्रयाकलाप/कायावाही) फकिनी ऄच्छी या बुरी थी, आसका तनधाारण ईसके पररणाम करिे हैं।
फकसी भी कायावाही के पररणाम क ईक्त कायावाही के पररणामस्तवरूप ह ने वाले मानवीय सुख,
दुख, पी सा, खुशी अफद से मापा जा सकिा है। मानवीय फक्रयाकलाप/कायावाही के पररणाम फकसी
ययतक्त क कु छ चीजें करने या नहीं करने के तलए प्रेररि या तनषेध करिे हैं। ईदाहरण के तलए–
मािा-तपिा ऄपने बच्चों क ईपहारों का लालच देकर करिन पररश्रम करने के तलए प्रेररि करिे हैं।
मानवों में सामान्य रूप से ऄपनी कायावातहयों के मायकयम से ऄपना अनंद बढाने की प्रवृतत्त ह िी
है। लेफकन, कु छ ल ग दीघाकातलक पररणामों का तवचार फकए तबना ऄल्पकातलक सुख क वरीयिा
देिे हैं जबफक कु छ ल ग भतवष्य में दीघाकातलक अनंद सुतनतश्चि करने के तलए ऄस्तथायी दुख झेलने
क वरीयिा देिे हैं। ईदाहरण के तलए– क इ व्यतक्त स्तवास्तथ्य लाभों की ऄनदेखी करिे हुए ऄत्यतधक
मीिा खाने की ऄपनी प्रवृतत्त क संिुि कर सकिा है या ऄपनी स्तवाद ल लुपिा के वशीभूि ह
सकिा है, तजससे भतवष्य में ईसक दुख झेलना प स सकिा है। ऄन्य ययतक्त भतवष्य में र गमुक्त
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जीवन सुतनतश्चि करने के तलए तनयतमि रूप से व्यायाम कर सकिा है और अत्म संयम का
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ऄभ्यास कर सकिा है।
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लेफकन, मानवीय कायावातहयों के पररणामों का ऄनुमान लगाना करिन है। s 9@
कृ पया यकयान दीतजए फक “पररणामवाद” (Consequentialism) ‘नीतिशास्त्र के पररणाम’ का
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कायावाही क ईस ऄवस्तथा में नैतिक माना जाना चातहए यफद आसके फलस्तवरुप ऄच्छे पररणाम
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ईत्पन्न ह िे हों।
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नैतिक तसद्ांि क्या है? यह एक दाशातनक तसद्ांि है ज हमें नैतिक तनणाय के ऄनुशीलन
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(व्यवहार) क समझने, समझाने और संभवि: मागादशान करने का प्रयास करिा है। नैतिक तसद्ांि
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व्यतक्तयों, समाज या संस्तकृ तियों के नैतिक तवश्वासों का के वल वणान मार नहीं है। नीतिशास्त्र पर
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तवचार करने वाला एक व्यतक्त तनम्नतलतखि प्रश्नों के ईत्तर देने का प्रयास करिा है:
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A. नैतिकिा की प्रकृ ति और ईसकी तस्तथति (The very nature and status of morality):
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क्या नैतिकिा वही है तजसकी बाि धमा (या इश्वर) करिा है? या यह तनयमों का एक ऐसा
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समुच्चय है तजसे मनुष्य ने ऄपने पारस्तपररक तहिों क पूरा करने हेिु ऄपने तलए ऄतभकतल्पि
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फकया है? ि ऐसे में सवाल यह है फक फफर, नीतिशास्त्र, आसकी पररभाषा और आसकी पररतध
वास्तिव में क्या है?
B. नैतिक तनणाय की प्रकृ ति और ईसका ऄथा (The nature and meaning of moral
judgments): क्या नैतिक तनणायों की प्रकृ ति के वल भावनात्मक ह िी है ऄथााि् क्या वे
ईतचि और िका संगि ह ने के बजाये के वल हमारी भावनाओं और आच्छाओं क व्यक्त करिे हैं?
क्या नैतिक तनणायों क सावाभौतमक रूप से सत्य या ऄसत्य के रूप में वगीकृ ि फकया जा
सकिा है या फफर वे के वल संदभा पर तनभार ह िे हैं? ईदाहरण के तलए, यह सुतवख्याि है फक
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(Normative ethics) और ऄनुप्रयुक्त/फतलि नीतिशास्त्र (Applied ethics) के रूप में वगीकृ ि फकया
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जािा है। 9@
(i) ऄतधनीतिशास्त्र (Meta-ethics): यह नैतिक तनणायों की प्रकृ ति से संबंतधि है। (A&B में फदए गए
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प्रश्न)। यह नैतिक तसद्ांिों के ईद्भव और ऄथा का ऄन्वेषण करिा है। ईदाहरण के तलए, जब हम जैव-
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नीतिशास्त्र (bioethics) की बाि करिे हैं, ि ऄतधनीतिशास्त्र सही या गलि के प्रश्नों का ईत्तर नहीं
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देगा। बतल्क यह चचाा की जा रही समस्तया के मूलभूि ऄथा एवं प्रकृ ति क पररभातषि करने का प्रयास
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करिा है। यहााँ यह परीक्षण करे गा फक ‘यह पूछने का ऄथा क्या है फक क्या जेनरे टक ररसचा नैतिक रूप से
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स्तवीकाया हैं या नहीं?’ ‘जेनेरटक आंजीतनयररग के नैतिक स्तवरूप का तनधाारण करने में हमें फकन स्र िों पर
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नैतिक तनणाय की तवषयवस्तिु िथा सही एवं गलि के मापदंडों से संबंतधि है। यह सही और गलि
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अचरण क तवतनयतमि करने वाले नैतिक मानकों पर पहुाँचने क समातवि करिा है। एक ऄथा में , यह
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कायावाही की नैतिकिा का तनधाारण ईसके पररणामों, पररणति या फलों से फकया जािा है। फकसी
कायावाही के पररणाम तजिने ऄच्छे ह िे हैं, वह कायावाही ईिनी ऄच्छी मानी मानी जािी है।
ईपय तगिावाद (Utilitarianism) आसका एक रूप है। यह कहिा है फक ल गों क ईपय तगिा में
वृतद् करनी चातहए। आसे मानव कल्याण या भलाइ के रूप में मापा जा सकिा है। सुखवाद
(hedonism) में यह कहा जािा है फक ल गों क ऄपने सुख में वृतद् करनी चातहए। आस प्रकार,
आनके ऄनुसार, ज कायावातहयााँ सुख या कल्याण में बढ त्तरी करिी हैं और कि या पी सा में कमी
करिी हैं वे नैतिक हैं।
किाव्यवादी/किाव्यतवज्ञान/किाव्य-परकिावादी दृतिक ण (Deontological approach): आस
क्योंफक वे सही हैं और गलि काया से दूर रहना चातहए क्योंफक वे गलि हैं। कु छ कृ त्य ऄपने अप ही
ऄनैतिक ह िे हैं, जैस-े ल गों की हत्या करना, च री करना, झूि ब लना अफद। प्राकृ तिक ऄतधकार
तसद्ांि (Natural Rights Theory) (थॉमस हॉब्स और जॉन लॉक द्वारा सम्थि) यह मानिा है
)
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फक मनुष्य क तनरपेक्ष प्राकृ तिक ऄतधकार प्राप्ि हैं। सावाभौतमक ऄतधकार के ऄथा में ये नैतिकिा
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की प्रकृ ति में तनतहि हैं और मानव कायों या तवश्वासों पर तनभार नहीं हैं। ये ऄंििः ऐसे ऄतधकारों
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के रूप में तवकतसि हुए हैं तजन्हें हम अज मानव ऄतधकार कहिे हैं। आमैनुएल काडट का तनरपेक्ष
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तनतहि करिा है और कु छ ऄनुल्लंघनीय नैतिक कानूनों का दावा करिा है। काडट का यह तनरूपण
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किाव्यवादी है और वह िका प्रस्तिुि करिा है नैतिक रूप से सही काया करने हेिु ल गों क किाव्य
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भावना के ऄनुसार काया करना ह गा और काया करने वाले ययतक्त के प्रय जन (अशय/नीयि) ही
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ईसे सही या गलि बनािे हैं, कायों के पररणाम नहीं। सरल रूप से कहा जाए ि तनरपेक्ष अदेश
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सूरवाक्य (या तसद्ांि) क सावाभौतमक तनयम बनाना चाहे और ययतक्त क मानविा से सदैव
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सायकय के रूप में ययवहार करना चातहए, साधन के रूप में नहीं।
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यकयान के तन्िि करिा है। आस दृतिक ण के ऄनुसार, सच्चररर व्यतक्त सदैव सही काया करिा है। वह
समान पररतस्तथतियों में सदैव समान अचरण करे गा। सगुगुण नीति-शास्तर न के वल व्यतक्तगि
कायावातहयों की ईपयुक्ििा और ऄनुपयुक्ििा की समस्तया का समाधान करिा है, ऄतपिु यह ऐसी
तवशेषिाओं और व्यवहारों के प्रति मागादशान भी प्रदान करिा है ज ऄच्छा ययतक्त प्राप्ि करने का
प्रयास करे गा। आस प्रकार, आसके ऄनुसार, ऄच्छे समाज का तनमााण करने के तलए ल गों क
सच्चररर बनने में सहायिा की जानी चातहए। यद्यतप गुणों की सूची में समय के साथ पररविान
(prescriptive rules) क ऄस्तवीकार करिा है। आस दृतिक ण के ऄनुसार सही और गलि वस्तिुिः
पररतस्तथति पर तनभार करिा है क्योंफक क इ भी सावाभौतमक नैतिक तनयम या ऄतधकार नहीं है।
आस प्रकार, प्रत्येक पररतस्तथति तवतशष्ट ह िी है और तवतशष्ट हल के पार ह िी है।
इश्वर क ईत्तरदायी िहराया जािा है, ऄथााि् नैतिक तनयमों का एकमार स्र ि इश्वर है। आसके
ऄनुसार इश्वरीय कथन नैतिक हैं। आस प्रकार, ऄपने जीवन में नैतिक ह ने का ऄथा है - इश्वरीय
वास्तितवक जीवन की पररतस्तथतियों में लागू करने का प्रयास करिा है, जैसे फक यह तववादास्तपद तवषयों,
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नीतिशास्तर (public service ethics) एवं व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्तर (business ethics)।
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आसका ईपय ग सावाजतनक नीति के तनधाारण में फकया जािा है। 9@
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सामान्यि: क्या (पहला प्रश्न) पर तवचार फकया जाना चातहए। ऄभी हमारे ज दातयत्व हैं, ईनसे
तनपटने के तलए, पहले सामान्यि: आस बाि पर तवचार करना अवश्यक माना जािा है फक ये हमारे
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किायय क्या हैं। ईदाहरण के तलए, क्या हमारा पयाावरणीय दातयत्व विामान समय में तवश्व में रहने
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वाले मनुष्यों के प्रति है या भतवष्य की पीफढयों के तलए है या पाररतस्तथतिकी िंर की देख-भाल
9@
करने के संदभा में फकसी भी मानवीय लाभ से तनरपेक्ष, स्तवयं पयाावरण के तवतभन्न घटकों के तनतमत्त
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है? ऄलग-ऄलग नैतिक दृतिक ण आस मूलभूि प्रश्न का तनिांि तभन्न-तभन्न ईत्तर देिे हैं और आसने
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पाररतस्तथतिकीय मूल्य भारिीय परं परा के ऄंग रहे हैं जहां मानव जाति के प्रति ऄपनी सेवाओं के
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तलए प्रकृ ति क पूणा सम्मान फदया गया था। बाबा अम्टे जैसे तवतभन्न पयाावरणतवदों ने भी
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पाररतस्तथतिकीय संिुलन और वन्यजीव संरक्षण के संबंध में जागरूकिा फै लाइ। ईनका मानना था
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ईन्होंने ल गों क संधारणीय तवकास का प्रतिमान ऄपनाने के तलए प्रेररि फकया ज मानव जाति
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o संधारणीयिा: यह सुतनतश्चि करने के तलए कदम ईिाए जाने चातहए फक हम प्रदूषण के स्तिर
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o सह-ऄतस्तित्व: आसके ऄंिगाि पौधों और वन्यजीवों के साथ सह-ऄतस्तित्व िथा ईनसे मनुष्य के
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o पयाावरण-कें फिि: नैतिक तसद्ांिों क मनुष्य और ईसकी अवश्यकिाओं के चारों ओर ही नहीं
बतल्क पयाावरण और ईसकी अवश्यकिाओं के चारों ओर भी यकयान कें फिि करना चातहए।
o सामूतहकवाद के साथ-साथ व्यतक्तवाद (Collectivism as well as individualism): यह
व्यतक्तगि मानवीय फक्रयाकलाप/कायावाही के महत्व क मान्यिा प्रदान करिे हुए संरक्षण
सुतनतश्चि करने के तलए सामूतहक प्रयास की बाि करिा है।
o समग्रिा (Holistic): पयाावरण का समग्र रूप से संरक्षण फकया जाना चातहए, न फक टु क सों
और भागों में तजसका पररणाम संरक्षण के प्रयासों की बबाादी ह िी है।
व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र वस्तिुिः व्यावसातयक माहौल में लागू ह ने वाले नैतिक तसद्ांिों के
समुच्चय क तनरूतपि करिा है। यह फकसी संगिन की सभी गतितवतधयों और व्यतक्तयों पर लागू
ह िा है। कइ फमें ऄपने संगिन में तनय तजि ल गों के कायों का मागादशान करने के तलए तवस्तिि
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अचार संतहिा तवकतसि करिी हैं। आस प्रकार, व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र क आन अचार
संतहिाओं की सामग्री और प्रभावशीलिा का ऄयकययन कहा जा सकिा है।
व्यापाररक संस्तथाएं तजन गतितवतधयों में संलग्न ह िी हैं, ईनके प्रति ईनका नैतिक ईत्तरदातयत्व
ह ना चातहए। ईदाहरण के तलए - ऄपने कमाचाररयों से ऄच्छा ययवहार करने का ईत्तरदातयत्व,
तजस पयाावरण से वे संसाधन प्राप्ि करिे हैं ईसके प्रति सम्मान का ईत्तरदातयत्व, ईपभ क्ताओं पर
ऄपने ईत्पाद के प्रभाव के प्रति ईत्तरदातयत्व अफद। कॉप रे ट प्रतिष्ठा कॉप रे ट के संचालन में
ऄपनाइ गइ नैतिकिा के स्तिर पर तनभार करिी है। व्यापार में नैतिक ययवहार के कु छ ईदाहरण आस
प्रकार ह सकिे हैं:
o दूसरों क ध खा देन,े छल करने या चालाकी से काम तनकालने के तलए प्रल तभि न ह ना।
o बाजार और संगिनों की रचना करने वाले कानूनों और तवतनयमों का भावना के साथ-साथ
ऄक्षरश: पालन करना।
चूंफक, कानून सभी व्यापाररक ययवहारों क ऄच्छाफदि नहीं कर सकिे हैं। ऄिः ऐसे में कानून कइ
बार कु छ बािों क ऄतलतखि छ स देिे हैं, तजसका सदुपय ग/दुरुपय ग फकया जा सकिा है। यहीं
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व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र अिा है। जब बाजार बाह्यिाओं या ऄपूणा सूचना के कारण
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तवफल ह रहा ह िब फकसी व्यावसातयक/व्यापाररक प्रतिष्ठान क बाजार का श षण नहीं करना
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चातहए।
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consumers)
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ईपभ क्ताओं के साथ ऄपने ययवसाय में फमों क कु छ नैतिक ययवहारों का पालन करना चातहए, जैसे:
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स्तवास्तथ्य देखभाल और फामाा अफद जैसी वस्तिुओं एवं सेवाओं के ईत्पादन में आसका ईपभ ग करने
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वाले ईपभ क्ताओं की सुरक्षा सुतनतश्चि करने के तलए मानकों क बनाए रखना।
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गैर-कानूनी रूप से प्राप्त ऄंगों, दवाओं अफद जैसे ऄनुतचि ईत्पादों की तबक्री नहीं करना। ऐसी
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कमाचाररयों के संबध
ं में व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र (Business ethics with respect to
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employees)
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ऄपने कमाचाररयों से ययवहार करिे समय फमों क तनम्नतलतखि ित्त्वों का यकयान रखना चातहए:
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efforts): कमाचारी क संगिन की सफलिा के प्रति ईसके द्वारा फकए गए य गदान के ऄनुसार
भुगिान फकया जाना चातहए।
न ट: व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र के ऄन्य पहलुओं का "कॉप रे ट प्रशासन" शीषाक के ऄंिगाि
तवस्तिार से वणान फकया जाएगा।
प्रबंधन में नीतिशास्त्र के समावेश क नैतिक प्रबंधन कहिे हैं ऄथााि् ययतक्त क प्रबंधन में बुरी
पररपारटयों से बचना चातहए। प्रबंधकीय नीतिशास्त्र वस्तिुिः कायास्तथल पर पररचालन में संलग्न
प्रबंधक के अचरण क तनदेतशि करने वाले मानकों का एक समुच्चय है। आस ईद्देश्य के तलए क इ
भी कानून या तनयम िैयार नहीं फकए गए हैं। आसके बजाए, कं पनी द्वारा ऄपने प्रबंधकों का
मागादशान करने के तलए नीतिशास्त्रीय संतहिाएाँ िैयार की जािी हैं। यह सामान्यि: मूलभूि
अचरण के संबंध में साझा मूल्यों, तसद्ांिों और कं पनी की नीतियों का एक सेट ह िा है िथा
कमाचाररयों, कं पनी और ईसके तहिधारकों के प्रति प्रबंधक के किाव्यों क रे खांफकि करिा है। आनकी
ऄप्रविानीयिा के बावजूद भी, कं पनी की कु छ अचार नीति की ईपेक्षा करने वाले प्रबंधकों से पद
छ सने के तलए कहा जा सकिा है। प्रबंधकीय नीतिशास्त्र के कु छ ईदाहरण- कं पनी की चीजों का
व्यतक्तगि आस्तिम
े ाल न करना, व्यतक्तगि ईपय ग के तलए कं पनी के टेलीफ न या कै ब सेवा का
आस्तिेमाल न करना, तशकायिें व्यक्त करने के तलए ऄपने ऄधीनस्तथों क ईतचि ऄवसर प्रदान करना,
तहिों के संघषा की फकसी भी तस्तथति की पूवा घ षणा करना (जैसे - तवक्रेिाओं से ईपहार स्तवीकार
करना) अफद।
कृ पया यकयान दें: व्यावसातयक/व्यापार नीतिशास्त्र और नैतिक प्रबंधन (प्रबंधकीय नीतिशास्त्र) द नों
में थ सी तभन्निा हैं। व्यावसातयक नीतिशास्त्र वस्तिुिः व्यावसातयक कायावाही से प्रभातवि पक्षों से
जु सा है। यह फकसी ईद्यम के तनणाय तनमााण और कायावाही का एक मानक है। जबफक नैतिक प्रबंधन
कमाचाररयों और ऄन्य तहिधारकों से ययवहार करने में प्रबंधकों के तलए व्यतक्तगि ययवहार के
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मानकों के साथ ऄतधक संबंध रखिा है।
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यह भी यकयान दें: नीतिशास्त्र का प्रबंधन एक ऄलग तवषय है। नीतिशास्त्र के प्रबंधन का ऄथा वस्तिि ु ः
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नैतिक ययवहार के ऄनुपालन हेिु सभी के तलए तसद्ांिों का एक समुच्चय या संतहिा िैयार करने 9@
से है। आसके चलिे एक ययतक्त नैतिक रूप से ऄच्छा तनणाय लेने के तलए तहिों के टकराव और
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दुतवधाओं से तनपटिा है, आसी िरह व्यतक्त नैतिक मागा की फदशा में अगे बढने के तलए ऄपने कायों
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(cosmopolitanism) की संस्तकृति क अधुतनक समाज का वास्तितवक िथ्य बना फदया है। आससे
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काम के ऄवसर में वृतद् हुइ है, ल गों के जीवन स्तिर में सुधार अया है, देश की अ्थक प्रगति हुइ
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है, जागरूकिा में वृतद् देखने क तमली है, सरकार तवतभन्न सेवाओं की ईपलब्धिा सुतनतश्चि करे
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तवश्वव्यापीकरण की संकल्पना के ऄनुसार सभी मनुष्य नैतिक तसद्ांिों के समान समुच्चय के साथ
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एक ही समुदाय से संबंतधि हैं। सैद्ांतिक रूप से, यहां हर क इ वृहत्िर तवश्व के तलए ऄपने
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अपक खुला रखिे हुए ऄपनी व्यतक्तगि और सांस्तकृतिक ऄखंडिा बनाए रख सकिा है।
तवश्वव्यापीकरण और शहरीकरण तनम्नतलतखि मूल्यों से जु से हैं:
o समावेतशिा, एकिा, मानवातधकार और गररमा, सांस्तकृ तिक तवतवधिा, एकजुटिा, समानिा;
o खुलापन, सुशासन, ईत्तरदातयत्व और जवाबदेही, ल किंर;
o वैश्वीकरण, अधुतनकिा, औद्य तगकीकरण, ईपभ क्तावाद, ईदारीकरण;
o ऄंध देशभतक्त का तवर ध, सामातजक न्याय, शांति; और
o सूचना के मायकयम से सामूतहक बुतद्मत्ता/समझ (Collective Intelligence)।
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सामातजक समानिा: आसका िात्पया संसाधनों के समान तविरण से है। पुनः आसका िात्पया
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अधारभूि सेवाओं की व्यवस्तथा से भी है ज सभी के तलए समान रूप से सुलभ हों। फलस्तवरूप
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ल गों के मयकय समानिा की भावना में वृतद् और सापेक्ष वंतचििा की भावना में कमी अिी है 9@
तजससे ऄंििः ल गों की समृतध में बढ िरी ह िी है।
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सामातजक मानदंड: आसका िात्पया प्रत्येक व्यतक्त के तलए समान माहौल (पररतस्तथति) से है। तवतभन्न
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सामातजक शुभ का िात्पया ल गों के साथ तमल-जुल कर रहने से भी है। आसका ऄथा अपकी सहायिा
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भावना प्रदान करिा है। समकालीन समय में, सामातजक शुभ के प्रभातवि ह ने का कारण यह है फक ल ग
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तशक्षा या र जगार अफद के बेहिरी के तलए के बाहर चले गए तजससे सफदयों से तवकतसि कतऺडयां और
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बंधन टू टने लगे हैं। आस प्रकार, सामातजक नेटवका तनरं िर बन भी रहा है और टू ट भी रहा है।
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संसाधनों के तलए संघषा: ल ग तवश्वव्यापी संस्तकृति का ऄनुसरण करिे हुए शहरी क्षेरों में प्रवास
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कर रहे हैं। आसके कारण शहरी क्षेरों की जनसंख्या में तवशाल वृतद् हुइ है िथा भूतम, जल,
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ऄवसंरचना आत्याफद के संदभा में संसाधनों की कमी देखने क तमली है। आस प्रकार, स्तवच्छ जल िक
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ऄतधकांश ल गों की पहुाँच में कमी अइ है, स सकों पर भी स में वृतद् हुइ है िथा कइ ल ग मतलन
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समाज का सलाद बाईल बनाम मेतल्टग पॉट मॉडल (Salad bowl vs Melting pot model of
society): तवश्वव्यापीकरण के कारण कइ संस्तकृतियों ने ऄपनी पहचान ख दी है और तवश्व की
प्रभुत्वशाली संस्तकृ तियां आन्हें ईत्िर त्िर ऄपने ऄंदर समातवि करिी जा रही हैं।
वैतश्वक बनाम क्षेरीय मूल्य: मेचल्टग पॉट मॉडल के तवर ध में, क्षेरीय और स्तथानीय संस्तकृ तियां
वैश्वीकरण की प्रतिफक्रया के रूप में ऄपनी संस्तकृति पर मजबूिी से दावा कर रही हैं।
सांस्तकृ तिक तवतवधिा बनाम सांस्तकृतिक टकराव: आन क्षेरों में ईपलब्ध ऄवसर तवतभन्न पृष्ठभूतम और
संस्तकृ तियों के ल गों क यहां लािे हैं और ईन्हें आनके संपका में अने में सक्षम बनािे हैं। लेफकन कभी-
कभी आस तवतवधिा से संघषा ह िा है जब कु छ ल ग नइ संस्तकृति के तलए खुले नहीं ह िे हैं।
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o तनष्ठा/तवश्वसनीयिा/वफ़ादारी (Loyalty): ऄपने जीवन साथी िथा पररवार के सदस्तयों के
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प्रति तनष्ठा।
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o प्रेम (Love): पररवार के सभी सदस्तयों क ईनकी कतमयों के बावजूद प्रेम करना। s 9@
स्नेह (Affection): सभी सदस्तयों की अवश्यकिाओं की स्तवयं ऄपनी अवश्यकिाओं की भांति
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देखभाल करना।
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तनजी संबंध में नैतिकिा अम िौर पर व्यतक्तगि सगुगुणों, सावाभौतमक मानवीय मूल्यों, धमा,
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सामातजक मानदंडों िथा क्षेरीय कानून द्वारा तनदेतशि ह िी है। तनजी संबंध में नैतिकिा तनजी
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धा्मक कानून द्वारा भी तनयंतरि ह िी है। व्यतक्तगि पाररवाररक एवं सामुदातयक दातयत्वों क
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बहुि समय पूवा कानून में तलखा जा चूका है िथा आन्हें प्राचीन काल से लेकर विामान समय के
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िलाक, तववाह एवं ऄन्य कानूनों द्वारा गंभीर प्रतिबंध अर तपि कर सम्थि फकया गया है। तनजी
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संबंधों में नैतिक संतहिाओं के साथ-साथ, भारि में, धा्मक संस्तथान एवं संवैधातनक प्रावधान भी
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पारस्तपररक व्यवहार (ऄंिःफक्रया) िथा व्यापाररक व्यवहार के संबंध में ऄनुसरण करिा है।
सावाजतनक संबंध वे संबंध हैं ज फकसी पेशे के सगुगुण या व्यावसातयक जीवन में धाररि पद के
कारण तवद्यमान ह िे हैं।
सावाजतनक संबंधों के मूल मंर (core values) ज परस्तपर व्यवहार एवं तनणायन प्रफक्रया का
मागादशान करिे हैं िथा फकसी भी पेशेवर सत्यतनष्ठा के तलए महत्वपू णा ह िे हैं, ईनमें तनम्नतलतखि
तवशेषिाएाँ सतम्मतलि ह िी हैं:
o पक्ष-समथान (Advocacy): तजन व्यतक्तयों/संगिनों के तलए प्रतितनतधत्व फकया जाना है ईनके
तलए एक तजम्मेदार पक्ष-समथाक के रूप में काया करके ईनके सावाजतनक तहिों की पू्ि करना।
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प्रति फकसी भी तवत्तीय या ऄन्य दातयत्व के िहि संबद् नहीं करना चातहए ज ईन्हें ऄपने
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अतधकाररक किाव्यों के तनष्पादन में बाधा डालें।
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III. वस्तिुतनष्ठिा (Objectivity): सावाजतनक तनयुतक्तयों, िे का/ऄनुबंध के मामलों, या पाररि तषक
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व लाभ के तलए फकसी की ऄनुशंसा करिे समय सावाजतनक काया के तनवाहन के दौरान
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IV. जवाबदेही (Accountability): सावाजतनक पद के धारक जनिा के प्रति ऄपने तनणायों िथा
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कायों के तलए जवाबदेह ह िे हैं िथा ईन्हें ऄपने पद से जु से प्रत्येक जांच के तलए अगे अना
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चातहए।
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कायावातहयों के तलए तजिना संभव ह ईिना स्तपि ह ना चातहए। ईन्हें ऄपने तनणायों के तलए
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िका प्रदान करना चातहए िथा जानकारी क के वल िभी प्रतिबंतधि करना चातहए जब
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किाव्यों से जु से फकसी भी प्रकार के तनजी तहि की घ षणा करें िथा सावाजतनक तहिों की पू्ि
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करने के मागा मे अने वाले फकसी भी बाधा क दूर करने के तलए कदम ईिाएं।
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VII. नेित्ृ व (Leadership): सावाजतनक पद के धारकों क ऄपने नेिृत्व कौशल के मायकयम से िथा
तवतभन्न ईदाहरणों क पेश कर आन तसद्ांिों क बढावा देना चातहए िथा आनका समथान
करना चातहए।
न ट: OECD देशों ने भी सरकारी कमाचाररयों का मागादशान करने के तलए अधारभूि मूल्यों के एक
सेट क प्रकातशि फकया है। ये हैं: भेदभाव रतहि (impartiality), वैधिा (legality), सत्यतनष्ठा
(integrity), पारद्शिा (transparency), दक्षिा (efficiency), समानिा (equality), तजम्मेदारी
(responsibility) एवं न्याय (justice)।
द नों के मयकय क इ द्वैि संबंध नहीं ह सकिा, क्योंफक नैतिकिा एक सगुगुण जीवन क बढावा देिी
है। ऄिः यह द नों के तलए समान रूप से लागू ह िी है। एक व्यतक्त ज ऄपने सावाजतनक जीवन में
ऄनैतिक है, ईससे शायद ही ऄपने तनजी जीवन में नैतिक ह ने की ऄपेक्षा की जा सकिी है िथा
आसी प्रकार ज व्यतक्त ऄपने तनजी जीवन में ऄनैतिक है, ईससे शायद ही ईसके सावाजतनक जीवन
में नैतिक ह ने की ऄपेक्षा की जा सकिी है। तजस िरह से एक तसतवल कमाचारी ऄपने पररवार में
मतहलाओं के साथ व्यवहार करिा है, ईससे हम ऄनुमान लगा सकिे हैं फक वह ऄपने मतहला
सहक्मयों के साथ कै से व्यवहार करिा ह गा या फफर हम यह भी ऄनुमान लगा सकिे हैं फक ईसके
द्वारा कायाातन्वि नीतियां चलग तनरपेक्ष हैं या नहीं। यफद हम महान व्यतक्तत्वों के ईदाहरण लें ि
हम पाएंगे फक ईनके , ऄपने सावाजतनक एवं तनजी जीवन क अाँकने के समान मानदंड थे, ईदाहरण
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तशक्षक-छार के मयकय संबंध - कभी-कभी कक्षा में तशक्षक बच्चों के साथ ऄपने व्यतक्तगि ईदाहरणों
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का ईपय ग करिे हैं, बच्चे भी तशक्षकों के साथ ऄपनी कमज ररयों क सांझा करिे हैं िाफक ईनमें
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सुधार ह सके । आस प्रकार आस मामले में, कु छ स्तिर िक, जैसे जैसे वे द नों ऄपनी बािों क साझा
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करना अरं भ करिे हैं, ईनके मयकय संबंध तनजी ह िे जािे हैं।
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यह बहुि महत्वपूणा है फक व्यतक्तगि िथा पेशेवर नीतिशास्त्र के मयकय क इ मिभेद नहीं ह क्योंफक
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यह कु छ ल गों के तवचारों में तनराशा, ऄपराध या भ्रम एवं तवसंगति का कारण ह सकिा है। ये
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द नों ही एक दूसरे क अकार देिे हैं िथा ईन्हें मजबूिी प्रदान करिे हैं। व्यतक्तगि तवकास के तलए,
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ईन्हें एक दूसरे के समनुरूप ह ना चातहए। परं िु ऄत्यतधक समनुरूपिा तवचारों िथा पररविानों की
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तनश्चलिा का कारण बन सकिी है, ईदाहरण के तलए - यफद सावाजतनक सेवाओं मे लगा क इ भी
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व्यतक्त सुधार के तलए ईन्मुख नहीं ह गा िथा विामान समाज के समनुरूप ही रहेगा, ि सामातजक-
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हालांफक, सावाजतनक जीवन में नैतिकिा का ऄतधक महत्व है िथा सावाजतनक जीवन में आसकी
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मांग भी ह िी है क्योंफक सावाजतनक जीवन में अप सदैव ऄपनी व्यतक्तगि नैतिकिा का ऄनुसरण
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नहीं कर सकिे हैं। ईदाहरण के तलए – तनजी िौर पर अप गभापाि क नैतिक रूप से गलि मान
सकिे हैं, परं िु यफद अप एक डॉक्टर हैं, ि अपक ऄपने पेशेवर नैतिकिा का ऄनुपालन करिे हुए
अपक कइ बार गभापाि में संलग्न ह ना प सिा है। आस िरह की दुतवधाएाँ प्राकृ तिक हैं परं िु हमें
ऄपने तनजी िथा पेशेवर भूतमका के मयकय एक रे खा खींचने की अवश्यकिा है। सावाजतनक रूप से
भूतमका तनभाने पर हमें ऄपने व्यतक्तगि जीवन क पृथक करने िथा दृढिा से पेशेवर अचार
संतहिा का ऄनुसरण करने की अवश्यकिा ह िी है।
सरल नहीं है। हालांफक, ईतचि एवं तनष्पक्ष तविरण प्रफक्रया सुतनतश्चि करके वास्तिव में एक नैतिक
समाधान पर पहुंचने का दावा फकया जा सकिा है।
क इ भी दृतिक ण सावाभौतमक नहीं ह िा या क इ भी ऐसा दावा नहीं फकया जा सकिा ज द ष
रतहि न ह । ऄतधकिम अनंद प्राप्त करने का लक्ष्य फकसी ऄन्य व्यतक्त के मूल ऄतधकारों के हनन
का कारण बन सकिा है। किाव्य पालन के प्रति दृढिा नकारात्मक पररणामों का कारण भी बन
सकिी है; हालांफक ऐसे में तनणाय लेने वाले व्यतक्त पर ईन पररणामों की तजम्मेदारी कम ह
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जाएगी। ऄंिि गत्वा, सगुगुणी क पुरस्तकृ ि करके िथा दुराचारी क दंतडि कर सामान्य खुशी
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(अनंद) में वृतद् की जा सकिी है।
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न्याय का िात्पया है फक तबना फकसी भय या पक्षपाि के ज सही है, ईसका चयन करना। तनणाय की 9@
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प्रफक्रया फकसी भी पूवााग्रह से मुक्त ह नी चातहए। फकसी व्यतक्त या वगा की ओर पूवााग्रह नहीं ह ना
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चातहए। हालांफक, तजस दृतिक ण या तवतध क ऄपनाया जा रहा है, वह प्रत्येक ऄवस्तथा में
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एकसमान नहीं ह सकिा है। आसका ऄथा यह है फक यफद ईपय तगिावादी दृतिक ण ने फकसी एक
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मामले में सव त्तम पररणाम फदए हैं, ि आसका अशय यह नहीं है फक अगे के प्रत्येक तनणाय के तलए
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सूतचि िथा न्यायसंगि तनणाय लेने में सक्षम बनािा है। ऄनुभव में तवतवधिा ह ने पर एक व्यतक्त
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दूसरों की पररतस्तथतियों एवं समस्तयाओं क बेहिर समझ सकिा है। ऐसे में, ऄन्य संस्तकृतियों िथा
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समाजों के प्रति रुतच क बढावा देने का प्रयास फकया जाना चातहए। आस प्रकार, एक िका संगि एवं
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न्यायसंगि तनणाय पर पहुंचा जा सकिा है। ये तनणाय तहिलाभों क पहचानने में सक्षम ह ने चातहए
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िथा ईन तहिलाभों क ऄतधकिम करने का लक्ष्य ह ना चातहए। साथ ही साथ, द षों क पहचानने
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"मूल्य" वस्तिुिः हमारे अस-पास की दुतनया के तवतभन्न पहलुओं क प्रदत्त मान्यिा या महत्व क
दशाािे हैं। मूल्य एक प्रकार की वरीयिा है, साथ ही श्रेयस्तकर (श्रेष्ठ) की ऄवधारणा। हम प्रत्येक
मानवीय फक्रयाकलाप/कायावाही के तलए मूल्यों क श्रेय देिे हैं, ज फक आसकी व्यापकिा क दशाािा
है।
मूल्य वस्तिुिः व्यतक्तगि तवश्वास ह िे हैं, ज ल गों क एक या दूसरे िरीके से काया करने के तलए
प्रेररि करिे हैं। वे मानवीय व्यवहार के तलए एक मागादशाक या तनयामक के रूप में काम करिे हैं।
)
कु छ मूल्यों क पतवर माना जािा है िथा ज ईन पर तवश्वास करिे हैं, ईनके तलए वे नैतिक
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l.co
ऄतनवायािाओं के समान ह िे हैं। ऐसे पतवर मूल्यों के साथ कदातचि ही कभी समझौिा फकया
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जािा है, क्योंफक तनणाय लेने के तलए तवचार-तवमशा फकए जाने वाले कारकों के बजाए ईन्हें (पतवर 9@
मूल्यों) किाव्यों के रूप में माना जािा है। जैसे- ऄतधकांश ल ग राष्ट्र गान के गाए जाने के दौरान
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ख से ह ने वाली बाि क एक ऐसा मूल्य मानिे हैं तजसके साथ वे कभी समझौिा नहीेे कर सकिे ,
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आस प्रकार हमने देखा फक भले हीं ‘मूल्य’ पतवर हों, ऄंिभूाि महत्व वाले हों या फफर सायकय की
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प्रातप्त का एक साधन हों, हर दशा में मूल्य व्यतक्तयों, संस्तकृ तियों िथा पररतस्तथतियों के ऄनुसार
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बदलिे रहिे हैं। ज भी ह , नैतिक तनणाय लेने में एक प्रेरक ित्त्व के रूप में मूल्यों क
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सावाभौतमक मान्यिा प्राप्त ह िी हैं। समाज क प्राप्त तहिलाभों के कारण मानवीय मूल्य
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महत्वपूणा ह िे हैं। वे मानदंड प्रदान करिे हैं, तजनके अधार पर हम दूसरे ल गों, वस्तिुओं,
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6.1. मू ल्य तवकतसि करने में पररवार, समाज िथा शै क्ष तणक सं स्तथाओं की भू तमका
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देने य ग्य बाि यह है फक प्राथतमकिाएं ही हमारे मूल्य बन गए हैं। पहले साझा करना या देरी से
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प्राप्त ह ने वाले अनंद ही हमारी प्राथतमकिाएं ह िी थीं। ऄब ईपभ क्तावाद व ित्काल प्रतसतद् या
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त्वररि सफलिा ने आसका स्तथान ले तलया है। समय के साथ, कु छ मूल्यों क मौतलकिा का दजाा 9@
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प्राप्त हुअ है, ि वहीं दूसरी ओर, कु छ मूल्यों के साथ मानवीय दुबालिाओं के कारण समझौिा
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कभी-कभी पररवार स्तवयं ही आस प्रखर प्रतिस्तपधी दुतनया में ऄपने बच्चों क स्तवाथी ह ने की सीख
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देिा है, जैस-े तवतभन्न प्रतिय तगिाओं में ऄयवल बने रहने के तलए द स्तिों के साथ न ट्स या
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जानकारी क साझा न करने की सीख। कइ बार यह बच्चे के तहि में ह सकिा है, परं िु ऄंििः, यह
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स्तव-तहि के मूल्य क ही जन्म देिा है िथा ईसे सहय ग व साझा करने के मूल्यों क न ऄपनाने की
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सीख देिा है। यह दशाािा है फक फकस प्रकार एक अधुतनक पररवार के मूल्य पारं पररक पररवार के
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मूल्यों से ऄलग हैं। भतवष्य में ह सकिा है फक यही मूल्य पारं पररक मूल्य बन जाएं।
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सीखे गए मूल्यों के समान ही रहें। ऄन्य मायकयमों, जैस-े मीतडया, तशक्षा व्यवस्तथा, तमर,
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भी कर सकिे हैं।
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प सा है। आसतलए, मानवीय सहायिा के लक्ष्यों क प्राप्त करने के तलए सद्भाव, सतहष्णुिा, शांति
और सहानुभूति के मायकयम से तवकतसि तवश्व की अवश्यकिा है। मूल्यों की तशक्षा आन लक्ष्यों क
प्राप्त करने में सहायिा करिी है। स्तकू ल में, छार अवश्यक रूप से तनम्नतलतखि मूल्यों क सीखिा है:
o सहय ग (Cooperation): तवद्यालयों में 6-7 घंटों िक ऄपने सहपारियों के साथ बैिना बच्चों क
सभी क हमेशा साथ लेकर चलने की सीख देिे हैं।
o नए ल गों के साथ ऄंिःफक्रया (Interaction with new people): यहां बच्चा पहली बार यह
सीखिा है फक तजन्हें अप पहले से नहीं जानिे ईनके साथ फकस प्रकार तमरिा की जािी है।
o वैचाररक तवतवधिा (Diversity of views): तवतभन्न तवश्वासों, ऄतभवृतत्तयों और मूल्यों वाले
ऄलग-ऄलग ल गों की ईपतस्तथति और ईनसे संपका के कारण यह मूल्य तवकतसि ह िा है।
तशक्षक महान ऄनुकरणीय ययतक्त ह िे हैं और ईनके काया/फक्रयाकलाप बच्चों पर ब सा प्रभाव छ सिे
हैं, क्योंफक यहााँ बच्चों की अयु आिनी कम ह िी है फक वे आनके प्रति ऄतधक सुभेद्य माने जािे हैं।
आसी प्रकार ऄन्य बच्चों के काया/फक्रयाकलाप भी दूसरे बच्चों पर ऄपना प्रभाव छ सिे हैं। तशक्षा
मानवीय मूल्यों क सीखने की फदशा में एक व्यवतस्तथि प्रयास है। संक्षेप में, सभी तशक्षा मानव
व्यतक्तत्व के सभी अयामों - बौतद्क, शारीररक, सामातजक और नैतिक का तवकास करिी है। हाल
के वषों में, शैक्षतणक प्रणाली में मूल्यों के संकट के कारण, 'मूल्य तशक्षा' (value education) शब्द
)
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शैतक्षक संस्तथानों और शैक्षतणक समुदाय में ल कतप्रय शब्द बन गया है।
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कु छ नहीं।“ - महात्मा गांधी
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(b) “लगभग सभी ल ग तवपतत्त का सामना कर सकिे हैं पर यफद फकसी के चररर का परीक्षण
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करना है, ि ईसे शतक्त/ऄतधकार दे द ।“ - ऄब्राहम चलकन
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(c) “शरुओं पर तवजय पाने वाले की ऄपेक्षा मैं ऄपनी आच्छाओं का दमन करने वाले क
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6. “सवातहि में ही हर व्यतक्त का तहि तनतहि है।“ अप आस कथन से क्या समझिे हैं? सावाजतनक
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2014
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1. सभी मानव सुख की अकांक्षा करिे हैं। क्या अप सहमि हैं? अपके तलए सुख का क्या ऄथा
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2. मानव जीवन में नैतिकिा फकस बाि की प्र न्नति करने की चेिा करिी है? ल क-प्रशासन में
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3. रक्षा सेवाओं के सन्दभा में, ‘देशभतक्त’ राष्ट्र की रक्षा करने में ऄपना जीवन ईत्सगा करने िक की
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ित्परिा की ऄपेक्षा करिी है। अपके ऄनुसार, दैतनक ऄसैतनक जीवन में देशभतक्त का क्या
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2015
1. ‘पयाावरणीय नैतिकिा’ का क्या ऄथा हैं? आसका ऄयकययन करना फकस कारण महत्वपूणा है?
पयाावरणीय नैतिकिा की दृति से फकसी एक पयाावरणीय मुद्दे पर चचाा कीतजए।
2. तनम्नतलतखि के बीच तवभेदन कीतजए
(a) तवतध और नैतिकिा
(b) नैतिक प्रबंधन और नैतिकिा का प्रबंधन
(c) भेदभाव और ऄतधमानी बरिाव
)
विामान संदभा में, अपके तलए क्या मायने
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(a) “कमज र कभी माफ नहीं कर सकिे; क्षमाशीलिा ि िाकिवर का ही सहज गुण है।”
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(b) “हम बच्चे क असानी से माफ कर सकिे हैं, ज ऄंधरे े से डरिा है; जीवन की वास्तितवक
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4. “सामातजक मूल्य, अ्थक मूल्यों की ऄपेक्षा ऄतधक महत्वपूणा हैं।” राष्ट्र की समावेशी संवृतद् के
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2016
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1. स्तपि कीतजए फक अचारनीति समाज और मानव का फकस प्रकार भला करिी है।
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3. भारि के संदभा में सामातजक न्याय की जॉन रॉल्स की संकल्पना का तवश्लेषण कीतजए।
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2017
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ऄच्छे ऄथवा बहुि बुरे काया कर सकिे हैं। ये सब कु छ ईन तसद्ांिों पर अधाररि है तजनसे वे
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तनदेतशि ह िे हैं।’’ - नेप तलयन ब नापाटा। ईदाहरण देिे हुए ईन शासकों का ईल्लेख कीतजए
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तजन्होंने (i) समाज व देश का ऄतहि फकया है, (ii) समाज व देश के तवकास के तलए काया
फकया है।
2. ‘‘मेरा दृढ तवश्वास है फक यफद फकसी राष्ट्र क भ्रिाचार मुक्त और सुंदर मनों वाला बनाना है,
ि ईसमें समाज के िीन प्रमुख ल ग ऄंिर ला सकिे हैं। वे हैं तपिा, मािा एवं तशक्षक।‘‘ -
ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम। तवश्लेषण कीतजए।
3. विामान समय में नैतिक मूल्यों का संकट, सद्-जीवन की संकीणा धारणा से जु सा हुअ है।
तववेचना कीतजए।
)
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बिािा है फक घर-अधाररि आकाइ में वे बालक ईसके सम्बन्धी हैं। अप देखिे हैं फक जब
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मातलक यह बिा रहा है, ि कइ बालक खीस तनप रिे हैं। गहन पूछिाछ में अप जान जािे हैं
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फक मातलक और बालक परस्तपर क इ सम्बन्ध संि षजनक रूप से तसद् नहीं कर पाए।
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(1) आस प्रकरण में ऄंिग्रास्ति नैतिक तवषय स्तपि कीतजए और ईनकी व्याख्या कीतजए।
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विामान में एक उपरगामी पुल (flyover) के तनमााण-काया के प्रभारी हैं। अपके ऄधीन द
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कतनष्ठ ऄतभयंिा हैं, ज प्रतिफदन तनमााण-स्तथल के तनरीक्षण के ईत्तरदायी हैं िथा अपक
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तववरण देिे हैं और अप तवभाग के ऄयकयक्ष, मुख्य ऄतभयंिा क ररप टा देिे हैं। तनमााण काया
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पूणा ह ने क है और कतनष्ठ ऄतभयंिा तनयतमि रूप से यह सूतचि करिे रहे हैं फक तनमााण-काया
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पररकल्पना के तवतनदेशों के ऄनुरूप ह रहा है। लेफकन अपने ऄपने अकतस्तमक तनरीक्षण में
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प्रभातवि कर सकिी हैं। आस स्तिर पर आन कतमयों क दूर करने में काफ़ी तनमााण-काया क
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में तवलम्ब भी ह गा। क्षेर में भारी ट्रैफफक जैम के कारण पररषद पर तनमााण शी्र पूरा करने के
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तलए जनिा का ब सा दबाव है। जब अप तस्तथति मुख्य ऄतभयंिा के संज्ञान में लाए, ि ईन्होंने
ऄपने तववेकानुसार आसक ब सा गम्भीर द ष न मानकर आसे ईपेतक्षि करने की सलाह दी।
ईन्होंने पररय जना क समय से पूरा करने हेिु काया क अगे बढाने के तलए कहा। परन्िु अप
अश्वस्ति हैं फक यह गम्भीर प्रकरण है तजससे जनिा की सुरक्षा प्रभातवि ह सकिी है और
आसक तबना िीक कराए नहीं छ सा जा सकिा।
ऐसी तस्तथति में अपके करने के तलए कु छ तवकल्प तनम्नतलतखि हैं। आनमें से प्रत्येक तवकल्प का
गुण-द ष के अधार पर मूल्यांकन कर ऄन्ििः सुझाव दीतजए फक अप क्या कायावाही करना
चाहेंगे और क्यों।
)
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“तहिों के संघषा” पद का ऄथा स्तपि कीतजए िथा ईन तस्तथतियों की पहचान कीतजए ज आसके
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दायरे में अिी हैं।
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ईत्तर: 9@
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तहिों के संघषा क ईस तस्तथति के रूप में पररभातषि फकया जा सकिा है, जहााँ फकसी सरकारी
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कमाचारी के तनजी या व्यतक्तगि तहि हों, िथा यह ईसके अतधकाररक किाव्यों के तनष्पक्ष
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तनवाहन क प्रभातवि करने या संभाव्य प्रभाव डालने हेिु पयााप्त ह िे हैं। यहााँ व्यतक्तगि तहि
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में के वल अ्थक मामले शातमल नहीं ह िे ऄतपिु आसमें ऄन्य मामलें भी शातमल ह िे हैं। आसे
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ट्रांसपेरेंसी आं टरनेशनल तहिों के संघषा क ईस तस्तथति के रूप में पररभातषि करिा है, जहााँ
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एक व्यतक्त या एक प्रतिष्ठान तजसके तलए वे काया करिे हैं (सरकार, व्यवसाय, मीतडया
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अईटलेट या नागररक समाज संगिन अफद), वे ऄपने पदों से संबंतधि किाव्यों व मांगों िथा
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करने वाले नीतिगि तनणायों क शातमल कर सकिा है, तजस व्यवसाय में फकसी कमाचारी
शेयर ह िा है ऄथवा ऄपने स्तवातमत्व वाली भूतम के मूल्य क प्रभातवि करने के तलए एक
सामान्य य जना तवकतसि करने वाले एक सरकारी कमाचारी की भूतमका क आसमें
)
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शातमल फकया जािा है। यह वास्तितवक तहि संघषा की तस्तथति में िब बदल जािी है, जब
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कभी कमाचारी महत्वपूणा लाभ के एक सुऄवसर हेिु ित्पर ह िा है। 9@
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iii) प्रछन्न सूचना (Information Peddling)
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वैसे अतधकारी तजनके पास गुप्त िौर पर ऐसी सूचना ह िी है ज सामान्य जन हेिु
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ईपलब्ध नहीं ह िी और वे ऐसी सूचना का प्रय ग ऄपने मौफिक या ऄन्य फकसी लाभ के
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तलए करिे हैं, ि वे प्रछन्न सूचना के द षी ह िे हैं। यहााँ मुख्य कारक ऄतधकारी िक
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करिे हैं।
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ऄप्रत्यक्ष तवत्तीय तहि ह िा है ज सेवा के ईत्तरदायी काया तनष्पादन के साथ प्रत्यक्ष रूप
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ऄतधकारी फकसी तनणाय पर प्रत्यक्ष रूप से व्यतक्तगि तनयंरण रखिा है ज ईसके तलए
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महत्वपूणा तनजी लाभ ईत्पन्न करे गा। यह प्रछन्न प्रभाव से तभन्न है तजसमें ऄतधकारी जााँच
में पररणामों क प्रभावशाली रूप से तनयंतरि करिा है। ईदाहरणाथा, एक सतचव ज
ऄपने स्तवातमत्व के ऄधीन एक ऄतवकतसि भूतम के तनकट एक नए तवमानपत्तन की
ऄवतस्तथति क प्रभातवि कर सकिा है।
v) ईपहार एवं सत्कार (Gifts and Entertainment)
ईपहारों एवं सत्कार की मांग या ईन्हें स्तवीकार करना संघषा का सृजन करिा है, यफद ये
मद एक सरकारी कमाचारी के किाव्यों के तनष्पक्ष सम्पादन क प्रभातवि करिे हैं। तहिों के
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फकसी सरकारी तवभाग से पेशेवर िरीके से संबद् ह िे हैं, ऐसे सरकारी कमाचारी क
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तजसे ऄपने तवभाग की लगभग पूणा जानकारी ह िी है िथा तवभाग के ऄन्य ऄतधकाररयों
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के साथ ईसका तनकट संपका ह िा है, ऄपने यहााँ तनयुक्त कर सकिे हैं। जब व्यतक्त
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सावाजतनक और तनजी सेवाओं के मयकय खुद क पािा है, ि पूवाविी काया िथा भावी
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पक्ष लेना तहिों के संघषा का कारण बन सकिा है। तहिों के संघषा का यह प्रारूप कभी-
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कभी प्रछन्न प्रभाव के एक तवशेष वगा के रूप में भाइ-भिीजावाद कहलािा है। ऄतनवाया
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ररश्िेदार हेिु प्राथतमक व्यवहार प्राप्त करने के तलए प्रभाव के प्रय ग क शातमल करिा
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है। ल क प्रशासक ज ऐसे कायों में संलग्न ह िे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त नहीं करिे
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बतल्क पाररवाररक बंधनों िथा परस्तपर समथान क सुदढृ करने के मायकयम से ऄप्रत्यक्ष रूप
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2. प्रशासतनक नीतिशास्त्र से अप क्या समझिे हैं? प्रशासतनक व्यवस्तथा के प्रभावी संचालन हेिु
आसकी अवश्यकिा क्यों है?
ईत्तर:
प्रशासतनक नीतिशास्त्र की ऄनेक पररभाषाएं तनम्नतलतखि हैं:
प्रशासतनक नीतिशास्त्र क ल क प्रशासकों हेिु नैतिक मानदंडों और अवश्यकिाओं के
एक संग्रह के रूप में माना जािा है, तजसका ईद्देश्य ईनकी व्यावसातयक गतितवतधयों क
सामान्य तहिों की रक्षा और नैतिक मूल्यों के प्रभावी प्रय ग हेिु प्रेररि करना है।
)
प्रशासतनक नीतिशास्त्र का महत्व:
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यह ल क सेवा की ऄवधारणाओं एवं लक्ष्यों और साथ ही साथ तवतभन्न सरकारी संस्तथाओं
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के तवशेष कायों क प्रतिचबतबि करिी है। 9@
ये तसद्ांि समाज में ऄपनाइ गइ अदशा या लतक्षि ल क प्रशासन प्रतिमान की एक
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सरकारी गतितवतधयों में जनिा और राज्य के मयकय संबंधों क तजिना ऄतधक संभव ह
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करवाना।
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प्रशासतनक नीतिशास्त्र का मुख्य काया सरकार और ल गों के मयकय संबंधों क सुदढृ कर ईसे
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बढावा देना है। नैतिक मानकों और अवश्यकिाओं की एक प्रणाली तनम्नतलतखि में सहायिा
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ऄतनवाया मानवातधकारों क ऄनुभव करने हेिु प्रशासकों के तलए तवशेष नैतिक
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अवश्यकिाएं ऄतनवाया हैं। आसतलए नैतिक अवश्यकिाओं िथा संवैधातनक मूल्यों के 9@
मयकय मजबूि संबंध स्तथातपि हैं। नैतिक अवश्यकिाओं क ऄनुविी मानकों क भी
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o ऄनुशस
ं ाएं (कु छ नैतिक तस्तथतियों में ल क सेवकों क कै से व्यवहार करना चातहए)।
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तवतभन्न सामातजक समूहों का प्रतितनतधत्व करने वाले व्यतक्तयों से व्यवहार करिे हैं। यह
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ईल्लेख फकया जाना चातहए फक नागररक, पेशेवर समूह या संस्तथाओं के दृतिक ण में ल क
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प्रशासक हीं राज्य का प्रतितनतधत्व करिे हैं और सरकारी तनकायों के अदेश के अधार
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िथा जनसाधारण से संवाद स्तथातपि करने के िरीके ऄंििः सरकारी व्यवस्तथा क प्रभावी
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बनािे हैं।
मंरालयों एवं तवभागों की कायाशैली में सुधार करने और साथ ही साथ सरकारी
प्रशासतनक प्रणाली के प्रदशान क तनयंतरि करने हेिु ईपाय तवकतसि करने के तलए उपर
सभी ऄनुग्रहों का ईल्लेख फकया जा चुका है। एक ल क सेवक में क्षमिा, सुव्यवस्तथा,
)
मदद करने के तलए ऄनुमति देिा है। तवद्यालय िथा कॉलेज बच्चे के समक्ष वास्तितवक जगि का
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एक छ टा दृिांि प्रस्तिि
ु करिे हैं। ये संस्तथान बच्चों क तसखािे हैं फक ईनसे कु छ वररष्ठ
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(ऄयकयापक, कमाचारी) व्यतक्त ह िे हैं तजनकी अज्ञा का ईन्हें पालन करना ह िा है। तवतभन्न 9@
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वगा, जाति, नस्तल, धमा, चलग, राष्ट्र, संस्तकृति और परम्पराओं से संबद् ईनके कु छ सहपािी ह िे
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हैं, तजनसे वे संपका स्तथातपि करिे हैं, और यह ईन्हें भतवष्य की चजदगी का प्रथम ऄनुभव देिा
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है तजसमें ईन्हें तवतभन्न समूहों से सम्बंतधि आन ल गों में से एक ह ना है। यह ईन्हें ऄपने चार
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और के तवश्व के प्रति ऄपने दृतिक ण क एक अकार देने में मदद करिा है। कायों क समाप्त
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करने की समय सीमा ह िी है, प्रदशान ईन्मुख जीवन के तलए परीक्षाएं जरूरी हैं,
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श्रेणीकरण/मूल्यांकन यह फदखािे हैं फक ऄसल जीवन में फकसी व्यतक्त का ईसके प्रदशान के
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अधार पर मूल्यांकन फकया जाएगा और ईसे पुरस्तकृ ि फकया जाएगा, आस प्रकार तवद्यालय
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तवश्व का एक सूक्ष्म तचर दशाािे हैं। पुनः तवद्यालयों और कॉलेजों में तवतभन्न प्रकार की
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चररर-तनमााण और मूल्यों के तवकास हेिु ऄत्यंि महत्वपूणा संस्तथान बना देिी हैं।
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व्यवतस्तथि तशक्षा क बढावा देिे हैं। तवद्यालय की भूतमका यह ह िी है प्रत्येक छार ऄपनी
ऄतधकिम शैक्षतणक क्षमिा क प्राप्त कर पाए। सभी कक्षाओं में साथाक मारा में फदए जाने
वाले कक्षाकाया (स्तकू लवका ) का ईद्देश्य बच्चों क समस्तयाओं के हल ाू ाँाने का तवशेषज्ञ बनाना
ह िा है। ये ऐसे गुण हैं ज बच्चे के वयस्तक जीवन के लगभग हरे क व्यतक्तगि और व्यावसातयक
पहलू में काम अिे हैं। आसतलए, शैतक्षक गुणों के ऄलावा, समस्तया क सुलझाने का गुण एक
अवश्यक जीवन कौशल है।
तवद्यालय बच्चों क ईनके सातथयों और तशक्षकों के साथ सकारात्मक संपका स्तथातपि करने में
एक महत्वपूणा भूतमका तनभािा है। वे ऄच्छे संबंधों के लाभ के बारे में सीखिे हैं और कक्षा
तजस प्रकार से तशक्षक बच्चों से संवाद करिे हैं और बच्चों के मयकय पारस्तपररक व्यवहार क
प्र त्सातहि करिे हैं, वह प्रत्येक बच्चे के तवकास क महत्वपूणा ांग से प्रभातवि करिा है। ऄिः
हर स्तिर पर गुणवत्तापूणा पारस्तपररक व्यवहार क सुतनतश्चि करना ऄत्यंि महत्वपूणा है। आसके
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तलए ऐसी अशा की जािी है फक तवद्यालय ऄपने छारों के चररर-तनमााण के तलए नीतियों क
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प्रकातशि करें और समय-समय पर छारों के चररर का अंकलन करें । तशक्षकों और कमाचाररयों
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से सामान्य व्यवहार की ईम्मीद क भी आसमें शातमल कर सकिे हैं। 9@
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कायाक्रमों क बढावा फदया जाना चातहए और ईन्हें प्रकृ ति में सिही रखने की बजाय आस
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प्रकार से िैयार फकया जाना चातहए फक वह छारों के जीवन पर ऄतधकिम प्रभाव डाल सकें ।
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ऄच्छे चररर वाले छारों क पुरस्तकृि और सराहना की जानी चातहए; यह दूसर क भी वैसा
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तशक्षकों क छारों के सम्मुख ऄपने अप क एक अदशा के रूप में पेश करना चातहए, और
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छारों क स शल मीतडया, आं टरनेट, म बाआल फ न अफद के संबंध में प्रौद्य तगकी के बढिे
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प्रय ग से ईभरिी हुइ नैतिक दुतवधाओं के बारे में तसखाया जाना चातहए।
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जबफक आसकी कमी से संघषा (रै चगग आत्याफद के रूप में), िनाव और श षण जैसी कइ
समस्तयाएं ईत्पन्न ह िी हैं।
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फकन्िु कु छ नैतिक कायावातहयां सृतजि/व्युत्पन्न पररतस्तथतियों पर तनभार ह िी हैं। जैसे फक
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नैतिक कृ त्य (जैसे फक हत्या) क कभी-कभी तनतश्चि पररतस्तथतियां में ईतचि िहराया जािा है
9@
(जैसे एक तनरपराध बालक के जीवन की रक्षा करिे समय)। सांस्तकृ तिक रूप से अत्म तनभार
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या और ईससे कम ईम्र में ही कर देिी हैं। आथ तपया के कु छ भागों में अधी कन्याओं का ईनके
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कु छ तवद्वानों का मि है फक नैतिक तभन्निा ऄतिरं तजि हैं- ल ग वस्तिुिः मूल्यों के बारे में
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सहमि ह िे हैं फकन्िु ईनके िथ्यात्मक तवश्वास या जीवन पररतस्तथतियां ऄलग ह िी हैं तजसके
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तस्तथति में आसे परीतक्षि, सुतनतश्चि और सही करने हेिु प्रय ग फकया जा सके ।
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ऄिः तजस पर हमें यकयान देने की अवश्यकिा है, वह है- नैतिक प्रतिफलों की तवतवधिा ज
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तनतश्चि प्रकरणों में ईत्पन्न ह िी है और ईतचि नैतिक कारणों के अधार पर नैतिक तसद्ान्िों
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दाशातनक, धमाशास्त्री और सामाज तवज्ञानी वस्तिुतनष्ठ मूल्यों क पहचाने की क तशश करिे हैं
तजससे फक सापेक्षिावादी खिरों क पहले से भांपा जा सके ।
नैतिकिा और नीतिशास्त्र (एतथक्स) एक ही तसिे के द पहलू हैं। नैतिकिा ‘तनयम’ हैं (यफद
अप माने ि ) तजनसे व्यतक्त ऄपने ऄनुभव, ज्ञान, पालन प षण और अस पास के माहौल
अफद के मायकयम से व्यतक्तगि रूप से बंधे हुए हैं, दूसरी िरफ नीतिशास्त्र वे तनयम हैं तजन्हें हम
फकसी तवतशि सामातजक समूह के अधार पर ऄपनािे हैं, और तजससे हम स्तवयं क सम्बद्
करिे हैं। जनसंख्या के ऄतधकांश तहस्तसे के तलए नैतिकिा और नीतिशास्त्र एक दूसरे से संरेतखि
ह िे हैं। सरल रूप से कहा जाए ि ऄतधकिर ल ग ऄपने अप क ईन समूहों से संबद् करना
चुनिे हैं तजनके साथ वे ऄपना िादात्म्य ऄनुभव करिे हैं।
झूि ब लना नीतिशास्त्र के तवरुद् है, लेफकन एक जीवन क बचाने के तलए तनतश्चि रूप से
नैतिक है। ईदाहरण के तलए, ऄत्यतधक नैतिक ल गों के ऐसे कइ ईदाहरण हैं तजन्होंने यहूफदयों
की जान बचाने के क्रम में नातजयों से झूि ब ला था। कइ पेशेवर हमेशा नैतिक दुतवधा में रहिे
)
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हैं, जैस-े पुतलस ऄतधकारी। यफद ईनका ईच्चिर ईद्देश्य जान बचाना ह ि ईनका कृ त्य नैतिक
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है, भले ही कभी-कभी साधन ऄनैतिक ह सकिे हैं। कइ बार वे पुतलस ऄतधकारी ही स्तवयं क 9@
यह स च ध खा देने का प्रयास करिे हैं फक ईनका कृ त्य न्यायसंगि है जबफक वह नहीं ह िा।
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नैतिकिा के साथ संरेतखि नहीं ह िी। भले ही अप ऐसी दुतवधा का तवश्लेषण मन वैज्ञातनक,
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कृ त्य, तवश्वास, व्यवहार, तवचार अफद नैतिक ह िे हुए भी नीतिशास्त्र के तवरुद् ह सकिा है।
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ऄथााि,् यफद अप व्यतक्तगि रूप तवश्वास करिे हैं फक एक तवशेष कृ त्य ईतचि है, यह जरूरी
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ऄतनवायािः, क इ भी काया तजसे ऄनुशीलन हेिु व्यतक्त चुनिा है, फकन्िु सामातजक समूह के
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द्वारा ईस पर त्यौररयााँ चढायी जािी हैं, आसके ईदाहरण का काया करिा है। एक मार पूवा-
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करिा ह । तहटलर और नेप तलयन आसके ऄन्यिम ईदाहरण हैं। द नों (ऄति संभव) ऄपने
कृ त्यों के नैतिक रूप से ईतचि ह ने का तवश्वास करिे थे, लेफकन दुतनया ने ईन्हें ऄनैतिक
नेिाओं के रूप में हातशए पर धके ल फदया।
प्रणाली के अधार पर ईसे तवतशि बनािी हैं। ईदाहरण के तलए, अत्मरक्षा में प्रहार करना
)
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एक बाि है और तबना फकसी ईकसावे के प्रहार करना दूसरी बाि है। आस प्रकार पररतस्तथतियां
l.
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ही मानवीय कायावाही की नैतिकिा क तनधााररि करिी हैं। 9@
परन्िु आसके ऄतिरक्त, प्रत्येक कायावाही के द ऄन्य ित्व भी हैं, ज मानवीय कायावाही की
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और न ही प्रय जन ईत्कृ ि बना सकिे हैं। ईदाहरण के तलए एक झूि प्रय जन या पररतस्तथतियों
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सकिी हैं, परन्िु ईत्कृ ि कदातप नहीं। पररतस्तथतियों क एकमार पैमाना मान लेने के चलिे
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पररतस्तथतियां ईत्कृ ि बना सकिी हैं। ईदहारण के तलए, फकसी तनधान ऄसहाय व्यतक्त क दान
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देना, ईसके ईद्देश्य के कारण ईपयुक्त है, परन्िु यफद यही दान फकसी तनराश्रय क कु छ
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ऄनुपयुक्त कायावाही कराने हेिु प्र ल भन के रूप में फदया जा रहा है ि आसे ऄनैतिकिा का ही
नाम फदया जायेगा।
आस प्रकार, पररतस्तथतियां ही मानवीय कायावाही की नैतिकिा की परख करने का एकमार
पैमाना नहीं है, ऄतपिु ईद्देश्य, पररतस्तथतियां और प्रय जन तमल कर आसका तनणाय करिे हैं।
6. अधुतनक समाज में तवतधक ाांचे का आसके नैतिक ाांचे के साथ ऄसंगि और पूरक संबध
ं द नों
हैं। ईदाहरणों के साथ चचाा कीतजए।
)
यहााँ एक ईदाहरण की सहायिा लेिे हैं। पहले अप स सक पर कू सा-करकट आसतलए नहीं
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डालिे थे फक “ल ग ऐसा नहीं करिे हैं” ऄतपिु आसतलए फक यह करना “गलि बाि” थी। ऄब
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अप कू सा-करकट आसतलए नहीं फें किे हैं क्योंफक ऐसा करने पर अ्थक दंड भुगिना प सिा है। 9@
ज कभी नीतिशास्त्र के दूसरे स्तिर पर था, वही ऄब कानून के पहले स्तिर पर अ गया है। आस
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प्रकार के ईदाहरणों में तवतधक ाांचा और नीतिशास्त्र, एक दूसरे की पूरक भूतमका में हैं।
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परन्िु आसका एक दूसरा पक्ष भी है, जब सम्भवि: तवतधक ाांचे और नीतिगि ाांचे का परस्तपर
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सम्बन्ध तवलक्षण ह सकिा है। आस चबदु पर एक प्रकरण ले सकिे हैं, “सतवनय ऄवज्ञा की
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नैतिकिा”। सतवनय ऄवज्ञा का स्तिर प्रेररि करिा है फक ऄन्यायपूणा कानूनों का पालन नहीं
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फकया जाये। महात्मा गााँधी ने सन 1920 में आसका ऄति प्रभावशाली ांग से एक ऄन्यायपूणा
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परन्िु न्यायसम्मि वैधातनक सरकार के तवरुद् ईपय ग फकया था। आसके पश्चाि्, सन 1960 में
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यूनाआटेड स्तटेट्स के नागररक ऄतधकारों के अन्द लन में और दतक्षणी ऄफ्रीका में रं गभेद नीति
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तवर धी अन्द लन में ईस समय के ऄन्यायपूणा कानूनों का तवर ध करने हेिु ईपय ग में लाया
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गया। सतवनय ऄवज्ञा में कानूनों का पालन न करने के तलए नैतिक कारणों की अवश्यकिा
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ह िी है।
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अधुतनक समाज में आस प्रकार की ऄतनयतमििा बहुि-ही अश्चयाजनक है क्योंफक प्रत्येक व्यतक्त
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क मानवातधकार प्रदान करने की बढिी स्तवीकृ ति के कारण, फकसी न फकसी समय में ये
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प्रचतलि रूफढवादी कानूनों के तवर ध में अ जािे हैं। समलैंतगकों के ऄतधकारों के तलए
अन्द लन, आसका एक ईपयुक्त ईदाहरण है।
यह मानवीय तववेक पर अधाररि है। ककिु मानवीय तववेक द षपूणा ह सकिे हैं।” रटप्पणी
कीतजए। अपके तलए नैतिकिा का क्या ऄथा है?
देशों िथा मानवातधकार कायाकिााओं के द्वारा ऄनैतिक करार फदया जा रहा है, जबफक बहुि से
ऐसे भी देश और व्यतक्त हैं ज आसे फकसी जघन्य ऄपराध के तलए दडडात्मक न्याय के रूप में
ईतचि िहरािे हैं। आस प्रकार, तववेक के अधार पर क इ कृ त्य नैतिक या ऄनैतिक ह सकिा है।
प्रतिफदन हमारा सामना बहुि सी ऐसी दुतवधाओं से ह िा है जहां तववेक सामातजक तनयमों
िथा अचारों से टकराव की तस्तथति ईत्पन्न कर देिा है। नवीन सूचना के अधार पर तववेक में
)
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बदलाव भी अ सकिा है, पररणामस्तवरूप यह रुरटपूणा ह जा सकिा है। आसतलए, यह कहना
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सत्य है फक पूणि
ा ः तववेक पर छ स फदए जाने पर नैतिकिा रुरटयुक्त बन सकिी है।
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नैतिकिा क सही और गलि या ऄच्छे िथा बुरे व्यवहार के बीच भेद से संबंतधि तसद्ांि के
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िौर स्तवीकार फकया जा सकिा है। यह मूल्यों िथा अचरण के तसद्ांिों की एक तवतशि
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जािा है, फकन्िु, ह सकिा है वे फकसी व्यतक्त के व्यतक्तगि मानदंड हों तजन्हें वह सदाचारपूणा
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मानिा ह ।
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मेरे तलए भी, नैतिकिा का ऄथा ऄच्छे क बुरे से पृथक करने के तलए ऄपनाया गया एक
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तववेकपूणा रुख है। िथातप, आसमें नवीन िथ्यों िथा वैकतल्पक दृतिक णों के तलए स्तथान ह ना
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चातहए ज मानव बुतद् के तक्षतिज का तवस्तिार करिे हैं। ईदाहरण के तलए, सवार सत्य ब लने
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क नैतिक करार फदया जािा है। फकसी व्यतक्त के द्वारा भी आसे नैतिक समझा जािा है। यद्यतप,
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फकसी व्यतक्त के तलए ज परे शानी में फकसी की सहायिा करने क और ऄतधक नैतिकिापूणा
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मानिा है, आसके तलए झूि ब लने की अवश्यकिा ह ने पर झूि ब ल भी सकिा है।
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8. वे तवतभन्न स्र ि क्या हैं तजनके मायकयम से मनुष्य ऄपने कायावाही की सत्यिा का परीक्षण कर
सकिा है? चचाा कीतजए फक सावाजतनक जीवन के संदभा में स्तपि और व्यावहाररक मागादशान
शुभ, न फक तनजी शुभ, के तलए ह िा है। तवतनयम प्रायः कानून की व्याख्या (स्तपि) करने में
अवश्यक नहीं है, ये तनजी लाभ के तलए भी ह सकिे हैं। ईदाहरण के तलए, संसाधनों अफद के
कु शल ईपय ग के तलए संगिन के भीिर बनाए गए तनयम।
ii) ऄंिःकरण (Conscience)
यह व्यतक्त की सही और गलि की नैतिक भावना है, तजसे फकसी व्यतक्त के व्यवहार के तलए
मागादशाक के रूप में काया करने वाले के िौर पर देखा जािा है। जहााँ कानून फकसी कायावाही
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के तवषय में सामान्य तनयम ह िा है, वहीं तववेक तवतशि कायावाही के तलए व्यावहाररक
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तनयम तनधााररि करिा है। तववेक, कानून या तनयम क तवतशि कायावाही के प्रति लागू करिा s 9@
है; आसतलए यह कानून की िुलना में ऄतधक व्यापक ह िा है।
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सही और गलि पर तवचार करने के दौरान ल क प्रशासक फकए गए या फकए जाने वाले
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कायावाही की प्रकृ ति, कायावाही के तलए बनी पररतस्तथतियों और कायावाही के ईद्देश्य संबंधी
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ईपलब्ध सूचनाओं पर तनभार ह िे हैं। कानून, तनयम और तवतनयम आनके तलए ऄतिररक्त
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कभी-कभी दीवानी कानून की स्तपि घ षणाओं क भी तनयम नकार देिे हैं। जहां वररष्ठ
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ऄतधकारी आस प्रकार के तनयमों का ईल्लंघन करने के तलए ऄधीनस्तथ क दंतडि कर सकिा है,
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वहीं यफद तनयम दीवानी या प्राकृ तिक कानून के तवपरीि ह , ि ह सकिा है फक ईल्लंघन
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करने वाले ने नैतिक रूप से काया फकया ह । आसतलए, प्राकृ तिक या दीवानी कानूनों का
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कायावाही के दौरान कानून, तनयम और नैतिकिा के ऄन्य मानदंड लागू करने में सहायिा
करिा है।
सभी सावाजतनक प्रशासकों क ऄक्सर तववेकानुसार तनणाय लेने प सिे हैं और ऐसे में तववेक
महत्वपूणा भूतमका तनभािा है।
)
नागररक आसे सहज रूप से मिदान करके , करों का भुगिान करके , सामातजक काया के तलए
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स्तवैतच्छक रूप से स्तवयं क प्रस्तिुि करके , स्तवच्छिा बनाए रखने आत्याफद के मायकयम से प्रद्शि
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कर सकिे हैं। नागररक सदगुण व्यतक्तवाद के स्तथान पर समुदायवाद पर ज र देिा है। रॉबटा 9@
पटनम ने िीन नागररक सदगुणों क पररभातषि फकया है: सावाजतनक जीवन में सफक्रय
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समाज एवं संगिन में ह ने वाले पररविानों के कारण बढिा व्यतक्तवाद। सबसे महत्वपूणा
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िथ्य यह है फक पारं पररक और अधुतनक मूल्यों में संघषा के साथ नागररक सगुगुण संबंधी
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धारणाएाँ पररव्िि ह रही हैं तजससे आनके वास्तितवक ऄनुपालन का ऄभाव फदखिा है।
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सीतमि संसाधनों के तलए प्रतिस्तपधाा, तजसमें प्रत्येक ययतक्त स्तवयं के तलए सवाातधक
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तनष्क्षि करने का प्रयास कर रहा है। आस प्रकार के वािावरण में, ल ग समाज एवं
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मूल्यों के प्रति ऄपने दातयत्वों क भूल जािे हैं। ईदाहरण के तलए, ल ग व्यतक्तगि यययों
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सावाजतनक संगिनों एवं ल गों के बीच तवश्वास का ऄभाव एवं ययतक्तगि तहिों की
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व्यवहार और ऄतभवृतत्त में पररविान लाने में करिनाआयााँ, ज वांछनीय नागररक व्यवहार
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10. महान व्यतक्तत्व (ग्रेट लीडसा) का जीवन हमें ऄनेकों प्रकार से प्रेररि करिे हैं। अपके उपर फकस
व्यतक्तत्व का तचरस्तथायी प्रभाव प सा है और फकस प्रकार? अपके द्वारा ईस व्यतक्तत्व से
अत्मसाि फकए गए एक ईत्कृ ष्ट गुण एवं एक तसतवल सेवक ह ने में ईसके महत्व का ईल्लेख
कीतजए।
दृतिक ण:
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ययाख्या कीतजए फक अपके जीवन पर फकस महान व्यतक्तत्व का तचरस्तथायी प्रभाव प सा है
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और क्यों।
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ईनके व्यतक्तत्व में शातमल ऐसे ईत्कृ ि मूल्यों का ईल्लेख कीतजए तजन्हें अपने अत्मसाि
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फकया ह ।
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ईत्तर:
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डा. ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम, तवश्व में भारि के राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम वैज्ञातनक के रूप में
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जाने जािे हैं। फकन्िु ईनके ययतक्तत्व की महानिा मार पद-प्रतिष्ठा के मायकयम से ययाख्यातयि
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नहीं की जा सकिी। ईन्होंने ऄन्य ययतक्तयों क उाँचे स्तवप्न देखने के तलए प्रेररि फकया एवं
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तवकास िक सीतमि नहीं फकया, ऄतपिु आसे ऄपने देश एवं सम्पूणा तवश्व के कल्याण हेिु
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तवस्तिाररि फकया।
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डॉ. ए.पी.जे. ऄब्दुल कलाम की तवतशििाएाँ एवं क्षमिाएाँ ईनके जीवन में समातवष्ट थीं।
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ईन्होंने हमें परं परा से हटकर तवचार करने, नव न्मेष करने एवं परीक्षण करने के तलए साहस
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प्रदान फकया। ईन्होंने हमें बारं बार स्तमरण कराया फक ऄसफलिाओं से एवं आस तवचार से कभी
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जब संस्तथाएाँ और नेिा ऄपनी गलतियों क स्तवीकार करिे हैं, ि वे ऄन्य ल गों के तलए भी
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गलिी करने एवं ईससे सीखने क स्तवीकाया बनािे हैं।
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प्रत्येक ल क सेवक क ल गों क के न्ि में रखने, ईनकी अवश्यकिाओं के प्रति ईत्तरदायी ह ने,
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ईनकी आच्छाओं का सम्मान करने एवं और ईनके प्रति जवाबदेह ह ने की अवश्यकिा ह िी है।
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आसके तलए ल क सेवकों क ऄपने य गदानों की दृति से तनस्तवाथा, ऄपने तनणायों में समावेशी,
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ऄपने व्यवहार में तवनम्र एवं ऄपनी गतितवतधयों की दृति से ऄनुकरणीय एवं प्रेरणास्तपद ह ना
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चातहए।
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10. तवगि वषों में Vision IAS GS में स टे स्तट सीरीज में पू छे
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गए प्रश्न: के स स्तटडीज
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(Previous Year Vision IAS GS Mains Test Series Questions: Case Studies)
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11. अप एक प्रतशक्षु संवाददािा (ररप टार) के रूप में, सत्िाधारी दल की राज्य आकाइ द्वारा
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में द हरा मापदंड ऄपनाना।
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प्रतिबंतधि पदाथा िक पहुाँच सुतनतश्चि करने हेिु ऄतधकार और प्रभाव का संभातवि
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दुरुपय ग। 9@
घटना क ऄनदेखा करने वाले संवाददािाओं से संबंतधि मुद्दे हैं:
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b) एक संवाददािा के रूप में मेरे किाव्य परकाररिा के बुतनयादी मूल्यों और अधारभूि तसद्ांिों,
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एक तजम्मेदार नागररक के रूप में देश के कानून का पालन करना एवं आसके कायाान्वयन
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में ऄतधकाररयों की मदद करना है मेरा किाव्य है। मुझे कानून के स्तपि ईल्लंघन की फकसी
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भावना में ऄक्षरशः कायाान्वयन में ईनके तलए सहायक ह सकिा है।
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c) मेरे पास द तवकल्प हैं: या ि मैं मौन बना रहूाँ या फफर संबंतधि ऄतधकारी क घटना की
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दशाािा है।
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आसतलए, मैं पुतलस क मामले की ररप टा करूाँगा क्योंफक यह कानून के स्तपि ईल्लंघन का
मुद्दा है। एक संवाददािा के रूप में, प्रासंतगक साक्ष्यों (तचर/वीतडय अफद) का संग्रह
करें ग,े ज आस मुद्दे की ररप र्टटग में ईपय गी ह ने के साथ ही पुतलस के तलए मामला
दायर करने में भी सहायक ह सकिा है।
समूह के ऄन्य सदस्तयों द्वारा कु छ तनतहि स्तवाथा या भय के कारण मुझे आस मुद्दे क
नजरऄंदाज करने क कहा गया, ऄिः आसके संबंध में मैं ऄपने समूह के ऄन्य सदस्तयों क
प्रतिबंतधि पदाथों के ऄवैध सेवन की ररप र्टटग से प्रशासन क िस्तकरी पर ऄंकुश लगाने एवं
कानून के बेहिर फक्रयान्वयन में मदद तमलेगी। फकसी ऄवैध घटना का साक्षी ह ने पर, महज
एक दशाक न बने रहकर आसके तखलाफ अवाज ईिाने का तनणाय, परकाररिा के तसद्ांिों-
सत्यिा और तनष्पक्षिा एवं एक नागररक के रूप में मेरे किाव्य का समथान करिा है। पाटी के
सदस्तयों द्वारा शराब के सेवन से पाखंड का स्तपि पिा चलिा है। सत्यतनष्ठा युक्त सरकार की
स्तथापना के तलए आस िरह के पाखंड क तनतश्चि रूप से तनयंतरि फकया जाना चातहए।
12. रमेश ज फक एक बहुि-ही मेहनिी व्यतक्त है, ऄपने पररवार में पैसा कमाने वाला एकमार
व्यतक्त भी है। ईसने कइ वषों से एक िेल कं पनी की स्तथानीय संबद् आकाइ में काया फकया है
और ईस कं पनी के स्तथानीय सुतवधा के प्रबंधक सुरेश के साथ एक मजबूि एवं तवश्वसनीय
संबधं स्तथातपि फकया है। हाल ही में सुरेश ने कं पनी के कॉप रे ट परामशी आंजीतनयर के रूप में
तनयुतक्त हेिु रमेश के नाम की ऄनुशस
ं ा की है, यह पद तस्तथर अय के साथ ही साथ ऄतधक
तजम्मेदारी का पद ह गा। एक ऄनौपचाररक बािचीि के दौरान सुरेश 1960 के दशक में
)
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घरटि एक घटना का ईल्लेख करिा है, तजसमें कं पनी की लापरवाही के कारण 10,000 गैलन
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पेट्र कै तमकल्स का स्तथानीय पयाावरण में ररसाव ह गया था, लेफकन ईस समय ईसके कारण
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क इ क्षति ज्ञाि नहीं हुइ थी और प्रेस क आस ररसाव की क इ जानकारी नहीं दी गयी थी। जब
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रमेश ईल्लेख करिा है फक राज्य के कानून के ऄनुसार ईसे िेल ररसाव (तस्तपल्स) की सभी
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घटनाओं क दजा कराना अवश्यक है ि सुरेश ईसे याद फदलािा है फक ईस घटना क इ हातन
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नहीं हुइ थी और ईसे पुन: स्तमरण करािा है फक वह ऐसा परामशी आं जीतनयर नहीं रख सकिा
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(b) आस पररतस्तथति में रमेश के पास कौन-से तवकल्प ईपलब्ध हैं? ईनमें से प्रत्येक का
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मूल्यांकन कीतजए।
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(c) यफद अप रमेश के स्तथान पर ह िे, ि अपकी कायावाही क्या रही ह िी? ईसके तलए
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कारण दीतजए।
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दृतिक ण:
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दी गइ पररतस्तथति में रमेश के पास ईपलब्ध तवकल्पों की सूची बनाइए और प्रत्येक ईपलब्ध
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अपके द्वारा की जाने वाली कायावाही के बारे में बिाइये िथा कायावाही क ईतचि तसद् करने
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तनतहि तहिधारक
रमेश, सुरेश, िेल कं पनी, सरकार और अम जनिा।
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ऄिः यह िका फदया जा सकिा है फक ऄब आस मुद्दे क ईिाना व्यथा ह गा।
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सुरेश की सलाह मानने का पररणाम यह ह गा फक रमेश के साथ ईसके व्यतक्तगि और
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पेशेवर द नों संबंध प्रभातवि नहीं होंगे। 9@
यह तवकल्प अगे पद न्नति का मागा प्रशस्ति कर सकिा है।
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द ष:
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आस िरह की तनतष्क्रयिा राज्य के कानूनों के प्रति सम्मान की कमी क दशाा िी है, तजनके
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आसके ऄलावा ऐसी कायावाही भतवष्य हेिु मागा प्रशस्ति कर सकिी है, जहााँ आस प्रकार के
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गुण:
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आस िरह की घटनाओं की ररप टा करना, राज्य के कानूनों के प्रति सम्मान क दशाािा है।
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द ष:
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सवाातधक महत्वपूणा हैं, तजसके साथ फकसी भी कीमि पर समझौिा नहीं फकया जा सकिा है।
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13. मानव पर नैदातनक परीक्षण (clinical trials) के तवतनयम और प्रफक्रयाएं राष्ट्र दर राष्ट्र तभन्न
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हैं। एक ईभरिे बाय मेतडकल क्षेर के रूप में स्तटेम सेल श ध के तलए मानवीय परीक्षणों हेिु
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फकया है ज हृदय के ईत्तकों (रटश्यूज) क पुनः पैदा करने हेिु अशावान साधन नजर अिा है।
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तमले हैं। गंभीर हृदय र गों से जूझिे लाखों ल गों क आससे ऄत्यतधक लाभ ह गा यफद यह
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आलाज ईनके तलए शी्र ईपलब्ध करा फदया जाए। हालांफक आसके वातणज्यीकरण से पूवा
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वातणतज्यक रूप से (बाजार में) ईपलब्ध ह ने से पूवा देश में तवतनयम संबध
ं ी कि र वािावरण
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के कारण मानवीय परीक्षण और ऄंतिम स्तवीकृ ति में वषों लग जाएंग।े वहीं दूसरी ओर बहुि से
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बहुि-से प्रतिद्वंद्वी भी नैदातनक परीक्षण हेिु प्रायः ऐसे राष्ट्रों का रुख करिे हैं जहां वे
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(c) नैतिक संघषा क कम करने एवं नइ दवाआयों हेिु स्तवीकृ ति की प्रफक्रया क िीव्र करने के
तलए मानक प्रफक्रया का एक प्रारूप सुझाआए।
र गों से पीत सि ल गों की सहायिा करे गी। वातणतज्यक रूप से ईपलब्ध ह ने से पहले, आसे
मनुष्यों पर नैदातनक परीक्षणों से गुजरना ह गा, आसके तलए सख्ि तनयमों का पालन करना
ह गा। वैकतल्पक रूप से, गरीब देशों में कमज र तवतनयमन के चलिे िेजी से मानव परीक्षण
होंगे िथा ईन्हें स्तवीकृ ति भी तमलेगी िथा कइ प्रतिस्तपधी ररश्वि देकर यह काम कर रहे हैं।
(a) नैदातनक परीक्षण स्तवेच्छा व्यक्त करने वाले मनुष्यों पर एक प्रकार का परीक्षण है। ज यह
देखने के तलए फकया जािा है फक अम जनिा पर व्यापक तचफकत्सा का ईपय ग करने के तलए
नइ तचफकत्सीय ईपचार क मंजूरी दी जानी चातहए या नहीं। तवतभन्न नैतिक मुद्दों में
तनम्नतलतखि सतम्मतलि हैं:
व्यापक जनसंख्या के कल्याण के तलए इमानदारी पूवाक नैदातनक परीक्षण करने का
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नैतिक किाव्य।
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मानविा ऄपने अप में एक यकयेय है (गांधीजी)। थ से से भुगिान के एवज में आिना ब सा
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ज तखम लेने के तलए समाज के तनचले स्तिर के ल गों का ईपय ग करना मानविा का 9@
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ऄपमान है। आससे सामान्य जनसाँख्या के स्तवास्तथ्य में सुधार ि ह सकिा है, लेफकन
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गलि ह गा।
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तचफकत्सा तवतशि ल काचारों द्वारा तनयंतरि ह िी है, तजसमें तचफकत्सक का पहला यकयान
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तजससे र गी का स्तवास्तथ्य खराब ह जाए। नैदातनक परीक्षण लंबे समय में तचफकत्सक-
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(b) विामान मामले में, वैज्ञातनकों ने ह्रदय के उिकों क पुनजीतवि करने की एक नइ िकनीक
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तवकतसि की है, तजससे ऐसे लाखों ल गों क महत्वपूणा जीवन तमलेगा ज गंभीर ह्रदय र ग से
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पीत सि हैं। हालांफक, गरीब और तवकासशील देशों के ाीले तनयम िथा भ्रि शासन वैज्ञातनकों
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क आन देशों में ऄपनी प्रय गशालाओं क ख लने और परीक्षण करने क तववश करिे हैं। आस
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स्तवीकृ ति प्राप्त करने के तलए घूस देना।
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जैसा फक देखा जा सकिा है, परीक्षणों का स्तथान ईन देशों में बदलने के कइ लाभ हैं जहां
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लागि सस्तिी और नीतिगि तवतनयम कम सख्ि हैं। हालांफक, प्रफक्रयाओं में ाीलापन परीक्षणों
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क बदलने का ईद्देश्य नहीं ह ना चातहए। आससे लाखों ल गों का जीवन बचेगा और सस्तिी
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लागि वाले ईपचार में वृतद् ह गी। आसतलए, प्रय गशाला क असान तवतनयमन वाले देश में
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हालांफक, मैं सूतचि सहमति, साआड-आफ़े क्ट के ईपचार, रुरटयों के मामले में मुअवजे अफद क
ja
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समातहि करके ईन्हीं सुरक्षा ईपायों और सावधातनयों का ईपय ग करूंगा तजन्हें तवकतसि
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देशों में ईपय ग फकया जािा है। मैं यह तनतश्चि करूंगा फक क इ ऄवैध प्रफक्रया ऄपनाइ जाए
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आस प्रकार तजन ल गों ने मुझ पर तवश्वास फकया है, मैं ईन ल गों की सुरक्षा और कल्याण से
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समझौिा फकए तबना ब सी संख्या में ईन्हें ऄतधक लाभ सुतनतश्चि कराने में सक्षम ह जाउंगा।
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जानी चातहए। श धकिााओं क ऄपने प्रय गों क यथासंभव बेहिर बनाना चातहए।
ईतचि व्यतक्त का चयन: श धकिााओं क ट्रायल के तलए ल गों का चयन करने िथा यह
तनणाय लेने में तनष्पक्ष ह ना चातहए फक ऄयकययन में कौन ल ग सतम्मतलि ह सकिे हैं।
ऄनुकूल ज तखम लाभ ऄनुपाि: श ध के नैतिक ह ने के तलए, प्रफक्रया के ज तखम क तजस
व्यतक्त (तजस पर ट्रायल ह रहा है) क ह ने वाले लाभ, और/या समाज क प्राप्त ह ने
वाले महत्वपूणा नए ज्ञान द्वारा संिुतलि फकया जाना चातहए।
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ऄतभवृति
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1.4.3. तटस्थ ऄतभवृति (Neutral Attitude) ______________________________________________________ 11
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2. ऄतभवृति के कु छ ऄन्य तवतशष्ट प्रकार _____________________________________________________________ 12
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2.1. कमजोर वगों के प्रतत ऄतभवृति (Attitude Towards Weaker Sections) _______________________________ 12
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5.1. ऄतभवृति हमारे तवचार और व्यवहार को ककस प्रकार प्रभातवत करती है? ___________________________________ 27
5.2. ऄतभवृति से व्यवहार का पूवाथनम
ु ान कब होता है? ___________________________________________________ 29
5.2.1. ऄतभवृति की िमता (Strength of Attitude) ________________________________________________ 30
5.2.2. ऄतभवृति की तस्थरता (Stability of the Attitude) ____________________________________________ 30
5.2.3. ऄतभवृति की पहुँच या ऄतभगम्यता (Accessibility of the Attitude) _______________________________ 30
5.2.4. ऄतभवृति की प्रमुख तवशेषता (Salience of the attitude) _______________________________________ 30
5.2.5. ऄतभवृति के भावात्मक बनाम संज्ञानात्मक पि ________________________________________________ 31
7. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग (UPSC) द्वारा पूछे गए प्रश्न _________________________________________ 36
8. तवगत वषों में Vision IAS GS मेंस टेस्ट सीरीज में पूछे गए प्रश्न __________________________________________ 37
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9. तवगत वषों में संघ लोक सेवा अयोग द्वारा पूछे गए प्रश्न: के स स्टडीज________________________________________ 41
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10. Vision IAS टेस्ट सीरीज़ : के स स्टडीज़ __________________________________________________________ 42
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तवषय वस्तु का सं तिप्त पररचय
यह ऄध्ययन सामग्री ऄतभवृति के तवषय को तवस्तृत रूप से समातवष्ट करती है, तजसमें सतम्मतलत है:
ऄतभवृति का ऄथथ, संरचना, कायथ, प्रकार, गठन, आसमें पररवतथन तथा व्यवहार के साथ आसका संबंध।
छात्रों को परीिा की अवश्यकता को बेहतर ढंग से समझने के तलए आस सामग्री के ऄंत में कदए गए
तवगत वषों के प्रश्नों को ध्यान से देखने की सलाह दी जाती है। तवषयों को सैद्ांततक पररप्रेक्ष्य से परीिा
में नहीं पूछा जाता है, हालांकक आनको तवषय की बेहतर समझ के तलए समातवष्ट ककया गया है। आस
प्रकार, हमने सैद्ांततक तवषय को पूरे सामग्री में कइ समकालीन ईदाहरणों के साथ जोड़ने का प्रयास
ककया है। छात्र जब आस सैद्ांततक ज्ञान को शातमल कर ऄपने ईिरों को तलखते समय ईदाहरणों में
आसका प्रयोग करें गे तो आससे ईिर ऄतधक अकषथक बनेंगे। आस प्रकार, आसका ईद्देश्य व्यावहाररक ऄथथ में
आस तवषय को समझना है न कक के वल ईन तववरणों को याद करने जो परीिा की दृतष्ट से बहत कम
ईपयोगी होंगे।
1. ऄतभवृ ति (Attitude)
1.1. ऄतभवृ ति का ऄथथ (Meaning of Attitude)
ऑक्सफोडथ शब्दकोष ऄतभवृति को ‘ककसी तवषय पर तवचार करने या ऄनुभव करने के तनयत तरीके ’ के
रूप में पररभातषत करता है। कै तम्िज शब्दकोष आसे ‘ककसी वस्तु या यति के तवषय में ऄनुभव या मत
)
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या ईसके द्वारा प्रेररत व्यवहार करने के तरीके ’ के रूप में पररभातषत करता है। आन पररभाषाओं के
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बावजूद, ऄतभवृति की व्यापक रूप से स्वीकायथ ककसी पररभाषा पर पहंचना करठन है। मुख्य रूप से
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ऐसा आसतलए है क्योंकक ऄतभवृति एक ऄमूतथ गुण है, यह ऐसा कु छ है तजसे हम प्रत्यि रुप से देख नहीं
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सकते। हम के वल व्यवहार से आसका ऄनुमान लगा सकते हैं। दूसरी करठनाइ यह है कक ‘ऄतभवृति’ शब्द
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ऄतभवृति, ककसी तवषय-वस्तु के प्रतत ऄनुकूल या प्रततकू ल रूप से व्यवहार करने की सीखी गयी और
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तचरस्थायी प्रवृति (enduring predisposition) है। यह तवषय-वस्तु कोइ घटना, कोइ व्यति, कोइ
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वस्तु या व्यति या िमशः ऐसी घटनाओं, व्यतियों, या वस्तुओं के वगथ हो सकते हैं।
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*रटप्पणी: ऄतभवृतियों पर सबसे समकालीन पररप्रेक्ष्य यह भी ऄनुमतत देते हैं कक लोग एक ही तवषय
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वस्तु के प्रतत एक ही समय में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही ऄतभवृतियों को धारण ककए हए
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ककसी तवषय वस्तु के प्रतत तवरोधी (conflicted) या ईभयवृति (ambivalent) के भी हो सकते हैं।
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आसका ऄथथ यह है कक यद्यतप यह ऄपेिाकृ त स्थाइ है, तथातप यह गारं टी नहीं है कक समान तवषय वस्तु
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या घटनाओं के तलए ऄतभवृति समान ही होगी। कइ बार लोग ककसी तवषय वस्तु के प्रतत ईभयवृति या
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यहां तक कक तवरोधी दृतष्टकोण भी धारण ककए रहते हैं। यही मुख्य कारण है तजसके कारण लोग ऄसंगत
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व्यवहार करते हैं। कोइ व्यति जो चॉकलेट पसंद करता है वह कभी-कभी चॉकलेट ऄपनी लालसा को
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संतुष्ट करने के तलए चॉकलेट खा सकता है और दूसरे समय वह व्यति स्वास््य चचताओं के कारण
Th
चॉकलेट नहीं खाने का चयन करता है। ऄतधकतर समय व्यवहार ऄसंगत होता है, क्योंकक ऄतभवृति
ऄपने अप में ईभयवृति दशाथती है।
ऄतभवृति महत्वपूणथ है क्योंकक यह सामातजक और भौततक तवश्व के तवषय में लोगों की धारणाओं को
अकार प्रदान करती है और प्रत्यि व्यवहार को प्रभातवत करती है। ईदाहरण के तलए, ऄतभवृति दूसरों
के प्रतत तमत्रता और शत्रुता, सहायता देने और प्राप्त करने, ऄल्पसंख्यकों के प्रतत व्यवहार अकद को
प्रभातवत करती है। ऄतभवृतियाुँ बहत नाटकीय रूप से, मानवता के तवरुद् ककए जाने वाले ऄपराधों
सतहत कइ चहसक हमलों के मूल में तवद्यमान होती हैं।
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ऄतभवृति के शास्त्रीय दृतष्टकोण के ऄनुसार आसके 3 ऄवयव होते हैं: संज्ञानात्मक, भावात्मक, और
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व्यवहारात्मक। यह ऄतभवृति का सबसे प्रभावशाली मॉडल है। (तजसे ऄतभवृति का ABC मॉडल भी
9@
कहा जाता है)। आसके ऄनुसार, ऄतभवृति में तनम्नतलतखत तीन ऄवयव होते हैं:
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गुणों से होता है तजसे हम ककसी तवषय वस्तु के प्रतत संबद् करते हैं। कइ बार व्यतियों की
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ऄतभवृति तवषय-वस्तु के प्रतत ईनके द्वारा संबद् ककए जाने वाले नकारात्मक और सकारात्मक
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गुणों पर अधाररत हो सकती है। दूसरे शब्दों में, आस ऄवयव में ऄतभवृति का तवश्वास भाग
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समातवष्ट होता है। ईदाहरण के तलए, यह तवश्वास की X समाज के सदस्यों में Y प्रकार की
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ऄतभवृति संबंधी तवषय वस्तु से संबंतधत भावनाओं या भावों से होता है, ऄथाथत ककसी तवषय वस्तु
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के प्रतत सकारात्मक या नकारात्मक भावनाएं तजसके तलए हम ऄपनी ऄतभवृति धारण कर रहे हैं।
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डरते हैं या अतंककत रहते हैं। तो आस नकारात्मक भाव के ऄनुकिया स्वरूप कोइ व्यति मकतड़यों के
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ककसी तवषय-वस्तु के तवषय में भूतकाल के व्यवहारों या ऄनुभवों से होता है। यह ऄतभवृति संबं धी
ककसी तवषय-वस्तु के प्रतत ककसी तनतित प्रकार से व्यवहार करने की प्रवृति होती है। ईदाहरण के
तलए यकद हम ककसी व्यति को पसंद नहीं करते हैं, तो हमारे द्वारा सभा में ईसे ऄनदेखा करने की
संभावना होती है। यह लोगों को ऄतभवृति धारक की तपछली गतततवतधयों के अधार पर ईसकी
ऄतभवृतियों का ऄनुमान लगाने में सहायता करता है।
हालांकक आस मॉडल को अमतौर पर ईपयोग ककया जाता है, लेककन प्रायोतगक ऄनुसंधान द्वारा यह
तसद् नहीं होता है। ककसी एक तवतशष्ट ऄतभवृति से संबद् तवचार, भावनाओं, और व्यवहारगत अशयों
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और तजनको स्वयं यक्त करना सरल होता है।
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ऄयक्त: ऄयक्त ऄतभवृतियाुँ ऄचेतन स्तर पर होती हैं- तजनका तनमाथण ऄनायास होता है और
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सामान्यतया हमें ऄज्ञात होती हैं। ऄयक्त ऄतभवृतियाुँ अम तौर पर ऄनतभज्ञात होती हैं या
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यति के ज्ञान में नहीं होती हैं। ईनका मापन अम तौर पर ककसी तवषय-वस्तु के प्रतत सहज
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व्यि और ऄयक्त दोनों प्रकार की ऄतभवृतियाुँ व्यति के व्यवहार को अकार दे सकती हैं। हालांकक
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ऄयक्त ऄतभवृतियाुँ, ईस समय व्यवहार को ऄतधक प्रभातवत कर सकती हैं जब कोइ व्यति तनावपूणथ
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ऄतभवृतियाुँ व्यति के तलए तवतभन्न कायथ करती हैं। आन्हें मोटे तौर पर तनम्नतलतखत प्रकार से वगगीककृ त
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यह तजज्ञासा से घतनष्ठतापूवक
थ संबंतधत है, जो एक तसतवल सेवक में ऄत्यतधक वांछनीय तवशेषता है।
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ऄतभवृति हमें तवश्व को समझने में सहायता करती है और जीवन को ऄथथ (ज्ञान) प्रदान करती है ऄथाथत
Th
यह नइ जानकारी को सुयतस्थत करने और ईसकी व्याख्या करने में सहायता करती है। हम ऄपने
सामातजक-सांस्कृ ततक और नैततक दृतष्टकोण से तवश्व को देखते हैं ताकक आसके तवषय में हमारा ज्ञान
सुसंगत और ऄपेिाकृ त तस्थर हो। आसका ऄथथ ऄतनवायथ रूप से यह नहीं है कक ऄतभवृतियाुँ हमें
त्यात्मक रूप से सटीक ज्ञान संग्रतहत करने में सहायता करती हैं। ऄतपतु आसका ऄथथ के वल आतना है कक
तवश्व के प्रतत हमारा दृतष्टकोण हमारे तवश्वास के साथ सुसग
ं त हो।
हम ऐसा ज्ञान संग्रतहत करते हैं तजसमें हम ऄतधक रुतच रखते हैं ऄथाथत् ऐसे िेत्रों का ज्ञान तजनके प्रतत
हममें पहले से प्रवृति होती है। ईदाहरण के तलए, ककसी राजनीततक पाटगीक और तवचारधारा के समथथक
ऄपनी पूवथधारणाओं का समथथन करने वाली जानकारी का ऄतधक से ऄतधक संग्रहण करें गे। आततहास की
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पुरस्कार को ऄतधकतम करने एवं दड को न्यूनतम करने के ईपयोतगतावादी लक्ष्य को पूरा करती है।
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ईदाहरण के तलए, ईपभोिाओं की ऄतभवृति पयाथप्त सीमा तक ईनकी धारणाओं पर अधाररत होती है
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(और वास्ततवक मूल्यांकन पर नहीं) कक क्या ईनकी अवश्यकता पूरी करे गा और क्या नहीं। ईनके
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तवगत ऄनुभव, जो ऄतभवृति का तनमाथण करने में सहायता करते हैं, वे यह तनधाथरण करने में सहायता
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तलए ककया जाता है। लोग ऐसे कायथ करने से डरते हैं तजनमें जीवन कों पयाथप्त जोतखम समातवष्ट होता
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है। ऐसी तवषय वस्तुओं के प्रतत ऄतभवृतियाुँ, ऄचेतन मूल्यांकन और साथ ही आस प्रकार की तवषय
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वस्तुओं के प्रतत हमें पहले से ही नकारात्मक रूप से प्रवृि करने वाले ऄनुभवों के कारण तवकतसत होती
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हैं।
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यकद व्यति को ककसी वस्तु / व्यति / तवषय वस्तु आत्याकद से संभातवत रूप से होने वाले नए ईपयोगों
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कु छ ऄतभवृतियाुँ लोगों को ऄपने अत्मसम्मान या ऄहम् की रिा करने में सहायता कर सकती हैं। लोग
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भार कम करने या ऄपने अप को मनोवैज्ञातनक ितत से बचाने के तलए कु छ रिात्मक कायथ प्रणातलयों
is
करने की मनोदशा में होते हैं या ितत को युतिसंगत स्वरुप देने का प्रयास कर रहे हो सकते हैं। यह
ऄतभवृति का ऄहम् रिात्मक कायथ है। जब कोइ व्यति यह ऄनुभव करता है कक कोइ तवतशष्ट ऄतभवृति
ईसके स्वरूप को बलात पररवर्ततत कर सकती या संकटग्रस्त कर सकती है, तो ईस तस्थतत में यह प्रतीत
होता है। ईदाहरण के तलए, वृद् लेककन स्वस्थ व्यति शारीररक सहायता प्राप्त करने से आं कार कर सकता
है। आस प्रकार की ऄतभवृतियाुँ व्यति को मनोवैज्ञातनक संकट से सुरिा करने या अत्म सम्मान को
बढ़ाने में सहायता करती हैं। ऐसा करने के तलए मनोवैज्ञातनक िततयों वाली घटनाओं या सूचना को
कम ितत कारक या संकट कारक तरीकों से नइ भूतमका प्रदान कर दी जाती है। यह ऄतनवायथ रूप से
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एवं आस प्रकार हमें सामातजक स्वीकृ तत प्राप्त कराने की प्रवृति होती है, तजससे वे हमें यह कदखाते है कक
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हमारा स्वरूप क्या है और हम ककस पि का समथथन करते हैं। 9@
ईदाहरण के तलए, ऄपने मूल्यों को कोइ मूतथ और सरलतापूवकथ व्यि करने योग्य रूप प्रदान करने के
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प्रयास में ईपभोिा कु छ ऄतभवृतियाुँ ऄपनाते हैं। आस प्रकार, एक रूकढ़वादी व्यति भड़कीले कपड़ों की
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ईदाहरण के रूप में, तवरोधाभासी रूप से, ऄपने अप को ईदार और सतहष्णु यति के रूप में देखने
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वाले ककसी यति की नस्लीय पिपात की ऄतभवृति को प्रभातवत करने के तलए "ऄहंकार रिात्मक
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प्रकायथ" का ईपयोग ककया जा सकता है। ईस व्यति की ईदार और सतहष्णु यति के रूप में अत्म-छतव
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को अकर्तषत करके , ईसकी पूवाथग्रहग्रतसत ऄतभवृतियों को ईसकी अत्म ऄवधारणा के प्रतत ऄतधक
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सुसंगत होने के तलए पररवर्ततत करना संभव हो सकता है। आसी प्रकार, अत्म-छतव को ठे स पहुँचाने वाले
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प्रेरक संदश
े तक को भी ऄस्वीकृ त ककए जाने की बहत ऄतधक संभावना हो सकती है।
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देशभति का गुण ऄन्य लोगों की तुलना में कु छ लोगों में ऄतधक ऄतभयक्त होता है। लोग तनश्चय ही
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ऄपनी मातृभूतम का मूल्यांकन ऄनुकूल रूप से करते हैं, कु छ ऄन्य लोगों की तुलना में और-ऄतधक करते
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हैं। मान लीतजए कक एक समान मत वाले तमत्रों का एक ऐसा समूह एक चचाथ करता है तजसमें कोइ
कहता है कक, “तनःसंदह
े भारत जैसा ऄच्छा कोइ दूसरा देश नहीं है। ऄन्य स्थान ऄपने तरीके से ठीक हैं
लेककन वे हमारी मातृभूतम की तुलना नहीं कर सकते”।
ईपयोतगतावादी कायथ: प्रत्येक यति ऄनुमोदन करते हए तसर तहलाता है। सभी लोग अपके आस
दृतष्टकोण से बेहतर ऄनुभव करते हैं।
मान्यता सूचक कायथ : समूह में लोग भारतीय किके ट टीम की जसगीक पहने हए हैं।
ज्ञान संबध
ं ी कायथ: कोइ यति ईस समृद् आततहास और संस्कृ तत के तवषय में चचाथ करता है जो तवतशष्ट
बनाते हैं, कोइ ऄन्य यति तवश्व में भारत की बढ़ती महिा के तवषय में चचाथ करता है। यह ज्ञान
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लक्ष्यों की ईपलतब्ध को ऄसंभव नहीं तो करठन तो ऄवश्य बनाते हैं)। साथ ही, यह संस्था के
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तनयमों और पदानुिम के कठोर ऄनुपालन पर अधाररत है। आस प्रकार, यह नागररकों को
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तहतधारकों के रूप में मानने की बजाय सरकारी सेवाओं के प्राप्तकताथ के रूप में मानता है। 9@
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पररवेश के प्रतत ऄतभवृति लोगों, सरकार, संस्थानों, व्यवसायों अकद के पररवेश के प्रतत ऄतभवृति
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है।
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कॉपोरे ट ऄतभवृति ककसी देश में व्यवसायों की सामान्य ऄतभवृति है। आसकी तवशेषता ककसी कं पनी
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की मूल्य प्रणाली है। वे ग्राहकों या खरीदारों के प्रतत एक ऄनुकूल ऄतभवृति और पयाथवरण के प्रतत
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जैसा कक देखा जा सकता है, ऄतभवृति स्वयं में व्यापक रूप से तीन प्रकार की होती है: सकारात्मक
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(Positive), नकारात्मक (Negative) और तटस्थ (Neutral)। आनका तवस्तृत तववरण नीचे कदया गया
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है।
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यह ककसी व्यति की अशावादी दशा को संदर्तभत करता है। कइ ऄध्ययनों के ऄनुसार, आस प्रकार की
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ऄतभवृति वाले लोग जीवन में प्रसन्न रहते हैं और ईन लोगों की तुलना में ऄतधक सफल होते हैं तजनके
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ऄन्दर यह प्रवृति नहीं हैं। एक सकारात्मक ऄतभवृति अपको जीवन के दैतनक मामलों का सरलता से
सामना करने में मदद करती है।
सकारात्मक ऄतभवृति तनम्नतलतखत तरीकों से प्रकट होती है:
सकारात्मक और रचनात्मक सोच।
कदमाग की यह दशा रचनात्मक सोच के तलए ऄनुकूल है - यह जोतखम का अकलन करने को
प्रोत्सातहत करती है, यह नवाचार के तलए अवश्यक है।
चीजों को करने और लक्ष्यों को पूरा करने के तलए प्रेरणा और उजाथ प्रदान करती है।
खुश होने की एक ऄतभवृति।
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यह सकारात्मक ऄतभवृति के लगभग तवपरीत है, क्योंकक यह तनराशावाद ईत्पन्न करता है। आस प्रकार
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की ऄतभवृति पीड़नोन्मादी व्यवहार का ईत्पन्न करता है जहां हर जगह हम नकारात्मकता ही देखते हैं। 9@
आ सको रोका जाना चातहए।
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नकारात्मक और तवनाशकारी सोच तथा रचनात्मक सोच में बाधा ईत्पन्न करती है।
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यह चीजों को करने, जोतखम ईठाने और लक्ष्यों को पूरा करने के तलए प्रेरणा और उजाथ को समाप्त
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करती है।
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हमेशा तवफलता की ईम्मीद करना। पररणामतः, व्यति ककसी लक्ष्य को प्राप्त करने के तलए ऄपना
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यह व्यति को बाधाओं का सामना करने के बजाय दृढ़ता से ईसे छोड़ने के तलए प्रेररत करता है।
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आस वजह से आस ऄतभवृति को धारण करने वाला के वल समस्या पर कें कद्रत रहता है न कक ईसके
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यहां तटस्थ का ऄथथ ऄपिपात (impartial)l या तनष्पि (unbiased) नहीं है। आसका ऄथथ सामान्य रूप
से ऄसंलग्न है। ककसी का ककसी के प्रतत एक तटस्थ ऄतभवृति हो सकती है ऄथाथत जो आसे सकारात्मक या
नकारात्मक दोनों तरह से पयाथप्त महत्व न दे। सामान्य रूप से तटस्थ ऄतभवृति होने का ऄथथ है एक ऐसा
व्यतित्व तजसकी तवशेषता ईदासीन या भावहीन होना है। हालांकक, कोइ हमेशा ऄनजान या ईदासीन
नहीं हो सकता है; तनणथय नहीं लेने को ऄतनतित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता है। एक तटस्थ
ऄतभवृति की कु छ ऄतभव्यतियां तनम्नतलतखत हैं:
ईपेिा (Ignorance): ककसी के पास राजनीततक मुद्दों के प्रतत तटस्थ ऄतभवृति हो सकती है। जो
भी सामान्य सामातजक या राजनीततक समस्या हो, वे संतुष्ट होते हैं कक ईनके पास आसका समाधान
नहीं है।
ईदासीनता (Indifference)
पृथकता (Detachment)
भावहीनता (Unemotional)
संतुतलत (एक सकारात्मक तवशेषता) Balanced (a positive trait)
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ककसी व्यति का वास्ततवक चररत्र ऐसे लोगों के प्रतत ईसके व्यवहार में स्पष्ट होता है जो न तो प्रततशोध
लेने की तस्थतत में होते हैं और न ही कोइ प्रततफल देने की। गरीबी, वंचन, भेदभाव और ऐसी तस्थततयों
को कायम रखने वाले ऄन्य कारकों के प्रतत हमारी ऄतभवृततयों से हमारा सुतवधाहीन, गरीब या हातशए
वाले लोगों के प्रतत व्यवहार तनधाथररत होता है। आस तरह के कारकों के प्रतत सकारात्मक दृतष्टकोण,
स्वाभातवक रूप से, व्यति की सहानुभूतत और देखभालपरक प्रकृ तत को प्रदर्तशत करता है। यह कमजोर
और हातशए वाले वगों के प्रतत संवेदना का प्रतीक है। यह दृतष्टकोण लोक सेवकों के तलए ऄत्यंत
वांछनीय है क्योंकक हातशए पर रह रहे लोगों का समावेशन या बतहष्कार करने की शति ईनके पास
होती है।
सवोदय
‘सवोदय’ शब्द का ऄथथ है: 'सावथभौतमक ईन्नतत' या 'सबकी प्रगतत'। यह शब्द पहली बार राजनीततक
ऄथथव्यवस्था पर जॉन रतस्कन के तनबंध, "ऄनटू कदस लास्ट" के मोहनदास गांधी द्वारा 1908 में ककये
गए ऄनुवाद के शीषथक के रूप में ऄपनाया गया, और बाद में गांधी जी ने ऄपने राजनीततक दशथन के
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अदशथ के तलए आस शब्द का ईपयोग ककया। बाद में भारतीय ऄचहसावादी कायथकताथ तवनोबा भावे जैसे
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गांधीवादी ने स्वातंत्र्योिर भारत के सामातजक अंदोलन के नाम के रूप में आस शब्द का प्रयोग ककया।
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भारतीय समाज के सभी स्तरों तक अत्मतनभथरता और समानता की पहुँच सुतनतित करना आस
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सामातजक अंदोलन का लक्ष्य था।
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गांधी जी ने सवोदय की ऄवधारणा को प्रस्तुत ककया, जो तीन बुतनयादी तसद्ांतों पर अधाररत था:
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ककसी ऄतधविा के कायथ का वही मूल्य होता है जो ककसी नाइ के कायथ का होता है क्योंकक
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सबको ऄपने कायथ से ऄपनी अजीतवका का ऄजथन करने का ऄतधकार होता है।
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सवोदय के तसद्ांत
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आसमें कोइ कें द्रीकृ त प्रातधकरण नहीं होगा, और गांवों में राजनीततक और अर्तथक पररवेश
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होगा।
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राजनीतत सिा का साधन नहीं होगी बतल्क सेवा का साधन होगी और राजनीतत लोकनीतत
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सभी लोग प्यार, बंधुता, सत्य, ऄचहसा और अत्म-त्याग की भावना से भरे होंगे। समाज
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बहमत का शासन और दलीय व्यवस्था नहीं होगी और समाज बहमत की तनरं कुशता जैसी
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एक लोक सेवक कानूनों को लागू करने और नीततयों, तनयमों और तवतनयमों को आस तरह से लागू करने
के तलए बाध्य है जो न के वल 'न्यायसंगत और तनष्पि' हो बतल्क पारदशगीक भी हो और आसे लागू करते
समय भयरतहत और तनष्पि रहना चातहए। यह 'कानून के शासन' की सच्ची भावना में ककया जाना
चातहए तजस पर लोकतांतत्रक राजनीतत का अधार है। ईन्हें संतवधान में तनतहत नागररकों के मौतलक
ऄतधकारों से ऄवगत होना चातहए और 'ऄंत्योदय के माध्यम से सवोदय' की सच्ची भावना में कमजोर
और तनचले स्तर के लोगों के तवकास को बढ़ावा देने के तलए सहानुभूतत की सकिय ऄतभवृति को
तवकतसत करना चातहए।
सतहष्णुता और करुणा ककसी लोक सेवक को न के वल बुतद् बतल्क भावना के साथ भी नेतृत्व करने में
सिम बनाती है। वे ककसी के चररत्र और सकारात्मक संबंधों के मौतलक घटक हैं जो कमजोर वगों की
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अवश्यकताओं को पूरा करने के तलए अवश्यक हैं (जो सावथजतनक सेवाओं पर सबसे ऄतधक तनभथर हैं)।
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ईदाहरण के तलए, यकद एक कलेक्टरे ट में कदव्यांग लोगों के तलए तशकायत तनवारण बैठक अयोतजत की 9@
जानी है, तो एक ऄतधकारी तजसके पास सहानुभूतत ऄतभवृति है, यह सुतनतित करे गा कक पहंच के तलए
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रैं प / तलफ्ट अकद जैसी ईतचत व्यवस्था की जाए, ऄन्यथा, ऐसी बैठक करने का कोइ ईद्देश्य पूणथ नहीं
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होगा। आस कमजोर और हातशए वाले वगों के प्रतत सकारात्मक दृतष्टकोण के माध्यम से तवकतसत होने
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वाली आस जरूरी समझ की कमी ऄिम और ऄपवजथनात्मक सावथजतनक प्रशासन और सेवा तवतरण को
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जैसा कक पहले पररभातषत ककया गया है, ऄतभवृति, ऄनुकूल या प्रततकू ल रूप से व्यवहार करने के तलए
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स्थायी पूवाथग्रह है। हालांकक, प्रत्येक ऄतभवृति नैततकता से जुड़े प्रश्नों या पररतस्थततयों से संबंतधत नहीं
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है। ईदाहरण के तलए सेब या संतरे के प्रतत ककसी व्यति की पसंद या नापसंद में नैततकता का कोइ प्रश्न
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नहीं है। लेककन ककसी व्यति का शाकाहारी या मांसाहारी होना ईसके तलए नैततक तवचार हो सकता है।
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आसी तरह, कोइ व्यति आलेक्रॉतनक माध्यम की ऄपेिा नकद में लेनदेन करने के प्रतत ऄनुकूल ऄतभवृति
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रख सकता है। आसके बारे में नैततक या ऄनैततक कु छ भी नहीं है। हालांकक, यकद नकद लेनदेन की ईसकी
आच्छा सरकार से ऄपनी अय तछपाने के ईद्देश्य से प्रेररत है तब यह नैततकता का प्रश्न हो सकता है। आसी
प्रकार, लोकतंत्र के प्रतत ऄतभवृति या कमजोर वगों के प्रतत ऄतभवृति की प्रच्छन्न भावना नैततक होगी।
आस प्रकार नैततक ऄतभवृति को ऐसे रूप में पररभातषत ककया जा सकता है जो "सही" और "गलत" क्या
है, के नैततक दृढ़ तवश्वासों पर अधाररत है। यह नैततकता के बारे में ककसी के तवचार, नैततक त्रुरटयों
(ईसके द्वारा की गयी या ककसी ऄन्य के द्वारा की गयी) के बारे में ईसकी ऄतभवृति और नैततक मुद्दों के
चलग सापेि भी हो सकती हैं। ईदाहरण के तलए, ररश्वत के प्रतत मतहलाओं की तुलना में पुरुषों में कम
नकारात्मक दृतष्टकोण हो सकता है। आसी तरह, मतहलाओं में ऄपनी पसंद के कपड़े पहनने की अजादी के
प्रतत ऄतधक ईन्मुि ऄतभवृति हो सकती है।
* कृ पया ध्यान दें: 'नैततक ऄतभवृति' शब्द की एक और व्याख्या वह है जहां हम 'नैततक' शब्द के साथ
मूल्य को जोड़ते हैं। यहां 'नैततक ऄतभवृति' का ऄथथ ककसी व्यति की ऐसी ऄतभवृति है तजसे नैततक या
ऄच्छा या स्वीकायथ माना जाता है। चूंकक नैततकता व्यतिपरक होती है, आसतलए ककसी व्यति में कु छ
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ऄंतर्तनतहत गुण होते हैं जो यह तनधाथररत करते हैं कक वह नैततक है या नहीं। नैततक ऄतभवृति से संबतं धत
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सामान्यतः ऐसे चार गुण हैं: 9@
1. सम्मान (Reverence): आसका तात्पयथ ऄत्यतधक अदर है। ककसी दूसरे व्यति का सम्मान करना,
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ईसके तवचारों और व्यवहार का सम्मान करना नैततक व्यति की पहचान मानी जाती है।
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2. तनष्ठा (Faithfulness): आसका ऄथथ है वफादार बने रहना और ककसी व्यति द्वारा ककसी व्यति में
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4. दयालुता (Goodness): यह ईदारता, प्रेम, देखभाल, सहानुभूतत आत्याकद जैसे गुणों वाले व्यति
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मनुष्यों के भीतर सही होने और पसंद ककये जाने की अकांिा होती है। आस प्रकार, नैततक मुद्दों के प्रतत
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ऄतभवृतियाुँ मजबूत होती हैं और दृढ़ता से व्यि की जाती हैं। ईदाहरण के तलए, ककसी व्यति के ऄंदर
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बेइमानी या झूठ बोलने के प्रतत आतनी ऄतधक नकारात्मक ऄतभव्यति हो सकती है कक वह सत्यतनष्ठा के
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मानी जाने वाली कियाओं जैसे व्यतभचार, स्टॉककग, धोखाधड़ी आत्याकद के तलए तनषेधात्मक होती हैं।
चूंकक ऄतभवृति ककसी व्यति के व्यवहार से तनकटता से सम्बंतधत होती है, आसतलए नैततक ऄतभवृतियाुँ
नैततक व्यवहार को सहज बनाने में सहायता करती हैं क्योंकक वे नैततक रूप से सही तनणथयों पर पहंचने
में मदद करती हैं।
राजनीततक ऄतभवृति ककसी राजनीततक मुद्दे के प्रतत प्रवृति या पसंद/नापसंद है। ककसी मुद्दे को
राजनीततक मुद्दे के रूप में पररभातषत करने के तवतभन्न तरीके हो सकते हैं।
1. सरल ऄथों में, राजनीततक ऄतभवृति राजनीततक व्यवस्था, पार्टटयों या ईनकी तवचारधारा के प्रतत
लोगों की ऄतभवृति को संदर्तभत करती है। कोइ व्यति रूकढ़वादी, ईदारवादी, कें द्रवादी या ककसी
ऄन्य के रूप में स्वयं की पहचान कर सकता है। आसी तरह, कोइ राजनीततक दल भी आनमें से ककसी
के रूप में ऄपनी पहचान व्यि कर सकता है। हालांकक, ये ऄतभवृतियाुँ तवश्लेषण करने के तलए
बहत ऄस्पष्ट हैं। राष्ट्रपतत प्रणाली या संसदीय प्रणाली या ऄतधनायकत्व प्रणाली सकारात्मक या
नकारात्मक ऄतभवृति रखने के रूप में वगगीककृ त करने हेतु बहत व्यापक हैं और आसीतलए ये ऄस्पष्ट
हैं।
2. व्यापक ऄथों में, राजनीततक ऄतभवृति का ऄथथ सावथजतनक जीवन के तवतशष्ट मुद्दों के प्रतत व्याप्त
ऄतभवृति से है। ऄथथव्यवस्था, रोजगार, मतहलाओं, ऄसमानता, जातत व्यवस्था, मतदान प्रणाली
आत्याकद जैसे तवतशष्ट मुद्दों के प्रतत सापेतिक ऄतभवृतियाुँ रखना आन्हें एक व्यापक श्रेणी में संयोतजत
करने की तुलना में ज्यादा बेहतर है। ईदाहरण के तलए, ककसी तथाकतथत रूकढ़वादी पाटगीक के साथ
जुड़ा हअ कोइ व्यति ऄलग-ऄलग तवचारधारा के लोगों के प्रतत सतहष्णु ऄतभवृति रख सकता है।
वास्तव में, तवशेष रूप से भारत के राजनीततक दलों को पतिमी अधार पर वामपंथी या
दतिणपंथी खांचे में तवभातजत नहीं ककया जा सकता है। भारत में कोइ भी राजनीततक दल स्वयं
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को स्पष्ट रूप से ककसान तवरोधी या श्रतमक तवरोधी नहीं घोतषत कर सकता है। आसतलए, व्यापक
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श्रेतणयों के बजाय तवतशष्ट मुद्दों के संबंध में राजनीततक ऄतभवृतियों का ऄध्ययन करना बेहतर है।
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यह राजनीततक ऄतभवृतियाुँ हैं जो यह तनधाथररत करती हैं कक लोग राजनीततक प्रकिया में कै से भाग
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लेते हैं, वे ककन्हें वोट देते हैं, और वे ककन राजनीततक दलों का समथथन करते हैं। पररवार, धमथ, जातत,
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नस्ल, और िेत्र सतहत कइ कारक हैं जो सतम्मतलत रूप से राजनीततक ऄतभवृतियों और व्यवहार में
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यह तकथ कदया जाता है कक राजनीततक तनणथय का तवकास नैततक तवकास के एक तहस्से का प्रतततनतधत्व
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करता है और राजनीततक और नैततक तशिा काफी हद तक समान है, खासकर तब जब आसे व्यापक
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पररप्रेक्ष्य में देखा जाता है। आस पररप्रेक्ष्य से, राजनीततक संस्कृ तत समाज में मूल्य प्रणाली तनधाथररत
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करती है। जबकक, संकीणथ ऄथों में, राजनीततक संस्कृ तत एक व्यतिपरक मनोवैज्ञातनक घटना है जो
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व्यतियों और राजनीततक व्यवस्था के बीच पारस्पररक प्रकिया में प्रकट होती है।
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समाजीकरण करने वाले तवतशष्ट समूहों को समाजीकरण के एजेंट कहा जाता है। हमारा समाज
समाजीकरण के चार प्रमुख एजेंटों पर तनभथर करता है: पररवार, मीतडया, स्कू ल और कु लीनजन।
समाजीकरण के एजेंट समाज का प्रतततनतधत्व करते हैं और आसकी तरफ से कायथ करते हैं। यद्यतप
समाजीकरण आन एजेंटों के बगैर भी हो सकता है, परन्तु समाज ज्यादातर समाजीकरण के तलए आन्हीं
पर अतश्रत होता है। सवथसिावादी शासन ऄपने राजनीततक एजेंडे को बढ़ावा देने के तलए समाजीकरण
के अतधकाररक एजेंटों को स्थातपत करने का प्रयास कर सकते हैं। आस प्रकार, समाजीकरण के एजेंट
चाहे लोकतांतत्रक, सवथसिावादी, या ऄन्य ककसी भी राजनीततक और अर्तथक व्यवस्थाओं में कायथ करें ,
प्रत्येक एजेंट व्यति के व्यतित्व को प्रभातवत करता है।
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** तसद्ांत रूप में, ऄरस्तु राजतंत्र (monarchy) और कु लीनतंत्र (aristocracy) को सरकार के
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सवोिम रूप में पसंद करता है क्योंकक सवथश्रेष्ठ व्यतियों के पास सिाधारी शति होती है; हालाुँकक,
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वह राजव्यवस्था को ऄतधकांश राज्यों के तलए सवाथतधक ईपयुि मानता है। कु लीनतंत्र की प्रमुख 9@
तवशेषता बड़ी संख्या में लोगों को शासन में भागीदारी की ऄनुमतत प्रदान करके (पदातधकाररयों को
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चुनने हेतु मत देने की ऄनुमतत द्वारा या जूरी का सदस्य बनने की ऄनुमतत प्रदान करके ) ईनके सद्भाव
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को प्राप्त करते हए भी ऄतभजात वगथ को संरिण देना है। चूंकक एक कु लीन व्यति की तुलना में एक
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औसत व्यति की बुतद् और गुणों में कमी होती है ऄतः ऄरस्तु ईच्च राजनीततक पदों को श्रेष्ठ व्यतियों
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के तलए अरतित रखना चाहता था, ऄथाथत एक औसत व्यति की तनणथयन िमता पर ऄरस्तु को कम
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तवश्वास था। हालांकक, ईसने औसत व्यतियों की बड़ी संख्या द्वारा तलए गए सामूतहक तनणथय में
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ऄतधक तवश्वास व्यि ककया है- जोकक राजव्यवस्था का तनमाथण करने में ककये जाने वाले समझौतों का
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ऄपनी पुस्तक, पॉतलरटक्स में, ऄरस्तु कहता है कक मनुष्य एक "राजनीततक पशु" है क्योंकक वह
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ऄतभव्यति और नैततक तकथ शति युि एक सामातजक पशु है: "आसतलए यह स्पष्ट है कक राज्य प्रकृ तत
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की एक कृ तत है, और मनुष्य प्राकृ ततक रूप से एक राजनीततक पशु है। और ऐसा मनुष्य जो ककसी
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दुघथटनावश नहीं ऄतपतु प्राकृ ततक रूप से राज्य-तवहीन है वह या तो मानवता से उपर है या कफर
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आससे नीचे परन्तु वह मनुष्य नहीं है; वह एक ‘कु टुंब तवहीन, स्वेच्छाचारी, हृदयतवहीन’ व्यति है, एक
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बतहष्कृ त युद्प्रेमी के रूप में ईसकी भत्सथना की जाती है, ईसकी तुलना एक ऐसी तचतड़या से की जा
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सामातजक ऄतधगम (Social learning): हम ऄन्य लोगों से कु छ कारथ वाआयों का तनष्पादन करते हए
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तनरीिण भी करते हैं और ईनके अचरण से सीखते हैं। यह कइ बातों पर तनभथर करता है:
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तनरीतित यति की अकषथकता - ईदाहरण के तलए, यकद हम ककसी यति को सकारात्मक रूप से 9@
पहचानते हैं तो हमारे द्वारा ईसकी ऄतभवृति ऄपनाए जाने की संभावना होती है। (प्रशंसकों द्वारा
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ऄनुसरण अकद)।
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तनरीतित यति द्वारा सामना की गइ पुरस्कार या दड की व्यवस्था। ईदाहरण के तलए, ककसी
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यति को यातायात तनयमों के ईल्लंघन के तलए दतडत होता देखकर, हमारे द्वारा यातायात
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तनयमों के ईल्लंघन के प्रतत नकारात्मक ऄतभवृति तवकतसत होने ऄथाथत् ईनका पालन करने के
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तलए सकारात्मक ऄतभवृति तवकतसत होने की संभावना होती है। आसके ऄततररक्त, यकद ककसी को
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ऄपराध के तलए पुरस्कृ त ककया जाता है (जैसे ककसी ऄपराधी का तनवाथतचत होना), तों हममें ऐसे
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यति द्वारा धाररत ऄतभवृति का तवकास होने की संभावना होती है। ईदाहरण के तलए, यकद कोइ
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यति ककसी पुस्तक ‘X’ को पढ़कर तसतवल सर्तवसेज परीिा में ऄहथता प्राप्त कर लेता है, तो
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ईम्मीदवारों में ईस पुस्तक के प्रतत सकारात्मक ऄतभवृति तवकतसत होने की संभावना होगी। दूसरी
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ओर, 'जब तक तुम पकड़े न जाओ तब तक कु छ भी गैरकानूनी नहीं है' की कहावत, लोगों को कदए
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जाने वाले वैध तनदेशों का ईनके द्वारा पालन न ककए जाने और तनलथज्जतापूवथक तनयम तोड़ने के
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ऄतभवृति तनमाथण या ऄतधगम जीवन पयथन्त चलने वाली प्रककया है, क्योंकक यह हमारे द्वारा संग्रतहत
ऄनुभवों या हमारे असपास के लोग से हमारे द्वारा सीखे गए पाठों पर अधाररत है। ये लोग ऄतभवृति
तनमाथण के साधन होते हैं। आन साधनों में सतम्मतलत हैं:
पररवार: पररवार से हम ऄपने जीवन के महत्वपूणथ पाठ सीखते हैं। पररवार मूल्य प्रदान करने एवं
मूल्यों का तवकास करने में भी सहायक होता है, जो और कु छ नहीं ऄतपतु सामान्यीकृ त
ऄतभवृतियाुँ होती हैं। ईदाहरण के तलए, हम ऄनुशासन सीखते हैं और समय प्रबंधन की नींव
डालते हैं, जो घर से प्राप्त की जाने वाली ऄतभवृति के महत्वपूणथ पहलू होते है।
स्कू ल या तशिा संस्थान: ये ईत्कृ ष्टता, प्रततस्पधाथ, समयबद्ता एवं समग्र रूप से जीवन की ओर
ऄतभवृति ऄंतर्तनतवष्ट करने के महत्वपूणथ साधन हैं।
ऄनुकरणीय व्यतित्व: ये ऐसे व्यति हैं तजन्हें हम पसंद करते हैं और सकारात्मक रूप से पहचानते
हैं। तभन्न-तभन्न व्यतियों के ऄनुकरणीय व्यतित्व तभन्न-तभन्न होते हैं, जैसे एक यति ऄपने तपता
को ऄपना ऄनुकरणीय व्यतित्व मान सकता है, ककसी ऄन्य के तलए ऄपनी रूतच के िेत्र का प्रमुख
यति हो सकता है अकद। हम ऄपने ऄनुकरणीय व्यतित्वों की ऄतभवृतियों के साथ ईनका
ऄनुकरण करने का प्रयास करते हैं। कृ पया ध्यान दीतजए कक ककसी िेत्र में तवशेषज्ञ होना ऄतनवायथ
रूप से ऄनुकरणीय व्यतित्व होने के तलए पयाथप्त नहीं है। ऄनुकरणीय व्यतित्व कोइ ऐसा
यति होता है जो ऄपनी गतततवतधयों के माध्यम से प्रेररत करने में सिम होता है। जो लोग ऄपने
िेत्र में प्रमुख होते हैं और यापक स्तर पर लोकतप्रय होते हैं वे सामान्यता ऄनुकरणीय व्यतित्व
माने जाने वाले लोग होते हैंl ईदाहरण के तलए स्टीफन हॉककग को लीतजए - वह न के वल भौततकी
के तवशेषज्ञ थे ऄतपतु ऐसे यति भी थे तजन्होंने ऄपनी पुस्तकों, व्याख्यानों या यूं कहें कक ऄपने
जीवन के माध्यम से लाखों लोगों को आस तवषय में रुतच लेने के तलए प्रेररत ककया था।
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आसका ऄथथ ककसी बात को करने या पर तवश्वास करने के तलए ककसी को मनाने या राजी होने की किया
या प्रकिया है। ऄनुनय प्रभाव के तलए यापक पद है, जो ककसी व्यति की मान्यता, ऄतभवृति, अशय,
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ऄतभप्रेरणा या व्यवहार को प्रभातवत कर सकता है। यह ऐसी प्रकिया है तजसका ईद्देश्य सूचना,
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भावनाएं या तकथ या आनका संयोजन संप्रेतषत करने के तलए तलतखत या बोले गए शब्दों का ईपयोग
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करके ककसी व्यति (या समूह) की ककसी घटना, तवचार, वस्तु या ऄन्य व्यति (यों) के प्रतत ऄतभवृति या
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यह व्यतिगत लाभ की ऄतभलाषा में प्राय: ईपयोग ककया जाने वाला साधन भी है, जैसे चुनाव
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प्रचार,तविय सेवा, या ककसी वाद के तलए वकालत में। आसे लोगों का व्यवहार या ऄतभवृति बदलने के
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तलए ऄपने व्यतिगत या तस्थततपरक संसाधनों के ईपयोग के रूप में भी ऄथाथतन्वत ककया जा सकता है।
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ऄतभवृतत का तनमाथण और पररवतथन दो ऄलग कियाएं नहीं हैं - वे एक दूसरे से संयुि रूप से जुड़े हए हैं।
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लोग सदैव ऄपनी ऄतभवृततयों को बदलती अवश्यकताओं और तहतों के ऄनुरूप ऄपनाने, संशोतधत
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करने या त्यागने वाले होते हैं।नइ ऄतभवृतत की स्वीकृ तत आस बात पर तनभथर करती है कक संप्रष
े क कौन
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है,संप्रष
े क की तवश्वसनीयता, और ककन पररतस्थततयों में सूचना की प्रातप्त हइ है।
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ऄतभवृतत बदलती है जब :
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कोइ व्यति ककसी नइ सूचना को ककसी ऄन्य या मीतडया के माध्यम से प्राप्त करता है - संज्ञानात्मक
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पररवतथन।
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ककसी व्यति का सामान्य से ऄलग व्यवहार करने के तलए मजबूर होना - व्यवहाररक पररवतथन।
प्रोत्साहक या ऄनुनय कताथ को एक ऐसे ईद्देश्य का चयन करने की अवश्यकता है जो ईसके दशथकों के
तलए यथाथथवादी हो।
प्रेरणा के पांच सामान्य ईद्देश्यों को नीचे सूचीबद् ककया गया है।
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तकथ और कारण के माध्यम से सुदढ़ृ ककया जाता है। दूसरी तरफ स्वतः शोध प्रणाली या ऄनुभव
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अधाररत ऄनुनय (Heuristic persuasion) वह प्रकिया है तजसमें दृतष्टकोण या मान्यताओं को
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स्वभाव या भावनाओं के माध्यम से सुदढ़ृ ककया जाता है।
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सतम्मतलत हैं:
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यति द्वारा ऄततरं तजत दावे करने पर पहचान सकते हैं। कभी-कभी, ककसी मत की ओर अकर्तषत
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होने के बजाय, वे दावों का ऄंतर्तनतहत खोखलापन पहचानने पर और ऄतधक तवमुख हो सकते हैं।
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जाता है कक अत्म-सम्मान में ईच्चतर लोगों को असानी से मनाया नहीं जा सकता हैं, लेककन ऐसे
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कु छ साक्ष्य हैं कक अत्म-सम्मान और ऄनुनेयता (राजी होने की िमता) के बीच संबंध वास्तव में
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विरे खीय होती है, ऄथाथत अत्म-सम्मान के स्पेक्रम के दोनों छोरों के लोगों को मनाना मुतश्कल
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होता है जबकक बीच के लोगों को मनाना ऄपेिाकृ त असान होता है। हालांकक, वस्तुतनष्ठ रूप से
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अत्म-सम्मान का मापन मुतश्कल है। ईच्च अत्म सम्मान ऄहंकार के कारण हो सकता है और ऐसे
लोग लगभग हठी हो सकते हैं। कम अत्म-सम्मान हातन या पराजय या दूसरों के द्वारा ईपहास जैसे
कइ कारणों से हो सकता है। ऐसे लोग ऄनुनय के प्रतत प्रभावशून्य हो सकते हैं क्योंकक वे ऄपने
अपको ऄनतभज्ञ के रूप में दशाथ सकते हैं - न के वल ईन लोगों से जो ईनका ईपहास ईड़ाते हैं,
बतल्क ऄन्य सदाशय वाले लोगों से भी।
स्रोत ऄतभलिण: आनमें ककसी और को मनाने का प्रयास करने वाले व्यति के ऄतभलिण सतम्मतलत
ककया गया है। ईदाहरण के तलए, तवशेषज्ञता, तवश्वसनीयता और ऄंतरवैयतिक अकषथण या
अकषथणीयता ऄनुनय को प्रभावी बनाने वाले कु छ लिण हैं। कतथत संदश
े की तवश्वसनीयता को
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की संज्ञानात्मक आं कद्रयों का अह्वान ककया गया है या नहीं। यकद ककसी व्यति को सोचने और स्वयं
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से तनष्कषथ पर पहंचने के तलए प्रेररत ककया जाता है, तो संदश
े ऄतधक प्रभावी ढंग से कदया जा 9@
सकता है। यह ककसी व्यति के संज्ञानात्मक मूल्यांकन के तलए तचत्ताकषथक होता है। शैितणक रूप
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से, आसका दो मागों में वगगीककरण ककया जाता है: कें द्रीय और पररधीय।
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ऄनुनय के कें द्रीय मागथ में व्यति को अंकड़ें प्रस्तुत ककए जाते हैं और अंकड़ों का मूल्यांकन और
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ऄतभवृति पररवतथनकारी तनष्कषथ पर पहुँचने के तलए प्रेररत ककया जाता है। पिपोषण के समथथन में
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प्रस्तुत सूचना के वास्ततवक गुणों के ककसी व्यति के सतकथ और चचतनशील तवचारण से ऄनुनय
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पैदा होने की संभावना होती है। ऄतभवृति पररवतथन का पररणाम तुलनात्मक रूप से स्थायी,
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िमता होती है। तवस्तार सातत्य के तनचले तसरे पर होने के नाते, प्राप्तकताथ द्वारा पूरी तरह से
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सूचना का परीिण नहीं ककया जाता है। पररधीय मागथ के साथ, ईनकी सामान्य धारणा (ईदाहरण
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संदभथ के सकारात्मक और नकारात्मक संकेतों आत्याकद पर तनभथर होने की ऄतधक संभावना होती
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है। व्यति को ऄंतवथस्तु नहीं बतल्क स्रोत को देखने के तलए प्रोत्सातहत ककया जाता है। पूरी तरह से
आस पर सोच-तवचार करने के तलए बहत ऄतधक श्रम ककए तबना क्या तनणथय करना और / या
तवश्वास करना है आसका हमें ईिर देने के तलए तवश्वसनीयता तनम्न प्रयास और कु छ तवश्वसनीय
तरीका है। ऐसा सामान्यत: मशूरर हतस्तयों वाले अधुतनक तवज्ञापनों में देखा जाता है। यह ककसी
व्यति के आस महत्वपूणथ पहलू पर तनभथर करता है- कक वे 'संज्ञानात्मक रूप से कमजोर' हैं और
शॉटथकट का ईपयोग करते हैं और ऄनुमान (ऄथाथत तवस्तृत / तवश्लेषणात्मक प्रकिया के बजाय
त्वररत समस्या समाधान) पर भरोसा करते हैं।
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तवचारशील प्रश्नों को पूछकर अवश्यक जानकारी एकत्र करने के तलए परस्पर संवाद की अवश्यकता
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होती है। यह प्रकिया प्रायः प्रारं तभक तकथ को पररवर्ततत करने या समझौता करने में सहयोगी होगी।
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3. सुस्पष्ट भाषा और ऄकाट्य साक्ष्य के साथ तस्थतत को सुदढ़ृ करना (Reinforce positions with
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होती है - कइ रूपों में मजबूत डेटा (कहातनयां, अलेख, तचत्र, रूपक और ईदाहरण)। प्रत्यायक को
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तचत्रालेख (ग्राकफक्स) को पूरा करने वाली सुस्पष्ट भाषा का ईपयोग करके तस्थतत को जीवंत बनाने की
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ऄच्छे प्रत्यायक भावनाओं की प्राथतमकता से ऄवगत होते हैं और ईनके प्रतत ईिरदायी होते हैं। वे
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जानते हैं कक व्यावसातयकता और ईनकी भावनात्मक प्रततबद्ता के बीच संतल ु न को कै से बनाए रखा
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जाए तजसका वे समथथन करते हैं। ईनके श्रोताओं के साथ ईनका संबंध ईनकी तस्थतत के तलए ईनकी
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बौतद्क और भावनात्मक प्रततबद्ता दोनों को दशाथता है। सफल प्रत्यायक ऄपने श्रोताओं की
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भावनात्मक तस्थतत की यथाथथ समझ तवकतसत करते हैं और ईसके ऄनुसार वे ऄपने तकों को
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समायोतजत करते हैं। ईनकी तस्थतत चाहे जो भी हो, सन्देश को प्राप्त करने की ईनके श्रोताओं की िमता
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प्रत्येक व्यति प्रत्यातयत होने के तलए ऄततसंवेदनशील होता है; प्रत्यायन एक ऐसी प्रकिया है तजसका
ईद्देश्य ककसी व्यति की ऄतभवृति और/या ककसी तवचार, घटना, व्यति या वस्तु के प्रतत ईसके व्यवहार
को बदलना है। व्यापक रूप से यकद कहा जाए तो प्रभावी प्रत्यायन के तलए वांछनीय स्रोत
(तवश्वसनीयता का होना), वांतछत संदश
े की तवशेषतायें (भय, तववेकपूणथ और भावनात्मक ऄपील) होनी
चातहए। ऄतधक तवस्तृत रूप में, प्रत्यायन को प्रभावी होने के तलए तनम्नतलतखत बातें होनी चातहए:
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महसूस करते हैं। आसमें बदले गए व्यवहार / ऄतभवृति के तलए लतित अबादी को ईतचत रूप से
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पुरस्कृ त करना शातमल हो सकता है। यह पररवतथन को सुदढ़ृ करने और आसे बनाए रखने में मदद
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करता है। 9@
6. सामातजक साक्ष्य की तकनीक: लोग प्रायः दूसरे लोगों (बैंडवैगन प्रभाव) का ऄनुसरण ऄतधक करते
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हैं, आसतलए ईनके पास स्वयं के तनणथय लेने के तलए पयाथप्त जानकारी नहीं होती है। आस तकनीक में
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पररवतथन से लाभ तमल रहा है। आसके तलए प्रत्यायक कु छ प्रतसद् व्यतित्व के ईदाहरणों की
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सहायता ले सकता है। ईदाहरण के तलए, हररयाणा में मतहला भ्रूण हत्या के तखलाफ ऄतभयान में
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हम कु छ मतहला तखलातड़यों के ईदाहरणों का ईपयोग कर सकते हैं तजन्होंने प्रतसतद् ऄर्तजत की हैं,
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जब ककसी यति की भावनाएं, तवचार या व्यवहार दूसरों से प्रभातवत होते हैं तो सामातजक प्रभाव
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होता है। सामातजक प्रभाव कइ रूप ग्रहण करता है और ऄनुपालन, समाजीकरण, सहकमगीक दबाव,
अज्ञाकाररता, नेतृत्व, ऄनुनय में देखा जा सकता है। हालांकक, तनम्नतलतखत सामातजक प्रभाव के तीन
व्यापक प्रकार हैं।
ऄनुपालन तब होता है जब लोग दूसरों के साथ सहमत होते हैं, लेककन वास्तव में ऄपनी ऄसहमत
राय तनजी रखते हैं। यह व्यवहार में पररवतथन है, लेककन अवश्यक रूप से ऄतभवृति में नहीं।
पहचान तब होती है जब लोग पसंद ककए जाने वाले और सम्मातनत व्यति से प्रभातवत होते हैं जैसे
राजनेता, गुरु, प्रतसद् हस्ती।
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2017 में पूवगीक भारत के एक मंकदर से एक वीतडयो सामने अया तजसमें एक मतहला कं गारू के अकार के
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कू ड़ेदान से अशीवाथद ले रही थी। ईसे नहीं पता था कक वह 'वस्तु' क्या थी और ईसने एक ऄन्य मतहला
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को वह कू ड़ेदान छू ते हए देखा था। शीघ्र ही, कु छ और मतहलाएं अशीवाथद लेने में सतम्मतलत हो गईं।
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तनस्संदह
े , यकद ईन्हें पता होता कक वह वस्तु कचरे का तनपटान करने के तलए है, तो ईनका व्यवहार
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ऄलग होता। लेककन सही होने की ईनकी आच्छा के साथ जानकारी की कमी से ईन्होंने भेड़-चाल वाली
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मानतसकता का पालन ककया और कं गारू के अकार के कू ड़ेदान की पूजा करने के 'स्वीकायथ' व्यवहार का
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ऄनुपालन ककया।
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कदातचत ऐसा व्यवहार ऄतधक बुतद्मान लोगों के तलए भी ऄसामान्य नहीं है। सामान्यतया लोग ऄपना
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तादात्म्य राजनीततक तवचारधारा से, ऄतनवायथ रूप से ईसके तसद्ांतों को जाने तबना से स्थातपत करते
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हैं। ईदाहरण के तलए, सरकार की अलोचनाएं ऄतधकांशतया सरल होती हैं ऄथाथत वे बहत ही अंतशक
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तचत्र खींचते हैं, लेककन एक बार जब राजनीततक प्रततद्वंद्वी कोइ रूख ऄपना लेता है, तो समथथक जुड़
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जाते हैं क्योंकक वे नेता में तवश्वास प्राय: ऄंधा तवश्वास करते हैं। यही बात सरकार बनाने वाले दल के
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समथथकों के तलए भी सही है, लेककन प्राय: आसके समथथक करठन तस्थतत में होते हैं क्योंकक हर समय
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सरकार के सभी कायों का बचाव करना काफी ऄतधक करठन होता है।
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मानक प्रभाव दूसरों द्वारा पसंद ककए जाने की व्यति की अवश्यकता से संबंतधत है। मनुष्य, सहज
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रूप से सामातजक होने के नाते, साहचयथ और संसगथ की आच्छा करता है। समूह या संघ कु छ साझा
रूतच या तहतों वाले लोगों से तमलकर बनता है। समूह में सफल और स्वस्थ वातावरण के तलए,
लोग घुलने-तमलने का प्रयास करते हैं। वे ऄपने व्यवहार में कु छ पररवतथन लाते हैं ताकक ईन्हें पसंद
ककया जाए। यह मानक सामातजक प्रभाव है- मानक का ऄथथ है कक चीजें कै से होनी चातहए,
ईदाहरण के तलए माता-तपता चाहते हैं कक बच्चों को मोबाआल फोन से दूर रहना चातहए। आसतलए,
यह दूसरों की सकारात्मक ऄपेिाओं का ऄनुपालन करने वाला प्रभाव है।
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पररणाम? 60 प्रततशत से ऄतधक प्रततभातगयों को घातक स्तर (450 वोल्ट) तक झटके कदए गए।
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क्योंकक प्रततभागी के पीछे, एक डॉक्टर था, जो यह कहता रहेगा कक अगे बढ़ो" ... वोल्टेज बढ़ाओ,
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व्यति मरे गा नहीं।"
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अतधकाररक व्यति है। व्यतिगत प्रततभागी का तववेक ऄतधक शतिशाली होता है, जब प्रततभागी
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सोचता है कक "यह मेरा ईिरदातयत्व नहीं है, मैं के वल अदेशों का पालन कर रहा ूरं"।
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2. अतधकाररक व्यति अपके तववेक को ऄततव्यातपत कर सकता है: तहटलर एक महान विा था; वह
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3. सहकमगीक-दबाव अज्ञापालन से ऄतधक शतिशाली है: यकद दो प्रततभागी हैं, तो यकद दूसरा
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प्रततभागी आस तवषय के तलए तबजली के झटके देने से आनकार करता है और कमरे से बाहर चला जाता
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ऄतभवृतिक पररवतथन के तलए व्यति के भावनात्मक पहलू को ऄपील के एक साधन के रूप में प्रयोग
ककया जाता है। वास्तव में, भावना ऄनुनय और सामातजक प्रभाव में एक प्रमुख घटक है। ऄतभवृत्ा पर
शोध ने भी संदश
े ों के भावनात्मक घटकों का महत्व प्रकट ककया है। ऄतभवृति का ABC मॉडल तीन
घटकों पर बल देता है- संज्ञानात्मक (ऄथाथत हम क्या समझते हैं), भावनात्मक (हम भावनात्मक रूप से
कै से जुड़ते हैं) और व्यवहारात्मक (हम कै से कायथ करते हैं)। भावना संज्ञानात्मक प्रकिया, या तजस प्रकार
तजसकी कल्पना करना अनंदकारी होता है लेककन साक्ष्य या त्य पर अधाररत नहीं होता है), तो यह
तार्ककक भ्रांतत बन जाता है। कामनापूणथ तवचारणा या चापलूसी या घृणा को ऄपील से ऄतभवृति में
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के वल एक ऄस्थायी पररवतथन लाया जा सकता है। भतवष्य में आससे वांतछत ऄतभवृति के तवपरीत
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ऄतभवृति के तवकास का भी मागथ प्रशस्त हो सकता है। आसतलए, ऄके ले भावनाओं को ऄपील
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ऄतभवृिात्मक पररवतथन का संधारणीय अधार नहीं बन सकता है। त्यों का मूल्यांकन संदश
े को वैधता
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ऄनुनय या सामातजक प्रभाव के पररणाम युतियों, ईद्देश्यों तथा संदभों तजनमें वे तनतहत हैं, के प्रकारों
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के अधार पर ऄच्छे, खराब एवं तनकृ ष्ट हो सकते हैं। पररणामों के आन प्रकारों की चचाथ नीचे की गइ है:
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तनकृ ष्ट प्रभावक ऄन्य व्यतियों को तनणथयों में धके लते और बाध्यकारी रूप से शातमल करते हैं। ईनकी
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कायथ शैली ऄन्यों को शतिहीन महसूस करवाने तथा नवाचार या पररवतथन हेतु प्रततरोधक बनाने की
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होती है। आसे ईस तस्थतत के प्रतत संदर्तभत ककया जाता है जहाुँ ऄनुनय का ईद्देश्य सवथथा स्वाथथपण
ू थ हो
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सकता है। ईदाहरणाथथ तविीय ईपकरणों का छलयुि तविय या ऄसत्य दावों के द्वारा ग्राहकों को
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ठगना।
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बुरे प्रभावक वैध एवं वांछनीय लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु करठन पररश्रम कर सकते हैं, परन्तु ईनमें ककसी
को सफलतापूवक
थ प्रभातवत करने हेतु कौशल का ऄभाव होता है। ईनकी कायथशैली लोगों को यह
ऄनुभव कराने का कारण बनती है कक ईन्हें ऄनुपयुि अतधकाररक तनयमों के माध्यम से दंतडत या मूखथ
बनाया जा रहा है, ईन सभी को प्रसन्न करने हेतु जो ऄप्रभावी कदखाइ देते हैं। आस मामले में ईद्देश्य
तवशुद् है परन्तु साधन ऄप्रभावी हैं। ईदाहरणाथथ बाध्यकारी बंध्याकरण के साथ पररवार तनयोजन को
प्रोत्सातहत करना जैसा कक अपातकाल के दौरान हअ था।
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पहंचाता है या तबना लाभ के छोड़ देता है। आसका यह ऄथथ भी तनकाला जा सकता है कक अप ईन्हें आस
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तरीके से ऄपने दृतष्टकोण में स्थानांतररत करने की आच्छा को गौण रख रहे हैं तजससे के वल अपको ही
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लाभ होगा। यकद ये लाभ ईजागर हो जाते हैं तो यह रहस्योद्घाटन अपके संदश े हेतु ऄन्य व्यति को9@
बहत कम ग्रहणशील बना देगा।
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ईदाहरण
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एक कार शोरूम में एक तविे ता के मामले को ले सकते हैं। एक व्यति ऄपने 6 सदस्यों वाले पररवार के
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तलए पररवार के अकार के ऄनुकूल तथा ककफायती कार खरीदने हेतु शोरूम में अता है। तविे ता ऄपनी
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प्रेरक योग्यताओं के साथ ईस व्यति को यह तवश्वास कदलाने में सिम है कक ईसे एक तमनी वैन नहीं
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बतल्क एक युवा जैसा कदखने के तलए एक स्पोर्टसथ कार खरीदनी चातहए और ऐसा करने में ऄपने बच्चों
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को तसखाए कक ईनके युवा अदशों के तलए स्वाभातवक बने रहना ककतना महत्वपूणथ है। पूणथतया यह
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जानते हए कक ईसे यह कार लेना महुँगा पड़ेगा, तथा वह कार ईनके तलए पूणत
थ या ऄनुपयुि है। यही
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लेककन यकद वह व्यति के वल कु छ धन व्यथथ में व्यय करने के एक ईद्देश्य के साथ अया है? तथा तविे ता
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धीरे -धीरे और िमबद् ढंग से वाताथ करने तथा त्यों का एक संग्रह प्रस्तुत करने की ऄपनी ऄनुनय
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योग्यता का प्रयोग कर सकता है। जो ऄतधक ककफायती और पररवार के तलए ईपयुि कार खरीदने के
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तवशुद् लाभों को समझने हेतु ईस व्यति का मागथदशथन करें गे। यह ऄनुनय है न कक छलयोजन।
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तवतध : ला-तपयरे ने ईस समय चीन तवरोधी भावनाओं के व्याप्त होने के कारण एक चीनी जोड़े के साथ
भेदभावपूणथ व्यवहार ककए जाने और ईसे देखने की ऄपेिा से ऄमेररकी होटलों का दौरा ककया। ईस
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समय एतशयाआयों के तवरुद् व्यापक पूवाथग्रह था और और नस्लीय भेदभाव के तवरुद् कोइ कानून नहीं
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थे। ईन्होंने 67 होटलों और 184 रे स्टोरें ट का दौरा ककया। ईनके लौटने के छह महीने बाद बाद, ईन्होंने
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तजन प्रततष्ठानों का दौरा ककया था ईन्हें एक पत्र भेजा, तजसमें यह पूछा गया था कक क्या वे चीनी
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पररणाम: तजन प्रततष्ठानों का ईन्होंने दौरा ककया था ईनमें से के वल एक प्रततष्ठान ने ईन्हें ऄस्वीकृ त
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ककया और अमतौर पर ईनके साथ तवनम्रतापूणथ व्यवहार ककया गया था। ईस पत्र का ईत्तर देने वाले
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128 प्रततष्ठानों में से 91% ने कहा कक वे चीनी ऄतततथयों को स्वीकार करने के तलए तैयार नहीं थे।
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संज्ञानात्मक और प्रभावी ऄवयव व्यवहार में ऄतनवायथ रूप से व्यि नहीं होते हैं। आस प्रकार, ला-तपयरे
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के ऄध्ययन से पता चलता है, कक ऄतभवृतियों के संज्ञानात्मक और प्रभावी ऄवयव (जैसे कक चीनी लोगों
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को नापसंद करना) ईनके वास्ततवक व्यवहार (जैसे कक ईन्हें सेवा प्रदान करने) में ऄतनवायथ रूप से
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ऄतभवृति तजस िमता से धारण की जाती है वह प्राय: व्यवहार का ऄच्छा पूवाथनम ु ान होता है।
ऄतभवृति तजतनी ऄतधक प्रबल होगी ईसके द्वारा यवहार को प्रभातवत करने की संभावना ईत्नी
ऄतधक बढ़ जाएगी। ऄतभवृति की िमता में समातवष्ट होते हैं:
महत्व/व्यतिगत प्रासंतगकता का संदभथ व्यति के तलए ऄतभवृति की महिा एवं ईसके स्वतहत,
सामातजक पहचान और मूल्य से ईस ऄतभवृति के संबंतधत होने की कायथप्रणाली से होता है। यकद ककसी
ऄतभवृति के प्रतत ककसी की व्यति का ईच्च तहत जुड़ा हअ है (ऄथाथत् यह ऐसे समूह द्वारा धारण की
जाती है तजसका वह यति सदस्य है या तजसका सदस्य होना वह यति पसंद करे गा, और व्यति के
मूल्यों से संबंतधत है), तो वह ऄत्यतधक महत्वपूणथ प्रभाव डालने वाली है। पररणामस्वरूप, व्यति के
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कक नए ज्ञान की ईपलब्धता से पररवर्ततत ककया जा सकता है। तवतशष्टता का ऄथथ यहां पर यह है कक
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ककसी तवषय वस्तु के प्रतत हमारी ऄतभवृति ककतनी तवतशष्ट है। ककसी तवषय वस्तु के प्रतत होने धुध
ं ली
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या एकातधक ऄतभवृतियाुँ धारण करने से ईनकी तवतशष्टता कम हो जाती है। ईदाहरण के तलए, ककसी
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मुद्दे के प्रतत राजनीततक ऄतभवृति धुंधली हो सकती है और हमारे समूह की मान्यता के ऄनुसार
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पररवर्ततत हो सकती है। ईस तस्थतत में आससे कु छ भ्रतमत व्यवहार ईत्पन्न हो जाता है ।
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सामंजस्य (Congruence): तवतशष्टता से अगे बढ़ते हए, ऄनुरूपता का संबंध हमारी ऄतभवृति के
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तवतभन्न ऄवयवों के बीच सुसंगतता से होता है। यकद ज्ञान संबंधी ऄवयव और भावात्मक ऄवयव हमारे
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व्यवहार की तुलना में ऄसंगत हैं तो हमारा व्यवहार हमारी ऄतभवृति के स्थान पर हमारी पररतस्थतत
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पर ऄतधक तनभथर होगा। महाभारत ‘मनसा, वाचा, कमथणा’ के तवषय में चचाथ करता है। मनसा शब्द मन
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है। ‘मनसा, वाचा, कमथणा’ का सूत्र वाक्य सामान्य रूप से यह तनतहताथथ व्यि करने के तलए ईपयोग
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ककया जाता है कक व्यति को ऐसी ऄवस्था प्राप्त करने का प्रयास करना चातहए जहां ईसके तवचार,
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हमारा व्यवहार और हमारी ऄतभव्यि ऄतभवृतियाुँ तभन्न होती है क्योंकक दोनों ऄन्य प्रभावों से
प्रभातवत हो जाते हैं। लेककन हम यकद हमारे व्यवहार पर ऄन्य प्रभावों को तनरस्त कर सकें - ऄन्य सभी
तवषय वस्तुओं को समान बना सकें - तो ऄतभवृतियों से बहत सटीकता पूवक
थ व्यवहार का पूवाथनुमान
लगाया जा सकता है। तनम्नतलतखत चबदु ईन पररतस्थततयों की तवस्तार पूवक
थ व्याख्या करते हैं तजनके
ऄंतगथत लोगों द्वारा ऄपनी ऄतभवृतियों के ऄनुसार व्यवहार करने की ऄतधक से ऄतधक संभावना होती
है।
ईच्च ऄतभवृति- व्यवहार सुसंगतता की एक महत्वपूणथ शतथ यह है कक ऄतभवृति मजबूत और स्पष्ट हो।
ऄतभवृतियों की िमता व्यतिगत तनतहताथों; प्रत्यि ऄनुभव के माध्यम से गरठत; ऄत्यतधक
ऄंतःस्थातपत ऄतभवृतियों, पर तनभथर करती है ऄथाथत् वे लोगों द्वारा धारण ककए जाने वाले ऄन्य
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तवश्वासों से संबद् होती हैं।
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5.2.2. ऄतभवृ ति की तस्थरता (Stability of the Attitude) s 9@
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तस्थर ऄतभवृतियों के माध्यम से व्यवहार का पूवाथनुमान लगाए जाने की संभावना ऄतधक होती है।
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ऐसी ऄतभवृतियाुँ तजन तक स्मृतत की पहंच ऄतधक होती है वे व्यवहार को ऄतधक प्रबलता पूवक
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प्रभातवत करती हैं। ककसी ऄतभवृति तक स्मृतत की पहंच है या नहीं आसका तनधाथरण करने वाला एक
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प्राथतमक कारक यह है कक ईसे ककतने बारं बार ऄतभव्यि ककया जाता है। जब ऄतभवृतियाुँ ऄतधकातधक
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बारं बार ऄतभव्यि ही जाती हैं तो वे और ऄतधक प्रबल हो जाती हैं। ऄथाथत् ककसी ऄतभवृति को
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ऄतभव्यि करने की तजतने ऄतधक ऄवसर अपके तमलते हैं, ईस ऄतभवृति को अप ऄपने तलए ईतना ही
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प्रमुख तवशेषता या ख़ातसयत, तवशेष रूप से महत्वपूणथ होने का गुण है। ऄतधकांश तस्थततयों में, कइ
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तवतभन्न ऄतभवृतियाुँ व्यवहार के तलए प्रासंतगक हो सकती हैं। प्रमुख तवशेषता, तवशेष रूप से ईस समय
महत्वपूणथ होती है जब ऄतभवृति बहत सुदढ़ृ नहीं होती है। प्रमुख तवशेषता का संदभथ आस त्य से है कक
यति के सभी तवश्वासों कोiaऄपने संज्ञानात्मक िेत्र में समान महत्ता प्राप्त नहीं होती है। वह ऄपने
कु छ तवश्वासों के प्रतत ऄतधक तीव्रता से जागरूक हो सकता है, वे ईसके तवचारों में ऄतधक सहजतापूवथ
ऄपनी ईपतस्थतत दजथ कर सकते हैं, ईन्हें ऄतधकातधक बार वाणी के माध्यम से यक्त ककया जा सकता
है, एक शब्द में कहें तो वे प्रमुख होते हैं। मान लीतजए ककसी व्यति कु छ ऐसी वस्तुओं का नाम लेने के
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6.1. के स स्टडी 1
गंगा ऄल्सेक टेनोलोलॉजीज के तलए काम करने वाली सॉफ्टवेयर आंजीतनयर है। वह ऄपनी प्रततस्पधगीक फमथ
नोवाटेक्स तसस्टम्स से नौकरी का प्रस्ताव पाकर रोमांतचत थीं। वह नोवाटेक्स की ईद्योग ऄग्रणी और
अदशथ तनयोिा के रूप में बहत सराहना करती थी। तजस पद का ईसे प्रस्ताव तमला था, ईसकी ईसे
हमेशा से ही चाह थी। ऄपने पतत तवष्णु से ईसने आस प्रस्ताव पर चचाथ की। तवष्णु ने कु छ प्रश्न ईठाए,
तजन्होंने ईसे परे शानी में डाल कदया। तवष्णु ने ईससे तजस बड़ी पररयोजना पर वह काम कर रही थी
ईसके संबंध में पूछा। ईसने ईसे याद कदलाया कक आस पररयोजना को प्रारं भ करने में वह प्रमुख प्रेरक
थी। ईसने कहा, यकद तुम आस समय ऄल्सेक को छोड़ देती हो, तो वे बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
तवष्णु ने अश्चयथ के साथ पूछा कक क्या ईसका आस समय जाना कं पनी और पूरी पररयोजना टीम को
तनराश करने वाला नहीं होगा।
ईसने ऄल्सेक में ऄच्छा काम ककया है और कं पनी ने ईससे ऄच्छा यवहार ककया है। मुद्दा यह है कक
अपके तलए क्या करना सही है, न कक कं पनी क्या करे गी या नहीं करे गी। दोनों प्रततस्पधगीक फमें हैं। यह
पाला बदलने जैसा है। यह के वल कं पनी के प्रतत तनष्ठा नहीं है, बतल्क तजन लोगों के साथ अप काम
करते हैं ईनके प्रतत भी तनष्ठा है। नोवाटेक्स को तुरंत ककसी की अवश्यकता है। लेककन ईन्होंने प्रस्ताव
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के संबंध में सोच-तवचार करने के तलए ईसे कु छ और समय कदया। यह गंगा के तलए एक एक बहत बड़ा
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ऄवसर है। तवष्णु के साथ ईसकी बातचीत ने ईसे परे शानी में डाल कदया और वह सोचने लगी कक क्या
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वह ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार करके सही काम करे गी, तजसे वह बहत समय से चाहती है।
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गंगा को क्या करना चातहए ? ककन अदशों, दातयत्वों और प्रभावों को ईसे ध्यान में रखना चातहए।
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क्या सब कु छ छोड़ देना और नोवाटेक्स में चले जाना गंगा का गैर-पेशेवर व्यवहार होगा ? क्या
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आससे वह सत्यतनष्ठा की कमी प्रदर्तशत करे गी ? क्या एकाएक नौकरी छोड़कर जाना ईसके कै ररयर
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क्या नइ कं पनी में पदभार ग्रहण करना नैततक रूप से गलत है, नैततक रूप से ईतचत है या नैततक
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ईपयुक्
थ त प्रश्नों का ईिर देने के तलए तनम्नतलतखत पर तवचार कीतजए
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1. गंगा ऄल्सेक के तलए काम करने वाली सॉफ्टवेयर आं जीतनयर है, लेककन वतथमान में वह ऐसी नौकरी
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2. ईसे नोवाटेक्स से एक प्रस्ताव तमलता है, लेककन ईसका पतत ईसे याद कदलाता है कक आस समय वह
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3. ईसने प्रततस्पधगीक फमों में पाला बदलने वाले ऄपने सहयोतगयों के संबंध में टीका-रटप्पणी की।
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जोतखम ईठाकर ऄपनी पसंद की नौकरी में जाकर या वतथमान कं पनी में संभातवत रूप से ऄच्छा
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ऄवसर खोने जैसी दोनों तस्थततयों में से ककसे लेकर एक वषथ बाद ऄतधक पछतायेगी। आसे ध्यान में
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रखते हए वह या तो ऄपने प्रततस्पधगीक को फोन करे और मना करते हए धन्यवाद कहे या कफर ईन्हें 9@
हाुँ कहे।
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6.2. के स स्टडी 2
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अप सड़क अयोग के आं जीतनयटरग प्रबंधक हैं तजसका प्राथतमक ईत्तरदातयत्व तजला सड़क की सुरिा
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है। सड़क के एक तनतित तहस्से में आसके ककनारे लगे वृिों से दुघथटनाग्रस्त होकर तवगत सात वषों में कम
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से कम प्रतत वषथ 1 व्यति की मृत्यु हइ है। कइ ऄन्य दुघथटनाएुँ भी हइ हैं। सड़क के ऄसुरतित खंड के
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संबंध में दो मुकदमे भी दायर ककए गए थे, लेककन आसतलए खाररज हो गए क्योंकक चालकों ने 45 मील
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पररणामस्वरूप लगभग 30 पुराने पेड़ काट कदए जाएंगे। पयाथवरणीय समूह तवरोध करते हैं और पेड़ों
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को बचाने के तलए 150 लोगों द्वारा हस्तािररत यातचका दायर करते हैं। आस मुद्दे के दोनों पिों पर
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सामातजक मूल्य: आस तस्थतत से तवतभन्न प्रकार के सामातजक मूल्य संबंतधत हैं। समाज मानव जीवन को
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महत्व देता है, आसतलए यह सड़क चौड़ा करने और पेड़ों को काटने का पि लेगा। समाज कानूनों के
पालन को भी महत्व देता है। चूंकक यह तकथ कदया जा सकता है कक दुघथटनाग्रस्त होने वाले लोगों की गतत
ऄतधक थी, आस प्रकार वे कानून का ईल्लंघन कर रहे थे।
तजन कदमों का मैं ऄनुसरण करूुँगा
1. सवथप्रथम, मैं जनता को सूतचत करने के तलए सावथजतनक बैठक अयोतजत करूुँगा। यह ध्यान कदया
जाना चातहए कक यातचका लगाने वाले लोगों की न्यूनतम संख्या प्रभातवत लोगों का एक बहत
छोटा-सा तहस्सा है (शहर में 60,000 तक, आसतलए सड़क चौड़ा करने के पि में एक मूक बहमत
तवचार करना चातहए, यकद संभव हो और दोगुनी संख्या में पेड़ लगाना चातहए।
यह समाधान सावथजतनक सुरिा (जो मानव नीततशास्त्र है) और पयाथवरण संरिण (जो पयाथवरणीय
नीततशास्त्र का भाग है), दोनों को समायोतजत करता है।
6.3. के स स्टडी 3
तपछले महीने नागररक तनवारण से तनपटने के दौरान अपके एक कमथचारी ने तनष्पादन में भारी
तगरावट प्रदर्तशत की थी। हालांकक यह तगरावट तपछले छह महीनों से चली अ रही थी, लेककन यह
तपछले महीने के दौरान तवशेष रूप से तीव्र थी और अपको बहत सी तशकायतें तमली थीं। आसके
ऄततररक्त, वह देर से अने लगी थी, तजससे ऄपने काम से बहत कुं ठाग्रस्त लगती थी। ईसकी कुं ठा
कायाथलय में वातावरण प्रभातवत कर रही थी क्योंकक वह लोकतप्रय कमथचारी थीं और तपछले दो वषों से
कं पनी के तलए काम कर रही थी।
व्यतित्व/चररत्र और ईसके मूल्यों और संगठनात्मक मूल्यों के अधार पर ककसी व्यति द्वारा की जाने
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वाली कायथवाही तनम्नतलतखत है। अप क्या तवकल्प चुनग
ें े साथ ही ऄपने चयतनत तवकल्प का औतचत्य
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दशाथआये।
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1. मैं ईसे बातचीत के तलए बुलाउंगा और समस्या का स्रोत पता लगाने का प्रयास करूुँगा। मैं
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समझाउंगा कक यह व्यवहार आससे जुड़े सभी लोगों के तलए बुरा है और ईसमें वह भी सतम्मतलत है।
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मैं आस शतथ पर ईसकी सहायता करने की ऄपनी सच्ची आच्छा व्यि करूुँगा कक वह मेरे साथ काम
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2. पदावनत करना सवाथतधक ईपयुि समाधान है। ईसके कोइ ऄन्य पद देना श्रेयस्कर रहेगा तथा
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ईसको ऑकफस के बैक-एन्ड कायथ सौंपै जा सकते है। कमथचाररयों का मापन ईपलतब्धयों द्वारा ककया
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जा रहा है और यकद वह अवश्यकताएं पूरी नहीं करती है तो मेरे पास कोइ तवकल्प नहीं होगा।
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आसके ऄततररक्त वह कमथचाररयों में एक सम्मातनत कमथचारी है और मुझे ईसे ऄन्य सभी
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3. मैं नकारात्मक माहौल के संबंध में बात करने के तलए कमथचाररयों की बैठक बुलाउुँगा और यह
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4. वह तपछले दो वषों से काम कर रही है। साथ ही हो सकता हैं, की कु छ कारणों से वो ऄपना
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सवोत्तम प्रदान नहीं कर पा रही है। चूुँकक जरूरत के ऄनुसार संवेदनशीलता मेरे काम का तहस्सा
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6.4. के स स्टडी 4
एक सहकमगीक अपको कमतर करके अंक रहा है। आस समय अपके तवभाग में ईसका सबसे कम वररष्ठ पद
है और कम ऄनुभवी है। हालांकक, ईसकी प्रभावशाली ऄकादतमक ईपलतब्धयां हैं और वह बहत
प्रततभाशाली है। अपको सूतचत ककया जाता है कक वह कु छ ईन प्रातधकारों को प्राप्त करने का आच्छु क हैं
जो वतथमान में अपके पास हैं।
6.5. के स स्टडी 5
डायमंड मचेंट स्टोर में हीरे की एक घड़ी चोरी हो जाती है। तवनय द्वारा CCTV टेप के ऄध्ययन के
अधार पर घड़ी की साज-संभाल करते हए देखा गया एकमात्र व्यति अभूषण सेल्समैन संतोष था,
हालांकक यह ठीक-ठीक नहीं तनधाथररत ककया जा सकता था कक क्या संतोष ने ही घड़ी चुराइ है। ऄन्य
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कमथचाररयों के तवपरीत वह झूठ पकड़ने वाले परीिण में भी तवफल रहा था। तवद्या प्रबंधक है और वह
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ध्यान देती है कक संतोष के अवेदन में दोष है और तपछले कायथ ऄनुभव के साथ सुसंगत नहीं है। यकद
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तवनय ने सुझाव नहीं कदया होता तो ईसने संतोष के अवेदन में ऄतनयतमतताओं को नहीं देखा होता।
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वह यह भी नहीं सोचती है कक यकद संतोष ने घड़ी चुराइ है तो ईसे काम जारी रखने देना ईतचत नहीं
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है। हालांकक, वह महसूस करती है कक पाररतस्थततक साक्ष्य के बावजूद दोषी तसद् न होने तक वह
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तनदोष है।
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1. चोरी के संदह
े वाले कमथचारी की सेवा समातप्त के तलए सामान्यत: ईपयुि अधार क्या हैं?
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2. यकद ककसी तनयोिा के पास ऄत्यतधक सशि पाररतस्थततक साक्ष्य हैं कक कोइ कमथचारी चोरी का
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दोषी है, लेककन साक्ष्य तनणाथयक नहीं हैं तो क्या ईन कारकों के अधार पर कमथचारी की सेवा
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समातप्त नीततशास्त्रीय कदम है जो स्वयं से सेवा समातप्त का वास्ततवक कारण नहीं हैं?
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3. चोरी के संदह
े वाले कमथचाररयों के नैततक ऄतधकार क्या हैं?
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1. तवद्या
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2. तवनय
3. संतोष
4. स्टोर के सभी ऄन्य कमथचारी
संभव तवकल्प क्या हैं?
संतोष को ईसके अवेदन पत्र में तवसंगततयों के अधार पर तनकालना।
कु छ नहीं करना
बोझ अएगा? कौन लाभातन्वत होगा और ककस पर प्रभाव पड़ेगा यकद वह नहीं है? लाभ और
प्रभाव का कौन-सा तवतरण सवाथतधक न्यायोतचत है?
3. यकद तवद्या कागजी बारीकी के कारण संतोष को तनकाल देती है, तो क्या ईसे आसका पालन करते
हए स्टोर के अभूषण तवभाग के ऄन्य सदस्यों की भी जांच करनी चातहए?
यकद संतोष ने वास्तव में घड़ी चुराइ है, तो क्या ईसके तलए रोजगार में बने रहना ईतचत होगा?
2014
1. सामातजक समस्याओं के प्रतत व्यति की ऄतभवृति (एटीटयूड) के तनमाथण में कौन-से कारक
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प्रभाव डालते है ? हमारे समाज में ऄनेक सामातजक समस्याओं के प्रतत तवषम ऄतभवृतियाुँ
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व्याप्त है। हमारे समाज में जातत प्रथा के बारे में क्या-क्या तवषम ऄतभवृतियाुँ अपको कदखाइ
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देती हैं, आन तवषम ऄतभवृतियों के ऄतस्तत्व को अप ककस प्रकार स्पष्ट करते है?
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2015
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(b) ऄपने देश का तेजी के तवकास की दृतष्ट से बेहतर प्रशासन के तनमाथण के तलए क्या दोनों में
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संतल
ु न स्थातपत करना संभव है?
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2016
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1. सामातजक प्रभाव और ऄनुनय स्वच्छ भारत ऄतभयान की सफलता के तलए ककस प्रकार
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2. जीवन, कायथ, ऄन्य व्यतियों एवं समाज के प्रतत हमारी ऄतभवृतियाुँ अमतौर पर ऄनजाने में
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पररवार एवं ईस सामातजक पररवेश के द्वारा रूतपत हो जाती है, तजसमें हम बड़े होते हैं।
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ऄनजाने में प्राप्त आनमें से कु छ ऄतभवृतियाुँ मूल्य ऄक्सर अधुतनक लोकतांतत्रक एवं
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(a) अज के तशतित भारतीयों में तवद्यमान ऐसे ऄवांछनीय मूल्यों की तववेचना कीतजए।
(b) ऐसी ऄवांछनीय ऄतभवृतियों को कै से बदला जा सकता है तथा लोक सेवाओं के तलए
अवश्यक समझे जाने वाले सामातजक-नैततक मूल्यों को अकांिी तथा कायथरत लोक सेवकों में
ककस प्रकार संवर्तधत ककया जा सकता है?
2017
1. नैततक अचरण वाले युवा लोग सकिय राजनीतत में शातमल होने के तलए ईत्सुक नहीं होते है।
ईनको सकिय राजनीतत में ऄतभप्रेररत करने के तलए ईपाय सुझाआए। (150 शब्द)
1. राष्ट्रों की एक-दूसरे के प्रतत ऄतभवृति को तवतनयतमत करने में नैततकता का प्रभाव ऄत्यल्प
होता है, आसके कारणों की चचाथ कीतजए?
ईिर: स्थानीय पररचालनों की तुलना में ऄंतरराष्ट्रीय संबंधों के तनधाथरण हेतु नैततक तनणथय-तनमाथण
ऄतधक चुनौतीपूणथ हो सकता है। आसका तात्पयथ यह है कक राष्ट्रों की ऄतभवृति को तवतनयतमत
करने में नैततकता का प्रभाव बहत कम पड़ता है। आसके कु छ कारण तनम्नतलतखत हैं:
तवदेश नीतत का तनमाथण करना सरकारों का ईिरदातयत्व होता है। आस प्रकार तवदेश
नीतत तनमाथण में नैततक तवचारों पर ध्यान कदया जाना सरकार पर तनभथर करता है, न कक
ककसी व्यति ऄथवा नागररकों पर (हालांकक बेहतर ढंग से संचातलत लोकतंत्र में लोगों
की आच्छा को सरकार द्वारा ऄतभव्यि ककया जाता है)।
सरकार एक एजेंट है, सवोपरर नहीं है। आसका प्राथतमक दातयत्व समाज के तहतों को
सुतनतित करना है, तजनका यह प्रतततनतधत्वक करता है न कक नैततक अवेगों का,
तजसका ईस समाज के व्यतिगत तत्वों द्वारा ऄनुभव ककया जाता है।
राष्ट्र-राज्य की ऄवधारणा प्राय: देश के सैन्य सुरिा, िेत्रीय एकता एवं ऄखंडता तथा
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लोगों के कल्याण से संबंतधत होती है। आन एवं ऄन्य प्राथतमकताओं के कारण नैततकता
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की ऄवधारणा सामान्यतया कम महत्वपूणथ हो जाती है।
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राष्ट्रीय ऄतस्तत्व की ऄपररहायथ अवश्यकताओं को शायद ही कभी "ऄच्छे" ऄथवा "बुरे"
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नैततकता का कोइ ऄंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकायथ मानदंड नहीं है, तजसके अधार पर कोइ
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संस्कृ तत-संचातलत नैततकता राष्ट्रों के मध्य तभन्न होती है, तजससे ऄंतरराष्ट्रीय िेत्र में कायथ
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करते हए एक राष्ट्र के नीतत तनमाथताओं के तलए सख्त नैततक संतहता का पालन करना
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ऐसे कायों को को ककया जाना तनधाथररत करना होगा जो कक ईस देश में नैततक रूप से
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तवदेशी नीततयों के तनमाथण के पिात नैततकता कम होने ऄथवा समाज के ऄनुरूप न होने
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2. "जो यह कहते हैं कक धमथ का राजनीतत से कोइ सम्बन्ध नहीं है, वे नहीं जानते कक धमथ होता
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क्या है।” आस कथन की व्याख्या करें । साथ ही, भारतीय सन्दभथ में राजनीततक दृतष्टकोण के
तनमाथण में धमथ की भूतमका की जांच करें ।
दृतष्टकोण:
यह ईद्रण महात्मा गांधी का है जो लोगों के राजनीततक और नैततक दृतष्टकोण के गठन में
धमथ के महत्व को रे खांककत करता है। ईिर को तनम्न प्रकार से गरठत ककया जा सकता है:
कथन और आसकी पूवथधारणा की तवस्तृत व्याख्या करें ।
आस बात पर तवचार करें कक ककस प्रकार धमथ ने भारत में राजनीततक दृतष्टकोण को
अकार देने में महत्वपूणथ भूतमका तनभाइ है।
ऄतस्तत्व बनाए रखती है, धमथ समाज में सिा के तवतरण में ऄब भी ऄत्यंत महत्वपूणथ भूतमका
तनभाता है। आसतलए, यह तवचार कक राजनीतत धार्तमक तवचारों से तनरापद है, भारतीय
समाज के सामातजक-राजनीततक जीवन में धमथ की शतिशाली भूतमका की ऄज्ञानता तुल्य है।
यह कहा जा सकता है कक धमथ अज भी भारत में लोगों के बड़े वगथ के राजनीततक दृतष्टकोण को
मूल रूप से तनर्तमत करता है।
यद्यतप पररवार, जातत, नस्लवाद, िेत्र, वृति जैसे कइ तवतभन्न कारक हैं जो लोगों के सामान्य
राजनीततक दृतष्टकोण का तनधाथरण करते हैं, लेककन भारतीय पररप्रेक्ष्य में धमथ ने ऐततहातसक
रूप से बड़ी महत्वपूणथ भूतमका तनभाइ है। आस तस्थतत के तवतभन्न सतन्नतहत कारण तनम्नतलतखत
हैं:
तवतवधतापूणथ सामातजक संरचना के बाद भी तवतवध ऄल्पसंख्यक धार्तमक समुदायों की
ऄपेिा एक धमथ के प्राबल्य ने सामातजक-राजनीततक जीवन में धार्तमक पहचान को
महत्वपूणथ बना कदया।
औपतनवेतशक दौर में समाज को धार्तमक-राजनीततक अधार पर तवभातजत करने हेतु
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धार्तमक पहचान पर बल कदया गया था। तभी से भारत के राजनीततक पररदृश्य में धमथ
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एक महत्वपूणथ सामातजक शति बन गया।
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धमथ समाज का नैततक ढांचा प्रदान करता है जो राजनीततक कायों को भी प्रभातवत 9@
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करता है। जैसे गौ-मांस के प्रयोग को प्रततबंतधत करना, समाज में नारी की भूतमका
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अकद।
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राजनीततक स्वाथों हेतु धार्तमक पहचानों का ईपयोग करना ऄपेिाकृ त सरल है क्योंकक वे
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पुरातन हैं और जनता पर ऄनुनादी प्रभाव पैदा करते हैं या सरलता से ईनकी समझ में
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अ जाते हैं।
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3. "ऄनुनय से समाज सुचारू रूप से काम करता है जबकक ऄवपीड़न आसे ठहराव की तस्थतत में
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ला देता है।" समाज में पररवतथन लाने के तलए प्रभावकारी भूतमका के तौर पर ऄनुनय की
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दूर करने में लोक सेवक ककस प्रकार ऄनुनय का ईपयोग कर सकते हैं?
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दृतष्टकोण:
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प्रश्न का मूल तवषय दूसरों को प्रभातवत करने और समाज में पररवतथन लाने में ऄनुनय के
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महत्व की तुलना ऄवपीड़न के साथ करना है। ईिर की संरचना तनम्नतलतखत प्रकार से तनर्तमत
की जा सकती है:
संिेप में ऄनुनय और ऄवपीड़न को पररभातषत करें ।
ईदाहरण देते हए ईन तस्थततयों का परीिण करें तजसमें ऄनुनय ऄवपीड़न की तुलना में
ऄतधक ईिम रणनीतत तसद् होती है।
तृतीय, ऐसे कु छ तरीकों/ईपायों का सुझाव दें तजसके माध्यम से लोक सेवक कु छ तवशेष
सामातजक बुराआयों को दूर करने के तलए ऄनुनय का ईपयोग कर सकें ।
'हृदय और मन' जीतने का प्रयास ककया जाता है। आसके द्वारा व्यति की ऄतभवृति, ऄतभप्रेरणा
या व्यवहार पर प्रभाव डाला जाता है। वहीं दूसरी ओर ऄवपीड़न, बल या धमकी का ईपयोग
करके कु छ करने हेतु ककसी को बाध्य करना है। आसका तनतहताथथ यह है कक कायथ व्यति की
आच्छा के तवरुद् होता है।
ऄवपीड़न की तुलना में ऄनुनय की प्रभावशीलता
ऄनुनय, व्यति की सोच, हृदय व मन में पररवतथन लाने पर तनभथर करता है। यह स्वेच्छा
से लोगों के तवश्वास या कायों में पररवतथन लाने की अवश्यकता पर बल देता है। वहीं
दूसरी ओर ऄवपीड़न में धमकी, शति, दड का ईपयोग होता है ताकक व्यति तदनुसार/
गैर-स्वैतच्छक रूप से कायथ करने के तलए तववशता का ऄनुभव करे ।
ऄनुनय की रणनीततयों में प्रेरणादायी ऄपील, परामशथ और सहयोग सतम्मतलत होता है।
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ये समाज में पररवतथन लाने के लोकतांतत्रक तरीके हैं। तजन लोगों को मनाया जाता है, वे
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एक साथ ककसी और तवशेष कारथ वाइ करने के तलए अंतररक रूप से प्रेररत होते हैं।
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जबकक, ऄवपीड़न व्यति को बलपूवथक, अरोतपत और ऄलोकतांतत्रक तरीके से पररवतथन
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हालांकक ऄनुनय की प्रकिया में ऄतधक समय लग सकता है तथातप, आसमें प्रततशोध या
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बदला लेने की ऄवधारणा का स्थान नहीं होता। ऄनुनय के साधनों के ऄतधक स्थायी और
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ऄतधक बेहतर होने की संभावना होती है। जबकक वहीं धौंस कदखाकर बाध्य करने पर,
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प्रततकार करना और पहला ऄवसर तमलते ही ईसे नहीं मानना मानव का स्वभाव है।
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तलए लोगों का मन बदलने के तलए, ऄनुनय ऄवपीड़न की तुलना में ऄतधक प्रभावी तकनीक है
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क्योंकक पररवार तनयोजन के तरीके ऄपनाने से समाज में तवतभन्न समुदायों की सामातजक-
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सांस्कृ ततक और धार्तमक भावनाएं प्रभातवत होती हैं। यकद ऄवपीड़न का ईपयोग ककया जाता
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है तो कइ लोग प्रततकार करते हैं (जैसा कक 1976-77 में स्पष्ट हअ था जब पररवार तनयंत्रण
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यकद तववेकपरक/तार्ककक ऄनुनय का त्यों और तकों के साथ ईपयोग ककया जाता है,
बुजुगों, मतहला संगठनों अकद जैसे समाज के सभी तहतधारकों से तवचार-तवमशथ ककया
जाता है तो तसतवल सेवक समाज में पररवतथन लाने के तलए कारथ वाइ के तवशेष तवकल्प
का चयन पारस्पररक सहमतत से कर सकते हैं। ईदाहरण- जब भी बातलका तशशु जन्म
लेती है तो लोगों/पररवार का दृतष्टकोण बदलने के तलए "बेटी के साथ सेल्फी" जैसी नवीन
तकनीकों को बढ़ावा देना।
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1. अप अइ.ए.एस. ऄतधकारी बनने के आच्छु क हैं और अप तवतभन्न चरणों को पार करने के बाद
व्यतिगत सािात्कार के तलए चुन तलए गए हैं। सािात्कार के कदन जब अप सािात्कार स्थल
की ओर जा रहे थे तब अपने एक दुघथटना देखी जहाुँ एक माुँ और बच्चा जो कक अपके
ररश्तेदार थे, दुघथटना के कारण बुरी तरह से घायल हए थे। ईन्हें तुरंत सहायता की
अवश्यकता थी। अपने ऐसी पररतस्थतत में क्या ककया होता? ऄपनी कायथवाही का औतचत्य
समझाआए।
2. हमारे देश में, ग्रामीण लोगों का कस्बों और शहरों की ओर प्रवसन तेजी के साथ बढ़ रहा है।
वह ग्रामीण और नगरीय, दोनों िेत्रों में तवकट समस्याएुँ पैदा कर रहा है। वास्तव में, तस्थतत
यथाथथ में ऄप्रबन्धनीय होती जा रही है। क्या अप आस समस्या का तवस्तार से तवश्लेषण कर
सकते है और आस समस्या के तलए तजम्मेदार न के वल सामातजक-अर्तथक, वरन् भावनात्मक
और ऄतभवृतिक कारकों को बता सकते है? साथ ही, स्पष्ट रूप से ईजागर कीतजए कक क्यों ?
(a) तशतित ग्रामीण युवा शहरी िेत्रों में स्थानांतररत होने की कोतशश कर रहे हैं;
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(b) भूतमहीन तनधथन लोग नगरीय मतलन बतस्तयों में प्रवसन कर रहे हैं;
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(c) यहाुँ तक कक कु छ ककसान ऄपनी जमीन बेच रहे हैं और शहरी िेत्रों में छोटी-मोटी s 9@
नौकररयाुँ लेकर बसने की कोतशश कर रहे हैं।
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अप कौन-से साध्य कदम सुझा सकते हैं, जो हमारे देश की आस गम्भीर समस्या का तनयंत्रण
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3. अप एक पंचायत के सरपंच है। अपके िेत्र में सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्राआमरी
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स्कू ल है। स्कू ल में ईपतस्थत होने वाले बच्चों को कदवस-मध्य भोजन (तमड-डे मील) कदया जाता
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है। हेडमास्टर ने ऄब भोजन तैयार करने के तलए एक नया रसाइया तनयुि कर कदया है। परं तु
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जब यह पता चला कक रसोआया दतलत समुदाय का है, ईच्च जाततयों के बच्चों में से लगभग
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अधों को ईनके माुँ-बाप भोजन करने की आजाजत नहीं देते हैं। फलस्वरूप स्कू ल में बच्चों की
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करने और ईसके बाद ऄध्यापन स्टाफ को हटाने और बाद में स्कू ल को बंद करने की संभावना
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पैदा हो गइ।
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(a) आस संघषथ पर काबू पाने ओर सही एवं सुखद वातावरण बनाने की कु छ साध्य रणनीततयों
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पर चचाथ कीतजए।
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(b) ऐसे पररवतथनों को स्वीकार करने के तलए सकारात्मक सामातजक सुखद वातावरण बनाने
हेतू तवतभन्न सामातजक खंडों और ऄतभकरणों के क्या कतथव्य होने चातहए?
4. हाल में अपको एक तजले के तजला तवकास ऄतधकारी के तौर पर तनयुि ककया गया है। ईसके
बाद जल्दी ही अपने पाया कक अपके तजले के ग्रामीण आलाकों में लड़ककयों को स्कू ल भेजने के
मुद्दे पर काफी तनाव है। गाुँव के बड़े महसूस करते हे कक ऄनेक समस्याएुँ पैदा हो गइ है
क्योंकक लड़ककयों को पढ़ाया जा रहा है और व घर के सुरतित वातावरण के बाहर कदम रख
रही है। ईनका तवचार यह है कक लड़ककयों की न्यूनतम तशिा के साथ जल्दी से जल्दी शादी
परं परा से लड़को का ऄपना िेत्र रहा है, और पुरूषों में बेरोजगारी में वृतद् कर रही है। युवा
पीढ़ी महसूस करती है कक वतथमान युग में, लड़ककयों को तशिा और रोजगारी तथा जीवन-
तनवाथह के ऄन्य साधनों के समान ऄवसर प्राप्त होने चातहए। समस्त आलाका वयोवद्ों और
युवाओं के बीच तथा ईससे अगे दोनों पीकढयों में स्त्री-पुरूषों के बीच तवभातजत है। अपकों
पता चलता है कक पंचायत या ऄन्य स्थानीय तनकायों में या व्यस्त चौराहों पर भी, आस मुद्दे
पर गरमागरम वाद-तववाद हो रहा है। एक कदन अपकों सूचना तमलती है कक एक ऄतप्रय
घटना हइ है। कु छ लड़ककयों के साथ छेड़खानी की गइ जब वे स्कू लों के रास्ते में थी। आस
घटना के फलस्वरूप कइ सामातजक समूहों के बीच झगड़े हए और कानून तथा व्यवस्था की
समस्या पैदा हो गइ। गरमागरम वाद-तववाद के बाद बड़े-बूढों ने लड़ककयों को स्कू ल जाने की
ऄनुमतत न देने और जो पररवार ईनके हक्म का पालन नहीं करते हे, ऐसे सभी पररवारों का
सामातजक बतहष्कार करने का संयुि तनणथय ले तलया।
(a) लड़ककयों की तशिा में व्यवधान डाले तबना, लड़ककयों की सुरिा को सुरतित करने के
(b) पीकढयों के बीच संघषों में समरसता सुतनतित करने के तलए अप गाुँव के वयोवद्ों की
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10.Vision IAS टे स्ट सीरीज़ : के स स्टडीज़
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1. अप एक ऐसे तजले में तजला मतजस्रेट हैं जहां बड़ी संख्या में रांसजेंडर रहते है। यद्यतप आस
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समुदाय के तवरूद् भेदभाव सुतवकदत है, तथातप यात्री ईनके हाथों, तवशेषकर यातायात
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जंक्शनों पर ऄतधकातधक ईत्पीड़न की तशकायत करते हैं, जहां रांसजेंडर ऄतधकांशतः भीख
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मांगने में शातमल होते हैं। कभी-कभी, आससे यातायात प्रबंधन की समस्या भी पैदा होती है।
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आस संबध
ं में अपको कइ तशकायतें तमली हैं और आसे हल करने के तलए शीघ्र कारथ वाइ करनी
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है। हालांकक, रांसजेंडर संघ के एक समूह का कहना है कक भीख मांगना ईनकी अजीतवका का
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एकमात्र स्रोत है। आस तस्थतत को देखते हए, तनम्नतलतखत प्रश्नों के ईिर दीतजए:
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(a) आस प्रकरण से जुड़े नैततक मुद्दों का वणथन कीतजए। रांसजेंडर लोगों के प्रतत जनसामान्य के
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अजीतवका बनाम सुतवधा: रांसजेंडरों द्वारा भीख मांगने से यातत्रयों को ऄसुतवधा होती
है और ऄततररि समस्याएं जैसे यातायात में भीडभाड अकद पैदा होती हैं। जहाुँ एक ओर
रांसजेंडरों की सामातजक-अर्तथक तस्थततयाुँ ईन्हें भीख मांग कर जीतवकोपाजथन करने के
तलए तववश करती हैं और वहीं कइ बार ईनकी गतततवतधयाुँ अम जनता के तलए
ऄसुतवधाजनक हो जाती हैं।
रांसजेंडरों से भेदभाव बनाम यातत्रयों का ईत्पीड़न: सामान्य रूप से समाज दोनों मागों
पर नहीं चल सकता है, ऄथाथत,् जनसंख्या के एक वगथ हेतु समुतचत अय ऄर्तजत करने के
तवकल्पों को सीतमत करना और साथ ही ईसी समय ईनके द्वारा अजीतवका ऄर्तजत करने
के तलए ईपयोग ककए जा रहे सीतमत साधनों पर अपति करना।
वंतचत वगों के तहतों की रिा हेतु नागररकों द्वारा पंजीकृ त तशकायतों पर कारथ वाही करने
के तलए कलेक्टर की प्रततबद्ता: चूंकक बड़ी संख्या में तशकायतें दजथ की गयी हैं, आसतलए
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यह कलेक्टर का कतथव्य है कक रांसजेंडरों की अजीतवका के ऄतधकार की सुरिा हेतु
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संतल
ु न बनाते हए आस संकट को तनयंतत्रत करने की तजम्मेदारी ले।
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रांसजेंडरों के प्रतत लोगों का सामान्य दृतष्टकोण:
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सावथजतनक रोजगारों में अरिण) से लम्बे समय से ईपेतित होने के कारण पूरी तरह से
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लापरवाही और ईपेिा: संख्यात्मक रूप से ऄल्पसंख्यक होने से वे वोट बैंक के रूप में कम
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मह्वपूणथ हो जाते हैं, जो तवधातयका और प्रशासन द्वारा ईनकी ईपेिा का मागथ प्रशस्त
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करता है।
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समाज में तजसे ‘सामान्य’ माना जाता है, वे ईससे तभन्न हैं।
प्राचीन समय से ईनके साथ हर जगह चलग अधाररत भेदभाव एक सामान्य बात हो गइ
है। ईन्हें मनुष्य के रूप में देखने के स्थान पर मनोरं जन की वस्तु के रूप में देखा जाता है।
ऄपने पररवार और समाज द्वारा त्याग कदए जाने से वे अजीतवका के तुच्छ साधनों की
ओर ईन्मुख होते हैं। मूल कारण समझे तबना लोग ईनको नीचा समझने लगते हैं। चलग
पहचान की बदलती ऄवधारणा को समाज गलत तरीके से समझता है।
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के साथ कौशल तवकास और व्यवसातयक प्रतशिण योजनाओं के कायाथन्वयन हेतु एक
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सतमतत की स्थापना और यातायात चौराहों के तलए कदशा-तनदेश जारी करना।
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गुण: रांसजेंडर समुदाय के तलए यह वैकतल्पक रोजगार के ऄवसर प्रदान करे गा। वास्तव
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में, आस प्रकार का ऄवसर प्रदान ककये जाने से वे प्रसन्नता से ऄपने कायथ में पररवतथन कर
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दोष: यह दीधाथवतध में पररणाम देने वाला कदम है। आससे ऄल्पावतध में रांसजेंडरों की
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समाधान नहीं होगा और यथातस्थतत बनी रहेगी। कु छ मामलों में सवोच्च न्यायालय द्वारा
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2. अप एक ऐसे राज्य में तसतवल सेवक के रूप में तैनात हैं जहां हाल ही में चुनाव हए थे। नव
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तनवाथतचत मुख्यमंत्री ने ऄपने कइ चुनावी ऄतभयानों के साथ-साथ चुनाव घोषणापत्र में शराब
पर प्रततबंध लगाने का वादा ककया था, तजसकी राज्य की मतहलाओं ने व्यापक रूप से प्रशंसा
की थी और समथथन कदया था। ऄपने चुनावी वादे को पूरा करते हए, मुख्यमंत्री ने राज्य में
शराब की तबिी पर पूणथ प्रततबंध का अदेश कदया है। प्रततबंध के बाद, प्रततबंध की व्यवहायथता
पर सवाल ईठाए गये हैं और क्या सरकार को कइ लोगों द्वारा तजसे व्यतिगत पसंद के तवषय
बताया गया है, ईस मुद्दे पर हस्तिेप करना चातहए।
(a) आस मामले में तहतधारक कौन हैं और प्रततबंध से वे ककस प्रकार प्रभातवत हैं?
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करनी पड़ सकती है। आसके ऄततररि, कानून-व्यवस्था की तस्थतत को भी बनाये रखना
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होगा। 9@
शराब अपूर्ततकताथ और व्यापारी,को अजीतवका के वैकतल्पक साधनों की खोज करनी
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पड़ेगी।
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बड़े पैमाने पर समाज, जैसा कक यह शराब की लत से प्रततकू ल रूप से प्रभातवत होता है।
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(b) व्यापक प्रततबंध व्यवहायथ है या नहीं, आसका अकलन करने के तलए लाभ और हातन, दोनों
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लाभ:
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घरे लू चहसा के मामले कम होंगे और बच्चों के तलए ऄपेिाकृ त सुरतित वातावरण ईपलब्ध
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होगा।
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लोगों के स्वास््य में सुधार, तजसके पररणामस्वरूप, सरकारी सेवाओं जैसे ऄस्पतालों,
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आसके कारण कम सड़क दुघथटनाएं होंगी, क्योंकक ड्राआवर शराब पी कर गाड़ी नहीं
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चलाएंगे।
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हातनयाुँ:
पूणथ प्रततबन्ध व्यति की चयन की स्वतन्त्रता के ऄतधकार का हनन करता है।
आससे राजकोष में राजस्व की भारी ितत होगी। ईस धन का कल्याणकारी प्रयोजनों के
तलए ईपयोग हो सकता था।
‘काला बाजारी’ के ईद्भव के कारण शराब की तस्करी में वृतद् देखने में अ सकती है
क्योंकक आन बाजारों को तवतनयतमत नहीं ककया जायेगा, नकली शराब की तबिी होगी,
तजसका स्वास््य पर प्रततकू ल प्रभाव पड़ेगा।
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शराब की खपत के ऄनुभवजन्य सबूतों के अधार पर प्रततबन्ध लगाने के पीछे मजबूत
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वैज्ञातनक साक्ष्य ईपतस्थत हैं। यकद पररवतथन स्वयं नहीं होते हैं तो सरकार को लोगों का
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प्रतततनतध होने के नाते पररवतथन के तलए पहल करने का ऄतधकार है।
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(c) आस मामले में जो मुद्दे ईठ सकते हैं, और वे ईपाय, तजनके माध्यम से तसतवल सेवक ईनसे
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व्यसतनयों में प्रततकार के लिण : यह सुतनतित ककया जाना चातहए कक व्यसन मुति हेतु
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आसके ऄततररि, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के तलए, शराब के नकारात्मक
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प्रभावों के प्रतत जागरूकता हेतु प्राथतमक स्वास््य के न्द्रों, NGOs, मीतडया अकद के
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तहतधारक तहत
कं पनी/ईच्च कं पनी का तहत प्रतत कमथचारी अने वाली लागत कम करके लाभ ऄतधकतम
प्रबंधन करना होता है। मतहला कमथचारी की तस्थतत में मातृत्व ऄवकाश की लागत
कं पनी को वहन करनी पड़ती है। आसतलए, ईच्चस्तरीय प्रबंधन मतहला
ईम्मीदवारों की भतगीक करने से बचना चाहता है।
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भतगीक प्रबंधक मेरी पहली रूतच चलग से तनरपेि होकर सूचीबद् पदों के तलए ईपयुि
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(स्वयं) ईम्मीदवारों की भतगीक करने में है। ऐसी तस्थतत में मेरी दुतवधा ऄन्यायपूणथ
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नीततयों के तवरूद् खड़ा होते हए प्रबंधन से टकराव से बचना है।
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मतहला ईनका तहत कं पनी में नौकरी पाने का तनष्पि ऄवसर प्राप्त करने में तनतहत
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ईम्मीदवार होता है। दीघथकाल में, वे भतगीक और पदोन्नतत में समानता और सुरतित
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(b) दुतवधा: ईच्चस्तरीय प्रबंधन का अदेश स्वीकार करना और ककसी मतहला ईम्मीदवार का
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चयन करने से बचना बनाम तनष्पि रूप से चलग तनरपेि होकर ईपयुि ईम्मीदवार की
तनयुति करना।
आसके ऄततररि, मुझे तसफथ चलग तवशेष के कारण बेहतर ईम्मीदवार को न भतगीक करने की
परे शानी से जूझना पड़ सकता है। आससे ईत्पादकता में कमी अएगी और कं पनी के तलए
दीघथकातलक लागत बढ़ जाएगी। आससे जुड़ी एक और दुतवधा आस समाज में मौजूद लैंतगक
पूवाथग्रह है। आसका कारण समानता के तवचार के साथ तपतृसिात्मक रवैये का टकराव है। आस
पररतस्थतत को बदलने की जरुरत है। कायथस्थल पर लैंतगक तवतवधता को बढ़ावा देना
महत्वपूणथ है; हालांकक, कं पनी द्वारा कदए गए वतथमान तनदेश आस तसद्ांत के तवरूद् जाते हैं।
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ईम्मीदवार की मांग नहीं करती है, तो आन ऄकतथत तनदेशों को बहत ऄतधक महत्व नहीं कदया
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जाना चातहए। वास्तव में यह भी संभव है कक ये तनदेश कं पनी की नीततयों के तवपरीत हों। मैं
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HR को ऐसे तनदेशों के संबंध में सूतचत करूुँगा/करूुँगी क्योंकक लैंतगक भेदभाव न के वल
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है। आसके ऄततररि, मैं ऄपने सहयोतगयों, तवशेषकर ऄपने संगठन में काम करने वाली
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करके मैं 'बी द चेंज यू वांट टू सी’ (अप खुद वह बदलाव बनें जो अप देखना चाहते हैं) ईति
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