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Journal of Interdisciplinary Cycle Research ISSN NO: 0022-1945

पढई तुुंहर दआ
ु र पररयोजना, शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ िासन में उपलब्ध ई-सूचना सुंग्रहः
विद्यालयीन शिक्षा एिुं महाविद्यालयीन शिक्षा के वििेष सुंदभभ में एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

विनोद कुमार अहहरिार राजलक्ष्मी पाण्डेय डॉ सुंगीता शसुंह


ग्रुंथपाल, िासकीय विश्िनाथ यादि िोधाथी, विभागाध्यक्ष,
तामस्कर स्नातकोत्तर स्ििासी डॉ सी. व्ही रमन विश्िविद्यालय डॉ सी. व्ही. रमन विश्िविद्यालय
महाविद्यालय दग
ु भ छत्तीसगढ़ बिलासपरु छत्तसीगढ़ कोटा , बिलासपरु

साराुंि

छत्तीसगढ राज्य मध्यप्रदे श से पथ


ृ क हुआ एक नवोददत राज्य है । यह तेजी से ववकास करने वाले
नवोददत राज्यों में अग्रणी स्थान रखता है , एवं शशक्षा के क्षेत्र में भी यह राज्य ननरं तर तेजी से ववकास
कर रहा है। राज्य में शशक्षा में अनेक बाधाओं एवं कदिनाईओं का सामना करना पडता हैं। यह राज्य
नक्सली प्रभाववत होने के कारण बहुत बडी बाधा नक्सली प्रभाववत क्षेत्रों की शशक्षा को संचाशलत करने में
होती है। इस राज्य का बहुत बडा दहस्सा दग
ु म
ग पहुच वाला होने से सम्पूणग शशक्षा प्रदान करने में बहुत
अधधक कदिनाईओं का सामना करना पडता है। छत्तीसगढ राज्य की महत्वकांक्षी पररयोजना पढई तुंअर
दआ
ु र के माध्यम से शशक्षा में आने वाली इन कदिनाओं को दरू करने का प्रयास ककया जा रहा है। इस
प्रयास में राज्य ककतना सफल हुआ एवं इस पररयोजना की साथगकता पर इस लेख में ववश्लेषण करने
का प्रयास ककया गया है।

प्रस्तािना

सूचना ववस्फोट के इस युग में ककसी भी ववषय में संबंधधत एवं आवश्यकता की सूचनाओं की
पुनःप्राप्तत एक दग
ु म
ग कायग है । इस कायग को सुगम बनाने की दृप्टट से ई-सूचना स्रोतों एवं आनलाईन
सूचना स्रोतों का प्रादग भ
ु ाव हुआ। इन अपरम्परागत आधुननक सूचना स्रोतों का सबसे अधधक लाभ यह है ,
कक इनको सतताह के सातो ददन एवं चैबीस घंटे अशभगम्य ककया जा सकता हैं। कोववड 19 महामारी के
इस दौर में इन सूचना स्रोतों को उपयोग करने से शशक्षा में उत्पन्न बाधा को दरू करने में बहुत अधधक
सहायता प्रातत हुई, एवं अपूणग शशक्षा को पूणग ककया जा सका। इस ददशा में छत्तीसगढ शासन, शालेय
शशक्षा ववभाग एवं उच्च शशक्षा ववभाग के माध्यम से ‘पढई तुंहर दआ
ु र‘ पररयोजना को प्रारं भ ककया गया।
यह महत्वकांक्षी पररयोजना शालेय एवं महाववद्यालीन शशक्षा को संचाशलत करने में बहुत अधधक
उपयोगी एवं महत्वपूणग शसद्व हो रही है । इसके माध्यम से ववद्वान शशक्षकों द्वारा ननशमगत उच्च स्तरीय
आडडयो, वीडडयो व्याख्यान एवं पीडीएफ पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है।

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छत्तीसगढ राज्य में शिक्षा

1 नवंबर 2000 में गदित छत्तीसगढ राज्य मध्यप्रदे श राज्य से पथ


ृ क हुआ तेजी ववकास करने
वाले राज्यों में से एक है। इस राज्य में नक्सलवाद सबसे बडी समस्या है। नक्सल समस्या के कारण
राज्य के नक्सल प्रभाववत क्षेत्रों के साथ-साथ सम्पूणग प्रदे श की शशक्षा को उत्कृटट बनाने में कदिनाईओं
का सामना करना पडता है। शशक्षा में राज्य की भौगोशलक प्स्थनत भी बाधा डालती है । इसका अबझ
ू माड
एवं बस्तर का क्षेत्र नक्सली समस्या के साथ-साथ दग
ु म
ग भौगोशलक प्स्थनत के कारण भी शशक्षा से
अछूता है । राज्य शासन के द्वारा राज्य के गिन के समय से ही शशक्षा के इस वपछडेपन को दरू करने
का प्रयास ककया जा रहा है।

शशक्षा को आधुननक सूचना संचार प्रौद्योधगकी एवं सूचना प्रोद्योधगकी से पररपूणग बनाने हे तु
संसाधनों को उपलब्ध कराने का प्रयास राज्य में ककया गया। यही कारण है , कक राज्य में शासकीय
शशक्षा संस्थानों के अनतररक्त ननप्ज क्षेत्र के भी शशक्षा संस्थानों को खोलने में रूधच ली गयी। वतगमान में
छत्तीसगढ में शासकीय एवं ननजी शशक्षण संस्थानों का उत्कृटट तंत्र कायग कर रहा है । यहा 8 शासकीय
ववश्वववद्यालय एवं 13 ननजी ववश्वववद्यालय संचाशलत हो रहे है। शासकीय ववश्वववद्यालयों के अधीन
265 शासकीय महाववद्यालय, 12 अनुदान प्रातत महाववद्यालय, 244 अनुदान अप्रातत अशासकीय
महाववद्यालय, 28 कृवष महाववद्यालय, 02 पशु धचककत्सा महाववद्यालय, 01 डेरी प्रौद्योधगकी
महाववद्यालय, 01 मत्स्यकी महाववद्यालय, 44 अशभयांत्रत्रकी महाववद्यालय, 40 पालीटे प्क्नक
महाववद्यालय, 1 आककगटे क्चर इन्सटीट्यूट एवं 11 फामेसी महाववद्यालय स्थावपत है। इन्ही शशक्षण
संस्थानों के माध्यम राज्य में उच्च शशक्षा संचाशलत हो रही है।

इस प्रकार छत्तीसगढ राज्य सभी ववषय क्षेत्रो जैसे- कला , वाणणज्य एवं ववज्ञान संकाय, कृवष,
वाननकी एवं इससे संबद्व ववषय क्षेत्रों में इन महाववद्यालयों एवं ववश्वववद्यालयों में उत्कृटट शशक्षा का
संचालन ककया जाता है। इन शैक्षणणक संस्थानों में शशक्षा की उत्कृटटता को बनाये रखने के शलये उन्नत
पुस्तकालय एवं ई-सूचना स्रोत भी उपलब्ध है । इन शैक्षणणक संस्थानों, शशक्षा ववभाग, उच्च शशक्षा ववभाग,
तकनीकक शशक्षा ववभाग एवं कृवष एवं पशुधन ववभाग की और से आनलाईन शशक्षा को उन्नत ककया जा
रहा है। ननप्श्चत ही इन शैक्षणणक संस्थानों एवं ववभागों की ओर से ककये जा रहे प्रयास शशक्षा में
गुणवत्ता के साथ-साथ उत्कृटटता भी प्रदान करे गें।

छत्तीसगढ राज्य में विद्यालयीन शिक्षा

ववद्यालयीन शशक्षा में छत्तीसगढ राज्य की स्थापना के समय से ही सतत एवं ननरं तर ववकास
प्रारं भ हुआ राज्य शासन के द्वारा नवीनतम ववद्यालयों के ननमागण एवं उपलब्घ ववद्यालयों की
जीणोधार ककया गया। वतगमान में अंग्रज
े ी माध्यम ववद्यालयों को स्थावपत ककया जा रहा है। एकलब्ध्य
ववद्यालयों को अधधक उत्कृटट बनाने की दृप्टट से इन ववद्यालयों में शैक्षणणक स्टाफ के साथ-साथ
ग्रंथपालों की ननयक्
ु ती प्रकिया की गई। इसी सत्र 100 महात्मा आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम ववद्यालयों को
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खोलने का ननणगय छत्तीसगढ शासन ने ककया है। वतगमान में राज्य शासन के ववद्यालयों में पुस्तकालयों
की प्स्थती केन्र शासन एवं ननप्ज क्षेत्र के सावगजननक ववद्यालयों के पुस्तकालयों के समान उत्तम बनाने
का प्रयास ककया जा रहा है। राज्य में यह कायग प्रगनत पर है , ननप्श्चत रूप से यह कायग शीध्र ही पूणग हो
जायेगा और शालेय ववद्याधथगयों को उत्कृटट पुस्तकालय सुववधा का लाभ प्रातत होगा।

छत्तीसगढ राज्य में केन्रीय एवं नवोदय ववद्यालय ववद्यालयीन शशक्षा में अपना योगदान दे रहे
है। यहां 42 केन्रीय ववद्यालय एवं 24 नवोदय ववद्यालय संचाशलत है । इनमें पस्
ु तकालय की उत्कृटट
सेवा ववद्याधथगयों को प्रदान की जाती है। उत्कृटट पस्
ु तकालय सेवा के माध्यम से इन ववद्यालयों में
शशक्षा का स्तर भी उत्कृटट रहता है । इन ववद्यालयों की पुस्तकालय सेवा में ई-सच
ू ना सेवा प्रमख
ु होती
है।

राज्य शासन ने भी ववद्यालयीन ववद्याधथगयों को ई-सूचना सेवा की सुववधा का लाभ दे ने की


दृप्टट से पढई तुंहर दआ
ु र कायगिम को प्रारं भ ककया और इस कायगिम के माध्यम से ववद्याधथगयों की
कक्षाओं की पढाई को पूरा करने में सहायता प्रदान करना प्रारं भ ककया। इस पररयोजना के माध्यम से
सूचना स्रोतों एवं वीडडया/आडडयो व्याख्यान की सुववधा को आनलाईन प्रारं भ ककया गया। बाद में इस
प्राजेक्ट का लाभ उच्च शशक्षा से संबंधधत ववद्याधथगयों को भी ई-सूचना स्रोत, आडडयो/ वीडडयो व्याख्यान
एवं पाठ्य सामग्री ई-स्वरूप में उपलब्घता सुननप्श्चत की जा रही है ।

छत्तीसगढ में महाविद्यालयीन एिुं उच्च शिक्षा

छत्तीसगढ राज्य में महाववद्यालयीन एवं उच्च शशक्षा की प्स्थनत को उत्कृटट बनाने के शलये यहां
शासकीय महाववद्यालयों एवं ननजी महाववद्यालयों का नेटवकग एक तंत्र के रूप में ववकशसत ककया जा
रहा है। प्रत्येक सत्र नवीनतम महाववद्यालय एवं नवीनतम पाठ्यिमों को प्रारं भ ककया जा रहा है।
छत्तीसगढ में महाववद्यालयीन शशक्षा का क्षेत्र बहुत अधधक ववस्ताररत है । यहां शशक्षा अशभयांत्रत्रकी
पोलीटे प्क्नक, कृवष, धचककत्सा, आयुवेद, पशुववज्ञान एवं पशुधचककत्सा महाववद्यालय इत्यादद के माध्यम से
उच्च शशक्षा प्रदान की जाती है। छत्तीसगढ राज्य में उच्च शशक्षा को उत्कृटट बनाये रखने हे तु लगातार
ववश्वववद्यालयों एवं महाववद्यालयों का ववस्तार कर रहा है । इस ववस्तार को गनत दे ने एवं युवाओं को
उत्कृटट उच्च शशक्षा की सुववधा प्रदान करने की दृप्टट से 8 शासकीय ववश्वववद्यालय 13 ननप्ज
ववश्वववद्यालय 265 शासकीय महाववद्यालय 12 अनुदान प्रातत अशासकीय महाववद्यालय तथा 244
अनुदान अप्रातत अशासकीय महाववद्यालयों को संचाशलत कर रहा है । ववश्वववद्यालयों एवं महाववद्यालयों
का लगातार ववस्तार ननरं तर जारी होने से राज्य में उच्च शशक्षा सभी युवाओं को सहजता से प्रातत हो
रही है। इन ववश्वववद्यालयों एवं महाववद्यालयों में पुस्तकालय एवं सूचना सेवाओं की उपलब्धता
अननवायग की गयी है। राज्य शासन द्वारा शासकीय महाववद्यालयों एवं ववश्वववद्यालयों में शशक्षकीय
पदों के साथ-साथ पुस्तकालयों को उत्कृटट बनाने की दृप्टट से ग्रंथपाल पद पर भी ननयुप्क्त अननवायग
की है। उच्च ववभाग के माध्यम से शशक्षा ववभाग के सहयोग से पढई तुंहर दआ
ु र योजना से जुडे

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ववद्याधथगयों को वीडडयो/आडडयो लेक्चर उपलब्ध कराये जा रहे है। इन लेक्चर के साथ-साथ ई-सूचना
स्रोतों की उपलब्धता भी सुननप्श्चत की जा रही है । ‘‘पढई तुंहर दआ
ु र‘‘ छत्तीसगढ शासन की एक
महत्वकाक्षी पररयोजना है।

छत्तीसगढ में कला, ववज्ञान एवं वाणणज्य संकाय के अलावा कृवष, वाननकी एवं इससे संबंधधत
ववषयों की शशक्षा, अशभयांत्रत्रकी शशक्षा, धचककत्सा ववज्ञान की शशक्षा एवं नशसिंग ववज्ञान इत्यादद की उत्कृटट
शशक्षा प्रदान की जाती है । कृवष एवं संबद्व ववषयों की शशक्षा हे तु इंददरा गांधी कृवष ववश्वववद्यालय
रायपरु में स्थावपत है। वहीं पशु धचककत्सा ववज्ञान एवं पशवु वज्ञान एवं इससे संबद्व ववषयों मे अध्ययन
हे तु छत्तीसगढ कामधेनू ववश्वववद्यालय दग
ु ग में स्थावपत है । वषग 2020 में उद्याननकी ववश्वववद्यालय की
आधार शशला रखी गयी, प्जसका नाम महत्मा गांधी उद्याननकी ववश्वववद्यालय रख गया। छत्तीसगढ में
कृवष शशक्षा को अधधक सुदणग बनाने के शलये नवीन कृवष महाववद्यालयों की स्थापना भी की जा रही है।

इन सभी शशक्षण संस्थानों हे तु ई-सूचना स्रोत एवं ई-सूचना सेवा राटरीय स्तर के कन्सोरदटया
CeRA के माध्यम से उपलब्ध कराये जाते है । परू े भारतवषग के साथ-साथ छत्तीसगढ में कृवष एवं इससे
संबद्व ववषयों के ववशभन्न पाठ्यिमों में पुस्तकालय एवं सूचना ववज्ञान ववषय को एक अननवायग प्रश्न
पत्र के रूप में सप्म्मशलत ककया गया है । ननप्श्चत रूप से इस पुस्तकालय एवं सूचना ववज्ञान को एक
प्रश्न पत्र के अध्ययन से ववद्याधथगयो को पुस्तकालय का अच्छे उपयोगकताग बनाने में सहायता शमलती
है।

इस प्रकार छत्तीसगढ में ववशभन्न संकायो एवं ववषयों में उच्च शशक्षा की उत्कृटट व्यवस्था है ।
यहां उच्च शशक्षा में योगदान हे तु पुस्तकालयों का एक उत्कृटट तंत्र कायग कर रहा है । राटरीय एवं
अन्तराटरीय सूचना सेवाओं के साथ छत्तीसगढ में राज्यकीय स्तर पर ववद्यालयीन एवं उच्च शशक्षा हे तु
‘पढई तुंहर दआ
ु र‘ पररयोजना के द्वारा दृश्य-श्रव्य व्यख्यान एवं अन्य पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जा
रही है। इस महत्वकांक्षी पररयोजना के माध्यम से ननप्श्चत रूप से छत्तीसगढ राज्य शशक्षा में उत्कृटट
लाने में सफल शसद्व होगा।

आनलाईन शिक्षाः

शशक्षा मनटु य के जीवन का ववकशसत करने के अननवायग अंग है । जीवन पयगन्त मनुटय ककसी न
ककसी रूप में ककसी न ककसी प्रकार शशक्षा प्रातत करता रहता है। वतगमान कोववड 19 के समय शशक्षा एवं
शशक्षण कायग में अनेक बाधाये उत्पन्न हो गई है । इस दौर में शशक्षा को पूणग करने के शलये आनलाईन
शशक्षा का महत्व बहुत अधधक बढ गया है ।

अनेक ववद्याथी शशक्षण संस्थानो मे शशक्षा गह


ृ ण करने शशक्षण संस्थानों में ननयशमत रूप से
अध्ययन हे तु उपप्स्थत होने में असमथग होते हैं। ऐसे ववद्याधथगयों को भारत भारत में आनलाइन शशक्षा
की शुरूआत 1994 से इंददरा गांधी राटरीय मुक्त ववश्वववद्यालय के माध्यम से प्रारं भ हुई। उस समय
एकतरफा वीडडयो एवं दोतरफा आडडयो संचार होता था। वतगमान में आधुननक उपकरण जैसे कम्तयूटर,

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लेपटाप, मोबाईल फोन, पेजर, टे बलेट इत्यादद इलेक्राननक उपकरणों के माध्यम से आनलाईन शशक्षा प्रदान
की जा रही है।

आनलाईन शिक्षा हे तु आिश्यकतायें

वतगमान आनलाईन शशक्षा बहुत अधधक ववकशसत हो गई है , इसके शलये अनेक आवश्यकतायें होती
है , ये आवश्यकताये ननम्न प्रकार है

1. इन्टरनेट कनेक्िनः आनलाईन शशक्षा हे तु इन्टरनेट अत्यन्त आवश्यक होता है । इस आवश्यकता


को दे खते हुये केन्र शासन, अनेक राज्य शासन एवं अनेक शशक्षण संस्थायें वाई-फाई के माध्यम से
इन्टरनेट की सवु वधा उपलब्ध करा रहे है ।

2. इलेक्राननक उपकरणः आनलाईन शशक्षा के शलये इलेक्राननक उपकरण भी सबसे महत्वपूणग


आवश्यकता है। इन उपकरणों के द्वारा इन्टरनेट के माध्यम से दोतरफा आनलाईन शशक्षा संचाशलत की
जा सकती है।

3. साफ्टिेअर एिुं ऐपः आनलाईन शशक्षा के शलये तीसरी सबसे बढी आवश्यकता साफ्टवेअर एवं ऐप
की होती हैं। आनलाईन शशक्षा को शशक्षकों एवं ववद्याधथगयों के शलये अधधक सुगम बनाने की दृप्टट से
साफ्टवेअर एवं ऐप अननवायग होते हैं। कोववड 19 के वतगमान में काल में आनलाईन शशक्षा हे तु अनेक
साफ्टवेअर एवं ऐप ववकशसत हुये है। ये सभी साफ्टवेअर एवं ऐप आनलाईन शशक्षा प्रदान करने की ददशा
में बहुत प्रभावी शसद्व हो रहे है ।

आनलाईन शिक्षा के लाभः

आनलाईन माध्यमों से शशक्षा को संचाशलत करना बहुत अधधक लाभदायक है । इन कक्षाओं के


महत्वपूणग ननम्न प्रकार है ः

1. आनलाईन शशक्षा हे तु कक्षाओं के संचालन हे तु बहुत अधधक स्थान की आवश्यकता नहीं होती।
ववद्याथी शशक्षण संस्थानों में आये वगैर ही अपनी शशक्षा को पण
ू ग कर सकता है ।

2. आनलाईन शशक्षा में कक्षाओं में हाने वाले शोर-गुल के कारण अवरोध उत्पन्न नहीं होते।

3. आनलाईन कक्षाओं के माध्मय से कक्षाओं में अध्ययन एवं अध्यापन से संबंधधत पाठ्य सामग्री
को सहजता से सभी सहभाधगयों को उपलब्ध करायी जा सकती है।

4. आनलाईन शशक्षा का संचालन ककसी भी समय सुववधानुसार ककया जा सकता है ।

5. साफ्टवेअर एवं ऐप के माध्यम से आनलाईन कक्षाओं के व्याख्यानों को सहे ज कर रखना बहुत


आसान है।

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आनलाईन शशक्षा के इन महत्वपूणग लाभों के कारण वतगमान समय में शशक्षा प्रदान करना सहज एवं
प्रभावी हो गया है।

आनलाईन शिक्षा की सीमायें:

आनलाईन माध्यमों से शशक्षा के संचालन की बहुत सीमाये भी है । कुछ पररप्स्थनतयों में


आनलाईन शशक्षा के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन कायग में बाधाये उत्पन्न हो रही है।

1. इस माध्यम से शशक्षा के संचालन हे तु इन्टरनेट कनेक्टीववटी अननवायग है । यदद इन्टरनेट


कनेक्टीववटी का आभाव होता है , तो आनलाईन शशक्षा का संचालन करना संभव नहीं होता।

2. आनलाईन शशक्षा हे तु मंहगे इलेक्राननक उपकरणों की आवश्यकता होती, इन महंगे इलेक्राननक


उपकरणों को सभी ववद्याथी िय नहीं कर पाते, इस कारण से आनलाईन शशक्षा से वंधचत रह जाते है।

3. आनलाईन शशक्षा हे तु अनेक बार अबाध्य ववधुत प्रदाय भी अननवायग होता है । अवाध्य ववधुत
प्रवाह के आभाव में भी आनलाईन शशक्षा वाधधत होती है।

4. परं परागत शशक्षा के स्थान पर आनलाईन शशक्षा हे तु उपयोग में आने वाले उपकरणो, साफ्टवेअर
एवं ऐप से प्रायः ववद्याथी एवं शशक्षक पररधचत नहीं होते, यह साफ्टवेअर एवं ऐप बहुत अधधक महं गे
होने के कारण भी कम बजट वाले शशक्षण संस्थायें इनके शल् ु क का भगु तान नहीं कर पाते।

आनलाईन शशक्षा की सीमाये लाभो की तुलना में बहुत कम है , जो सीमाये हैं उन सीमाओं को दरू करने
का प्रयास केन्द शासन एवं राज्य शासन के द्वारा ककये जा रहे है। मध्यप्रदे श, छत्तीसगढ राज्यो सदहत
भारतवषग के अन्य राज्यों में भी आनलाईन शशक्षा हे तु पूरी व्यवस्था की जा रही है , इसके शलये अलग से
पूरी अधोसंरचना को ववकशसत ककया जा रहा है । इन राज्य शासन एवं केन्र शासन की ओर से महं गे
इलेक्राननक उपकरणों को ववद्याधथगयों को ननशुल्क प्रदाय की व्यवस्था भी की गई है ।

छत्तीसगढ में आनलाईन शिक्षा

कोववड 19 महामारी के कारण हुये लाकडाउन के समय शशक्षा को अनवरत जारी रखने के शलये
आनलाइन शशक्षा की व्यवस्था को तत्परता से प्रारं भ ककया गया। छत्तीसगढ राज्य में इसके शलये प्रारं भ
में ववशभन्न मोबाईल ऐप के माध्यम से आनलाइन कक्षाओं का संचालन करके अपण
ू ग पाठ्यिम को पण
ू ग
ककया गया। पाठ्यिम पूणग होने के बाद परीक्षा संचालन का कायग भी अत्यधधक दग
ु म
ग था, इस कायग को
भी परीक्षा केन्रों में आये बगैर आनलाईन पद्वनत के आधार पर पूणग ककया गया। नवीन शशक्षा सत्र में
अबाध्य रूप से शशक्षा का संचालन होता रहे इसके शलये छत्तीसगढ शासन की ओर से एक महत्वकांक्षी

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पररयोजना पढई तुंहर दआ


ु र को प्रारं भ ककया गया। इस पररयोजना के माध्यम से आनलाईन कक्षाओं के
संचालन के साथ-साथ दृश्य एवं श्रव्य स्वरूप में व्याख्यान ववद्याधथगयों को उपलब्ध कराये जा रहें है।
इस पररयोजना के अलावा ववशभन्न ववद्यालय एवं महाववद्यालय अपने स्वयं के द्वारा ववकशसत तंत्र के
माध्यम से भी आनलाईन कक्षाओं का संचालन कर रहे है।

सीजीस्कूलडाटइन (cgschool.in)

इस वेबसाईट को छत्तीसगढ शासन स्कूल शशक्षा ववभाग के द्वारा तैयार ककया गया है । इस
वेबसाईट का उपयोग ववद्याथी एवं शशक्षक दोनों के द्वारा अध्ययन एवं अध्यापन हे तु सामान्य रूप से
ककया जाता है। इसकी सुववधाओं का लाभ लेने के शलये इसमें पंजीयन करना अननवायग है। इसमें ई-
सूचनाओं को पीडीएफ एवं अन्य साफ्टवेअर के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। दृश्य, श्रव्य
व्यख्यानो एवं कक्षाओं को यू-ट्यूब की सहायता से संचाशलत ककया जाता है ।

पढई तुुंअर दआ
ु र पररयोजना

कोववड 19 के दौर में शशक्षा को ननगबाध्य गनत दे ने के उद्दे श्य से शालेय शशक्षा ववभाग छत्तीसगढ
शासन के सरं क्षण में पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना प्रारं भ की गयी इस पररयोजना के माध्यम से
आनलाईन कक्षाओं का संचालन एवं दृश्य एवं श्रव्य प्रारूप में व्याख्यानों के माध्यम से शशक्षा को पण
ू ग
करने का प्रयास ककया जा रहा है। सत्र 2019-20 शशक्षा सत्र को शासन ने अथक प्रयास से सफलता
पव
ू क
ग पण
ू ग कर शलया था, ककन्तु शासन को नवीन शशक्षा सत्र को प्रारं भ करना एक दग
ु म
ग कायग था।
छत्तीसगढ राज्य में कोववड 19 के बढते प्रकोप एवं लाकडाउन के कारण परं परागत शशक्षा के स्थान पर
आनलाईन शशक्षा को प्रारं भ करना अननवायग हो गया था। पढई तंअ
ु र दआ
ु र या cgschool App पररयोजना
को शालेय शशक्षा ववभाग के मागगदशगन में प्रारं भ ककया गया, बाद में इस पररयोजना का लाभ
महाववद्यालयीन एवं ववश्वववद्यालयीन ववद्याधथगयों को दे ना प्रारं भ कर ददया गया है। इस महत्वकांक्षी
पररयोजना के माध्यम से शशक्षा को एक नवीन आयाम दे ना संभव हो पा रहा है । शशक्षा को पूणग करने
में यह पररयोजना सहायक शसद्व हो ही रही है , साथ ही साथ इसके माध्यम से शशक्षा में उत्कृटटता लाने
में भी बहुत योगदान प्रातत हो रहा है । इस पररयोजना की सफलता इसी से ददखती कक इसके प्रारं भ होने
के बाद से अब तक ववशभन्न स्तरों के 5301381 ववद्याधथगयों ने इसमें अपना पंजीयन कर शलया है।
इसमें योगदान दे ने वाले शशक्षको की संख्या 211726 है। इसके माध्यम से ववशभन्न स्तर की आनलाइन
कक्षाओं संचालन ककया जाता है। इन कक्षाओं का लाभ ववद्याथी शैक्षणणक संस्थान जाये बगैर ननयशमत
रूप से ले रहे हैं।

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पढई तुुंअर दआ
ु र पररयोजना की उपयोगगता

छत्तीसगढ जैसे ववकासशील राज्य में शशक्षा का स्तर दे श के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत
पीछे है। इसका एक कारण यहां शशक्षा हे तु उपलब्ध अधोसरं चना की अपयागतत भी है। अधोसंरचना की
इस कमी को पूरा करने में पढई तुअर दआ
ु र पररयोजना अत्यधधक उपयोगी शसद्व हो रही है। इस
पररयोजना के महत्वपण
ू ग उपयोग ननम्न प्रकार है ः

1. शशक्षा संस्थान आये बगैर ववद्याधथगयों के अध्ययन को पूरा कराने में सहायता दे ना।
2. उनके ववषय पर आनलाईन ई-सूचना स्रोत उपलब्ध कराना।
3. ववद्याधथगयों को इस पररयोजना में पंजीकरण की सुववधा दे ना।
4. ववद्याधथगयों को सत्रीय कायग को पूरा करने हे तु सुववधा उपलब्ध कराना।
5. ववद्याधथगयों की शंकाओं के समाधान हे तु प्रश्न एवं उत्तर से संबंधधत मागगदशगन दे ना।
6. शशक्षकों द्वारा ववद्याधथगयों के शलये उपयोगी कंटे न्ट अपलोड करना।
7. वचुअ
ग ल कक्षाओं को आयोप्जत करने हे तु संपूणग अधोसंरचना को ववकशसत करना।
8. पररयोजना की सुववधा में उत्पन्न की जाने वाली बाधा को रोकने में सहायता करना।
9. ववद्याधथगयों का आनलाईन मूल्यांकन करने में सहायता करना।

पढई तुंअ
ु र दआ
ु र पररयोजना के सहायक कायभक्रमः

पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना के माध्यम से आनलाईन शशक्षा को और अधधक रोचक
बनाने के शलये इसके अन्तगगत के सहायक कायगिमों को प्रारं भ ककये गये । इन कायगिमों के माध्यम से
आनलाईन शशक्षा को बहुत अधधक उपयोगी बनाया गया। इन कायगिमो में प्रमुख कायगिम इस प्रकार हैं:

शिक्षा के गोठ:

इसके माध्यम से शशक्षा एवं सीखने की गनत को बनाये रखने के उद्दे श्य से स्कूल शशक्षा ववभाग द्वारा
आनलाईन शशक्षा के माध्यम से ककये गये नवचार को रे खांककत करके प्रकाशशत करने के उद्दे श्य से
शशक्षा के गोि न्यज
ू लेटर का प्रकाशन प्रारं भ ककया गया। इस न्यज
ू लेटर के माध्यम शशक्षा में गण
ु वत्ता
एवं उत्कृटटता लाने हे तु ककये गये प्रयासों को आमजन तक पहुचाने का महत्वपण
ू ग कायग ककया जाता है ।

पढई तुुंअर पारा:

कोववड 19 महामारी के कारण समस्त ववश्व के साथ-साथ छत्तीसगढ में सम्पण


ू ग शशक्षा, इसमें मख्
ु य रूप
से शालेय शशक्षा पण
ू त
ग ः बन्द है । परन्तु ऐसे समय में छत्तीसगढ शासन स्कूल शशक्षा ववभाग का
महत्वपण
ू ग प्रयास शशक्षकों के माध्यम से समद
ु ाय द्वारा उपलब्ध कराये गये स्थान पर लाउड स्पीकर के
माध्यम से बच्चों की शशक्षा को जारी रखा गया। वतगमान समय में शशक्षा को गनत दे ने की ददशा में यह
महत्वपूणग एवं उपयोगी कायगिम है ।

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सीजी स्कूल ऐप (cgschool App) :

प्रत्येक ई-सूचना स्रोत दे खने या आनलाईन माध्यम से शशक्षा को प्रातत करने के शलये ककसी न ककसी
इलेक्राननक डडवाईस की आवश्यकता होती है। इन इलेक्राननक डडवाईस में मोबाईल मुख्य उपकरण है ।
मोबाईल को आसानी से कहीं पर ले जाया जा सकता है , एवं इनसे सूचनाओं को भी सहजता से दे खा जा
सकता है। मोबाईल फोन के माध्यम से सच
ू नाओं को दे खने एवं आनलाईन कक्षाओं से जड
ु ने हे तु ऐप की
आवश्यकता होती है। यह ऐप स्कूल शशक्षा ववभाग छत्तीसगढ शासन के द्वारा पढई तंअ
ु र दआ
ु र
पररयोजना के माध्यम से गग
ू ल तले स्टोर में उपलब्ध कराया गया है ।

िुल्टु ऐप

बल्
ु टु ऐप शशक्षा ववभाग छत्तीसगढ शासन के ववकशसत करवाया गया छात्रोपयोगी शशक्षकीय ऐप
है। इस ऐप के माध्यम से ववद्याथी ववशभन्न कक्षाओं में पढाये गये अध्यायों की ध्वनी को श्रव्य फाईल
के रूप में अपने मोबाईल फोन में संग्रदहत करके रख सकते हैं। इस आडडयो को ब्लट
ू ु थ के माध्यम से
सुन सकते है । संग्रदहत ककये गये श्रव्य फाईल को ककसी अन्य ववद्याथी को भी भेज सकते है।

उच्च शिक्षा हे तु कायभक्रमः

पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना के माध्यम से मात्र ववद्यायलीन छात्र एवं छात्राओं को ही
आनलाइन शशक्षा की सुववधा प्रदान नहीं की जाती बप्ल्क इसके माध्यम से उच्च शशक्षा से संबद्व
महाववद्यालयीन ववद्याधथगयों की आनलाइन शशक्षा की उत्कृटट व्यवस्था भी की गयी है। इस कायगिम के
माध्यम से प्राध्यापको के द्वारा तैयार ककये दृश्य/श्रव्य व्यख्यानों को आनलाईन सतताह के 7 ददनो एवं
24 घंटे उपलब्ध कराये जाते है । प्राध्यापको के द्वारा ननरं तर वचुअ
ग ल कक्षाओ का आयोजन भी ककया
जाता है। छत्तीसगढ में कोववड 19 महामारी के कारण हुये लाकडाउन के समय उच्च शशक्षा एवं
महाववद्यालयीन शशक्षा को ननवागध रूप से पूणग करने का मुख्य श्रेय पढई तंअ
ु र दआ
ु र पररयोजना को ही
जाता है। वपछले सत्र 2019-20 की अपूणग रह गयी शशक्षा को पूणग करने का श्रेय इस पररयोजना को ही
जाता है। वतगमान शशक्षा सत्र 2020-21 में महाववद्यलयीन शशक्षा को इस पररयोजना के माध्यम से पूणग
करने का दानयत्व इसी पररयोजना पर ननभगर है। अगले शशक्षा सत्र के अध्ययन एवं अध्यापन की योजना
पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना को केन्र में रख कर बनाई गयी और उसके अनुरूप शशक्षण कायग को गनत
दी गयी। वतगमान शशक्षा सत्र हे तु इस पररयोजना के माध्यम से अनेक वीडडयो एवं आडडयो पहले से ही
तैयार कर उपलब्धता सुननप्श्चत की गयी है । ननप्श्चत रूप से यह पररयोजना ववद्यालीन शशक्षा के साथ-
साथ उच्च शशक्षा एवं महाववद्यालयीन शशक्षा को पूणग करने हे तु अत्यधधक उपयोगी है ।

पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना के माध्यम से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं हे तु
महाववद्यालयीन प्राध्यापकों के द्वारा ववषय वस्तु, दृश्य-श्रव्य व्यख्यान, वचुअ
ग ल कक्षाओं का आयोजन,
ववद्याधथगयों के द्वारा असाईनमें ट कायग को पूणग करवाने में सहयोग प्रदान करना इत्यादद कायो को ककया
जाता है। इसमें ववद्याधथगयो एवं शशक्षकों के पंजीयन की सुववधा भी दी जाती है । इस पररयोजना के

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माध्यम से ववद्याधथगयों की शंकाओं का समाधान भी ककया जाता है। इसमें कोसग मटे ररयल की
उपलब्धता को भी सुननप्श्चत ककया गया है । इस पररयोजना में महाववद्यालयीन ववद्याधथगयों को प्रदान
की जाने वाली सुववधओं को ननम्न सारणी के अनुसार तथ्यों को प्रदशशगत ककया जात सकता है ः

सारणी क्रमाुंक 1
महाविद्यालयीन शिक्षा हे तु अपलोड सामग्री से सुंिुंगधत तथ्य

िमांक सूचना स्रोतों/अपलोड पाठ्य सामग्री/अन्य पाठ्य सख्या


1 दहन्दी एवं अंग्रेजी भाषा के अलावा अन्य भाषा में अपलोड 79
ववषय वस्तु
2 ववद्याधथगयों द्वारा अपलोड ककये असाईनमेंट 3482579
3 वचुअ
ग ल कक्षायें 131
4 असाईनमेंट के प्रश्नों की संख्या 56
5 जांच के पश्चात अपलोड ककये गये असाईनमेंट 6563
6 आनलाइन कक्षाओं की संख्या 18
7 अपलोड ककये गये लननगग वीडडयो की संख्या 15305
8 अपलोड ककये गये लननगग आडडयो की संख्या 367
9 अपलोड ककये फोटो ( पीडीएफ ) की संख्या 801
10 लननगग कोसग मटे ररयल 4416

अपलोड ककये गये कुल आयटम की संख्या 3510315

सारणी िमांक 1 के माध्यम से महाववद्यालयीन शशक्षा हे तु पढई तंअ


ु र दआ
ु र पररयोजना में
अपलोड की गयी अध्ययन सामग्री से संबंधधत तथ्यों को प्रदशशगत ककया गया है। महाववद्यालीन
ववद्याधथगयों के द्वारा अपलोड ककये गये असाईनमेंट की संख्या 3482579 है , आयोप्जत होने वाली
वचअ
ुग ल कक्षाओं की संख्या 131 है, प्राध्यापकों के द्वारा तैयार कर अपलोड ककये गये असाईनमेंट (
प्रश्न ) की संख्या 56 है , प्राध्यापकों के द्वारा जांच के उपरान्त अपलोड ककये गये असाईनमेंट की
संख्या 6563 है , आनलाईन कक्षाओं की संख्या 18 है , अपलोड ककये गये लननगग वीडडयो की संख्या
15305, अपलोड ककये गये लननगग आडडयो की संख्या 367 एवं अपलोड फोटो ( पीडीएफ ) की संख्या
801 है। इस पररयोजना में 4416 लननगग कोसग मटे ररयल को अपलोड ककया गया है।

पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना में दहन्दी और अग्रंेेजी भाषा के अलावा छत्तीसगढ की अन्य क्षेत्रीय
भाषा में अपलोड की गयी ववषय वस्तु की संख्या 79 है , यह संख्या ववद्यालयीन एवं महाववद्यालीन
शशक्षा हे तु संयुक्त रूप से प्रदशशगत ककया गया है । इस प्रकार इस पररयोजना में महाववद्यालीन शशक्षा हे तु
अपलोड की गयी आनलाईन आयटम की संख्या 3510315 है। इतनी बडी संख्या में संग्रदहत की गयी

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आनलाईन अध्ययन सामग्री से ननप्श्चत रूप महाववद्यालयीन ववद्याथी अपने अध्ययन को पूणग करने में
सफल हो रहे है। ।

विद्यालयीन शिक्षा से सुंिुंगधत तथ्य

पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना स्कूल शशक्षा ववभाग छत्तीसगढ शासन के द्वारा मुख्य रूप से
कोववड 19 महामारी के कारण हुये लाकडाउन के समय वपछले सत्र की अपूणग शशक्षा की पूणग करने के
शलये प्रारं भ की गयी थी इसके द्वारा www.cgschool.in वेबसाईट के माध्यम से ववद्याधथगयों हे तु
आनलाईन शशक्षा की सुववधा उपलब्ध करायी जा रही है । इससे संबंधधत तथ्यों को ननम्न सारणी के
माध्यम से प्रदशशगत ककया जा सकता हैः

सारणी क्रमाुंक 2
िालेय शिक्षा हे तु अपलोड सामग्री से सुंिुंगधत तथ्य

िमांक सचू ना स्रोतों/अपलोड पाठ्य सामग्री/अन्य पाठ्य सख्या


1 दहन्दी एवं अंग्रेजी भाषा के अलावा अन्य भाषा में अपलोड 79
ववषय वस्तु
2 ववद्याधथगयों द्वारा अपलोड ककये असाईनमेंट 272782
3 वचुअ
ग ल कक्षायें 46861
4 असाईनमेंट के प्रश्नों की संख्या 19549
5 जांच के पश्चात अपलोड ककये गये असाईनमेंट 246712
6 आनलाइन कक्षाओं की संख्या 977562
7 अपलोड ककये गये लननगग वीडडयो की संख्या 24496
8 अपलोड ककये गये लननगग आडडयो की संख्या 1150
9 अपलोड ककये फोटो ( पीडीएफ ) की संख्या 15471
10 लननगग कोसग मटे ररयल 4532

अपलोड ककये गये कुल आयटम की संख्या 1609194

सारणी िमांक 2 के द्वारा शालेय शशक्षा हे तु उपयोगी ककये गये आनलाईन शशक्षा के प्रयासो से
संबंधधत तथ्यों को प्रदशशगत ककया गया है । शालेय शशक्षा हे तु पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना में ववद्याधथगयों
के द्वारा 272782 असाईनमेंट अपलोड ककये गये है , 46861 वचुअ
ग ल कक्षाओ का आयोजन ककया गया है,
शशक्षकों के द्वारा 19549 असाईनमेंट से संबंधधत प्रश्नो को अपलोड ककया गया है , शशक्षको के द्वारा
जाचें गये 246712 असाईनमेंट अपलोड ककये गये हैं, आयोप्जत की जाने वाली आनलाईन कक्षाओं की
संख्या 977562 है, अपलोड लननगग वीडडयो की संख्या 24496, अपलोड लननगग आडडयो की संख्या 1150,

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अपलोड फोटो ( पीडीएफ ) की संख्या 15471 है। इसके अलावा लननगग कोसग मटे ररयल की संख्या 4532
है। इस प्रकार पढई तुंअर दआ
ु र पररयोजना के माध्यम से ववद्यालयीन छात्र एवं छात्राओं को पयागतत
आनलाईन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूणग ककया गया है। पररयोजना में अपलोड ककये
गये कुल आयटम की संख्या 1609194 है। यह पररयोजना वपछले शशक्षा सत्र के शलये तो अत्यन्त
महत्वपूणग रहा ही है , साथ ही साथ वतगमान शशक्षा सत्र 2020-21 के शलये भी उपयोगी शसद्व हो रहा है।

पुंजीयन से सुंिुंगधत तथ्य

कोववड 19 महामारी के कारण शैक्षणणक संस्थानों में प्रत्यक्ष रूप से असंभव हुये अध्ययन एवं
अध्यापन कायग को गनत प्रदान करने के उद्दे श्य से प्रारं भ हुई पररयोजना पढई तुंअर दआ
ु र में पंजीयन
हे तु ववद्याधथगयों द्वारा बहुत अधधक रूधच ददखाई गई। इस पररयोजना में छत्तीसगढ राज्य के अलावा
अन्य दहन्दी भाषी राज्यों के ववद्याधथगयों के द्वारा भी रूधच ददखाई गई। पररयोजना में पंजीयन की
प्स्थनत को सारणी िमांक 3 के माध्यम से प्रदशशगत ककया गया है।

सारणी क्रमाुंक 3
पढई तुुंअर दआ
ु र पररयोजना में महाविद्यालयीन एिुं िालेय शिक्षा के विद्यागथभयों/शिक्षकों के पुंजीयन से
सुंिुंगधत तथ्य

िमांक पढई तंअ


ु र दआ
ु र पररयोजना में पंजीयन सख्या
1 कुल ववप्जटर की संख्या 296580678
2 कुल पंजीकृत शशक्षकों की संख्या 206571
3 कुल पंजीकृत ववद्याधथगयों की संख्या 2513577

सारणी िमांक 3 के माध्यम से पढई तुंअर दआ


ु र पररयोजना में पंजीयन की प्स्थती को प्रदशशगत
ककया गया हैं इस पररयोजना में पंजीयन की सवु वधा शशक्षको एवं ववद्याधथगयों को www.cgschool.in
वेबसाईट के माध्यम से दी गयी है । इसमें पंजीकृत शशक्षकों की संख्या 206571 एवं पंजीकृत ववद्याधथगयों
की संख्या 2513577 है। यदद इस आधार पर ववद्याधथगयों एवं शशक्षकों का अनप
ु ात दे खा जाये तो लगभग
12 अनप ु ात 1 है , आनलाईन शशक्षा के शलये इस अनप
ु ात को बहुत अधधक उत्तम माना जा सकता है ।
परन्तु यदद कुल ववप्जटर की संख्या को आनलाईन शशक्षा लेने वाले ववद्याथी माना जाये तो यह
अनुपात लगभग 1436 अनुपात एक होता है। अभी तक इस पररयोजना की वेबसाईट के ववजीटर की
संख्या 296580678 है, यह संख्या ननप्श्चत रूप इस पररयोजना की उपयोधगता को प्रदशशगत करती है।

ननष्कषभ

छत्तीसगढ राज्य में शशक्षा ववभाग के माध्यम से पढई तुंअर दआ


ु र पररयोजना प्जसको
www.cgschool.in वेबसाईट के माध्यम से ववद्याधथगयों को उपलब्ध कराया जाता है , कक उपयोधगता
अत्यधधक है। इसमें पंजीकृत 2513577 ववद्याथी आनलाईन कक्षाओं, दृश्य-श्रव्य व्याख्यानों एवं ई-सूचना

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स्रोतों को सहजता से प्रातत कर रहे । इससे कोववड 19 महामारी के कारण हुये लाकडाउन के कारण
ववद्यालयों, महाववद्यालयों एवं ववश्वववद्यालयों में अवरूध पडे अध्ययन एवं अध्यापन कायग को पूणग
करने में बहुत अधधक सहायता प्रातत हुई है। इस पररयोजना के माध्यम से छत्तीसगढ में कोववड 19
महामारी के समय में शशक्षा में अननश्चता को समातत कर उत्कृटटता की और बढाया गया है । छत्तीसगढ
राज्य की इस पररयोजना का उपयोग छत्तीसगढ के अलावा अन्य राज्यों के ववद्याथी भी उिा रहे है।

भविष्य की सुंभािना

छत्तीसगढ राज्य शशक्षा के क्षेत्र में पूवग में बहुत अच्छी प्स्थनत नहीं थी, परन्तु राज्य के गिन के
बाद से ही यहां सभी प्रकार की शशक्षा हे तु अधोसंरचना को ववकशसत ककया गया। इन अधोसंरचना में से
आधुननक सूचना प्रौद्योधगकी भी एक शशक्षा के क्षेत्र में ववकास हे तु एक महत्वूपणग संसाधन है । छत्तीसगढ
में राज्य के गिन के बाद से इसको उन्नत बनाने हे तु ननरं तर प्रयास प्रारं भ ककये गये। समय-समय पर
राज्य में वतगमान शशक्षा हे तु अननवायग इन्टरनेट एवं ई-सूचना स्रोतो को अशभगम्य करने के शलये
इलेक्राननक डडवाईस इत्यादद को ववद्याधथगयों को उपलब्ध कराने के प्रयास ककये गये यह प्रयास वतगमान
में भी ननरं तर जारी है। छत्तीसगढ में ननरं तर नवीन शशक्षण संस्थानों की स्थापना की जा रही है , भववटय
में इन सभी शशक्षण संस्थानों में ई-सूचना स्रोत उपलब्ध कराने एवं आनलाईन शशक्षा उपलब्ध कराने हे तु
योजना को प्रस्ताववत ककया गया है।

उपसुंहार

शशक्षा ककसी दे श या प्रदे श में वहां के मानव संसाधन को ववकशसत एवं प्रशशक्षक्षत करने का एक
सशक्त माध्यम है। शशक्षा को एक ननप्श्चत समय सारणी के अनस
ु ार संचाशलत ककया जाता है , परन्तु
कोववड-19 महामारी के समय इस समय सारणी का पालन करना बहुत दग ु म
ग कायग प्रतीक होता था।
छत्तीसगढ राज्य तेजी से ववकास करने वाले राज्यों में अग्रणी राज्य है , यहां समाज के प्रत्येक क्षेत्र को
ववकशसत करने के शलये नवीनतम प्रयास एवं प्रयोग ककये जाते है। शशक्षा को कोववड-19 के समय पण
ू ग
करने के शलये शशक्षा ववभाग छत्तीसगढ शासन के माध्यम से प्रयास ककये गये , उनमें से सबसे महत्पण
ू ग
एवं महत्वकांक्षी पररयोजना पढई तंअ
ु र दआ
ु र है । इस पररयोजना को प्रारं भ में शालेय छात्र/छात्राओं को
प्रारं भ ककया गया था बाद में इस पररयोजना की उपयोधगता को दे खते हुये महाववद्यालय एवं
ववश्वववद्यालयों के ववद्याधथगयों को भी इस पररयोजना की सुववधाओं का लाभ दे ना प्रारं भ ककया गया।
इस पररयोजना के माध्यम से वतगमान में दृश्य-श्रव्य व्याख्यानों एवं आनलाईन कक्षाओं के अलावा
ववद्याथी की समस्याओं का ननराकरण आनलाईन स्वरूप में पूणग ककया जा रहा है । ववद्याधथगयों को इस
पररयोजना के माध्यम से ई-सूचना स्रोतों की उपलब्धता भी सुननप्श्चत की जा रही है । ननप्श्चत ही इस
पररयोजना पढई तुंअर दआ
ु र के माध्यम से छत्तीसगढ राज्य ववशभन्न ववषय क्षेत्रों की शशक्षा में
उत्कृटटता प्रातत करने में सफल होगा।

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सुंदभभ

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ProQuest Ebook Central https://ebookcentral.proquest.com
• Goodfellow, R., Lamy, M., & Lamy, M. L. (Eds.). (2010). Learning cultures in online
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Chhattisgarh], Department of School Education, School education portal, ( 2020, December
11), http://eduportal.cg.nic.in
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Volume XII, Issue VII, July/2020 Page No:2034

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