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राष्ट्रीय शिक्षा

नीति 2020
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कुछ
मुख्य बिन्द ु

✓ केंद्रीय मंबिमंडल ने दे ि में स्कूली और उच्च शिक्षा


प्रणाशलयों में रूपांिरकारी सध
ु ारों का रास्िे साफ करिे हुए
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी
✓ नई नीति का उद्दे श्य 2030 िक स्कूली शिक्षा में
100% जीईआर के साथ पूर्-व वर्द्यालय से माध्यशमक
स्िर िक की शिक्षा के सार्वभौशमकरण का लक्ष्य

✓ एनईपी 2020 स्कूल से दरू रह रहे 2 करोड़ िच्चों को


फफर से मुख्य धारा में लाएगा

✓ 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की आंगनर्ाड़ी /


प्री-स्कूशलंग के साथ नए 5 + 3 + 3 + 4 स्कूली
पाठ्यक्रम

✓ पढ़ने-शलखने और गणना करने की िुतनयादी योग्यिा पर


जोर, स्कूलों में िैक्षणणक धाराओं, पाठ्येिर गतिवर्धधयों
और व्यार्सातयक शिक्षा के िीच खास अंिर नहीं;
इंटनवशिप के साथ कक्षा 6 से व्यार्सातयक शिक्षा िुरू

✓ कम से कम 5 र्ीं कक्षा िक मािभ


ृ ाषा / क्षेिीय भाषा में
पढ़ाई
✓ समग्र वर्कास काडव के साथ मूलयांकन प्रफक्रया में पूरी
िरह सुधार, सीखने की प्रफक्रया में छािों की प्रगति पर
परू ी नजर रखना
उच्च शिक्षा में जीईआर को 2035 िक 50% िक िढ़ाया
जाना; उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी

✓ उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में वर्षयों की वर्वर्धिा होगी

✓ उपयुक्ि प्रमाणीकरण के साथ पाठ्यक्रम के िीच में


नामांकन / तनकास की अनम
ु ति होगी

✓ रांसफर ऑफ क्रेडडट की सुवर्धा के शलए अकादशमक िैंक


ऑफ क्रेडडट की स्थापना की जाएगी

✓ ठोस अनुसंधान संस्कृति को िढ़ार्ा दे ने के शलए राष्ट्रीय


अनस
ु ंधान फाउं डेिन की स्थापना की जाएगी

✓ उच्च शिक्षा के आसान मगर सख्ि वर्तनयमन, वर्शभन्न


कायों के शलए चार अलग-अलग कामों पर एक तनयामक
होगा
✓ महावर्द्यालयों को 15 र्षों में चरणिद्ध स्र्ायत्तिा के
साथ संिद्धिा प्रणाली पूरी की जाएगी

✓ एनईपी 2020 में जरूरि के हहसाि से प्रौद्योधगकी के


उपयोग पर जोर, राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योधगकी मंच की
स्थापनी की जाएगी

✓ एनईपी 2020 में जेंडर इंक्लूजन फंड और र्ंधचि इलाकों


िथा समूहों के शलए वर्िेष शिक्षा क्षेि की स्थापना पर
जोर

✓ नई शिक्षा नीति स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों में


िहुभाषार्ाद को िढ़ार्ा दे िी है ; पाली, फारसी और प्राकृि
के शलए राष्ट्रीय संस्थान, भारिीय अनुर्ाद और व्याख्या
संस्थान की स्थापना की जाएगी

प्रधानमंत्री श्री नरे न्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंरीय मंत्रत्रमंडल ने 29 जुलाई 2020

को राष्ट्रीय शिक्षा नीतत 2020 को मंजरू ी दे दी है जजससे स्कूली और उच्च शिक्षा


दोनों क्षेत्रों में बडे पैमाने पर रूपांतरकारी सुधार के रास्ते खुल गए हैं। यह 21वीं

सदी की पहली शिक्षा नीतत है और यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीतत

(एनपीई), 1986 की जगह लेगी। सबके शलए आसान पहुंच, इजववटी, गण


ु वत्ता,

वहनीयता और जवाबदे ही के आधारभत


ू स्तंभों पर तनशमित यह नई शिक्षा नीतत

सतत ववकास के शलए एजेंडा 2030 के अनक


ु ू ल है और इसका उद्दे श्य 21वीं सदी

की जरूरतों के अनक
ु ू ल स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधधक समग्र, लचीला

बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधाररत जीवंत समाज और ज्ञान की वैजश्वक

महािजवत में बदलना और प्रत्येक छात्र में तनहहत अद्ववतीय क्षमताओं को सामने

लाना है ।

नई शिक्षा नीति की महत्र्पूणव िािें

स्कूली शिक्षा

स्कूली शिक्षा के सभी स्िरों पर सिकी एकसमान पहुंच सुतनश्श्चि करना

एनईपी 2020 स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों प्री-स्कूल से माध्यशमक स्तर तक

सबके शलए एकसमान पहुंच सतु नजश्चत करने पर जोर दे ती है । स्कूल छोड चक
ु े

बच्चों को फिर से मख्


ु य धारा में िाशमल करने के शलए स्कूल के बतु नयादी ढांचे

का ववकास औरर नवीन शिक्षा केंरों की स्थापनी की जाएगी। इस नई शिक्षा नीतत

में छात्रों और उनके सीखने के स्तर पर नज़र रखने, औपचाररक और गैर-

औपचाररक शिक्षा सहहत बच्चों की पढाई के शलए बहुस्तरीय सुववधाएं उपलब्ध


कराने, परामििदाताओं या प्रशिक्षक्षत सामाजजक कायिकतािओं को स्कूल के साथ

जोडने, कक्षा 3, 5 और 8 के शलए एनआईओएस और राज्य ओपन स्कूलों के

माध्यम से ओपन लतनिंग, कक्षा 10 और 12 के समकक्ष माध्यशमक शिक्षा

कायिक्रम, व्यावसातयक पाठ्यक्रम, वयस्क साक्षरता और जीवन-संवधिन कायिक्रम

जैसे कुछ प्रस्ताववत उपाय हैं। एनईपी 2020 के तहत स्कूल से दरू रह रहे लगभग

2 करोड बच्चों को मख्


ु य धारा में वापस लाया जाएगा।

नए पाठ्यक्रम और िैक्षणणक संरचना के साथ प्रारं शभक िचपन की दे खभाल और

शिक्षा

बचपन की दे खभाल और शिक्षा पर जोर दे ते स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे

की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू फकया जाएगा जो

क्रमिः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के शलए है । इसमें अब

तक दरू रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का

प्रावधान है, जजसे ववश्व स्तर पर बच्चे के मानशसक ववकास के शलए महत्वपूणि

चरण के रूप में मान्द्यता दी गई है । नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाडी /

प्री स्कूशलंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी।

एनसीईआरटी 8 र्षव की आयु िक के िच्चों के शलए प्रारं शभक िचपन दे खभाल

और शिक्षा (एनसीपीएफईसीसीई) के शलए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और िैक्षणणक

ढांचा ववकशसत करे गा। एक ववस्तत


ृ और मजबत
ू संस्थान प्रणाली के माध्यम से
प्रारं शभक बचपन दे खभाल और शिक्षा (ईसीसीई) मुहैया कराई जाएगी। इसमें

आंगनवाडी और प्री-स्कूल भी िाशमल होंगे जजसमें इसीसीई शिक्षािास्त्र और

पाठ्यक्रम में प्रशिक्षक्षत शिक्षक और आंगनवाडी कायिकताि होंगे। इसीसीई की योजना

और कायािन्द्वयन मानव संसाधन ववकास, महहला और बाल ववकास (डब््यस


ू ीडी),

स्वास््य और पररवार क्याण (एचएिडब््यू), और जनजातीय मामलों के

मंत्रालयों द्वारा संयुवत रूप से फकया जाएगा।

ितु नयादी साक्षरिा और संख्यात्मक ज्ञान प्राप्ि करना

बुतनयादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान की प्राजतत को सही ढं ग से सीखने के

शलए अत्यंत जरूरी एवं पहली आवश्यकता मानते हुए ‘एनईपी 2020’ में मानव

संसाधन ववकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा ‘ितु नयादी साक्षरिा और संख्यात्मक

ज्ञान पर एक राष्ट्रीय शमिन’ की स्थापना फकए जाने पर वविेष जोर हदया गया

है । राज्य वषि 2025 तक सभी प्राथशमक स्कूलों में ग्रेड 3 तक सभी शिक्षाधथियों

या ववद्याधथियों द्वारा साविभौशमक बुतनयादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रातत

कर लेने के शलए एक कायािन्द्वयन योजना तैयार करें गे। एक राष्ट्रीय पुस्तक

संवधिन नीतत तैयार की जानी है ।

स्कूल के पाठ्यक्रम और अध्यापन-कला में सुधार

स्कूल के पाठ्यक्रम और अध्यापन-कला का लक्ष्य यह होगा फक 21वीं सदी के

प्रमुख कौिल या व्यावहाररक जानकाररयों से ववद्याधथियों को लैस करके उनका


समग्र ववकास फकया जाए और आवश्यक ज्ञान प्राजतत एवं अपररहायि धचंतन को

बढाने व अनुभवात्मक शिक्षण पर अधधक िोकस करने के शलए पाठ्यक्रम को

कम फकया जाए। ववद्याधथियों को पसंदीदा ववषय चन


ु ने के शलए कई ववक्प हदए

जाएंगे। कला एवं ववज्ञान के बीच, पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गततववधधयों के बीच

और व्यावसातयक एवं िैक्षणणक ववषयों के बीच सख्त रूप में कोई शभन्द्नता नहीं

होगी।

स्कूलों में छठे ग्रेड से ही व्यावसातयक शिक्षा िरू


ु हो जाएगी और इसमें इंटनिशिप

िाशमल होगी।

एक नई एवं व्यापक स्कूली शिक्षा के शलए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरे खा

‘एनसीएिएसई 2020-21’ एनसीईआरटी द्वारा ववकशसत की जाएगी।

िहुभाषार्ाद और भाषा की िाकि

नीतत में कम से कम ग्रेड 5 तक, अच्छा हो फक ग्रेड 8 तक और उससे आगे भी

मातभ
ृ ाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा को ही शिक्षा का माध्यम रखने पर वविेष

जोर हदया गया है। ववद्याधथियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में

संस्कृत को एक ववक्प के रूप में चन


ु ने का अवसर हदया जाएगा। त्रत्र-भाषा

िॉमूल
ि े में भी यह ववक्प िाशमल होगा। फकसी भी ववद्याथी पर कोई भी भाषा

नहीं थोपी जाएगी। भारत की अन्द्य पारं पररक भाषाएं और साहहत्य भी ववक्प के

रूप में उपलब्ध होंगे। ववद्याधथियों को ‘एक भारत श्रेष्ट्ठ भारत’ पहल के तहत 6-
8 ग्रेड के दौरान फकसी समय ‘भारत की भाषाओं’ पर एक आनंददायक

पररयोजना/गततववधध में भाग लेना होगा। कई ववदे िी भाषाओं को भी माध्यशमक

शिक्षा स्तर पर एक ववक्प के रूप में चन


ु ा जा सकेगा। भारतीय संकेत भाषा

यानी साइन लैंग्वेज (आईएसएल) को दे ि भर में मानकीकृत फकया जाएगा और

बधधर ववद्याधथियों द्वारा उपयोग फकए जाने के शलए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय

पाठ्यक्रम सामग्री ववकशसत की जाएंगी।

आकलन में सध
ु ार

‘एनईपी 2020’ में योगात्मक आकलन के बजाय तनयशमत एवं रचनात्मक आकलन

को अपनाने की पररक्पना की गई है , जो अपेक्षाकृत अधधक योग्यता-आधाररत

है , सीखने के साथ-साथ अपना ववकास करने को बढावा दे ता है , और उच्चस्तरीय

कौिल जैसे फक ववश्लेषण क्षमता, आवश्यक धचंतन-मनन करने की क्षमता और

वैचाररक स्पष्ट्टता का आकलन करता है। सभी ववद्याथी ग्रे ड 3, 5 और 8 में

स्कूली परीक्षाएं दें गे, जो उपयुवत प्राधधकरण द्वारा संचाशलत की जाएंगी। ग्रेड 10

एवं 12 के शलए बोडि परीक्षाएं जारी रखी जाएंगी, लेफकन समग्र ववकास करने के

लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इन्द्हें नया स्वरूप हदया जाएगा। एक नया राष्ट्रीय

आकलन केंद्र ‘परख (समग्र वर्कास के शलए कायव-प्रदिवन आकलन, समीक्षा और

ज्ञान का वर्श्लेषण) एक मानक-तनधािरक तनकाय के रूप में स्थावपत फकया जाएगा।

समान और समार्ेिी शिक्षा


‘एनईपी 2020’ का लक्ष्य यह सुतनजश्चत करना है फक कोई भी बच्चा अपने जन्द्म

या पष्ट्ृ ठभूशम से जुडी पररजस्थततयों के कारण ज्ञान प्राजतत या सीखने और उत्कृष्ट्टता

प्रातत करने के फकसी भी अवसर से वंधचत नहीं रह जाए। इसके तहत वविेष जोर

सामाजजक और आधथिक दृजष्ट्ट से वंधचत समह


ू ों (एसईडीजी) पर रहे गा जजनमें

बालक-बाशलका, सामाजजक-सांस्कृततक और भौगोशलक संबंधी ववशिष्ट्ट पहचान एवं

हदव्यांगता िाशमल हैं। इसमें बुतनयादी सवु वधाओं से वंधचत क्षेत्रों एवं समूहों के

शलए िालक-िाशलका समार्ेिी कोष और वर्िेष शिक्षा जोन की स्थापना करना भी

िाशमल है । हदव्यांग बच्चों को बुतनयादी चरण से लेकर उच्च शिक्षा तक की

तनयशमत स्कूली शिक्षा प्रफक्रया में परू ी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाया जाएगा

जजसमें शिक्षावविारद का परू ा सहयोग शमलेगा और इसके साथ ही हदव्यांगता

संबंधी समस्त प्रशिक्षण, संसाधन केंर, आवास, सहायक उपकरण, प्रौद्योधगकी-

आधाररत उपयुवत उपकरण और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप अन्द्य सहायक

व्यवस्थाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक राज्य/जजले को कला-संबंधी, कैररयर-

संबंधी और खेलकूद-संबंधी गततववधधयों में ववद्याधथियों के भाग लेने के शलए हदन

के समय वाले एक वविेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में ‘िाल भर्न’ स्थावपत करने के

शलए प्रोत्साहहत फकया जाएगा। स्कूल की तन:िु्क बुतनयादी ढांचागत सुववधाओं

का उपयोग सामाश्जक चेिना केंद्रों के रूप में फकया जा सकता है ।

प्रभार्कारी शिक्षक भिी और कररयर प्रगति मागव


शिक्षकों को प्रभावकारी एवं पारदिी प्रफक्रयाओं के जररए भती फकया जाएगा।

पदोन्द्नतत योग्यता आधाररत होगी जजसमें कई स्रोतों से समय-समय पर कायि-

प्रदििन का आकलन करने और कररयर में आगे बढकर िैक्षणणक प्रिासक या

शिक्षावविारद बनने की व्यवस्था होगी। शिक्षकों के शलए राष्ट्रीय प्रोफेिनल मानक

(एनपीएसटी) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा पररषद द्वारा वषि 2022 तक ववकशसत

फकया जाएगा, जजसके शलए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी स्तरों

एवं क्षेत्रों के वविेषज्ञ संगठनों के साथ परामिि फकया जाएगा।

स्कूल प्रिासन

स्कूलों को पररसरों या वलस्टरों में व्यवजस्थत फकया जा सकता है जो प्रिासन

(गवनेंस) की मल
ू इकाई होगा और बतु नयादी ढांचागत सवु वधाओं, िैक्षणणक

पुस्तकालयों और एक प्रभावकारी प्रोिेिनल शिक्षक-समुदाय सहहत सभी संसाधनों

की उपलब्धता सुतनजश्चत करे गा।

स्कूली शिक्षा के शलए मानक-तनधावरण एर्ं प्रत्यायन

एनईपी 2020 नीतत तनमािण, ववतनयमन, प्रचालनों तथा अकादशमक मामलों के

शलए एक स्पष्ट्ट, पथ
ृ क प्रणाली की पररक्पना करती है । राज्य/केंर िाशसत

प्रदे ि स्वतंत्र स्टे ट स्कूल स्टैंडर्डवस अथाररटी (एसएसएसए) का गठन करे गे। सभी

मल
ू भत
ू तनयामकीय सच
ू ना का पारदिी साविजतनक स्व-प्रकटन, जैसाफक
एसएसएसए द्वारा वणणित है , का उपयोग व्यापक रूप से साविजतनक तनगरानी

एवं जवाबदे ही के शलए फकया जाएगा। एससीईआरटी सभी हहतधारकों के परामिि

के जररये एक स्कूल गण
ु र्त्ता आकलन एर्ं प्रत्यायन संरचना (एसक्यए
ू एएफ) का

ववकास करे गा।

उच्चिर शिक्षा

2035 िक जीईआर को िढ़ाकर 50 प्रतििि करना

एनईपी 2020 का लक्ष्य व्यवसातयक शिक्षा सहहत उच्चतर शिक्षा में सकल

नामांकन अनुपात को 26.3 प्रततित (2018) से बढाकर 2035 तक 50 प्रततित

करना है। उच्चतर शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड नई सीटें जोडी जाएंगी।

समग्र िहुवर्षयक शिक्षा

नीति में लचीले पाठ्यक्रम, वर्षयों के रचनात्मक संयोजन, व्यार्सातयक शिक्षा

एर्ं उपयक्
ु ि प्रमाणन के साथ मलटीपल एंरी एर्ं एश्क्जट बिन्दओ
ु ं के साथ

व्यापक, बहुववषयक, समग्र अवर स्नातक शिक्षा की पररक्पना की गई है ।

यूजी शिक्षा इस अवधध के भीतर ववववध एजवजट ववक्पों तथा उपयुवत

प्रमाणन के साथ 3 या 4 वषि की हो सकती है । उदाहरण के शलए, 1 वषि के

बाद सहटि फिकेट, 2 वषों के बाद एडवांस र्डतलोमा, 3 वषों के बाद स्नातक की

र्डग्री तथा 4 वषों के बाद िोध के साथ स्नातक।


ववशभन्द्न एचईआई से अजजित र्डजजटल रूप से अकादशमक क्रेर्डटों के शलए एक

एकेडशमक िैंक आफ क्रेडडट की स्थापना की जानी है जजससे फक इन्द्हें अजजित

अंततम र्डग्री की हदिा में अंतररत एवं गणना की जा सके।

दे ि में वैजश्वक मानकों के सविश्रेष्ट्ठ बहुववषयक शिक्षा के माडलों के रूप में

आईआईटी, आईआईएम के समकक्ष िहुवर्षयक शिक्षा एर्ं अनुसध


ं ान

वर्श्र्वर्द्यालय (एमईआरयू)स्थावपत फकए जाएंगे

पूरी उच्च शिक्षा में एक मजबूत अनुसंधान संस्कृतत तथा अनुसध


ं ान क्षमता को

बढावा दे ने के शलए एक िीषि तनकाय के रूप में राष्ट्रीय अनुसंधान िाउं डेिन का

सज
ृ न फकया जाएगा।

वर्तनयमन

धचफकत्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोडकर समस्त उच्च शिक्षा के शलए एक एकल

अतत महत्वपण
ू ि व्यापक तनकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग

(एचईसीआई) का गठन फकया जाएगा।

एचईसीआई के चार स्वतंत्र वहटिकल होंगे- ववतनयमन के शलए राष्ट्रीय उच्चतर

शिक्षा तनयामकीय पररषद (एनएचईआरसी), मानक तनधािरण के शलए सामान्द्य

शिक्षा पररषद (जीईसी), ववत पोषण के शलए उच्चतर शिक्षा अनद


ु ान पररषद

(एचईजीसी) और प्रत्यायन के शलए राष्ट्रीय प्रत्यायन पररषद (एनएसी)।

एचईसीआई प्रौद्योधगकी के जररये चेहरारहहत अंतःक्षेपों के माध्यम से कायि


करे गा और इसमें तनयमों तथा मानकों का अनुपालन न करने वाले एचईआई को

दं र्डत करने की िजवत होगी। साविजतनक एवं तनजी उच्चतर शिक्षा संस्थान

ववतनयमन, प्रत्यायन एवं अकादशमक मानकों के उसी समह


ू द्वारा िाशसत होंगे।

वर्र्ेकपण
ू व संस्थागि संरचना

उच्चतर शिक्षा संस्थानों को उच्च गण


ु वत्तापूणि शिक्षण, अनुसंधान एवं

सामुदातयक भागीदारी उपलब्ध कराने के जररये बडे, साधन संपन्द्न, गततिील

बहु ववषयक संस्थानों में रूपांतररत कर हदया जाएगा। ववश्वववद्यालय की

पररभाषा में संस्थानों की एक ववस्तत


ृ श्रेणी होगी श्जसमें अनुसंधान केंहद्रि

वर्श्र्वर्द्यालयों से शिक्षण केंहद्रि वर्श्र्वर्द्यालय िथा स्र्ायत्तिासी डडग्री प्रदान

करने र्ाले महावर्द्यालय िाशमल होंगे।

महाववद्यालयों की संबद्धता 15 वषों में चरणबद्ध तरीके से समातत हो जाएगी

तथा महाववद्यालयों को क्रशमक स्र्ायत्ता प्रदान करने के शलए एक राज्य वार

तंत्र की स्थापना की जाएगी। ऐसी पररक्पना की जाती है फक कुछ समय के

बाद प्रत्येक महाववद्यालय या तो एक स्वायत्तिासी र्डग्री प्रदान करने वाले

महाववद्यालय में ववकशसत हो जाएंगे या फकसी ववश्वववद्यालय के संघटक

महाववद्यालय बन जाएंगे।

प्रेररि, ऊजाविील और सक्षम संकाय


एनईपी सुस्पष्ट्ट रूप से पररभावषत, स्वतंत्र, पारदिी तनयजु वत,

पाठ्यक्रम/अध्यापन कला र्डजाइन करने की स्वतंत्रता, उत्कृष्ट्टता को प्रोत्साहन

दे न,े संस्थागत नेतत्ृ व के जररये प्रेरक, ऊजाििील एवं संकाय के क्षमता तनमािण

की अनि
ु ंसा करता है। इन मल
ू भत
ू तनयमों का पालन न करने वाले संकायों को

जबावदे ह ठहराया जाएगा।

अध्यापक शिक्षण

एनसीईआरटी के परामिि से, एनसीटीई के द्वारा अध्यापक शिक्षण के शलए एक

नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा, एनसीएफटीई 2021 तैयार फकया

जाएगा। वषि2030 तक ,शिक्षण कायि करने के शलए कम से कम योग्यता 4

वषीय इंटीग्रेटेड बीएड र्डग्री हो जाएगी। गण


ु वत्ताववहीन स्वचाशलत अध्यापक शिक्षण

संस्थान) टीईओ (के णखलाि सख्त कारि वाई की जाएगी।

परामिव शमिन

एक राष्ट्रीय सलाह शमिन की स्थापना की जाएगी, जजसमें उत्कृष्ट्टता वाले

वररष्ट्ठ/सेवातनवत्त
ृ संकाय का एक बडा पूल होगा -जजसमें भारतीय भाषाओं में पढाने

की क्षमता वाले लोग िाशमल होंगें -जो फक ववश्वववद्यालय/कॉलेज के शिक्षकों को

लघु और दीघिकाशलक परामिि/व्यावसातयक सहायता प्रदान करने के शलए तैयार

करें गे।
छािों के शलए वर्त्तीय सहायिा

एससी, एसटी, ओबीसी और अन्द्य ववशिष्ट्ट श्रेणणयों से जुडे हुए छात्रों की योग्यता

को प्रोत्साहहत करने का प्रयास फकया जाएगा। छात्रववृ त्त प्रातत करने वाले छात्रों की

प्रगतत को समथिन प्रदान करना, उसे बढावा दे ना और उनकी प्रगतत को रै क करने

के शलए राष्ट्रीय छात्रववृ त्त पोटि ल का ववस्तार फकया जाएगा। तनजी उच्च शिक्षण

संस्थानों को अपने यहां छात्रों को बडी संख्या में मुफ्त शिक्षा और छात्रववृ त्तयों की

पेिकि करने के शलए प्रोत्साहहत फकया जाएगा।

खुली और दरू स्थ शिक्षा

जीईआर को बढावा दे ने में महत्वपण


ू ि भूशमका तनभाने के शलए इसका ववस्तार

फकया जाएगा। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और र्डजजटल संग्रहों, अनुसंधान के शलए

ववत्तपोषण, बेहतर छात्र सेवाएं, एमओओसी द्वारा क्रेर्डट आधाररत मान्द्यता आहद

जैसे उपायों को यह सुतनजश्चत करने के शलए अपनाया जाएगा फक यह उच्चतम

गुणवत्ता वाले इन-वलास कायिक्रमों के समत्


ु य हों।

ऑनलाइन शिक्षा और डडश्जटल शिक्षा:


हाल ही में महामारी और वैजश्वक महामारी में वद्
ृ धध होने के पररणामस्वरूप

ऑनलाइन शिक्षा को बढावा दे ने के शलए शसिाररिों के एक व्यापक सेट को कवर

फकया गया है ,जजससे जब कभी और जहां भी पारं पररक और व्यजवतगत शिक्षा

प्रातत करने का साधन उपलब्ध होना संभव नहीं हैं, गण


ु वत्तापण
ू ि शिक्षा के वैकज्पक

साधनों की तैयाररयों को सतु नजश्चत करने के शलए ,स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों

को ई-शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के शलए एमएचआरडी में र्डजजटल

अवसंरचना, र्डजजटल कंटें ट और क्षमता तनमािण के उद्दे श्य से एक समवपित इकाई

बनाई जाएगी।

शिक्षा में प्रौद्योधगकी

सीखने, मू्यांकन करने, योजना बनाने, प्रिासन को बढावा दे ने के शलए ,

प्रौद्योधगकी का उपयोग करने पर ववचारों का मुवत आदान-प्रदान करने हे तु एक

मंच प्रदान करने के शलए एक स्र्ायत्त तनकाय, राष्ट्रीय िैक्षक्षक प्रौद्योधगकी मंच

)एनईटीएफ) का तनमािण फकया जाएगा। शिक्षा के सभी स्तरों में ,प्रौद्योधगकी का

सही रूप से एकीकरण करके ,उसका उपयोग कक्षा प्रफक्रयाओं में सुधार लाने,

पेिेवर शिक्षकों के ववकास को समथिन प्रदान करने, वंधचत समूहों के शलए िैक्षक्षक

पहुंच बढाने और िैक्षक्षक योजना, प्रिासन और प्रबंधन को कारगर बनाने के शलए

फकया जाएगा।
भारिीय भाषाओं को िढ़ार्ा

सभी भारतीय भाषाओं के शलए संरक्षण, ववकास और जीवंतता सुतनजश्चत करने

के शलए, एनईपी द्वारा पाली, िारसी और प्राकृत भाषाओं के शलए एक इंडडयन

इंस्टीट्यूट ऑफ रांसलेिन एंड इंटरवप्रटे िन) आईआईटीआई(, राष्ट्रीय संस्थान) या

संस्थान (की स्थापना करने, उच्च शिक्षण संस्थानों में संस्कृत और सभी भाषा

ववभागों को मजबत
ू करने और ज्यादा से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों के कायिक्रमों

में ,शिक्षा के माध्यम के रूप में मातभ


ृ ाषा /स्थानीय भाषा का उपयोग करने की

शसिाररि की गई है।

शिक्षा के अंिरावष्ट्रीयकरण को संस्थागत रूप से सहयोग और छात्र और संकाय

की गततिीलता दोनों के माध्यम से सग


ु म बनाया जाएगा और हमारे दे ि में

पररसरों को खोलने के शलए िीषि ववश्व रैंफकंग रखने वाले ववश्वववद्यालयों के प्रवेि

करने की अनुमतत प्रदान की जाएगी।

व्यार्सातयक शिक्षा

सभी व्यावसातयक शिक्षाओं को उच्च शिक्षा प्रणाली का अशभन्द्न अंग बनाया

जाएगा। स्वचशलत तकनीकी ववश्वववद्यालयों, स्वास््य ववज्ञान ववश्वववद्यालयों,

कानूनी और कृवष ववश्वववद्यालयों आहद को उद्दे श्य बहु-ववषयक संस्थान बनना

होगा।

प्रौढ़ शिक्षा
इस नीतत का लक्ष्य 2030 तक 100% यव
ु ा और प्रौढ साक्षरता की प्राजतत करना

है ।

वर्त्तपोषण शिक्षा

शिक्षा पहले की तरह 'लाभ के शलए नहीं' व्यहार पर आधाररत होगी जजसके शलए

पयाितत रूप से धन मुहैया कराया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र में साविजतनक तनवेि को

बढावा दे ने के शलए, केंर और राज्य शमलकर काम करें गे जजससे जीडीपी में इसका

योगदान ज्द से ज्द 6% हो सके।

अभूिपूर्व परामिव

राष्ट्रीय शिक्षा नीतत 2020 को ,परामिों की अभत


ू पव
ू ि प्रफक्रयाओं के बाद तैयार

फकया गया है जजसमें 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6,600 ब्लॉकों, 6,000 यूएलबी,

676 जजलों से प्रातत हुए लगभग 2 लाख से ज्यादा सुझावों को िाशमल फकया

गया है। एमएचआरडी द्वारा जनवरी 2015 से इस अभूतपूवि सहयोगात्मक,

समावेिी और अत्यधधक भागीदारी वाली परामिि प्रफक्रया की िुरूआत की गई।

मई 2016 में, ‘नई शिक्षा नीतत के ववकास के शलए गहठत सशमतत ने अपनी

ररपोटि प्रस्तत
ु की ,जजसकी अध्यक्षता स्वगीय श्री टी.एस .आर .सब्र
ु मण्यन, पव
ू ि

कैत्रबनेट सधचव ने की थी। उसने इसके आधार पर, मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा
नीतत, 2016के शलए कुछ इनपुट तैयार फकए। जून 2017 में ,प्रख्याि र्ैज्ञातनक ,

पद्म वर्भूषण डॉ के कस्िूरीरं गन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीतत के मसौदे

के शलए एक सशमतत का गठन फकया गया था, जजसने 31 मई, 2019को माननीय

मानव संसाधन ववकास मंत्री को राष्ट्रीय शिक्षा नीतत, 2019का मसौदा प्रस्तत

फकया। राष्ट्रीय शिक्षा नीतत 2019 का मसौदा ,एमएचआरडी की वेबसाइट पर और

'माईगव इनोवेट' पोटिल पर अपलोड फकया गया, जजसमें आम नागररक सहहत

हहतधारकों के ववचारों/सुझावों/हटतपणणयों को प्रातत फकया गया।

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