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दिल्ली पब्लिक स्कूल, जम्मू

सत्र(2024-25)
प्रदििर्श प्रश्नपत्र (C.T.-1)
कक्षा- िसवी ीं दवषय- द ीं िी
खींड-अ
प्रश्न 1. दिम्नदलब्लखि अपदिि गद्ाींर् ीं क ध्यािपूवशक पढ़कर प ले िीि प्रश्न ीं के बहुदवकल्पीय और ि प्रश्न ीं के
लघु त्तरात्मक़ उत्तर िीदजए-
वर्तमान युग कंप्यूटर युग है । यदि भारर्वर्त पर नज़र िौडाकर िे खें र्ो हम पाएँ गे दक जीवन के लगभग सभी क्षे त्ों में कंप्यूटर
का प्रवेश हो गया है । बैंक, रे लवे स्टे शन, हवाई अड्डे , डाकखाने, बडे -बडे उद्योग-कारखाने , व्यवसाय, दहसाब-दकर्ाब, रुपये
दगनने र्क की मशीनें कंप्यूटरीकृर् हो गई हैं । अब भी यह कंप्यूटर का प्रारं दभक प्रयोग है । आने वाला समय इसके दवस्तृ र्
फैलाव का संकेर् िे रहा है । प्रश्न उठर्ा है दक क्या कंप्यूटर आज की ज़रूरर् है ? इसका उत्तर है -कंप्यूटर जीवन की मूलभू र्
अदनवायत वस्तु र्ो नहीं है , दकन्तु इसके दबना आज की िु दनया अधूरी जान पडर्ी है । सां साररक गदर्दवदधयों, पररवहन और
संचार उपकरणों आदि का ऐसा दवस्तार हो गया है दक उन्हें सुचारू रूप से चलाना अत्यंर् कदठन होर्ा जा रहा है । पहले
मनु ष्य जीवन-भर में अगर सौ लोगों के संपकत में आर्ा था र्ो आज वह िो-हज़ार लोगों के संपकत में आर्ा है । पहले दिन में
पाँ च-िस लोगों से दमलर्ा था र्ो आज पचास-सौ लोगों से दमलर्ा है । पहले वह दिन में काम करर्ा था र्ो आज रार्ें भी व्यस्त
रहर्ी हैं । आज व्यक्ति के संपकत बढ़ रहे हैं , व्यापार बढ़ रहे हैं , गदर्दवदधयाँ बढ़ रही हैं , आकां क्षाएँ बढ़ रही हैं , साधन बढ़ रहे
हैं । इस अदनयंदत्र् गदर् को सुव्यवस्था िे ने की समस्या आज की प्रमु ख समस्या है । कहर्े हैं , आवश्यकर्ा आदवष्कार की
जननी है । इस आवश्यकर्ा ने अपने अनु सार दनिान ढू ँ ढ़ दलया है । कंप्यूटर एक ऐसी स्वचादलर् प्रणाली है जो कैसी भी
अव्यवस्था को व्यवस्था में बिल सकर्ी है । हडबडी में होने वाली मानवीय भू लों के दलए कंप्यूटर रामबाण और्दध है । दिकेट
के मै िान में अंपायर की दनणात यक भू दमका हो या लाखों-करोडों की लं बी-लं बी गणनाएँ कंप्यूटर पलक झपकर्े ही आपकी
समस्या हल कर सकर्ा है । पहले इन कामों को करने वाले कमत चारी हडबडाकर काम करर्े थे , एक भू ल से घबराकर और
अदधक गडबडी करर्े थे । पररणामस्वरूप, काम कम, र्नाव अदधक होर्ा था। अब कंप्यूटर की सहायर्ा से काफी सुदवधा हो
गई है ।

i) वर्तमान युग कंप्यूटर का युग क्यों है ?


क) कंप्यूटर के दबना जीवन की कल्पना असंभव-सी हो गयी है ।
ख) कंप्यूटर ने पूरे दवश्व के लोगों को जोड दिया है ।
ग) कंप्यूटर जीवन की अदनवायत मू लभू र् वस्तु बन गया है ।
घ) कंप्यूटर मानव सभ्यर्ा के सभी अंगों का अदभन्न अवयव मी बन चुका है ।

ii) गद्यां श के अनु सार, कंप्यूटर के महत्त्व के दवर्य में कौन-सा दवकल्प सही है ?
क) कंप्यूटर काम के र्नाव को समाप्त करने का उपाय है
ख) कंप्यूटर कई मानवीय भू लों को दनणात यक रूप से सुधार िे र्ा है
ग) कंप्यूटर के आने से सारी हडबडाहट िू र हो गई है
घ) मानव की सारी समस्याओं का हल कंप्यूटर द्वारा ही संभव है

iii) गद्यां श के अनु सार, दकस आवश्यकर्ा ने कंप्यूटर में अपना दनिान िू ँ ढ दलया है ?
क) अदनयंदत्र् कमत चाररयों को अनु शादसर् करने की
ख) अदनयंदत्र् गदर् को सुव्यवस्था िे ने की
ग) अदधक-से-अदधक लोगों से जु ड, जन-जागरण लाने की
घ) अदधक-से-अदधक कायत कभी भी व कहीं भी करने की

iv) कंप्यूटर के प्रयोग से पहले अदधक र्नाव क्यों होर्ा था?

v) कंप्यूटर के दबना आज की िु दनया की अधूरी का क्या कारण है ?


प्रश्न 2. दिम्नदलब्लखि प्रश्न ीं के दििे र्ािु सार उत्तर िीदजए :-

क) साहसी व्यक्ति संकट में घबरार्े नहीं है (दमश्र वाक्य में बनाइए)

ख) उसने मे हनर्नहीं की,इसदलए वह रह गया (सरल वाक्य में बनाइए)

प्रश्न 3. दिम्नदलब्लखि मु ावर ीं का प्रय ग वाक्य में इस प्रकार कीदजए की अर्श स्पष्ट जाए : -

क) आडे हाथों ले ना

ख) दसर पर र्लवार लटकना

खींड- ब

प्रश्न 4. (क) दिम्नदलब्लखि प्रश्न ीं के उत्तर 25-30 र्ब् ीं में िीदजए- (क ई एक )

(i) कबीर ने ईश्वर का दनवास कहाँ बर्ाया है ?


(ii) "जब मैं था र्ब हरर नहीं, अब हरर है मैं नाँ दह", पंक्ति का आशय स्पष्ट करें |

(ख) दिम्नदलब्लखि प्रश्न ीं के उत्तर 25-30 र्ब् ीं में िीदजए- (क ई एक )

(i) बडे भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आर्ी है?
(ii) "बुदनयाि ही पुख्ता न हो र्ो मकान कैसे पायेिार बने", आशय सपष्ट करें |

प्रश्न 5. दिम्नदलब्लखि दवषय पर अिुच्छेि दलब्लखए - (र्ब् सीमा 120)

सबक भाए मधु र वाणी

संकेर् दबंिु

 मधुर वाणी सबको दप्रय


 मधुर वाणी एक और्दध
 मधुरवाणी का प्रभाव
 मधुर वाणी की प्रासंदगकर्ा।

प्रश्न 6. अपिे दवद्ालय के प्रधािाचायश क प्रार्शिा पत्र दलब्लखए दजसमें अपिे पररवार की खराब आदर्शक ब्लथर्दि का
उल्ले ख करिे हुए आदर्शक स ायिा पािे का दिवे िि दकया गया ।

अर्वा

आप िवयुग सीदियर सेकेंडर ी स्कूल, म ावीर एन्क्लेव दिल्ली के िसवी ीं के छात्र । िर् रा अवकार् में राजथर्ाि
भ्रमण के दलए र्ैदक्षक टू र का आय जि करिे के दलए दवद्ालय की प्रधािाचायाश क प्रार्शिा-पत्र दलब्लखए।

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