You are on page 1of 7

लग: Gender – Hindi Grammar for Students and Children

 admin  November 1, 2017  Hindi Grammar  1,427 Views

लग: Gender क प रभाषा


सं ा के जस प से या व तु क नर या मादा जा त का बोध हो, उसे ाकरण म ‘ लग’ कहते है।

सरे श द म – सं ा श द के जस प से उसके पु ष या ी जा त होने का पता चलता है, उसे लग कहते है।


सरल श द म – श द क जा त को ‘ लग’ कहते है।

जैस:े

पु ष जा त – बैल, बकरा, मोर, मोहन, लड़का आ द।

ी जा त – गाय, बकरी, मोरनी, मो हनी, लड़क आ द।

‘ लग’ सं कृत भाषा का एक श द है, जसका अथ होता है ‘ च ’ या ‘ नशान’। च या नशान कसी सं ा का ही होता है। ‘सं ा’ कसी व तु

के नाम को कहते है और व तु या तो पु षजा त क होगी या ीजा त क । ता पय यह है क येक सं ा पुं लग होगी या ी लग। सं ा के


भी दो प ह। एक, अ णवाचक सं ा – लोटा, याली, पेड़, प ा इ या द और सरा, ा णवाचक सं ा – घोड़ा-घोड़ी, माता- पता, लड़का-
लड़क इ या द।

लग के भेद
सारी सृ क तीन मु य जा तयाँ ह – (1) पु ष (2) ी और (3) जड़।

अनेक भाषा म इ ह तीन जा तय के आधार पर लग के तीन भेद कये गये ह – (1) पुं लग (2) ी लग और (3) नपुंसक लग।

अँगरेजी ाकरण म लग का नणय इसी व था के अनुसार होता है। मराठ , गुजराती आ द आधु नक आयभाषा म भी यह व था
य -क - य चली आ रही है। इसके वपरीत, ह द म दो ही लग – पुं लग और ी लग – ह। नपुंसक लग यहाँ नह ह। अतः, ह द म
सारे पदाथवाचक श द, चाहे वे चेतन ह या जड़, ी लग और पुं लग, इन दो लग म वभ है।

हद ाकरण म लग के दो भेद होते है:

(1) पु लग (Masculine Gender)

(2) ी लग ( Feminine Gender)

(1) पु लग: जन सं ा श द से पु ष जा त का बोध होता है, उसे पु लग कहते है।

जैसे –
सजीव – कु ा, बालक, खटमल, पता, राजा, घोड़ा, ब दर, हंस, बकरा, लड़का इ या द।

नज व पदाथ – मकान, फूल, नाटक, लोहा, च मा इ या द।

भाव – ःख, लगाव, इ या द।

(2) ी लग: जस सं ा श द से ी जा त का बोध होता है, उसे ी लग कहते है।

जैसे –
सजीव – माता, रानी, घोड़ी, कु तया, बंद रया, हं सनी, लड़क , बकरी,जूँ।

नज व पदाथ – सूई, कुस , गदन इ या द।

भाव – ल जा, बनावट इ या द।

पु लंग क पहचान

(1) कुछ सं ाएँ हमेशा पु लंग रहती है – खटमल, भेड़या, खरगोश, चीता, म छर, प ी, आ द।

(2) समूहवाचक सं ा – म डल, समाज, दल, समूह, वग आ द।

(3) भारी और बेडौल व तुअ – जूता, र सा, लोटा ,पहाड़ आ द।

(4) दन के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार, शु वार, श नवार, र ववार आ द।

(5) महीनो के नाम – फरवरी, माच, चैत, वैशाख आ द। (अपवाद – जनवरी, मई, जुलाई – ी लग)

(6) पवत के नाम – हमालय, व ाचल, सतपुड़ा, आ स, यूराल, कंचनजंगा, एवरे ट, फूजीयामा आ द।

(7) दे श के नाम – भारत, चीन, इरान, अमे रका आ द।

(8) न , व ह के नाम – सूय, च , रा , श न, आकाश, बृह प त, बुध आ द। (अपवाद – पृ वी – ी लग)

(9) धातु – सोना, तांबा, पीतल, लोहा, आ द। 


(10) वृ , फलो के नाम – अम द, केला, शीशम, पीपल, दे वदार, चनार, बरगद, अशोक, पलाश, आम आ द।

(11) अनाज के नाम – गे ँ, बाजरा, चना, जौ आ द। (अपवाद – म क , वार, अरहर, मूँग – ी लग)

(12) र न के नाम – नीलम, पुखराज, मूँगा, मा ण य, प ा, मोती, हीरा आ द।

(13) फूल के नाम – गदा, मो तया, कमल, गुलाब आ द।

(14) दे श और नगर के नाम – द ली, ल दन, चीन, स, भारत आ द।

(15) व पदाथ के नाम – शरबत, दही, ध, पानी, तेल, कोयला, पे ोल, घी आ द। (अपवाद – चाय, कॉफ , ल सी, चटनी – ी लग)

(16) समय – घंटा, पल, ण, मनट, सेकड आ द।

(17) प – अंडमान- नकोबार, जावा, यूबा, यू फाउंडलड आ द।

(18) सागर – हद महासागर, शांत महासागर, अरब सागर आ द।

(19) वणमाला के अ र – क्, ख्, ग्, घ्, त्, थ्, अ, आ, उ, ऊ आ द। (अपवाद – इ, ई, ऋ – ी लग)

(20) शरीर के अंग – हाथ, पैर, गला, अँगठ


ू ा, कान, सर, म तक, मुँह, घुटना, दय, दाँत आ द। (अपवाद – जीभ, आँख, नाक, उँग लयाँ -

ी लग)

(21) आकारा त सं ाय- गु सा, च मा, पैसा, छाता आ द।

(22) ‘दान, खाना, वाला’ आ द से अंत होने वाले अ धकतर श द पु लंग होते ह; जैसे – खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, धवाला
आ द।

(23) अ, आ, आव, पा, पन, क, व, आवा तथा औड़ा से अंत होने वाली सं ाएँ पु लंग होती ह:

अ – खेल, रेल, बाग, हार, यं आ द।

आ – लोटा, मोटा, गोटा, घोड़ा, हीरा आ द।

आव – पुलाव, राव, बहाव, फैलाव, झुकाव आ द।

पा – बुढ़ापा, मोटापा, पुजापा आ द।

पन – लड़कपन, अपनापन, बचपन, सीधापन आ द।

क – लेखक, गायक, बालक, नायक आ द।

व – मम व, पु ष व, ी व, मनु य व आ द।

आवा – भुलावा, छलावा, दखावा, चढ़ावा आ द।

औड़ा – पकौड़ा, हथौड़ा आ द।



(24) म छर, गडा, कौआ, भालू, तोता, गीदड़, जराफ, खरगोश, जेबरा आ द सदै व पु लंग होते ह।

(25) कुछ ा णवाचक श द, जो सदै व पु ष जा त का बोध कराते ह; जैस-े बालक, गीदड़, कौआ, क व, साधु आ द।

ी लग क पहचान
(1) ी लग श द के अंतगत न , नद , बोली, भाषा, त थ, भोजन आ द के नाम आते ह; जैसे –

(i) कुछ सं ाएँ हमेशा ी लग रहती है – म खी, कोयल, मछली, ततली, मैना आ द।

(ii) समूहवाचक सं ाय – भीड़, कमेट , सेना, सभा, क ा आ द।

(iii) ा णवाचक सं ा – धाय, स तान, सौतन आ द।

(iv) छोट और सु दर व तुअ के नाम – जूती, र सी, लु टया, पहाड़ी आ द।

(v) न – अ नी, रेवती, मृग शरा, च ा, भरणी, रो हणी आ द।

(vi) बोली – मेवाती, ज, खड़ी बोली, बुंदेली आ द।

(vii) न दय के नाम – रावी, कावेरी, कृ णा, यमुना, सतलुज, रावी, ास, गोदावरी, झेलम, गंगा आ द।

(viii) भाषा व ल पय के नाम – दे वनागरी, अं ेजी, हद , ांसीसी, अरबी, फारसी, जमन, बंगाली आ द।

(ix) पु तक के नाम – कुरान, रामायण, गीता आ द।

(x) त थय के नाम – पू णमा, अमाव था, एकादशी, चतुथ , थमा आ द।

(xi) आहार के नाम – स जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोट आ द। अपवाद – हलुआ, अचार, रायता आ द।

(xii) ईकारा त वाले श द – नानी, बेट , मामी, भाभी आ द।

नोट: ह द भाषा म वा य रचना म या का प लग पर ही नभर करता है। य द कता पु लंग है तो या प भी पु लंग होता है तथा
य द कता ी लग है तो या का प भी ी लग होता है।

(2) आ, ता, आई, आवट, इया, आहट आ द यय लगाकर भी ी लग श द बनते ह; जैसे –

आ – भाषा, क वता, जा, दया, व ा आ द।

ता – गीता, ममता, लता, संगीता, माता, सुंदरता, मधुरता आ द।

आई – सगाई, मठाई, धुनाई, पटाई, धुलाई आ द।

आवट – सजावट, बनावट, लखावट, थकावट आ द।



इया – कु टया, बु ढ़या, च ड़या, ब दया, ड बया आ द।

आहट – च लाहट, घबराहट, चकनाहट, कड़वाहट आ द।

या – छाया, माया, काया आ द।

आस – खटास, मठास, यास आ द

(3) शरीर के कुछ अंग के नाम भी ी लग होते ह; जैसे – आँख, नाक, जीभ, पलक, ठोड़ी आ द।

(4) कुछ आभूषण और प रधान भी ी लग होते है; जैसे – साड़ी, सलवार, चु ी, धोती, टोपी, पट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी, बद , कंघी,
ू , हँसुली आ द।
नथ, अँगठ

(5) कुछ मसाले आ द भी ी लग के अंतगत आते ह; जैसे – दालचीनी, ल ग, ह द , मच, ध नया, इलायची, अजवायन, स फ, चर जी,
चीनी, कल जी, चाय, कॉफ आ द।

वशेष:

कुछ श द ऐसे ह, जो ी लग और पु लंग दोन प म योग कए जाते है; जैसे –

(1) रा प त, उपरा प त, धानमं ी, मु यमं ी, च कार, प कार, बंधक, सभाप त, वक ल, डॉ टर, से े टरी, गवनर, ले चर, ोफेसर

आ द।

(2) बफ, मेहमान, शशु, दो त, म आ द।

इन श द के लग का प रचय योजक- च , या अथवा वशेषण से मलता है।

यहाँ हम दे ख, कैसे इस तरह के श द के लग को पहचाना जा सकता है:

(i) भारत क रा प त ीमती तभा दे वी सह पा टल ह।

(ii) एम० एफ० सैन भारत के स च कार ह।

(iii) मेरी म कॉलेज म ले चरर है।

(iv) हमालय पर जमी बफ पघल रही ह।

(v) ख म साथ दे ने वाला ही स चा दो त कहलाता है।

(vi) मेरे पताजी रा प त के से े टरी ह।

लग- नणय
त सम (सं कृत) श द का लग- नणय

ं ं
सं कृत पुं लग श द

पं० कामता साद गु ने सं कृत श द को पहचानने के न न ल खत नयम बताये है –

(अ) जन सं ा के अ त म ‘ ’ होता है। जैसे – च , े , पा , ने , च र , श इ या द।

(आ) ‘ना त’ सं ाएँ। जैसे – पालन, पोषण, दमन, वचन, नयन, गमन, हरण इ या द।

अपवाद – ‘पवन’ उभय लग है।

(इ) ‘ज’- यया त सं ाएँ। जैस-े जलज, वेदज, प डज, सरोज इ या द।

(ई) जन भाववाचक सं ा के अ त म व, य, व, य होता है। जैसे – सती व, ब व, नृ य, कृ य, लाघव, गौरव, माधुय इ या द।

(उ) जन श द के अ त म ‘आर’, ‘आय’, ‘वा’, ‘आस’ हो। जैस-े वकार, व तार, संसार, अ याय, उपाय, समुदाय, उ लास, वकास, ास
इ या द। अपवाद – सहाय (उभय लग), आय ( ी लग)।

(ऊ) ‘अ’- यया त सं ाएँ। जैसे – ोध, मोह, पाक, याग, दोष, पश इ या द। अपवाद – जय ( ी लग), वनय (उभय लग) आ द।

(ऋ) ‘त’- यया त सं ाएँ। जैसे – च रत, ग णत, फ लत, मत, गीत, वागत इ या द।

(ए) जनके अ त म ‘ख’ होता है। जैसे – नख, मुख, सुख, ःख, लेख, मख, शख इ या द।

सं कृत ी लग श द
पं० कामता साद गु ने सं कृत ी लग श द को पहचानने के न न ल खत नयम बताये है –

(अ) आकारा त सं ाएँ। जैसे – दया, माया, कृपा, ल जा, मा, शोभा इ या द।

(आ) नाकारा त सं ाएँ। जैसे – ाथना, वेदना, तावना, रचना, घटना इ या द।

(इ) उकारा त सं ाएँ। जैसे – वायु, रेणु, र जु, जानु, मृ यु, आयु, व तु, धातु इ या द। अपवाद – मधु, अ ु, तालु, मे , हेतु, सेतु इ या द।

(ई) जनके अ त म ‘ त’ वा ‘ न’ हो। जैस-े ग त, म त, री त, हा न, ला न, यो न, बु , ऋ , स ( सध् + त= स ) इ या द।

(उ) ‘ता’ – यया त भाववाचक सं ाएँ। जैसे – मता, लघुता, सु दरता, भुता, जड़ता इ या द।

(ऊ) इकारा त सं ाएँ। जैसे – न ध, व ध, प र ध, रा श, अ न, छ व, के ल, च इ या द।

अपवाद – वा र, जल ध, पा ण, ग र, अ , आ द, ब ल इ या द।

(ऋ) ‘इमा’- यया त श द। जैस-े म हमा, ग रमा, का लमा, ला लमा इ या द।

त सम पुं लग श द
च , प , पा , म , गो , दमन, गमन, गगन, वण, पोषण, शोषण, पालन, लालन, मलयज, जलज, उरोज, सती व, कृ य, लाघव, वीय,

माधुय, काय, कम, कार, हार, वहार, चार, सार, व तार, सार, अ याय, वा याय, उपहार, ास, मास, लोभ, ोध, बोध, मोद,

थ, नख, मुख, शख, ःख, सुख, शंख, तुषार, तु हन, उ र, प , म तक, आ चय, नृ य, का , छ , मेघ, क , हर, सौभा य, अंकन,
अंकुश, अंजन, अंचल, अ तधान, अ त तल, अ बुज, अंश, अकाल, अ र, क याण, कवच, कायाक प, कलश, का , कास, गज, गण,
ाम, गृह, च , च दन, ण, छ द, अलंकार, सरोवर, प रमाण, प रमाजन, सं करण, संशोधन, प रवतन, प रशोध, प रशीलन, ाणदान,
वचन, मम, यवन, र ववार, सोमवार, माग, राजयोग, प, पक, वदे श, रा , ा त, नगर, दे श, सप, सागर, साधन, सार, त व, वग, द ड,

दोष, धन, नयम, प , पृ , वधेयक, व नमय, व नयोग, वभाग, वभाजन, वऱोध, ववाद, वा ण य, शासन, वेश, अनु छे द, श वर, वाद,
अवमान, अनुमान, आकलन, नम ण, नयं ण, आमं ण,उ व, नब ध, नाटक, वा य, नगम, याय, समाज, वघटन, वसजन, ववाह,
ा यान, धम, उपकरण, आ मण, म,ब मत, नमाण, स दे श, ापक, आभार, आवास, छा ावास, अपराध, भाव, लोक, वराम, व म,
याय, संघ, संक प इ या द।

त सम ी लग श द
दया, माया, कृपा, ल जा, मा, शोभा, सभा, ाथना, वेदना, समवेदना, तावना, रचना, घटना, अव था, न ता, सु दरता, भुता, जड़ता,
म हमा, ग रमा, का लमा, ला लमा, ई या, भाषा, अ भलाषा, आशा, नराशा, पू णमा, अ णमा, काया, कला, चपला, इ छा, अनु ा, आ ा,
आराधना, उपासना, याचना, र ा, सं हता, आजी वका, घोषणा, परी ा, गवेषणा, नगरपा लका, नाग रकता, यो यता, सीमा, थापना, सं था,
सहायता,मा यता, ा या, श ा, समता, स पदा, सं वदा, सूचना, सेवा, सेना, व त, अनुम त, अ भयु ,अभ , उपल ध, व ध,
त, पू त, वकृ त, जा त, न ध, स , स म त, नयु , नवृ , री त, श , तकृ त, कृ त, तभू त, त ल प, अनुभू त, यु , धृ त,
हा न, थ त, प र थ त, वम त, वृ , आवृ , शा त, स ध, स म त, स प , सुसंग त, क ट, छ व, च, अ न, के ल, नद , नारी, म डली,

ल मी, शता द , ी, कु डली, कु ड लनी, कौमुद , गो ी, धा ी, मृ यु, आयु, व तु, र जु, रेण,ु वायु इ या द।

Pages: 1 2 3 4 5

You might also like