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सप गाय ी मं

।। ऊँ
नवकु
ल नागाय वदमहेवषद ताय धीमही त नो सप: चोदयात।।

को कालसप योग यंके सामने ावश पाठ एक माला न य अव य पाठ कर। कोई ज री नह हैक आप य बकेर म
ही पाठ कराय। आप वयंकर पाठ कर सकतेह। सबसेअ छा है
आप एक माला शु आधा रत स पुट युं
महामृ
यु
प जय
मंका एक माला पारद शव लग के सामने
अव य कर।

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