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SAMAGRI FOR HAWAN

चम कारी हवन साम यां


, रोग हो जाते
ह र

चम कारी हवन साम यां


, जनसे
येरोग हो जाते
ह र

हवन का शुभ भाव न केवल ब क कृत को भी लाभ ही प च ंाता है


। ं
थ म अने क तरह केय और हवन बताए
गए ह। व ान भी हवन और य के दौरान बोले
जानेवालेमं, जव लत होने वाली अ और धु ए
ंसेहोने वालेाकृतक
लाभ क पु करता है। वैा नक सेहवन सेनकलने वालेअ के ताप और उसम आ त केलए उपयोग क जाने
वाली हवन क ाकृतक साम ी यानी स मधा वातावरण म फै लेरोगाणुऔर वशाणु को न करती है , ब क षण को
भी मटानेम सहायक होती है
। साथ ही उनक सुगंध व ऊ मा मन व तन क अशां त व थकान को भी र करने वाली होती है

इस तरह हवन व थ और नरोगी जीवन का ेधा मक और वैा नक उपाय है । खासतौर पर कु


छ वशेष काल म कए गए
हवन तो धा मक लाभ के साथ ाकृतक व भौ तक सुख भी दे
ने
वाले माने
गए ह। सफल जीवन केलए बे हतर से
हत भी धन-
सं
पदा मानी गई है। इस लए उ सव, पव, त थय पर त-उपवास व धा मक परं
परा म नरोगी जीवन व धन क कामना से
अलग-अलग दे वी-देवता क स नता केलए य -हवन का वधान ाचीन काल सेच लत ह।

दरअसल, ावहा रक व वैा नक नज रए से भी हवन योहार-पव वशे ष ही नह , ब क हर रोज करना घर-प रवार और
आस-पास का वातावरण शु बनानेवाला होता है
। इसी उ ेय सेशा म हवन से धन, ऐ य केसाथ ही अ छेवा य
और रोग सेछुटकारा पाने
केलए कुछ वशेष ाकृतक साम य से हवन का मह व बताया गया है
। पू
जन-कम के साथ इन
वशे
ष हवन साम य से हवन वयंया कसी यो य ा ण से कराएंऔर नरोगी जीवन का लु फ उठाएं।

जा नए, अलग-अलग रोग और पीड़ा से


मु केलए कौन-सी हवन साम यां
ब त भावी होती ह-

1. ध म डू
बे
आम के
प े
– बु
खार

2. शहद और घी – मधु
महे

3. ढाक के
प े
– आं
ख क बीमारी

4. खड़ी मसू
र, घी, शहद, श कर – मु
ख रोग

5. क दमू
ल या कोई भी फल – गभाशय या गभ शशु
दोष

6. भाँ
ग,धतु
र ा – मनोरोग

7. गू
लर, आँ
वला – शरीर म दद

8. घी लगी ब या वा – कोई भयं


कर रोग या असा य बीमारी
9. बे
ल या कोई फल – उदर यानी पे
ट क बीमा रयां

10. बे
ल ग र, आँ
वला, सरस , तल – कसी भी तरह का रोग शां

11. घी – लं
बी आयु
केलए

12. घी लगी आक क लकडी और प े


– शरीर क र ा और वा य केलए

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