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पाठ योजना

l पाठ का नाम : अमर वाणी


ववधा : कववता
ll पाठ के लिए आव्वक कािांशं की सं्या : 8 (आठ)
lll पाठ ्वारा अपेषित दिताएँ :

अ्थरा्‍
यता - रततरिया :-
* कववयं के बारे मं आप ने ्या कह सकंगे ।
* भारत दे श के कुछ हह्दी कववयं के नाम बता सकंगे।
* कबीर दास और वंदावन दास के बारे मं बता सकंगे।
* कववता से संबंधधत र्नं के उ्तर लिख सकंगे।
* हदये गये भाव से संबंधधत पं््तयाँ कववता मं से चन
ु कर लिख सकंगे।
* हदये गये प्यांश पढ़कर हदये गये र्नं के उ्तर लिख सकंगे।
अभि्य्तत सज
ृ ना्मकता : -
* कबीर की ृ्टि मं - "ककसी काम को धीरे -धीरे करना" इसका ्या ता्पयय बता सकंगे।
* हमं ककन रय्नं से सफ़िता लमि सकंगे।
* कबीर य वंद के दोहं मं ्या अंतर ्पटि कर सकंगे।
* कबीर और रहीम के दोहे हमारे जीवन को ककस रकार रभाववत करते हं? बता सकंगे।
* नीतत भावना पर चार पं््तयं की कववता लिख सकंगे ।
िाषा की बात : -
* हदये गये श्दं को उदाहरण के अनस
ु ार वा्य बना सकंगे।
* मुहावरं के भाव बता सकंगे।
* हदये गये वा्यं की वा्य रचना समझ सकंगे।
* हदये गये वा्यं की वा्य रचना पहचान सकंगे।
* पद-पररचय बता सकंगे।
* अनेक श्दं के लिए एक श्द लिख सकंगे।
* ्याकरणांशं को पहचान सकंगे।
रोहहत कुमार एस.ए (हह्दी)
कालांश
पाठयांश लशषक ्यह
ू संसाधन-सामरी मल
ू यांकन
सं्या
कबीर दास और चचर का
१. र्तावना
वंदावन दास क आधार पर
चचर श्द वा्य
* संबोधन
ललखना
पहला * उ्मुखीकरण अंश क बार मं कषा क
कालांश
उ्मुखीकरण सभी ब्चं स बातचीत।
*
उ्मुखीकरण * शी्षक की घ ्णा (अमर वाणी)
अश पर
िािचीि
उद्य (छारं क ्वारा उद्य पढ़ाना
*
चाठिए)
उद्य, कवव
* पररचय।
२. पाि मशषण - चचाष - अ्षरा्यिा

*
कवव पररचय (छारं स पढ़वाना चाठिए।)

प्य-प्
ु िक, श्दं का
१. र्तावना
श्दक श वा्यं मं
रय ग।
पाि-पिन अ्ष * संबोधन
रिण कवविा क
अ्य चचरं क * पुनरावतृ ि
दस
ू रा
िार मं चचाष
कािाश
कठि्य तनवारण २. पिन - पािन, - चचाष - अ्षरा्यिा

* आदशष वाचन (अ्यापक ्वारा)

* स्वर वाचन (छारं ्वारा)

* म न वाचन (छारं ्वारा)

* कठिन श्दं का रखाकन

* श्दक श का रय ग

* सामूठिक चचाष

श्दं क अ्ष चचाष ्वारा ्या्पट पर


*
मिखना

जस :- (सुममरन, साई, सीच, नप


ृ , बिरवा रोहहत कुमार एस.ए.(हह्‍
दी)
और जड़मति)
प्य-पु्िक, भारि दश क
१. र्तावना
कुछ ठि्दी
कववयं क
पाि-पिन * संबोधन
िीसरा नाम ििाओ।
कािाश कवविा की र्म
* पुनरावतृ ि
(४) पज्िया
२.पिन - पािन - चचाष - अ्षरा्यिा

* आदशष वाचन (अ्यापक ्वारा)

* स्वर वाचन (छारं ्वारा)

* म न वाचन (छारं ्वारा)

कवविा का वववरण, चचाष, अवधारणा


*
(ववचार ्िजक र्न ्वारा जस:-भारि
दश क कुछ ठि्दी कववयं क नाम
ििाओ।)

प्य-प्
ु िक, किीर य वदृ
१. र्तावना
अ्य पु्िकं क द िं मं
पाि पिन क नसी द ि
* संबोधन
ििुि अ्छी
पा्याश पर चचाष िगी? ्यं?
* पुनरावतृ ि
च ्ा
२.पिन - पािन - चचाष - अ्षरा्यिा
कािाश कवविा की
अतिम ४ पज्िया
* आदशष वाचन (अ्यापक ्वारा)

* स्वर वाचन (छारं ्वारा)

* म न वाचन (छारं ्वारा)

कवविा की अतिम ८ पज्िया पर


*
ववचार ्िजक र्न ्वारा चचाष जस:-

िमार दश का वणषन अपन श्दं मं


*
कीजजए।

समूि कायष क ूप मं अ्षरा्यिा क


*
र्नं क उ्िर मिखवाना।

रदशषन, चचाष, उपसिार पररय जना क


*
अ्यास क िार मं तनदे श दना।
रोहहत कुमार एस.ए.(हह्‍
दी)
प्य-पु्िक अमभ्यज्ि-
१. र्तावना
शषषक मापदडं सजृ ना्मक मं
का अ्यास ’अ’ शी्षकीय
* संबोधन
िगु र्नं क
पाचवा उ्िर मिखन
* पुनरावतृ ि
कािाश अ्षरा्यिा क मिए किना।
रतिरिया
२. दषिाओ की राजति - अ्यास

* ्यामपट पर ’आ’ र्न मिखना।

* छारं स र्न पढ़वाना।


* सामूठिक ूप स छारं क अिग-अिग
समिू ं मं िाटकर र्न क उ्िर पर
चचाष करवाना।

* चचाष करना और उपसिार ििाना।

* अन्
ु छद पढ़न क मिए किना।

* र्न ्िरं का आय जन

* ्यज्िगि ूप स उ्िर मिखवाना।


प्य-प्ु िक, कुछ नीति
१. र्तावना
छारं ्चारा सिधी नार
मिख गय मिखखए।
* संबोधन
उ्िरं क चाटष ,
अमभ्यज्ि-
छिवा कवविा
सज
ृ ना्मकिा अ, * पनु रावतृ ि
कािाश
आ, इ, ई
२. दषिा की राजति अ्यास

्यामपट पर ’अ’,’आ’,’इ’,’ई’ र्न


*
मिखना।
पूरी कषा क र्यक छार स चचाष
*
करवाना।
छारं क समूि मं उ्िर मिखवाना|
*
मिखी िुई सामरी पढ़वाना।

३. अ्षरा्यिा की जाच

भाव, वा्य, श्द, अषर, रठु टयं का


*
सश धन
* पररय जना कायष का पदशषन-चचाष श धन
करना।

* ्यज्िगि ि र पर रतिवदन मिखना। रोहहत कुमार एस.ए.(हह्‍


दी)
भाषा की बात १. र्तावना ्याकरण की (ई) अ्यास
अ,आ,इ,ई * संबोधन प्
ु िक कायष करन क
मिए किना |
सािवा * पुनरावतृ ि
कािाश २. दषिा की राजति ििु अ्यास
* छारं स र्न पढ़वाना।
* चचाष करवाना
* अ्य उदािरणं पर चचाष करना।
्यज्िगि ूप स उ्िर मिखन क
*
मिए किना।
३. अ्षरा्यिा की जाच
भा्ा की िाि १. र्तावना प्य-पु्िक पाि की
पररय जना कायष * संबोधन पन
ु रावजृ ्ि ििु
आिवा अ्यास सिधी
* पुनरावतृ ि
कािाश र्न
* २. पिन-पािन
* छारं स र्न पढ़वाना।
* अ्य उदािरणं पर चचाष करना।
जस मुिावरं किन क मिए किना।
्यज्िगि ूप स उ्िर मिखन क
*
मिए किना।
* पररय जना कायष का रदशषन करवाना।
३. अ्षरा्यिा की जाच रोहहत कुमार एस.ए.(हह्‍
दी)

V अ्यापक की तयारी
* "अमर वाणी" पाि क छारं क स्मुख अ्छी िरि र्िि
ु करन क मिए मं न कवव की
तिच् चचर ििा कर ि्चं क समझाया । चचर ्वारा ठदखाकर ििाया गया।
* गूगुि स ििीर दास और वदृ दास की चचर क िािर तनकाि कर ि्चं क ििाया ।
* नीति वा्यं क िार मं चचर ्वारा ि्चं क ििवाया गया।
सूचना:-
मशषक पा्य-पु्िक क अिावा अ्य जानकारी या अपन बि्य क समझान या
र्िि
ु करन की ववधी क अकन करं । नयी ववचधयं या रयासं का उ्‍िख करं । सिायक
सामरी का उ्‍
िख करं ।
VI अ्यापक की रततरियाएँ :-
* आज कषा मं मरा "अमर वाणी" पाि वव्‍ि्ण औसि रिा । मं कि रिर पुनरावजृ ्ि ्वारा
छारं क समझान का रय्‍न कूगा ।
* मं आज अपन मशषण कायष स ििुि सि्ु ‍ट िू ्‍यं रक मरा कषा क सभी वव्‍याच्षयं न
"अमर वाणी" पाि क अ्छी िरि अ्षरािय कर मिया इ्याठद ।
सूचना:-
इस रकार उपर ्‍
ि बिदओ
ु अनुसार मशषक अपनी रतिरियाए र्‍यक पाि क कािाश क
िाद मिखंग ।
रोहहत कुमार एस.ए.(हह्‍
दी)

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