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अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

वाक्य में कोई सच


ू ना दी जा रही है , या नकारात्मकता का
भाव है , प्रश्न पछ
ू ा जा रहा है या विस्मय प्रकट किया जा
रहा है , काम करने का आदे श दिया जा रहा है या इच्छा
प्रकट की जा रही है , इसे ही ‘अर्थ’ कहा जाता है । इस
आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं

1. विधानवाचक वाक्य
2. प्रश्नवाचक वाक्य
3. आज्ञावाचक वाक्य
4. संदेहवाचक वाक्य
5. नकारात्मक वाक्य
6. इच्छावाचक वाक्य
7. विस्मयवाचक वाक्य
8. संकेतवाचक वाक्य

1. विधानवाचक वाक्य-जिस वाक्य में क्रिया होने या करने


की सच
ू ना मिलती हो या. इस प्रकार का सामान्य कथन
हो, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
विधानवाचक वाक्य को सकारात्मक वाक्य भी कहा जाता है
क्योंकि इस प्रकार के वाक्यों में कही गई बात को ज्यों का
त्यों मान लिया जाता है ।
उदाहरण –

● पक्षी घोंसले से उड़ चुके हैं।


● कविता ने पाठ याद कर लिया है ।
● नदी में बाढ़ आई है ।

2. निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्य-जिन वाक्यों से क्रिया


न होने या न किए जाने का भाव प्रकट होता है , उसे
नकारात्मक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण – इन वाक्यों की पहचान न, मत, नहीं दे खकर की
जा सकती है ।

● पक्षी घोंसले से नहीं उड़े हैं।


● कविता ने पाठ नहीं याद किया है ।
● नदी में बाढ़ नहीं आई है ।

3. प्रश्नवाचक वाक्य-जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है


तथा जिनमें कुछ उत्तर पाने की जिज्ञासा रहती है , उसे
प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।

प्रश्नवाचक वाक्यों की पहचान –


1. क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, किसे, किसका आदि
प्रश्नवाचक शब्द दे खकर
2. वाक्य के अंत में लगे प्रश्नवाचक चिह्न (?) को दे खकर
की जाती है ।

उदाहरण –

● ऐसी धप
ू में बाहर कौन खड़ा है ?
● रमा कब आई?
● तम
ु कल विद्यालय क्यों नहीं आए?

4. आज्ञावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में आज्ञा या अनम


ु ति
दे ने-लेने का भाव प्रकट होता है , उसे आज्ञावाचक वाक्य
कहते हैं। इन वाक्यों का दस
ू रा नाम आज्ञासूचक या
विधिवाचक वाक्य भी है ।
उदाहरण –

● किताब के पेज मत फाड़ो।


● मोहन, अब पढ़ने बैठ जाओ।
● दीवारों को साफ़ कर दो।

5. इच्छावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा,


कामना, आशीर्वाद आदि का भाव प्रकट होता है , उन्हें
इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण –

● मित्र जन्मदिन की ढे र सारी बधाइयाँ।


● ईश्वर करे , आप खूब उन्नति करें ।
● काश! इस समय सुमन साथ होती।
● मैं चाहता हूँ कि सभी स्वस्थ हों।

6. विस्मयवाचक वाक्य-विस्मय का अर्थ है -आश्चर्य! जिन


वाक्यों से आश्चर्य, हर्ष, घण
ृ ा, प्रसन्नता, शोक, दख
ु , भय आदि
भावों की अभिव्यक्ति हो उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते
हैं। इन वाक्यों का दस
ू रा नाम उद्गारवाचक वाक्य भी है ।
विस्मयवाचक वाक्यों की पहचान –

1. वाक्य में अहो!, अहा!, हाय!, छि:!, अरे ! आदि दे खकर।


2. ऐसे शब्दों या वाक्य के अंत में लगा विस्मयवाचक
चिह्न (!) को दे खकर की जा सकती है ।

उदाहरण –

● अरे ! कितना विशाल मैदान है ।


● ओह! तम
ु आ गए।
● अहा! इतना सुंदर फूल दे खकर मन प्रसन्न हो उठा।
● सावधान ! ट्रक आ रहा है ।
● छि:! नाले के पास बड़ी बदबू थी।

7. संदेहवाचक वाक्य – जिन वाक्यों की क्रिया पूर्ण होने में


संदेह होता है , उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
संदेहवाचक वाक्यों की पहचान –

1. वाक्य के अंत में ‘होगी’, ‘होगा’, ‘होगे’ दे खकर।


2. शायद, संभवतः जैसे शब्द दे खकर की जा सकती है ।

उदाहरण –

● अब तक फ़सल कट चक
ु ी होगी।
● रमा खाना पका चुकी होगी।
● दीपक बझ
ु गया होगा।
● संभवतः विजय विद्यालय से घर आ गया होगा।
● अब शायद बारिश बंद हो जाए।

8.संकेतवाचक वाक्य –जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना


दस
ू री क्रिया पर निर्भर करता है , उन्हें संकेतवाचक वाक्य
कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में काम पूरा होने के लिए
शर्त-सी लगी होती है । संकेतवाचक वाक्य की पहचान यदि,
अगर जैसे शब्द दे खकर की जा सकती है ।
उदाहरण –

● यदि वर्षा रुकती तो मैं घर जाता।


● अगर जल्दी आते तो टिकट मिल जाता।
● यदि डॉक्टर समय पर आ जाते तो मरीज की जान बच
जाती।
● यदि सिंचाई की गई होती तो फ़सलें न सख
ू ती।
● अगर परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होओगे।

वाक्य रूपांतरण :

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से


किसी वाक्य को एक भेद से दस
ू रे भेद में इस तरह बदलना
कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे , वाक्य
रूपांतरण कहलाता है ।
वाक्य रूपांतरण निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझा जा
सकता है –

पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं। (विधानवाचक वाक्य)


पक्षी आकाश में नहीं उड़ रहे हैं। (निषेधवाचक वाक्य)
क्या पक्षी आकाश में उड़ रहे है ? (प्रश्नवाचक वाक्य)
शायद पक्षी आकाश में उड़ रहे होंगे। (संदेहवाचक वाक्य)

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