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पैस ों का पेड़ Answer Key

बताइए- प्रश्न त्तर


प्रश्न-1.चोंदा कौन इकठ्ठा कर रहा था ?
उत्तर- चंदा मोहन इकठ्ठा कर रहा था |

प्रश्न- 2.म हन के द स् ों ने उसकी मदद क् ों नही ों की ?

उत्तर- मोहन के दोस्ों में परोपकार की भावना का अभाव था | वे केवल अपने सुख और मनोरं जन

के बारे में सोचते थे | इसीललए उन्ोंने उसकी मदद नहीं की |

प्रश्न- 4.म हन के द स् उसे बार-बार क्ा करने क उकसा रहे थे ?


उत्तर - मोहन के दोस् उसे बार-बार खेल में शालमल होने के ललए उकसा रहे थे |
कुछ शब् ों में –

प्रश्न-1.बच् ों के पास पैसे कहााँ से आते थे ?


उत्तर- बच्ों को उनके माता-लपता खचच करने के ललए पैसे दे ते थे |

प्रश्न-2.बच्े जेब खचच ककस काम में खचच करते थे ?

उत्तर- बच्े जेब खचच चॉकलेट और खाने -पीने की अन्य चीज़ें खरीदने में खचच करते थे |
प्रश्न-3.म हन क कौन सा जादू आता था ?

उत्तर- मोहन के अनुसार उसे पैसों के पेड़ उगाने का जादू आता था |


अकिकतम शब् ों में
प्रश्न-1. म हन के अनुसार चोंदा दे ने का पररणाम क्ा ह ता है ?

उत्तर- मोहन के अनुसार चंदा दे ने से पीलड़तों की मदद होती है । बेघरबार हो गए लोगों के ललए अन्न
और कपड़ों की व्यवस्था हो जाती है । जो लोग दान दे ते हैं उनको परोपकार का सुख लमल जाता है ।

प्रश्न 2 बाढ़ से ल ग ों क क्ा नुकसान हुआ था ?

उत्तर - बाढ़ में लोगों के घर लगर गए थे । उनका सब कुछ बह गया था । वे भूखों मरने को लववश हो
चुके थे। उनके पास पहनने के ललए कपड़े भी नहीं थे। कह सकते हैं लक बाढ़ की वजह से लोगों को
भारी नुकसान हुआ था ।
प्रश्न-3. म हन ने गमले में पैसे ब ने का क्ा लाभ बताया ?
उत्तर – मोहन के अनुसार गमले में जो पैसा बोया जायेगा , उसके चौगुने या दोगुने पैसे पैदा होंगे ।
एक आना बोने पर चवन्नी लगेगी, चवलन्नयााँ बोने पर अठलन्नयााँ , अठलन्नयााँ , बोने पर रूपया लगेगा |

प्रश्न-4. म हन ने गमले से कनकाले पैसे ककस काम में कलए ?

उत्तर – मोहन ने गमले से लनकाले सभी पैसे लबहार के बाढ़ पीलड़तों के ललए बने सहायता कोष में जमा
करवा लदए । लजससे बाढ़ पीलड़तों की सहायता हो सके ।

मूल्यािाररत प्रश्न

प्रश्न-1. म हन द्वारा अपनाए गए चोंदा इकट्ठा करने के तरीके क उकचत /अनुकचत ठहराइए ?

उत्तर- एक कहावत है -जब सीधी उं गली से घी न लनकले तब उं गली टे ढ़ी कर लेनी चालहए । एक


अन्य कहावत है -नेक काम के ललए बोला गया झूठ भी झूठ नहीं कहलाता | इस दृलि से यह कहा जा
सकता है लक मोहन द्वारा अपनाया गया चंदा इकट्ठा करने का तरीका उलचत था । मोहन ने यह
तरीका अपनाकर एक साथ दो नेक काम लकए । पहला संकट में पड़े लोगों के ललए धन जुटाया दू सरा
सालथयों को परोपकार का पाठ भी पढ़ाया । इस तरह मोहन का चंदा इकट्ठा करने का तरीका उलचत
है ।
प्रश्न-2. समाज और चोंदे के बीच क्ा सोंबोंि ह ता है ? कलखखए |

उत्तर- मनुष्य एक सामालजक प्राणी है । वह समाज के बीच इसललए रहता है तालक समय-असमय एक
दू सरे का सहायक बन सके। चंदा प्रथा का चलन उलचत ही है । इससे लकसी पर भी अलधक आलथचक
भार नहीं पड़ता और संकट में लघरे लोगों की भरपूर मदद भी हो जाती है । इस तरह कहा जा सकता
है लक समाज और चंदे के बीच गहरा संबंध होता है ।

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