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पैसों का पेड़ Answer Key
पैसों का पेड़ Answer Key
उत्तर- मोहन के दोस्ों में परोपकार की भावना का अभाव था | वे केवल अपने सुख और मनोरं जन
उत्तर- बच्े जेब खचच चॉकलेट और खाने -पीने की अन्य चीज़ें खरीदने में खचच करते थे |
प्रश्न-3.म हन क कौन सा जादू आता था ?
उत्तर- मोहन के अनुसार चंदा दे ने से पीलड़तों की मदद होती है । बेघरबार हो गए लोगों के ललए अन्न
और कपड़ों की व्यवस्था हो जाती है । जो लोग दान दे ते हैं उनको परोपकार का सुख लमल जाता है ।
उत्तर - बाढ़ में लोगों के घर लगर गए थे । उनका सब कुछ बह गया था । वे भूखों मरने को लववश हो
चुके थे। उनके पास पहनने के ललए कपड़े भी नहीं थे। कह सकते हैं लक बाढ़ की वजह से लोगों को
भारी नुकसान हुआ था ।
प्रश्न-3. म हन ने गमले में पैसे ब ने का क्ा लाभ बताया ?
उत्तर – मोहन के अनुसार गमले में जो पैसा बोया जायेगा , उसके चौगुने या दोगुने पैसे पैदा होंगे ।
एक आना बोने पर चवन्नी लगेगी, चवलन्नयााँ बोने पर अठलन्नयााँ , अठलन्नयााँ , बोने पर रूपया लगेगा |
उत्तर – मोहन ने गमले से लनकाले सभी पैसे लबहार के बाढ़ पीलड़तों के ललए बने सहायता कोष में जमा
करवा लदए । लजससे बाढ़ पीलड़तों की सहायता हो सके ।
मूल्यािाररत प्रश्न
प्रश्न-1. म हन द्वारा अपनाए गए चोंदा इकट्ठा करने के तरीके क उकचत /अनुकचत ठहराइए ?
उत्तर- मनुष्य एक सामालजक प्राणी है । वह समाज के बीच इसललए रहता है तालक समय-असमय एक
दू सरे का सहायक बन सके। चंदा प्रथा का चलन उलचत ही है । इससे लकसी पर भी अलधक आलथचक
भार नहीं पड़ता और संकट में लघरे लोगों की भरपूर मदद भी हो जाती है । इस तरह कहा जा सकता
है लक समाज और चंदे के बीच गहरा संबंध होता है ।
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