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पाठ-३

गुलेलबाज़ लड़का

मौखिक प्रश्नोत्तर:-

क. उत्तर:- बोधराज गली के नाली पर बैठे बरे को नंगे हाथ से पकड़कर उसका पहले डंक ननकाल
लेता और उसकी टााँग में धागा बााँधकर पतंग की तरह उड़ाने की कोशिि करता था।

ि. उत्तर:- बोधराज पेड़ पर चढ़कर चचडड़यों के घोंसलों में से अंडे ननकाल लाता और जब तक वह
घोंसलों को तोड़-फोड़ नहीं डालता, उसे चैन नहीं शमलता था।

ग. उत्तर:- बोधराज सभी को कष्ट पहुाँचाने वाले िेल िेलता था।

घ. उत्तर:- लेिक को डर था कक बोधराज यहााँ भी अपना नघनौना शिकार िेलेगा।

ङ. उत्तर:- मैना के बच्चों को छूने पर उनमें मनुष्यों की गंध आ जाती और ऐसा होने पर मैना अपने
बच्चों त्याग दे ती।

च. उत्तर:- इन बच्चों के मााँ-बाप यहााँ कैसे पहुाँचेगे?- ऐसा पूछने पर बोधराज ने उत्तर ददया कक “वे इस
झरोिे में से आ जाएाँगे। वे अपने- आप इन्हें ढूाँढ़ ननकालेंगे।“

शलखित प्रश्नोत्तर:-

क. उत्तर:- बोधराज ने गोह के बारे में अपने साचथयों को बताया था कक गोह सााँप जैसा एक जानवर
होता है, बाशलश्त- भर लंबा, मगर उसके पैर होते हैं, आठ पंजे होते हैं। चोर गोह को अपने पास
रिते हैं।

ि. उत्तर:- लेिक की मााँ भी बोधराज को राक्षस मानती थी क्योंकक वह ननरीह जानवरों को तंग ककया
करता था।

ग. उत्तर:- गोदाम के कमरे में बला की बू थी और फ़िश पर बबिरे हुए थे पंि और पक्षक्षयों की बीट।
घ. उत्तर:- बोधराज स्वयं ही पक्षक्षयों के घोंसले उजाड़ा करता था, उनके अंडे चुराया करता था इसीशलए
उसके मुाँह से चचडड़यों की चचंता वाली बात सुनकर लेिक को अटपटा लगा।

ङ. उत्तर:- इस पाठ को पढ़कर हमें पिु-पक्षक्षयों से प्रेम करने की शिक्षा शमलती है।

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